Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1976
Author(s): Bhanvarlal Polyaka
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 341
________________ करेगा सो भरेगा .श्री मोतीलाल सुराना इन्दौर 2 माता के बार-बार पूछने पर भी कमला ने कमला पैसे फेंककर कालेज न जा सीधी कुछ नहीं बताया तथा अपना रोना जारी रखा तो घर पर आई तथा फफक-फफक कर रोने लगी। कमला की माता ने घर से नौकरानी भेजकर दुकान से कमला के पिताजी को बुलवाया। कुछ ही समय के बाद कमला के पिताजी दुकान से घर पहुंच गये तथा कमला को रोती देख कर पूछा हुआ यह था कि कालेज जाते समय रास्ते में आखिर क्या बात है ? तेरे साथ किसी ने बुरा कमला की चप्पल टूट गई थी। अतः उसने बाजू व्यवहार किया हो तो मैं अभी........ में दुकान लगाकर बैठे हुए चमार के लड़के से चप्पल दुरुस्त करवाई ताकि वह समय पर कालेज कमला ने कहा-पहले आप यह बताइये कि पहुंच सके। जब आप 20 साल के थे तब आपने किसी की चमार के लड़के ने चप्पल तो दुरुस्त कर दी पर लड़की को छेड़ा था क्या ? यदि आपने ऐसा जब कमला पैसे देने लगी तो वह लड़का बोला- न किया होता तो एक चमार के लड़के की क्या पैसे किस बात के, मैं तो कई दिनों से रास्ता देख हिम्मत कि वह मुझे इस प्रकार बोलता । आपने रहा था कि तू किसी बहाने मेरी दुकान पर आवे जरूर किसी लड़की को छेड़ा होगा। और तेरे से मिलने का अवसर आवे । करेगा सो भरेगा। सामाजिक संस्थायें समाज का दर्पण है मुक्तहस्त से दान देकर उन्हें समृद्ध कीजिये। महावीर सेवा समिति - 3-16... महावीर जयन्ती स्मारिका 76 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392