Book Title: Bhikshu Agam Visjay kosha Part 2
Author(s): Vimalprajna, Siddhpragna
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 709
________________ परिशिष्ट १ ६६२ आगम विषय कोश-२ विषय निशीथ स्त्यानर्द्धि निद्रा ६८ हिंसा असत्यवादिता ५६५ यतनाशील भी स्खलित प्रणीत आहार से मोहोदय काम शमन का उपाय बहुमूल्य वस्त्र ग्रहण के दोष रसगृद्धि-रसपरित्याग वेश का महत्त्व अति लोभ से हानि योनिप्राभृत ग्रंथ कथा-संकेत सन्दर्भ कतक-फल पुद्गल । मोदक। कुम्भकार । गजदन्तोत्पाटक। १३५-१४० वटशाखाभंजक कोंकणक भिक्षु और सिंह २८९ धूर्त-शशक, एलाषाढ, मूलदेव, खंडपाणा २९४-२९६ चू निभा भाग-२ वटपादप दृष्टांत ब्रह्मदत्त का कल्याणक आहार ५७२ कुलवधू ५७४ चू रत्न कम्बल और चोर ९७१ आर्य मंगु और आर्य समुद्र १११६ चू महाराष्ट्र का रसापण ११५८ गाय का अदोहन । मालाकार और फूल १६३९ आचार्य सिद्धसेन द्वारा अश्व निर्माण, १८०४ महिष-दृष्टिविष सर्प निर्माण श्रेष्ठी। तापसमरण १८२५ मृत मनुष्य का हास्य १८२६ कूप, कुलपुत्र आदि दृष्टांत २१५१-२१५३ आर्य महागिरि और आर्य सुहस्ती २१५४ कुणाल और संप्रति २१५४ चू जरकुमार और भल्ली २३४३ सुकुमारिका आर्या २३५१-२३५६ निभा भाग-३ गज और सरट। २७८५, २७८६ द्रमक और कनकरस २७९२ राजा द्वारा पुत्रों को विभिन्न दण्ड २८१४ पति और चार भार्याएं २८३३ हंसते हुए खाने से मुखस्तब्धता सुखसुविधा-त्यागी पृच्छा का प्रवर्तन क्यों? पृथक् संभोज की परम्परा इतिवृत्त निष्ठुर कथा ग्लानावस्था में वेदोदय कलह-उपेक्षा से विनाश सम अपराध-विषम दण्ड दण्ड की अल्पाधिकता में राग-द्वेष नहीं साध्वी सरस्वती की विमुक्ति कालकाचार्य और गर्दभिल्ल २८६० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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