Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 739
________________ स्थानाङ्गसूत्रे चत्वारि ति प्रज्ञप्तानि तद्यथा - द्रव्यकति १, मातृकाकति २, पर्यायकति २, सङ्ग्रहकति ४ |२| ७२४ चत्वारि सर्वाणि प्रज्ञप्तानि आदेश सर्वकं ३, निरवशेष सर्वकम् ४ || ३ || ५९ ॥ 39 टीका - " चत्तारि एकगा इत्यादि - एककानि - एकान्येवैककानि, स्वार्थे कन्प्रत्ययो बोध्यः, चत्वारि प्रज्ञप्तानि तद्यथा-द्रव्यैककं द्रव्यमेवैककं द्रव्यैककं - सचित्ताचित्तमिश्ररूपम् । तत्र सचित्तमेकं पुरुषद्रव्यम् अचित्तमेकं स्वर्णपिण्डादिद्रव्यं, मिश्र कटककुण्डलादिभूषितमेकं पुरुषद्रव्यम् | १| " तद्यथा - नामसर्वकं १, स्थापनासर्वकम् २, - तथा - मातृकैककं मातृकाशब्दोऽत्र मातृकापदपरः, तेन मातृकापदमेवककं, मातृकैककम् एकं मातृकापदमित्यर्थः, यद्वा-मध्यमपदलोपिसमासः शाकपार्थिवाचार प्रकारके एकक कहे गये हैं, जैसे-द्रव्य एकक१, मातृका एकक २, पर्याय एकक ३, और संग्रह एकक ४ । कई बहु चार प्रकारके कहे गये हैं, जैसे- द्रव्य कई १, मातृका कई २, पर्याय कई ३, और संग्रह कई ४ | चार प्रकारके सर्व कहे गये हैं, जैसे- नाम सर्वक १, स्थापना सर्व २, आदेश सर्वक ३ और निरवशेष सर्वक ४ । इस सूत्र का स्पष्टीकरण इस प्रकार से है - यह द्रव्य एकक आदिके भेदसे चार प्रकारका कहा गया है उसका भाव ऐसा है-द्रव्यरूप जो एकक है वह द्रव्य एकक है, यह सचित्त अचित्त और मिश्ररूप होता है । द्रव्यरूप पुरुष सचित्त एकक है १, स्वर्ण पिण्डादिरूप अचित्त एककहै २ और कटककुण्डल आदिसे विभूषित द्रव्यरूप पुरुष मिश्र एकक है ३ | मातृकैककम् " - यहां मातृका शब्द मातृका पद परक है । अतः सूत्रार्थ - यार प्रहारना मे४४ ४ह्या छे - (१) द्रव्य ४४, (२) भातृम खेड, (3) पर्याय से सने (४) संग्रह मे ४९. यार प्रहारना उति ( कई ) ह्या छे- (१) द्रव्य उति, (२) भातृ। उति, (3) पर्याय उति अने (४) सग्रह उति यार प्रहारना सर्व उद्या छे - ( १ ) नाम सर्व, (२) स्थापना सर्व ४, (3) આદેશ સČક અને (૪) નિરવશેષ સકર 66 શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૨ આ સૂત્રનું સ્પષ્ટીકરણ નીચે પ્રમાણે છે—તેના દ્રવ્ય એકક આદિ ચાર ભેદ કહ્યા છે. દ્રવ્યરૂપ જે એકક છે તેને દ્રવ્ય એકક કહે છે. તે સચિત્ત, અચિત્ત અને મિશ્રરૂપ હોય છે. દ્રવ્યરૂપ પુરુષ સચિત્ત એકક છે. સુવર્ણપિંડાદિ રૂપ અચિત્ત એકક છે. અને કુંડળ આદિથી વિભૂષિત દ્રવ્યરૂપ પુરુષ મિશ્ર એકક છે. मातृकैककम् " सहीं भातृ शब्द भातृ पह२४ छे. तेथी मातृमा यह 66

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