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पंचसंग्रह (१) ५७ ५ मिश्र १० मनोयोग ४ वचन- ६ आदि के तीन ज्ञान और
योग ४, औदारिक, दर्शन अज्ञानमिश्रित
वक्रिय ५८६ मिथ्यात्व १३ तिर्यंचगतिवत् ६ अज्ञानत्रिक, चक्षुदर्शन
आदि तीन दर्शन १३-संज्ञीमार्गणा
५६ १ संज्ञित्व १५ मनुष्यगतिवत् १२ सभी उपयोग (८ ज्ञान,
४ दर्शन) ६० २ असंज्ञित्व ६ कार्मण, औदा- ४ मति-श्रुत अज्ञान, चक्षु,
रिकद्विक, वैक्रिय- अचक्षुदर्शन द्विक, असत्यामृषा
वचनयोग १४-आहारमार्गणा ६१ १ आहार- १५ मनुष्यगतिवत् १२ सभी उपयोग (८ ज्ञान, कत्व
४ दर्शन) ६२ २ अनाहार-१ कार्मणकाय- १० मनपर्यायज्ञान, चक्षुकत्व योग
दर्शन के सिवाय शेष दस विशेष असंज्ञी
४ मति-श्रुत अज्ञान, चक्षुपंचेन्द्रिय
दर्शन, अचक्षुदर्शन
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