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महास्थंडिल
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अनुवीचिमितावग्रहयाचन अनुज्ञापित पानभोजन
अवग्रह का अवधारण
अभीक्ष्ण अवग्रहयाचन
स्वयमेव अवग्रह- अनुग्रहण साधर्मिकों द्वारा याचित अवग्रह का उनकी अनुज्ञा से परिभोग
साधर्मिकों से अनुवीचिमितावग्रहयाचन साधारण भक्तपान अनुज्ञाप्य परिभोग
४. ब्रह्मचर्य महाव्रत की भावनाएं
अभीक्ष्ण स्त्रीकथा - वर्जन
स्त्रियों के इन्द्रियों के अवलोकन का वर्जन
पूर्वभुक्तभोगपूर्वक्रीड़ा की स्मृति का वर्जन
अतिमात्र पानभोजन और प्रणीत रसभोजन का वर्जन
स्त्री, पशु और नपुंसक से संसक्त शयनासन का वर्जन
मनोज्ञ-अमनोज्ञ शब्द में अनासक्त मनोज्ञ-अमनोज्ञ रूप में अनासक्त मनोज्ञ-अमनोज्ञ गंध में अनासक्त मनोज्ञ-अमनोज्ञ रस में अनासक्त मनोज्ञ-अमनोज्ञ स्पर्श में अनासक्त
महास्थंडिल - शवपरिष्ठापन भूमि ।
१. शवपरिष्ठापन हेतु भूमि - प्रतिलेखना * महास्थंडिल निर्माण की प्रमुखता २. महास्थंडिल - दिशाप्रेक्षा और लाभ-हानि ३. शव ढांकने योग्य वस्त्र का स्वरूप ४. मृतकनिर्हरणक्रियाविधि, रात्रिजागरण ५. सार्धक्षेत्र आदि नक्षत्रों का अवलोकन
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३. अचौर्य महाव्रत की भावनाएं
अवग्रहानुज्ञापना अवग्रहसीमाज्ञान
स्त्री, पशु और नपुंसक से संसक्त शयन और आसन का वर्जन स्त्रीकथा का विवर्जन
स्त्रियों की इन्द्रियों के अवलोकन का वर्जन
पूर्व भुक्त तथा पूर्वक्रीडित कामभोगों की स्मृति का वर्जन प्रणीत आहार का विवर्जन
५. अपरिग्रह महाव्रत की भावनाएं श्रोत्रेन्द्रिय-राग- उपरति चक्षुरिन्द्रिय रागोपरति
घ्राणेन्द्रिय रागोपरति
रसनेन्द्रिय रागोपरति स्पर्शनेन्द्रिय रागोपरति
द्र वास्तुविद्या
विविक्त वास वसति अभीक्ष्ण- अवग्रहयाचन शय्यासमिति
साधारण पिंडपात्रलाभ
विनयप्रयोग
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आगम विषय कोश- २
असंसक्त वास वसति
स्त्रीजन में कथा - वर्जन
स्त्रियों के अंग-प्रत्यंगों और चेष्टाओं के अवलोकन का वर्जन
पूर्व भुक्तभोग की स्मृति का वर्जन प्रणीत रसभोजन का वर्जन
६. शव - परिष्ठापन दिन में या रात में ? ७. शव-परिष्ठापन के लिए निर्गमन ८. श्मशानभूमि में परिष्ठापन की विधि ० विषम संस्तारक के दोष
मनोज्ञ और अमनोज्ञ शब्द में समभाव मनोज्ञ और अमनोज्ञ रूप में समभाव मनोज्ञ और अमनोज्ञ गंध में समभाव मनोज्ञ और अमनोज्ञ रस में समभाव मनोज्ञ और अमनोज्ञ स्पर्श में समभाव
९. परिष्ठापन के पश्चात् तप, स्वाध्याय १०. मृतक के पात्र आदि की विधि ११. मृत शरीर के आधार पर सुभिक्ष-दुर्भिक्ष
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