Book Title: Panchsangraha Part 01
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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४६-६४
m
६५-७२
७२-८२
७२
( २८ ) गाथा ६
जीवस्थानों में योग-प्ररूपणा जीवस्थान के भेदों का आधार एकेन्द्रियों के सूक्ष्म, बादर भेद का कारण पंचेन्द्रियों में संज्ञी, असंज्ञी भेद मानने का कारण पर्याप्त और अपर्याप्त की व्याख्या
जीवस्थानों में योग गाथा ७
नौ जीवस्थानों में योग का वर्णन
मतान्तर से जीवस्थानों में योग गाथा ८
जीवस्थानों में उपयोग गाथा ६, १०, ११, १२
मार्गणा के भेद मार्गणाओं में योग
प्रत्येक मार्गणाओं में सम्भव योग गाथा १३, १४
मार्गणास्थानों में उपयोग गाथा १५
शेष मार्गणाओं में उपयोग वर्णन
मार्गणाओं में योग-उपयोगों की तालिका गाथा १६, १७, १८
गुणस्थानों में योग विचारणा गुणस्थानों के भेद गुणस्थानों का स्वरूप
८२-११०
८४
११०-११४
११०
११४-१२८
११४
१२२ १२६-१५७
१२६ १३०
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