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१२६
३८
४०
३८ ६ देशविरति ११ मनोयोग ४
वचनयोग ४,
औदारिक,
क्रियद्विक
१३ तियंचगतिवत्
४१
४२
४३
५ यथाख्यात
४४
७ अविरति
E-दर्शनमार्गणा
११ मनोयोग ४,
वचनयोग ४,
कार्मण, औदारिकद्विक
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पंचसंग्रह (१)
६ मतिज्ञान आदि पांच
ज्ञान चक्षुदर्शन आदि
2
चार दर्शन
१ चक्षुदर्शन ११ कार्मण, औदा - १०
रिक मिश्र, वैकि यमिश्र, आहा
कमिश्र के
सिवाय
६ आदि के तीन दर्शन, आदि के तीन ज्ञान
आदि के तीन ज्ञान, तीन अज्ञान, आदि ।
के तीन दर्शन
केवल द्विक के सिवाय
शेष दस उपयोग
२ अचक्षुदर्शन १५ मनुष्यगतिवत् १० केवलद्विक के सिवाय
शेष दस उपयोग
३ अवधिदर्शन १५ मनुष्यगतिवत् १० केवलद्विक के सिवाय
शेष दस उपयोग
४ केवलदर्शन ७ केवलज्ञानवत् २ केवलज्ञान, केवलदर्शन १० - लेश्यामार्गणा
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