Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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स्थानाङ्गसूत्रे क्रोधादयः कषाया उक्तास्तत्र क्रोधः किं किमाश्रित्योत्पद्यते ? इत्याह" चउहि " इत्यादि-चतुर्भिः स्थानः क्रोधोत्पत्तिः स्यात् , तद्यथा-क्षेत्र नारकादीनां स्थान प्रतीत्य आश्रित्य क्रोधः स्यात् ? ,
वस्तु-सचेतनादि पदार्थम् , प्रतीत्य क्रोधः स्यात् , यद्वा-वास्तु-गृहभूमि मनीत्य क्रोधः स्यात् २, शरीरं कायं दुरवस्थां प्राप्त विरूपं वा प्रतीत्य क्रोधः स्यात् ३, उपधिम् = उपकरणं प्रतीत्य क्रोधः स्यात् ४ । एकेन्द्रियाणां जीवानां भवान्तरपेक्षया क्रोधोत्पत्तिः स्यात् । ___"एवं णेरइयाणं " इत्यादि-अनेन प्रकारेण, नैरयिकाणामित्यारभ्य चैमानिकानामिति चतुर्विंशतिदण्डकपर्यन्तं पठनीयम् ।
अब सूत्रकार यह प्रगट करते है कि-क्रोध किस किस कारण को आश्रित करके उत्पन्न होता है-" चउहिं" इत्यादि, ये इस सूत्र द्वारा यह प्रगट कर रहे हैं-कि इन चार कारणों से क्रोध को उत्पत्ति होती है वे चार कारण इस प्रकार से हैं-इनमे एक कारण है क्षेत्र तारकादिकरूप क्षेत्र को आश्रित करके क्रोध हो सकता है १ सचेतनादि पदार्थरूप वस्तु को लेकर क्रोध हो सकता है-२ दुरवस्था को प्राप्त हुये शरीर को लेकर या विरूपावस्था को प्राप्त हुवे शरीर का लेकर जीव को क्रोध हो सकता है ३ या उपकरण रूप उपधि को लेकर क्रोध हो सकता है ४ एकेन्द्रिय जीवों में क्रोध की उत्पत्ति भवान्तर की अपेक्षा से जाननी चाहिये। “एवं णेरइयाणं" इत्यादि, इसी प्रकार से क्रोधोत्पत्ति के कारणों का कथन नैरइक से लेकर वैमानिक तक के चतुर्विशति दण्ड. कस्थ जीवों में भी जानना चाहिये।
હવે સૂત્રકાર એ વાતને પ્રકટ કરે છે કે કે કયા કયા કારણોને લીધે उत्पन्न थाय छ-" चउहिं." त्यादि. नीयन यार शान सीधे अपनी उत्पत्ति थाय छे.
(१) क्षेत्र-२४163 ३५ क्षेत्रने ॥२ओघ ५ थाय छे. (૨) સચેતનાદિ પદાર્થરૂપ વસ્તુને કારણે પણ કોધ ઉત્પન્ન થાય છે. (૩) દુરવસ્થા પામેલા શરીરને કારણે અથવા વિરૂપાવસ્થા પામેલા.
શરીરને કારણે પણ ક્રોધ ઉત્પન્ન થાય છે (૪) ઉપકરણ રૂપ ઉપધિને કારણે પણ કોધ ઉત્પન્ન થાય છે.
એકેન્દ્રિય જીવમાં કોની ઉત્તિ ભવાન્તરની અપેક્ષાએ સમજવી UR. “ एवं रइयाणं" त्याहि-जोधात्पत्तिन र यार शानू थन નારકથી લઈને વૈમાનિક પર્યન્તના જીના વિષયમાં પણ ગ્રહણ થવું જોઈએ.
શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૨