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जाति स्मरण तेला उ० बेला अकेले (३००) तीन दिन बाद खीर नन्दन (विश्वसेन) कुडलपुर ४२ वर्ष बेला वैशाख शु० १० अपराह्न हस्ता (उत्तरा) मनोहर शाल वृक्ष एक योजन ४ कोस पद्मासन ७०० ३०० १६०० ५००
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३६. वैराग्य का निमित्त कारण ३७. उपवास का नियम ३८. साथ में कितने राजाओं ने दीक्षा ली ३६. दीक्षा के बाद पाहार कब लिया ४०. कौनसा आहार लिया गया ४१. पाहार देने वाले महापुरुष का नाम ४२. पारणा कहाँ किया ४३. तप काल का समय ४४. केवलज्ञान के पहिले उपवास का नियम ४५. ज्ञान कल्याणक तिथि ४६. केवलज्ञान का समय ४७. नक्षत्र ४८. वन उपवन का नाम ४६. केवलज्ञान के समय वृक्ष का नाम ५०. समव शरण का विस्तार
योजन का प्रमाण में आसन केवलियों की संख्या पूर्वधारियों की संख्या शिक्षकों की संख्या विपूलमति ज्ञानियों की संख्या विक्रियाऋद्धि धारी ऋषियों की संख्या
अवधिज्ञानियों की संख्या ५६. वादियों की संख्या ६०. कुल संघ की संख्या ६१. मुख्य गणधर का नाम ६२. सारे गगाधरों की संख्या ६३. मुख्य गणिनी का नाम ६४. गणनीय अजिकाओं की संख्या ६५. मुख्य श्रोता का नाम ६६. श्रावकों की संख्या ६७. श्राविकाओं की संख्या ६८. यक्ष का नाम ६६. यक्षिणी का नाम ७०. योग, नियोग, विहार कब बंद किया ७१. मोक्ष प्राप्ति की तिथि ७२. मोक्ष जाने का समय ७३. , नक्षत्र का नाम ७४. निर्वाण क्षेत्र ७५. निर्माण क्षेत्र विशिष्ट स्थान ७६. किस आसन से मोक्ष गये ७७. चौथे काल के अन्त में भगवान मोक्ष कब गये
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१३०० ४०० १४००० गौतम (इन्द्रभूति) ११ चन्दना ३६००० राजा श्रेणिक १ लाख ३ लाख मातंग सिद्धायनी आयु के अन्त में २ दिन पहले कार्तिक कृ० १५ प्रभात स्वाति पावापुरी पद्मसरोवर कायोत्सर्गासन जब ३ वर्ष ८ मास १५ दिन बाकी रहे
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महावीर जयन्ती स्मारिका 76
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