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राजकुमार : भगवान् महावीर । ( ३३ ) डा० गोकुल चंद जैन तीर्थंकर भगवान् महावीर । (३४) प्राचार्य श्रानन्द ऋषि, मुनि मिश्रीमल श्रमर मुनि इत्यादितीर्थंकर महावीर ( पांच खण्ड ) । ( ३५ ) डा० प्रद्युम्नकुमार जैन तीर्थंकर : जीवन दर्शन । ( ३६ ) डा० निजामुद्दीन - जिनेन्द्र महावीर । ( ३७ ) मुनि विद्यानंद तीर्थङ्कर भगवान् महावीर । (३८) जमना - लाल जैन - मानवता के मंदराचलः भगवान् महावीर । ( ३६ ) मिश्रीलाल जैन- वर्द्धमान महावीर एवं देवशास्त्र पूजा । (४०) डा० विद्याधर जोहरापुरकर तथा डा० कस्तूरचंद कासलीवाल वीर शासन के प्रभावक आचार्य । ( ४१ ) डा० कैलाशचन्द्र जैनभगवान् महावीर : अपने समय में । (४२) म से महावीर तक : सुरेश सरल । (४३) पन्यास कल्याण विजयगरि श्रमरण : भगवान् महावीर (४४) मुनि श्री रत्नप्रभ विजय- श्रमण भगवान् महावीर ( ५ भाग ) । (४५) सुमेरचंद दिवाकर - महाश्रमण महावीर । (४६) डा० ज्योतिप्रसाद जैन द्वारा सम्पादित भगवान् महावीर स्मृति ग्रन्थ । (४७) बुद्धि सागर सूरि-काल्पनिक महावीर (तीन खण्ड ) | (४८) भूरचंद जैन भगवान् महावीर की कहानी ।
पुस्तिका - साहित्य में तीर्थंकर महावीर :
भगवान् महावीर स्वामी को लेकर हिन्दी में शताधिक छोटी-छोटी पुस्तिकाओं का प्रकाशन हुआ है । जैन धर्म - परिचय पुस्तक माला ( भारत जैन महामण्डल प्रकाशन ) के अंतर्गत - (१) मुनि श्री रूपचन्द्र - महावीर, मार्क्स और गांधी । (२) चिमनभाई सी० शाह- भगवान् महावीर जीवन श्रौर दर्शन । ( ३ ) आचार्य श्री तुलसी - भगवान् महावीर, महावीर ने कहा श्रादि पुस्तिकाएं प्रकाशित हुई हैं । उनके अतिरिक्त । (४) महेन्द्रकुमार फुसकेले - तीर्थं - ङ्कर महावीर : एक अध्ययन । ( ५ ) प्रेमचंद 'दिवाकर' - भगवान् महावीर : सामाजिक एवं आध्यात्मिक संघर्ष के सफल सेनानी । (६) डा० विद्याधर जोहरापुरकर चौबीसवें तीर्थङ्कर दिगम्बर महावीर
महावीर जयन्ती स्मारिका 76
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( ७ ) डा० हुकुमचंद भारिल्ल तीर्थङ्कर भगवान् महावीर । ( 5 ) ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान 'निर्मम' हे निर्ग्रन्थ । ( 8 ) विपिन जारोली- भगवान् महावीर - जीवन और उपदेश । (१०) प्रेमचंद जैन 'विद्यार्थी' - अनन्त ज्योति महावीर । ( ११ ) मुनि नथमल - महावीर क्या थे । भगवान् महावीर के सिद्धांत | ( १२ ) मोहनलाल बांठिया - श्रमण भगवान् महावीर । ( १३ ) रतनकुमार जैन - मार्गद्रष्टा महावीर । (१४) वीरेन्द्र कुमार जैन-आधुनिक बोध और महावीर । (१५) हुकुमचंद जैन 'अनिल'महावीर की मानवता ( १३ भगवान् महावीर और उनकी अहिंसा इत्यादि शीर्षक पुस्तिकाएं भी मूल्यवान हैं ।
स्मारिका - साहित्य में तीर्थङ्कर महावीर :
भगवान् महावीर के २५०० वें महापरिनिर्वाणोत्सव के उपलक्ष में अनेक प्रदेशों तथा संस्थानों से विशेष ' स्मारिकाओं' का प्रकाशन हुआ है जिनमें तद्विषयकप्रभूत सामग्री मिलती है । इनमें तुलसी कन्या मण्डल ग्वालियर, शोलापुर निर्वाण महोत्सवसमिति, रीवा सम्भागीय क्षेत्रीय दिगम्बर- समिति, श्री महावीर साहित्य - प्रकाशन, दमोह, श्री जिनेन्द्र पंच कल्याण-प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव समिति, सतना, जैन भारती प्रकाशन, बड़ौत, अखिल भारतीय दिगम्बर भगवान् महावीर २५०० वां निर्वाणमहोत्सव सोसायटी, मध्यप्रदेश प्रांतीय समिति, इंदौर, महावीर निर्वाण शताब्दी, उदयपुर, आदि की ' स्मारिकाएं' विशेष उल्लेखनीय हैं ।
राजस्थान जैन सभा, जयपुर की स्थापना सन् १९५२ में हुई थी । इसकी ओर से सन् १६६२ में पं० चैनसुखदास न्यायतीर्थ के सम्पादन में सर्वप्रथम 'महावीर जयंती स्मारिका' का प्रकाशन हुआ । इसके पश्चात् प्रतिवर्ष अनवरत रूप से यहां से श्रेष्ठ ' स्मारिका' का प्रकाशन हो रहा है । ' स्मारिका' के प्रधान सम्पादक भंवरलाल पोल्याका हैं । सम्पादकमण्डल में प्रतिवर्ष परिवर्तन होता रहता है । इस
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