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प्रश्नोत्तर रत्नमालिका रचयिता-राजर्षि अमोधवर्ष । भावानुवादक-नाथूराम डोंगरीय जैन, भायतीर्थ, इन्दौर।
जीवन में क्या हेय और क्या उपादेय है, इसे प्रश्नोत्तर रूप में जिन सुन्दर शब्दों को पिरोते हुए प्रस्तुत किया गया है, वह वस्तुतः इसके नाम प्रश्नोत्तर रत्नमालिका को सार्थक करता है ।
मूल रचना संस्कृत में है जिसके रचयिता दसवीं शताब्दी में राष्ट्रकूटकुलोत्पन्न राजर्षि अमोधवर्ष है।
__ यह केवल 24 पृष्ठों की लघु पुस्तक है किन्तु गागर में सागर की कहावत को चरितार्थ करती है।
1. श्री प्रजापुश्चरित्र-मूल्य 75 पैसे, 2. श्री समरादित्यचरित्र-मूल्य 60 पैसे 3. श्री वीर अंबडचरित्र-मूल्य 1 रुपया । 4., सती कनकसुन्दरी चरित्र-मूल्य 75 पैसे ।
उपरोक्त में से प्रथम तीन चरित्रों के रचयिता मधुरवक्ता कवि श्री मूलचन्दजी महाराज हैं । तथा सती कनक सुन्दरी चरित्र के रचयिता, श्री हजारीलालजी महाराज हैं । रचना गेय पदों में है। भाषा सरल एवं सहज हिन्दी में है जिससे ये रचनायें जन सामान्य में उत्तरोत्तर का लोकप्रिय एवं प्रेरणादायक सिद्ध होगी।
भगवान महावीर लेखक-सुरेशमुनि प्रियदर्शी, सम्पादक-विजयमुनि, नरेद्रमुनि, । मुद्रक -प्रगति प्रिन्टिग प्रेस, जालना (महाराष्ट्र)
पाकिट बुक साईज में 30 पृष्ठों की यह लघु पुस्तक णमोकार महामंत्र से प्रारम्भ होकर जैन धर्म की प्राचीनता, महावीर का जीवन, उनके सन्देश, सिद्धांत, सदुपदेश व शिक्षाओं को अत्यन्त संक्षेप में प्रस्तुत करती है।
वीर निर्वाण और दीपावली सम्पादक-श्री अजितमुनि म० 'निर्मल', प्रकाशक-दिवाकर दिव्य ज्योति कार्यालय व्यावर (राज.), मूल्य-12 पैसे ।
स्थानकवासी परम्परा के गुरु श्री चौथमलजी महाराज द्वारा भगवान् महावीर के निर्वाण का काव्य शैली में मनोरम वर्णन इस गुटका साइज की मात्र 18 पृष्ठ की लघु पुस्तक में .... अत्यन्त संक्षेप में किया गया है।
___ 1. अंजन से निरंजन-मू० 2.50 पैसे, 2. वैराग्य की ओर-मू० 2.50, 3. सोने की ईटें-म० 75 पैसे, 4. दौलत का नशा मू० 1 रु०, 5. सच्चा न्याय-म० 1 रु. 25 पैसे ।
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महावीर जयन्ती स्मारिका 76
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