Book Title: Pratishtha Lekh Sangraha Part 01
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Vinaysagar
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः । उपाध्याय विनयसागर साहित्याचार्य, খৃহীল গংt, হিল, সানিয়া Hainainamansamanar Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जिनमणिमालायाः चतुर्थो मणिः ४ प्रतिष्ठा लेख संग्रहः प्रथमो विभागः E7 उपाध्याय-विनयसागरेण, साहित्याचार्य, जैनदर्शनशास्त्री, साहित्यरत्न, काव्यतीर्थ, शास्त्रविशारदप्रभृत्युपाधिधारकेण नेमिदूतम् अरजिनस्तवादीनाञ्च सम्पादकेन सम्पादितः डा० श्रीवासुदेवशरण-अग्रवालेन एम० ए० डी० लिट इत्युपाधिभूषितेन काशी विश्वविद्यालय-प्राध्यापकेन लिखितया भूमिकया समलङ्कृतम्। वि० सं०२०१० मूल्यम ५) १ सन् १९५३ For Personal & Private Use Only Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक: मुनि-विनयसागर साहित्याचार्य अध्यक्ष-सुम---- मुद्रक: जैन प्रिंटिंग प्रेस, कोटा. For Personal & Private Use Only Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MO.. I S .. . . .. .. .. ... ... man.......... ... . .. . T H1n nel ................TO G ........ mamma n an समर्पणmmmmm .. . . . . . . . .n n HTHHTHH . . .. .. .. . ... .. .. .. . . ." . ... . . .. .. ... . .. .. . .. .. ... TO. DOTOm . .. . ... .. ... ... .. अगरचन्दजी नाहटा .. .. ... .. . .... सप्रेम .. . . . . .. For Personal & Private Use Only Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For Personal & Private Use Only Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अपनी बात -xc:0xवि० सं० २००० का चातुर्मास मेरे शिरच्छत्र पूज्येश्वर आचार्य देष श्रीजिनमणिसागरसूरिजी महाराज का बीकानेर में श्री नाहटाजी के शुभ प्रासाद शुभविलास में हुआ। उस समय मेरी अवस्था १६ वर्ष की थी। पूज्येश्वर गुरुदेव ने अध्ययन के लिये व्यवस्था कर रखी थी। शिक्षक व्याकरण-काव्य आदि का अभ्यास करवाता था । उस समय मैं सिद्धान्तकौमुदी का दूसरा खण्ड पढ़ रहा था; पर बाल्यावस्था के कारण अध्ययन में तनिक भी रुचि नहीं थी और व्याकरण जैसा शुष्क विषय होने के कारण मैं अध्ययन से घबड़ाता था तथा बहाने किया करता था। ऐसी मेरी मानसिक स्थिति और पढ़ाई चोर भावना को देखकर श्री अगरचन्दजी नाहटा ने (जो पूज्येश्वर गुरुदेव के भक्त होने के साथ साथ मुझे विद्वान और क्रियापात्र साधु देखना चाहते थे ) गुरु महाराज की आज्ञा प्राप्त कर साहित्य की तरफ मेरी रुचि को बढ़ाना प्रारंभ किया। उन्होंने सर्वप्रथम हस्तलिखित ग्रन्थों की लिपि के अभ्यास की ओर मुझे प्रवृत्त किया। मैं भी उस समय ‘पढ़ाई' से विरक्तमना सा था । अतः मुझे भी यह मार्ग रुचिकर प्रतीत हुआ और मैं इस प्रयत्न में अग्रसर हुआ। बड़ों के आशीर्वाद से इसमें मैं सफल भी हुआ । उन्हीं दिनों मैंने नाहटा जी के संग्रह के लगभग ३००० हस्तलिखित ग्रन्थों की सूची भी तैयार की। इन्हीं दिनों चातुर्मास में ही गुरुदेव भक्तवर्ग को 'उपधानतप' की तपश्चर्या करवा रहे थे। इसी समय बीकानेर के प्रमुख मन्दिर (चिन्तामणिजी ) के भण्डारस्थ लगभग १२०० प्रतिमाएँ, जो विशिष्ट समय पर भण्डार से बाहर निकाली जाती थी और अष्टाह्निका महोत्सव, शान्तिस्नात्र, रथयात्रादि महोत्सव के साथ पुनः भूमिगृह में विराजमान करदी जाती थी, इस 'उपधानतप' महोत्सव के उपलक्ष में बाहर निकाली गई। वहाँ के दूसरे प्रधान मन्दिर महावीरस्वामी जी के भण्डारस्थ प्रतिमाएँ भी इस समय प्रयत्नपूर्वक निकाली गई थीं। For Personal & Private Use Only Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री नाहटाजी का कई वर्षों से विचार और प्रयन था कि 'बीकानेर जैन लेख संग्रह' निकाला जाय । वे बीकानेर नगर और उस राज्य के समस्त स्थित मन्दिरों के लेख ले चुके थे। पर चिन्तामणिजी के भण्डारस्थ मूर्तियों के ले व जो उन्होंने पूर्व लिये थे, वे गुम हो गये थे। अतः उनकी पुनः आवश्यकता थी। इस प्रसंग को लेकर लेखों की लिपि-वाचन के उद्देश्य से उन्होंने मुझे भी इस कार्य में लगाया। मैं उत्साह पूर्वक तैयार था ही, जुट गया। श्री अगरचन्दजी एवं श्री भंवरलालजी नाहटा के सहयोग से उस समय लगभग २००-२५० लेख मैंने लिये थे। उस समय से मेरा लेखों की लिपि वांचने का भी अभ्यास हो गया । सं० २००२ में बीकानेर से विचरण करते हुए गुरुत्री एवं मैं नागोर आये । इस कार्य में मेरी रुचि भी थी और अब तो अभ्यास भी हो चला था; साथ ही नाहटाजी की तरफ से समय समय पर प्रोत्साहन मिलता रहता था । अतः मैंने नागोर के सब मन्दिरों के पाषाण और धातु दोनों के लेख लेना प्रारम्भ किया। तदनन्तर तो हम जहाँ कहीं भी गये, वहाँ के मन्दिरों के दर्शन करना और मूर्तियों के लेख लेना, यह एक ध्येय सा बन गया था। इस प्रकार नागोर से चलने के बाद, कुचेरा, खजवाना, मेड़तारोड, जड़ाउ, गोविन्दगढ़, अजमेर, किशनगढ़ आदि स्थानों से मैंने लगभग ८०० लेख एकत्र कर लिये। __ सं० २००२ का चातुर्मास जयपुर में हुआ। इस चातुर्मास में भी मैंने वहाँ के श्वे. जैन मन्दिरों के लेख लेने का क्रम चालू रखा। शहर के सब मन्दिर और गृहदेरासरों के लेख मैं ले चुका था। इस चातुर्मास में नाहटाजी गुरुदेव के दर्शनार्थ जयपुर आये। उस समय उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया कि-"जिस प्रकार हमने 'बीकानेर लेख संग्रह ' तैयार किया है। उसी प्रकार आप भी ‘जयपुर लेख संग्रह' तैयार करलें तो बहुत अच्छा रहेगा। शहर के तो सारे लेख आपने ले ही लिए हैं; जयपुर राज्य के अभ्य स्थानों में भ्रमण कर अवशिष्ट लेख भी ले लें, फिर इन्हें स्वतन्त्र ग्रन्थ रूप में प्रकाशित कर दिए जायँ ।” राजस्थान-मान्य प्रसिद्ध श्री गुलाबचन्दजी ढढा की भी यही भावना थी कि यह कार्य में पूर्ण कर दूं। इसमें जितने भी सहयोग या सहायता की आवश्यकता थी, उसको भी उन्होंने देना स्वीकार किया और यह भी कहा कि जयपुर जैन समाज की तरफ से ही इसको प्रकाशित भी करवा दिया जायगा। For Personal & Private Use Only Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अस्तु, मैं भी नामलिप्सा से अभिभूत होकर इस कार्य में संलग्न हो गया। पूज्येश्वर गुरुदेव की आज्ञा और आशीर्वाद को प्राप्त कर फाल्गुन मास में श्रीसंघ के, विशेषतः श्री गुलाबचन्दजी सा० ढढ्ढा और श्री सोहनमलजी गोलेछा, सा० श्री हमीरमलजी गोलेछा के सहयोग से विहार के. लिये जयपुर से चल पड़ा । दोसा, बसवा, मण्डावर, महावीर जी, हिण्डोन, वजीरपुर, गंगापुर, मलारणा का डूगर, सवाई माधोपुर, टोंक, चाडसू, सांगानेर होकर मैंने प्रथम दौरा १५ दिवस में २२५ मील चलकर पूर्ण किया और पुनः गुरुदेव की सेवा में जयपुर आ पहुँचा। दूसरे दौरे में जोबनेर, फुलेरा सांभर, नरेना, दूधु, पचेवर, मालपुरा, टोडारायसिह, पनवाड़ होकर मैं कोटा पहुँच गया । इस प्रकार लगभग ४० गाँवों के लेख संग्रह कर चुका था केवल शेखावाटी प्रदेशस्थ ग्राम ही अवशिष्ट रहे थे। दोसा महावीरजी तथासवाई माधोपुर वाले प्रथम प्रवास में मुझे वहाँ के दि. जैन मन्दिरों के व्यवस्थापकों की साम्प्रदायिक मनोवृत्ति का अवांछनीय परिचय मिला। सर्व प्रथम महावीरजी का ही लीजिये । यह तीर्थ वस्तुतः श्वेताम्बरों का ही है। इसके निर्माता और प्रतिष्ठाता श्वेताम्बर ही थे । लगभग इसी एक शती से इसकी व्यवस्था दिगम्बर जैनों के हाथ में गई । व्यवस्था दिगम्बर जैनों के हाथों में होते हुए भी कई विशिष्ट अधिकार पल्लीवाल श्वेताम्बर जैनों को प्राप्त थे। पर जो देवालय और देवमूतियाँ आदर्श की, सन्मार्ग की और आध्यात्मिकता की प्रतीक थीं, उनको अहम्मन्यता की भावना से साम्प्रदायिक कर्दम के दल-दल में फंसाकर सारे 'आदर्श' समाप्त कर दिये थे। यहां तक कि श्वेताम्बर जैनों का पूजन दर्शन आदि व्यवहार भी बन्द कर दिया गया। फलतः 'कानून' की उपासना में दोनों दलों ने अपने रक्तसिञ्चित द्रव्य को न्योछावर करना प्रारंभ कर दिया । वस्तुतः इन साम्प्रदायिक तत्त्वों ने जैनत्व क्या मानवता को ही कलंकित किया है। प्रवास में भ्रमण करता हुआ, म महावीरजी के दर्शन करने और वहाँ के लेख लेने की भावना से लगभग १२ बजे पहुंचा। द्वार पर ही द्वारपाल ने श्वेताम्बर जैन साधु का वेष देखकर मुझे रोका और कहा"आप श्वे० साधु हैं, इसलिये आप अन्दर नहीं जा सकते ।” खैर यहाँ के आफिस से इजाजत प्राप्त करने पर मैं भीतर गया, पर मन्दिर के प्रवेश द्वार पर फिर द्वितीय द्वारपाल ने मेरे 'रजोहरण' (धर्म-चिह्न, जो प्रत्येक श्वेताम्बर साधु के पास रहता है) को देखकर प्रश्न किया कि, For Personal & Private Use Only Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -४ "वया यह ऊन का है ?" मैंने कहा-"हाँ ।” तो उस द्वारपाल ने कहा"तो आप भीतर नहीं जा सक्तते ?” मैंने कहा-"क्यों ?" उत्तर-“पहिले तो आप श्वे० साधु हैं दूसरे आपके पास ऊन है !” जब पुनः आफिस से इजाजत प्राप्त कर मन्दिर के सभामण्डप में पहुंचा, तो आफिस की तरफ से एक कर्मचारी मेरे साथ साथ जासूस की तरह लगा रहा, मानों मैं कोई भेदू मन्दिर के भेद लेने आया हूँ। अस्तु, मेरी दर्शन करने की भावना भी कुण्ठित हो गई और इस साम्प्रदायिक मनोवृत्ति पर कुछ क्षोभ भी हुआ। मैं ऐसी परिस्थिति में दर्शन भी ठीक तरह से नहीं कर सका अतः वहां से चलकर मैंने 'हिण्डोन' आकर विश्राम किया। इस प्रकार की तथा इससे कुछ भिन्न प्रकार की कई घटनाएं इस प्रवास में अन्यत्र भी हुई। उनका यहाँ उल्लेख करना भी अनवश्यक सा प्रतीत होता है। इस प्रकार केवल जयपुर राज्य के लगभग १००० लेख मैंने संगृहीत कर लिये, किन्तु ८-१० ग्रामों के लेख अवशिष्ट रहने के कारण इसको मुद्रण के लिए प्रेस में न दे सका। विचार था कि भविष्य में इधर का एक दौरा और करके इस कार्य को पूर्ण कर लूगा, पर विचार विचार ही रहा और वह आज तक ७ वर्ष पूर्ण होने पर भी पूर्ण नहीं हो सका और अब तो आशा भी नहीं रही। हाँ, तो दूसरा प्रवास पूर्ण कर कोटा आगए थे। यहाँ आने के कुछ समय पश्चात् अर्थात् सं० २०२४ में मेरी मानसिक वृत्तियाँ बदली । अब मुझे अपनी अपूर्णता का अनुभव हुआ । इस समय 'पढ़ाई-चोर' जीवन पर हृदय में पश्चाताप भी हुआ। अतः अन्य सारी प्रवृत्तियों को ( चाहे वे साहित्यिक भी क्यों न हों) त्याग कर विद्याभ्यास में ही मैं एकनिष्ठ हुआ। कुछ समय पश्चात् मेरे विद्यागुरु डा० फतहसिंहजी के संरक्षण व प्रयत्न और परिश्रम से मैंने साहित्याचार्य, जैन दर्शनशास्त्री, साहित्यरत्न, काव्यतीर्थ आदि उपाधियाँ सं० २००७ के अन्त तक प्राप्त की। तदनन्तर सम्पादन कार्य में व्यस्त हो गया। मेरा गत चातुर्मास अहमदावाद था । उस समय में 'सहस्रदलकमलभय भरजिनस्तव' के सम्पादन और 'वल्लभ-भारती' के ग्रन्थों की प्रेसकापी करने में व्यस्त था। इन्हीं दिनों सुहृदों ने मुझ से कहा कि "आपने जो मूर्तियों के लेख संग्रह किए हैं उनको प्रकाशित क्यों नहीं करवा देते? प्रकाशित हो जाय तो पुरातत्त्वज्ञ उसका उपयोग करेंगे अन्यथा परिश्रम पूर्वक For Personal & Private Use Only Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ की गई उनको प्रेस कोपी वैसे ही नष्ट हो जायेंगी ।" मैंने भी विचार किया कि वस्तुतः यह कथन युक्तियुक्त है। मुझे इन लगभग २००० लेखों को लिए हुए सात वर्ष व्यतीत हो गए। प्रेस कापी के कागज भी जीर्ण हो रहे हैं और स्याही फीकी पड़ जाने के कारण लिपि भी अस्पष्ट होती जा रही है अतएव ग्रह का प्रकाशन कर देना ही उचित प्रतीत हुआ। उस समय मेरे लेख संग्रह की कापी कोटा में थी। अतः तत्काल कार्य प्रारम्भ न कर सका । संयोगवश चातुर्मास पश्चात् मेरा अहमदावाद से कोटा आना हुआ और पूर्व विचारों के अनुसार लेख संग्रह का प्रकाशित कराना निश्चित कर लिया। उसके लिये प्रेस कोपी का पुनर्नी. रिक्षण किया। पूर्ववर्ती क्रम ( जो प्रत्येक मन्दिर के पाषाण, धातु आदि के आधार पर था) उपयुक्त नहीं अँचा । अत: उनका संवतानुसार वर्गीकरण किया गया। वर्गीकरण करते समय यह विचार आया कि-"लेख तो लगभग २२०० है । यदि सम्पूर्ण एक साथ प्रकाशित करेंगे- तो पुस्तक बहुत बड़ी हो जायगी। अतः १७ वीं शती तक के ही लेखों का इस प्रथम भाग में समावेश में किया जाय, अवशिष्ट १८ वीं शती से २० वीं शती तक के लेख द्वितीय भाग में रखे जायँ ।" इसी विचारानुसार इस प्रथम भाग में ११ वीं शती से लेकर १७ वीं शती तक के १२०० लेख संकलित किये गये हैं। मूर्ति किस स्थान पर और किस मन्दिर में है, इसका उल्लेख लेखांक नम्बर के अनुसार ही नीचे टिप्पणी में सूचित कर दिया है। साथ ही मूर्ति पाषाण की है अथवा धातु की, इसका स्पष्टीकरण लेखांक नम्बर के साथ ही हो जाता है यदि नम्बर के साथ 'आदिनाथपंचतीर्थीः' अथवा 'पार्श्वनाथचतुर्विंशतिपट्टः अथवा 'शान्तिनाथ एकतीर्थीः' है-तो धातु की मूर्ति समझनी चाहिये और यदि केवल 'नमिनाथः' आदि भगवान का ही नाम है तो पाषाण की मूर्ति समझनी चाहिये। लेखों के प्रारम्भ में जहाँ । ०॥' यह चिह्न प्राता है, उसके स्थान पर मैंने सब ही जगह ॥ ॐ का प्रयोग किया है। ये सारे लेख मेरे बाल्यकाल के ही लिये हुये हैं । अतः लिपिवाचन आदि में भ्रम रह जाने से कई जगह अस्पष्ट ले रह गये हैं उनपर प्रश्नवाचक चिह्न रख दिया है। For Personal & Private Use Only Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -६श्वेताम्बर मन्दिरों में स्थित दिगम्बर लेखों को भी इसमें स्थान दिया गया है जोकि लगभग ५० होंगे। अन्त में मैं मान्यवर डा० श्री वासुदेवशरण अग्रवाल एम० ए० पी० एच० डी० का बहुत ही आभारी हूँ कि जिन्होंने मेरे अाग्रह को स्वीकार कर अत्यन्त व्यस्त रहने पर भी भूमिका लिखकर भेजने की की कृपा की । डा० श्री फतहसिंहजी का भी मैं कम कृतज्ञ नहीं हूँ जिनके तत्वावधान में यह ग्रन्थ प्रकाशित हो रहा है। साथ ही श्राद्धवर्य श्री उम्मेदमलजी नाहटा को भी धन्यवाद दिये बिना नहीं रह सकता, जिन्होंने इसका मुद्रण करवाकर आप लोगों के सन्मुख रखा है। श्रा० शु० ५ उपाध्याय विनयसागर कोटा. -xax For Personal & Private Use Only Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भूमिका Cx— उपाध्याय श्री विनयसागर जी ने अपने प्रवासकाल में नागौर मेड़ता, अजमेर, किसनगढ़, जयपुर, कोटा और रतलाम आदि स्थानों, के जैन मंदिरों में सुरक्षित मूर्तियों के लेखों का संग्रह किया था । वही इस संग्रह के रूप में प्रस्तुत है । इस संग्रह में बारह सौ लेख हैं । श्री विनय सागर जी साहित्यक अभिरुचि के व्यक्ति हैं । धर्म प्रचार के साथ साथ अपनी यात्रा को उन्होंने इस प्रकार के सुन्दर और उपयोगी साहित्यिक यज्ञ में परिणत कर दिया, इसके लिये मैं ऐतिहासिक जगत् की ओर से उनका विशेष अभिनन्दन करता हूँ ! सचमुच जहाँ कुछ नही था वहाँ से भी उन्होने ऐतिहासिक सामग्री का यह बड़ा सुमेरु खड़ा कर दिया है । अपने देश में यदि उचित रीति से ऐतिहासिक अनुसंधान का कार्य किया जाय तो कितनी अपरिमित सामग्री संकलित की जा सकती है, इसका सुन्दर दृष्टान्त विनय सागर जी का यह प्रयत्न है । मेरा अनुभव है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, मालवा, गुजरात आदि विस्तृत भूभाग के सब मंदिरों की छानबीन की जाय तो ऐसे मूर्ति-लेखों की संख्या : बारह सौ क्या, बारह सहस्र तक पहुंच सकती है। जैन इतिहास और साहित्य के समृद्ध भण्डार का सचमुच कोई अन्त नहीं जान पड़ता । जैन-भण्डारों से जैन ग्रन्थराशि हाल में ही प्रकाश में आई है उसने देश के विद्वानों को आश्चर्य में डाल दिया है। अभी तो इन भण्डारों की कुञ्जियाँ खुलने का प्रारम्भमात्र ही हुआ है । इन भण्डारों में मानों प्राकृत, अपभ्रंश प्राचीन हिन्दी, राजस्थानी, गुजराती आदि देश्य भाषाओं के सहस्रों ग्रन्थों की पर्वताकारराशि ही भारतीय - साहित्य के गोप्ता किसी अधिदेवता ने हमारे सामने लाकर पूजीभूत कर दी है। इस प्रकार साहित्य और इतिहास के क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय विद्वानों के सामने बीसवीं शती के उत्तराधं भर करते रहने के लिये कार्य का पुष्कल अंश सामने आगया है । कलकत्ते से जैसलमेर तक एवं अमृतसर अम्बाला से दक्षिण के For Personal & Private Use Only Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मूड़विद्री तक जैन मंदिरों में कितने सरस्वती भण्डार हैं और इन भण्डारों में कितनी प्रन्थ सामग्री है यह प्रश्न राष्ट्रीय महत्व का है एवं उसी धरातल पर अनुसंधान चाहता है । यहाँ न धर्म भेद का प्रश्न है, न जाति का । यह तो भारत के अतीत इतिहास साहित्य और संस्कृति का ऐसा वैश्रवण-कोश है जिसकी सार-सँभाल होनी ही चाहिए । क्योंकि काल के विस्मृत गर्भ से बची हुई इस सामग्री में देश और विदेश के सभी विद्वानों में रुचि है । विशेषतः भारत की मध्यकालीन संस्कृति के परिचय के लिये तो इस साहित्य का अत्यधिक महत्व है । दूसरा लाभ यह है कि हिन्दी, राजस्थानी, गुजराती आदि भाषाओं के विकास और इतिहास के शोधन की भी अपरिमित सामग्री इस साहित्य में मिलने की आशा है । प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थों के अन्त में लिखी हुई प्रशस्तियों में धार्मिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक इतिहास के कितने ही महत्व पूर्ण उल्लेख पाए जाते हैं । उसी प्रकार मूर्तियों को चरण चौकी पर या उनके पृष्ठभाग में खुदे हुए प्रतिष्ठा लेखों में भी इस प्रकार की सामग्री पाई जाती है। श्री मुनि जिनविनय जी ने 'जैन पुस्तक प्रशस्ति संग्रह' नाम से पाँच सौ से अधिक ग्रन्थ प्रशस्तियों का एक संग्रह सिंघी जैन ग्रन्थ माला में प्रकाशित किया था । उसमें सं० १९०६ से संवत् १५०६ तक के बीच में लिखे हुए ताडपत्रीय ग्रन्थों की पुष्पिकाओं का संग्रह है । इसी प्रकार दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी जयपुर की ओर से श्री कस्तूरचंद कासलीवाल ने आमेर शास्त भण्डार के संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश और हिन्दी भाषा के उपलब्ध ग्रन्थों की प्रशस्तियों का संकलन करके ' प्रशस्ति संग्रह' नोम ग्रन्थ प्रकाशित किया । प्रशस्ति लेख और मूर्ति लेखों की इस बढ़ती हुई सामग्री को देख कर भविष्य के लिये नई आशा का उदय होता है कि इनके द्वारा साहित्य और इतिहास की कितनी अपूर्व जानकारी हमारे ज्ञान क्षेत्र में थाजायगी। इन लेखों में अनेक जैनाचार्य ग्रन्थकार विद्वान् साधु एवं साध्वियों के नाम, अनेक गए, गच्छ, जाति एवं कुलों के नाम, अनेक स्थान (ग्राम, नगर, दुर्ग आदि ) और तत्कालीन नृपति तथा अन्यान्य राज्याधिकारियों के नाम एवं कई सौ श्रावक श्रावकियों के नाम आए हैं । मुनि जिन विजय द्वारा संपादित 'जैन पुस्तक प्रशस्ति संग्रह' की भाँति उपाध्याय विनय सागर जी ने भी नामों की इन सूचियों का कई परिशिष्टों में संग्रह किया है । सांस्कृतिक इतिहास निर्माण के लिये For Personal & Private Use Only Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ये मूल्यवान हैं । भाषाशास्त्र की दृष्टि से श्रावक-श्रावकियों के नामों का कम महत्व नहीं है, क्योंकि अधिकांश नाम अपभ्रंश और तत्कालीन लोक भाषा के रूप को प्रकट करते हैं। मध्यकालीन भारतीय नाम अपभ्रंश के सांचे में ढल गए थे। भाषाशास्त्र की दृष्टि से उन नामों का अध्ययन करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिये चौदहवीं शती के लेखों में जाल्हण, माहण, गोलण, झाँकँण, चाहड़, कल्हण, वीसल, कडुआ, बाहड़, लूणग, राजड़, आहड़, देदा, गोगा, माल्हण, उजोअण, तिहुण, गोसल, दाहड़, आदि नाम मिलते हैं। इनमें से कुछ नामों की ब्युत्पत्ति तो समझ में आती है। जैसे-बाहड़, वाग्भट्ट का रूप है।' चाहड-त्यागभट्ट, बीसल-विश्वमल्ल, लुणग-लावण्यप्रसाद, तिहुण-त्रिभुवन, उजोश्रण-उद्योतन, कल्हण-कल्यदेव, कडा-कटुक से लोक भाषाओं में बने हुए रूप हैं । गोगा, गोगाक, गोगिल ये तीन नाम जैन पुस्तक प्रशस्ति संग्रह में भी आए हैं। 'पाइय सद्द महण्णवो' के अनुसार गौग्गह ( सं० गोग्रह ) नाम का शब्दार्थ गौओं को आक्रमणकारियों से छीनने वाला, ऐसा विदित होता है । गोग्गह से देश भाषा में गोगा नाम विकसित हुआ जान पड़ता है। गोसल (प्रश० संख्या १०७) और उससे संबन्धित गोसली, गोसा जैन पुस्तक प्रशस्ति संग्रह में भी आए हैं (पृ० १७१ ) हेमचन्द्र की देशी नाममाला के अनुसार गोस-प्रभात । अतएव गोसल उस बच्चे का नाम हुआ जिसका जन्म ब्राह्ममुहूर्त में हुआ हो। माल्हण ( प्रशस्ति संख्या १०३ ) से मिलते जुलते अन्य नाम मल्हना, मल्हा, मल्हादे मुनि जिन विजय जी की सूचियों में हैं । इन नामों का सम्बन्ध लीला वाचक अपभ्रंश मल्ह धातु से है। भविम्सयत्त कहा ( दलाल पृष्ठ १५३ ) मे मल्हते-लीलायमाना । देशीनाममाला ६ । ११६ में मल्हरण लीला। अथवा महापुराण २६॥ २५॥ ५ वैद्य संस्करण के अनुसार मल्हण= मदयुक्त । इस प्रकार अपभ्रंश, देशी और लोक भाषाओं में कई शताब्दियों की सामग्री हमारे सामने भाषा शास्त्र के अनुसंधान का नया क्षेत्र प्रस्तुत करती है । नामों के इस प्रकार के रूप प्रस्तुत संग्रह के बारह सौ लेखों में से यदि सब एकत्र किये जाँय तो उनके अध्ययन में एक स्वतंत्र पुस्तक ही लिखी जा सकती है। रोचक होते हुए भी इस विषय को यहाँ आगे बढाना उचित नहीं जान पड़ता। देदा नाम देद्दक से भी और आगे घिस कर बना हुआ जान पड़ता है। भण्डारकर लेख सूची सं० १३७८ के अनुसार देदक एक शिल्पी का नाम था मूल में संस्कृत देवदत्त से देहक रूप का विकास संभव ज्ञात होता है। For Personal & Private Use Only Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -१० इन्हीं नामों में प्रवृत्ति यह भी ज्ञात होती है कि विवाह के उपरांत स्त्रियों के नाम पति के नाम के अनुसार परिवर्तित हो जाते थे । पितृ गृह में कन्या का जो नाम होता था वह 'पैतृक नाम' कहलाता था और बह नाम पति के घर में आकर बदल दिया जाता था । जैन पुस्तक प्रशस्ति संग्रह के सं० १३२८ की एक प्रशस्ति में इसका पक्का प्रमाण इस प्रकार उपलब्ध होता है " श्रेष्ठ वीरदेव पत्नी वीरमति मोल्ही इति पैतृक नाम । " + ( जैन पु० प्रश० सं० पृ० ८ ) प्रतिष्ठा लेख संग्रह में भी चौदहवीं शती के कई लेखों से यही बात प्रकट होती है । जैसे सं० १३६४ के एक लेख में श्रे० ( श्रेष्ठि ) महणा भार्या महणादे (ले० सं० १९० ) । अवथा संवत् १३६२ के दूसरे लेख में श्रे० खीमसीह भार्या खीमसरि अथवा लेख सं० १६५ में श्रेष्ठिसुत नागसह अपने पिता का नाम राजा और माता का राजदेवि लिखता है । लेख १६= में साहु ललता की भार्या ललतादे, उसके पुत्र लखमा की भार्या लाख दे, लेख २०२ में आसक की भार्या आसलदे इसी प्रथा के कुछ अन्य उदाहरण हैं । इस प्रकार यह बात विचारने योग्य हो जाती है कि पति के नाम के अनुसार पत्नी के नाम के परिवर्तन की प्रथा भारतीय व्यक्तिगत नामों के इतिहास में कब से प्रारम्भ हुई और कब तक जारी रही । हरिषेण कृत बृहत्कथाकोष में भी इसका उदाहरण आया है, जहाँ सोमशर्मा की पत्नी का नाम सोमश्री रखा गया है ( पृ० ३१७ ) । वस्तुतः नामों के अनुसंधान का यह एक ऐसा विषय है जिसमें साहित्य ग्रन्थों की प्रशस्तियाँ शिलालेख और तांबे पीतल की मूर्तियों पर खुदे हुए लेख इन सबकी सामग्री एक ही सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि का चित्र हमारे सम्मुख रखती है । अतएव एक से दूसरे का समर्थन होता है । अध्ययन के ये नए नए दृष्टिकोण तभी संभव हैं जब मुनि जिन विजय जी एवं उपाध्याय श्री विनय सागर के सदृश भौलिक संग्रह का कार्य हमारे सम्मुख इतने सुंदर और सुविधा जनक रूप में किया गया हो । जैन धार्मिंक संघ का सांगोपांग इतिहास अनेक आचार्य और उनकी गुरु शिष्य परम्परा एवं नई नई गद्दियों के इतिहास निर्माण के लिये प्रशस्ति और मूर्ति इन दोनों की सामग्री अनमोल कही जा सकती है । किसी दिन इस विषय का भी पर्याप्त अनुसंधान किया जायगा ऐसी आशा है । For Personal & Private Use Only Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -११ इन लेखों में कुछ संक्षिप्त चिह्न भी बार बार प्रयुक्त हुए हैं, जैसे व्यव० ( व्यवहारिक ), सा० ( साहु ), श्रे० ( श्रेष्ठि ) ठा० ( ठक्कुर ), सु० ( सुत), पु० (पुत्र), भा० ( भार्या ), श्रे०सु० ( श्रेष्ठि सुत ), प्र० ( प्रतिष्ठापितं ) इत्यादि । संक्षेप चिह्नों के सामने बिन्दी लगाने की प्रथा लेखक की इच्छा पर निर्भर थी, क्योंकि कितनी ही बार बिन्दी के बिना भी वे लिखे गए हैं। भारतीय स्थापत्य शास्त्र की दृष्टि से इन लेखों में उत्तानपट्ट ( लेख ३०), नागमयूर पहिका ( लेख १६८), नवपदयंत्र ( लेख १०१६ ), चन्द्रक ( लेख २६ ) आदि कई पारिभाषिक शब्द प्रयुक्त हुए हैं जिनको चित्रों द्वारा समझा जा सकता है । काशी विश्वविद्यालय ७-१०-५३ For Personal & Private Use Only वासुदेव शरण Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For Personal & Private Use Only Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ * अहम् * श्रीमज्जिनमणिसागरसूरिपादपद्म भ्यो नमः प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः। ATTA (१) श्रीसुरसेनोपदे नेनसिंहैक यशोराज नोन्नैकैः सहोदरैः संसार रूपसीहै: येनहि... 'कारितमिति जयति श्रीवाराटरुप्यः॥ संवत् १०५१ कृष्ण पणो न.....। (२) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ संवतु सु १०६६ फाल्गुन वदि २ मंडलिक वसतौ प । हरि श्रा वकेण सन्तड सुतेन नित्य[४] स्नात्रार्थ कारितः । (३) कुन्थुनाथः ॐ गच्छे प्र. गुरुभिः । कुन्थुनाथबिंब कारितम् ।। [२] ॐ सं० ११११ वैशाख सु० ३ स्फारकतनयै चंदूक माणिभद्र सह देवादिभिः कारिता ॥ (५) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः नीज सो व कारिता सं० ११२० फा०सु०३ प्रद्युम्नाचार्य महेराल्ह प(?) १ अजमेर म्युजियम ( मेग्जिन) २ नागोर बड़ा मन्दिर ३ पापड़दा शान्तिनाथ मंदिर. पाषाण ४ सिरोही आदिनाथ मन्दिर ५ सांगानेर महावीर मंदिर For Personal & Private Use Only Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा - लेख - संग्रह: ( ६ ) ॐ संवत ११३० फाल्गुन सुदि १९ सोम दिने पुनर्वसु नक्षत्रे नामवर्षे (?) सुत्रतिसुत भारती प्रति० ॥ ( २ ) (७) श्री वायटगच्छे पासु-सुत नेवेन कारितो । २० सं० १९३५ गंभू भार्या (=) चन्दन-सुत वीप्रा प्रतिमा - कारापितं प्रलंमां संवत् ११३७ वैशाख सुदि ५ वा० शुक्र विसोडीयादा आमल [ ले० ६-१३ (ह) ॐ सं० ११३८ मार्ग० सु० १० धारा० गच्छे मडाहजस्थाने वर्द्धमानश्रेयोर्थं देवचन्द्र सुतेन धरणदेवेन कारितं ।। ( १० ) सं० १९४६ ज्येष्ठ सुदि ६ सुहव कारितम् । ( ११ ) ॐ संवत् ११५५ वर्षे माह वदि ५ शनौ श्रा० हेमसेन संग गृ॥ ( १२ ) सप्तफरणा-पाव नाथः ॐ संवत् १९६१ कार्तिके श्रीवायटीयगच्छे वीरणाग सुत नेमिकुमारेण आत्मश्रेयोर्थं कारितः ॥ (१३) आदिनाथ: संवत् १९६३ चैत्र सुदि १० श्रीसहने प्रतिष्ठति लीपप्युटी ग प । ६ अजमेर म्युजियम ७ सिरोही अजितनाथ मन्दिर अजमेर म्युजियम ( मेग्जिन ) ६ सिरोही अजितनाथ मन्दिर १० मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ११ किशनगढ़ यति स्वरूपचन्दजी का उपाश्रय १२ सिरोही अजितनाथ मन्दिर १३ नागोर चोसठियाजी का मन्दिर मूलनायक For Personal & Private Use Only Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: ( १४ ) A. ॐ सं० १९८१ मा० सुदि १ शनौ सुराणा गोत्रे मेस... B. ॐ संवत् १२०३ श्र० सुदि ३ गुरौ वीरदेव सुतेन कोहटा कारापितमिति ॥ १४ -२० ] ( १५ ) ॐ सं० १९८५ बलहा सुत जिरणदत्तेन मातुनिमित्तं कारितं मति श्राविकायाः (१६) चतुर्विंशतिपट्ट: ॐ संवत् ११८६ वैशाख सुदि १९ वणिपुत्र पत्री जाला सुत दामोदर-गोविंद-महोर्वचादिभि [:] कर्मक्षयार्थं त्वसतिकाप्रतिष्ठापिता ॥ ( १७ ) ॐ सं० ११६१ वैशाख सलदेव भार्या सलक्षण ० श्री शान्तिनाथ प्रतिमा कारिता || ( १ ) शान्तिनाथ : ॐ सं० १९६५ वैशा० सुदि ३ आचार्यनन्दीकृते पंडित गुणचन्द्रेण शान्तिनाथ - प्रतिमा-कारिता ( ३ ) (१६) महावीर : सं० १९६५ फागुण वदि ४ ० भानवेन महावीर प्रतिमा कारापिता (२०) चन्द्रप्रभ-तीर्थीः ॐ सं० १९६७ आषाढ़ मुदि ६ सं० घाघा भार्या सुखमति उदयमति निमित्त प्रतिमा कारिता १४ जयपुर पार्श्व चन्द्रग० उपाश्रय १५ सिरोही आदिनाथ मन्दिर १६ नागोर यति मुकनसुन्दरजी का उपाश्रय १७ सिरोही अजितनाथ मन्दिर १८ अजमेर म्युजियम १६ ही अजितनाथ मंदिर २० सिरोही अजितनाथ मंदिर For Personal & Private Use Only Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले०२१-२८ (२१) ऋषभदेवः सं० ११६६ बैशाख सुद [दि ] ५ श्री आदिनाथजी प्रमुख बिंबं कारापितं फूसामल सुत राघव (२२) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः श्रीनागेन्द्रकुले श्रीमल्लवादिसंताने अकिकाय कारिता। (२३) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः श्रीजालोहरीयगच्छे श्रीवच्छ सुत निमित्तं शांतन' 'णेन कारिता ___ (२४) संवत् १२१४ वर्षे फागुण सुदि ३ सोमे श्रीभावदेवाचार्यगच्छे जसम भार्या सूमा पुण्यार्थे गणदेव-पहुदेवाभ्यां कारितं ।। (२५) चतुर्विंशतिपट्टः सं० १२१६ ज्येष्ठ सुदि १० सोने पण्डिताचार्य वर्णकीर्तिः तस्य श्रावक विमल भार्या सोहगा तयोः पुत्र पाहुलस्थार्थभिः का० प्रतिष्ठिता (२६) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १२१६ पो० मु० १३ सोमवारे प्रतिमा कारापिता (२७) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ सं० १२१६ माघ वदि ५ शुक्र मातृ राजीश्रेयोर्थे साथा वास्तव्य श्रे० जसहरडेन श्रीऋषभनाथ-प्रतिमाकारि ।। (२८) महावीर-पञ्चतीर्थीः ॐ सं० १२२० आषाढ़ सुदि १० गुरौ सिवदेव सुखमिणी निमित्त श्रीवीरनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं सूरिमिः ।। २१ चाडसू ऋषभदेव मन्दिर २२ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर २३ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर २४ सैलाना मुनिसुव्रत मन्दिर २५ जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर २६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर २" सांगानेर महावीर मन्दिर २८ सिरोही अजितनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २६-३५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (२६) ॐ संवत् १२२१ मार्गसिर सुदि ६ श्रीफलवर्द्धिकायां देवाधिदेवश्रीपार्श्वनाथचैत्ये श्रीप्राग्वाटवंशीय श्रे० पिमुणि भं० द्रसाढाभ्यो आत्मश्रेयोर्थ श्रीचित्रकूटीय सिलफट-सहितं चन्द्रको प्रदत्तः शुभंभवतु ॥ (३०) चैत्ये नरवरे येन श्रीमल्लक्ष्मट कारिते। मंडपो मंडनं लक्ष्म्या कारितः संघभास्वता ॥१॥ अजयमेरु श्रीवीरचैत्ये येन विधापिताः श्रीदेवा कलिकाः ख्याताश्चतुर्विंशतिशिखराणि ॥२॥ श्रेष्ठि श्रीमुनिचद्राख्यः श्रीफलवर्द्धिकापुरे उत्तानपट्ट श्रीपार्श्वचैत्येऽचीकरदद्भुतं ॥३॥ (३१) महावीर-पंचतीर्थीः सं० १२२३ वर्षे आषाढ़ वदि ......... 'सुत वयजाकेन स्वपित्रोः श्रे० श्रीमहावीरबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं..... 'श्रीविजयप्रभसूरिभिः ।। (३२) ॐ सं० १२२३ फागुण व० २ भोमे ब्रह्मा० गच्छे 'रायण भार्या धणदे कारिता ॥ (३३) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः १२२७ वर्षे उ० णि उपशम ऊ सुत वहदे आषाढ़ वदि १ । (३४) पार्श्वनाथः ॐ संवत् १२३१ चैत्र सुदि १३ शनौ साढा सुत हुलाकः श्रीपार्श्वनाथ कर्मक्षयनिमितं नित्यं प्रणमति ।। श्री माथुरसंघे । (३५) पंचतीर्थीः १२३१ श्रा० सु० ११ बुधे १.... 'जोला सुत पोही विजसीह भार्या सूरतनी पुण्यार्थकारितं ॥ २६ मेडतारोड पार्श्वनाथ मन्दिर-देहली के पत्थरों पर ३० मेडतारोड पार्श्वनाथ नन्दिर-देहली के पत्थरों पर ३१ प्रगानेर महाव र मन्दिर ३२ सिरोही अजितनाथ मन्दिर ३३ भैंसरोडगढ़ आदिनाथ मन्दिर ३४ अजमेर म्युजियम ३५ मेडतासिटी उपकेशग० शांतिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रह [ले० ३६-४१ ॐ श्रीधारा० गच्छ मडाहडे श्रा. ब्रह्मा पुत्र आसल भार्या राजमति उभयश्रेयोथे श्रीवीरनाथ प्रतिमा-कारितः ।। ॐ सं० १२३४ माघ सु०१० बुध । (३७) पार्श्वनाथ-एकतीर्थीः श्रीमूलसंधे भ० श्रीभुवनकी.देशात १२३४ (३८) सरस्वती मूतिः संवतु १२३६ वैशाख सुदि ४ माथुर संघे आचार्य-चारुकीर्ति भक्त गहिल भार्या सोनल तयो [B) पुत्रो वाग (?) प्रणमति नित्यः।। कुणं विणी । ( मस्तक के पास पास ) केला वेला (३६) संवत् १२३६ चैत्र सुदि १५ बुधे श्रीलाडिबागड संघे सा कमानस साधु लखम लाडण लाला सुत सुककि भार्या यामणि सुत बाहडसोमे भार्या माणिक सुत क सुत राम' . . . . 'सुनित्य न · · · सुत कान्हा महीपाल" चांप..."सीरुडगामे नामनागदे यशःकीर्त्याचार्य नणवण समुत्पन्न विपुल सुद्रव्येण सतल पल्ही सूल्हा चूल्हेरायं तालीसुत ....... । (४०) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः ॐ संवत् १२३७ ज्येष्ठ सुदि १३ गुरौ राहड तद्भार्या गुणदेवि तत्पुत्र जिनचन्द्रादिभिः गुण देवि श्रीपास प्रतिमाकारिता प्रतिष्ठा पं० अभयभद्रेण। (४१) महावीर-पंचतीर्थीः सं० १२३७ पोप सु० १३ ा संवर भार्या राणी स्वश्रेयसे श्रीमहावीर परि । कारिता। ३६ सिरोही आदिनाथ मन्दिर ३७ बेंतेड विमलनाथ मन्दिर ३८ अजमेर म्युजियम २६ अजमेर म्युजियम ४० जयपुर स्टेशन पर पुगलियों का मन्दिर ४१ पापड़दा शांतिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४२-४७ ] प्रतिष्ठा-लेख-सग्रहः (ो (१२) ऋषभदेव-पञ्चतीर्थीः व्यव० कुलिचन्द्र पुत्र व्यव० वीरेण स्वश्रेयोर्थ श्रीऋषभदेव प्रतिमा कारिता ।। ॐ सम्बत १२३६ वैशाख सुदि ६ शुक्र प्रतिष्ठिता श्रीसूरिभिः (४३) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थाः सं० १२४२ श्रे८ महणसीह भा० सहिणी पु० महीपालेन पित्रो: श्रेयसे श्रीपार्श्व बिंबं कारितं प्र० श्रासोम 'वर्द्धन'... । (४४) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १२५४ वर्षे माघ सुदि १३ गुरौ पितामह ठ० देवसा नामके मातृ श्रियादेव्या वाचाऊ आम्बणाय च सुत ठ. मगागेन श्रीपार्थ नाथाय प्रतिमा कारापिता ।। (४५) सरस्वती मूर्तिः १ संवत् १२५४ वर्षे फागुण सुदि ११ गुरी साह उधरण श्रीनाथ पितुरु सर्व्वये नागभट्ट जातीय नानकराज श्रीषढ सुत नाय. बीजुत..... ' भार्या हिता मीता नायवी सुत आसा दकू सुत राज बयजल स्वस्य सुत रत्न सुत शुभ मूर्ति प्रणमति सुत भोज जय श्रेयोथै सरस्वती प्रणमति...... विविधनाय० दादूसहिता सलखमते प्रणमति ( मस्तक के आस पास ) मूलसंघे पांडित्याचार्ये दाननन्दिशिष्य आचार्य उमहचन्द्र आभितु सरस्वती श्रीनमिवाद्य प्रतिवय । (४६) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १२६० वर्षे फागुण सुदि २ बुधौ श्रे० सोहिय भार्या सलखणदे पुत्र · श्रेयोर्थ प्रतिमा कारिता प्रतिष्ठिता श्रीअकलंकसूरिभिः । (४७) महावीर-पञ्चतीर्थीः सं. १२६१ ज्येष्ठ सुदि ७ गुरौ जिदा भार्या चंददेवि पुत्र रोयत... मसा सुत सा० देवस 'श्रीमहावीर प्रतिमा कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीदेवचन्द्रसूरिभिः। ४२ सिरोही आदिनाथ मन्दिर ४३ सांगानेर महावीर मन्दिर ४४ सिरोही अजितनाथ मन्दिर ४५ अजमेर म्युजियम ४६ भिनाय महावीर मन्दिर ४७ जयपुर पंचायती मन्दिर . For Personal & Private Use Only Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 5 ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ४८-५४ (४८) महावीर-पञ्चतीर्थीः ॐ सं० १२६५ आषाढ सुदि ५ वीरागच्छे हरिपाल लखमादेव्या आत्मश्रेयोथै श्रीमहावं :-कारितः प्रतिष्ठितं श्रीशालिभद्रसूरिभिः ___ (४६) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १२६८ वर्षे आषाढ वदि , शनौ श्रीसंडेरगच्छे देल्हण पुत्रेण वीसलेन स्वपुत्र गुणधर सहितेन आत्मपुण्यार्थ श्रीपार्श्वनाथ प्रतिमा कारिता प्रतिष्ठिता श्रीशान्तिसूरिभिः ।। (५०) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ सं० १२८२ वर्षे.. श्रीदेवपालसूरि पार्श्वनाथ बिं० क० (का०) जिनपाल (५१) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १२८३ वर्षे पोष वदि ११ शुक्र श्रीवागर .... पद्मन .... श्रीपार्श्वनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसर्वदेवसूरिभिः । (५२) महावीर-पंञ्चतीर्थीः ॐ संवत् १२८४ वर्षे ज्येष्ठ वदि ६ रवौ हारीजवास्तव्य .... श्रीमहावीरबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीमहेन्द्रसूरिणा। (५३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १२८७ आभू भार्या ललत्तश्रेयोर्थ सुत लूलरायेण श्रीऋषभदेवबिंबं कारापितं ॥ (५४) ॐ सं० १२८८ वर्षे वैशाख वदि सा (तम)। ठ० पृथ्वीपाल श्रयोथ पुत्र आल्हणेन बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीरत्नसिंहसूरिशि (ष्य हरशेखर) सूरिभिः॥ ४८ रतलाम मोतीसा० का मन्दिर ४६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ५० सन्धारा ५१ सांगानेर महावीर मन्दिर ५२ सांगानेर महावीर मन्दिर ५३ सिरोही आदिनाथ मन्दिर ५४ सिरोही आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५५-६० ] प्रतिष्ठा-लेख-सग्रहः (६) (५५) पंचतीर्थीः ॐ सं० १२६० माह सुदि १० डोमेल गोत्र श्रे० धन्नं तत्पुत्र श्रे. कल्याणमल्लेन कारितः ॥ (५६) चतुर्विंशतिपट्टः सं० १२६३ वर्षे फागुण सुदि २शुक्र खडायथगच्छे केशदेव सुत व्य. महिलण पुत्रण हर्षराजेन निजमातृ व्य० वींडू श्रेयोऽर्थ चतुर्विंशतिदेवप्रतिमा कारिता ॥ (५७) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः ॐ सं० १२६३ वर्षे फागुण शु० ११ शनौ श्रीनागरगच्छे श्रीजिनेश्वरसूरिसन्ताने शाह जाजी पितृ परमा श्रेयोथै गोणाकेन श्रीश्रीपार्श्वनाथविंबं कारितं ॥ (५८) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १२६५ वर्षे वैशाख शुदि १२ रोहरीया गो० गाऊ..... सी युतेन पार्श्व बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं नागेन्द्रगच्छे श्रीहरिभद्रसूरि-शिष्य श्रीविजयसेनसूरिभिः ।। (५६) महावीर-पंचतीर्थीः ॐ संवत् १२६७ वर्षे आषाढ़ सुदि ६रवौ से० आम्बड सुत हाथीभा सुत अरसींह श्रीमहावीरबिंब कारापितं श्रेयोर्थम् ।। (६०) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ संवत् १२६८ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनौ श्रे० आसधर भार्या कुमरदेवि पुत्र जसधर जसपालेन कुटुम्ब श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्र. श्रीहरिभद्रसूरिभिः ॥ ५५ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ५६ सिरोही आदिनाथ मन्दिर ५७ केकड़ी चन्द्रप्रभ मन्दिर ५८ रतलाम शांतिनाथ मन्दिर ५६ पापड़दा शान्तिनाथ मन्दिर ६० सिरोही अजितनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १० ) प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (६१) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः ॐ सं० १३०२ वर्षे श्रावण सुदि २ शनौ श्रीऋषभबिंबं भावल श्रे साजण श्रेयसे साहारन साह । सोढल । राजा लूण कारापितं । (६२) पार्श्वनाथ- पचतीर्थीः सं० १३०५ पोष सुदि ११ सोमे गं० दं० पार्श्वनाथ बिंबं कारितं । (६३) आदिनाथ- पंचतीर्थीः सं० १३०६ फागुण वदि ३ सा० व्य० राता भार्या लखमसिरि सुत थाहरु भार्या करणदेवि श्री आदिनाथबिंबं प्र० श्री श्रीभद्रसूरिशिष्यैः श्रीवर्द्ध मानसूरिभिः ॥ [ ले० ६१-६७ (६४) शान्तिनाथ - पंचतीर्थी: सं० १३०८ वर्षे मि० वै० सु० ५ लूणियागो सा० होपा । श्रीशान्तिनाथवि० का० प्र० खरतरगच्छे | (६५) ॥ सं० १३११ फा० सु० १२ श्रेष्ठि महानंद श्रेयोर्थं माणिकचंदेन कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमुनिचन्द्रसूरिभिः । ( ६६ ) सं० १३१३ वर्षे मा सु० ६ नालग्रामवा० चो० ब्रह्मकीर्त्तिमुपदेशेन ....... महं० जाल्हणेन कारितं ।। ( ६७ ) पञ्चतीर्थी : ॐ सं० १३१४ वर्षे फा० सुदि ११ शनौ श्रे० साजण भार्या जाल्ली पु० कर्मण- माहरा- पूनसीहै: श्र े० देल्हा भार्या साचू मातृपितृ योर्थं बिंबं कारित प्र० श्रीदेवेन्द्रसूरिसन्ताने श्री अमरचन्द्रसूरिभिः ॥ ६१ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ६२ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर ६३ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ६४ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ६५ टोडारायसिंह नेमिनाथ मन्दिर. पाषाण ६६ जयपुर पार्श्वनाथ मन्दिर श्रीमालों को दादावाड़ी ६७ मेड़तासिटी उपकेशग० शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८-७३ ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( ११ ) (६८) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः सं० १३१४ फागुण सुदि १४ श्रीनाणकीयगच्छे श्रे जोगडेन पितृ बाहीथ श्रेयोथै श्रीपार्श्वनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठापितं श्रीधनेश्वरसूरिभिः । (६६) पार्श्वनाथः [१] सं० १३१५ वर्षे ज्येष्ठ सुदि : सोमे सा० केल्हण पुत्र । सा० सलखण पुत्र हेमा लोहडेन श्रीपार्श्वनाथ-विंबं [२] कारापितं श्रीधर्मघोषसूरिपट्टे श्रीदेवप्रभसूरिः तत्पट्टे श्रीपद्मप्र. भसूरिः तत्पट्टालंकार श्रीमुनिचन्द्रसूरिशि[३] ष्यः प्रतिष्ठितं श्रीपूर्णचन्द्रसूरिभिः ॥ (७०) महावीर-पंचतीर्थीः ॐ श्रे० शुभंकर भार्या देवुः तयोः पुत्र ण श्रे० सोमदेवेन भार्या पूनादेवि पुत्र वच्छ नागदेवादियुतेन आत्मश्रेयोथै श्रीवीरजिनबिंबं कारितं । संवत १३१६ चैत्र वदि ६ भौमे श्रीबृहद्गच्छीय श्रीउद्योतनसूरिशिष्यैः श्रीहरिभद्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं ।। (७१) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः सं १३१८ चैत्र सुदि ४ सोमे लंबकरा वा। जयसीहै । ......। (७२) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ सं० १३१६ वर्ष पोष वदि ५ सोमे निज पितुः महं० उदयसिंह श्रेयो) पुत्र जगपालेन बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीजिनेन्द्रप्रभसूरिभिः ।। (७३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः १ संवत् १३१६ वर्षे माघ सुदि ६ बुधे काष्ठासंघे हुं. चाहड श्री ऋषभनाथबिंबं कारापितं । प्रणमति ।। ६८ कोटा खरतरग० आदिनाथ मन्दिर ६६ भानपुरा पार्श्वनाथ मन्दिर पाषाण. परिकरसह ७० नागोर शान्तिनाथ मन्दिर ७१ हिण्डोन श्रेयांसनाथ मन्दिर ७२ सांगानेर महावीर मन्दिर ७३ रतलाम मोतीसा० का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले०७४-८० (७४) आदिनाथ-चतुर्विशतिपट्टः संवत् १३२० वर्षे । माघ सु० १३ श्रीमूलसंघे सा० गोलण भा० जसाविति । सुत जासू प्रणमति नित्यं ।। (७५) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः सं० १३२५ उकेशज्ञातीय व्यव० चन्द्र...... 'भा० पूनि पुत्र हरिवर भा० वीरिकया स्वश्रेयसे श्रीपार्श्वनाथ-बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं रु० श्रीश्रीचन्द्रसूरिभिः॥ (७६) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः सं० १३२८ फागुण 'साह लाटहृदीय गो० वरदेव पु. वीसल लखमणेनार्थ श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं । श्रीभावदेवसूरिभिः ॥ (७७) चतुर्विंशतिपहः संवत् १३२६ वैशाख सु० ८ बुधदिने सा० पीपा सु० देउ भार्या दूदा प्रणमति नित्यं (७८) सं० १३३० ज्येष्ठ व० ५ शनौ... प्राग्वाटज्ञातीय कुंभा सुत सा० कडुआ देदा..... (७६ ) आदिनाथ-पंचतीर्थीः सं० १३३० ज्येष्ठ वदि ५ श्रीसंडेरगच्छे श्रे० माणिक माता साऊ श्रे० चाप पुत्र पुण्या० श्रीआदिनाथविंबं प्र० श्रीशालिसूरिभिः (८०) नेमिनाथ-पंचतीर्थीः ॐ ।। सं० १३३१ ज्येष्ठ सु० ११ श्रीबृहद्गच्छे प्राग्वाटवंशे सा० धणदेव संताने श्रे० छूहदेव पुत्र श्रे० सांति पुत्र श्रे० सालिग पुत्र श्रे० आमकुमार पुत्र श्रे० संकर पुत्र श्रे० चाहड भार्या रीठी पुत्र श्रे० झांझणजगडाभ्यां सकलनिजकुटुम्बश्रेयसे श्रीनेमिनाथबिबं कारितं प्रतिष्टितं च श्रीपरमानन्दसूरिभिः ।। ७४ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ७५ नागोर बड़ा मन्दिर ७६ जयपुर पार्श्व चन्द्रग० उपाश्रय ७७ जयपुर पंचायती मन्दिर ७८ सिरोही भैंरूपोल ७६ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर ८० बून्दी पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१-८७ ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१३ ) (८१) शान्तिनाथः संवत् १३३१ आषाढ़ वद , रायणस्तपह ना जा वा प हा (?) श्रीशान्तिनाथ प्रतिमा । (२) अजितनाथः सं० १३३१ माघ सुदि १३ सो० श्रे० धरण-कल्हण-श्रेयसे अजितनाथविंबं का०प्र० प्रागल 'श्रीप्रभानन्द ( ? चन्द्र) सूरिभिः ।। (३) अजितनाथः सं० १३३१ माघ सुदि १३......श्रीअजितनाथ बिंब का० प्र० श्रीहरिभद्रसूरशिष्यैः श्रीगुणचन्द्रसूरिभिः ।। (४) नेमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३३१ वर्षे ४ सोमे ....... 'श्रीनमिनाथ बिंब कारितं प्रति० श्रीचैत्रगच्छे श्रीजिनेन्द्रसूरिशि० श्रीधर्ममूर्तिसूरिभिः ।। (८५) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः __सं० १३३२ वर्षे ज्येष्ठ वदि १ गुरौ व्य० महीधर सुत झांझणेन आत्मश्रेयो) श्रीपार्श्वनाथ-विंबं कारितं प्रतिष्ठितं सूरिभिः ।। (८६) पञ्चतीर्थीः ॐ ॥ संवत् १३३४ वैशाख सुदि ५ गुरौ ठ० साजा सुतेन ठ. तिहुणाकेन निजपूर्वजानां श्रेयसे बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं चित्रापल्लीय श्रीभद्रेश्वरसूरिशिष्य श्रीनरचन्द्रसूरिभिः ।। (७) पञ्चतीर्थीः __ संवत् १३३५ वर्षे मार्ग०१३ सा० महीपाल भार्यया मिहसिरिश्राविकया प्रति श्रेयसे...। प्राग्वाटान्वये । ८१ पापड़दा शान्तिनाथ मन्दिर. मूलनायक ८२ टोडारायसिंह नेमिनाथ मन्दिर. पाषाण ८३ टोडारायसिंह नेमिनाथ मन्दिर. पाषाण ८४ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ८५ जयपुर पंचायती मन्दिर ८६ जयपुर पंचायती मन्दिर ८७ सांगानेर महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले०८८-६३ (८८) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३३८ माघ सु० १ सोमे सं० लूणगदेव पुत्र बाहडदेव यामाहि .......... 'श्रीशान्तिनाथ-बिंबं कारितं प्र० श्रीधर्मघोषसूरिपट्टे श्रीशीलप्रभसूरिभिः । () शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३३६ फागुण सुदि ८ श्रीनाणकीयगच्छे श्रे० गुणधर भार्या गुणसिरि पुत्र मना भा०कपूरदे पुत्र कर्मण श "राणा कुमरसीह सहितेन स्वपृथुज श्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीमहेन्द्रसूरिभिः । (६०) महावीर-पञ्चतीर्थीः ॐ संवत् १३४० वर्षे वैशाख वदि ११ शुक्र निज-पितृ-मातृ श्रेयोर्थ गा० मलवसीहेन श्रीमहावीरबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं सूरिभिः । (६१) शान्तिनाथ-चतुर्विशतिपट्टः सं० १३४० वर्षे ज्येष्ठ सुदि ११ शनौ सिभउज्ञातीय पूना सुत श्रे० धरणाकेन श्रीशान्तिनाथचतुर्विंशतिपट्टः कारितं । (६२) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ। सं० १३४० वर्षे ज्येष्ठ सुदि १३ रवौ गुर्जरज्ञातीय ठः राजड सुत महं० देल्हणेन पितृव्य व्यव० वीरमश्रेयसे श्रीपार्श्वनाथबिवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीचैत्रगच्छीय श्रीदेवभद्रसूरिसन्ताने श्रीअमरचन्द्रसूरिशिष्यैः श्रीअजितदेवसूरिभिः॥ (६३) पाश्वनाथ-चतुर्विशतिपट्टः ॐ संवत् १३४२ वर्षे वैशाख सुदि [ ] बुधे देवश्रीपार्श्वनाथः मंडलाचार्य श्रीकुमुदकीर्ति प्रतिष्ठितं साद्राण भार्या जाल्हणदेविश्रेयसे सुत साकारापितं प्रणमति नित्यं ।। ८८ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर ८६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ६० सिरोही अजितनाथ मन्दिर ६१ कोटा खरतरग० आदिनाथ मन्दिर १२ जयपुर पंचायती मन्दिर ६३ जयपुर पंचायती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४-१००] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१५) (६४) महावीर-पञ्चतीर्थीः सं० १३४४ फा० सु० १० उएसगच्छे सिद्धसूरिसन्ताने श्रीमहावीरवि० का० प्रति० श्री........... (६५) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३४६ वैशाख सु०७ सोमे प्राग्वाटज्ञातीय व्यव० गजाकेन आत्मपितृ व्यव० जसकुमार सुतस्य व्यव० कल्हण...''श्रीशान्तिनाथ बिंबं प्रतिष्ठितं श्री प्रज्ञातिलकसूरीणामुपदेशे [न] कारापितं ॥ (६६) पञ्चतीर्थीः सं० १३४४ वदि (र्षे) ज्येष्ठ बाहऊंगराज्ये ... 'लतीष महं० रानीग भार्या सहजलदेवी सुतेन मदनमानिकेन' : ' शुभंभूयात्।।शुभंभवतु ॥छ। प्रतिष्ठितं. : "श्रीरत्नप्रभसूरिशिष्यैः 'भोजपुत्र' । (६७) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३४६ ज्येष्ठ शुदि १२ श्रीखंडेरगच्छेश-यशोभद्रसूरिसन्ताने सा० आस्वच (? मूला) भार्या केल्ह पु० रतना-गोगा-करमा-भीमादिभिः पितृ श्रे० श्रीआदिनाथबिंब कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीसुमतिसूरिभिः ।। (६८) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३५१ वर्षे . . . . . .१ बुधे श्रीखंडेरकीयगच्छे सा०'सई सिंहदेव अात्मश्रेयसे आदिनाथबिंब कारा० प्र० श्रीस..... सं० १३५२ वर्षे माह सुदि ६ गुरौ पोरवाटान्वये सा० आहड सुत देदा दाधा... (१००) पार्श्वनाथः ॐ संवत् १३५२ वर्षे फागुण सु।११ गुरौ छोहरियान्वये सा० पोपा पु० ... 'पु० सा० केनूकेन निजभ्रातृ सा० मेतू मूर्ति-कारिता ॥ शुभंभवतु ६४ हरसूली पार्श्वनाथ मन्दिर ६५ रतलाम शांतिनाथ मन्दिर ६६ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ६७ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ६८ सांगानेर महावीर मन्दिर ६६ सिरोही भैरुपोल १०० कोटा खरतरग० श्रादिनाथ मन्दिर पाषाण. परिकरसह For Personal & Private Use Only Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १६ ) प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (१०२) पार्श्वनाथ: संवतु १३५२ वर्षे फागुण सुदि ११ गुरौ खहोडान्वये यदु देवसीहपुत्र : साधु श्रीमोहरण सा० उजोअरण सा० दिनपाल - प्रभृतिभिस्तथा सा० पूनड पुत्रेण सा०यगदेन भ्रातृ सा० डालू मूर्तिः कारितं ॥ सा० नयनश्री सहिता || (१०२) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः [ ले० १०१ - १०७ सं० १३५२ फागुण सुदि १३ पितृ श्रे० ककुया श्रेयोर्थं श्रे ० पूनाकेन श्री आदिनाथबिंबं कारितं । (१०३) पार्श्वनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० १३५३ चैत्र ३ सोमे श्रीमालज्ञातीय श्रे० माल्हण नंदि० दि... गां... श्रीपार्श्वनाथ - बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमलयचन्द्रसूरिभिः ॥ (१०४) नमिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० २३५६ वर्षे माघ शुदि ६ सोमे व्य० गंगा भा० श्रीनमिनाथवित्रं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीविनयप्रभसूरिभिः || 'माता श्रेयोर्थं (१०५) महावीर - पञ्चतीर्थीः सं० १३६१ ० दाहड साह पुत्र देदा-कर्मणाभ्यां भा० हासलसहिताभ्यां श्रीमहावीरः का० प्र० श्रीमहेन्द्रसरिपट्टे श्री आनन्दप्रभसूरिभिः || (१०६) संवत् १३६१ वर्षे द्वि० वैशाख सुदि ६ शुक्रं व्य० कुलधर सुत देवचंद्र भार्या देवसिरी पु० राजडेन पितुः श्रेयोर्थं श्रीयादिनाथ - बिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं सूरिभिः ॥ (१०७) महावीर - पञ्चतीर्थीः सं० १३६२ वैशाख वदि ५ सोमे सोखुलान्वये सा० तेजा सुत कोकटेन पुत्र गोसल सांकरण साठा डालू सहितेन मातृ तिहुश्री श्रेयसे श्रीमहावीर बिंबं कारितं श्रीधर्मसूरिपट्टे श्री सोमचन्द्रसूरिभिः ॥ १०१ कोटा खरतरग० आदिनाथ मन्दिर. पाषाण परिकरसह २०२ सांगानेर महावीर मन्दिर १०३ नागोर बड़ा मन्दिर १०४ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर १०५ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर १०६ सिरोही आदिनाथ मन्दिर १०७ जयपुर पार्श्वनाथ मन्दिर, श्रीमालों की दादावाड़ी For Personal & Private Use Only Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८-११४ ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१०८) महावीर - पंचतीर्थी: सं० १३६३ वर्षे वैशाख सुदि २ सोमे श्रे० धरणपाल भार्या ताल्ही पु० रतन कुवरसिंह श्रावके आत्मश्रेयोर्थ श्रीमहावीरबिंबं कारितं भ० श्री. (१०) कुन्थुनाथ पंचतीर्थी: सं० १३६४ वैशाख सुदि १२ शुक्रे व्य० बाहा भा० लाळू पु० आसा भा० नयणादे मातृ-पितृ-श्रेयोर्थ श्री कुन्थुनाथबिंबं का० प्र० सूरीणां ॥ (११०) महावीर - पञ्चतीर्थी: ( १७ ) संवत् १३६४ वैशाख सुदि १३ शुक्रे श्रे० महणा भार्या महणादे पु० मूलपालेन श्रेयोर्थं श्रीमहावीरबिंवं कारितं प्र० (१११) शान्तिनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १३६६ चैत्र वदि ४ सोमे सिरिकुंआर भा० बूटी निमित्तं पुत्ररत्न मदन श्रीशान्तिनाथ श्रीयशोभद्रसूरिभिः ॥ (११२) महावीर - पंचतीर्थी: संवत् १३७० वर्षे चैत्र वदि ५ शुक्रे श्रीब्रह्मागच्छे श्रीश्रीमालज्ञातीय पितृ मह० आल्हणसिंह माता सलखण देव्योः श्रेयार्थे सु० महं० नरसीकेन श्रीमहावीरबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीजाजिगसूरिभिः ॥ (११३) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः संवत् १३७० वर्षे वैशाख वदि ३ शनौ श्रीमालज्ञातीय श्रे० गउडरमा श्रे० वास रोहट वा० का ० श्री आदिनाथबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीरत्नसूरिभिः ॥ (११४) संवत् १३७० वर्षे मान शु० ४ महाधरेण सा० कान्हडसुत नरपति सिंहस्थ प्रति उ० श्री शेखरसूरिभिः ॥ १०८ नागोर बड़ा मन्दिर १०६ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ११० सांगानेर महावीर मन्दिर १११ सांगानेर महावीर मन्दिर ११२ सिरोही अजितनाथ मन्दिर १९३ भिनाय ११४ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले. ११५-१२० (११५) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ' सं० १३७० वर्षे फाल्गुण सुदि २ रवौ श्रे० वाधडसंतानीय सा० पजून सु० सा० कुलधरात्मज कुउडि तोल्हा सा० समरा प्रति० श्रीआदिनाथबिंवं का० प्र० श्रीधर्मसूरिक्रम-श्रीज्ञानचन्द्रसूरिभिः॥ (११६) नेमिनाथ-एकतीर्थीः संवत् १३७२ ज्ये० वदि ३ भौम स... (?). ..... (११७) पंचतीर्थीः . ॥सं० २३७३ वर्षे वैशाख शुदि ११ शुक्र मूलसंघे भ। 'श्रीपदमनंदि गुरूपदेशेन हुंबडज्ञातीय व्य० सीलण भार्या माल्हणदेव्या पु० व्य० देवाकेन प्रतिष्ठापितं ॥ (११८) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३७८ वर्षे वैशाख वदि ५ गुरौ प्राग्वाटज्ञातीय पट्टक भार्या संसारदेवि पुत्र पाल्हाकेन पितृ-श्रे० श्रीशान्तिनाथबिं० का०० श्रीमहेन्द्र सूरि कूपचैत्यं ॥ (११६) आदिनाथ-पंचतीर्थीः सं० १३८० वर्षे ज्येष्ठ सुदि १० खाहडगोत्रे सा० बहुचंद सुत झाझाकेन पितृमातृश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे भ०श्रीगुणप्रभसूरिः ॥ (१२०) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १३८० वर्षे माघ शुदि ११ शनौ श्रीमूलसंघे राउल श्रीमाघनँदि देवौ पादाकेन बोरासिद्धिवास्तव्य सिंहपरज्ञातीय"आदिनाथस्य प्रतिमा कारापिता। ११५ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ११६ महुवा नेमिनाथ मन्दिर ११७ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ११८ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ११६ रतलाम चन्द्रप्रभदेरासर,महात्मा कन्हैयालालजी का १२० मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२१-१२७ ] ( १२१) महावीर - पंचतीर्थीः सं० १३८१ वैशाख शुदि १५ सोमे सा० पद्म भा० भेदारि आत्मश्रेयसे श्रीमहावीरबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीवयर सेणसूरिभिः ॥ प्रतिष्ठा-लेख-सग्रहः (१२२) आदिनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १३५२ ज्येष्ठ शुदि ७ रवौ डांगरूत्रा ग्रामे श्रीमालज्ञातीय पितृव्य लाखा श्रेयसे व्य० झांझणेन श्री आदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिरुपदेशेन ॥ छ ॥ (१२३) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० १३८२ ज्येष्ठ सु० १५ गुरौ श्रे० मदन भार्या लक्ष्मी श्रेयसे पुत्र हरिपालेन आदिनाथबिंबं कारितं ॥ ॐ ॥ सं १३८६ पूर्णिमापक्षे ॥ (१२४) अम्बिकामूर्तिः ॐ ॥ सं० १३८४ माघ सु० ५ श्रीजिनकुशलसूरिभिः प्रतिष्ठितं कारितं च सा० उपाली स ॥ ( १६ ) सं० १३८६ * श्रीकमलाकरसूरिभिः ॥ (१२६) आदिनाथ- पञ्चतीर्थी: सं० १३८६ वैशा० सु० ११३ श्रीउएसगच्छे श्रीककुदाचार्य संताने देल्हाशाखायां सा० साहड भार्या मुहडटी सुत सा० तीडा बीपा भा० तेजू पूर्वज श्रे० श्री ऋषभबिंबं कारितं प्रति० श्रीककसूरिभिः । ....। (१२५) पार्श्वनाथ पञ्चतीर्थीः 'श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ।। १२१ पापडदा शान्तिनाथ मन्दिर १२२ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर १२३ रतलाम मोतीसा मन्दिर १२४ जयपुर पार्श्वनाथ मन्दिर श्रीमालों की दादावाडी १२५ जयपुर पंचायती मन्दिर १२६ गागरडु आदिनाथ मन्दिर १२७ सांगानेर महावीर मन्दिर (१२७) महावीर - पञ्चतीर्थीः "पूनसिंह भा० नायकदे श्रीमहावीरबिंबं का० प्र० For Personal & Private Use Only Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २० ) प्रतिष्ठा - लेख - संग्रह: (१२) पार्श्वनाथ- पचतीर्थीः सं० १३८८ वर्षे वैशाख व० १५ ० सिरिपाल भा० गडर पितृ चांपसिंह श्रीपार्श्व नाथबिंबं । . (१२) आदिनाथ पञ्चतीर्थीः I सं० १३८८ वर्षे | वैशाख सुदि ११ श्रीगुर्जरवासी सा० पूनपाल पुत्र खेतू । पुत्र भीता बिंबं कारापितं श्रेयोर्थं प्रतिष्ठितं श्रीश्रीचन्द्रसूरिभिः ॥ (१३०) शांतिनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० १३८८ वैशाख शु० १५ श्रीमालज्ञा. पितृ साल्हा मातृ पोखी श्रेयसे सुत लादाकेन श्रीशांतिबिंबं का० प्र० ब्रह्माणगच्छे श्रीबुद्धिसागरसूरिभिः ॥ (१३१) पार्श्वनाथ- पचतीर्थीः सं० १३८६ ज्येष्ठ वदि ११ सोमे श्रीउपकेशगच्छे श्रे० लष्मा भा० पूजल पु० खीदा पितृश्रेयसे श्रीपार्श्व नाथबिंबं का० प्र० श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ॥ (१३२) पार्श्वनाथ चतुर्विंशतिपट्टः श्री शुभवस्ता भार्या राजलश्रेयोर्थं श्र० रतना ॥ सं० १३६० भार्या वल प्रणमति नित्यं शुभभस्तु .. [ ले० १२८ - १३४ (१३३) चतुर्विंशतिपट्टः संवत् १३६० वर्षे माघ सुदि १३ सोमे श्रीकाष्ठासंघे श्रीलाडवा गडगणे श्रीमत आचार्य श्रीतिहुणकीर्ति उपदेशेन हुंबडज्ञातीय व्य० बाहुड भार्या लाछी सु० व्य० खीमाभार्या राजुलदेवि श्रेयोर्थ सु० का० देवाभार्या रामलदेवि नित्यं नमति ॥ (१३४) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० १३६२ वर्षे ज्येष्ठ वदि ८ श्रीकोरंटगच्छे श्रे० देदा भा० खिमसिरि पुत्र... आत्मश्रेयोर्थं श्री आदिबिंबं कारितं प्र० श्रीककसूरिभिः १२ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर १२६ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर १३० रतलाम मोतीसा का मन्दिर १३१ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर १९३२ जयपुर पँचायती मन्दिर १३३ जयपुर पँचायती मन्दिर १३४ सांगानेर महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३५-१४१ ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (२१) (१३५) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः स० १३६२ वर्षे फागुणवदि सा० लखमण पु० पालकेन मातृ-पितृ श्रेयोथै श्रीआदिनाथबिंबं प्र० श्रीकक्कसूरिभिः ॥ (१३६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३६२ व० फागुण व० ११ जावडागोत्रे 'श्रीशान्तिनाथबिंयं का० प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीरामचन्द्रसूरिविनेयैः श्रीपासभद्रसूरिभिः ॥ (१३७) पार्श्वनाथ-पञ्चतीथी: सं० १३६३ ज्येष्ठ वदि १ शुक्र श्रीऊकेशगच्छे सिद्धाचार्यसन्ताने ओसवालज्ञातीय श्रे० खीमसीह भा० खीमसिरि मातापिताश्रे० महणसीहेन कारापितं श्रीपार्श्वनाथबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ॥ (१३८) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३६३ वर्षे माघ सुदि १५ शुक्र वस्तु भार्या पूनम तत्पु० हेमा गदा भ्रातृ सहडा संघ निमित्तं श्रीआदिनाथबिंब कारितं बृह० प्रतिष्ठितं श्रीपद्मदेवसूरिभिः॥ (१३६) पञ्चतीर्थीः सं० १३६४ चै० शु० ३ आ० नाणकीयगच्छे सा० जयता मा० भायणि पु० वसताकेन भ्रातृ आसकरणनिमित्तं बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसिद्धसेनसूरिभिः ॥ (१४८) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३६४ वर्षे 'उपकेशज्ञातीय भूरागोत्रे सा० मगन श्रीपार्श्वनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं संडेरगच्छे श्रीसाल (? लि) सूरिभिः । (१४१) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३६५....."वदि २ सोमे श्रीकाष्ठा । सुत पहँड श्रेयोथै श्रीसुमतिनाथ-प्रतिमा ॥ १३५ सांगानेर महावीर मन्दिर १३६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर १३७ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर १३८ नागोर यति मुकनसुन्दरजी का उपाश्रय १३६ किसनगढ़ खरतरगच्छीय उपाश्रय १४० जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर १४१ जयपुर पंचायती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २२ ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [१४२-१४६ __ (१४२) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १३६७ वै० सु० १ पाल्हणसन्ताने श्रे० केल्हण भा० भावलदे पुत्र धणपाल मेघपाल सहितेन श्रीपार्श्वनाथबिंब का०प्र० श्रीधर्मदेवसूरिभिः (१४३) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १३६६ वर्षे माघ व०५गुरौ प्राग्वाटज्ञातीय श्रे० देदा भार्या जेसल श्रे० बूटा पुत्र नणाभ्यां श्रीपार्श्वनाथविवं का० . ० गुरुभिः ।। (१४४) पञ्चतीर्थीः । सं० १३. 'वैशाख सुदि ११ गुरौ श्रे० धिणा पुत्र जयताकेन सा० महं० उदा श्रेयसे बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीदेवेन्द्रसूरिभिः ।। (१४५) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः __ सं० १४०३ वैशाख सुदि ३ शनौ 'ज्ञा० साजण भार्या सहजलदे पुत्र जगपाल भा० धरणी पुत्र कर्मपालेन पित्रोः श्रेयसे श्रीपद्मप्रभबिंबं का० प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः॥ (१४६) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४०८ वैशाख सुदि ५ प्राग्वाट श्रे० थिरपाल भाया तेजलदे पुत्र जगसीहेन पित्रोः श्रेयसे श्रीपार्श्वनाथबिंवं का० प्रति० डेकात्रीय श्रीपद्मप्रभसूरिभिः ॥ (१४७) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४१० वर्षे माघ सुदि १ डीसावालज्ञातीय श्रे० सजालदेव भा० कालणदे श्रे० पु० कडूयाकेन श्रीनेमिचन्द्रसूरीणामुपदे० ॥ ___ (१४८) पार्श्वनाथ-एकती ः सं० १४११ ज्ये० सु०१२ श्रीदेवचन्द्रसूरिभिः आत्मश्रे० श्रीण "रि। (१४६) पार्श्वनाथः ॥सं० १४१३ वर्षे माघ सुदि : श्री पारस्व ( ? पार्श्व) नाथ हेमल । १४२ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर १४३ मेडतासिटी धर्मनाथ मन्दिर १४४ किसनगढ़ यति स्वरूपचन्दजी का उपाश्रय १४५ बामणवास सुमतिनाथ मन्दिर १४६ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर १४७ बून्दी पाव नाथ मन्दिर १४८ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर १४६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० १५०-१५६ ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (२३) । सं० १४१४ वैशाख सुदि 'जयता भा० जयतलदे पु० नंदनकेन भ्रातृ वाना निमित्तं का.."अंबडचैत्ये श्रीमाणिक्यसूरिपट्ट श्रीवयरसेणसूरिभिः॥ (१५१) पञ्चतीर्थीः ___ॐ॥सं०१४१५ श्रीश्रीमालज्ञातीय सादाश्री सोमा भा० अणयसदे पु० थिरपालेन भ्रा० लूणसिंह सा० तेजा भार्या २, १-नानगदे २-कपूरी पुत्रेण सीहा निमित्तं श्रीपञ्चतीर्थी का० प्र० श्रीनागेन्द्रगच्छे श्रीपद्मचंद्रसूरिपट्टे श्रीरत्नाकरसूरिभिः ।। (१५२) महावीर-पञ्चतीर्थीः सं० १४२० वर्षे आषाढ शुदि १० शुक्र प्राग्वाटज्ञा० श्रे० वीजा भा० वयजलदे सुत सहसाकेन पितृश्रेयोर्थ श्रीमहावीरबिंवं कारितं । (१५३) शीतलनाथः सं० १४२२ फा० शु०६ उकेश ज्ञा० सा० विजपाल सुत बंगाकेन स्वमातृ-राजुल-श्रेयसे श्रीशीतलनाथ बिंबं कारितं प्रति० श्रीतपाग० श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।। (१५४) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४२४ माघ शुदि.... 'श्रीशान्तिनाथबिंब का० प्र० श्रीजिनचन्द्रसूरीणामुपदेशेन । (१५५) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४२५ वर्षे वैशाख सु०१. 'मं० श्रीधर पुत्र देवयाकेन भ्रातृ पवलणदे (?) श्रेयोर्थ श्रीआदिनाथविवं कारितं प्रतिष्ठितं खरतरगच्छीय श्रीजिनचन्द्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनेश्वरसूरिभिः ॥ . (१५६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४२६ वैशाख सु० ६ रवौ श्रीकोरंटकगच्छे श्रे० खीमसी भाल धांधलदे पु० महीपाल मेहा । नाहड कउरसिंह पितृ-मातृ-भ्रातृ जाणा पुनपाल निमित्तं श्रीशान्तिनाथ पञ्चतीर्थी का० प्र० श्रीककसूरिभिः ॥ १५० मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर १५१ नागोर चोसठियाजी का मन्दिर १५२ रतलाम मोतीसा का मन्दिर १५३ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण १५४ जयपुर पंचायती मन्दिर १५५ नागोर चोसठियाजी का मन्दिर १५६ चोथका बरवाड़ा महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१५७) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः ॐ ॥ संवत् १४३० वर्षे वैशाख सुदि ३ सा० महीपाल पुत्र भीमा श्रावण स्वपुण्यार्थं श्री शान्तिनाथविवं कारापितं प्रतिष्ठितं खरतर भट्टारक श्रीजिनोदयसूरिभिः || ( २४ ) (१५८) आदिनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १४३२ वर्षे फागुण सुदि २ शुक्रे महं० आमसीह भार्या मोहिणि पुत्र अरसिंहेन पित्रोः श्रेयसे श्री आदिनाथबिंबं का० साधुपू० श्रीधर्मतिलकसूरीणां । ( १५६ ) अनन्तनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० १४३३ वर्षे वैशाख सुदि ५ शनौ श्रीमालज्ञा० आ ममी भार्या लीला श्रेयोर्थं पितृव्य मेहाकेन श्रीअनन्तनाथबिंबं कारितं प्र० पूर्णिमाप० श्रीविद्याकरस्रीणामुपदेशेन । १५७-१६३ (१६०) वासुपूज्य - पञ्चतीर्थी: संवत् १४३३ वर्षे वैशाख सुदि ६ शनौ अंचलगच्छे उपकेशज्ञातीय महं वीकम पुत्र मेधाकेन आत्मश्रेयोर्थं श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः । श्रीः ॥ I (१६१) पार्श्वनाथ- पचतीर्थीः सं० १४३४ वर्षे वैशाख वदि २ गोदुङगोत्रे सा० जयपाल गजगी धरणसिंह भार्या तील्ही पु० जीवराज - हालादिभिः स्वश्रेयसे श्रीपार्श्वपञ्चतीर्थी कारिता प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीवीरभद्रसूरिभिः ॥ (१६२) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १४३५ फागुण दि २ शुक्रे उपकेशज्ञातीय सा० खीमा भा० खीमसिरि पु० आल्हाकेन आत्मश्रेयोर्थं श्रीचन्द्रप्रभविवं कारितं प्र० श्रीपल्लिगच्छे श्री भदेवसूरिपट्टे श्री श्रमदेवसूरिभिः ॥ (१६३) पार्श्वनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० २४३७ वर्षे द्वि० वैशाख वदि १९ सोमे प्राग्वाटज्ञातीय श्रेष्ठि गोहा भार्या ललतादे पुत्र मूजाकेन । पितृ-मातृ-श्रेयसे श्रीपार्श्वनाथ का० प्र० श्रीरत्नप्रभसूरीणामुपदेशेन ॥ १५७ कोटा आदिनाथ मन्दिर १५८ जयपुर सुमतिनथा मन्दिर १५६ रतलाम मोतीसा का मन्दिर १६० किशनगढ़ खरतरगच्छीय उपाश्रय १६१ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर १६२ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर १६३ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० १६४-१७० ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( २५) (१६४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४३८ वर्षे ज्येष्ठ वदि ४ शनौ श्रीश्रीमालज्ञा० सं० नयणसी भा० तेलनी पुत्र सामंतेन पित्रोः श्रेयोर्थे श्रीआदिनाथबिंबं का०प्र० ब्रह्माणीय श्रीहेमतिलकसूरिभिः॥ - (१६५) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४३६ पौष वदि : सोमे श्रीब्रह्माणगच्छे श्रीश्रीमा० पितृ मातृ सीमा मोखलदे श्रे० सुत सामलेन श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबुद्धिसागरसूरिभिः ॥ श्रीः। (१६६) संभवनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः । सं० १४४० वर्षे पौष शुदि १२ बुधे श्रीश्रीमालज्ञा० पितृ महं० पाल्हणसिंह मातृ पद्मलदेवि पितृव्य वंसल पितृव्य लाख... श्रेयोर्थ महं० प्रतापमल्लेन श्रीसंभवनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः कारितः । वृद्धथारापद्रीय श्रीसीलभद्रसूरीणामुपदेशेन प्रतिष्टितं श्रीसूरिभिः ।। (१६७) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४४१ वर्षे फागुन सुदि १० सोमे श्रीमालज्ञा० पितृ मेधा मातृ पाल्हणदे श्रेयसे सुत तेजाकेन श्रीपार्श्वनाथविवं कारितं प्र० नागेन्द्रग० श्रीगुणाकरसूरिभिः ।। (१६८) नागमयूरपट्टिका । सं० १४४३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि २ शुक्र श्रीनागमयूरपट्टिका श्रीआदिनाथ राजादेव... (१६६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४४४ वर्षे ज्येष्ठ वदि , शनौ श्रीभावडारगच्छे उपकेशज्ञा० व्य० पासवीर भा० पुनसिरि पुत्र सा० लखणसीह व्य० जगमाल प्रमुखपितृ-पितृव्य व्य० सा० धरणाकेन श्रीआदिनाथ विवं का० प्र० श्री (१७०) महावीर-पञ्चतीर्थीः सं. १४४५ वर्षे फागुण वदि १० रवौ श्रीहारीजग० पल्लीवालज्ञा० सेष्ठि भूभा भा० पाल्हदे पूजू सुत कलुआ-हापाभ्यां पित्रोः श्रेयसे श्रीमहावीरबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीशीलभद्रसूरिभिः । १६४ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर १६५ जयपुर पंचायती मन्दिर १६६ रतलाम सुमतिनाथ मन्दिर १६७ किशनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर १६८ सेमलिया शान्तिनाथ मन्दिर १६६ जोमनेर चन्द्रप्रभ मन्दिर १७० हरसूली पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [१७१- १७६ (१७१) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४४६ वर्षे जेठ वदि ३ सोमे श्रीअंचलगच्छेश श्रीमेरुतुजसूरीणामुपदेशेन श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० सारङ्ग तत्प० (पु०) सायरेण बांधव व्य० साल्हाश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितंच श्रीसूरिभिः । ___ (१७२) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४४७ वर्षे फागुण सुदि अष्टम्यां सोमे उसवालज्ञातीय सा. आमसिंह भार्या बाई आल्हणदे सुत सोभाकेन निजपित्रोः श्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं प्र० श्रीहेमचन्द्रसूरि श्रीजयतिलकसूरिवरैः ।। (१७३) अजितनाथ-पञ्चतीर्थी. संवत् १४४७ वर्षे फा० सु०८ सोमे व्यव० मलयसीह भार्या साऊ पुत्र सारंगेन पितृ-मातृ-श्रेयोर्थ श्रीअजितनाथबिंबं का० प्र० द्वि० शाखायां श्रीरत्नप्रभसूरीणामुपदेशेन० श्रीः ।। (१७४, सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४४६ वर्षे वैशाख सुदि ६शुक्र श्रीअंचलगच्छे श्रीउकेशवंशे सा० नेमीचन्द्र सुत सा० मूलु सुश्रावकेण भार्या सा० चाहिणिसहितेन स्वश्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसंघेन ॥ (१७५) महावीर-पश्चतीर्थोः संवत् १४४६ वर्षे वैशाख सुदि ६ शुक्र पितृ राजा मातृ राजलदेवि पितृव्य त्रीकम पितृव्य वील्हण भ्रातृ हीरा श्रे० सु० नागसीहेन श्रीमहावीरबिं० कारितं प्र० श्रीचैत्रगच्छे श्रीगुणदेवसूरिपट्टे श्रीविजयदेवसरिभिः श्री॥ (१७६ ) महावीर-पंचतीर्थीः ॥संवत् १४५० वर्षे माह वदि ६ सो० श्रीउपकेशज्ञातौ सोनी झांझण भार्या लूणादे पुत्रेण हरपतेन पित्रोः श्रेयः श्रीदेवसंदरसूरिभिरुपदेशेन श्रीमहावीरबिंब कारितं॥ १७१ वहेलार अजितनाथ मन्दिर १७२ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर १७३ नागोर चौसठियाजी का मन्दिर १७४ मेड़तासिटी उप० शान्तिनाथ मन्दिर १७५ रतलाम शांतिनाथ मन्दिर 9.05 For Personal & Private Use Only Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० १७७-१८२] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( २७ ) (१७७ ) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४५३ वैशाख शुदि २ श्रीपल्लीगच्छे डिंडाउत्रगोत्रे श्रीमाल सा० धीणा भार्या वीरी तत्पुत्र धर्मा भा० आल्ह पुत्र हापा भा० आपू पु० महणाकेन पितृ..'श्रेयोर्थ श्रीपाच कारितः प्र० श्रीशान्तिसूरिभिः ।। (१७८ ) शान्तिनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १४५४ वर्षे वैशाख सुदि ६ तिथौ श्रीखरतरपक्षे श्रीउसवा० पितृव्य सा० आंबा भार्या अमीदे श्रे० सुत सीसाकेन श्रीशान्तिनाथबिं० का० प्र० श्रीजिनराजसूरिभिः (१७६ ) आदिनाथ-पंचतीर्थीः सं० १४५६ वर्षे ज्येष्ठ वदि १३ शनौ प्रा० ज्ञा० व्यव० मेघा भा० मेघादे पुत्र सामलेन मातुश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ॥ (१८०) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४५७ वर्षे 'सु० ६ बु० हुंबडज्ञातीय सा० भीमा भार्या लाखू पु० आल्हा भोजा तोल्हासहितेन तोल्हाकेन पित्रोः श्रेयसे श्रीपार्श्वबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः शुभंभवतु सर्वदा (१८१ ) आदिनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १४५८ वर्षे वैशाख वदि २ बुधे चंडालियागोत्रे सा० मोल्हा भा० मोहिणि पुत्रेण सा० सावडेन आत्मश्रेयसे श्रीआदिनाथबिबं का० प्रतिष्ठितं मलधा० श्रीमतिसागरसूरिभिः ।। (१८२ ) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १४५८ वर्षे वैशाख वदि २ बुधे उपकेशज्ञातीय बोकडियागोत्रे सा.... 'भा० रूदी पु० जेसल भा० जसमादे पित्रोः श्रे० श्रीपद्मप्रभस्वामिबिंब का० रामसेनीय श्रीधनदेवसूरिपट्टे श्रीधर्मदेवसूरिभिः ॥ १७७ किशनगढ़ चिन्तामणिपार्श्वनाथ मन्दिर १७८ सांगानेर महावीर मन्दिर १७६ सेमलिया शान्तिनाथ मन्दिर १८० सागोदिया ऋषभदेव मन्दिर ५८१ बून्दी पार्श्वनाथ मन्दिर १८२ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ १८३-१८८ (१८३) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४५८ वर्षे फागुण वदि ११ शुक्र उपकेशज्ञा० हट्टमुरि मंडा सा० पानात्मज सा० सजना भा० श्रीयादे पुत्र महणकेन श्रीसुमतिबिंब कारित प्रति० श्रीपल्लीगच्छे श्रीशान्तिसूरिभिः॥ (१८४ ) आदिनाथ पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४६१ वर्षे श्रा० सु० ११ गुरौ प्रग्वाट्ज्ञा० श्रे० कालू भा० ऊमादेव्याः सु० व्य० लूणाकेन श्रीतपागच्छे श्रीदेवसुन्दरसूरिगुरोपदेशेन श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं । श्रीसूरिभिः । (१८५) महावीर-पञ्चतीर्थीः संवत् १४६१ वर्षे मार्ग० सुदि १० बुधे । प्राग्वा० ज्ञातीय श्रेष्ठि कडुया सुत नरसिंघेन मातृ श्रेयोथै श्रीमहावीरबिंबं कारितं । पूर्णिमापक्षीयभट्टारक श्रीसोमतिलकसूरिभिः शुभं० ( १८६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६२ वर्षे माघ व० ४ शुक्र उपकेश सा० चांपधर पु० कडुत्रा भा० पूरी पु० खररुदेन आत्मश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब कारितं श्रीसीतरगच्छे (?) श्रीसवतसूरिभिः (?) ।। (१८७ ) पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १४६२ वर्षे माघ सुदि १३ शुक्र । श्रीमूलसंधे श्रीपद्मनन्दिदेवाः गोमाराडान्वये सीषव.तयोः पुत्रास्तु यः स्वपुण्येन महोलिकासाधारःप्रणमतिः (१८८) अनन्तनाथः ॥ॐ ॥ सं० १४६४ आषाढ़ सु० १३ प्राग्वाटज्ञातीय सा० जुगा भार्या जसु पु० सा० केल्हा कडुया - ‘स भार्या समीरदे श्रीअनन्तनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः॥ १८३ नागोर बड़ा मन्दिर १८४ ,, , , १८५ मालपुरा ऋषभदेव मंदिर १८६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मंदिर १८७ जयपुर पंचायती मंदिर १८८ मालपुरा मुनिसुव्रत मंदिर, पाषाण For Personal & Private Use Only Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० १८६ - १६५] प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (१८) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः ॥ सं १४६५ वर्षे वैशाख शुदि ३ सांपडागोत्रे सा० वेलाभार्या सा० बिल्हणदे पु० साधु खिमराज-पेमाभ्यां पितृ-मातृ-श्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं ॥ प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्री सागर चन्द्रसूरि पट्टे श्रीमलयचन्द्रसूरिभिः ( १६० ) शान्तिनाथ : ।। सं० १४६५ ज्ये० व० प्राग्वाट कमी डूंगरेण भा० देऊती सूत पुरणसी ठाकुरसी प्रतिष्ठितं श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ॥ ( १६१ ) सुविधिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० १४६५ ज्ये० ० २१ श्रे० सोमा भा० रुडी सुतेन व्य० भीमाकेन भा० चांपू सुत मंडरणपदयुतेन स्वश्रेयसे श्रीसुविधिबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपापक्षीय श्री देवसुन्दरसूरिभिः || भद्रम् || ( १६२ ) पार्श्वनाथ पञ्चतीर्थीः (RE) सं० १४६७ वर्षे ज्येष्ठ वदि पञ्चमी श्रीमालवं । महं । जेसां पुत्र आसा - पूजन श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं खरतरगच्छे श्रीजिनवर्द्धनसूरिभिः ॥ सामंत सा० धारा सुत सा० श्रोशान्तिनाथविवं कारिल • ( १६३) आदिनाथ -पञ्चतीर्थीः सं० १४६७ माह वदि ५ चंडालियागोत्रे सा० खेहा पुत्रेण सा० रुल्हान श्रीदिनाथविं कारितं प्र० श्रीमणिसागरसूरिभिः (१४) पार्श्वनाथ- पचतीर्थीः ॥ सं० १४६८ काती वदि २ सोमे श्री अञ्चल गच्छेश श्रीक....... मंडलीक भा० गोल्ह माता-पिता-श्रेयोर्थं श्रीपार्श्वनाथबिंबं श्रीमेरुतुङ्गसूरिहा उप० कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः । (१६५) आदिनाथ: १८६ जयपुर श्रीमालों का मंदिर १६० मालपुरा मुनिसुव्रत मंदिर, पाषाण १६१ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर सं० १४६८ प्राग्वाट सा० धारा सुत सा० डूंगरेण स्वमातृ गांगी पुण्यार्थ श्री प्रदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ॥ .... । "" १६२, मुनिसुव्रत १९३ सांगानेर महावीर मन्दिर १६४ नागोर चोसठियाजी का मन्दिर १६५ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर, पाषाण For Personal & Private Use Only Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३० ) प्रतिष्ठा-लेख-सग्रहः [१६६-२०१ (१६६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४६६ माघ सुदि २ रवौ उपकेशज्ञातीय सा० बेहड भा० फाइणि पु० माल्हा भा० हांसू पु० तेजाकेन स्वश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं का० प्र० श्रीसंडेरगच्छे श्रीसुमतिसाधुसूरिभिः ॥ श्रीः ___ (१६७) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६६ वर्षे माघ सुदि ६ दिने औप'... 'कुसल पुत्र सा० देवराज सुश्रावकेण पुत्र राणा डूंगर सहितेन श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्र० खरतरगच्छे श्रीजिनवर्द्ध नसूरिभिः ___ (१९८) वासुपूज्य-चतुर्विंशतिपट्टः सं० १४६६ वर्षे माघ सुदि ६ रवौ उकेश० टपगोत्रे सा० ललता भा० ललतादे पुत्र लखमा भार्या लाखणदे पुत्र वील्हा भार्या वील्हणदे पुत्र घढसी सकुटुम्बेन श्रीवासुपूज्यबिंब कारापितं श्रीसंडेरगच्छे श्रीयशोभद्रसूरिसन्ताने प्र० श्रीसुमतिसूरिभिः ।। (१६६) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६६ वर्षे माघ सुदि६ ऊ० सारिओहद (?)भा० केल्हू पु० पदमाकेन पित्रो हापा निमित्तं श्रीपार्श्वनाथबिंब का० प्र० श्रीसुमतिसूरिभिः ।। (२००) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६६ वर्षे ऊकेशवंशे नवलखागोत्रो सा० सायर श्रावकेण स्वपुण्यार्थं श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्रति । खरतर० श्रीजिनवर्द्ध नसूरिभिः (२०१) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सम्बत् १४६६ वर्षे उकेशवंशे सा० खेता-सन्ताने सा० नूना पुत्र नाह सुत्रण (?) भा० गोरलकेन भ्रातृ बाछा पुत्र नाला देपु युतेन श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीजिनवर्द्ध नसूरिभिः खरतरगच्छे । १९६ सांगानेर महावीर मंदिर १६७ जयपुर पंचायती मन्दिर १६८ मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर १६६ जोमनेर चन्द्रप्रभ मन्दिर २०० जयपुर पंचायती मन्दिर २०१ भैंसरोडगढ़ ऋषभदेव मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले. २०२-२०७] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (३१) (२०२) मुनिसुव्रतः . ॥ सं० १४७० वर्षे ज्ये० शु० ५ प्राग्वाटज्ञातीय परताप भा० अरि सुत आसाकेन भा० आसलदे श्रेयोथै श्रीमुनिसुव्रतबिंबं कारितं प्र० तपागच्छेश श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः॥ (२०३) धर्मनाथ-पंचतीर्थीः सम्बत् १४७१ वर्ष आषाढ सुदि २ शनौ श्रीमाली श्रे० सूरा-चांपाभ्यां भगिनी का भगिनी पुत्रि वइराकयो श्रेयोर्थ तयोरेव द्रव्येन ॥श्रीअञ्चलगच्छे।। श्रीमहीतिलकसूरीणामुपदेशेन श्रीधमेनाथबिंवकारितं प्रतिष्ठापितं च। (२०४) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४७१ वर्षे माघ सुदि ६ गुरौ उसवालज्ञातीय चाणगोत्रे साह जेल्हा भार्या सा०'जनजीवतति ( ? ) मातृ-पितृ-श्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं उपकेश० प्रतिष्ठितं श्रीककसूरिभिः ।। __(२०५) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४७१ वर्ष माघ सुदि १३ बुधे उकेशवंशे बापणागोत्रे सा० सोहड सु० दादू भा० कामू पुत्र डूंगरेण पितृ-पितृव्य तेजा भादा निमित्तं श्रीशान्तिनाथविंबं का० प्र० उकेसगच्छे श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ।। (२०६) महावीरः सं० १४७२ आषा० व०२ प्रा० ज्ञा० सा० मोहण सु० लीला भा० रुडी पु० नरसिंहेन भ्रा० माल्हा पूना युतेन स्वश्रेयसे श्रीमहावीरबिंब का० प्रति० श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।। (२०७) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४७२ वर्षे फा० व० १ शुक्र हुंबड़ज्ञातीय गंगाभा-गोत्रे मं० खीमा भा० काऊ सुत वरसिंह भा० साऊ पु० नीरा भा०......"धर्मपाल श्रीमूलसंघे नंदिसंघे बलात्कारगणे सरस्वतीगच्छे श्रीपद्मनंद्य पदेशात् श्रीवासुपूज्यबिंबं प्रतिष्ठापितं २०२ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर, पाषाण २०३ सैलाना मुनिसुव्रत मन्दिर २०४ मेड़तासिटी उप० शान्तिनाथ मन्दिर २०५ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर २०६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर, पाषाण २०७ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३२ ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ २०८-२१३ ___ (२०८) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४७३ वर्षे वैशाख वदि १ दिने उकेशवशे श्रे० पछाडा पुत्र ॐ केल्हाकेन कुंउरपाल दे(व)पालादियुतेन श्रीशान्तिनाथबिंबं स्वपुण्यार्थ कारितं प्रतिष्ठितं खरतरगच्छे श्रीजिनवर्द्धनसूरिभिः ।। (२०६) पार्श्वनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १४७३ वै० व०८ प्रा० ज्ञा० व्य० कान्हा भा० कानलदे पुत्र भीमाकेन भा० भावलदे पु० केल्हादियुतेन पार्श्वबिंबं का०प्र० तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।। १२१०) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १४७३ व० ३० शुक्ल १ प्राग्वाटज्ञातीय व्य० साजण भार्या मोडी पुत्र देदा भा० देवलदे सहितेन आत्मश्रेयसे श्रीअभिनन्दनबिंबं का० प्र० मडाहडी श्रीमुनिप्रभसूरिभिः तपागच्छे (२११) सुपार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १४७३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ५ डांगीगोत्रो सा० ईल्हा भार्या ईल्हश्री पु० सा० कालू सा० टीलण खीमसी भ्रातृ कर्मण-श्रेयसे श्रीसुपा वबिंब कारितं प्र० श्रीकृष्णर्षिगच्छे श्रीपुण्यप्रभसूरिभिः। शुभम् ।। ___ (२१२) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः संवत् १४७३ वर्षे माह सुदि ६ बुधवासरे उपकेशज्ञातीय व्य० धर्मा भा० रत्नादे पु० गोइंद पितृ-मातृश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं का० प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीकमलचन्द्रसूरिभिः ॥ छ । _(२१३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४७४ वर्षे फागुण वदि २ सुराणागोत्रे सं० हेमराज भा० हेमादे पु० सं० देल्हाकेन श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे मलयचन्द्रसूरिपट्टे श्रीपद्मशेखरसूरिभिः॥ २०८ नागोर बड़ा मन्दिर २०६ सिरोही आदिनाथ मन्दिर २१० बून्दी पार्श्वनाथ मन्दिर २११ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर २१२ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर २१३ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० २१४-२१६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (३३) (२१४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४७५ वर्षे मागसिर वदि ४ दिने बडाहडा गोत्रे सा० डूगर पुत्रेण सा० शिखरकेन निजश्रेयसे श्रीआदिनाथ प्रतिमा कारिताप्र० तपा० श्रीपूर्णचन्द्रसूरिपट्टे भट्टारक श्रीहेमहंससूरिभिः । (२१५) महावीर-चतुर्विंशतिपट्टः ॥ संवत् १४७६ वर्षे चैत्र वदि १शनौ श्रीश्रीमालज्ञातीय सं० रामा सु० सं० पापा भार्या मेचू श्राविकया स्वश्रेयसे श्रीआगमगच्छे श्रीअमरसिंहसूरीगणामुपदेशेन श्रीमहावीरबिंबं कारितं । (२१६) आदिनाथः ॐ ।। सं० १४७६ वैशाख सुदि ३ भौमे श्रीउपकेशज्ञातीय श्रेष्ठिगोत्रीय ........ ' 'संसारदे श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीसिद्धसूरिभिः॥ (२१७) शान्तिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः संवत् १४७६ श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० सांड भार्या रूडी सुताभ्यां पु० श्रांबा-डूगराभ्यां श्रेयो) श्रीशान्तिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः कारितः प्रतिष्ठितं पिप्पलाचार्य-त्रिभवीया श्रीधर्मप्रभसूरिः।। (२१८) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४७८ वर्षे चैत्र सुदि ७ सोमे प्राग्वाटज्ञातीय श्रे० हीरा सुत सोमा भा० मूल्ही आत्मश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीदेवगुप्तसूरिभिः .......। (२१६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सम्वतु १४७८ वर्षे चैत्र सुदि १५ सोमे रोयठाणा वा० वेजपाल भा० पूरी पु० सा० पेथा स्वमातृ-पितृश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंब कारापितं श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीमलयचन्द्रसूरिपट्टे प्रतिष्ठितं श्रीपद्मशेखरसूरिभिः॥ २१४ नागोर चोसठियाजी का मन्दिर २१५ आँतरसूबा वासुपूज्य मन्दिर २१६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर २१७ केकडी चन्द्रप्रभ मन्दिर २१८ अलाय शांतिनाथ मन्दिर २१६ नागोर बड़ा मन्दिर - - For Personal & Private Use Only Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३४ ) प्रतिष्टा-लेखसंग्रहः [२२०-२२५ (२२०) आदिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः . ॐ॥ सम्बत्।।१४७८ वष पोष वदि १ गुरौ । श्रीउपकेशवंशे चिंचट गोत्रे वेशटाय ?) सा० श्रीसमर सुत सा० संडो नरसिंह पु० सुंवरासा पितृ-मातृ श्रेयसे श्रीयुगादिनाथादिचतुर्विंशतिपट्टः का० श्रीउपकेशगच्छे ककुदाचार्यसन्ताने प्र० श्रीसिद्धसूरिभिः ।। (२२१) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४७६ वर्षे पोष वदि ५ शुक्र बुधगोत्रो श्रीफूबड़ज्ञातीय फू० लींबा भा० फतू सुत भाखर-रामसीभ्यां पितृ-मातृ-श्रेयोर्थ श्रीशीतलनाथबिंब कारितं. कुलगुरु-श्रीसिंघदत्तसूरिभिः ।। भावगुरु-श्रीजयशेखरसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ श्रीः॥ (२२२) नेमिनाथः ... ॐ ।। सं० १४७६ फागुण १० बुधवारे श्रावकान्वये सांखलेचा गोत्रो साधु वरदेव सुत सा० मोढ भार्या जयतुनामिकया आत्मश्रेयोर्थे श्रीनेमिनाथ बिंबं कारितं प्र० श्रीहेमहंससूरिभिः ।। (२२३) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८० वर्षे ज्ये० सु० ७ भौमे प्राग्वाटज्ञातीय व्य० साढा भा० सादी पु० सहसा भा० सीतादे पु० पाल्हा स्वात्मश्रेयसे श्रीसंभवनाथबिंबं का० प्र० पूर्णिमापक्षे श्रीसर्वाणंदसूरिभिः ।। (२२४) शान्तिनाथः ... ॥सं १४८० आ० व० ६ शुक्र उकेशवं० सं० सहसराज भार्या पासू लीलाई नाम्न्या पु० श्रीधरसुताया सा० कमलराजादि-कुटुम्बयुतया श्रीशान्तिनाथबिंबं का० प्रति० श्रीसूरिभिः ॥ (२२५) शान्तिनाथः ॥सं० १४८० आषा०व०८ उकेश सा० परवत भा० सं० प्रथमसिरि :"दियुतेन स्वमातृश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीसोमसुंदरसरिभिः ॥ २२० अलाय शांतिनाथ मन्दिर २२१ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर २२२ नागोर हीराबाडी श्रादिनाथ मन्दिर २२३ नागोर बड़ा मन्दिर २२४ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण २२५ ,, For Personal & Private Use Only Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० २२६-२३१] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (२२६) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८० वर्षे माघ वदि ५ गुरु मूलसंघे श्रीसरस्वतीगणे भट्टार० कुन्दाचार्यान्वये भट्टारक' 'देवरत्न उपदेशात् ...... सोदागरे सु० पाल्हानीदे ऊ भ्रा० सार... 'महीपा भदू श्रीसंभवनाथबिंबं प्रतिष्ठितं....। (२२७) श्रादिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८० वर्षे फा० सु० १० बुधे उ० [गलीया गोत्रे सा० वीरा पु० सींहाकेन श्रीआदिनाथबिंबं स्वश्रेयसे श्रीसन्डेरगच्छे प्रतिष्ठि० श्रीशान्तिसूरिभिः॥ - (२२८) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १४८० वर्षे सुदि १० सोमे श्रीकोरंटकीयगच्छे प्राग्वाटज्ञातौ ठ० मांजा सुत पर्वत भार्या वइजणकु सुत ठ० नाथाकेन पित्रोः श्रेयसे श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्टितं श्रीनन्नसूरिपट्टे श्रीककसूरिभिः ॥ ( २२६ ) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १४८१ वर्षे वैशाख वदि ११ श्रे. भ्रा० आल्हा पु० खेता सधारण सारंग। श्रीपार्श्वनाथबिंवं का० पूर्वजनि० प्र० आत्मश्रे० उपकेशगच्छे कु० संता- प्रतिष्ठितं श्रीसिद्धसूरिभिः ।। (२३०) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८१ वर्षे वैशाख शु०३ रवौ रेखाणीगोत्रे सा० वीजल भार्या विजयश्री पु० बानु पितृ-मातृ-श्रेयोर्थं श्रीअजितनाथबिंबं प्र० धर्मघोष० प्रतिष्ठितं श्रीजयशेखरसूरिभिः ।। (२३१) पद्मप्रभः सं० १४८१ वर्षे माघ सुदि ३ सोमे उसवालज्ञातीय भरटाणा गोत्रे...' 'सं० पुत्र डालू श्रीपद्मप्रभबिंब कारितं प्रतिष्ठितं आत्मश्रेयसे श्रीगुणदवसूरिभिः ॥ २२६ साँगानेर महावीर मन्दिर २२७ मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर २२८ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर २२६ हिन्डोन श्रेयांसनाथ मन्दिर २३० अजमेर संभवनाथ मन्दिर २३१ टोडारायसिंह नेमिनाथ मन्दिर. पाषाण For Personal & Private Use Only Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३६ ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [२३२-२३७ (२३२ ) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४८१ माघ सु० १० प्राग्वाटज्ञा० लाखा भा० सुल्वी सुत सा० मोकलेन स्वश्रेयसे जा० श्रीपद्मप्रभबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः (२३३ ) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८२ वर्षे बैशाख वदि ८ रवौ उपकेशज्ञातीय नाहर गोत्रे सा० जसद भा० जसमादे सु० रणसीहकेन आत्मपुण्यार्थं श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीपद्मशेखरसूरिभिः ॥ (२३४ ) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः । सं० १४८२ व० वैशाख वदि ८ रवौ मंडोवरागोत्रे सा० गुणराज पु० पाउधा भा० उमादे पु० करणीसी समधर साधाकेन आत्मपुण्यार्थ श्रीमुनिसुव्रतनाथबिंब का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीपद्मशेखरसूरिभिः । ( २३५ ) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८२ ज्येष्ठ वदि ५ ऊकेशज्ञातीय सं० देवराज भ्रातृ हेमराज भा०। हेमादे सुत ऊदा भा। आल्हणदेव्या श्रेयो) कारितं श्रीकुन्थुनाथबिंबं । प्रतिष्ठितं श्रीसोमसुन्दरसरिभिः (२३६ ) अरनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८२ वर्षे फागुण सुदि ३ रवौ लोढागोत्रे सा० सुयश-पुत्रेण सा० खेता..." श्रीअरनाथ-कारितं प्र० भट्टारिक श्रीहेमहंसस रिभिः ।। (२३७ ) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थी सं० १४८२ फा० शु० १५ प्राग्वा० सा० खेता सुत सा० राणा भा० रयणादे सुत सा० जयता भा० वाझणदे पुत्र० सं० मोडाकेन भा० जाणी मांजू सुत सांगा कुंरपाल बांधव सं० कर्मसी सुत नरसिंह भग्नी (भगिनी) नयणू प्रमुखकुटुम्बसहितेन निजपूर्वजस्वश्रेयसे ।। समाधिप्राप्तये च । सं० १४८२ श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपापचे श्रीभहारक श्रीदेवसुन्दरसूरि-शिष्य-श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः मंगलमिति । २३२ अजमेर विमलनाथ मन्दिर. केसरगंज २३३ सांगानेर महावीर मन्दिर २३४ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर २३५ करमदी आदिनाथ मन्दिर २३६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर २३७ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० २३८-२४३] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( ३७ ) (२३८) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः ___ सं० १४८३ वर्षे वैशाख वदि ११ बुधे श्रीमालज्ञातीय सा० करणा भार्या करमलदे सुत साह नरवद भा० अमकू सुत भीमसिंह-खेताभ्यां मातृ-पितृ श्रेयोथै श्रीचन्द्रप्रभबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । (२३६ ) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८३ वर्षे वैशाख शु० ५ गुरौ चंडालियागोत्रे सा० ईसर पुत्र साह ठाकुर पु० शिवरीजन (?) भोजा श्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्र० मलधारी श्रीविद्यासागरसूरिभिः ॥ (२४०) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४८३ वर्षे वैशाख सुदि ५ गुरुवारे लोढागोो सा० वीरा पुत्र सा० चाउकेन निजजनकनिमित्तं श्रीशीतलनाथप्रतिमा-कारिता प्र० तपा भ० श्रीहेमहंससूरिभिः ।। (२४१) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १४८३ वर्षे वैशाख शुदि ३ भौमदिने श्रोसवालज्ञातीय डागीयगोचे सा० तोल्हा भा० तिहुणश्री पु० सोमा आत्मपुण्यार्थे श्रीआदिनाथबिंबं का० प्र० कृष्णर्षिगच्छे तपापक्षे पुण्यप्रभसूरिपट्टे श्रीजयसिंहसूरिभिः । (२४२) अम्बिकामूर्तिः ॥सं० १४८३ वर्षे वै० शु० ५ दिने प्राग्वाटज्ञाति सा० अभयपाल भा० अहिव दे सु० सा० रामसिंहेन भा० लली पुत्र सा० आसड अखयराज श्राम्बदत्तादि-कुटुम्बयुतेन श्रेयसे आबकामूर्तिः का० प्रतिष्ठिता श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ॥ (२४३) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८३ वर्षे वैशाख सुदि. 'उप० सुराणागोत्रे सा० लखमण पु० भोला भा० माणिकदे पु० सा० साढाकेन श्रीशान्तिबिंबं का० प्र० धर्मघोषगच्छे श्रीमलयचन्द्रसरिप० श्रीपद्मशेखरसूरिभिः २३८ अजबगढ़ बड़ा मन्दिर २३६ किसनगढ़ चिन्तामणिपार्श्वनाथ मन्दिर २४० कोटा खरतरग० आदिनाथ मन्दिर २४१ जयपुर पंचायती मन्दिर २४२ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर २४३ सांगानेर महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३८ ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [२४४-२४६ (२४४) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १४८३ वर्षे मागसिर सुदि ५ सोमे । उच्छवालगोत्रे सा० तोल्हा भा० त्रिपुरादे पु० डामरेण भ्रात जसा तोल्हणयुतेन स्वपितृ-मातृश्रेयसे श्रीपद्मप्रभबिंब का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीमहीतिलकसूरिभिः ।। ___ (२४५) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः __ सं० १४८३ वर्षे माघ वदि ५ सोमे श्रे० वीरा भा० सोहिणदे सुत मांडण भा० पीलादे सहितेन पुत्र दीना... 'श्रीवासुपूज्यबिंब का० प्र० श्रीजीरापल्लीयगच्छे श्रीसालिभद्रसूरिभिः . (२४६) महावीर-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १४८३ वर्षे माघ सुदि ३ दिने प्राग्वाटज्ञातीय श्रे० सुहडा भार्या भावल सुतया जासुनाम्ना निजश्रेयसे श्रीमहावीरविंबं कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः॥ (२४७) शीतलनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १४८४ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनिवारे च्यंडाल्यागोत्रो सा० खेता पुत्र सा० भूरा सा० धामा शीतलनाथबिंब काराषितं मातृ-पितृश्रेयसे प्रतिष्टितं श्रीविद्यासागरसूरिभ्यः छत्र । श्रीः ॥ (२४८ ) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ ॐ ।। सं० १४८४ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनिवासरे चंडालीया गोत्रे सा० गोसल भार्या गुणसिरि पुत्र सीहा कवरा श्रीकुंथ ( थु ) नाथबिंब कारापितं प्र० श्रीमलधारि० श्रीविद्यासागरसूरिभिः । शुभंभूयात् (२४६ ) सुपार्श्वनाथ-चतुर्विशतिपट्टः ॥सं० १४८४ वर्षे वै० शु० ११ रवौ श्रीश्रीमालज्ञा० श्रे० पांपच भा० प्रिमलदेवि सुत सं० सुहाकेन भार्या द्वौ-सोहगदेवि मेलू सुत पूनादि कुटुम्ब युते स्वश्रेयोऽर्थ कारितं । अनागत चउवीसी श्रीसुपार्श्व प्रमुखचतुर्विंशतिपट्टकः प्रतिष्ठितं श्रीचैत्रगच्छे श्रीपुण्यदेवसूरिणा पट्टे श्रीजिनदेवसूरिभिः ।। श्रीमुढागपुरग्रामे ॥ मिती । ३ २४४ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर २४५ साथां पार्श्वनाथ मन्दिर २४६ सांगानेर महावीर मन्दिर २४७ जयपुर पंचायती मन्दिर २४८ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर २४६ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० २५०-२५५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (३६) (२५० ) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४८४ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १५ दिने श्रीप्राग्वंशे सा० देपा भार्या देऊ पुत्र धरणाकेन भात करणा । खेता पुत्र टाला परिवारसहितेन स्वपुण्यार्थ कारितं श्रीअजितबिंब प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः।। __ (२५१) महावीरः ॥सं० १४८४ वर्षे माघ सुदि ५ दिने भ० भादा भार्या चाहिमदे पुत्र भ०धरमा भार्या 'सुत कान्हा श्रावकैः पुत्रादिपरिवारसहितैः स्वपुण्यार्थ कारितं श्रीमहावीरबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीजिनभद्रसूरिभिः ॥ (२५२) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थाः ।। सं० १४८४ वर्षे माघ सुदि ५ सोमे... 'पुत्रेण ... 'श्रीसुविधिबिंबं का० प्र० तपा-श्रीहेमहंससूरिभिः ।। (२५३) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४८५ वर्षे वैशाख सुदि ३ उप० ज्ञातीय व्य० देवसीह भा० देवलदे पु० खेढाकेन भा० कर्मादे युतेन भ्रातृ माला निमित्तं श्रीधर्मनाथबिंबं का० प्र० मडाहडगच्छे रत्नपुरीय भ० श्रीधर्मचन्द्रसूरिभिः॥ (२५४) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः सं० १४८५ वर्षे ज्येष्ठ वदि , उपकेशज्ञा० बप्पणागोगे सा० देल्हा भा० देल्हणदे पु० नाथू भा० माल्ही पु० माणिकन श्रीवासुपूज्यबिंब का० पूर्व० पुण्यार्थं श्रा० श्रे० श्रीउपकेश कुक० प्र०श्री सिद्धसूरिभिः । (२५५) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः सं०१४८५ ज्ये० सुदि ५ उप०"लेतीयागोत्रे सा० पूनसीह पु० मेवा भा० मायेअरि पुत्र हेमा भा० हीरादे पु० नरराज जसधन ....श्रीवासुपूज्यविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीशान्तिसूरिपट्टे श्रीयशोदेवसूरिभिः २५० धामनोद ऋषभदेव मन्दिर २५१ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण २५२ जयपुर पार्श्वनाथ मन्दिर. श्रीमालों की दादावाड़ी २५३ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर २५४ किसनगढ़ खरतरगच्छीय उपाश्रय २५५ सांगानेर महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [२५६-२६१ (२५६) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४८५ वर्षे माय सुदि १४ बुधे लिगागोत्रे सं० माला सांगू सुतेन सं० जिल्हाकेन निजपित्रोः श्रेयोर्थ श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीहेमहंससूरिभिः ॥ (२५७) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः __ संवत् १४८६ वर्षे वै० शु०१३ सोमे दूगड़गोत्रे मं० डीडा पु० वील्हाकेन निजश्रेयसे श्रीअजितनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं बृहद्गच्छे श्रीमुनीश्वरसूरिपट्टधरैः श्रीरत्नप्रभसूरिभिः ।। (२५८) महावीरः ॥ ॐ ।। सं० १४८६ वर्षे ज्येष्ठ वदि ५ शुक्र श्रीमालज्ञातीय सा० पदमा सुत गुणराज पुण्यार्थ श्रीमहावीरविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छेश श्रीजिनवर्धनसूरिप? श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। श्रीः ।। (२५६) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८६ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १३ सोमे श्रीनागूणागोने सोमलशाखायां सा० वीरपाल जेसा........."नमिनाथविवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहद्गच्छे श्रीमुनीश्वरसूरिपट्टे श्रीचन्द्रप्रभसूरिभिः ।। (२६०) आदिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥ ॐ ॥ संवत् १४८६ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १३ सोमवासरे जाइलवाल पवित्रगोत्रे सङ्घवी छीहल पुत्र सं० जेजा भा० जसमार्या पु० बाहडसहितेन आत्मश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीमहीतिलकसूरिभिः ॥ (२६१) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४८६ वर्षे माह सुदि १ शनौ पल्लीगच्छे उप० ज्ञा० जोजारागो० सा० उदा पु० गोला भा० गुणसिरि सु० वीजाकेन श्रीशान्तिनाथबिंब का० प्र० श्रीयशोदेवसूरिभिः ॥ २५६ अजमेर संभवनाथ मन्दिर २५७ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर २५८ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण २५६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर २६० जयपुर नया मन्दिर - २६१ सांगानेर महावीर मन्दिर - For Personal & Private Use Only Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० २६२-२६७ ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: (२६२) पार्श्वनाथ पञ्चतीर्थीः . सं० १४८६ वर्षे माघ शु० ५ गुरौ उ० ज्ञा० बलाहडीयागो० सा० मनां भा० मावित्री पु० देवण भा० देवत्री पु० समधर-धर्माभ्यां पूर्वजनि० श्री पार्श्वनाथवित्रं का० प्र० श्रीपल्लिगच्छे श्रीयशोदेवसूरिभिः ( ४१ ) (२६३) मुनिसुव्रत - पञ्चतीर्थीः || ॐ || सं० १४८६ वर्षे माघ सु० ११ शनौ श्रीखंडेरकीयगच्छे उपकेशज्ञाः गूगलियागोत्रे सा० महरण पु० पोना पु० नेमा पु० नेनाकेन भा० लखी पु० करमा वाल्हासहितेन स्वश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का० प्रतिष्ठितं श्रीशान्तिसूरिभिः || शुभंभूयात् ॥ श्री । (२६४) चिन्तामणिपट्ट: सं० १४८६ मा सु० ११ भ० भादा पु० कान्हाकेन चिंतामणिपट्टकारितं प्र० मुनिरकसार (२६५) विमलनाथ पञ्चतीर्थीः संवत् १४८० वर्षे वैशाख सुदि ३ ससे श्रीमाल श्रेष्ठ साजन भा० रूपिणि सुत अर्जन भीमा भा० साइ सु० कान्हा सा० ऊ वाल्हा भार्या मनि सुतहरा भीमा पितृश्रेयसे श्रीविमलनाथविंद कारितं प्र० संडेरगच्छे श्रीरत्नप्रभसूरिमुपदेशेन श्रीशुभमस्तु || (२६६) वासुपूज्य- पञ्चतीर्थीः सं० १४८७ वर्षे सा० यदि ५ रवौ खाटडागोत्रे सा० लीला पु० हेमसीह भार्या हेमश्री पु० सा० हेमराजेन पित्रोः श्रे० श्रीवासुपूज्यबिंबं का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीपद्माशेखर रिसृभिः । (२६७) अरनाथ पञ्चतीर्थीः ।। सं० १४८७ वर्षे मार्गसिर सुदि ५ दुसाझगोत्रे सा० रतन भा० रतनसिरि पुत्राभ्यां गोविंद खीमराजाभ्यां पित्रोः श्रेयसे श्रीअरनाथविबं कारितं० प्र० श्रीमलवारिगच्छे श्रीविद्यासागर सूरिभिः ।। २६२ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर २६३ अजमेर विमलनाथ मन्दिर. केसरगञ्ज २६४ किसनगढ़ खरतरगच्छीय उपाश्रय २६५ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर २६६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर २६७ मालपुरा मुनिसत्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४२ ) प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (२६८) अजितनाथ: सु० ५ प्राग्वाटज्ञातीय 'भार्या कामलदे ॥ सं० २४८७ वर्षे पोष सुत सा धनाकेन भार्या माल्ही सुत पदमा गोपालादि युतेन श्रष्टापदावतारार्थ स्व- चतुर्विंशति अजितनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपा श्री सोमसुन्दरसूरिभिः ॥ [ २६८-२७३ (२६६) वासुपूज्य - पचतीर्थीः सं० १४८७ वर्षे माह वदि ६ भोमे उपकेश सा० मण्डन भा० माल्हरणदे पुत्र तिहुणा तोडा भा० पूरि पु० सहजा सहि० पितृनि० श्रीवासुपूज्यबिं० का० प्र० श्रीवृ० भ० श्रीधर्मसिंहसूरिभिः || (२७०) मल्लिनाथ: संवत् १४८८ वर्षे वैशाख सुदि ७ शनौ श्रीश्रीमाल भट्टा राना भार्या भावलदे डूंगर चाचा पाणीरुद्रवा मातुः श्रेयोर्थ श्रीमल्लिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः || (२७१) आदिनाथ पञ्चतीर्थीः संवत् १४८८ वर्षे श्राषाढ सुदि सोजा भार्या पुजल सुत वीमाकेन मातृश्रेयोर्थ श्री आदिनाथ कारितं प्र० श्रीदेवगुप्तसूरिभिः (२७२) विमलनाथ- पचतीर्थी: सं० १४ वर्षे पोष सुदि १२ शनौ उकेशज्ञातौ चिंचटगोत्रे वंसटान्वये सा० दादू भा० श्रणुपमदे पु० सवतीर भा० हेतु पु० देवा श्रीवंताभ्यांपित्रोः श्रेयसे श्रीविमलनाथबिंबं का० प्र० श्रीउकेशगच्छे ककुदाचार्यसन्ताने श्री श्रीसिद्धसूरिभिः (२७३) पार्श्वनाथ: ॥ संवत् १४८८ वर्षे प्राग्वाट सा० काडाकेन सेठा श्रेयोर्य श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः २६८ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर पाषाण २६६ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर २७० गागरडू आदिनाथ मन्दिर २७१ बूँदी पार्श्वनाथ मन्दिर २७२ अजमेर सम्भवनाथ मन्दिर २७३ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण For Personal & Private Use Only Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० २७४-२७८] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( ४३ ) (२७४) महावीर-पञ्चतीर्थीः सं० १४८६ वर्षे आषाढ वदि ६ सीखनोगोत्रे सा० हरपाल पु० सा० नला.... 'केन पित्रोः श्रेयसे श्रीमहावीरबिंबं का० प्र० श्रीधर्मसूरिपट्टे श्रीगुणभद्रसूरिभिः (२७५) 'नाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४८६ वर्षे आषाढ सु० १ बुधवारे उपकेशन्यातीय श्रीनाह (र) गोत्रे श्री भार्या बालू... 'नाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनराजसूरिभिः (२७६) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॐ॥ सं० १४८९ माघ सुदि १३ दिने श्रीऊकेशवंशे सा० सिवा पुत्र पहिराजेन भ्रातृ मेधादि-युतेन श्रीपद्मप्रभबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः ।। (२७७) आदिनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १४६० वर्षे वैशाख वदि ६ उपकेशज्ञा० कनउजगोत्रे सा० सोना भा० सोनलदे द्विप० पूजी पु० गांगा भा० धानी श्रीआदिनाथबिंबं का० आत्मश्रे० पुण्या० श्रीखरतरगच्छे प्रतिष्ठितं श्रीजिनभद्रसूरिभिः ।। (२७८) पद्मप्रभु-चतुर्विंशतिपट्टः सं० १४६० वै० शु० ६ शनौ श्रीमूलसंघे नंदीसंघे बलात्कारगणे सरस्वतीगच्छे श्रीकुन्दकुन्दाचार्यान्वये भट्टारक श्रीपद्मनन्दिदेवा ।। तत्पट्टे श्रीसकलकीर्तिदेवाः उत्तरसुरगोत्रे ह० ज्ञातीय ठ० आसपाल भा० शाणी सुत अजाकेन भ्रातृ वीजा भा० नानू सुत समंधर भा० मेधू सुत विरु आदिकुटुम्बयुतेन श्रीपद्मप्रभुचतुर्विंशतिपट्टः कारापितः तं च सदा प्रणमति सकुटुम्ब ॥ २७४ रतलाम मोतीसा का मन्दिर २७५ सांगानेर महावीर मन्दिर २७६ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर २७७ जडाउ पार्श्वनाथ देरासर २७८ अजमेर सम्भवनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४४ ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [२७६-२८३ (२७६) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४६० वर्षे वैशाख सुदि । शनौ श्रीकाष्ठासंघे नंदीतटगणे श्रीलखमसेन प्र० श्रीनरसिंघज्ञातीय संपडियागोत्रे सा० राणा भा० धरणी पु० हेमा खेता महिमा भा० गांगी भा० खेता भा० राणी युताभ्यां श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं स यत्महित प्राचन्द्रार्क नंद्यात् ।। (२८०) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६० वर्ष माह मुदि पक्षे श्रीउसवंशे कच्छगज्ञातीय सा० अजीआ सुत जेसा भार्या जासू सुत्र पोमा सारंगादिभिः श्रीअंचलगच्छेश श्रीजयकेशरिसूरीणामुपदेशेन श्रीचन्द्रप्रभबिंब कारित प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः (२८१) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १४६० वर्षे माह सुदि ५ दिने श्रीउसवंशे सा० पेथा पुत्र सा० वील्हाकेन पितुःश्रेयसे श्रीअंचलगच्छेश श्रीजयकान्तिसूरिणामुपदेशात् श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं (२८२) सुविधिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥सं० १४६० वर्षे फा० सु० ६ जाइलवालगोत्रे सा० शिखर पुत्राभ्यां सा० संग्रामसी-धनाभ्यां निज भातृ साह्रीश्रेयो० निमित्तं श्रीसुविधिनाथचतुर्विंशतिपट्टः कारितः । प्रतिष्ठितः तपा० भ० श्रीपूर्णचन्द्रसूरिपट्टे भट्टारक श्रीहेमहंससूरिभिः ।। श्रीशुभंभवतु ।। १ (२८३) सुपार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६१ आषा० वदि ७ श्रीश्रीमालवंशे वडलीवास्तव्य सं० सांडा भा० कामलदे पुत्र सं० मन्ना भा० रत्नादे पुत्राभ्यां सं० समधर सं० सालिग आभ्यां भा० राजू सुत साधू सुत सिंघा माणिक रत्ना प्रमुखकुटुम्बसहिताभ्यां श्रीसुपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छाधिराजैः श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः शुभंभवतु कल्याणमस्तु ।। २७६ जयपुर पार्श्वचन्द्रग ० उपाश्रय २८० नागोर बड़ा मन्दिर २८१ सांगानेर महावीर मंदिर २८२ नागोर शान्तिनाथ मन्दिर २८३ जयपुर सुमतिनाथमन्दिर For Personal & Private Use Only Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० २८४-२८६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (२८४) पद्मप्रभः सं० १४६१ माघ सु० ५ उपकेश कलवयीय साधु विजयपाल सुत सा० पाल्हा भा० मीयसा .... श्रीपद्मप्रभविंबं का० प्र० श्रीसोमसुन्दर- . सूरिभिः॥ (२८५) अजितनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १४६१ वर्षे माघ सुदि ५ बुधे ऊकेशवंशे रांकागोत्रे सा० राणा सुत सा० नगराज भार्या सापू तत्पुत्र सा० नरसा वरसाभ्यां । निजपुण्यार्थ श्रीअजितनाथबिंब कारित प्रतिष्टितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिपट्टे श्रीजिनसुन्दरसूरिभिः ॥ __ (२८६) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः । ॥ॐ ।। संवत् १४६१ वर्षे माघ सुदि ५ बुधवारे ऊकेशवंशे लोढागोत्रे सा० मोक्षसी भार्या भोली पुत्र सा० पर्वतकेन सपरिवारेण निजपितृपुण्यार्थ श्रीपार्श्वनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिपट्टे श्रीजिनसागरसूरिभिः ।। शुभंभूयात् ॥ छ । । (२८७) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४६१ वर्षे ज्येष्ठ वदि ५ शुक्र ऊकेशज्ञातौ लालणगोत्रे श्रे। डूंगर भार्या पूरी पुत्र सोभाकेन भार्या भीमणा युक्तेन श्रीअंचलगच्छेश्वर श्रीजयकीर्तिसूरीणामुपदेशेन स्वश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठित श्रीसंघेन । श्री (२८८) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः . सं० १४६२ वर्षे चैत्र वदि ५ शुक्र सा० पेथा भा० रटू पु० नरसिंघ भा० राखलणदे पितुश्रेयसे श्रीश्रेयांसबिंबं कारितं गूदा प्रति० श्रीसर (सूर)प्रभसूरिभिः॥ (२८६) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४६२ वैशा० सुदि ३ गुरु श्रीकोरं (ट) कीयगच्छे उ० ज्ञातीय पोसालियागोत्रे सा० भाला सा० वारी पुत्र लोला मातृ-पितृश्रेयसे श्रीश्रेयांसबिंबं लोलाकेन कारा० प्र० श्रीसावदेवसूरिभिः । २८४ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर, पाषाण २८५ जूनी २८६ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर २८७ रतलाम मोतीसा का मन्दिर २८८ चाडसू शान्तिनाथ मन्दिर २८६ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर emnational For Personal & Private Use Only Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४६) प्रतिष्ठा-लेख-सग्रहः [ २६०-२६६ - (२६०) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६२ आषाढ व० ५ मझेडीवास्तव्य श्रीमालज्ञा० ठ० कान्हा भा० कामलदे। (२६१) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४६२ वर्षे मागशिर वदि ४ गुरुवार श्रीउपकेशवंशे लूसङगोत्रे सा० देवराज भा० देवश्रिया पु० सा० बाहडेन आत्मश्रेयोर्थ श्रीविमलनाथबिंब कारापितं प्रतिष्टितं श्रीधर्म घोषच्छे भ० श्रीपद्मशेखरसूरिभिः ॥ (२६२) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४६३ वर्षे वैसाख सुदि ३ सोमे उपकेशज्ञातौ बांभगोत्रौ सं० देपाल सुत सं० बोहिथ पु० सं० नानिग भा० नयणादेवि पुत्र सा० मूगाकेन आत्मश्रेयोर्थं श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीश्रीहेमहंससूरिभिः ।। __ (२६३) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १४६३ वर्षे वैशाख सुदि ३ सोमे उकेशज्ञातीय सा० टाहा भा० कर्मादे पुत्र पेथा भा० अणुपमदे सहितेनात्मश्रेयसे श्रीवासुपूज्यबिंबं का० प्र० श्रीअमरचन्द्रसूरिभिः ।। (२६४) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६३ वैशाख सुदि ५ उप० ज्ञा० आदित्यनागगोत्र। सा० पदमा पु० षेढा भा० पूजी पुत्र खीमान श्रीश्रेयांसनाथबिंब का० श्रीउपकेशगच्छे कुक० प्र० श्रीसिद्धसूरिभिः ॥ - (२६५) महावीर-पञ्चतीर्थीः संवत् १४६३ वर्षे वैशाख सुदि । सोमे प्रा० ज्ञा० डोंडिलावाल व्य० देदा भा० हांसी पु० हेमाकेन भा० हांसू सहितेन स्वश्रेयसे श्रीमहावीरबिंबं कारितं । (२६६) पञ्चतीर्थीः संवत् १४६३ वर्षे माह सुदि ५ शुक्र उकेशज्ञातीय जेला भार्या अमरी पुत्र मेला मातृ-पितृश्रेयोर्थ श्रीअञ्चलगच्छे श्रीजयकीर्तिसूरिउपदेशेन......... २६० मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर २६१ अजमेर संभवनाथ मन्दिर २६२ आंतरसूबा वासुपूज्य मन्दिर २६३ नागोर बड़ा मन्दिर २६४ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर २६५ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर २६६ भिनाय महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० २६७-३०२] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( ४७ ) ___ (२६७) पञ्चतीर्थीः सं० १४६३ वर्षे माघ शुक्ल'....... ....... 'प्रतिष्ठितं पल्लीगच्छे श्रीहरिभद्रसूरिभिः॥ (२६८) महावीर-पञ्चतीर्थीः ॥ॐ ॥ सं० १४६३ वर्षे फागुण वदि १ दिने श्रीवीरबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीजिनभद्रसूरिभिः उकेशवंशे सा० बाहड पुत्र पूजाकेन कारित। ___ (२६६) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १४६३ वर्षे फागु० व०१ उपकेशज्ञातौ। रांकागोत्र।सा० गोवल भा० विक्की पु० हीराकेन। पित्रोःश्रेयसे । श्रीश्रेयांसबिवं कारितं । प्र० उपकेशगच्छे ककुदाचार्यसन्ताने श्रीश्रीसिद्धसूरिभिः ।। (३००) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः __ संवत् १४६३ वर्षे फाल्गुन वदि १ दिने बुधवारे श्रीविमलनाथबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनराजसूरिपट्टालङ्कार श्रीजिनभद्रसूरिभिः ॥ ऊकेशवशे डागागोत्रे सा० महणासन्ताने सा० कुउरपाल पुत्र सा० सादा सुश्रावकेण पुत्र वरसिंघ तत्पुत्र सा० मेघराजसहितेन द्वितीयपुत्र महिपाल जननी जनकू-पुण्यार्थ कारितं ।। श्रीः ।। (३०१) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६४ वर्षे माह सुदि ५ शुक्र श्रीनाणकीयगच्छे उ० शीवेरागोष्ठिक सा० मोहण भा० मोहणदे पुत्र डूंगर भा० सोहग आत्मपुण्यार्थं श्रीआदिनाथबिंबं का० प्र० श्रीशान्तिसूरिभिः ।। _(३०२) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः १४६४ वर्षे माघ सु०५ दिने प्रा० सा० कडुआ भार्या चारू सुत सा० देवराज धनराज पूजा मुता हर्षुभिः स्वश्रेयसे श्रीऋषभदेवबिंबं का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ॥ २६७ जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर २६८ नागोर बड़ा मन्दिर २६६ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३०० कोटा सेठजी का घर देरासर ३०१ नागोर बड़ा मन्दिर ३०२ सिरोही अजितनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [३०३-३०८ . (३०३) वासुपूज्य-पञ्चतीथ: ॥ ॐ ।। सं० १४६४ वर्षे माह सु० ११ गुरौ उ० ज्ञा० नगडियाणा जयता पु० लाखा पु० हरिचन्द भा० भीति'... ' 'पु० गोसल राजा-सहितेन पूर्वजपुण्यार्थं श्रेयसे श्रीश्रीवासुपूज्यबिंबं का० प्र० श्रीसंडेरगच्छे श्रीयशोभद्रसूरिपट्टे भ० श्रीशान्तिसूरिभिः ।। शुभंभूयात् ।। (३०४) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १४६४ वर्षे माह सुदि ११ गुरौ श्रीसंडेरगच्छे उ० ज्ञा० संलवाडिगोष्ठिक सा० सुरत्राण पु० धर्मा भा० धर्मसिरि पु० वीसलेन भा० कान्हू पु० नापा नाल्हा सपित्रोः श्रेयसे श्रीश्रेयांसबिं० का प्र० श्रीशान्तिसूरिभिः शुभम् ।। (३०५) श्रेयांसनाथः सं० १४६४ फा०व०५ प्राग्वाट सं० भाखर धरमादे पुत्र नन्दी भा० सरतू पुत्र पद्माकेन निजसावण सादि-कुटुम्बयुतेन श्रीश्रेयांसबिंबं का०प्र० श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।। श्रीः ॥ (३०६) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६४ वर्षे फागुण वदि ४"श० दिने चू० भूग्णा भा० भावलदे ....... 'स्मादे 'भ्रातृ लाला मेघा ठाकुर प्रभृति-सहितेन श्रीसुविधिनाथबिंब कारितं प्र० पूर्णिमापक्षीय श्रीजयप्रभसूरिपट्टे श्रीजयभद्रसूरिभिः (३०७) महावीर-पञ्चतीर्थीः सं० १४६४ वर्षे प्रा० व्य० सरवण भा० सिरि सुत व्य० देपाल वीरा द्वयोर्मध्ये व्य० वीराकेन भा० पूरी पुत्र जिनदास देवराज हेमराजादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयोर्थ श्रीवर्द्ध मानबिंब का० प्र० श्रीतपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।। श्रीः ॥ (३०८) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ____ सं० १४६५ वर्षे ज्येष्ठ वदि १४ बुधवारे । श्रीकोरंटकीयगच्छे नन्नाचार्यसंताने उप० ज्ञा० कांकरियागोत्रे साह कुरा भा० रूडी पुत्र रामाकेन पिता-निमित्तं श्रीशांतिनाथबिंब कारापितं प्रति श्रीसावदेवसूरिभिः । ३०३ भिनाय केसरियानाथ मन्दिर ३०४ जयपुर पंचायती मन्दिर ३०५ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर, पाषाण ३०६ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ३०७ मेड़तारोड़ पार्श्वनाथ मन्दिर ३०८ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ३०६-३१४] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (४६) (३०६) शान्तिनाथः ॐ ॥ सं० १४६५ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ११ बुधे खाहरडागोत्रे श्रीमालज्ञातीय सा० भूपर भार्या जसा पुत्र वाडा भार्या लीलू पुत्र वरसिंघ सा० उदयसिंघ पुण्यार्थ श्रीशान्तिनाथबिंवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीजिनसागरसूरिभिः । (३१० संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६५ ज्येष्ठ सु० १३ ऊकेश सा० बाजा नीति सुत बडुअआकेन भा० देवलदे पुत्र हीरायुतेन श्रीसम्भवनाथबिंब का० प्र० तपा श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः॥ ___ (३११) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६५ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १३ श्रीसंडेरगच्छे उ० ज्ञा० भण्डारीगोत्रे सा० वयासी भा० वयजलदं पु० रामण पु० पुजूकेन पित्रो: श्रे० श्रीसंभवनाथबिंबं का० प्र० श्रीशान्तिसूरिभिः । (३१२) धर्मनाथ: सं० १४६५ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १४ शुक्रबारे उकेशशे नवलक्षगोत्रे सा० सहसा भार्या श्रा० नारिंगदेव्या निजपुण्यार्थ श्रीधर्मनाथविवं कारितं प्र० खरतरग० श्रीजिनसागरसूरिभिः ।। (३१३) मुनिसुव्रत-पञ्जतीर्थीः सं० १४६५ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १४ बुधे ऊकेशवशे साधुशाखामण्डन सा० मंडलिक भा० फदकू सुत सा० डूगर भार्या दूल्हादे पुत्र सा० सोना जीवण निजमातृपण्यार्थ श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का० प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनवर्धनसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरितत्प? श्रीजिनसागरसूरिभिः ।। (३१४) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १४६५ बर्षे आषाढ वदि १३ भौम ओसवालज्ञातीय सा० जेल्हा पु० सा० मेघा भार्या राखीनाम्न्या आत्मपुण्यार्थ श्रीपद्मप्रभनाथबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीकोरंटगच्छे श्रीसावदेवसूरिभिः॥ ३०६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषण ३१० मेड़तासिटी उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर ३११ भिनाय ३१२ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण ३१३ नागोर बड़ा मन्दिर ३१४ जयपुर पंचायती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५० ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [३१५-३२० (३१५) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः सं० १४६६ वर्षे फागुण सुदि ८ बुधे उपकेशज्ञा० व्यव० हापा भा० चांपू पुत्र उधरणकेन भार्या देपुसहितेन स्वश्रेयसे श्रीवासुपूज्यविबं कारितं प्र० बोकडीयागच्छे भ० श्रीधर्मतिलकसू रिभिः ।। (३१६) संभवनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १४६६ वर्षे श्रीमालज्ञाती सं० पोमा भ० सोभाइ सुत सं० देवराज भा० हर्षस्तयोः स्वभर्तृ युतयोः श्रीसंभवबिंबं कारित प्र० तपागच्छेश श्रीश्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।।. (३१७) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः संवत् १४६७ वर्षे चैत्र सुदिऊकेशज्ञातीय डागागोत्रे सा० पेथा भार्या पूरी पुत्र गजा प्रात्मपुण्यार्थ श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंब कारितं प्र. श्रीपूज्य भ० श्रीदेवसुन्दरसूरिपट्टे श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।। (३१८) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १४६७ वर्षे ज्येष्ठ सुदि २ सोमे श्रीसंडेरगच्छे उ० श्रीसाहुलागोत्रे सा० मोहण पु० मग्गा पु० भीमा भा० लाडी पुत्र सेल्हा भा० मोहनी आत्मश्रेयसे श्रीसुमतिनाथविंबं कारि० प्रति० श्रीशान्तिसरिभिः।। __ (३१६) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १४६७ ज्येष्ठ सु० २ श्रीउपकेशगच्छे । रांकागोत्रो। सा० भूणा पु० रूल्हा भा० रयणादि पु० केल्हाकेन श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का० कुक० प्र० श्रीसिद्धसूरिभिः। (३२०) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६७ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ६ उपकेशज्ञा० सुचिंतीगोत्रे सा० सलषा भा० लाई पु० कोचर भा० सुखमादे पु० महीराजेन श्रीसुमतिनाथबिंब स्वपुण्यार्थ श्रीउपकेशगच्छे कुक्क० प्र० श्रीसिद्धसूरिभिः ।। ३१५ नागोर बड़ा मन्दिर ३१६ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ३१७ जयपुर पंचायती मन्दिर ३१८ किसनगढ़ आदिनाथ मंदिर ३१६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ३२० साथां पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ३२१-३२६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (३२१) पार्श्वनाथ-पञ्चती ः - सं० १४६७ जेठ सुदि २ सोमे उ० सांगण भा० अगचे चोहु पु० सं० पासिक पु० लखमा भा० माई पु० केल्हा पोमा केल्हा भा० कोयबादेव्या.... 'माता माई केल्हाभ्यां पितृ-मातृ-श्रे० श्रीपार्श्वबिंबं का० प्र० श्रीचैत्रगच्छे श्रीजयाणंदसूरिपट्टे श्रीमुनितिलकसूरिभिः ॥ (३२२) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १४६७ ज्येष्ठ शुक्ला ७ सोमे लोढागोत्रे सारू पु..... 'भ्रातृ रूपानिमित्तं श्रीकुंथुनाथविवं कारितं प्र० तपागच्छे श्रीपूर्णचन्द्रसूरिपट्ट भ० श्रीहेमहंससूरिभिः ॥ (३२३) आदिनाथः संवत् १४६७ वर्षे माघ सुदि ४ सोमे उपकेशज्ञातीय. . . . . . . श्रीऋषभदेवविबं कारितं. ....... प्रतिष्ठितं तपागच्छे भ० श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः। (३२४) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ___ संवत् १४६७ वर्षे प्राग्वाटज्ञातीय व्य० गीगा भार्या माल्हणदे सुत सोनपाल भार्या सुहागदे सुत वनादि कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीअजितनाथ बिंब कारापितं प्रतिष्टितं श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।। श्रीः ॥ (३२५) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः __ सं० १४६८ वर्षे फागुण वदि १० सोमे उपकेशज्ञातीय वरहडीयागोत्रे सा० पदमसीह भार्या पदमश्री पु. अर्जुन निजमातृपुण्यार्थ श्रीवासुपूज्यबिंवं कारितं प्र० श्रीबृहद्गच्छे भ० मुनीश्वरसूरिपट्टे श्रीरत्नप्रभसूरिभिः ।। (३२६) वासुपूज्य-पश्चतीर्थीः । सं० १४६८ वर्षे फागुण सुदि २ कांकरियागोत्रे सा० मेहण भा० कुमरी पुत्र सा० मेहा-कान्हाभ्यां स्वश्रेयसे श्रीवासुपूज्यबिंब का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीपद्मशेखरसूरिपट्ट श्रीविजयचन्द्रसूरिभिः ।। ३२१ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ३२२ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ३२३ भेंसरोड़गढ़ केसरियानाथ मन्दिर, मूलनायक ३२४ सिरोही अजितनाथ मन्दिर ३२५ चोथका बरवाडा महावीर मन्दिर ३२६ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ५२ ) प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (३२७) पद्मप्रभ - पञ्चतीर्थीः सं० २४६८ वर्षे वैशाख सुदि ५ उपकेशज्ञा० कर्णाटगोगे । सा० रेडू पुत्र धडसीह भा० फलू पु० सावड । तोलाकेन श्रीपद्मप्रभबिंबं का० श्रीउपकेश० कुकदा० प्र० श्रीसिद्धसूरिभिः ॥ (३२८) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थी: ॐ ॥ संवत् १४६६ वर्षे सावरण वदि २ सनिवारे मूल नक्षत्रे लोढा - गोत्रे सा० महणसीह पुत्र सा० पन्ना नेना भार्या मुनी तत्पुत्र सा० खीमराज भ्रातृ करमसिंह निजमातृ-पितृ० पुण्यार्थं श्रीशान्तिनाथबिंबं कारा० प्रति० बृहद्गच्छे श्रीपद्माणंद सूरिभिः ॥ [ ३२७-३३२ (३२६) संभवनाथ- पचतीर्थीः सं० १४६६ माघ सु० ५ प्राग्वाट व्य० धीरा धारलदे पुत्र । भीमा भावलदे सुत व्य० वेला पत्न्या वीरणि नाम्न्या श्रीसंभवबिंबं का० प्र० तपा श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।। श्रीः ॥ (३३०) श्रेयांसनाथ- पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १४६६ माघ सुदि ६ गहिलडागोत्रे सा० फमरु पु० सा० खीमपाल वाजूभ्यां पितुः पुण्यार्थं श्री श्रेयांसबिंबं कारितं प्रतिः श्रीमलधारिगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ॥ श्रीः ॥ (३३१) वासुपूज्य - पञ्चतीर्थीः सं० १४६६ वर्षे माघ शुदि १० शुक्रे श्रीमूलसंघे भ० श्रीपद्मनन्दिन्वये० भ० श्रीसकलकीर्ति त भवनकीर्ति हुम्बडज्ञातीय सा० डूंगर भा० राणी ढाला भा० काउस्तेषां मध्ये सा० डूंगर श्रीवासुपूज्यं नमति । (३३२) संभवनाथ पञ्चतीर्थी: सं० १४६६ वर्षे फागुण वदि २ गुरौ उपकेशज्ञाती० श्रीधरकटगोगे सा० हीरराज प्रसिद्धनाम सा० बगुला पुत्रेण सा० लाखा श्रावकेण भार्या गजसीरी पुत्र वलिराज युतेन श्रीसंभवनाथबिंबं का० प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीरत्नप्रभसूरिभिः || ३२७ जयपुर पंचायती मन्दिर ३२८ बूँदो पार्श्वनाथ मन्दिर ३२६ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ३३० नागोर बड़ा मन्दिर ३३१ भैंसरोड़गढ़ केसरियानाथ मन्दिर ३३२ जयपुर नया मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ३३३-३३८] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (३३३) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १४६६ वर्षे फागुण वदि २ गुरौ उपकेशज्ञातीय वरहडीयागोत्रे सा० गोसल पुत्रेण सा० दुलहत द्वे ० नाम राउलेन भा० हर्षमदे पु० अर्जन सदारङ्ग सहितेन आत्म० श्रीश्रेयांसबिं० का० प्र० बृहद्ग० श्रीरत्नप्रभसूरिभिः॥ (३३४) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १४६६ वर्षे फागुण वदि ४ तिथौ शनिवारे घांघगो सा० अदा पु० देल्हाकेन स्वश्रेयसे श्रीधर्मनाथबिंबं का० प्र० श्रीमलधारिगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ।। (३३५) महावीर-पश्चतीर्थीः ___ संवत् १५०० वर्षे वैशाख सुदि ५ श्रीमालज्ञातीय चिणालीयागोत्रे सा० सेदू भार्या हीरी पुत्र सा० जाटाकेन भार्या प्रा० स्याणी-पुण्यार्थं श्रीमहावीरबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरि-श्रीजिनसागरसूरिभिः चिरनंद्यात् ॥ छ (३३६) महावीर-पञ्चतीर्थीः सं० १४. . . . . . . . . . . . . . 'सोमे वृ............'लाय ठ० नायक मु० महं० छाडा भा० पुजल सु० महं० श्रीपालेन स्वश्रेयसे श्रीमहाबीरबिंबं का० प्रति० श्रीजयमङ्गलसूरिशिष्यैः अमरचन्द्रसूरिभिः ॥ (३३७) श्रीअनिलस्वामीमू........."श्रीजिनभद्रसूरिभिः वेदी पर (सिंहासनस्थ) अर्पणकरनार नाजिम गुलाबचन्द ढढा की मासा सेठाणी रामकंवर बाई कार्तिक शुक्ल १५ संवत् १९६२ __(३३८ ) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०१ वर्षे वैशाख सु० ३ शनौ ठ० इटोदियागोत्रे सा० धाना भा० खीमसिरि पु० कर्माकेन भ्रा० तोल्हा तेजा युतेन पितृमातृश्रेयसे श्रीअजितनाथबिंब का० श्रीचैत्रगच्छे श्रीलक्ष्मीप्रभसूरिपट्टे प्र० श्रीसीलचंदसूरिभिः ३३३ गागरडू आदिनाथ मन्दिर ३३४ कोटा खरतरग० आदिनाथ मन्दिर ३३५ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ३३६ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ३३७ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर मूलनायक ३३८ डग पद्मप्रभ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [३३६-३४४ (३३६) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५०१ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १० रवौ उ० ज्ञा० व्य० रेडा भा० नायकदे पु० तोला भा० तारादे पु० इसर विमल यु० पितुः श्रेयसे श्रीवासुपूज्यबिंबं का० प्र० मडाहडगच्छे रत्नपुरीय भ० श्रीधर्मचन्द्रसूरिभिः __(३४०) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०१ वर्षे आषाढ सुदि : दिने उकेशवंशे करमदीयागोत्रे सा० वील्हा तत्पुत्र लाखा वाल्हा वाछा प्रमुखसपरिवारेण श्रीसुविधिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीमत् श्रीजिनसागरसूरि-शिरोमणिभिः ॥ शुभम् ॥ (३४१) कुन्थुनाथः सं० १५०१ मा० ५० १ प्रा० श्रे० हीरा भा० करमी सुत अर्जुन का० कुन्थुनाथ (३४२) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५०१ वर्षे माह सुदि ५ उपकेशज्ञातीय प्राह्मचागोत्रे सा० मोहण ... 'पाल तत्पुत्र सा० ऊदपाल तत्पुत्र सा० सिंघराजेन आत्मपुण्यार्थ श्रीशान्तिनाथबिंब कारापितं श्रीभावडारगच्छे भ० श्रीविजयसिंघसूरिपट्टे प्रतिष्ठितं श्रीवीरसूरिभिः ।। (३४३) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५०१ वर्षे माह सुदि ५ बुधे कूकड़ागोत्रे सा० राजा भार्या रयणादे पु० नयणाकेन आत्मपुण्यार्थं श्रीअजितनाथबिंब कारितं प्र० उपकेशगच्छे श्रीककुदा० श्रीकक्कसूरिभिः ॥१ __(३४४) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५०१ वर्षे माह सुदि ६ गुरौ उपकेशज्ञातौ सुचिंतीगोत्रे साह मुंजाल भार्या मुक्तादे पुत्र वीदा भार्या विमलादे पुत्र शिवा सायर परबत सहितेन आत्मश्रेयोथै श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिंबं कारितं श्रीउपकेशगच्छे श्रीककुदाचार्यसन्ताने श्रीकक (क्क) सूरिभिः ॥ ३३६ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३४० नागोर बड़ा मन्दिर ३४१ नागोला कुन्थुनाथ मन्दिर. मूलनायक ३४२ मुडावा पार्श्वनाथ मन्दिर ३४३ जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर. घाट ३४४ मन्दसौर For Personal & Private Use Only Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ३४५ - ३४६ ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: (३४५) सुविधिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० २५०१ वर्षे माह सुदि १० सोमे उपकेश० छोहरागोत्रे साह नेतसी पुत्र सोना भार्या नइासिरी पुत्र तेजा भार्या पाल्हू पुत्र हांसाकेन पारस श्रेयसे आत्मश्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंबं का बृहद्गच्छे प्रतिष्ठितं श्रीमुनि देवसूरिभिः ॥ (३४६) चन्द्रप्रभ - चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५०१ माह । सुदि १० सोमे उप० ज्ञा० काठडगोत्रे मना भा० विज्जू पु० हरिचंद भा० राणू पुत्र चापड़ चावन चांपड भा० भामसी नरसी सा० समसीरी भाउ हेमसिरि पु० नवरंग नरपति विजमलनाक पु० पूना रामा पूबा बोदू नरपति भा० वा श्रीचन्द्रप्रभबिंबं कारापितं चित्रावात गच्छे श्री सुमतिसूरिभिः गुणाकर सूरिभिः ॥ ( ५५ ) (३४७) नमिनाथ- पश्र्चतीर्थीः ।। सं० २५०१ वर्षे मात्र सु १० चं० उ० ज्ञा० सांवरशाखायां टपगो० दुलालडके (?) सा० क्षीमा भा० जेसी पु० देवा सिवा देल्हा धाना गोदा लांवा वस्ताद बाँधवेन कुटुम्ब पितृ-मातृपुण्यार्थ श्रीनमिनाथबिं० का० प्रति० श्रीसंडेरगच्छे नायक - श्रीशान्तिसूरिभिः ।। (३४८) पद्मप्रभ - पञ्चतीर्थी: सं० १५०२ माह सुदि १० सोमे थिरुतगोत्रे सा० माल्हा भार्या साल्हु पुत्र कान्हाकेन भा० ढूंदी पु० दफरचा श्रीपद्मप्रभः का० प्र० श्रीधर्मघोषच्छे श्रीमहीतिलकसूरिभिः आ० विजयप्रभसूरि सहितैः ॥ (३४९) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० १५०१ माह सुदि १० सोमे श्रीज्ञानकीयगच्छे उपकेश० लोलसगोत्रे साह कान्हा भा० कर्मसिरि पुत्र आल्हा भार्या जीऊ पुत्र धाना रामा काना भार्या र आत्मश्रेयसे श्रीश्रदिनाथबिंबं कारा० प्रति० श्रीशान्तिसूरिभिः । ३४५ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ३४६ जयपुर पञ्चायती मन्दिर ३४७ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ३४८ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३४६ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ५६ ) प्रतिष्ठा - लेख - संग्रह: (३५०) नमिनाथ- पञ्चतीर्थी: सं० १५०१ वर्षे माह सुदि १० सोमे श्रीसंडेरगच्छे उपकेशज्ञा० साह कालू भार्या वाल्ही पुत्र कान्हा भार्या सारू पितृ-मातृश्रेयोर्थं श्रीनमिनाथबिंबं कारापितं प्रति० प० श्रीशान्तिसूरिभिः श्री ॥ (३५१) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० १५०१ वर्षे माघ सुदि १० सोमे उसवंशे जंडियागोत्रे सा० काला भा० अणभू पुत्र खीमाकेन लीला दुहड बाह्डयुतेन श्रीशान्तिनाथ बिंबं का ० प्र० कृष्णपिंग० श्रीनयचन्द्रसूरिभिः । [ ३५०-३५५ ( ३५२) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० १५०१ माघ सुदि १० सोमे नाहरगोत्रे मना पु० पाल्हा भा० भामिण पु० लाला हेमाभ्यां श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीधर्मघोषघच्छे श्रीमहीतिलकसूरिभिः आ० विजयप्रभसूरियुतैः ॥ (३५३) अभिनन्दन - चतुर्विंशतिपट्टः ॥ संवत् १५०१ वर्षे फाल्गुन शु० १३ शनौ । वावटगोत्रे सं० । जयसिंह भा० सं० जसमादे पु० सं० खीदाकेन निजभ्रातृ सं० खेढा पुण्यार्थं श्री अभिनंदनबिं का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीपद्मशेखरसूरिपट्टे । श्रीविजयचन्द्रसूरिभिः ॥ (३५४) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः संवत् १५०१ वर्षे फागु० सुदि १३ शनौ उ० ज्ञा० जोजा उराणा सा० कम्र्मा भा० सांगू पु० खेता जइता षेता भा० राणी पु० पश्चायण जयता भा० मूली पित्रोः श्रे० श्रीशान्तिनाथबिंबं का० श्रीचैत्रगच्छे प्र० श्रीमुनितिलकसूरिभिः । (३५५) मुनिसुव्रत - पञ्चतीर्थीः सं० १५०१ फागण सुदि १३ उकेशवंशे जावडगोत्रे । सा । वाछा पुत्रेण देवाकेन निजपितृपुण्यार्थे श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं कारितं प्र । श्रीसूरिभिः । ३५० आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३५१ पनवाड़ महावीर मन्दिर ३५२ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ३५३ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ३५४ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३५५ गागरडु आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ३५६-३६१] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (५७) (३५६) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५०१ श्रीनन्नाचार्य सन्ताने । श्रीकोरंटगच्छे । मांडुत्रगोत्रे । सा० हीरा भा० हीरादे पु० चांपा-कृपाभ्यां पित्रोःश्रेयसे श्रीअभिनन्दन का० प्र० श्रीसावदेवसूरि । (३५७) आदिनाथ-पश्चतीर्थीः संवत् १५०२ वै० सुदि २ सोमवारे । खटवड़गोत्रे सा० सायर पुण्यार्थ सा० कंबरा श्रेयसे आदिनाथबिंब कारापितं श्रीमल्लधारगच्छे श्रीगुणकीर्त्तिसूरिभिः । महा० लक्ष्मीसागरसूरिभिः प्रतिष्ठापितं । (३५८) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०२ वै० व ५ प्रा० व्य० लाखा लाखणदे पु० सामन्तेन सिंगारदे पु० पाल्हा रतना डीडादियुतेन श्रीकुन्थुनाथबिंबं का० प्र० तपा० श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । (३५६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०२ वर्षे माघ वदि २ रविवारे प्रा० ज्ञा० मांडण भा० मेधादे सुत लाखण भा० फाल्हू पुत्र सांगायुतेन श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं श्रीसाधू पू० ग० प्र० भ० श्रीहीराणंदसूरिभिः । ___(३६०) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०२ वर्षे मा० व० प्रा० म० वरना पाल्हणदे पु० नाभाकेन भा० तेजराजि पु० नरसी..............''जइतादि कुटुम्बयुतेन श्रीपद्मप्रभबिंब का० प्र० तपा श्रीजयचन्द्रसूरिभिः ॥ __ (३६१) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः . ॥सं० १५०२ वर्षे माघ सुदि २ रविवारे प्रा० व्य० मांडण भा० मेधादे.......... 'पुत्र सांगायुतेन श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं प्र० साधुपू० गच्छे भ० श्रीहीराणंदसूरिभिः॥ ३५६ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ३५७ मेड़तासिटी ३५८ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३५६ सांगानेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३६० करमदी आदिनाथ मन्दिर । ३६१ सांगानेर चन्द्रप्रभ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [३६२-३६७ (३६२) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०२ वर्षे माघ शु० ५ ऊकेशज्ञा० मं० चांपा पु० पूना भा० अचू पु० राजाकेन भ्रातृ मदा रूडा राणायुतेन निजमातृ-पितृश्रेयोर्थ श्रीश्रेयांसनाथबिंबं कारितं भावडारगच्छे प्र० श्रीवीरसूरिभिः॥ उएसगच्छे श्रीकक्कसूरिभिः । (३६३) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०२ वर्षे फागुण सुदि ५ गुरौ श्रीभावडारगच्छे ऊ० ज्ञा० प्राह्मचागोत्रे सा० वीडा भार्या हीरु पुत्र भीखा-गुणाभ्यां पूर्वजनिमित्तं स्वश्रेयसे च श्रीसुमतिनाथबिंबं का० प्र० श्रीभावदेवसूरिभिः ।। (३६४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५०३ वर्षे वैशाख सु०५ श० श्रीमालवंशे स्वर्णगिरियागोत्रो सा० चाहड भार्या गौरी सुतस्य सं० चन्द्रस्य स्वपितृव्य-भ्रातुः पुण्यार्थे सं० देहड भा० गंगा सुत सं० धनराजेन ल० भ्रातृ सं० खीमराज सं० उदयराजादियुतेन श्रीआदिनाथबिंब कारितं श्रीखरतरग० श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं नंदतात् ।। (३६५) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः सं० १५०३ ज्ये० सु० ३ प्रा० व्य० मांडण माल्हण सुत सा० ज्य० खीमा श्रीवासुपूज्य का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य श्रीजयचन्द्रसूरिभिः ॥ (३६६) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५०३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ७ सोमे श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० वजसा भार्या कउतिगदे पितृ-मातृश्रेयोऽर्थं मातृश्रेयसे व्य० चुथा आत्मश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीनागेन्द्रगच्छे श्रीगुणसागरसूरिपट्टे श्रीगुणसमुद्रसूरिभिः ॥ (३६७) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ___ सं० १५०३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ११ शुक्रवारे ओसवालज्ञातीय बहुरागोत्रे बा० व० खेता भा० देल्ह पु० देवदत्तेन मातृ-पितृ-निमित्तं श्रीसंभवनाथबिंबं का० प्र० पूर्णिमापक्षे भ० श्रीजयभद्रसूरिभिः॥ ३६२ जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर ३६३ भिनाय महावीर मन्दिर ३६४ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ३६५ जयपुर पश्चायती मन्दिर ३६६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ३६७ जूनीया For Personal & Private Use Only Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ३६८-३७३ ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( ५६ ) (३६८) आदिनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १५०३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ११ शुक्र उ० ज्ञातीय व्य० राउल भा० रयणादे पुत्र सोढी भार्या सूरमदे सहितेन । स्वश्रे० श्रीआदिनाथबिंब का० प्र० पू० श्रीधर्मशेखरसूरि उपदेशेन । श्रीः । श्रीः ॥ (३६६) श्रेयांसनाथ-पश्चतीर्थीः ॥सं० १५०३ वर्षे आषाढ वदि ७ सोमे श्रीदेवकुलपाटकवास्तव्य श्रे० पातल भार्या श्रीपालनदे तयोः सुत श्रे० चांदाकेन स्वमातृश्रेयसे श्रीश्रेयांसबिंब कारितं प्रति० श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ।। (३७०) संभवनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १५०३ मार्ग० वदि १०८० डीवउडागोत्रे सा० दूदा भा० देल्हणदे पु० पाल्हा भा० चांदूयुतेन नाना पु० संभवनाथबिंब का० प्र० चित्रावालगच्छे श्रीमुनितिलकसूरिभिः । __(३७१) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५०३ व० माघ वदि ३ शुक्र उपकेशगच्छे उ० ज्ञा० श्रे० गोचे वैद्यशा० सा० डूगर पु० अर्जुन ऊदा अर्जुन पु० संसारचंद-सोभाभ्यां पितृपुण्यश्रे० श्रीसुमतिनाथबिं० का० प्र० श्रीकक्कसूरिभिः ।। (३७२) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५०३ वर्षे माघ शुदि ७ बुधे प्राग्वाटज्ञातीय महं० मण्डलीक भार्या लाडी पुत्र देवसिंहेन भा० देवलदे सुत नासण जयतादियुतेन श्रीशीतलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीद्विवन्दनीकगच्छे श्री.... सेनसूरिभिः ...............॥ (३७३) महावीर-पञ्चतीर्थीः सं० १५०३ वर्षे माह सु०........ भ० श्रीधर्मशेखरसूरिशिष्य पु० मित्रदत्त जीवितस्वामिबिंब कारितं पु० क्षमासुंदरेण प्रतिष्ठितं । ३६८ मंदसौर पोरवालों का मन्दिर ३६६ किसनगढ़ आदिनाथ मन्दिर ३७० रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ३७१ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ३७२ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ३७३ " " " " For Personal & Private Use Only Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (६०) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [३७४-३७६ (३७४) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५०३ वर्षे माल्हूगोत्रे सा० भाखर भरमी श्राविकायाः पुण्यार्थ मा० काच्छाकेन जीदा खीदा भीदा भादा पुत्रयुतेन कारितं स्वपुण्याय श्रीअजितनाथबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीजिनभद्रसूरिभिः श्रीखरतरगच्छे । (३७५) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५०३ वर्षे श्रीमालज्ञातीय ठाकुर पुत्र कादा नाल्हा हांसा श्रावकपुण्यार्थ श्रीशान्तिनाथवि० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ (३७६) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५०४ वर्षे वैशाख सुदि ७ दिने बुधे ऊकेशवंशे दरड़ागोत्रे सा० कालू पुत्र सा० छूदा श्रावकेण पुत्र चाचा समन्वितेन श्रीशीतलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः । (३७७) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ॐ॥ सं० १५०४ वर्षे वैशाख सुदि७ दिने उकेशवंशे भांडशालिक गोो भ० वीकम भार्या वउलदे तत्पुत्रौ भ० जोगा गाऊदसिंहो तत्र ठाकुरसिंहेनात्मस्वश्रेयसे श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छेशैः श्रीजिनभद्रसूरिभिः ।। ____ (३७८) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५०४ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १० सोमे श्रीश्रोसवालज्ञातीय सो० वरसिंग सुत सो० धनाकेन भार्या वाळू प्रमुख-कुटुम्बयुतेन निजश्रेयोर्थे श्रीपार्श्वनाथबिंब कारितं श्रीबृहत्तपागच्छे श्रीरत्नसिंहसूरिभिः प्रतिष्ठितं ।। (३७६) कुन्थुनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥सं० १५०४ वर्षे आषाढ सुदि २ सोमे उसिवालज्ञातीय । सुराणागोगे । सा० लखणा भा० लखणश्री पु० सा. सकर्मण सा० शिवरामेन श्रीकुन्थुनाथचतुर्विंशतिपट्टः कारितं प्रतिष्ठितं श्रीराजगच्छे । भट्टारिक श्रीपद्माणंदसूरिभिः ।। श्रीः ।। ३७४ नागोर शान्तिनाथ मन्दिर ३७५ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ३७६ जयपुर पंचायती मन्दिर ३७७ सेमलिया शान्तिनाथ मन्दिर ३७८ कोटा खरतरग० आदिनाथ मन्दिर ३७६ जयपुर पंचायती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ३८०-३८५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (६१) . (३८०) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ___ सं० १५०४ वर्षे मार्गशीर्ष सुदि ७ दिने उकेशवंशे साधुशाखायां सा० लखमण सुत सा० महीपाल सा० वील्हाख्य तेत्र (?) सा० महीपा भा० रूपी पुत्र सा० तेजा सा० वस्ताभ्यां पुत्रादिपरिवारयुताभ्यां स्वश्रेयोर्थ श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं श्रीखरतर-श्रीजिनराजसूरिपट्ट श्रीजिनभद्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं ।। श्रीः ॥ (३८१) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०४ वर्षे माह वदि । शनौ श्रीज्ञानकीयगच्छे उ० तेलहरगोने सा० लूणा भा० लूणादे पुत्र० हचिन पाल्हा सोनाभिः पितृ-मातृश्रेयोथ श्रीसंभवनाथबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं । (३८२) पार्श्वनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १५०४ फागुण सुदि ११ डूंगरिया श्रीमाल । सा० साधारण पुत्रेण सा० समुधरेण श्रीपार्श्वनाथप्रतिमा कारिता प्रतिष्ठिता तपा० भट्टारक-श्रीपूर्णचन्द्रसूरिपट्टे श्रीहेमहंससूरिभिः ॥ (३८३) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०४ वर्षे फागुण शुदि ११ गुरौ श्रीकाष्ठासंघे वागडगच्छे भ० श्रीहमकी (? हेमकीर्ति) उपदेशेन भ० धर्मसेन भ० श्रीभीमसेन प्रति ।। हुंबडज्ञातीय कमलेश्वरगोने क० विरूआ भा० करपू सुत नरपाल भा० रत्नू श्रीचन्द्रप्रभबिंबं प्रतिष्ठितं ।। भ्रातृ गोपाल भ्रातृ कान्हा स्व सम (३८४) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५०४ वर्षे फागुण शुदि ११ चंडालियागोत्रे सा० पाल्हा पु० सा० साल्हाकेन पित्रोः पुण्यार्थं श्रीकुन्थुनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं मलधारिगच्छे श्रीविद्यासागरसूरिपट्टे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ।। (३८५) सुपार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०४ व्य० वील्हा रत्नादे पुत्र लखमण जाल्हणदे पुत्र नाथू भा० देदा भ्रातृ सूली नामा वीढा युतया का० श्रीसुपार्श्वः । प्र । तपाश्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ॥ ३८० नागोर चोसठियाजी का मन्दिर ३८१ जयपुर पार्श्व चन्द्रग० उपाश्रय ३८२ जयपुर पंचायती मन्दिर ३८३ करमदी आदिनाथ मन्दिर ३८४ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ३८५ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (६२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [३८६-३६१ (३८६) शीतलनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १५०५ चैत्र सुदि ७ बुधे लोढागोत्र सा० गिरराज भार्या कपूरदे पुत्र केला स्वपूजननिमित्तं श्रेयसे श्रीशीतलनाथबिंबं का० प्र०.... (तपा?) गच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ॥१॥ (३८७) नमिनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १५०५ वर्षे चैत्र सुदि १३ रवौ उपके० ज्ञा० व्य० सहजा भा० सोनलदे पु० कीता भा० कमलादे पु० गोइंद गेला । स० पु० नउला भा० तेजू निमित्तं श्रीनमिनाथवि० का० प्र० भ० श्रीअमरप्रभसूरिभिः ।। (३८८) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०५ वैशाख शु० ३ प्राग्वाट व्य० मेघा भा० सामी सुत व्य० मातरेण भा० वानु सुत सूरा सारङ्ग गांगा काला पांचा खीमसी वीसलादि कुटुम्बयुतेन सुता नाल्ही श्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिपट्टे श्रीजयचन्द्रसूरिभिः । दीसावास्तव्य ॥ (३८६) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ____सं० १५०५ वर्षे वैशाख सु० ५ बुधे नांदेचागोत्रो सं० मना पुत्र सं० गोगा भार्या गंगादे पुत्र नरहणतेन स्वश्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं श्रीधर्मघोषगच्छे प्रतिष्ठितं श्रीमहीतिलकसूरिभिः। . (३६०) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ ॐ ।। संवत् १५०५ वर्षे वैशाख सुदि ७ दिने ऊकेशवंशे सा० झांझा पु० सा० गेहाकेन भार्या गौरदे गंगादे पुत्र कालू खेता जइता दूल्हा माल्या पौत्र तोल्हा केलू वरसिंह... ग युतेन श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छाधीश । श्रीजिनभद्रसूरिभिः ।। श्रीः (३६१) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०५ वर्षे वै० शु० ११ ऊकेश सा० गोसल भा० तोली पुत्र सा० धानाकेन भा० अपू० भ्रातृ सा० हासा पुत्र वरसिंगादि कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब का० प्र० तपा० श्रीजयचन्द्रसूरिभिः ।। ३८६ साथां पार्श्वनाथ मन्दिर ३८७ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ३८८ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ३८६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ३६० रामपुरा शान्तिनाथ मन्दिर ३६१ दाहोद पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ३६२-३६६ ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः (३२) शान्तिनाथ चतुर्विंशतिपट्टः ॥ ॐ ॥ संवत् १५०५ वर्षे वैशाख सुदि ११ शुक्र श्रीगिरिपुरे श्रीहूंबडज्ञातीय बुधगोत्रे सा० वडा धर्मा भा० चांदी भूचर भार्या उमकू सु० कूपा भा० पामदे अरि भा० देवी बडा वइता भार्या वइतलदे ....धना भा० काली श्रेयोर्थं श्रीशान्तिजिनपट्टो मूलनायक (३६३) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०५ आषाढ सुदि ६ श्रीउप० सुचिंतिगोत्रे सा० सीहा भा० वही पु० सोनाकेन पुत्रपौत्रयुतेन आत्मपु० श्रीचन्द्रप्रभबिंबं का० प्र० श्रीउपकेशगच्छे श्रीकक्कसूरिभिः । ( ६३ ) .... (३६४) अनन्तनाथ-पञ्चतीर्थीः मम्मी सं० १५०५ वर्षे मार्ग व० ५ सोमे दुग्गडगोत्रे सा० शिवराज भा० पु० सोहिल भा० सुचिंतिगोत्रीय सा० सारङ्ग पुत्री पुनी तथा चतुवि० श्री अनन्तनाथबिं० ० का० प्र० उ० वा० श्री० प्र० श्री० (३६५) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थी: सं० १५०५ वर्षे पोष सु० १५ उप० ज्ञा० वडालंबीयागोगे सा० गामा पु० सीदा पु० धीरा भा० रम्यापुरी पु० वीरण द्वि० भा० पदी पु० आंबा भादा आंबा भा० आल्हणदे पु० रिणमा भादा भा० भावलदे आत्मश्रे० वासुपूज्यबिं० का० प्र० श्रीसंडेर गच्छे श्रीशान्तिसूरिभिः ॥ ३६२ भिनाय केसरियानाथ मन्दिर ३६३ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३६४ मंडावर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३६५ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ३६६ बूँदी ऋषभदेव मन्दिर (३६६) सुमतिनाथ - पचतीर्थीः ॥ सं० २५०५ वर्षे पोष सुदि १५ दिने ऊकेशवंशे प्राहमेचागोत्रे सा० नरसी भार्या देवलदे सुत सा० कडुआकेन स्वपुण्यार्थं श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं । श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं श्रीजिनसागरसूरिभिः । For Personal & Private Use Only Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (६४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [३६७-४०३ . (३६७) मुनिसुव्रत पञ्चतीर्थीः सं० १५०५ माह यदि ७ उ० ज्ञा० लोढागोत्रे सा० सीहा भा० रांभू पु० पेथा रामा पेथा भा० सीतादे पु० नेमा नाथू जींदा नेमाकेन भा० वालहदे युतेन पितृ-मातृश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतबिं० का० प्र० चित्रावालगच्छे श्रीमुनितिलकसूरिभिः । श्रीः (३६८) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५०५ वर्षे फागुण सुदि २ शनौ ऊकेशवंशे श्रे० सांगा भार्या पाडू पुत्र अमराकेन भार्या सहजलदे सहितेन निजश्रेयोऽर्थे श्रीमत् श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं श्रीसूरिभिः प्रतिष्ठापितं ।। (३६६) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५०५ वर्षे फागुण सुदि २ शनौ ऊकेशबंशे श्रे० सांगा भार्या पाल्हू पुत्र अमराकेन भार्या सहजलदे सहितेन निजश्रेयोर्थ श्रीमत् श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं श्रीसूरिभिः प्रतिष्ठापितं॥ (४८०) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत १५०५. . . . . 'प्राग्वाटज्ञातीय। सा० पीचन भार्या केल्ही पु० देल्हाकेन भ्रातृ लखमण निमित्तं श्रीसंभवनाथबिंबं कारापितं प्र......... (४०१) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०६ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ४ दिने सोनीगोत्रे सा० जीऊसन्ताने सा० खीमा पुत्र सा० करमान्देन महणा-पुण्यार्थ श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं रुद्रपल्लीयगच्छे श्रीजिनहंससूरिपट्टे श्रीजिनराजसूरिभिः। (४०२) ........'पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०६ वर्षे कार्तिक वदि ७ शुक्र श्रीभावडारगच्छे । ऊकेशज्ञा० आसोलियागोत्रे सा० रामा भार्या लाखू पुण्यार्थ........ (४०३) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०६ पोष सु०५ उ० पंचाणेचागोत्रे सा० मेधा भा० माणिकदे पु० गेहा भा० पूंजी पुत्रयुतेन गेहाकेन आत्मश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथवि० का० प्र० श्रीचैत्रगच्छे भ० श्रीमुनितिलकसूरिभिः ॥ ३६७ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ३६८ कोटा खरतरग० आदिनाथ मन्दिर ३६६ जयपुर पंचायती मन्दिर ४०० कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ४०१ भैंसरोड़गढ़ आदिनाथ मन्दिर ४०२ चाडसू आदिनाथ मन्दिर ४०३ सांगानेर महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ४०४-४०६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (६५) (४०४) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ ॐ ।। सं० १५०६ पो० शु० १५ सोमे श्रीसामकठगोत्रे सा० करमा भा० करमादे पुत्र सा० जगसी-रत्नाभ्यां पुत्र देल्हा पौत्र छाजू प्रमुखपरिवारयुताभ्यां श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं खरतर० श्रीजिनभद्रसूरिसर्वप्रवरागमैः ॥ (४०५) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ॐ ।। सं० १५०६ पौ० शुद्ध १५ ऊकेशवंशे नाहरशाखायां सा० सरवण भार्या धर्मिणी पुत्र सा० सामल भार्या सामलदे पुत्र सा० श्रीरंगेण भार्या राजलदे पुत्र सा० सधारण प्रमुखपरिवारयुतेन स्वश्रेयोथै श्रीसुमतिनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छाधिपति-श्रीजिनभद्रसूरिभिः ।। शुभंभवतु पूजकानाम् । ' (४०६) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ॐ ।। संवत् १५०६ वर्षे पोष सुदि १५ दिने श्रीऊकेशवंशे अजितनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे-श्रीजिनभद्रसूरि गुरुराज्ञाविधेयी सं० पूना भा० विल्ही श्राविकया। (४०७) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः __संवत् १५०६ माघ बदि ११ तिथौ श्रीमालान्वये ढोरगोत्रे साथ तोल्हा तद्भार्या सरामानी तत्पुत्र सा० महराजी श्रीशान्तिनाथावेवं कारापितं प्रतिष्ठितं । श्रीखरतरगच्छे भ० श्रजिनचन्द्रसूरिभिः ।। शुभंभवतु । (४०८) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः संवत् १५०६ वर्षे माह वदि , श्रीकोरंटकीयगच्छे श्रीनन्नाचार्यसन्ताने । ऊ ती० सुचन्तीगोत्रे सा० आमरमुणया पु० हाता भा० हुति पु० मांडण भार्या माणिक पु० खेतादि श्रीवासुपूज्यबिंबं कारापितं प्र० श्रीसावदेवसूरिभिः । (४०६) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५०६ वर्षे फाल्गुन वदि ५ सोमवारे ओसवालज्ञातीय नाहरगोत्रे सा० कील्हा पु० सा० महिराज भार्या महणश्री पु० वींजापर्वताभ्यां स्वपितृपुण्यार्थं श्रीसुविधिनाथविवं का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीविजयचन्द्रसृरिपट्ट श्रीसाधुरत्नसूरिभिः ।। श्री ॥ ४०४ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर ४०५ रतलाम यति लालचंदजी का मन्दिर ४०६ भिनाय महावीर मन्दिर. पाषाण ४०७ जयपुर पञ्चायती मन्दिर ४०८ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ४०६ कोटा खरतरग० आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (६६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [४१०-४१५ (४१०) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०६ फा०व०८ श्रीउ० ग० ककुदाचा....... - 'गो० सा० स०..................... 'भा० रत्नादि १० सुन्दरदास-सदारंगाभ्यां पितुः श्रे० श्रीसंभवनाथबिंवं कारितं । प्रतिष्ठितं । श्रीकक्करसूरिभिः । (४११) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०६ फा० शु०६ प्रा० सा० अरसी भा० आल्ही पुत्र सा० उदाकेन भा० नाडी पुत्र मोहणादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीअजितनाथबिंबं का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य-श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । (४१२) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ ॥ सं० १५०६ वर्षे श्रीऊकेशज्ञातीय कांकरियागोत्रे सा० महीपाल भार्या वारु पुत्र सा० नरसिंहसुश्रावकेण भ्रातृ अरसी पुत्र पूजा सहितेन निजश्रेयसे श्रीशान्तिनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः॥ (३१३) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०७ वर्षे चैत्र चदि ५ शनौ लोढागोत्रे। श्रे० गुणा भार्या गुणश्री पुत्र श्रे० पूजा-काचरभ्यां पितृव्य धन्ना पुण्यार्थं श्रीधर्मनाथवि० का० प्र० खरतर० श्रीजिनभद्रसूरि-श्रीजिनसागरसूरिभिः । (४१४) सुपार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०७ ज्येष्ठ व०.६ उकेश श्रे० धन्ना भा० वर्जी सुत लाडउलिवासि श्रे० साल्हाकेन भा० डाही प्रमुखकुटुम्बसहितेन श्रीसुपार्श्वबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ।। (४१५) धर्मनाथः ॥ संवत् १५०७ वर्षे ज्येष्ठ वदि २ दिने सोमवारे ऊकेशवंशे बुहरागोत्रो सा० अजु तत्पुत्र सा० महिराज तत्पुत्र गोरा प्रमुखसारपरिवारयुत्तेन माल्हणदे पुण्यार्थ श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः ॥ ४१० जयपुर पञ्चायती मन्दिर ४११ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ४१२ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ४१३ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ४१४ अजमेर संभवनाथ मन्दिर । ४१५ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण For Personal & Private Use Only Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ४१६-४२१] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (६७ ) (४१६) वासुपूज्य-चतुर्विंशतिपट्टः ॥सं० १५०७ वर्षे ज्येष्ठ सु० २ भौमे ओसवालज्ञातीय खाबहीगोत्रे सा० देदा भा० सांपई । पु०० मेला भा० सुहव पु० सा० जाल्हा वणवीर। दसरथ संयुतेन श्रीवासुपूज्यजिनप्रमिते श्रीचतुर्विंशतिजिनपट्टः कारितं श्रीकृष्णर्षिगच्छे तपापक्षे श्रीजयसिंहसूरिपट्टे प्रतिष्ठितं श्रीजयशेखरसूरिभिः शुभंभवतु ॥ (४१७) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०७ वर्षे कार्तिक सु० ११ शुक्र प्राग्वा० कोठा० लाखा भा० लाखणदे पु० को परवत भार्या . . . . . . . . . . . 'लोला डाहा नाना डूंगर युतस्तेन श्रीसंभवनाथबिंबं का० उएसगळे श्रीसिद्धाचार्यसन्ताने प्रति० श्रीकक्कसूरिभिः ।। (४१८) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०७ वर्षे मागसिर सुदि २ नाहरगोत्रे सा० देपाल पु० धनाकेन भा० हरखु पु० भांडा सांडा ऊधायुतेन पितृपुण्यार्थ श्रीशीतलनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीधर्मतिलकसूरिभिः ।।। शुभंभवतु ॥ (४१६) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ ॐ ॥ सं० १५०७ वर्षे मार्गसिर सुदि ३ शुक्र उपकेशज्ञातीय जावडगोने सं० धणसीह भार्या दादह वीसल भार्ता (भ्राता) महिपाल पु० नगराज साधो आत्मपुण्यार्थ श्रीविमलनाथबिंब का प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीसागरसूरिभिः। (४२०) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०७ वर्षे माघ सुदि ५ शुक्र । श्रीगुर्जरज्ञातीय मं० परवत भा० प्रीमलदे पु० राणा भा० वीरु तयोरात्मश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीआगमगच्छे श्रीसिंहदत्तसूरिभिः ॥ श्रीरस्तु कल्याणाम्ब । (४२१) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०७ माघ सु० ५ सा० खींवर भा० खेढी पुत्र सा० जिनदत्तेन भा० अर्चु सुत झांझणादिकुटुम्बयुतेन श्रीसुमतिनाथविंबं का० प्र० श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य-श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । ४१६ सैलाना ऋषभदेव मन्दिर ४१७ नागोर बड़ा मन्दिर ४१८ किशनगढ खरतरग० उपाश्रय ४१६ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ४२० जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर. घाट ४२१ तेड विमलनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (६८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [४२२-४२७ - (४२२) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०७ वर्षे माह सुदि १३ शुक्र खटवडगोत्रे सा० साल्हा भार्या सोना पुत्र सा० कुशलाकेन भा० कमलश्री पु० धन्नादियुतेन श्रीआदिनाथबिंब का० प्रति० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीपद्माणंदसूरिभिः । (४२३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५०७ वर्षे माघ सुदि भणसालीगोत्रे। श्रीकोरंटगच्छे उसवालज्ञा० सा० सादा भा०...'पु० श्रीधर...... 'पितृ-मातृश्रेयोर्थ श्रीआदिबिंब कारितं प्र० श्रीकक्कसूरिपट्टे..............। (४२४) वासुपूज्यः ॥संवत् १५०७ वर्षे फागुण वदि ३ दिने श्रीउपकेशगच्छे श्रीककुदाचार्यसन्ताने श्रीउपकेशज्ञातौ श्रीचिचटगोत्रे चिं० देसल...''आस द्वयनग भार्या सुनखत पु० सा० श्रीचन्द्र भा० उमादेव्या स्वश्रेयसे श्रीवासुपूज्यबिंब का० प्र० श्रीकक्कसूरिभिः ( आगे पलांठी पर ) श्रीउमादे श्रीवासुपूज्य सं० १५०७ वर्षे । (४२५) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२७ वर्षे फा० ब०३बुधे ओशवंशे बहुरा हीरा भा० हीरादे पु० ब० खेता भा० खेतलदे पुत्र ब० महीपति पितृश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं खरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरि-श्रीजिनसागरसूरिभिः प्रतिष्ठितं । _ (४२६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ___ सं० १५०७ वर्षे फागुण वदि ३ उस० ज्ञा० सा० महिपा भा० तेजू पु० लोला भा० लीलादे सहितेन पित्रोः श्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं का०प्र० वृत्राणा । श्रीउदयप्रभसूरिभिः ।। (४२७) अभिनन्दनः ॥सं० १५०७ वर्षे फागुण वदि ३..... श्रीसहजपालेन. . . . . . . . . श्रीअभिनन्दनबिंब कारि० श्रीखरतरगच्छे प्र० श्रीजिनसागरसूरिभिः । ४२२ नागोर बडा मन्दिर ४२३ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ४२४ भिनाय महावीर मन्दिर. पाषाण ४२५ मेडतासिटी युगादीश्वर मन्दिर ४२६ मेडतासिटी युगादीश्वर मन्दिर ४२७ केकडी चन्द्रप्रभ मन्दिर. पाषाण For Personal & Private Use Only Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ४२८-४३३] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (६६) (४२८) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५०७ वर्षे फागुण वदि ३ गुरौ कोरंटकीयगच्छे वित्रांगच्छरुगोत्रे... . . . . . . . . . . . . . 'पंजा भा० वाद सुहडाहरादि श्रीसंभवनाथबिंवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसोमदेव० पूर्णिमा............। (४२६) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०७ प्राग्वाट् सा० पांचा भार्या सरसू पु० सा० पेथाकेन भा० जीविणी भ्रातृ सा० मूना हांपादिकुटुम्बयुतेन निजश्रेयसे श्रीपद्मप्रभुबिंब कारितं प्रति० श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य-श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । श्री। (४३०) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०८ वर्षे वैशाख वदि २ श्रीपल्लिकीयगच्छे उ० छाहङगोत्रे सा० जइता पुत्र हेला भा० करमादे पुत्र भीमड भार्या जावलदे पु० देवा सह श्रीसुमतिनाथवि० का० प्र० श्रीयशोदेवसूरिभिः॥ (४३१, शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०८ व० वै० शु०५ सोमे ओसवालज्ञा० लोढागोत्रे सा० विजयसी भा० वारू तत्पुत्र सा० पांचू भा० अंपायू आ० पुण्यार्थ श्रीशीतलनाथबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ।। (४३२) नेमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०८ वर्षे ज्येष्ठ सुदि २ कुकदाचा० ओसवालज्ञातीय सा० कमला भा० लाधु तत्पु० गातणेन स्वश्रेयसे श्रीनेमिविंबं का०प्र० श्रीओसवालगच्छे श्रीकक्कसूरिभिः। (४३३) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०८ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १० श्रीमालन्याती डींडावतगोत्रे सा० भोजा भा० अस पुत्र तंबाभ श्रीफल श्रीधर्मनाथबिंबं कारापितं प्रति. ष्ठितं.............. .। ४२८ जयपुर पार्श्व चन्द्रग० उपाश्रय ४२६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ४३० खजवाना धर्मनाथ मन्दिर ४३१ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ४३२ भैंसरोडगढ आदिनाथ मन्दिर ४३३ जयपुर पार्श्वचन्द्रग० उपाश्रय For Personal & Private Use Only Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (७०) प्रतिष्ठा-लेख-सग्रहः [ ४३४-४३६ (४३४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०८ वर्षे माग० व० २ बुधवारे उसिवालन्यातीय वीरेचागोत्रो सा० सिंघा पु० सेऊ आत्मश्रेयसे श्रीआदिनाथबिं० का० प्र० चित्रावालगच्छे मुक्तिवि' 'सूरिः । (४३५) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०८ वर्षे मार्ग० वदि २ श्री................ 'सा० धीरा पु० सरज भा० गांगी पु० सा० श्रीचन्देन श्रीसुमतिनाथबिंब का० श्रीउपकेशगच्छे कुक्कदाचार्यसन्ताने । प्रति० श्रीकक्कसूरिभिः ।। छः ॥ (४३६) संभवनाथः ॥ संवत १५०८ माघ वदि ४ सोमे ......'श्रीसंभवनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य-श्रीमुनिसुन्दरसूरिभिः । (४३७) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०६ वर्षे वैशाख सु० ३ उपकेशज्ञातौ आइरीगोत्रे सा० लूणा पुत्र सा० गिरराज भा० सुगुणादे पु० सोनाकेन पु० ठाकुर देवा स० श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिंब उपकेशगच्छे कक्कु० प्र० श्रीकक्कसूरिभिः । (४३८) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५०६ वर्षे वैशाख सुदि ५ सोम दिने उपकेशज्ञातीय बावेलगोत्रे सोमा भार्या सरसा स्वात्मपुण्यार्थ श्रीआदिनाथविवं कारितं प्रति० श्रीरुद्रपल्लीयगच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः । (४३६) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ मं० १५०६ वर्षे आषाढ व० २ गुरौ उ० सा० देल्हा भार्या देवलदे पुत्र लोला लखमण लोहट सादादिभिः स्वमातृ-पितृश्रेयसे श्रीश्रेयांसनाथबिंबं कारितं । ऊकेशगच्छे श्रीसिद्धाचार्यसन्ताने प्रतिष्ठितं श्रीकक्कसरिभिः।। विशेषतो लोहटेन कारितमिति ।। ४३४ जयपुर पञ्चायती मन्दिर ४३५ सांगानेर महावीर मन्दिर ४३६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ४३७ नागोर बड़ा मन्दिर ४३८ बूंदी पार्श्वनाथ मन्दिर ४३६ टोडारायसिंह नेमिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ४४०-४४५] प्रतिष्टा-लेख-संग्रहः (४४०) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५०६ वर्षे आषाढ वदि ६ शुक्र ऊ० ज्ञा० सोपारागो० सा० घडसी भा० खेमू पु० नोहलकेन पूर्वजपुण्यार्थ शान्तिबिंब प्र० संडेरगच्छे श्रीशान्तिसूरिभिः॥ ___ (४४१) कुन्थुनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५०६ वर्षे आपाढ सुदि २ सोमे अोसवालज्ञातीय सुराणागोत्रे सा० लखमण भा० लखणश्री पु० सा० सकर्मण भा० सावराजेन श्रीकुन्थुनाथचतुर्विंशतिपट्टः कारितं प्रतिष्ठितं श्रीराजगच्छे । भट्टारक श्रीपद्मानन्दसूरिभिः ॥ श्री॥ (४४२) शान्तिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५०६ वर्षे मा० वदि ४ प्राग्वाटज्ञातीय दो० वीसल भार्या वइजलदे पुत्र दो० लाखाकेन भा० लाधू पुत्र कुंरपाल मंडलिक देवराजादि कुटुम्बयुतेन निजश्रेयसे श्रीशान्तिनाथवि कारितं प्रति० बृहत्तपाशाखायां श्रीसोमसुन्दरसूरिपट्ट (१) श्रीजयचन्द्रसूरिशिष्य-श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । (४४३) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०६ वर्षे माह सुदि ५ सोमे उपकेशज्ञातौ श्रेष्ठगोत्रे, सा० करसी पु० पासड भा० जइतलदे पु० पारस भा०पाल्हणदे पु० महा परवत युतेन पितृश्रेयसे श्रीसंभवनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीककुदाचार्यसन्ताने प्रतिष्ठितं श्रीककसूरिभिः ॥ (४४४) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०६ वर्षे माघ सु० ५ शुक्र श्रीश्रीमालज्ञातीय पत्तनवास्तव्य श्रे० सादा भा० झबकू सुत श्रे० सिंघाकेन भा० रतनू पुत्र ठाकुरसी माणिकसहितेन स्वश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथविवं का० प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ॥१ (४४५) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५०६ वर्षे माघ सु०१८ शनौ श्रीमालज्ञा० मूठियागोत्रे सा० खींवपाल पु० सोनाकेन आत्मश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनतिलकसूरिभिः ॥ ४४० मन्दसौर पोरवालों का मन्दिर ४४१ जयपुर पञ्चायती मन्दिर ४४२ बीबड़ोद ऋषभदेव मन्दिर ४४३ नागोर बड़ा मन्दिर ४४४ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ४४५ नागोर वड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ७२ ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [४४६-४५१ (४४६) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५०६ वर्षे माघ सुदि १० ओकेशवंशे गहिलडागोत्रे सा० नेना पु० मा० तोल्हा-खिमराजाभ्यां स्वपुण्यार्थं श्रीपद्मप्रभस्वामिबिंबं का० प्र० श्रीमलधारिगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः॥ (४४७) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०६ वर्षे माघ सुदि १० अकेशवंशे अजमेरागोत्रे सा० सधारण पु० सा० लाखा वाल्हा केल्हाकैः स्वपुण्यार्थं श्रीशान्तिनाथबिंबं का०प्र० मलधारिगच्छे श्रीविद्यासागरसृरिपट्टे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ।। (४४८) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५०६ वर्षे माघ सुदि १० उपकेशज्ञातीय सत्यकीशाखायां सा. सांगा भा० सुहडादे पु० जगमाल भा० जसमादे कान्हा मा० कउतिगदे श्रीसुमतिनाथबिंबं का० प्र० पूर्णिमापक्षीय भ० श्रीजयभद्रसूरिभिः ।। (४४६) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५०६ वर्षे फाल्गुण वदि १० शनिवारे काकलवाड्यागोत्रे सा० देवराज भार्या लखमा तयोः पुत्रेण सा० पाल्हाकेन आत्मश्रेयसे श्रीसंभवनाथबिंबं कारितं धर्मघोषगच्छे भ० श्रीसाधुरत्नसूरिभिः । (४५०) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५०६ वंशे उसवंशे सा० हउदा भार्या पाल्हणदे पुत्र कोल्हाकेन श्रीअंचलगच्छे श्रीजयकेशरीसूरीणां उपदेशेन पितृश्रेयोर्थं श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं......... (४५१) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५१० वर्षे चैत्र वदि ४ तिथौ शनी हिंगडगोत्रे गौइन्द पुत्रेण सा० सिंघाकेन निजश्रेयो निमित्तं श्रीसु (वि) धिनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठि० तपा० भ० श्रीहेमहंससूरिभिः । ४४६ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ४४७ जयपुर पञ्चायती मन्दिर ४४८ किसनगढ़ खरतरग० उपाश्रय ४४६ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ४५० जयपुर पार्श्वचन्द्रग० उपाश्रय ४५१ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ४५२-४५८] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( ७३) (४५२) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१० वर्षे चैत्र व० ८ बुधे श्रीमालज्ञा० काणागोत्रे सा० जयता भा० कान्हू पुत्र । सा० हांसा-चांपाभ्यां स्वश्रेयोथै श्रीअभिनन्दनबिं० का० प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीमतिसुन्दरसूरिभिः ॥ (४५३) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५१० चैत्र वदि ८ बुधे श्रीमालज्ञा० चढचहयागोत्रे पं० गोसल भा० गुरादे पुत्र अर्जुनेन स्वश्रेयसे श्रीपार्श्वनाथबिं० का० प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीसांतिसुन्दरसूरिसूरिभिः । __(४५४) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१० चैत्र वदि ८ बुधे श्रीमालज्ञा० हरियाणागोत्रे सा० हापा भा० करणू पु० सारंगेन स्वश्रेयसे श्रीकुन्थुना०बि० का० प्र० श्रीरुद्रपल्लीय श्री ............. ( देवसुन्दरसूरिभिः ?) . (४५५) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः __सं० १५१० चैत्र वदि ८ बुधे श्रीमालज्ञा० बराहरियागो० सा० लाहड भा० मंदोयरी पुत्र राघवेन भा० लाखी पु० बालापर्वत हंसादियु० स्वश्रेयसे श्रीकुन्थुबिं० का० प्र० श्रीरुद्रपल्लीयगच्छे श्रीहरिभद्रसूरिभिः॥ (४५६) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५१० वर्षे चैत्र व० ८ बुधे श्रीमालज्ञातीयगोत्र सा० वीरड भा० भीनी पुत्र पाल्हाकेन भा० पाल्ही पु० पूणायुतेन स्वश्रेयसे श्रीपद्मप्रभ० का० प्र० श्रीरुद्रपल्लीयगच्छे भ० श्रीहरिभद्रसूरिभिः ।। (४५७) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१० वर्षे वै० व० ५ प्रा० सा० मना भा० माल्हणदे पुत्र चाम्पाकेन भा० रतनू पुत्र चोजा सोभा रङ्गसादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीचन्द्रबिंबं का० प्र० भ० श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ॥ श्रीचिरंभूयात् ॥मालचे। (४५८) महावीरः संवत् १५१० वर्षे वैशाख वदि १३ सोमे आलाआमें (?) श्रीसंघ श्रीमहावीरबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीराजगच्छे.......... 'उसूरिभिः ॥ ४५२ चंदलाई शान्तिनाथ मन्दिर ४५३ रतलाम सुमतिनाथ मन्दिर ४५४ सांगानेर महावीर मन्दिर ४५५ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ४५६ नागोर बड़ा मन्दिर ४५७ भैंसरोड़गढ़ आदिनाथ मन्दिर ४५८ जयपुर पार्श्व चन्द्रग० उपाश्रय For Personal & Private Use Only Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (७४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [४५६-४६४ (४५६) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ... ॥संवत् १५१० वर्षे ज्येष्ठ सु० ३ गुरौ ऊकेशज्ञातीय छाजहडगोत्र सा० जगडा भार्या कुंति पु० तिहुणाकेन भार्या वयजलदे पु० गेंदा देदा सहितेन मातृ-पितृ-स्वपुण्यार्थं श्रीसुविधिनाथबिंवं कारित प्रतिष्ठितं ।। श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनशेखरसूरिपट्ट । भ० श्रीजिनधर्मसूरिभिः ॥ छ । (४६०) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१० वर्षे ज्येष्ठ सुदि ३ गुरु श्रीश्रीमालज्ञातीय पितृ महिपा मात्र माल्हणदे श्रेयोर्थ सुत मोकलेन श्रीसंभवनाथविवं कारितं श्रीपूर्णिमापक्षे श्रीसाधुरत्नसूरीणामुपदेशेनं प्रतिष्ठितं विधिना । (४६१) महावीर-पञ्चतीर्थीः संव० १५१० ज्येष्ठ सु० ३ रवौ प्राग्वाट पीपलियावासी सा०वीरा पुत्र सा० डूगरसी भ्रातृ खेतसी सहसा समधर देवधर कर्मा भा० जासू तीजू बई जाई कादिकुटुम्बयुतैः श्रीमहावीरबिंब का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरि भ० मुनिसुन्दरसूरिपट्टे श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ।। (४६२) शान्तिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ॐ ॥ सं० १५१० वर्षे आषाढ यदि १० सोमे श्रीऊकेशवंशे माल्हूगोत्रे सा० जिणदत्त भा० वणु पु० गांगा भा० गांगादे पुत्र कूमादियुतेन श्रीशान्तिबिंब कारितं प्रति० श्रीखरतरग० श्रीजिनभद्रसूरिभिः ।। (४६३) संभवनाथ-पश्चतीर्थीः संवत् १५१० वर्षे आषाढ वदि १३ रवौ श्रीभावडारगच्छे उपकेशज्ञातीय वांहीयागोत्रे सा० साचा भा० श्रीवादे पु० वरसिंह भा० जीवादे पु० श्रीमल्ल भ्रातृ सा० होला भा० हीरादे पु० चाहड योधा प्रमुखकुटुम्बेन श्रीसंभवनाथबिंब कारितं प्रति० श्रीकालिकाचार्यसन्तानीय श्रीश्रीवीरसूरिभिः॥ (४६४) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५१० वर्षे आषाढ मुदि २ उके० सीसोदियागो० सा० कर्मा भा० कर्मादे पुत्र जागू भा० जसमादे पु० वील्हा चहुवदेवा नेमाभ्यां स्वपुण्यार्थ श्रीधर्मनाथवि० का० प्र० श्रीसंडेरगच्छे श्रीशान्तिसूरिभिः॥ ४५६ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर ४६० सांगानेर महावीर मन्दिर ४६१ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ४६२ जयपुर पार्श्वचन्द्रग० उपाश्रय ४६३ बिलाव शान्तिनाथ मन्दिर ४६४ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले ४६५-४७०] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (४६५) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५१० माह सु० ५ श्रीमालवंशे नवलगोत्र। सा० वीना पु० सा गणपति पुत्र जगमाल । श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं श्रीखरतरगच्छे । श्रीजिनप्रभसूरिअन्य । प्र० श्रीजिनतिलकसूरिभिः ॥ __(४६६) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५१० वर्षे माघ सुदि ५ दूगड़गोत्रे सा० सींहा भा० इदी पु० सहदे साऊं सोढा सहजा सलखा तेषु सहदेव गौरीपुण्यार्थ कुन्थुनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीअमरप्रभसूरिपट्टे श्रीरत्नचन्द्रसूरिभिः (४६७) नमिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५१० वर्षे माघ सुदि ५ शुक्र श्रीनाणकीयगच्छे उ० तेलहरगोत्रो सा० जाला भार्या कपूरदे पुत्र करणा-कालूद्वाभ्यां पितृ-मातृश्रेयोऽर्थ चतुर्विंशतिपट्टकं श्रीनमिनाथबिंबं कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीमहेन्द्रसूरिपट्टे श्रीशान्तिसूरिभिः । __(४६८) शीतलनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ॐ ॥ सं० १५१० वर्षे माघ सुद १० उकेशज्ञाती० पीपाडागोत्रे सा० रामराज पुत्र सा० छाजूकेन सोनपाल कुंवरपाल माडादि पुत्र-पौत्रसहितेन श्रीशीतलबिंब का० प्र० तपा-भट्टारक श्रीक्षेमहंससूरिभिः।। . (४६६) शान्तिनाथ-पश्चतीर्थीः संवत् १५१० वर्षे ओसवंशे मं० अर्जुन भा० लूहोला बोहथकेन सं० नाल्हू नींबा भा० नाल्हश्री पु० मेघादि कुटुम्बयुक्त श्रीशान्तिनाथबिंबं का० प्रति० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिपट्ट मुनिसुन्दरसूरि चैत्र कदि ४ शनिवासरे। (४७०) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१० वर्षे देवरवा० ऊ० ज्ञा० पीपाडागोत्रे सं० कमला भा० कील्हणदे सु० कलाकेन भा० कपूरदे पुत्र देल्हा पद्मा कर्मसी धर्मसी भा० देवलदे पोमल दे कश्मीरदे सोनादे प्रमुखकुटुम्बयुतेन श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रेयसे पल्लीवालगच्छे श्रीनन्नसूरिभिः ॥ शुभंभवतु ॥ ४६५ सांगानेर महावीर मन्दिर ४६६ सांगानेर महावीर मन्दिर ४६७ करमदी श्रादिनाथ मन्दिर ४६८ बूंदी पार्श्वनाथ मन्दिर ४६६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ४७० सिरोही अजितनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (७६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [४७१-४७६ (४७१) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५११ वर्षे ज्ये० सु० ३ गुरौ श्रीहंगडगोत्रे सा० श्रीपोपासन्ताने सं० अर्जुन भार्या सणखी पु० सं० सिवराज सु० धनराज भार्या सालिगही सुतेन भावदेवेन भा० वीरी पु० जगमलयुतेन श्रीपद्मप्रभस्वामिबिंब का० प्र० बृ० श्रीमहेन्द्रसूरिपट्टे श्रीरत्नाकरसूरिभिः शुभम् । (४७२) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः - संवत् १५११ वर्षे ज्ये० शु०८ प्राग्वाटज्ञातीय व्य० ऊधरण भा० सहजलदे सुत देवाकेन भा० देवलदे वृद्ध भ्रातृ भीमा खीमादिकुटुम्बयुतेन आत्मश्रेयोर्थ श्रीविमलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । श्री (४७३) आदिनाथ-पञ्चती ः ॥सं० १५११ वर्षे आषाढ वदि ६ घाघगोत्र सा० महराज भार्या महासिरी पुत्रेण सीहाकेन पित्रोः श्रेयसे श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमलधारिगच्छे श्रीविद्यासागरसूरिपट्टे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः । (४७४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५११ वर्षे आषाढ वदि १२ शनि० उस० वातरुणरागोत्रे सा० हाला भा० रलु पु० ताउ आत्मश्रे० श्रीआदिनाथबिं० का०प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीसाधुरत्नसूरिभिः ।। (४७५) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५११ वर्षे आषाढ सुदि ६ प्राग्वाटज्ञा० व्य० सामंत भा० तेली पुत्र व्य० कर्मणेन भा० जनकू पुत्र धीरा भा० आसुप्रमुखयुतेन श्रीनमिनाथबिंबं का प्रतिष्ठितं श्रीजयकेसरसूरिभिः ॥ श्रीः ।। (४७६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत १५११ वर्षे मार्गशिर सु० ५ रवौ उपकेशज्ञातीय साह आसा भा० अहविदे पु० सा० हठा कुरसी भा० जानू सहितेन पितृ-मातृश्रेयो) श्रीआदिनाथबिंब का० श्रीकोरंटगच्छे प्रति० श्रीसावदेवसूरिभिः ॥ ४७१ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ४७२ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ४७३ करमदी आदिनाथ मन्दिर ४७४ दाहोद पार्श्वनाथ मन्दिर ४७५ झंटा पार्श्वनाथ मन्दिर ४७६ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले०४७७-४८२] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( ७७ ) .. (४७७) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५११ वर्षे पो० ३०५ उकेशवं० अंजन भा० साऊ सु० धरमाकेन सा० माकू पु० भ्रातृ कर्मणश्रेयसे श्रीविमलबिंबं का० प्र० श्रीरस्तु (४७८) महावीर-पञ्चतीर्थीः सं० १५११ वर्षे मा० ब १ सिद्धपुरे भावसार देवा भा० कीकी पुत्र प्रथमाकेन भा० मानू पुत्र सांगा देपालादिकुटुम्बयुतेन निजश्रेयसे श्रीवर्द्धमानबिंब कारितं प्रतिष्ठितं ।। श्रीश्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्यतपागच्छेश श्रीश्रीश्रीश्रीश्रीरत्नशेखरसूरिभिः॥ (४७६) शान्तिनाथ-पञ्च तीर्थीः ॥ सं० १५११ वर्षे माघ शु० २ शनौ उपकेशज्ञातौ सुचिंतितगोत्रे सा० सादा भा० कन्नुई पु० रंभुकेन पित्रोः श्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रति० श्रीउपकेशगच्छे श्रीकक्कसूरिभिः ।।७४ (४८०) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५११ वर्षे माघ शु० ५ गुरु श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० महुणसी भार्या नाऊ सुत कीकाकेन पितृ-मातृनिमित्तं आत्मश्रेयो) श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्र० श्रीब्रह्माणगच्छे श्रीमुनिचन्द्रसूरिभिः मेहुणावास्तव्य । श्री। (४८१) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५११ फागुण सु० ११ सोमे उपकेशज्ञातौ आदित्यनागगोत्रे धांधू शाखा० सं० झांबा भा० झांबश्री पु० सा० वीरा भा० विउलश्री पु० सा० सांगाकेन भा० सुहागश्री पुत्र नरसिंह-भोजाभ्यां युतेन स्वश्रेयसे श्रीश्रेयांसनाथबिंब कारितं श्रीउपकेशगच्छे ककुदाचार्यसं० प्रतिष्ठितं श्रीककसरिभिः॥ श्रीः॥ __ (४८२) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१२ वर्षे ज्येष्ठ वदि ७ बुघे श्रीउपकेशज्ञातीय श्रे० अमरा सुत सा० गोरा भार्या रजादकेन श्रीजीवितस्वामि श्रीनमिनाथविंबं का० प्र० श्रीचैत्रगच्छे श्रीजिनदेवसूरिपट्टे श्रीरत्नदेवसूरिभिः । ४७७ मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर ४७८ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ४७६ महुवा नेमिनाथ मन्दिर ४८० जयपुर श्रीमालों का मन्दिर ४८१ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ४८२ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ७८ ) प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः [४८३-४८७ ___ (४८३) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः । ॐ ।। सं० १५१२ वर्षे आषाढ वदि १ दिने श्रीऊकेशवंशे थुल्लगोत्रे सा० सादूल भार्या सहवदे पुत्र सा० पासा श्रावकेण भार्या रूपादे पुत्र पूजा प्रमुखपरिवारयुतेन श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः॥ (४८४) अरनाथ-पश्चतीर्थीः ॥संव० १५१२ व० मार्गशिर वद बीज सोमवारे। सुचिंतीगोत्रे । सा० खेता भा० खेतलदे पु० भोजा भा० रूपलदे पु० पन्ना पुण्यार्थ श्रीअरुनाथबिंब का० प्र० श्रीधर्म घोषगच्छे भ० श्रीसाधुरत्नसूरिभिः ।। (४८५) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१२ वर्षे मार्गसिरि व० १२ ऊके० ज्ञातीय चंडालियागोत्रे सा० काला भा० कमलसिरी पु० ५ सा० सुहडा भा० सुहडसिरी हर्षमदे पु० सा० राजा भा० सरूपदे पु० २ हेमो सहदेवु श्रेयसे पितुः मातुः पु० श्रीकुन्थुनाथबिंब का० श्रीमलधारग० प्र० श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ।। (४८६) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः सं० १५१२ मार्ग० सु. १५ कांबलीवासी प्राग्वाट् श्रे० गोधा भा० कमी सुत नरदे सहसा कान्हा भ्रा० धीराकेन भा० तारु सुत खीमादिकुटुम्बयुतेन श्रेयसे श्रीअभिनन्दनविंबं का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य-श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ॥ (४८७) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ।। सं० १५१२ माघ वदि ७ बुधे उपकेशज्ञातौ आइरियागोत्रे सा० लूणा पु० राणा भा० राणादे पु० पर्वतेन भा० प्रेमलदे पु० धीरा राघव सहितेन पित्रोः श्रेयसे श्रीसंभवनाथबिंब कारितं प्र० उपकेशगच्छे ककुदाचार्यसं० श्रीकक(क)सूरिभिः ।। ४८३ मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर ४८४ सांगानेर महावीर मन्दिर ४८५ बीवड़ोद ऋषभदेव मन्दिर ४८६ नागोर बड़ा मन्दिर ४८७ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले०४८८-४६३] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (७६ ) (४८८) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५१२ माघ वदि ७ बुधे उपकेशज्ञातौ आदित्यनागगोत्रे सा० तेजा पु० सुहडा भा० सोना पु० सादा बच्छा हांसा पासा देवादिभिः पित्रोः श्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंबं कारिंतं प्रतिष्ठितं उपकेशगच्छे ककुदाचार्यसन्ताने श्रीकक्कसूरिभिः ॥ (४८६) शान्तिनाथः सं० १५१२ व० माह सु०५ रवौ प्रा० सा० पदम भार्या मही पुत्र धरणा.... 'शांतिनाथबिंबं का प्रतिष्ठितं.... 'सूरिभिः ।। (४६०)अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ संवत् १५१२ वर्षे फागण सु० ७ सो० गांधीगोत्रे ऊसवंशे। सा। सारिंग सुत फेरू भा० सूहवदे पुत्री बाई सोनाई पुण्यार्थः श्रीअजितनाथबिम्बं कारापितं । श्रीअंचलगच्छे । प्रतिष्ठितं । श्रीभावसागरसरिभिः । (४६१) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१२ वर्षे फागुण सुदि ८ शनौ ऊ० वंशे भंडारीगोत्रे भं० गजर भार्या संसारदे नाम्नी पुत्र वीरम वेलाभ्यां देवा पुण्यार्थ अभिनन्दनकारितं । संडरेगच्छे प्रतिष्ठितं श्रीशांतिसूरिभिः ।। श्रीः ॥ श्रीः॥ ___ (४६२) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१२ फागु० सुदि ८ रांकागोत्रे सा० छीछर पु० उदयसीह भा० सदी पु० खेता पु० सहसमल भ्रातृ खेढा-सम हे० पीशीयाकरण निमित्तं नि० श्रीश्रेयांसनाथ उपकेश प्र० श्रीककसूरिभिः __(४६३) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१२ वर्षे फागुण सुदि ८ शुक्र लिगागोत्रे सं० खेता पत्रेण सा० डालूकेन । पुत्र वेल्हायुतेन । पितरनिमित्तं नमिबिंबं का० प्र० तपागच्छे भ । श्रीहेमहंससूरिभिः ।। ४८८ नागोर बड़ा मन्दिर ४८६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण ४६० भैंसरोड़गढ़ आदिनाथ मन्दिर ४६१ सिरोही ४६२ जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर ४६३ दान्तरी आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (८०) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [४६४-४६१ - (४६४) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः संव० १५१२ वर्षे फागुण सुदि ८शनौ श्रीश्रीमालज्ञातीय व्यव० नरसी सुत काला सुत वर्धमान सुत दो० बालाकेन भा० कुंअरि सुत सारण प्रमुखकुटुम्बयुतेन स्वभ्रातृ जाथाराम निश्रेयो) श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीश्रीश्रीरत्नशेखरसूरिभिः ।। (४६५) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ___ सं० १५१२ वर्षे फा० शुदि १२ प्रा० सा० समरसी भार्या हपू सुत सा तोला तील्हा छाडादिभिः भा० हीरू तारादे कुन्तिगदेव्यादिकुटुम्बयुतेन सा० वयरसिंहादिपूर्वजश्रेयसे श्रीविमलनाथबिंबं का०प्र० श्रीतपा श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ॥ (४६६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१२ फा० सु० १२ दिने थुलगोत्रे सा० मूला पुत्र जेसाकेन पु० पेमा खेता खेमायुतेन स्वपुण्यार्थ श्रीआदिनाथबिंबं का० प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः श्रीः ।, (४६७) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१२ वर्षे फागुण सुदि १२ श्रीउपकेशगच्छे श्रीककुदाचार्यसन्ताने । श्रीउपकेशज्ञातौ श्रीआदित्यनागगोत्रे सा० आसा भा० जीवू पु० छाजू भा० छाजलदे पितृ-मातृश्रे० श्रीआदिनाथवि० प्रतिष्ठितं श्रीकक सूरिभिः॥ (४६८) सुमतिनाथः ॥ ॐ ॥ संवत् १५१३ वर्षे षष्ठ्यां तिथौ गुरुवासरे उपकेशवंशे बहुरागोत्रे सा० तापर. 'सरु पुत्र सा०हा......श्रीचैत्रगच्छे प्रतिष्ठितं श्रीउ(द)याकरसूरिभिः ॥१॥ चैत्रमासवे । ॥ ॐ ॥ श्रीसुमतिनाथबिबं॥ (४६६) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१३ वर्षे चैत्र सुदि ६ गुरौ उप० आदित्यनागगोत्रे। सा० करमा भा० कउतिगदे । पु० पामा देदा सुरजा सहितेन मातृ-पितृआत्मश्रेयोर्थ श्रीनमिनाथबिंब का० उ० प्र० श्रीककसूरिभिः ।। ४६४ नागोर बड़ा मन्दिर ४६५ बिलाव शान्तिनाथ मन्दिर ४६६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ४६७ नागोर बड़ा मन्दिर ४६८ सांगानेर महावीर मन्दिर ४६६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ५०० - ५०५ ] प्रतिष्ठा - लेख संग्रहः (५००) पार्श्वनाथ- पचतीर्थीः संवत् १५१३ वर्षे चैत्र सुदि ६ गुरुवारे घाघगोत्रे सा० सिवराज भा० साधू पु० सा० नयणाकेन भा० "स्वपुण्यार्थं श्रीपासबिं० का० प्रति० श्रीमलधारिगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ॥ (५०१) मुनिसुव्रत - पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ चैत्रे ओसवाल मं० रत्ना भा० माऊ पु० वाघा-फदाभ्यां क्रमात् भा० रत्नू । वीजलदे । पु० भूभुच | सोमादि कुटुम्ब परिवृताभ्यां श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं निजमात श्रेयसे का० प्र० तपा श्रीसोमसुन्दरसूरिशिध्यश्रीरत्नशेखरसूरिभिः ॥ इलादुर्गे (५०२) कुन्थुनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ वर्षे वैशाख वदि ४ शुक्रे श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० सादूल भा० संसारदे सु० सालिग भा० रांभू सहितेन निजपुरयार्थं जीवितस्वामि श्री कुन्थ (थु) नाथबिंबं कारितं श्रीपूर्णिमापक्षे श्रीकमलप्रभसूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ॥ ( ८१ ) (५०३) विमलनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ वर्षे वै० ० १२ दिने आम्लाहिवासि प्राग्वाट सा० मेहा भा० मची सुत सा० धन्नाकेन भा० रूदी पुत्र सा० रामा सा० देवादियुतेन श्रीविमलबिंबं का० । श्रीतपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य-गच्छनायकश्रीरत्नशेखरसूरिभिः । (५०४) आदिनाथ - पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५१३ वर्षे वैशाख सुदि २ चण्डालियागोत्रे सा० रत्नसी भाउ पु० सा० चूहा सा० हेमाभ्यां स्वपुण्यार्थं श्री आदिनाथबिंबं का० प्र० श्रीमलधारिगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः । (५०५) संभवनाथ - पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५१३ वर्षे वैशाख सुदि ५ उपकेश० गुन्दोचागोत्रे सा० धीरा भा० धीरलदे पु० देवा भा० सहजलदे पाल्हा भा० पोमादि स्वश्रे० संभवनाथबिंबं का० प्र० श्रीचित्रवालगच्छे भ० श्रीमुनितिलकसूरिपट्टे श्रीगुणाकरसूरिभिः ॥ ५०० सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ५०१ सैलाना मुनिसुव्रत मन्दिर ५०२ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ५०३ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ५०४ भिनाय महावीर मन्दिर ५०५ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (८२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [५०६-५१० (५०६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ वै० शु० ७ श्रीमालज्ञा० सा० वाना भार्या वाल्ही सुत सं० खरहथेन भा० दामा सुत वीरम भ्रातृ नाथू प्रमुखकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयोथे श्रीआदिनाथबिंबं का० प्र० तपागच्छेश श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ।। (५०७) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१३ वर्षे वैशाख सुदि १० बुधे श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० मामट भार्या हीरू सुत पुनसीकेन मातृपितृश्रेयोथै विमलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः विधिना। (५०८) धर्मनाथः ॥ सं० १५१३ वर्षे ज्येष्ठ वदि ११ गुरौ श्रीमालवंशे आकदूधियागोत्रे श्रे० सा० इरिया भा० बालहदे पुत्र सं० डूगर सुश्रावकेण श्रे० जेवंत जीदा साधु परिवृतेन भा० लीलादे-श्राविकापुण्यार्थं श्रीधर्मनाथबिंबं का० प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः ।। (आगे पलांठी पर) सा० डूगर भा० लीला धर्मनाथं प्रणमति (५०६) सुविधिनाथ-पश्चतीर्थीः संवत् १५१३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि : शुक्र श्रीश्रीमालज्ञातीय पहिलगोत्रे सा० जगसी भा० ऊमी पुत्र राजा देल्हा कीका प्रमुखसकुटुम्बेन पितृव्य धांधानिमित्तं श्रीसुविधिनाथबिंबं का० प्र० श्रीश्रीभीनमाल । भ० श्रीदेवसूरिपट्टे भ० श्री माघ".................." | (५१०) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ११ शुक्र ऊकेशवंशे सा० नगराज भा० गीगाई पु० भीष्णताप (?) भार्यया सा० केशराज काममणि सुतया रोहिणीनाम्न्या श्रीविमलनाथबिंब का०प्र० अंचलगच्छे श्रीजयकेशरिसूरीणामुपदेशात् .. . .। ५०६ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ५०७ सैलाना सुनिसुव्रत मन्दिर ५०८ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण ५०६ भिनाय केसरियानाथ मन्दिर ५१० चाडसू आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ५११-५१५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( ८३ ) (५११) शान्तिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥संवत् १५१३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ११ शनौ उपकेशज्ञातीय सांडगोत्रे सा० मांडण भा० माणिकदे पु० खेताकेन भा० लखमादे सहितेन सूरमदे निमित्तं श्रीशांतिनाथबिंबं कारितं पूर्णिमापक्षी प्रतिष्ठितं श्रीजयभद्रसू रिभिः॥ (५१२) कुन्थुनाथः ॥ सं० १५१३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ११ गुरौ ......... श्रीपारखगोत्रे सा० मोल्हा भा० राजू पुत्र ईसर सुश्रावकेण भा० जादवदे युतेन श्रीकुथुनाथबिंब का० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः ।। (५१३) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। ॐ ।। सं० १५१३ वर्षे आषाढ सु० २ दिने ऊकेशवंसे कूकडागोत्रे । चोपड़ा सा० ईसर भा० राणी सुत सरवणेन भ्रातृ राल्हा कूपा पु० मला रत्ना चांपा वरसिंघ खीमा हर्षा आंबा व्रजांग चाचादिपरिवारसहितेन श्रीशांतिबिंबं कारितं प्र० खरतर० श्रीजिनभद्रसूरिभिः (५१४) सुविधिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१३ वर्षे आसाढ सुदि २ गुरु दिने उपकेशज्ञातीय मंडलेचागोत्रे सा० चूहथ भा० वाहिणदे पु० रणमल भा० रतनादे पु० माहा युतेन श्रात्मश्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंब कारितं प्र० श्रीबृहद्गच्छे जीनेरावटंके (?) भ० श्रीहेमचन्द्रसूरिपट्टे भ० श्रीकमलप्रभसूरिभिः (५१५) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ वर्षे आषाढ सुदि २ गुरौ उपकेशगच्छे श्रीकुकदाचार्य सन्ताने उप० बलहिगोत्रे जाणा पु० जेसल भा० जसमादे पु० भादा भा० कुंतगदे पु० सांगा युतेन पूर्वजनिमित्तं श्रीसीतलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीकक्कसूरिभिः॥ ५११ बूदी पार्श्वनाथ मन्दिर ५१२ केकड़ी चन्द्रप्रभ मन्दिर. पाषाण ५१३ बंदी पार्श्वनाथ मन्दिर ५१४ नागोर बड़ा मन्दिर ५१५ सांगानेर महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (८४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [५१६-५२१ (५१६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१३ वर्षे आ । २ तिथौ घाघगोत्रे सा० खेता भा० कनकेन पु. देवसी भा० देवलदे पु० माला-युतेन स्वश्रेयसे श्रीसांतिनाथबिंध कारितं प्र० मलधारीगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः (५१७) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ ॐ ॥ सं० १५१३ वर्षे साढ सुदि दिने उकेशवंशे मंत्रि पूजा पुत्र मं० धन्नाकेन निज भार्या सोनादे पुण्यार्थे श्रीआदिनाथविंबं कारितं प्र० श्रीखरत० श्रीश्रीजिनभद्रसूरिभिः ।। श्रीः ।। . (५१८) सुविधिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ सं० १५१३ पोष सु० ७ उकेशवंशे लोढागोत्रे सा० लूणा पुत्रेण सा० साल्हाकेन निजभार्यानिमित्तं श्रीसुविधिनाथबिंबं का० प्रतिष्ठितं तपा० भट्टारक श्रीपूर्णचन्द्रसूरिपट्टे श्रीहेमहंससूरिभिः ।। (५१६) शान्तिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ सं० १५१३ वर्षे माह वदि ६ गुरु ज्ञानकी उप० मं० मांडण भा० माणिकदे पु० लोलाकेन भा०लाच्छलदे पु० परवतेन भा० चांदासहि० पितृनिमित्तं श्रीशान्तिनाथबिंब का० प्र० भ० श्रीशान्तिसूरिपट्टे भ० श्रीसिद्धसेनसूरिभिः॥ (५२०) विमलनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥सं० १५१३ माघ सु० ७ बुधे श्रीउसवालज्ञातौ लोढागोत्रे सा० भूचर भा० सरू पु० हळू भा० सहगई पु० भरहकेन पितृश्रेयसे श्रीविमलनाथबिंब कारितं श्रीरुद्रपल्लीयग० श्रीदेवसुन्दरसूरिपट्टे प्रतिष्ठितं श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः (५२१) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः __ सं० १५१३ वर्षे माघ सुदि १३ सोमे ओसवालज्ञातीय व्य० सूरा भार्या सूहवदे पितृमातृश्रेयसे सोमल-पद्माभ्यां श्रीश्रीकुन्थुनाथमुख्यपंचतीर्थी कारिता पूर्णिमापक्षे भीमपल्लीय भ० पासचंदसूरिपट्टे भट्टारक श्रीजयचन्द्रसूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठितं ।। ५१६ सांगानेर महावीर मन्दिर ५१७ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ५१८ नागोर बड़ा मन्दिर ५१६ जड़ाउ पार्श्वनाथ देरासर ५२० नागोर चोसठियाजी का मन्दिर ५२१ सिरोही अजितनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ५२२-५२७] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (८५) (५२२) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ फागुण वदि ५ नगणावाल भा० सांरी सा। घूघलपुत्रेण । सा० नरदेवेन वीतरादे पुत्र सहितेन श्रीशान्तिनाथ-प्रतिमा-कारिता प्रतिष्ठिता । तपा-भट्टारक श्रीपूर्णचन्द्रसूरिपट्टे श्रीहेमहंससूरिभिः ।। (५२३) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ वर्षे फागुण वदि १२ सोमे प्राग्वाट० विकआ भा० मयणलदे पुत्र तेजाकेन भा० तेजलदे सहितेन आत्मश्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंब का० प्र० कच्छोलीवालगच्छे पूर्णिमापक्षे भ० श्रीसर्वाणंदसूरिपट्टे भ० श्रीगुणसागरसूरीणामुपदेशेन (५२४) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१३ वर्षे फागुण वदि १२ सोमे श्रीसंडेरगच्छे उ० ज्ञा० वासहंडेची गोष्ठि सा० कर्मसी पु० ऊदा पु० कूचा भा० कुरांदे पु० कुंभाकीताभ्यां पित्रोःश्रेयसे स्वपुण्यार्थ श्रीधर्मनाथबिं० का०प्र० श्रीयशोभद्रसूरिसन्ताने श्रीईश्वरसूरिभिः श्रीरस्तु कल्याणमस्तु । (५२५) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ वर्षे फागुण वदि १२ सोमे ऊ० ज्ञातीय सा० आरक भार्या आल्हणदे पुत्र काजा भा० अरघू पु० नामसी शदराज पित्रोः श्रे० आदिनाथबिंब का० प्र० ब्रह्माणीय । श्रीउदयप्रभसूरिभिः ॥१॥ (५२६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१३ बर्षे फाल्गुन वदि १२ दिने सुराणागोत्रे सं० धणपति भार्या धांधलदे पु० दासूकेन पितृपुण्यार्थ श्रीशान्तिनाथबिंबं का० प्रतिष्ठितं श्रीपद्मानन्दसूरिभिः। (५२७) अजितनाथः ॥सं० १५१३ वर्षे फागुन वदि १२ सोमे उक्केशज्ञातीय आचाहमाणगोत्रे शाह ...."भार्या .. ...... पुत्र वीसल भार्या ..... केन श्रीअजितनाथविंबं का० प्र० श्रीभावडार श्रीवीरसूरिभिः ५२२ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ५२३ सिरोही अजितनाथ मन्दिर ५२४ पचेवर धर्मनाथ मन्दिर ५२५ जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर. घाट ५२६ पापड़दा शान्तिनाथ मन्दिर ५२७ किसनगढ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ८६ ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [५२८-५३३ (५२८) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१३ वर्षे फागुण व० १२ सोमे श्रीसंडेरगच्छे उ० ज्ञा० फडीया-उडंके (?) सा० तेजा पु० लूणा भा० देल्ही पु० रेडा-सामाभ्यां भ्रातृ लखमा पुण्यार्थे स्वश्रेयसे श्रीसंभवनाथबिं० का० प्र० श्रीयशोभद्रसूरिसन्ताने श्रीश्रीईश्वरसूरिभिः ॥ (५२६) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१३ ओसवाल मं० भारमल्ल भावलदे पुत्र रत्नाकेन भा० अपू भ्रा० टील्हा शिवादिकुटुम्बयुतेन श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरि-श्रीमुनिसुन्दरसूरि-श्रीजयचन्द्रसूरिशिष्य-श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । __ (५३०) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१५ वैशाख शुक्ल ७. श्रे.... 'जा'... 'सी'"टी पुत्र । सरसेन आत्मश्रे० श्रीआदिनाथबिंबं का० प्र० श्रीमहीतिलकसूरिभिः ॥ (५३१) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१५ वर्षे वैशाख शु० १० गुरौ श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रीपोमा भा० टीबू तयोः पुत्र देपाल भा० बड़चूनाम्न्यः सपतिआत्मश्रेयोऽर्थ श्रीसंभवनाथबिंबं कारितं आगमगच्छे श्रीहेमरत्नसूरीणामपदेशेन प्रतिष्ठितं अम्बासन । (५३२) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः ।। ॐ ।। संवत् १५१५ वर्षे ज्येष्ठ वदि १ दिने श्रीश्रीमालज्ञातौ खारड गोत्रे सा० वाडा बठूरा सुश्रावकेण स्वपुण्यार्थे चन्द्रप्रभस्वामिबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छेश श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिगुरुभिः । (५३३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ॐ ॥ संवत् १५१५ वर्षे ज्येष्ठ वदि १ दिने श्रीमालज्ञातौ खारडगोत्रे सा८ वील्हा वयरा श्रावकेण सपरिवारेण श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छेश श्रीजिनभद्रसूरिपट्टालङ्कारसारगुरु-श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः श्रीसंघस्य भद्रं भूयात् ५२८ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ५२६ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ५३० नागोर चोसठियाजी का मन्दिर ५३१ करमदी आदिनाथ मन्दिर ५३२ चंदलाई शान्तिनाथ मन्दिर ५३३ जयपुर पंचायती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ५३४- ५३८ ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: ( ५३४) श्रेयांसनाथ- पञ्चतीर्थी: ॥ ॐ ॥ संवत् १५१५ वर्षे ज्येष्ठ सु० ४ शुक्र ऊकेशवंशे शंकाश्रेष्ठिगोत्रे श्रे० नरसिंह पुत्र श्रे० महीपति भार्या भदू पुत्रेण श्रेष्ठि वच्छराजेन सपरिकरेण स्वश्रेयोर्थं श्री श्रेयांसबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजि - नभद्रसूरिपट्ट श्रीजिनचन्द्रसूरि मुगुली | ( ५३५) धर्मनाथ- पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५१५ वर्षे ज्ये० शु० ५ प्राग्वाट व्य० ऊदा भा० पा पुत्र जेसाकेन भा० लिक्क प्रमुखकुटुम्बयुतेन निजश्रेयसे श्रीधर्मनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छ नायक श्री सोमसुन्दर सूरिपट्टे श्रीमुनिसुन्दरसूरिपट्टे श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । हाथी.... I (८७) (५३६) नेमिनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १५५५ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ११ सोमे उकेशगच्छे श्रीकुकुदाचार्यसन्ताने उ० श्री आइचरणागगोत्रे सा० रूपा पुत्र हरखा पु० केल्हा पु० रेडा भार्या देवराजही पु० जावद भा० जिरणश्री पु० साधारण भा० नथूही पुत्रते पिता जावद श्रेयसे श्रीनेमिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीकक्कसूरिभिः ।। ( ५३७) कुन्थुनाथ - पचतीर्थीः ।। संवत् १५१५ वर्षे ज्ये० शु० १२ दिने प्राग्वाट्ज्ञातीय सा० माला भार्या गांगी पुत्र सा० ऊदाकेन भार्या वील्ही वृद्धभ्रातृ पेमा वला वेला राणा राजा लखमण हेमा सोमा पुत्र सिंहादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्री कुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः । श्रीरस्तु ।। (५३) आदिनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १५१५ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १५ दिने ऊकेशवंशे भरणसालीगोत्रे सा० सायर भा० सिंगारदे पुत्र सा० शेषा श्रावकेरण भार्या सलखणदे पु० सा० भीमा भ्रा० शिवदत्त पौत्र सा० पेथा चांपादिपरिवारयुतेन श्री आदिनाथबिंबं कारितं स्वयोर्थं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ५३४ चाड आदिनाथ मन्दिर ५३५ वरखेड़ा आदिनाथ मन्दिर ५३६ भिनाय केसरियानाथ मन्दिर ५३७ सांगानेर महावीर मन्दिर ५३८ मेड़तारोड़ पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (55) प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (५३६) सुमतिनाथ- पचतीर्थीः ॐ ।। सं० १५१५ वर्षे ज्येष्ठ सुदि" “प्राग्वाट वंशे श्रमगोत्रे सा० झगडा भा० धारलदे पुत्र सा० पूजा सा० काजाभ्यां भार्या हीरादे कामलदे पुत्र आंबा वयरसींह रूपा कूपा डाहादिपरिवारयुताभ्यां श्रीसुमतिनाथविंबं का० प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ (५४० ) शान्तिनाथ - पश्र्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१५ वर्षे जेठ सुदि ऊकेशवंशे साधुशाखायां सा० पाल्ह णसी भा० जइतू पुत्र धर्मसिंहेन सा० नरपति भा० धारलदे पुत्र सीहा प्रमुखपरिवारयुतेन श्रीशान्तिनाथबिंबं का० प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ [ ५३६-५४४ (५४१) अभिनन्दन - पञ्चतीर्थीः ।। सं० २५१५ वर्षे आषाढ व० ८ ऊकेशज्ञातीय बहुरागोत्रे सा० खिमराज पुत्र सा० डूंगर भार्या करमाही पुत्रेण सा० श्रीमल्लेन श्रीअभिनन्दनबिंबं पितरनिमित्तं का० प्र० तपा० भ० श्रीपूर्णचन्द्रसूरिपट्टे श्रीमहंससूरिभिः ॥ (५४२) वासुपूज्य - पचतीर्थीः सं० १५१५ वर्षे आषाढ व० ६ ऊकेशज्ञातीय बहुरागोत्रे सा० डूंगर भार्यया लखमश्रिपुण्यार्थं श्रीवासुपूज्यबिंबं का० प्र० तपा० भ० श्री पूर्णचन्द्रसूरिपट्टे श्रीमहंससूरिभिः । (५४३) मुनिसुव्रत - पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५१५ आषाढ सुदि १ उपकेशवंशे पाटदडगोत्रे सा० गेला भा० अणपू''''''''पु० सा० संतोक भा० खेतलदे पु० कर्णादिपरिवारयुतेन श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का० प्र० श्रीखरतर ० श्रीजिनसागरसूरिभिः ॥ (५४४) श्रेयांसनाथ पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१५ वर्षे आषाढ़ सुदि ५ बुध उपकेशज्ञा० डेडाणागोत्रे मांढाशाखायां सा० महिराज भा० हीरादे पु० माल्हा भा० लाखू तयोः स्वश्रेयसे श्रीश्रेयांस बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं ब्रह्माण गच्छे श्रीउदयप्रभसूरिभिः । छ | ५३६ मेड़तासिटी महावीर मन्दिर ५४० कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ५४१ सांगानेर महावीर मन्दिर ५४२ सांगानेर महावीर मन्दिर ५४३ नागोर बड़ा मन्दिर ५४४ जूनीआ For Personal & Private Use Only Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ५४५-५५०] प्रतिष्ठा-लेख-संप्रहः (८९) (५४५) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१५ वर्षे कार्तिक वदि १४शुक्र श्रीभावडारगच्छे श्रीश्रीमाल ज्ञा०व्य० राणा भा० रांभलदे पु० । वेलां भा० फत्त पु० आल्हा सहितेन पित्रोः श्रेयसे भ्रात वीरा लीना श्रेयसे श्रीश्रेयांसनाथबिंबं कारि० प्रति० भ० श्रीजिनदेवसूरिभिः ॥ ___ (५४६) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१५ वर्षे मार्ग सुदि ५ शुक्रं श्रीश्रीमालज्ञातीय मं० पुदा भा० झमकलदे सुत सेना भा० पूरि सुत भीमा नाम्ना भार्या ढबी सहितया भर्तृ श्रेयोर्थ आत्मश्रेयसे श्रीपद्मप्रभबिंबं का० प्रति० ब्रह्माणगच्छे श्रीमुनिचन्द्रसूरिभिः लहीगा पडीवा (?) (५४७) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१५ माघ वदि ६ बुधे श्रीश्रीवंशे श्रे० राउल भा० रूपिणि पुत्र मेलाकेन भा० मेलादे भ्रातृ देपा सहितेन श्रीअञ्चलगच्छे श्रीजयकेसरसूरि उपदेशेन पितुः पुण्यार्थ श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितंप्रतिष्ठितं श्रीसंघेन श्रीर्भवतुः (५४८) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१५ वर्षे फागुण वदि ४ शुक्रवारे ओशवालज्ञातीय वच्छशगोत्रे सा० धीना भा० फाई पु० देवा पद्मा मना वाला हरपाल धर्मसी आत्मपुण्यार्थ श्रीधर्मनाथबिं० का० प्र० श्रीमलधारगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ॥ (५४६) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१५ वर्षे फाल्गुन वदि १२ बुधे श्रीओशवंशे हुंबड़गोत्रे सा० धोधु भा० पजेत्तमाल्ह पुत्र भुणा नापा अर्जुनादिभिः भुणा भार्या जयतु पु० गोइंद युतैः स्वश्रेयसे श्रीशीतलताथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं बृहद्गच्छे श्रीहेमचन्द्रसूरिपट्टे श्रीज्ञानचन्द्रसूरिभिः ॥ श्रीः (५५०) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१५ वर्षे फा० सु०२ सोमे वीसनगरवास्तव्य प्राग्वाटज्ञातीय मंत्रि नगराज भा० गांगी सु० खीमाकेन भा० जंगी भ्रातृ राजपाल प्रमुखकुटुंबयुतेन स्वश्रेयसे श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीश्रीश्रीहेमविमलसूरिभिः ।। ५४५ मुंडावा पार्श्वनाथ मन्दिर ५४६ रतलाम मोतीसा का मन्दिर ५४७ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ५४८ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ५४६ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ५५० मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (६०) प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: ( ५५१) अनन्तनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० १५१६ वर्षे चैत्र वदि ५ गुरौ । श्रीकाष्ठासं । वागड गच्छे | नंदी भ० श्रीधर्मसेन प्रतिष्ठितं । वाचणतीया गिरिलबगोत्रे साः पाल्हा भा० देऊ सुत सा० झांझण भार्या अंधकूराणी । साः झांझरणकेन आत्मश्रेयोर्थ श्रीअनंतनाथबिंबं करापितं ॥ १ (५५२) अभिनन्दन - पञ्चतीर्थीः || सं० १५१६ वर्षे वैशाख वदि ११ शुक्रे श्रीश्रीमालज्ञातीय पितृ सं० रामा मातृ शाणी श्रेयोर्थं सुत सांगाकेन श्रीश्री अभिनन्दननाथबिंबं कारितं श्रीपूर्णिमापने श्री साधुरत्नसूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठितं विधिना श्रीसंघेन । गोदूया वास्तव्य || [ ५५१-५५६ (५५३) शान्तिनाथ - पश्र्चतीर्थी: ।। सं० १५१६ वर्षे वैशाख सुदि २ बुधे श्रीश्रीमाल श्रे० जइता भा० लाछू तयोः पुत्र यादवनिमित्तं लाछू आत्मश्र योर्थ श्री शान्तिनाथविंबं का० पिप्पलग० भ० श्रीविजयदेवसूरिमु० प्र० श्रीशालिभद्रसूरिभिः ॥ ( ५५४ ) पद्मप्रभ - पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१६ वर्षे वै० शु० ३ पूनानावासी प्राग्वाट् श्रे ० वूड भा० बिलहु पु० भरमाकेन भा० शदु पु० चाहड धुरा प्रमुखकटुम्बयुतेन श्रीपद्मप्रभबिंबं कारितं प्र० तपा श्रीमुनिसुंदरसूरिपट्टे श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ।। ( ५५५) पद्मप्रभ - पचतीर्थी: || सं० १५१६ वैशाख सुदि ५ जालोरा बहुरा व्य० के० कुसला पु० नपा भा० नायकदे पु० जिणदत्तेन भा० पद्मादे पु० चाचा चरडा रांभा डामर सहितेन स्वश्रेयसे श्रीपद्मप्रभबिं० का० प्र० चैत्रगच्छे श्रीगुणाकरसूरिभिः ॥ ( ५५६) चन्द्रप्रभ - पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१६ वर्षे वैशाख सुदि १३ रबौ उसवालज्ञातौ पाल्हाउत - गोत्रे सा० देल्हा पुत्र सा० खीमराज भा० डाही पुण्यार्थं श्रीचन्द्रप्रभनाथबिंबं कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीमलध (धा) रगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः । प्रतिष्ठितं । श्री ॥ श्री ॥ श्री ॥ ५५१ जयपुर पंचायती मन्दिर ५५२ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ५५३ जयपुर पंचायती मन्दिर ५५४ किशनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ५५५ सांगानेर महावीर मन्दिर ५५६ सांगानेर महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ५५७-५६२] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (६१) (५५७) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१६ वर्षे ज्ये० शु०५प्रा० ज्ञा० सा० धुबा भा० देऊ पुत्र सा० नामसी भा० तारू पुत्र सा० राजाकेन भा० पूरी पुत्री रमाई भ० (?) चमकू प्र० कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीसुमतिबिंब का० प्र० तपागच्छेशश्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । श्रीअवंतीस्थाने ।। (५५८) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५१६ वर्षे ज्ये० शुदि ६ दिने प्रा० ज्ञातीय सा० साल्हा भा० लापा पुत्र सा० जाल्हाकेन भा० कीकी सपराई प्रमुखकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीमुनिसुप्रतबिंबं का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य-श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ॥ (५५६) सुमतिनाथ-चतुर्विशतिपट्टः ॥ सं० १५१६ वर्षे आषाढ सु० ३ रवौ गिरिपुरवास्तव्य हुंबडज्ञाती० कोट पूना भा० साणी सुतया सा० गोपा सा० भोजा भगिन्या पोमी सु० धृति ठ० धर्मा भार्यया भानू नाम्न्या सुत सोमा तथा ठ० रामा भा० शिवा अदा देवसी जावड वेगडादियुतया स्वसुत देवा श्रेयोथे श्रीसुमतिनाथचतुर्विंशतिपट्टः कारितः प्रतिष्ठितः श्रीवृद्धतपापक्षे श्रीरत्नसिंहसूरिभिः ।। (५६०) पद्मावती-पाश्वनाथः सं० १५१६ आषाढ सुदि ५ श्रेष्ठिगोत्रे नींवा भार्या रूपी पु० ताल्हा तेजा नेजा खीदा बहुरा पद्मावती प्रणमंति । (५६१) श्रेयांसनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१६ कार्तिक व० २ रवौ श्रीश्रीवंशे लघुसन्ताने मं० माला भा० महिगलदे पुत्र मं० सामा भार्या रत्नादे पुत्र वाछाकेन भार्या अमरी पुत्र सीधर हांसा कीका-सहितेन श्रीअंचलगच्छगुरु श्रीश्रीजयकेसरिसूरीणां उपदेशेन स्वश्रेयसे श्रीश्रेयांसबिबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसंघेन ॥श्रीः॥ (५६२) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः संव० १५१७ वर्षे चैत्र सु. १३ गु० प्राग्वाट ज्ञा० सा० लखमण भा० साधू पुत्र साह गोवलेन भा० राजू युतेन स्वश्रेयसे श्रीपार्श्वबिंवं का० प्र० तपागच्छेश श्रीमुनिसुन्दरसूरिपट्टे श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । ५५७ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ५५८ दाहोद पार्श्वनाथ मन्दिर ५५६ जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर. घाट ५६० अजमेर संभवनाथ मन्दिर ५६१ सेमलिया शान्तिनाथ मन्दिर ५६२ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (६२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [५६३-५६७ (५६३) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१७ वर्षे चैत्र शु० १३ गुरु प्राग्वाट सा० गोगन भा० संद्र पुत्र सा० जताकेन भा० शाणी भ्रातृ जग्गा भा० हीरू प्र० कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीधर्मनाथबिंबं को० प्र० तपागच्छे भ० श्रीरत्नशेखरसूरिभिः॥ (५६४) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१७ वर्षे चै० शु० १३ गुरुवा० श्रीमालवंशे नउवीया गोत्रे सा० घोघर भा० कीता सुत वाल्हा-पाल्हाभ्यां ना० मडगू हांसु-पूताभ्यां सश्रेयोर्थ श्रीअजितबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपा श्रीरत्नशेखरसूरिभिः इवाग्रमी....। (५६५) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१७ वर्षे चैत्र सु० १२ गु० प्राग्वाटज्ञा० सं० चूडा भा० चाहणदे पुत्र सं० उगमेन भा० साऊ पु० काला भा० चांपा भा० भला प्र० कुटुम्बयुतेन श्रीवासुपूज्यबिंब का० प्र० तपा० श्रीरत्नशेखरसूरिभिः । (५६६) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५१७ वर्षे वैशाख सु० ३ बुधे श्रीउएसवंशे व्य० देपा भा० देल्हणदे पु० व्य० उदिरश्रावकेण भा० ऊमादे पु० देवा हापराजेन भ्रातृ सा० महिरा सहितेन मि.ई देवलदे पुण्यार्थं श्रीअंचलगच्छेश-श्रीजयकेसरिसूरीणामुपदेशेन श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसंघेन । (५६७) श्रेयांसनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५१७ वर्षे ज्येष्ठ शु० ६ सोमे श्रीश्रीमालज्ञा० मं० गोइंद भा० घरघति पुत्र थिरपाल सुश्रावकेण भ्रातृ देवा भा० रूपिणि पुत्र सहिसा चउथा केसव पौत्र रत्ना सहितेन श्रीअंचलगच्छे श्रीजयकेशरिसूरीणामुपदेशेन श्रा० सहजलदे श्रेयोर्थ श्रीश्रेयांसनाथचतुर्विंशतिपट्टः कारितः प्रतिष्ठितः श्रीसंघेन ॥ श्रीः॥ ५६३ नागोर बड़ा मन्दिर ५६४ सांगानेर महावीर मन्दिर ५६५ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ५६६ सांगानेर महावीर मन्दिर ५६७ सांगानेर चन्द्रप्रभ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ५६८-५७२] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (६३) (५६८) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः सं० १५१७ वर्षे आ० व० ७ दिने सोमे सा० धरणा भा० मूली सुत सा०मंदिरवदेस (?) भा० समीरदे परि० देवादिकदेवयुतेन...''श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ॥ श्रीरत्नशेखरसूरि... श्रीधर्मसागरसूरिभिः (५६६) धर्मनाथ-चतुर्विशतिपट्टः ॥ॐ॥ संवत् १५१७ वर्षे मार्ग सुदि २ शनौ । मूलनक्षत्रे । लोढा गोत्रे सा० गोगा । गोरान्वये । सा। आसपालसन्ताने । सा० लाखा पुत्र सा। सोनपाल । तत्पुत्रेण । सा० डीडाकेन । निजपितामही लखसिरि पुण्यार्थ श्रीधर्मनाथबिंब कारितं । प्रतिष्ठितं । तपागच्छे । श्रीहेमहंससरिपट्टे। श्रीहेमसमुद्रसूरिभिः (५७०) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५१७ वर्षे माघ वदि ५ दिने उपकेशज्ञातौ दूगडगो० सा० सुहडा भा० गुणपालही पु० नगराज भा० नावलदे पु० नानिग मूला सोढल वीरदे हमीरदे सहितेन श्रीश्रेयांस बिंबंका० श्रीरुद्रपल्लीयगच्छे श्रीदेवसुन्दरसूरिपट्टे प्र० श्रीसोममुन्दरसूरिभिः ।। (५७१) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१७ वर्षे माघ वदि ६ गुरौ । उपकेशज्ञा० तातहड़गोत्रे सा० समदा भा० कालाही पुत्र सा० गऊरा सा० पद्मा सहितेन श्रीकुन्थुनाथबिंब कारापितं आत्मश्रे योथै उप० ग० कुक० प्रतिष्ठितं श्रीकक्कसूरिभिः॥ (५७२) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१७ वर्षे माघ सु० ५ शुक्र प्राग्वाट्ज्ञा० श्रे० डउठा भा० हरखू सुत श्रे० नागाभा० आजी सुत श्रे० जिनदासेन स्वश्रेयसे श्रीधर्मनाथबिंबं आगमगच्छे श्रीदेवरत्नसूरिगुरूपदेशेन कारितं प्रतिष्ठापितं च ॥ ५६८ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर ५६६ किशनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ५७० नागोर बड़ा मन्दिर ५७१ जयपुर पंचायती मन्दिर ५७२ अजमेर संभवनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (६४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [५२०-५०५ HD हिमपाल १७ वर्षे मार (५७३) श्री (५७३) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५१७ वर्षे माह सुदि १० सोमे सोनीगोत्रे सा० धन्ना पु० सा० हिमपाल पुत्राभ्यां सा० हिमराज-खिमराजाभ्यां स्वपितृपुण्यार्थ श्रीश्रेयांसबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारक-श्रीहेमहंससूरिपट्टे श्रीहेमसमुद्रसूरिभिः। (५७४ श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ___सं० १५१७ वर्षे फा० शुदि २ उकेशवंशे । बुहरागोत्रे । सा० सोढा भा० शाणी सु० नगाकेन भा० नायकदे पुत्र लापा गोपा प्र० परिवारसहितेन स्वपितु सा० सोढा पुण्यार्थं श्रीश्रेयांसबि० का० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं ।। - (५७५) श्रेयांसनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥ ॐ ।। सं० १५१८ वर्षे चैत्र वदि १ सोम दिने श्रीमालवंशे जूनीवालगोत्रे सा० दासा पुत्र सा० खिंउराजकेन समस्तपरिवारेण आत्मश्रेयसे श्रीश्रेयांसनाथबिंबं कारितं श्रीखरतरगच्छे। श्रीजिनप्रभसू० अन्व० प्रतिष्ठितं श्रीजिनतिलकसूरिभिः ।। शुभंभवतु ॥ छ । (५७६) पद्मप्रभ-पश्चतीर्थीः संवत् १५१८ वर्षे वैशाख वदि ४ प्राग्वाट सा० चांदा भा० पूरी पुत्र पेथाकेन भा० रामति पुत्र राजा भा० राजलदे प्रमुखकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीपद्मप्रभनाथबिंब कारितं गुरु-श्रीभावदेवसूरि.......। (५७७) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१८ वर्षे वैशाख सुदि ४ रवौ उच्छितवालगो० सा० गिना भा० हिमादे पुत्र कुशला भामर-मदिरा आत्मश्रेयसे श्रीपारिश्व(च)नाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीमहीतिलकसूरिभिः ।। (५७८) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१८ वैशाख सुदि ३ दिने श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० धणपाल भा० धणदेवि सहितेन पितृव्य महणसींह भा० महता पु० मूगा माहण .' 'धर्मनाथबिंबं का० प्र० श्रीभावडारगच्छे श्रीविजयदेवसूरिभिः १०॥ ५७३ मेडतासिटी धर्मनाथ मन्दिर ५७४ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ५७५ जयपुर पंचायती मन्दिर ५७६ पापड़दा शान्तिनाथ मन्दिर ५७७ भिनाय महावीर मन्दिर ५७८ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ५७६-५८३ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रह. (५७६) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः - संवत् १५१८ वर्षे आषाढ सुदि तृतीयायां गुरुपुष्ययोगे अइमा-वास्तव्य प्राग्वाटज्ञातीय सं० साल्हा भा० गूजरि तत्पुत्र सं० वालाकेन भा० राजी तत्पुत्र सं० पारस युतेन श्रीविमलनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य-श्रीमुनिसुन्दरसूरिशिष्य-श्रीरत्नशेखरसूरिशिष्य गच्छनायक श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। छ । छ (५८०) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१८ वर्षे मार्गशिर वदि ५ शनौ गांधीगोत्रे उपकेशज्ञातीय सहसा तत्पुत्र सा० लूणा-ठाकुराभ्यां पितुः श्रेयोऽर्थे श्रीश्रेयांसनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमलधारिगच्छे श्रीगुणमुन्दरसूरिभिः । हर्षपुरी (५८१) मूलनायकः [१] ॥ ॐ ॥ संवत् १५१८ वर्षे मार्गशिर सुदि १० दिने आदि..' उत्तरानक्षत्रे शनीसरबारे नाहरगोत्रे मं० गयधरसन्ताने सं० रामा भा० थाऊ पु० सा० सूरा भा० सूहवदे पु० [२] सं० रतन भार्या गूजरि सुपुत्र सा० गुणराज सा० हेमा । सा० ऊदा सा० भोला कारापितं । श्रीधर्मघोषगच्छे श्री ५ रूपचन्दसूरिपट्टे श्री पद्मशेखरसूरिप? [३] विजयचन्द्रसूरिपट्टे श्रीपूझोगिद (पद्माणंद) सूरिभिः प्रतिष्ठितं । आत्मश्रेयसे । शुभंभवतु (५८२) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१८ वर्षे मार्ग वै० ५ ऊ आदित्यगोत्रे सा० सूजु भा० सूर्जनदे पु० सदमरतोसर पितुः श्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंब का० प्र० श्रीउपकेशग० ककसूरिभिः । ___ (५८३) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१८ वर्षे माघ शु०२ शनौ । प्राहमेचागोत्रे । सा । रुदपालसन्ताने । सा। देवदत्तपुत्र । सु । उम्केन । पुत्र माधव । देवादियुतेन । माता जाल्हणदे पुण्यार्थ श्रीचन्द्रप्रभबिंब कारितं प्रतिष्ठितं । भावडारगच्छे श्रीजिणदेवसूरिपट्टे श्रीभावदेवसूरिभिः । ५७६ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ५८० जयपुर लीलाधरजी का उपाश्रय ५८१ टोडारायसिंह, पाषाण ५८२ सोजतरोड़ पार्श्वनाथ मन्दिर ५८३ करमदी आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (६६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [५८४-५८६ (५८४) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१८ वर्षे माघ शु० ५ बुधे ऊ० ज्ञा० सा० चांपा भा० चांपलदे सु० सा० सालिग भा० जाऊ सु० ऊधादि कुटुम्बयुतेन श्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छेश श्रीश्रीश्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः शांबलीयानगरे। ___(५८५) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५१८ वर्षे । माघ सुदि १० उकेशवंशे थूलगोत्रे सा० गूजरेण भा० गउरदे पुत्र वेदा अजाण दूला कुशलादिपरिवारसहितेन श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः॥ (५८६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थाः ॥ सं० १५१८ वर्षे माघ सुदि दशम्यां बुधे श्रीमालज्ञातीय सं० रूपा भार्या ढाली आत्मश्रेयोर्थ श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरि पदे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः श्रीमण्डपे ठाकुरगोत्रे ।। (५८७) पद्मप्रभ-चतुर्विंशतिपट्टः । सं० १५१८ वर्षे फाल्गुण शुदि ५ गुरौ। श्रीमूलसंघे । प्राचार्यश्रीदेवेन्द्रकीति-शिष्य-श्रीविद्यानन्दिदेव-तच्छिष्य ब्रह्मचारी-पद्माकर कारापितं हूंबडवंशे श्रेष्टि कुंपा भार्या मेधी । तयोः पुत्र सांगा भार्या लहरू तयोः पुत्र अदा भार्या माणिकदे पुत्र संघराजा अदा भ्रातृ चंदा भार्या खेतादे श्रीपद्मप्रभचतुर्विंशति का० (५८८) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१८ वर्षे फा० व० ६ गु० उकेशज्ञातीय सा० धांधा भा० धांधलदे पु० नाल्हाकेन भा० पउमादे पु० लूणादि कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयोर्थ श्रीश्रेयांसनाथबिंबं का० प्र० श्रीधनेश्वरसूरिभिः ॥ नागगोत्रे । श्री ।। (५८६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१६ वर्षे चै० व० ११ टींबानीवासी प्राग्वाटज्ञा० सा० केशव भा० भोली सुत सा० लाडणेन भा० मरगदि सुत जसनोर प्रमुखकुटुम्बयुतेन निजश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छाधिराज श्रीश्रीश्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः । श्री: ५८४ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ५८५ नागोर बड़ा मन्दिर ५८६ रायपुर चन्द्रप्रभ मन्दिर ५८७ वहियल पार्श्वनाथ मन्दिर ५८८ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ५८६ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ५६०-५६४] प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः (६७ ) (५६०) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१६ वर्षे वैशाख शुदि ३ शनौ ऊ खटवडगोत्रे सा० कान्ह भा० नाथी पु० गुजर भा० चांदियुतेन आत्मश्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंब कारापितं । प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीमहीतिलकसूरिणा । (५६१) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१६ वर्षे ज्येष्ठ वदि शनौ प्रा० सा० पूना भार्या फदू पुत्र सा० वीरा भा० पूरी सा० वीरा पूरी पुत्र सा० डुगरेण भा० जासू सुत सा० राणा पर्वत मेरा मण्डन वीरी पुत्र सा० खेता मा० वीजूप्रभृतिकुटु-रूयुतेन श्रीसुविधिविबयुतश्चतुर्विशलिपट्टः का० प्र० श्रोरत्नशेखरसारिपट्ट श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (५६२) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५१६ वर्षे ज्येष्ठ वदि ६ शनौ प्रा० सा० सामन्त भा० सहजलदे पुत्र सा० ठाकुरसी भार्या खेतू नाम्न्या सा० समधर वेला भोजा कुभल युतया स्वपतिश्रेयोथै श्रीमुनिसुर (ब्रत)बिंबं का० प्र० तपा० श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। ___ (५६३) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१६ वर्षे ज्येष्ठ वदि ११ शुक्र उपकेशज्ञातीय चोरवेडियागोत्रे उएसगच्छे सा० सोमा भा० धन्नाई सु० साधु भार्या सुहागदे पुत्र इसर सहितेन स्वश्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं । श्रीकक्कसूरिभिः ।। सीणोर वास्तव्य ॥ (५६४) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५१६ वर्षे ज्येष्ठ वदि ११ शुक्र उ० ज्ञा० भावगो० गोठी वीसल पु० हीरू पु० माला भा० सारू भ्रातृ हापाकेन भा० धारू सहितेन स्वपुण्यार्थ श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का० प्र० बृहद्गच्छे । जीरापल्लीयावरं । भ । श्रीउदयचन्द्रसूरि ! ५६० कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ५६१ मंदसौर नयापुरा आदिनाथ मन्दिर ५६२ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ५६३ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ५६४ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [५६५-६०० (५६५) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५१६ वर्षे ज्येष्ठ सुदि : शुक्र श्रीब्रह्माणगच्छे श्रीश्रीमालज्ञातीय व्यव० पूना भार्या देऊ सुत डाहाकेन भार्या लाखू सुत नरसिंह सीहा सहितेन मातृपितृश्रे० श्रीधर्मनाथविवं कारापित। प्र० श्रीविमलसूरिभिः ।। तिलवडीग्रामवास्तव्यः ।। (५६६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१६ आषाढ व. १ मंत्रिदलीय। श्रीकाणागोत्रे ठ० लाधू भा० धम्मिणि पु० सं० अचलदासेन पु० उग्रसेन लक्ष्मीसेन सूर्यसेन बुद्धिसेन देपालादियुतेन श्रीशान्तिविंबं का. प्रति.श्रीजिनसुन्दरसूरिपट्ट श्रीजिनहर्षसूरिभिः। (५६७) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१६ व० आषाढ वदि १ मंत्रिदलीय श्रीकाणागोत्रे ठ० लाधू भा० धर्मिणि पु० सं० अचलदासेन पु० उग्रसेन लक्ष्मीसेन सूर्यसेन देवपाल वीरसेन पहिराजादियुतेन श्रीशान्तिबिंब का० प्रति० श्रीख० श्रीजिनसुन्दरसूरिपट्टे श्रीजिनहर्पसूरिभिः ॥ (५६८) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५१६ वर्षे आषाढ वदि ६ प्राग्वाट सा० चउहत्थ भा० सारू पुत्र सा० जसाकेन भा० तोली पुत्र खीमादिकुटुम्बयुतेन श्रीधर्मनाथबिंब का० प्र० तपा श्रीसोमसुन्दरसुरिसन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। धीथिला (५६६) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५१६ वर्षे मार्ग० शुदि ५ शुक्र ऊकेश सा० हांसाकेन भा० हांसलदे । पु० भोजा भार्या भरमादे लघुभ्रातृ जावड कुटुम्बसहितेन श्रीअभिनन्दनबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः । शुभंभवतु ज्ञेयं ॥ __ (६००) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५१६ वष माघ सुदि ४ रवौ उप० ज्ञातीय सा० राणा भा० दे पु० लोला भा० तेजू मेधा मना सहितेन । पितृश्रेयसे श्रीशान्तिवैवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसंडेरगच्छे श्रीईसरसूरिपट्टे श्रीशान्तिसूरिभिः। ५६५ अजबगढ़ बड़ा मन्दिर ५६६ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ५१७ चोथ का बरवाड़ा महावीर मन्दिर ५६८ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ५६६ जयपुर पंचायती मन्दिर ६०० जूनीआ For Personal & Private Use Only Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ६०१-६०६ ] सु० प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (६०१) धर्मनाथ- पञ्चतीर्थीः ॥ संवत १५१६ वर्षे माघ सुदि ५ सोमे श्रीब्रह्मारणगच्छे श्रीश्रीमाल - ज्ञातीय श्रेष्ठि देपा भार्या हरखू सुत चांपाकेन भार्या जइती सुत कर कुम्भा युतेन पित्रोः श्रेयसे श्रीधर्मनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबुद्धिसा सूरिपट्टे श्रीविमलसूरिभिः ।। सूद्रीयारणा वास्तव्य । (६०२) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थी: ।। सं० १५१६ • गोत्रे सा० नाथा भार्या ना 'यूतेन श्रेयोर्थं श्रीशान्तिनाथाब० पूर्णिमा० चैत्रसूरिभिः ॥ ( हह ) (६०३) शीतलनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १५२० वर्षे वैशाख सुदि ३ सोमे उप० ज्ञा० सा० आना भा० पूरी पु० देपाकेन भा० देवलदे पु० वच्छा हर्षा नयणायुतेन श्रीशीतलनाथबिं० । का० । प्र० मडाह० भ० । श्रीनयचन्द्रसूरिभिः ॥ (६०४) चन्द्रप्रभ - पचतीर्थीः ।। सं० १५२० वर्षे वैशाख सदि ५ बुधे उपकेश० आदित्यनागगोत्रे सा० साधू पु० सं० श्रीवंत सं० सोनपाल सं० भिखाकैः भार्या पुत्र सहितैः पित्रोः श्रेयसे श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिंबं का० उपकेशगच्छे ककुदाचार्यसन्ताने प्र० श्रीकक्कसूरिभिः ॥ (६०५) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० १५२० वर्षे मार्ग व० ५ गुरौ प्राग्वाट व्य० वरसिंग भा० रतनू पु० सा० छाछा भा० साधी नाम्न्या । पुत्र अदापाल सहसा भा० आदि कुटुकरिण श्रेयसे श्री आदि का० प्र० तपा० श्रीरत्नशेखरसूरिपट्ट श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। श्री (६०६) नमिनाथ- पञ्चतीर्थीः स० १५२० वर्षे मार्ग सुदि ११ सोमे प्राग्वाटज्ञातीय व्य० देवसी भार्या देल्हणदे पुत्र वपाकेन भार्या चांपू पुत्र लखमण रिद्दियुतेन स्वश्रेयसे नामिबिंब का० प्र० तपागच्छे श्रीलक्ष्मीसागर सूरि० ६०१ नागोर बड़ा मन्दिर ६०२ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ६०३ नागोर बड़ा मन्दिर ६०४ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ६०५ जूनीआ ६०६ सिरोही अजितनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१००) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [६०७-६११ (६०७) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५२० वर्षे मार्गशिर वदि १२ दिने उपकेशज्ञातौ श्रेष्ठिगोत्रे वैद्यशा० सांगण पु० सं० सोनाकेन भार्या लाच्छलदे पुत्र समरथ सं० संसारचन्द्रनिमित्तं । श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिंब का० प्र० उपकेशगच्छे ककुदाचार्यसन्ताने श्रीककसूरिभिः ॥ श्रीः॥ _ (६०८) कुन्थुनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः संवत् १५२० वर्षे पौष बदि ५ शुक्र श्रीमोढज्ञातीय मं० कान्हा भा० काबू पु० सुराकेन भा० माई सु० अनंतराम सहितेन पितृ-मातृशेयसे स्वपूर्वजननिमित्तं श्रीकुन्थुनाथचतुर्विंशतिपट्टः कारितः प्रति० श्रीविद्याधरगच्छे श्रीविजयप्रभसूरिपट्टे श्रीहेमप्रभसूरिभिः बधमान नगरे । _(६०६) श्रेयांसनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ सं० १५२० वर्षे प्राग्वाट सं० प्रथमा पाल्हणदे सुत सं० परवत भा० चांपू सुत सं० वीसलेन भा० नाई श्रेयोथै सुत जगपालादिकुटुम्बयुतेन श्रीश्रेयांसबिंबं का० प्र० तपा० श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (६१०) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५२१ वर्षे वै० शु०३ प्रा० सा० मीका भा० संसारदे पुत्र साल नींवाकेन भा० राणी युतेन भ्रात जावड श्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का०प्र० तपागच्छे श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (६१) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५१२ व० वै० शु० १० सोमे उसवंशे लोढागोत्रे सा० चाहड भा० देल्हू पु. निल्हा भा० सोनी करमी सु० सा हासाकेन भातृ सानाउ साखेऊ हासा भार्या रत्नी सु० सा० ठाकुर सा० ईसर सा० ऊधादी प्रमुखयुतेन स्वश्रेयसे श्रीअजितनाथबिंबं का० प्रति० श्रीबृहद्गच्छे श्रीसू रेभिः प्रतिष्ठितं ।। ६०७ नागोर बड़ा मन्दिर ६०८ नागोर बड़ा मन्दिर ६०६ नागोर चन्द्रप्रभ मन्दिर, समदड़ियों का ६१० भिनाय केसरियानाथ मन्दिर ६११ जयपुर श्रीमालों का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ६१२-६१६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१०१) (६१२) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२१ वर्षे वैशाख सुदि १० दिने श्रीमालज्ञातीय बहकटागोत्रे सा० जगमाल पुत्र सांचाकेन भार्या स्याणी पुण्यार्थे श्रीकुन्थुनाथबिंब का० प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिप? श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ (६१३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५२१ वर्षे जे०व०६ रवौ ऊके० भणसालीगोत्रे सा० रतना पु० चुडा भा० सारू पु० सोनाकेन श्रीआदिनाथबिंब कारितं चुडानिमित्तं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनहर्षसूरिभिः ॥१ (६१४) चन्द्रप्रभ-चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५२१ वर्षे ज्ये० सु०४ मंडपदुर्गे प्राग्वाट सं० अर्जुन भा० टबकू सुत सं० वस्ता भा० रामा पुत्र सं० चांदाकेन भा० जीवीणी पु० सं० लाटा श्रातादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीचद्रप्रभ २४ पट्ट का० प्र० तपापक्षे श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (६१५) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२१ वर्षे ज्ये० शु० ४ गुरु पुष्ये प्राग्वाट सा० तिहुणा भा० चमकू सुत सा० चांदा भार्या रमायी नाम्न्या स्वश्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपापक्षे श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (६१६) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२१ आषाढ वदि १३ उप० ज्ञातीय गुह उचागोत्रे मं० भडा भा० गांगी पु० देल्हा हेमा देल्हा भा० चनकू पु० दीता हेमा भा० अमरी पु० दूल्हा सहि० मं० भडानि० श्रीसंभवनाथबं(बि)बं का० प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीहेमचन्द्रसूरिभिः श्रीः । ६१२ चाडसू आदिनाथ मन्दिर ६१३ मसूदा पार्श्वनाथ मन्दिर ६१४ नागोर हीरावाड़ी आदिनाथ मन्दिर ६१५ जयपुर पंचायती मन्दिर ६१६ जयपुर पंचायती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१०२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [६१७--६२२ . (६१७) कुन्थुनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १५२१ वर्षे आषाढ सुदि ३ गुरौ श्रीश्रीमालज्ञातीय मं० नाथू भा० पार्वती पुत्र मं० वर्धमानेन भा० वानू पु० आसा मं० रूडा मं० आसा पु० धना मं० रूडा पु० शुभकर-मुख्यकुटुम्बसहितेन श्रीअंचलगच्छे श्रीजयकेशरिसूरीणामुपदेशेन स्वश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीर्भवतु। (६१८) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२१ माघ सुदि १३ गुरौ प्रा० ज्ञातीय व्यव० नींबा पुत्र खीमा भार्या दूली पुत्र मोथा हेमा पाल्हा-सहितेन श्रीनमिनाथवि कारितं प्र० तपागच्छे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥ (६१६) श्रेयांसनाथ-पश्चतीर्थीः संवत् १५२२ वैशाख व० ३ सोमे ऊकेशज्ञातीय सा० धांधा भा० धांदलदे पुत्र सा० नरसिंह........... 'कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीश्रेयांसबिंबं का० प्र० श्रीसूरिभिः । (६२०) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२२ माघ सु० १३ प्राग्वाटान्व० साजणसी भा० सुलेसरी पु० व्य० चांपा भा० जइती पु० व्य० गुणिआकेन भा० चांपू प्र० कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीनमिनाथबिंबं का० प्र० श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। अहम्मदावादतः ।। (६२१) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२२ वष फा० वदि ५ बुध ऊकेशवंशे पाल्हाउत्रगोत्रे सा० जाटा भार्या तेजी पुत्र सा० वीराकेन भार्या सकतादे प्र० कुटुम्बयुतेन श्रीविमलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं । श्रीतपागच्छनायक-श्रीश्रीश्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥ श्रीः॥ (६२२) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः । संव० १५२२ वर्षे फागुण वदि ११ उसवाल कठवलियागोत्रे सोढा भा० धावी पु० सा० नाथा दूदा वैजराजाभ्यां आत्मश्रे० श्रीश्रेयांसनाथबिंबं का० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीधर्मसुन्दरसूरिप० प्र० श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥ ६१७ मंदसौर नयापुरा आदिनाथ मन्दिर ६१८ नागोर बड़ा मन्दिर ६१६ भिनाय महावीर मन्दिर ६२० डग ऋषभदेव मन्दिर ६२१ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ६२२ सांगानेर महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ६२३-६२८ ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: (६२३) चन्द्रप्रभ - पञ्चतीर्थी: ।। सं० १५२२ वर्षे फा० सु० ३ सोमे नागपुरवास्तव्य ऊकेश सा० जगत भार्या सरसती पुत्र हंसाकेन भार्या लखी पुत्र परवत पहिराज हांसल नार्निंग छाजू प्रमुखकुटुम्बयुतेन निजश्रेयसे श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिंबं का० प्र० मलधारीगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः || (६२४) सुमतिनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० १५२२ वर्षे फा० सु० चं० कहुरवासी गुर्जरज्ञातीय सा० जेसिंघ भा० हचू सुत सा० आसा भार्यया मं० अर्जुन भा० करणू पुत्र्या श्रा० मंजूनाम्न्या निजश्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रति० तपागच्छनायक - श्रीलक्ष्मीसागर सूरि पुरन्दरैः || (६२५) सुमतिनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० १५२२ वर्षे ... श्रीकाष्ठासंघे स० गच्छे भट्टारक श्रीसोमकीर्त्तिभिः प्रतिष्ठितं नरसिंह दानीपतेगोत्रेण पानाराम पुत्र जगमालकेन श्रीसुमतिनाथबिंबं कारापितं ॥ (६२६) वासुपूज्य - पञ्चतीर्थीः सं० १५२३ वर्षे वैशाख वदि १ सोमे श्रीश्रीमालज्ञा० संघवी ठाकुरसी भा० तेजू सु० वाला भा० अमरी नाम्न्या स्वपुण्यार्थं जीवितस्वाम श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं पूर्णिमापक्षे वटपद्रीय भट्टारक- श्री साधुरतनसूरिपट्टे श्रीसाधुसुन्दर सूरीणामुपदेशेन प्रति० रेवडीवास्तव्य ॥ ( १०३) (६२७) नमिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० १५२३ वर्षे वैशाख शुदि ४ बुधे जालहराज्ञा० मं० चूणा भा० देकु सुत पितृ पांचा मातृ तेजू श्रेयसे सुत गोयंकेन श्रीनमिनाथबिंबं कारितं पूनिमगच्छे श्री साधुसुन्दरसूरि उपदेशेन प्रतिष्ठितं । (६२८) विमलनाथ पञ्चतीर्थी: ।। सं० १५२३ वर्षे वैशाख सुदि १३ दिने मंत्रिदलीय मुडले गोत्रे सा० रतनसी भार्या बाऊँ पुत्र सा० देवराजेन भार्या रामति पुत्र सा० मेघराजयुतेन स्वपुण्यार्थ श्रीविमलनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनहर्षसूरिभिः || ६२३ जयपुर पंचायती मन्दिर ६२४ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ६२५ जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर, घाट ६२६ सांगानेर महावीर मन्दिर ६२७ जयपर पंचायती मन्दिर ६२८ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१०४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [६२६-६३४ (६२६) कुन्थुनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ सं० १५२३ वर्षे आसाढ सुदि ६ रवौ मुथा सं० जाटा भा० यसमादे पु० पुरसा भा० ऊधर...... 'पु० करण पितृश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रति श्रीधर्मघोषगच्छे भ० श्रीपद्माणंदसूरिपट्ट श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ..........। (६३०) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५२३ वर्षे मार्गशिर व० २ शुक्र उसवालज्ञातीय खटवडगोत्रे । श्रे० इसर भार्या रुअड । तत्पुत्र सा० मेघाकेन भार्या माणिकदे सहितेन । निजमातृ-पितृनिमित्तं । स्वश्रेयोर्थ च । श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं। प्रतिष्ठितं । श्रीमलधारिगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः।। श्रीरस्तु ।। खीमसरा ।। (६३१) वासुपूज्यः । ॥ सं० १५२३ वर्षे माघ वदि ३ शुक्रे उपके० प्र० कोचरगोत्रे सं० कर्मा भा० कमलादे पुत्र सं० माधव भा० मुक्तादेव्या० पु० गुणराज पुनसिंहादियुतेन निजपुण्यार्थे श्रीवासुपूज्यबिंब का०प्र० श्रीजीवदेवसूरिभिः।। (६३२) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२३ वर्षे मा० शु० ३ उडथल वास्तव्य प्रा० व्य८ मेला भार्या निमिणी पु. व्य० डूगरेण भा० झाझू सुत देवा प्र० कु० युतेन श्रीसुविधिनाथबिंब का० प्र० तपा श्रीसोमसुन्दरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (६३३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२३ वर्षे माघ सुदि ६ उके० व्य० लखमण भा० मचू पुत्री सोजी-नाम्न्या स्वमातृश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंबं का० प्र० तपा श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (६३४) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५२३ मा० सु० ६ प्रा० व्य० हरीआ भार्या राणी पुत्र वेलाकेन भार्या पालदे कुटुम्बयुतेन श्रीशं(सं)भवबिंबं का० प्र० तपा श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। ६२६ भिनाय केसरियानाथ मन्दिर ६३० जयपुर पुंगलियों का मन्दिर, स्टेशन पर ६३१ सवाई माधोपुर बिमलनाथ मन्दिर ६३२ जयपुर पंचायती मन्दिर ६३३ जयपुर विजयगच्छ मन्दिर ६३४ सैलाना मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ६३५ - ६३६ ] प्रतिष्ठा - लेख संग्रहः ( १०५ ) सुत सं० (६३५) शान्तिनाथ - चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५२३ वर्षे माघ शु० १३ दिने मांडवदुर्गवासि प्राग्वाटज्ञा सांटा भा० सेरू पु० सं० गांगा भा० गंगादे मा० हांसी ० सं० हीरा भा० लखमाई नाम्म्या निजश्रेयसे श्रीशान्तिनाथमूलनायकालंकृत श्री चतुर्विंशतिपट्टः का० प्र० तपागच्छे श्रीरत्नशेखरसूरि पट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः । (६३६) वासुपूज्य - पञ्चतीर्थी: ।। संवत् १५२३ वर्षे फागुण सुदि ५ रवौ श्रीश्रीमालज्ञातीय सं० राजा भार्या राजू सुत कालू भार्या तु सुत श्रे० नरपति श्रे० पदाकेन भार्या धर्मिणी सुत वस्ता तेजा खीमा सहितेन श्रीअंचलगच्छे श्रीजय के सरि सूरीसामुपदेशेन शंभु श्रेयोर्थ श्रीवासुपूज्यविव कारितं प्रतिष्ठितं । (६३७) विमलनाथ- पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५२४ वर्ष चैत्र सु० ५ शनौ श्रीब्रागच्छे श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० राजा भा० भोली काजा भा० कर्मादे सुत वंगकेन भा० वाऊ सुतादि कुटुम्बयुतेन पितृ-मातृश्रेयोर्थं श्रीविमलनाथ कारित प्रति श्रीवीरसूरिभिः ॥ वनुरिवास्तव्य || शुभं भवतु ॥ (६३८) कुन्थुनाथ - चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५२४ बर्षे चै० शु० १२ ॐ० ज्ञा० सं० मेवा भाव नोल्ही पुत्र सं० गोपाकेन भार्या हेमाई पुत्र समधर अदौतादियुतेन श्रेयोर्थ श्री कुन्धुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं । अंचलगच्छे श्रीजय के सरसूरिभिः । (६३६) संभवनाथ चतुर्विंशतिपट्टः 1 ।। सं० १५२४ वर्षे वैशाख सुदि २ गुरौ श्रीश्रीमालज्ञातीय । दौ । आंबड | साल्ह | चाच । (?) रानड । धनपाल । सु० दो । वाघा भार्या घंटू सुत दोसी बदा भार्या वीकू सुत । जीवाई । हर्षाई एतैः स्वश्रेयसे श्रीसंभवनाथचतुर्विंशतिपट्टः कारितः प्रतिष्ठितश्च आगमगच्छे श्री अमररत्नसूरिभिः || श्रीः ॥ ६३५ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ६३६ जयपुर पंचायती मन्दिर ६३७ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ६३८ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ६३६ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१०६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [६४०-६४५ (६४०) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२४ वर्षे वैशाख सुदि ३ सोमे श्रीश्रीमालज्ञा० मंत्रिमाईश्रा भा० माणिकदे सुत सहसा समधा माला मूला गेला एतै (:)पितृ न(नि)मित्तं रत्नमयं श्रीकुन्थुनाथबिंबं का० प्रतिष्ठितं पिप्पलगच्छे त्रिभवी श्रीश्रीधर्मसागरसूरिभिः वोटीलावास्तव्यः । (६४१) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ ॐ ॥ संवत् १५२४ वर्षे वैशाख सुदि ३ सोमे दिने प्राग्वंशे सा० आका भार्या ललतादे तयोः पुत्र धारा भार्या वीजलदे श्रीअंचलगच्छे श्रीजयकेशरिसूरीणामुपदेशेन निजश्रे० श्रीशीतलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः जयतले कोट-वास्तव्यः ।। (६४२) आदिनाथ-पश्चतीर्थीः । संवत् १५२४ वर्षे वैशाख सुदि ५ बुधे उ० सा० माल्ह भा० छाहणि पु० सोढा भा० गांगी पु० साता पाता सहितेन आत्मश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंबं का प्र० श्रीचैत्रगच्छे भ० श्रीगुणाकरसूरिभिः । (६४३) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२४ वै० शु० १० प्राग्वाटज्ञाति० सं० नापा भार्या भीमिणि सुतया जनु नाम्न्या सुत भाउ सहसादिकुटुम्बयुतयो श्रीनमिनाथबिंब सुमातृश्रेयसे का० प्र० तपा श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। मंडपदुर्गनगरे । (६४४) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५२४ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ५ उ० सा० लाखा भा० लखमादे सा० गुणराज धर्मपुत्री श्रा० धामा-नाम्न्या श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं प्र० तपागच्छनायक-श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। सा० गुणराज सुत सा० कालू सुत सा० सदराज ॥ (६४५) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः । ॥सं० १५२४ ज्येष्ठ शुदि १३ शुक्र । श्रीकोरंटगच्छे । श्रीवायडज्ञा० शेष्ठि जोगी भार्या फदू पुत्रेण श्रेष्ठि सीधर नाम्ना निजमातृपित्रोः पुण्यार्थ से च श्रीआदिनाथवि० का० प्र० श्रीकक्कसूरिपट्टे श्रीसावदेवसूरिभिः॥ धर भा० लाछी नित्यं प्रणमतिः । ६४० रतलाम लालचंदजी का मन्दिर ६४१ नागोर बड़ा मन्दिर ६४२ भैंसरोड़गढ़ ऋषभदेव मन्दिर ६४३ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ६४४ जयपुर नया मन्दिर ६४५ जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर, घाट For Personal & Private Use Only Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ६४६-६५१] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१०७) (६४६) नमिनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १५२४ आषाढ सु० १० शुक्र उकेशज्ञा०......... 'भा० संप पु० जेसाकेन भा० धर्मिणी पु० झाइंआ पौत्र ईसर वीरपालादिकुटुम् युतेन पुत्र माइंआ श्रेयसे श्रीनमिबिंबं का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरस सन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥ श्री।। (६४७) अजितनाथ-पश्चतीर्थीः ___ सं० १५२४ वर्षे मार्गशिर वदि ३ दिने उपके० रांकगो० सं० २ पु० गदु भा० अमरी पु० हेमाकेन पितृपुण्यार्थे श्रेयसे श्रीअजितना का० प्रति० उपकेशग० कुकदाचार्यसन्ताने प्रतिष्ठितं श्रीकक्कसूरिभिः ।। (६४८) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५२४ वर्षे मागसिर वदि ५ रवौ उपकेशज्ञातौ सुचिंतिगोत्रे पट भंडारी राजा पु० सा० भोजा भा० भोजलदे पु० बीदा गोदा केदादिभिः स्वश्रेयसे श्रीचन्द्रप्रभबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीकृष्णर्षिगच्छे श्रीमल्लक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (६४६) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२४ वर्ष मार्ग० व०५ उ० ज्ञा० व्य० धीरा भा० फतू पुत्र सा० करणाकेन भा० कसू भा० कांकट भा० भाऊ प्र० कुटुम्बयुतेन श्रीनमिनाथबिंबं का० प्र० श्रीसूरिभिः ।। श्रीसिरोही नगरे॥ (६५०) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५२४ वर्षे मार्गशीर्ष सुदि १० शुक्र उपकेशज्ञातौ । आदित्यनागगोत्रे । सा० सीधर पुत्र संसारचन्द्र भा० सदाही पु० श्रीवंत-शिवदत्ताभ्यां मातृपुण्यार्थ श्रीशीतलनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीउपकेशगच्छे । ककुदाचार्यसन्ताने। श्रीकक्कसूरिभिः नागपुरे ॥ श्रीः ।। (६५१) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२४ वर्षे फाग० सु० ७ दिने श्रीमालज्ञातीय । ठाकुरगोत्रे सा० जयता पु० सा० मांडण सुश्रावकेण पु० झांझणादि सहि० श्रीश्रेयांसवि० ११ कारितं प्रति० श्रीखरतरगच्छे । श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः मंडपदुर्गे । ६४६ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ६४७ चाडसू शान्तिनाथ मन्दिर ६४८ रामपुरा शान्तिनाथ मन्दिर ६४६ सिरोही अजितनाथ मन्दिर ६५० नागोर बड़ा मन्दिर ६५१ सिरोही मैंरुपोल जैन मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १०८ ) प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (६५२) सुविधिनाथ - चतुर्विंशतिपट्टः ॥ संवत् १५२५ वर्षे चैत्र वदि ६ सनि । प्रावाटज्ञातीय श्रे० सोमा भाया सहली सत्त शिवा भारज्या सोभा गिरिग । सत्त पद्माभार्थ्या पहती । श्री सुविधिनाथबिंबं कारितं सुन्दगुर उपदेशेन प्रतिष्ठितं बंदकगच्छे | (६५३) पार्श्वनाथ पञ्चतीर्थीः || संवत् १५०५ ० ५ सो० श्रीभ० मलयकीर्तिदेवाः तदाज्ञा: अमर तत्पुत्र नाल्हा तत्पुत्र सा० राजू आत्मकर्मक्षय (६५४) चन्द्रप्रभ - पञ्चतीर्थी: सं० १५२५ चैत्र बदि १० ओसवंशे भरण० साल्हा भा० संसारदे सुत वस्ताही अमरादिभिः आत्मश्रेयसे श्रीचन्द्रप्रभसा (स्वा) मिबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं बृहत्खरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः । [ ६२५- ६५७ (६५५) सुपार्श्वनाथ - पञ्चतीर्थी: सं० १५२५ चैत्र व० १० गुरौ उसवंशे मांडलेचा बुहरा रूदा भा० मेहिणि सुत ताला भा० हांसू सुत माऊ दास भार्या वीरू रामा समरु | पु० श्रीसुपासबिंबं का० वडगच्छे प्र० कमलप्रभसूरि० । (६५६) नमिनाथ- पञ्चतीर्थी: || संवत् १५२५ वर्षे वैशाख वदि १ गुरौ श्रीश्रीमालज्ञातीय सं० पचा भा० राजू सुत सं० सहदेव भा० गुरी स्वभर्तृ श्रेयसे श्रीनमिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीपूर्णिमापक्षीय श्री साधुरत्नसूरिपट्टे श्री साधुसुन्दरसूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठितं विधिना मांडलिया० (६५७) सुविधिनाथ- पश्र्चतीर्थीः सं० १५२५ वैशाख सुदि ६ प्राग्वाटज्ञातीय व्यव० सादूल भा सिंगार दे पु० राणा भा० लूणी पु० ऊमा भा० सीतादे सहितेन श्री सुविधिनाथवि का० प्र० पूर्णिमादि० शाखायां श्रीकच्छोलीवालगच्छे श्रीविजयप्रभसूरिभिः । ६५२ अजमेर गौडी पार्श्वनाथ मन्दिर ६५३ वरखेड़ा आदिनाथ मन्दिर ६५४ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ६५५ पनवाड़ महावीर मन्दिर ६५६ जयपुर पंचायती मन्दिर ६५७ रामपुरा शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ६५८-६६३] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( १०६) (६५८) शान्तिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥ संवत् १५२५ वर्षे वैशाख शुदि ६ दिने प्रा० व्य० सदा भार्या वाळू सुत लखमाकेन भार्या झबू भगिनी मापू प्रमुखकुटुम्बयुतेन निजश्रेयोथे श्रीशान्तिनाथमूलबिंबश्चतुर्विंशतिपट्टः का० प्र० श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥ भरिजाग्रामे ।। १६५६) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५२५ वर्षे ज्येष्ठ वदि १ गुरौ उकेशज्ञातीय खावहीगोत्रे साह लूणा भा० लूणादे पुत्री बाई कपूरी आत्मपुण्यार्थं श्रीनमिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्टितं श्रीकृष्णऋषिगच्छे तपाशाखायां भट्टारिक श्रीकमलचन्द्रसूरिभिः ।। शुभं ॥ श्रीरस्तु ।। (६६०) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५२५ वर्षे ज्येष्ठ वदि १ गुरौ उपकेशज्ञातीय विनायकीयागोत्रे सा० कउरा भा० कपूरदे पुत्र सा० चाथा फेटा आत्मपुण्यार्थे श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीसाधुरत्नसूरिभिः ।।शुभंभवतु। (६६१) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५२५ वर्षे ज्येष्ठ वदि ३ उ० ज्ञातीय बहुरागोत्रे मं० खेमा भा० खेतलदे पु० वरषा नयणा साजण अमरा आसा सा० मोल्हा का० निमित्तं श्रीशान्तिनाथबिंब का० प्र० श्रीचैत्रगच्छे श्रीसोमकीर्तिसूरिणा ।। (६६२) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२५ वर्षे ज्येष्ठ वदि ८ शुक्र श्रीमूलसंघे भ० श्रीभुवनकीर्ति उप० नागदहा ज्ञाति । श्रेष्ठि छांडा भा० सोनी भ्रातृ देवा भा० सीता सुत वीरा वाघा रत्ना भा० राऊ सु०।। (६६३) पित्तलमय चतुर्मुखः सं० १५२५ का० सुदि १० गुरौ ३० श्रे० राघव भा० नाऊं ... 'त्म मणि सुत हीरा प्रणमं० । ६५८ रतलाम पार्श्वनाथ मन्दिर ६५६ नागोर बड़ा मन्दिर ६६० चंदलाई शान्तिनाथ मन्दिर ६६१ गोविंदगढ़ पार्श्वनाथ मन्दिर ६६२ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ६६३ साथां पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ११० ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (६६४) चन्द्रप्रभ - पञ्चतीर्थीः सं० १५२५ वर्षे मार्गशिर व० ११ शुक्रे उपकेश बावलगोत्रे सा० मेल्ह पु० लोला भार्या लाडमदे द्विती० भा० कुन्ति पु० देऊआ पु० सा० वीसल सा० वीरम सा० भा० हर्षमदेवी सा० वाल्हादेवी स्वश्रेयसे पितुर्मातुपुण्यार्थं श्रीचन्द्रप्रभबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमलधारगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ॥ [ ६६४-६६६ (६६५) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः संवत् १५२५ बर्षे मार्ग शुदि ३ शुक्रवासरे श्रीमालज्ञातीय तातरहीलागोत्रे संघवी कान पुत्र सारंग सेगा सांतिनाथबिंबं कारापितं श्रीबृहद्गच्छे श्री हेम सेखरसूरिगच्छे तत्पटे प्रेमप्रभसूरितत्पटे श्रीसालिभद्रसूरि प्रतिष्ठितं स निमिरो (?) । (६६६) सुमतिनाथ - पञ्चतीर्थीः ।। संवत् १५२५ वर्षे मार्ग सुदि ६ बुधे । ओसवालान्वये स्वयंभगोत्रे सा० साल्हा भा० गांगी । सा० मोल्हा भा० गेली सा० गोला भा० खेतू पुत्र धन्ना । आत्मश्रेयोर्थं श्री सुमतिनाथविंवं कारापितं । प्र० वडगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिपट्टे श्रीविनयप्रभसूरिभिः || श्रीरस्तु || (६६७) चन्द्रप्रभ - पञ्चतीर्थी: ।। सं० १५२५ माह व० ५ श्रीउसवा० ज्ञातीय सांडगोत्रे सा० थाहरु पु० मांडण भा० माणिकदे पु० सा० खेता भारया (र्या) लखमादे पु० चांपा भा० चांपलदे प्रमुखसहितेन श्रीचन्द्रप्रभविवं कारि० श्री पूर्णिमापक्षे । प्रति श्रीजयभ सूरिभिः ॥ (६६८) अम्बिका मूर्तिः ।। सं० १५२५ वर्षे माह व० ५ सोमे ऊके० सा० राजाकेन श्रीबकागोत्रदेव्या का० त । (६६६) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५२५ वर्षे माघ सुदि ५ बुधे श्रीमालज्ञातीय वगुलियागोत्रे सा० माला भा० नयनू पु० नाथू भा० कउरी पु० नूना करमचंद | हेमराजादिपुत्रसहितैः निजश्रेयोर्थं श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिंबं कारापितं । प्रतिष्ठितं श्रीरुद्रपल्लीयगच्छे ताटाक (भट्टारक) श्री हेमप्रभसूरिभिः ॥ ६६४ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ६६५ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ६६६ मोजपुर शान्तिनाथ मन्दिर ६६७ हिण्डोन श्रेर्यासनाथ मन्दिर ६६८ मसूदा पार्श्वनाथ मन्दिर ६६६ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ६७०-६७५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१११) (६७०) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२५ वर्षे माघ व० ६ प्रा० ज्ञातीय सा० दूला भार्या सोहिणी पुत्र सा० दूतलेन भा० हमीरदे पुत्र खेता भोजादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीअजितनाथबिंबं कारितं प्रतिष्टितं तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः । श्रीः॥ (६७१) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२५ व० माह वदि ६ सोमे। उसवालज्ञातीय बाफणागोत्रे सं० केल्हा भार्या कील्हणदे पुत्र गोयंद भार्या गऊरादे पुत्र स (सु)भवीरेण स्वपितृश्रेयो) श्रीकुन्थुनाथबिंब का०प्र० उसवालगच्छे भ० श्रीककसूरिभिः । (६७२) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२५ वर्षे माघ वदि ६............' 'माणक पुत्र सा० संडेन भा० चांपलदे पुत्र सा० लखा चाहडेन सहितेन श्रीशीतलनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमडाहडीयग छे भ० विजयचन्द्रसूरिभिः । (६७३) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२५ माघ वदि ६ प्राग्वाट सा० चाचा भार्या हांसलदे पुत्री तारू नाम्न्या श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्र० तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिसं० श्रीलक्ष्मीसागरसूरि-श्रीसुधानन्दनसूरिभिः । (६७४) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२५ वर्षे फा० सु०७ शनी श्रीसंडेरगच्छे उ० सा० अपाहमा पु० श्रोहा सा० पु० प्रभा सा० पु० गोपा प्रद्योत श्रीशीतलनाथबिंब कारापितं स्वश्रेयसे श्रीयशोभद्रसूरिसन्ताने श्रीशसरत्न (?) तत्पट्टे प्रतिष्ठितं श्रीशान्तिसूरिभिः ।। (६७५) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२५ वर्षे फागुण सुदि ७ शनौ श्रीज्ञान० उपरणमीगोत्रे कूडा भा० माकू पु० भांडा भा० सुन्दरि पु० मेहा मेराकेन आत्मश्रेयसे श्रीपद्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीधनेश्वरसूरिभिः ।। श्रीः ६७० मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ६७१ भैंसरोड़गढ़ ऋषदेव मन्दिर ६७२ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ६७३ आंतरसूबा वासुपूज्य मन्दिर ६७४ खोह चन्द्रप्रभ मन्दिर ६७५ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (११२) प्रतिष्ठा लेख-सग्र : [६७६-६७६ ___(६७६) प्रस्तरपट्टिकालेखः ॐ संवत् १५ आषाढादि २५ वर्षे शाके १३५७ (?) प्रवर्त्तमाने फाल्गुन मासे शुक्लपक्षे नवम्यां तिथौ सोमवासरे श्रीगूर्जर श्रीमालज्ञातीय सेथालगोत्रे श्रीखरतरपक्षीय मंत्रि विजपाल सुत मंत्रि मंडलिक तत्पुत्र मं० रणसिंह तत्पुत्र ४ प्रथमः सा० सायरः द्वितीय सा० खेटामिधः तृतीयः सा० सामन्तः चतुर्थः सा० चाचिगः । तन्मध्यतः सा० सायर भा० बाई पल्ही तत्पुत्र ४ पुत्री ३ प्रथमः सा० पद्मामिधः द्वितीयः सा० रत्नाख्यः तृतीयः सा० आसाख्यः चतुर्थः सा० पाचाख्यः पंचम-धर्मपुत्रः सा० पूयाभिधानः तद्भगिनी बाई मल्हाई बाई रंगाई बाई लखीई एतन्मध्ये श्रीअर्बुदाचलमहातीर्थ यात्रार्थ समागतेन पूर्व-योगिनीपुरवास्तव्येन पश्चात् साम्प्रतं अहमदाबाद श्रीनगरनिवासिना श्रीक्षत्रपकुलप्रसिद्ध न साह आसाकेन प्रथम भा० माधी द्वितीय भा० हमीरदे तृतीय भा० टबकू पुत्र सा० जीवराम प्रभृतिसमस्तकुटुम्बसहितेन स्वभुजोपाजितवित्तेन चित्तोल्लासतः श्रीमद्विष्णुदेवप्रासादजीर्णोद्धारः कारित. श्रीमदे वगुरुप्रसादात् आचन्द्राक्क जीयात् ॥ (६७७) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५२५ वर्षे माघ........ 'श्रीश्रीमालज्ञा० पित वेलाउला मात रत्नादेवि श्रेयोर्थ. . . . 'वींझलेन श्रीविमलनाथविवं का० प्रति० पिप्पलगच्छे त्रिभवीया श्रीधर्मसागरसूरिभिः । मेवानगर वा० (६७८) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः ॥ सं. १५२५ वर्षे के० शुभदिने प्राग्वाट व्य० आसा भा०...... कलाकेन भा० तेजु पुत्र मेहा भाणा राणादिकुटुम्बयुतेन निजश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं का० प्र० तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीश्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे लक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥......॥ (६७६) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२५ वर्षे ............ 'मलारणावासी महरोलगोत्रे सा० श्रीमालज्ञा० सा० जेसल भा० धनवै पु० सा० नगराज भा० विणहा नाम्न्या कुटुम्बयुतया श्रीसंभवनाथबिंबं का० प्र० तपा० श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥ ६७६ माउन्ट आबू. कुमारी कन्या मदिर के पास द्वारिकानाथ मन्दिर में प्रवेश करने पर जमणी बाजू के गोखले के थंभे पर ६७७ सांगानेर महावीर मन्दिर ६७८ मुंडावा पाश्वनाथ मन्दिर ६७६ किसनगढ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ६८०-६८४] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (११३) __ (६८०) वासुपूज्य-चतुर्विशतिपट्टः ॥ संवत् १५२६ वर्षे वैशाख वदि ११ शुक्र श्रीश्रीमालज्ञातीय पितृ मना मातृ माणिकदे श्रेयोथै सुत उदसु श्रीसीधर-खेताभ्यां श्रीवासुपूज्यश्चतुर्विंशतिपट्टः कारितः श्रीपूणिमापक्षे श्रीसाधुरत्नसूरिपट्टे श्रीसाधुसुन्दरसूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठितं विधिना श्रीसंघेन केदारवास्तव्य । ___ (६८१) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५२६ वर्षे ज्येष्ठ वदि ८ बृहस्पतिवारे । ओसवालज्ञातीय । श्रीवोरोदीयागोत्रे । सा० घडसी पु० सारंग । भा० राजी पु० साल्हा लखमण खीमायुतेन स्व० श्रीवास (सु) पूज्यबिं० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीसालिभद्रसूरिभिः ॥ (६८२) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२६ वर्षे मार्ग पक्षे सुदि ३ शनौ उप० बोहरागोत्रे सा सूजा भा० लाकू पुत्र टेहा माता नरसिंघ मेहा भा० विपरादे पु० थाहरु सहितेन । परि० श्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब का० प्र० भ० श्रीजयभद्रसूरिभिः । (६८३) विमलनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥ संवत १५२७ वर्षे वैशाख वदि ६शुक्र श्रीमालज्ञातीय पितामह वीरा पितामहि नीणादे सुत पितृ डाहा मातृ जासू श्रेयोथै राजा भोजा ठाकरसी एतैः श्रीविमलनाथमुख्यचतुर्विंशतिपट्टः कारितः श्रीपूर्णिमापक्षे श्रीसाधुरत्नसूरिपट्टे श्रीसाधुसुन्दरसूरीणामुपदेशेन प्रति० विधिना श्रीसंघेन आवराणीवास्तव्यः । (६८४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२७ वर्षे ज्येष्ठ वदि ६ दिने प्रा० ज्ञातौ व्यव० महिपा भा० मुकतादे पु० सोभा भा० सहजलदे पु० महणा हरखा केल्हा सहितेन आत्मश्रेयो) श्रीआदिनाथबिंबं का० प्र० पूर्णिमापक्षीय कच्छोलीवालगच्छे श्रीविजयप्रभसूरिभिः। ६८० जूनीया ६८१ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ६८२ जयपुर पंचायती मन्दिर ६८३ मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर ६८४ टोडारायसिंह नेमिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (११४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [६८५-६६० (६८५) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२७ वर्षे ज्येष्ठ बदि ६ दिने प्रा० ज्ञातीय व्य० नरसी भा० भावलदे पु० पोहट भा० पोमादे सहितेन आत्मश्रेयो) श्रीसुविधिनाथविवं का० प्र० पूर्णिमापक्षीय कछोलीवालगच्छे श्रीविजयप्रभसूरिभिः मंगलं । (६८६) कुन्थुनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १५२७ ज्ये० व०१० पालडीवासि प्राग्वाट व्य० अजेसि भा० गउरादे पु० सं० अजाकेन भा० जयतु पु० महरणा जालादिकुटुम्बयुतेन श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। ६८७) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२७ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ८ सोमे श्रीश्रीमालज्ञातीय मं० वाला भा० रूपी पित्रोः श्रेयसे सुत मं० झूठाकेन पुत्र मं० भरमा सहितेन श्रीपार्श्वनाथविंबं कारितं वृद्धथिराद्रा(थारापद्र)गच्छे प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ॥ (६८८) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५२७ वर्षे आषाढ सुदि २ गुरौ उपकेशज्ञातीय व्यव० अजा भार्या अहिवदे पुत्र नींवा भार्या भानू सहितेन आत्मश्रेयोथै श्रीमुनिसुव्रतबिंब कारितं प्रतिष्ठितं अंचलगच्छे श्रोजयकेशरिसूरिभिः । (६८६) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२७ वर्षे मार्ग शुदि ५ शुक्र दि० उ० ज्ञा० रोटागणगोत्रे सा० तेजा भा० तेजलदे पु० नयणा श्रीखेता नंदा चांपा पास चांद लघु कुरपाल खेतलदे पितृ खेताश्रे० श्रीधर्मनाथविवं का० प्र० श्रीधर्मघोषग० प्र० श्रीभ० विजयचन्द्रसूरिपट्टे श्रीधुरसूरिभिः (१)। (६६०) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२७ वर्षे पोष वदि १ सोमे करणपुरवासी प्राग्वाटज्ञा० श्रेष्ठि खीमसी भार्या लाळू श्रेयो) पुत्र आंबा भार्या भोली पुत्र नरसिंह भा० बडघी भ्रात्रि धीराकेन भा० लाली नरसिंघ पुत्र माला खीदा कुटुम्बयुतेन श्रीशीतलनाथबिंब का० प्र० तपा० श्रीश्रीश्रीलक्ष्मीसागरसूरिशिष्यश्रीसुधानन्द(न)सूरिभिः। ६८५ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ६८६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ६८७ जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर, घाट ६८८ नागोर चौसठियाजी का मदिर ६८६ जयपुर पंचायती मन्दिर ६६० दाहोद पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ६६१-६६५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (११५) (६६१) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५२७ वर्षे पो० व० १ सोमे इंद्रीयवासि उकेश० मं० कान्हा भा० उमी सुत मं० कूपाकेन भा० सावित्री सुत तेजादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं का० प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ॥श्रीः।। (६६२) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२७ पोप वदि ५ शुक्र श्रीश्रीवंशे श्रे० जेसा भा० रत्तु पु० श्रे० गुणीया भा० हीरू पु० श्रे० देवदत्त भा० मानू सुत श्रे० राणा सुश्रावकेण भार्या मांजी भ्रातृ धर्म-सहितेन श्रीअंचलगच्छेश श्रीजयकेसरिसूरि उप० श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसंघेन ॥ श्रीः ॥ __ (६६३) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२७ वर्षे पौष वदि ५ शुक्र प्रा० ऋ० हरराज भा० अमरी पु० समधरेण भा० नाई प्रमुखस्वकुटुम्बसहितेन स्वश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीऊकेशगच्छे सिद्धाचार्यसन्ताने श्रीदेवगुप्तसूरिपट्टे श्रीसिद्धसूरिभिः॥ (६६४) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थी सं० १५२७ वर्षे पोष वदि ५ शुक्र प्रा० श्रे० को हरराज भा० अमरी पु० समधरेण भा० नाई प्रमुखस्वकुटुम्बसहितेन स्वश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं उपकेशगच्छे सिद्धाचार्यसन्ताने श्रीदेवगुप्तसूरिप? श्रीसिद्धसूरिभिः । (६६५) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः संव० १५२७ वर्षे पोष सुदि ६ शुक्र उप० गहिलडागो० सा० सेढा भा० तोल्ही पु० नाथू । डालू भार्या दाडिमदे प्रभृतिपुत्रादियुतेन स्वश्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंब कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीमलधारिगच्छे । श्रीविद्यासागरसूरिपट्टे श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ।। खीमसावास्तव्यः ।। ६६१ नागोर बड़ा मन्दिर ६६२ रायपुर चन्द्रप्रभ मन्दिर ६६३ गोगोलाव कुन्थुनाथ मन्दिर ६६४ नागोर चौसठियाजी का मन्दिर ६६५ नागोर वड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (११६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [६६६--७०० (६६६) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२७ वर्षे माघ वदि ५ शुक्र श्रीनागेन्द्रगच्छे उ० ज्ञातीय साह जाणा भा० जइतलदे पु० साह सारंग भा० सहजलदे पु० धरमा सहिते आत्मश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं का० श्रीपद्माणंदमूरिसन्ताने श्रीविजयप्रभसूरिपट्टे प्रतिष्ठितं श्रीक्षेमरत्नसूरिभिः ॥ १ (६६७) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५२७ वर्षे माघ वदि ७ श्रीनाणकीयगच्छे उ० जोहाणेचागोत्रे सा० देलू भा० देल्हणदे नाह लाभा पौत्र नौहल भा० नाहकदे पु० जीवा खीमसी वकर सहतु.......... 'श्रेयोर्थ श्रीसुमतिनाथबिंबं का० प्र० श्रीधनेश्वरसूरिभिः। (६६८) श्रेयांसनाथः ॥ सं० १५२७ वर्षे माघ सुदि ३ उकेशवंशे सुराणागोत्रे सा० आंबा धर्मपत्नी ...'जाटा.... 'जुगराज... श्रीश्रेयांसनाथबिंबंकारितं प्रतिष्ठितं धर्मघोषगच्छे श्रीपद्माणंदसूरिभिः ॥ ___ (६६६) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२७ वर्षे श्रोसवालज्ञातीय व्य० धन्ना भा० ताऊ पुत्र पेसा भा० सोनी लाला पेसा द्वितीय भार्या भोली पु० खेता महिराज चांदा करण स० आत्मश्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्र० ब्रह्माणीयगच्छे भ० श्रीउदयप्रभसूरिभिः प्रतिष्ठितं च श्रीराजकीर्तिउपदेशेन का०। (७००) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ सं० १५२८ वर्षे चैत्र वदि १० गुरौ श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० भोजा भा० डाही पु० श्रे० धना भा० जीविणि पुत्र श्रे० वेलाकेन भार्या प्रिमी। अपर मातृ लाडकी सहितेन श्रीअंचलगच्छेश्वर-श्रीजयकेसरिसूरिसुगुरूणामुपदेशेन श्रीश्रीश्रीश्रेयांसनाथबिंबं कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीसंघेन । उहरनालाग्रामे ॥ ६६६ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ६६७ अजमेर चन्द्रप्रभ देरासर, वेद मुहतों का ६६८ बेंतेड़ विमलनाथ मन्दिर ६६६ जयपुर पंचायती मन्दिर ७०० आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ७०१-७०६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (११७) (७०१) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२८ वर्षे वैशाख वदि ५ रवौ उपके० ज्ञा० सा० महिपा भा० राजू पु० जेसा माईया भा० धरमिणी सहिते पित्रोः श्रेयसे श्रीवासुपूज्यबिं० का० प्रतिष्ठि० श्रीबृह० श्रीवीरचन्द्रसूरि प्रा० श्रीधनप्रभसूरिसहितेन ॥ (७०२) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५२८ वर्षे वैशा० वदि ५ ओसवाल ज्ञातीय सुराणागोत्रे सा० शेखर सहसवीरेण भा० भोजा पु० डीडा वरता रंगू रत्तु युक्त न स्वभार्या पुण्यार्थं श्रीधर्मनाथबिंबं का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीपद्मानन्दसूरिभिः ।। (७०३) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२८ वर्षे वैशाख वदि ६ चंद्र उपकेशज्ञातौ दूगडगोत्रे । सा० शिखर भा० घेली पुत्र धनपालेन भा० पासू पु० नानिग सोनपाल प्रमुखसहितेन स्वश्रेयसे श्रीशीतलनाथबिंबं का० प्रति० श्रीबृहद्गच्छे श्रीमेरुप्रभसूरिभिः। (७०४) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२८ वर्षे वै० शु० ३ प्राग्वाटज्ञातीय सं० नाटा भा० नारिगदे सुत सं० कीताकेन भा० कुतिगदे सुत सींहादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीनमिनाथबिंबं कारितं प्र० तपापक्षे श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। मुंडाडा वास्तवेन ॥ . (७०५) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५२८ वर्षे आषाढ सुदि द्वितीया दिने सोमवासरे उसवालज्ञातीय सुराणागोत्रे सं० समर तत्पुत्र सं० माणिक्य भा० जीवादे तत्पुत्र सोनपाल आत्मश्रेयोर्थ श्रीचन्प्रभस्वामिबिंब कारितं । प्रतिष्तिं श्री'..... (७०६) कुन्थुनाथ-पचतीर्थीः । । संवत् १५२८ वर्षे आषाढ सुदि २ दिने उकेशवशे संखवालगोत्रे सा० महिरा भार्या माल्हण दे तत्पुत्र सा० राऊल श्रावकेण सा० देवा तद्भार्या रयणादे तत्पुत्र सा० लाखादिपरिवारयुतेन श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरि पट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः॥ ७०१ जयपुर पंचायती मन्दिर ७०२ नागोर शान्तिनाथ मन्दिर ७०३ नागोर बड़ा मन्दिर ७०४ मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर ७०५ बूदी पार्श्वनाथ मन्दिर ७०६ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (११८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [७०७-७१२ (७०७) सुमतिनाथः । संवत् १५२८ मगसर सुदि २ । ब्रह्माणगच्छ के श्रीमालज्ञातीके श्रे० मुहणसी भा० वानी सु० नरीया भा० सारू सु० ससधरने अपने माता पिताके श्रेयके निमित्त श्रीसुमतिनाथ का बिंब बनवाया प्रतिष्ठा कराई श्रीविमलसूरीपट्टे बुद्धिसागरसूरिने । (७०८) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५२८ वर्षे मागसर सुदि २ सू० श्रीब्रह्माणगच्छे श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० मुहणसी भा० वानी सु० नरीश्रा भा० सारु सु० ससधरकेन मातृ-पितृ श्रेयो) श्रीसुमतिनाथविवं का० प्र० श्रीविमलसूरिपट्टे श्रीबुद्धिसागरसूरिभिः । गद्दीकोलिया वास्त० । (७०६) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५२८ वर्षे पोष वदि ५ दिने प्राग्वाटज्ञातीय श्रे० गोला भा० गुरदे पु० रत्नपाल भा० टबकू पु० माणकसहितेन श्रीकुन्थुनाथविंबं कारितं श्रीसाधुपूर्णिमा श्रीपूज्य-श्रीपुण्यचन्द्रसूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठि० श्रीविजयचन्द्रसूरीणा विधिना ॥ (७१०) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२८ वर्षे माह सुदि ३ गुरौ उपकेशज्ञा० बावेलगोत्रे सा हीरा भा० हिउसिरि पु० माला भा० मानू गजरदेव्या पुण्यार्थ श्रीसुमतिनाथाचं काराषितं श्री नलधारगच्छे प्रति० श्रे० गुणसुन्दरसूरिभिः । (७११) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः __ संवत् १५२८ वर्षे 'फा० वदि १३ श्रीमाली श्रे० समरा भा० धमिर्माण पु० ० मूला भ्रा श्रे० काका भा० काऊं पुत्री लाभू नाम्न्या पु० सांगा भा० नाथी प्र. कुटुम्बयुतया श्रीशान्तिबिंबं का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (७१२) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२६ वर्षे वैशाख वदि ४ शुक्रे हुंबडज्ञातीय मंत्रीश्वरगोत्रे । दोसी वीरपाल भा० वारु सु० सोमा-करमाभ्यां स्वश्रेयसे श्रीनमिनाथबिंवं का० निवृत्तिगच्छे । पु० श्रीसिंघदेवसूरिभिः जिनदत्त चांपा । ७०७ डग आदिनाथ म न्दर ७०८ डग आदिनाथ मन्दिर ७०६ जयपुर यति श्यामलालजी का उपाश्रय ७१० भिनाय ७११ मेड़तासिटी पार्श्वनाथ मन्दिर. बगीची, ७१२ करमदी आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले०७१३-७१८] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ___ (११६) __(७१३) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२६ वर्षे आषाढ सुद २ रवौ श्रीअोसवालज्ञा० नाणावालगच्छे थांमलेचागोत्रे सा० सादूल भा० मेघादे पु० अमर भा० भावलदे पु० मोहण हरतायुतेन मातृ मेघू निमित्तं श्रीपद्मप्रभबिंब कारितं प्र० भ० श्रीधनेश्वरसूरिभिः । (७१४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५२६ वर्षे मा० शुदि २ शुक्र उ० बलटउणगोत्रे सा० माना भा० रासल पु० वसा हीरा भीदा आमा भा० हांसलदे । स्वपुण्यार्थं श्रीआदिनाथविंबं कारित प्रतिष्ठितं गच्छे बोकडिया वदाकेन श्रीमलयचन्द्र. सूरिभिः श्रीअनं. (७१५) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५२६ वर्षे माघ सुदि ५ रनौ उकेशज्ञातीय श्रीवणवटगोत्रे सा० भीमा भा० भरमादे पु० सं० सा० भारवटः संसारचन्दादिकुटुम्बपुण्यार्थं श्रीकुन्थुनाथविंचं का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीपाशेखरसूरिपट्टे श्रीपद्मानन्दसारभि. ॥ (७१६) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः सं० १५२६ वर्षे माघ सुदि ५ रचौ प्रा० सा० मेहा भा० पाल्ही पुत्र शिवा चांदा'.. 'पुत्र भा०........ 'भा० राजू सहितेन राजू श्रेयसे श्रीअभिनन्दनबिंब बोंकडिया मलयचन्द्रसूरिः। (७१७) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२६ वर्षे माघ सुदि ६ सोमे श्रीमालज्ञातीय पितृ वेला मातृ नामलदे सु० राजा भा० राजलदे सु० कर्मसी-तेजाभ्यां श्रीश्रेयांसनाथबिंबं कारितं श्रीपूर्णिमापक्षीय श्रीसाधुसुन्दरसूरीणामुपदेशेन । प्रतिष्ठितं उहारुद्रवास्तव्यः ।। श्रीः ।। (७१८) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३० वर्षे वैशा० सुदि ३ उकेशज्ञातीय सा० रणसिंह भा० तेजलदे पुत्र सा० कीताकेन भा० कुतिगदे प्रमुखकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतस्वामिविवं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छनायक-श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः लूद्राडा वास्तव्य ।। शुभंभवतु । श्रीः ॥ ७१३ जयपुर नथमलजी का कटला ७१४ जयपुर पंचायती मन्दिर ७१५ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ७१६ जयपुर पंचायती मन्दिर ७१७ नागोर बड़ा मन्दिर ७१८ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२० ) प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (१६) अजितनाथ पश्र्चतीर्थीः सं० १५३० वर्षे वईशाख सुदि ६ शाके ( शनौ) श्रीश्रीमालज्ञा ० से० आसा भा० रतनादे सु० से० बाला भा० सुवंदे सु० हरखाकेन भा० लाखू स्वश्रेय [से] श्री [ज] तनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीवृद्धतपागच्छे श्रीज्ञानसागरसूरिभिः ॥ (७२०) श्रेयांसनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १५३० वर्षे वैशाख सुदि ६ श्रीमालज्ञा० डीडाउतगोत्रे । सा० कादा भा० गउरी पु० राणा भा० दामू पु० सा० नरगणेन श्री श्रेयांसबिंबं का० आत्म० श्री पल्लीवालगच्छे प्र० श्रीयशोदेवसूरिपट्टे श्रीनन्नसूरिभिः ।। छः॥ [ ७१६-७२४ सं० १५३० वर्षे वैशाख सुदि ६ 'वालग ( ७२१) सुमतिनाथ - पञ्चतीर्थीः 'श्री' च्छे... "भउडु भा० महिणदे पु० सं० साताकेन । आत्मश्रेयसे श्री सुमतिनाथबिंबं का० प्र० श्रीयशोदेवसूरिपट्टे श्रीनन्नसूरिभिः ॥ छ ॥ (७२२) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थी: संवत १५३० वर्षे ज्येष्ठ व० २ उ० डांगीगोत्रे माणिकसन्ताने सा० चाहड भा० लाडि पुत्र श्रीलोहटाभ्यां श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं श्रीकृष्णर्षिगच्छे तपाप ० श्रीपुण्यवर्द्धनसूरिभिः प्रतिष्ठितं । आ (७२३) विमलनाथ पचतीर्थी: संवत् १५३० वर्षे पोष वदि ६ रवौ श्रीश्रीमालज्ञा० मंत्रि समधर भा० श्रीयादे सुत बीकाकेन आत्मश्रेयोर्थ श्रीविमलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीपिप्पलगच्छे गुणदेवसूरिपट्टे श्रीचन्द्रप्रभसूरिभिः राजलग्रामे । (७२४) वासुपूज्य - पञ्चतीर्थीः सं० १५३० वर्षे माह व० २ सोमे श्रीमालज्ञा० व्य० वयजल राजा पदमा पासड खेता श्रेयो० श्रे० विजाकेन श्रीवासुपूज्यबिंबं का० प्र० श्रीजयप्रभसूरि उपदेशेन ।। ७१६ बहेलार अजितनाथ मन्दिर ७२० सांभर पार्श्वनाथ मन्दिर ७२१ ७२२ किसनगढ़ खरतरगच्छ उपाश्रय ७२३ जयपुर श्रीमालों का मन्दिर ७२४ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ७२५- ७३० ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: (७२५) धर्मनाथ- पञ्चतीर्थीः || सं० १५३० माह वदि २ बुधे उ० ज्ञातीय मंडोरेचा बहरागोत्रे सा० खीमा भा० खेतलदे पु० चाचा भा० चाहिएदे पुत्र चांपा सहितेन । आत्मश्रेयोर्थं श्रीधर्म्मनाथबिं० का० प्र० श्रीबृहद्गच्छे बोकडिया के स श्रीमलयचन्द्रसूरिभिः वडलीवास्तव्य । (७२६) वासुपूज्य - पञ्चतीर्थी: सं० १५३० १० माघ व० २ ना० ज्ञा० श्रे० कडुआ भा० वानूं सु० ३ वइजा भा० बड़जलदे द्वि० सू० धरणाकेन भा० रमक्रू डाही ० सु० वीशलेन श्रीवासुपूज्यबिंबं प्र० श्री तपा० श्रीमानसागर पूरिभिः ॥ (७२७) मुनिसुव्रत - पञ्चतीर्थी: सं० १५३० वर्षे मा० ० १० बुधे प्राग्वाट सा० शिवा भा० संपूरी पुत्र सा० पाल्हा भा० पाल्हणदे सुत सा० नाथाकेन भ्रातृ ठाकुरसीयुतेन स्वश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का० प्र० पा० श्रीलक्ष्मी सागरसूरिभिः धारनगरे | ( १२१ ) ( ७२ ) शान्तिनाथ - पञ्चतीथीः सं० १५३० वर्षे माघ सुदि ४ प्रा० व्य० रादा भा० अरथू पु० सिरोहीवार सा मांडणेन भा० माणिकदे पुत्र लखमादियुतेन श्रीशांतिनाथविं का० तपा० श्री सोमसुन्दरसूरि सन्ताने श्रीलक्ष्मी सागरसूरिभिः ॥ ● (७२६) विमलनाथ पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५३० ० माह सु० १० उपकेशज्ञातीय फाफलगा सा० धना भार्या धांधलदे पु० सा० खेदा कुंभा चाचा सहितेन श्रात्मश्रेयसे । भ्रातृ सा विरुगपुण्यार्थं श्रीविमलनाथबिंबं का प्रतिष्ठि० श्रीधर्मघोषगच्छे भ० श्रीसाघुरत्नसूरिभिः ॥ (७३०) श्रेयांसनाथ पञ्चतीर्थीः || सं० १५३० वर्षे । फा० सुदि ६ श्रीउपकेशगच्छे | सूरूआगोत्रे । सा० सहदेव पु० लूगा भार्या लाछि पु० खेता पातूकेन । श्रीश्र यांसबिंबं का० कुक्कदाचार्यसन्ताने प्रतिष्ठितं । श्री देवगुप्तसूरिभिः ॥ श्री 1 ७२५ पनवाड़ महावीर मन्दिर ७२६ गागरडु आदिनाथ मन्दिर ७२७ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ७२८ नागोर बड़ा मन्दिर ७२६ सांभर पार्श्वनाथ मन्दिर ७३० कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१२२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [७३१-७३६ (७३१) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५३० वर्षे फागुण सुदि ७ बुधे श्रीमालज्ञातीय सा० राजा भा० राजलदे भाग्नेय-स्वश्रेयोथै श्रीअंचलगच्छे श्रीजयकेशरिसूरीणामुपदेशेन श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्टितं श्रीसंघेन ।।। (७३२) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३१ वर्षे वैशाख वदि ५ बुवे श्रीमूलसंघे भ० श्रीभुवनकीर्तिस्त० भ० श्रीज्ञानभूषणगुरूपदेशात् ।। हुं० श्रे० मांडण भा० हांसू सुत समधर भा० दबू सुत कर्मदास नित्यं प्रणमति ।। ... (७३३) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५३१ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनौ उ० खवेहीगोत्रे सा० धम्मा भा० करमादे तत्पुत्र वीदा भा० सूरमदे पु० देवा रतना हरराजयुतेन स्वश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिं० का० प्र०....... - ‘गच्छे श्रीपुण्यरत्नसूरिपट्टे श्रीपुण्यवर्द्ध नसृरिभिः ॥ (७३४) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३१ वर्षे ज्येष्ठ सुदि २ ऊकेशज्ञातीय सा० पूना भार्या पूनादे सुत सा० भावाकेन भा० नीशू सुत राणा मांका कृपादिकुटुम्बयुतेन श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं खरतर० श्रीजिनहर्षसूरिभिः।। छ।। श्री ॥ (७३५) आदिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ सं० १५३१ वर्षे आषाढ सुदि २ सोमदिने श्रीओसवालज्ञातीय सुराणागोत्रे सं० हंसा भार्या संपूरी पुत्र हिल्ला-सोमाभ्यां सहितेन मातृस्वपुण्यार्थ श्रीआदिनाथवि कारा० प्रति० श्रीधर्मघोषगच्छे भ० श्री(पद्म)शेखरसूरि तत्प? भ० श्रीपद्मानन्दसूरिभिः ।। (७३६) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५३१ वर्षे मार्गशीर्ष वदि ८ बुधे श्रीभावडहरागच्छे उपकेशज्ञातीय प्राह्मे चागोत्रे सं० रत्ना भा० रत्नादे पु० हरा भा० हांसलदे पु० वीरा भा० वीझलदे पुत्र-पौत्राभ्यां युतेन स्वपुण्यार्थ श्रीअजितनाथबिंबं कारित प्र० श्रीकालिकाचार्यसन्ताने श्रीजिनदेवसूरिपट्टे श्रीभावदेवसूरिभिः ॥ गोजा... ७३१ नागोर बड़ा मन्दिर ७३२ सागोदिया ऋषभदेव मन्दिर ७३३ मेड़तारोड़ पार्श्वनाथ मन्दिर ७३४ जयपुर पंचायती मन्दिर ७३५ किशनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ७३६ कोटा मणिकसागरजी का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ७३७-०४२j प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१२३) (७३७) शान्तिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ सं० १५३१ वर्षे मार्गशिर वदि । वुधे उपकेशज्ञातीय उछितवालगोत्रे सा० मन्ना पु० रूपा० भा० रूपादे पु० समदा अन्नायुतेन श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। __ (७३८) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३१ वर्षे माघ सुदि पंचमी शुक्रवासरे पल्लीवालज्ञाती साह राज तत्पुत्र धर्मसी तत्पुत्र पियंवर। विमलनाथबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहद्गच्छे श्रीशालिभद्रसूरिभिः ।। श्री।। (७३६) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः । संवत् १५३१ वर्षे फागुण सुदि सप्तमी सोमे सा साडन भार्या मानकदे पुत्र ऋषभवीर भार्या नन्नोदेव्या आत्मपुण्यार्थे श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं खरतरगच्छे श्रीजिनहर्षसूरिभिः ॥ (७४० श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५३२ वर्षे चैत्र २० २ गुरौ श्रीश्रीमालज्ञा० सं० जोगा भा० जीवणि श्रेयसे सं० गोला भा० कर्मी पु० नरवदेन श्रीश्रेयांसनाथबिंब कारितं श्रीपूर्णिमापक्षीय श्रीसाधुसुन्दरसूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठितं विधिना बलहरा। (७४१) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३२ वर्षे चै० व० ३ रवौ उपकेशज्ञा० चणगीयागोत्रे सा० वादी भा० खीमाई सु० तिहुण श्रेयोर्थ सा० भावडेन श्रीवंत साजण प्र० कुटुम्बयुतेन श्रीपद्मप्रभस्वामिबिंबं कारितं रुद्रपल्लीयगच्छे श्रीदेवसुन्दरसूरिपट्टे प्रतिष्ठितं श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ।। (७४२) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३२ वर्षे चैत्र सुदि ११ दिने वरहडियागोत्रे सा० इसर भा० इहवदे पु० सालिग भा० सुण सा० देवा धर्मसी देवा भा० देवश्री पु० तारायुतेन श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रति० श्रीबृहद्गच्छे भ० श्रीमेरुप्रभसूरिपट्टे आचार्य श्रीराजरत्नसूरिभिः शुभंभवतु श्रेयस्तात् ।। ७३७ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ७३८ बूदी पार्श्वनाथ मन्दिर ७३६ रतलाम सेठजी का मन्दिर ७४० अजमेर संभवनाथ मन्दिर ७४१ जयपुर पार्श्व चन्द्रगच्छीय उपाश्रय ७४२ तेड विमलनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२४ ) प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: (७४३) संभवनाथ पञ्चतीर्थीः || संवत् १५३२ वर्षे वैशाख वदि २ शुक्रे प्राग्वाटज्ञातीय व्य० सामल भा० काऊं सुः पाता भा० नाऊ सु० देवाकेन भा० देवलदे प्र० भ्रातृ सामंत भा० लाडी सु० समधर भा० अजी सु० मांडण भोजा राणा द्वि० भ्रा० ऊदा भा० बाई पु० साईचा भा० सहिज्यादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीसंभवनाथ चतुर्विंशतिपट्टः जीवितस्वामी पूर्णिमापने श्री पुण्यरत्नसूरीणामुपदेशेन का प्र० सुविधिमा साकरग्रामे । ( ७४४) सुविधिनाथ- पञ्चतीर्थीः ।। संव० १५३२ वर्षे वै० वदि ११ सोमे श्रीश्रीमा० प० मूला भा० मनकू पु० हरियाकेन भा० लखमाइयुतेन निजश्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंबं का० प्रति० वृ० तपापक्षे श्रीज्ञानसागर सूरिभिः || [ ७४३-७४७ ( ७४५) पार्श्वनाथ चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५३२ वर्षे वै० शुदि ३ शनौ श्रीवायडज्ञातीय मं० माहव भा० हलू पु० मं० देवसेन भा० जीविणी पु० सिंहराज भ्रातृ हरदास डाही सूरा पंचायण अमीपालादिकुटुम्बयुतेन स्वपितृश्रेयसे श्रीपार्श्वनाथादिचतुर्विंशतिपट्टः कारितः आगमगच्छे श्री अमररत्नसूरिगुरूपदेशेन प्रतिष्ठितं सुविधिना देकावाडावास्तव्यः ॥ ( ७४६) शीतलनाथ- पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५३२ वर्षे वैशाख सुदि ५ शनौ उसवाल गच्छे श्रेष्ठिगोत्रे सालिग भा० संसारदे पुत्र साकेन स्वपुण्यार्थं श्रीशीतलनाथबिंबं का० प्र० श्रीकुकदाचार्य सन्ताने भ० श्रीदेव गुप्तसूरिभिः ।। श्री । ( ७४७) कुन्थुनाथ- पञ्चतीर्थीः || संवत् १५३२ वर्षे वैशाख सुदि १० शुक्र श्रीश्रीवंशे मं० धन्ना भार्या धांधलदे पुत्र मं० सुचा सुश्रावकेण भार्या लाली भ्रा० गोइंद पुत्र सीपा नाखा सहितेन स्वश्रेयोऽर्थं । श्रीअंचलगच्छेश्वर श्रीजयकेशरिसूरीणामुपदेशेन श्री कुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं संघेन लोलाडाग्रामे ॥ ७४३ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ७४४ नागोर बड़ा मन्दिर ७४५ नागोर सुमतिनाथ मन्दिर ७४६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ७४७ गागरडु आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले०७४८-७५२] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१२५) (७४८) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५३२ वर्षे वैशाख शुदि १० शु० श्रीउवएसवंशे चंडालियागोत्रे सा० नेमा भा० डीडी पु० सा० सोहिल भार्या महिरी पुत्र सा० पहि. राज भा० पाल्हणदे पुत्र सा० रत्नपाल सुश्रावकेण पितृव्य सा० गोपालप्रमुख कुटुम्बसहितेन पितु-श्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमलधारगच्छे श्रीगुणनिधानसृरिभिः श्रे पहिराज पुण्यार्थं । (७४६) शान्तिनाथ-पश्चतीर्थीः । सं० १५३२ वर्षे ज्येष्ठ वदि १३ बुधे प्राग्वाट श्रीवासधर भा० गांगी सुत मदन पा० जिनदास जीवा पुत्रपौत्रादिसहितेन श्रात्मश्रेयोर्थ श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्तपापक्षे श्रीजिनरत्नसूरिभिः। (७५०) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३२ ज्येष्ठ सुदि १३ बुधे प्राग्वाटज्ञातीय व्य० महीश्रा भा० रागी सुत हीरा भा० मदनी स्वश्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंबं का० प्र० तपा श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टालंकारेण श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। श्रीः ॥ (७५१) धर्मनाथः ॥ॐ ॥ संवत् १५३२ वर्षे आषाढ सुदि ८ रवौ श्रीभावडारगच्छे सं० प्रा० चीपूगोत्रे सा० देवदत्त भा० जाल्हेणदे पुत्र पासदत्त भा० पाल्हणदे पु० स० पूरण भा० सरूपदेव्यायुतेन पितृ-मातृपुण्यार्थ श्रीधर्मनाथबिंब का० प्र० श्रीरत्नप्रभपार्श्वसन्तानीय श्रीजिनदेसूरिपट्टे श्रीभावदेवसूरिभिः।। नागपुरैः ।। (७५२) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३२ वर्षे नीतोडकवासि प्रा० व्य० बडुआ भा० कर्मी सुत ० वीरावे न भा० माऊ, प्रमुखकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयोर्थ श्रीसंभवनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिसद्गुरुभिः।। ७४८ नागोर बड़ा मन्दिर ७४६ मेड़तासिटी वासुपूज्य मन्दिर ७५० मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ७५१ नागोर हीरावाड़ी आदिनाथ मन्दिर ७५२ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१२६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [७५३-७५८ __(७५३) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५३३ वर्षे चैत्र सु० ४ शुक्र । उसवंशे बावेलगोत्रे सा० घेल्हा पु० सा० खेता भा० खेतश्री पु० सा० देदाकेन स्वपिताश्रेयसे श्रीअभिनन्दननाथविंबं कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीमलधारिगच्छे श्रीगुणसुन्दरसूरिपट्टे श्रीगुणनिधानसूरिभिः । (७५४) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५३३ व० चैत्र सु० ........ 'घो० ग० वा............ चरण पु० धणलाल पुण्यार्थ श्रीकुन्थुनाथबिंबं का० प्र० श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः॥ (७५५) धर्मनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १५३३ वर्षे वै० शु० १२ गुरौ प्रा० व्य० रत्ना भा० रांभलदे पुत्र व्य० महिपा भा० धारी पुत्र जावडेन पितृश्रेयसे श्रीधर्मनाथबिंबं का० प्र० तपा श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥ नांदिअाग्रामे ।। (७५६) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३३ वर्षे वैशाख सुदि ५ शुक्र श्रीप्राग्वाटज्ञातीय श्रे० धारा भार्या वाळू सुत श्रे० दूदा भार्या नीणू सुत श्रे० देधर भा० तेजू सुत पूजा मूजा पितृ-मातृनिमित्तं श्रीसंभवनाथविंबं कारितं प्र० श्रीचैत्रगच्छे भ० श्रीरत्नदेवसूरिपट्टे भ० श्रीअमरदेवसूरिभिः ।। हारीजग्रामे ।। (७५७) सुपार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३३ वर्षे वै० शुदि ६ दिने श्रीमालवंशे सं० जइता पु० सं० मांडण भा० लीलादे पु० जावड युतेन श्रीसुपार्श्वबिंबं का० प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः । (७५८) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३३ वर्षे ज्येष्ठ वदि ११ श्रीमालज्ञातीय मूसलगोत्रे सा० सिवराज भार्या णाबू पु० सोना भा० देवलदे पु० रायपाल आत्मपुण्यार्य श्रीआदिनाथबिंब कारापितं प्रतिष्ठितं धर्मघोषगच्छे श्रीपासरत्नसूरिपट्टे क्षेमरत्नसूरिभिः शुभंभवतु। ७५३ नागोर बड़ा मन्दिर ७५४ मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर ७५५ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ७५६ जयपुर पंचायती मन्दिर ७५७ जयपुर पंचायती मन्दिर ७५८ जयपुर पंगयती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ७५६-७४६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१२७) (७५६) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३३ वर्षे ज्येष्ठ मासे शुक्लपक्षे ५ शुक्रवासरे उपकेशज्ञातीय रोहिणेयगोत्रे साह जाणा भार्या अपू पुत्र चाहड भार्या चाहिणदेव्या चाहडेन स्वपुण्यार्थ श्रीधर्मनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीपल्लीगच्छे श्रीउजोअणसृरिभिः ॥ (७६०) स्तम्भोपरि ॥ ॐ ।। सं० १५३३ वर्षे श्रावण सुदि ५ शनौ सा० भीमा भा० वर्जू पु० दौला भार्या अमी भार्या गोमति निमित्तं पुत्रकेन स्तंभ प्राग्वाटज्ञातीय ॥ (७६१) श्रेयांसनाथः ॥ सं० १५३३ वर्षे मार्ग सुदि ६ श्रीमाल० फुफलियागोत्रे सा० बूहड भार्या चाउ पुत्र साह नरसिंघ भार्या जपू सिंघही स्वपुण्यार्थ श्रीश्रेयांसनाथबिंबं का० प्रति, भ० श्रीपद्मानंदसूरिभिः ।। श्रीः ।। (७६२) धर्मनाथः ॥संवत् १५३३ वर्षे मार्ग० सुदि ६ उकेशज्ञातीय कालागोत्रे सा० देवदत्त पुत्र सा० फेरु भार्या वील्णदे पुत्र रावण सहितेन निज भार्या पुण्यार्थ श्रीधर्मनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीविधिपक्षीय अंचलगच्छे भट्टारक-श्रीजयकीर्तिसूरिपट्टे श्रीजयकेसरिसूरिभिः॥ (७६३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३३ वर्षे मार्गशिर सु०६ उकेशज्ञारांकागोत्रे सा० देवसी भार्या गवरदे पु० सारंग भार्या सक्तादे आत्मपुण्यार्थ श्रीआदिनाथबिंब कारापितं संडेरगच्छे प्रतिष्ठितं श्रीशान्तिसूरिभिः ॥ (७६४) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५३३ वर्षे माघ सुदि ६ जांडलवालगोत्रे सा० लाखासन्ताने सं। चिराईत्र भा० सलखण पु० श्रीपाल वछराज पांचा सोनल श्रीपाल पुत्र ऊधरण मातृ सलखण पुण्यार्थ श्रीकुन्थुनाथबिंबं प्र० श्रीतपागच्छे भ० श्रीहेमसमुद्रसूरिपट्टे श्रीहेमरत्नसूरिभिः ।। ७५६ बूदी पार्श्वनाथ मन्दिर ७६० सेमलिया शान्तिनाथ मन्दिर ७६१ नागोर हीरावाड़ी. श्रादिनाथ मन्दिर ७६२ नागोर हीरावाड़ी. आदिनाथ मन्दिर ७६३ किसनगढ़ यति स्वरूपचंदजी का उपाश्रय ७६४ बूदी पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१२८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [७६५-७०० थाः (७६५) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३३ वर्षे माघ सुदि १३ सोमवासरे प्राग्वाटज्ञातीय सा० हेमा भा० मानू पु० संघवी वडूआ भार्या डाही पु० सं० वना भा० मचकू पु० डूगर आत्मश्रेयसे श्रीविमलनाथबिंब कारितं साधुपूर्णिमापक्षे प्रतिष्ठितं श्रीजयशेखरसूरिभिः सारंगपुरे । (७६६) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३३ वर्षे फा०व०६ दिने प्रा० सं० वरसा भा० गोमति नाम्न्या पु० थेरा भोलादिकुटुम्बयुतया श्रीपद्मप्रभबिंबं कारितं प्रति० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (७६७) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३३ वर्षे शाके १३६८ प्रा० बंभगोत्रे पु० श्रे० सारंग भार्या हरखूकेन पिता माता लाखा लाखणदे पुण्यार्थ श्रीआदिनाथबिंबं का० मलधारिगच्छे प्र० श्रीगुणनिधानसूरिभिः । (७६८) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः _____ सं० १५३४ वर्षे चै० व० २ गुरौ लाटवासि प्रा० व्य० चांदू भा० सुंदरि पु० लुटाकेन भा० शीलादे पु० वीसा हीरा ढाहादियुतेन स्वश्रेयसे श्रीशान्तिबिंबं का० प्र० तपागच्छे श्रीश्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः श्रीरस्तु। (७६६) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ।सं० १५३४ वर्षे वैशाख सुदि २ रवी श्रीश्रीमालज्ञातीय मं० हीरा भा० रूडी। पु० सहिजाकेन भार्या पूतणियुतेन मातृ-पितृश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं श्रीपूर्णिमापक्षे श्रीगुणसमुद्रसूरिपट्टे श्रीगुणधीरसूरीणामुपदेशेन कारितं प्रतिष्ठितं सुविधिना । गोरिजग्रामे। (७७०) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ____सं० १५३४ वर्षे ज्येष्ठ सु० १० शुक्र उपकेशवंशे सा० रूपा भा० शीलू पुत्र सा० हेमाकन भा० चत्रु पुत्र देवा रत्नादिपरिवारयुतेन श्रीअजितनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीकोमलगच्छे श्रीचन्द्रप्रभसूरिभिः ॥ ७६५ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ७६६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ७६७ दाहोद पार्श्वनाथ मन्दिर ७६८ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ७६६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ७७० जड़ाउ पार्श्वनाथ देरासर For Personal & Private Use Only Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ७७१-७७५ ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१२६) (७७१) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५३४ वर्षे ज्येष्ठ सित १० दिने सोमे उकेशवंशे कटारियागोत्रे सा० चांपा 'भार्या पाल्हणदे पुत्र सा० नरसिंह श्रावकेण श्रीश्रेयांसनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः श्रेयसे । (७७२) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५३४ वर्षे आषाढ सु० ११ गुरौ उकेसवंशे छाजुहडगोत्रे सा० उगम पुत्र सा० खरहथेन भा० जीवीणी पु० माला बाला पासड सहितेन धर्मनाथविवं निजश्रेयो) कारापितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। (७७३) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५३४ वर्ष आषाढ सुदि १ गुरौ उप० कटारीबागोत्रे सा० लखमण भा० लखमादे पु० देपा साभा भा० कील्हणदे स्वश्रेयसे श्रीशीतलनाथबिंब कारितं प्र० जाखडीयागच्छे श्रीकमलचन्द्रसूरिभिः। (७७४) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५३४ वर्षे आषाढ सुदि १ गुरुवारे श्रीपल्हवडगोत्रे सं० घेल्हसन्ताने सं० छाहड पुत्र सा० शिवराज भार्या संसारदे पुत्र कल्हणयुतेन स्वश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं बृहद्गच्छीय श्रीमेरुप्रभसूरिभिः श्रीराजरत्नसूरिभिः । (७७५) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३४ वर्षे आषाढ सु० २ दिने उकेसवंशे बोथिरागोत्रे सा० जेसा पु० थाहा सुश्रावकेण भा० सुहागदे देल्हा हांसा नींबादियुतेन माता लखी पुण्यार्थं श्रीश्रेयांसबिंबं कारितं प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। ७७१ नागोर बड़ा मन्दिर ७७२ नागोर बड़ा मन्दिर ७७३ नागोर बड़ा मन्दिर ७७४ बूदी पार्श्वनाथ मन्दिर ७७५ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [७७६--७८० (७७६) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३४ वर्षे आषाढ सुदि २ ऊकेशवंशे फोफलियागोत्रे सा० अरसी भा० ऊजी पुत्र सा० सिवा भा० रत्नादे पुत्र सा० चउराकेन भा० लखमादे प्रमुखपरिवारेण श्रीशीतलनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। श्रीः ।। (७७७) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३४ वर्षे आषाढ सुदि २ दिने उकेशवंशे बापणागोत्रे सा० भावड भा० जसमादे पु० सा० सोमा सुश्रावकेण भा० सकतादे पु० अमर मेघा अमरा प्रमुखसहितेन श्रीसंभवनाथबिंबं का० प्रति० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। (७७८) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५३४ वर्षे आषाढ सुदि १५ ऊकेशवंशे चोपडागोत्रे को० ठाकुरसी भार्या उमादे पुत्र को शिखरा भा० साता सुश्रावकेण पुत्र सा० वीसल सा० अखयराज सा० नगराज प्रमुखपुत्रादिसहितेन श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसमुद्रसूरिभिः ।। . (७७६) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३४ वर्षे मार्गशिर वदि ५ सोमे । नागगोत्रे उपकेशज्ञातीय ना० मांडणेन भार्या माणिकदे पुत्र कामाकेन भा० लूणी कउतिगदे पुत्र करमा धरमा जगा रणमल्ल राइमल सहितेन । श्रीनमिनाथबिंबं कारितं । प्र० ज्ञानकीयगच्छे श्रीधनेश्वरसूरिभिः । (७८०) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५३४ वर्षे माग वदि ५ तिथौ सोमे उकेशज्ञातीय राब्हीगोत्रे वल्ल श्रांबायां मं० कोल्हा भार्या गुणादे पुत्र सं० पौराउ-तिहुणाभ्यां स्वपित्रोः पुण्यार्थ श्रीशीतलनाथबिंब कारितं श्रीकन्हरसा तपागच्छे श्रीपुण्यरत्नसूरिपट्टे श्रीपुण्यहंससूरिभिः प्रतिष्ठितं । ७७६ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ७७७ सांगानेर महावीर मन्दिर ७७८ हरसूली पार्श्वनाथ मन्दिर ७७६ सांगानेर महावीर मन्दिर ७८० नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ७८१-७८५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१३१) (७८१) आदिनाथ-पश्चतीर्थीः सं० १५३४ मा० शु० १० प्रा० व्य० नरसिंह भा० नामलदे पुत्र मेलाकेन भा० वीरणि पुत्र खेतादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंबं का० प्र० श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः । पालणपुरे। (७८२) शान्तिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥संवत् १५३४ वर्षे माघ शुक्लपक्षे 'शुक्र . भानक्षत्रे श्रीश्रोशवंशे श्रीविणेलियागोत्रे । संघपति समधर सं० गोसल सं० गुणधर सं० भाटल सं० नाजलसन्ताने । सं० पांडण पुत्र सा० लखमय भार्या गउरादे। पुत्र सं० हीरा भा० हीरादे । सा० भोला भार्या भमरादे । च । सभक्तिपूर्व पितापूर्वजपुण्यार्थ प्रात्मश्रेयोर्थे । सं० हीरा सं० भोलाभ्यां पुत्र-पौत्रादेः सपरिकराभ्यां श्रीशान्तिनाथविवं कारितं प्रतिष्ठितं कहरिसागच्छे । भ० श्रीप्रसन्नबन्दसूरि भ० श्रीनयचन्द्रसूरिभिः ।। (७-३) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३४ वर्षे फागुण सुदि ५ सोमे उ० भेलड़ियागोत्रे सा० महणा भा० माल्हणदे पुत्र केला भा० कमलादे पु० देवराज स० श्रीधर्मनाथबिंब का० प्र० श्रीनाणावालगच्छे भ० श्रीधनेश्वरसूरिभिः ।। छ ।। (७८४) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५३४ वर्षे प्राग्वाटज्ञा० श्रे० सोमा भा० देऊ पु० भोटाकेन भा० वानरि भ्रा० भोजा प्रमु० कुटुम्बयुतेन श्रीसंभवनाथबिं० का० प्र० तपापक्षे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः वीसलनगरे। (७८५) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३५ वर्ष आपाढ वदि द्वितीया दिने उपकेशज्ञातीय आयरीगोत्रे लूणाउतशाखायां सा० जाजा पु० चउला भा० संपतलटि पु० मूलाकेन आत्मश्रेयसे श्रीपद्मप्रभविंवं कारितं ककुदाचार्यसन्ताने प्रतिष्टितं श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ।। ७८१ नागोर बड़ा मन्दिर ७८२ भिनाय ७८३ जयपुर बड़ा मन्दिर ७८४ नागोर सुमतिनाथ मन्दिर ७८५ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१३२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [७८६-७६० (७८६) कुन्थुनाथ-पश्चतीर्थीः | ॥ सं० १५३५ वर्षे श्राषाढ वदि २ गुरौ भंडारीगोत्रे सा० वील्हासन्ताने भं० सायर भा० सूहवदे पुत्र मं० अक्खा भार्या लखमादे भ्रात चांपाकेन श्रीकुन्थुनाथबिंवं कारितं स्वश्रेयसे प्रतिष्ठितं संडेरगच्छे श्री(ई)शिरसूरिपट्टे श्रीशालिसूरिभिः ।। (७८७) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५३५ वर्षे मार्ग० व०६ सोमे उप० ज्ञाती० साहा भा० अमरी पु० वरनाग भा० वानू पु० सासढ आत्मश्रेयसे श्रीविमलनाथबिंवं का०प्र० श्रीचैत्रगच्छे श्रीवीरप्रभसूरिपट्टे श्रीवीराणंदसूरिभिः श्रा० श्रीदेवसुन्दरसूरि मालवसिंगोवा० (७८८) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३५ वर्षे माह वदि ५ भौमे प्राग्वाटज्ञातीय गुहिलवालगोत्रे सा० भांडा भा० वइजू सु० करमा जइता करमा भा० वानू जइता भा० पांचू आत्मश्रेयसे श्रीनमिनाथबिंबं कारापितं श्रीमडाहडीयगच्छे श्रीवीरभद्रसूरिपट्टे श्रीश्रीनयचन्द्रसूरिभिः । (७८८) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३५ वर्षे माह सुदि ५ गुरु प्रा० ज्ञातीय सा० धना भा० वारी पु० जेसा भा० देल्हू पुत्र धना चाचा सामा सा० धना भा० अमरी पुत्र ठाकुर स० जसाकेन श्रीशान्तिनाथविंबं का० प्र० श्रीमडाहडगच्छे श्री(र)विचन्द्रसूरि(भिः)। (७६०) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः __सं० १५३५ वर्षे मा० शु० ५ गु० डीसा सं० काला भा० रती पु० सं० नाथा भा० सोही भ्रात पहिराज रत्नादिकुटुम्बश्रेयसे श्रीश्रेयांसबिं० का० प्र० तपागच्छे श्रीश्रीश्रीरत्नशेखरसूरितत्प? लक्ष्मीसागरसूरिभिः॥ ७८६ मेड़तासिटी आदिनाथ मन्दिर. ७८७ जयपुर पंचायती मन्दिर ७८८ केकड़ी चन्द्रप्रभ मन्दिर ७८६ साथां पार्श्वनाथ मन्दिर ७६० हरसूली पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ७६१-७६६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१३३) (७६१) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३५ वर्षे माघ सुदि ५ गुरौ श्रीमूलसंघे भट्टारक श्रीभुवनकीर्ति तत्पट्टे भट्टारक श्रीज्ञानभूषणगुरौ 'कासिणगोत्रे सा० सारंग भा० चांपू. पु० अपू भ्रातृ'''ताकी संभवनाथ।। (७६२) वासुपूज्य-पञ्चती ः ॥ संवत् १५३५ वर्षे माह सुदि ६ प्राग्वाटज्ञातीय सांभरथागोत्रे सा० समरा भा० हानी पु० आल्हा देवसी आल्हा भा० आल्ही पु० ऊधा पदमसी चांदा पंचायणयुतेन स्वश्रेयसे । श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं प्र० श्रीबृहद्गछीय भ० श्रीज्ञानचन्द्रसूरिभिः ।। (७६३) कुन्थुनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ॐ ॥ सं० १५३५ वर्षे माह सुदि दिने। श्रीओसवालज्ञातीय उछितवालगोत्रे सं० चांपा पु० सं० मघा पु० सं० गणपतिकेन भा० गंगादे पु० रणवीर सा० करमायुतेन स्वश्रेयसे पितृपुण्यार्थं श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीधर्मघोषगच्छे भ० श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। शु० वं०॥ (७६४) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३६ व० ज्येष्ठ व० ५ रवौ उप० सीसोदीयागोत्रे सा० देवायन भार्या देवलदे पु० खेता भार्या खेतलदे पुत्र भाखरयुतेन स्वपुण्यार्थे श्रीनमिनाथबिंबं कारापितं प्रति० संडेरवालगच्छे श्रीसालिसूरिभिः ।। (७६५) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५३६ वर्षे ज्ये० शु० ५ प्राग्वाट सा० हीरा भा० पाहल्ल पुत्र सा० सादाकेन भा० रानू युतेन श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः । (७६६) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३६ वर्षे आषाढ सु० ५ गुरौ उ० ज्ञातीय सांडगोत्रे सहसा भा० वारू पु० धरम भार्या वाल्हादे अात्मपुण्यार्थं श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिं० का० प्र० श्रीपूर्णिमापक्षे भ० श्रीजयप्रभसूरिपट्टे । भ० श्रीजयभद्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं। ७४ उत्तमटा। ७६१ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ७६२ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ७६३ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ७६४ जयपुर नया मन्दिर ७६५ किसँनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ७६६ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१३४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [७६७-८०२ __(७६७) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संघत् १५३६ वर्षे का० सु० १५ बु० गोखरूगोत्रे सा० लोहट भा० संपई पुत्र सा० टिला भा० कउतिगदे भ्रातृ पारस भा० पाल्हणदे पु० छीता धर्मसी पितृ-आत्मश्रेयसे श्रीआदिनाथबिं० का० प्र० बृहद्गच्छे ज्ञानचन्द्रसूरिभिः॥ (७६८) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५३६ वर्ष मार्गवदि ५ गुरु प्राग्वाटज्ञातीय सालीगो० सा० साजण भा० देऊ पु० छाजा भा० आत्मश्रेयसे स्व पुण्यार्थ श्रीआदिनाथबिंवं का० प्र० श्रीकोरंटकीयगच्छे श्रीनन्नाचार्यसन्ताने भ० श्रीसावदेवमूरिभिः ॥ (७६६) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। ॐ ।। संवत् १५३६ वर्ष मार्ग० शुदि ५ गुरौ खरतरगच्छे भ० बृ. भणसालीगोत्रे मं० चोहथ भा० लाछा पु० भादा भा० भरमादे पु० फूला खरहथ पितृश्रेयसे श्रीशीतलनाथविंबं सा कारितंप्र० श्रीजिनहरषसूरिभिः।। श्रीः ॥ (८००) सुमलिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३६ वर्षे माह वदि ५ सोमे प्राग्वाटज्ञातीत नहुनेचागोत्रे सा० लीला भा० गउरी पु० जेसा भार्या यसमादे अात्मश्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंब कारापितं प्रतिष्ठितमुपदेशेन श्रीपूर्णिमापक्षीय श्रीभावदेवसूरिपट्टे श्रीहर्षसुन्दरसूरिभिः। (८०१) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५३६ वर्षे । माघ सुदि ५ सोमे उपकेशज्ञातीय पोसालियागोत्रे सा० धूना भा० अमरी पु० सखता मेला तेजा भा० सापू सहितेन पितृ-मातृश्रेयोर्थ श्रीवासुपूज्यबिंब कारित प्रतिष्ठितं श्रीकोरंटकगच्छे श्रीभावदेवसूरिभिः प्रतिष्ठितं ।। (८०२) वासुपूज्य पञ्चतीर्थीः सं० १५३६ व० मा० शु० ५ प्रा० सा० पातल भा० सगकू पूना भा० पूरी थिरा भा० दलू पु० कर्मा नाम्न्या ऊदा भा० अातृकुटुम्बयुतेन श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। ७६७ जयपुर पंचायती मन्दिर ७६८ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ७६६ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ८०० कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ८०१ सांगानेर महावीर मन्दिर ८०२ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ले० ८०३-०८ ] प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (८०३) पार्श्वनाथ: ।। ॐ ।। संवत् १५३६ वर्षे फागुण सुदि ३ दिने श्रीऊकेशवंशे कुकड़ाचोपड़ागोत्रे सापांचा पु० सं० लाख सुश्रावकेण पुत्रपौत्रादिपरिवारयुतेन भार्या किसनादे पुण्यार्थ श्रीपार्श्वनाथविंवं का० प्र० श्रीजिनभद्रसूरिशिष्य श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः || (०४) पार्श्वनाथ: || ॐ || सं० १५३६ वर्षे फागु० सुदि ३ दिने श्रीऊकेशवंशे कुकड़ा - चोपड़ागोत्रे स० पांचा कु० रूपादे पुत्र सं० लाखण 'कुऊन भा० लखमादे पुत्रपौत्रादिपरिवारसहितेन श्री पार्श्वनाथबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिशिष्य-श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। (८०५) चन्द्रप्रभ - पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५३६ फागुण सुदि ३ श्रीउपकेशज्ञातीय । नावीयाडागोत्रे सा० महणा भा० माल्हणदे पुत्र सा० जोधा भा० लखमादे पुत्र । सा० जसवीर - रूदाभ्यां श्रीचन्द्रप्रभबिंबं कारितं । प्रतिष्ठि० श्रीचैत्रगच्छे श्रीगुणाकर सूरिपट्टे श्रीसोमकीर्तिभिः ॥ ( १३५ (८०६) मुनिसुव्रतः सं० १५३६ वर्षे फागुण सुदि ५ दिने श्रीमाली • गोत्रे सा० शंका भा० जीवी पुत्र धर्मसीकेन भा० वेगीपुण्यार्थं श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का० प्र० श्रीखरतर श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः । (८०७) पार्श्वनाथ पचतीर्थी: सं० १५३६ सोमे भटेउरा सा० रामा भा० मानू नाम्न्या श्रीपार्श्वनाथ का० प्र० सूरिभिः । (०८) सुमतिनाथ - पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५३७ वर्षे वै० ब० ६ सींदरसीय प्रा० सा० देवा भा० हर्षो पुत्र सा० रत्नाकेन भा० कर्मी सुत खीमा नरसिंघ भ्रातृ ठाकरसी प्र० युतेन निजश्रेयसे श्रीसुमतिनाथविवं का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिशि० श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागर सूरिभिः । ८०३ रतलाम सेठ जी का मन्दिर. पाषाण ८०४ रतलाम सेठ जी का मन्दिर, पाषाण ८०५ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ८०६ नागोर महात्मा जेठमल जी का उपाश्रय ८०७ सांभर पार्श्वनाथ मन्दिर ८०८ हिण्डोन श्रेयांसनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३६ ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [८०९-८१३ (८०६) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५३७ वर्षे ।। वैशाख वदि : सोमवारे छाजहड़गोत्रे उस० ज्ञाती सा० हांसा भार्या तारू सु० जयता भा० वरजू सु० सविराज देवराज पाल्हा युते० आत्मश्रे० श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का० प्र० खरतर भ० श्रीजिनचन्द्रसूरिपट्टे श्रीजिनसमुद्रसूरिभिः। (१०) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३७ वेशाख सुदि ३ सोमे श्रीमूलसंधे सरस्वतीगच्छे भ० श्रीसकलकीर्तिस्त० श्रीभुवनकीर्तिस्त० भ० श्रीज्ञानभूषणगुरूपदेशात् हुँ। उत्रेश्वरगोत्रे श्रे० वस्ता भा० निलु सुत देवसी भा० कर्मी सुत आसा भा० पूरी भातृ वाला भा० वीरी नाना भार्या नागलदे जीवा भा० जसमादे जाला भा० । जेतलदे श्रीआदिनाथबिंबं मांडण भा० माणिकदे मेला नांगा प्रणमति ॥ (११) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५३७ वर्षे वै० सु० ५ बुधे प्राग्वाटज्ञातीय व्य० राउल भार्या कीकी सुत व्य० साजणेन भा० ललतू सु० नबेद प्रमुखकुटुम्बयुतेन श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छनायक-श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः।। कीडेत वास्तव्य । (८१२) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५३७ वर्षे ज्येष्ठ वदि ४ भोमे बगलथियाण श्रीश्रीमालज्ञातीय सा० सोमिल भार्या सहजलदे द्वि० सोनलदे पु० सांगाभर्या रतनादे पुत्र खेता खीमा पुण्यार्थं श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रति० श्रीबृहद्गच्छे भ० श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ..........। (८१३) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३७ वर्षे माघ सुदि २ सोमे श्रीमाल श्रे० सिंघा भा० रांभू सु० धना भा० काली मातृ-पितृश्रेयोथै श्रीनमिनाथबिंबं कारापितं प्र० पिप्पलक गच्छे श्रीअमरचन्द्रसूरिभिः ।। श्रीः ।। ८०६ जयपुर पंचायती मन्दिर ८१० रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ८११ मेड़तासीटी उप० शान्तिनाथ मन्दिर ८१२ चाडसू आदिनाथ मन्दिर ८१३ सांगानेर महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१४-८१६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१३७) (८१४) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५३७ वर्षे मा० शु० २ सोमे उसवालज्ञाती० सा० नरसिंघ भार्या नयणश्री पुत्र सा० महिराज भार्या महणश्री पुत्र मोकलसहितेन । श्रीअंचलगच्छे श्रीजयकेसरिसूरीणामुपदेशेन श्रीवासुपूज्यबिंब कारापितं भ्रा० ठाकुरसी श्रेयोथै प्रतिष्टितं श्रीसंघेन । श्री। (८१५) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५३७ व० फा०व०८ बु० उ० खांटडगो० मं० पूना भा० अचू पु० राजाकेन भा० रयणादे पु० हरपति गुणपति तेजा हरपति भा० हमीरदे प्रमुखस्वकुटुम्बसहितेन स्वश्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंब का० प्रतिष्ठितं भावडारगच्छे श्रीभावदेवसूरिभिः खिरहाला नामकेन । (८१६)....... 'पञ्चतीर्थीः सं० १५३७ फागुण सुदि २ सहारणेन प्र० रविप्रभसूरिभिः । (१७) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः !! ॐ ।। सं० १५३८ वर्षे प्रा० सु०२ दिले जकेशवंशे कटारियागोत्रे सा० खीदा भा० खेतलदे पुत्र काजा होना जेता मा हासलदे पु० वरजा मनषणा (?) मेधा लछमादियुतेन श्रीविमलनाथविध का प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। (८१८) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५३८ वर्षे मागसिर वदि ५ उकेशज्ञातीय नाहरगोत्रे सा चाहड भा० हरखु पु० वीजाकेन भा० वीजलदे पु० केसषयुतेन स्वश्रेयसे श्रीविमलनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीधर्मसुन्दरसूरिपट्ट श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥ (१६) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३६ वर्षे आषाढ सु० २ रवी श्रीओसवालज्ञा० नाणावालगच्छे थामलेचागोत्रे सा० सादुल भा० मेघादे पु० भाखर भा० भावलदे पृ० मोहण हर्तायुतेन मातृ-मेघु-निमित्तं श्रीपद्मप्रभविंबं कारितं प्र० भ० श्रीधनेश्वरसूरिभिः । ८१४ जयपुर पंचायती मन्दिर ८१५ जयपुर पंचायती मन्दिर ८१६ नागोर बड़ा मन्दिर ८१७ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ८१८ नागोर बड़ा मन्दिर ८१६ जयपुर पंचायती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१३८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले०८२०-८२५ (८२०). . . . . . . ' 'पञ्चतीर्थीः संवत् १५३६ वर्षे ......... 'गुर्जरज्ञातीय व्य० वना पुत्र तेजाकेन पुत्र झांझण............. श्रीबृहद्गच्छे प्र० श्रीगुणप्रभसू० प्रतिष्ठितं श्रेय-निमित्तं ॥ (८२१) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५४० व० वैशाख सु० १० बुधे भट्टे उराज्ञातीय अटकरगोत्रे सा० साल्हा भा० छपाई पुत्र सोमा भा० थरधू पुत्र ४ सा० हरराज मांडा मोका गोइंद हरराज भा० करमी मांडा भा० रूपणि सा० सोमाभिधः श्रीशंभवनाथं नित्यं प्रणमति ।। संडेरगच्छे भ० श्रीशालि . . . . . . . . (८२२) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५४० वर्षे वैशाख शुदि १० बुधे ओसवालज्ञा० सा० साजण पुत्र अमीपाल भा० ऊमादे पु० भींवरेण भा० कील्हणदे पु० जीवा गंगा जिणदास जीवा भा० जसमादे पु० दवदासादिकुटुम्बयुतेन श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंब का० प्र० उएसगच्छे सिद्धाचार्य० भ० श्रीधर्मसुन्दर-सिद्धसूरिभिः श्रीवीसलनगरे। (८२३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५४० वर्षे आषाढ वदि १. 'गच्छे..... 'साउलेचागोत्रे सा० सोहा भा० नानी पु० सा० वणा फीदा पितृश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब का० प्र० श्रीपलीवालगच्छे श्रीश्रीश्रीउजोअणसूरिभिः । (२४) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ।। संवत् १५४० वर्षे मार्गशिर सुदि आम ४ तिथौ व्य० प्राग्वाटज्ञातीय उहवडेचागोत्रे सा० केला भा० उमी पु० गुणराम भा० रतू पु० तुभहया(?)आत्मपुण्यार्थ श्रीवासुपूज्यबिंब कारितं प्र० पूर्णिमापक्षे भ० श्रीहर्षसुन्दरसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ (८२५) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५४१ वर्षे वैशाख वदि १३ गुरुवारे उकेशज्ञातीय सुचिंतिगोत्रे सा० सावंत भा०...'पु० मेधा पु..'वरन'... 'श्रीशान्तिनाथबिंब का० प्र० श्रीदेवगुप्तसूरिभिः । ८२० सांगानेर महावीर मन्दिर ८२१ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ८२२ सैलाना मुनिसुव्रत मन्दिर ८५३ सरधना पार्श्वनाथ देरासर ८२४ सांभर पार्श्वनाथ मन्दिर ८२५ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२६-८३१ ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (८२६) शान्तिनाथ- पचतीर्थीः ।। सं० १५४१ वर्षे माघ सुदि २ दिने उसवालज्ञातीय श्रीचू पडगोत्रे सा० हेमा भा० गमतादे पु० बच्छराज पुत्रेण सा सीधरेण स्वपुण्यार्थं श्री शान्तिनाथबिंबं का० प्र० श्रीमलयचन्द्रसूरिप० श्रीराजरत्नसूरिभिः ॥ (८२७) सुमतिनाथ पञ्चतीर्थी: ॐ सं० १५४१ वर्षे फा० सु० ३ गुरौ सामेरवासी प्रा० सं० कालू भा० दासी पुत्र सं० गोल्हाकेन भा० हीरू पु० महाकाल मना | ठाकरसी युतेन भ्रा० देऊ श्रीसुमतिबिंवं का० प्र० तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीलक्ष्मी सागरसूरिभिः । (८२८) मुनिसुव्रत - पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५४२ वर्ष वैशाख यदि ६ शुक्र ऊकेशज्ञा० सिंघाडियागोत्रे सं० रेडा सं० सा० ऊदा भार्या ऊदलदे पु० सा० छाजू श्रीमल जिणदत्त पारसयुतेन श्र० पु० श्रीमुनिसुत्रतबिंबं का० प्र० ॥ श्रीबृहद्ग० भ० श्रीमेरुप्रभसूरिभिः ॥ श्रीः ॥ श्रीः ॥ ( १३६ ) (८२६) सुमतिनाथ- पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५४२ वर्षे माघ सु० २ शनिवारे श्रीउसवालज्ञातीय सुचिंतीगोत्रे सा० सगर पुत्र सा० श्री श्रीपाल भा० परवतदे पु० सा० सादा पु० नरदेवसहितेन पितृश्रेयसे सुमतिनाथविंबं का प्रतिष्ठितं श्रीउपके० श्रीकक्कसूरिपट्टे भ० श्रीदेव गुप्तसूरिभिः ॥ (३०) मुनिसुव्रत - पञ्चतीर्थी: ।। संवत् १५४२ वर्षे माघ सुदि ५ दिने विनाइकीयागोत्रे सा० धना पुत्र सा० पीचा पुत्रेण सा० राजेन निजमाता - कोडापुरयार्थं श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं रुद्रपल्लीयगच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिपट्टे श्रीहरि - कलशसूरिभिः । (= ३१) पद्मप्रभ - पञ्चतीर्थीः सं० १५४२ वर्षे फा० ० २ शनौ उ० पालडेचागोत्रे साह नाथ भा० नामलदे पुत्र मींदा भार्या राजू सहितैः पितृनिमित्तं श्रीपद्मप्रभबिंबं कारितं प्र० मडाहडगच्छे श्रीनयचन्द्रसूरिभिः । शुभं भवतु । ८२६ सांगानेर महावीर मन्दिर ८२७ मेड़तारोड़ पार्श्वनाथ मन्दिर ८२ जयपुर नया मन्दिर ८२६ जोमनेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३० जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ८३१ जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर. घाट For Personal & Private Use Only Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१४०) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ८३२-८३६ (८३२) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५४२ वर्षे फागु० वदि ७ सीतोरेचागोत्रे उस० सा० सूरा भा० सुरमदे पु० पर्वत सा० सहजा सिवा सा० पर्वत भा० देलू पु० माई समधर विजा सहजा भार्या चपलदे सहित भ्रा० सहजा पुण्यार्थ श्रीसंभवनाथबिंबं का० प्र० श्रीनाणकीयगच्छे श्रीधनेश्वरसूरिभिः । (८३३ आदिनाथ-एकतीर्थीः संवत् १५४२ वर्षे फागुण सुदि ५ गुरौ। नीगा। पाचलेराजा श्रीमानसिंहराउले श्रीकाष्ठासंघे माथुरान्वये पु० भ० श्रीकमलकीर्ति देवाः तत्पट्टे भ० शुभचन्द्रदेवाः तत्प? भ० श्रीहंससेनदेवाः भदान्वये अग्रोतकान्वये वासिलगोत्रे सा० गोल्हा भा० पाल्ही । पुत्र उ सा० पदमसी। जवणसी। सा० गेहला । पदमसी पु० अंगरूतिमलू । पु० १ अर्जुन सा० जवणसी। भा० जीवी । पुत्र ३ सा० लाढम भा० देवीतारौ द्वि० पु० कोडम भा० तूल्ही । ठकुरसी । एतेषामहे सा० लाडम श्रीआदिनाथ कारापितं । प्रतिष्टितं । नित्यं प्रणमति । शुभंभवतु । कल्याणमस्तु । (३४) नेमिनाथ-पञ्चतीर्थी: संवत् १५४२ वर्षे प्राग्वाटज्ञातीय व्य० सलरा भा० ऊमी पु० कर्मसिंहेन भा० आपू यु सहितेन स्वपितृव्य व्य० लूणा श्रेयोथै श्रीनेमिनाथबिबं कारापितं प्रतिष्ठितं तपा श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः । (८३५) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः __ सं० १५४३ वर्षे वै० शु० १० गुरौ प्राग० सा० जैसा भा० उमादे पुत्र सा० पताकेन भा० जसू म० युतेन श्रेयसे श्रीशीतलबिंब कारितं प्रति० श्रीसूरिभिः । (८३६) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५४३ वर्ष ज्येष्ठ वदि , गुरौ श्रीउपकेशज्ञातीय बांभगोत्रे सा० नाल्हा भा० नायकदे पु० साह तोलाकेन भार्या कर्णादेव्या युतेन स्वपुण्यार्थ श्रीसंभवनाथविंबं कारितं प्र० श्रीमलधारिगच्छे श्रीगुणनिधानसूरिपट्टे श्रीगुणसागरसूरिभिः ।। ८३२ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ८३३ हिन्डोन श्रेयांसनाथ मन्दिर ८३४ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ८३५ सैलाना ऋषभदेव मन्दिर ८३६ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८३७-८४२] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१४ (८३७) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५४४ वर्षे वैशाख सु० ३ प्राग्वाट श्रे० मांडण भा० टबी सुत सहसाकेन भा० जालू सु० समधर सालिग पंचायणादि कुटुम्बयुतेन सा० तेजा श्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबंकारितं प्र० तपा-श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने गच्छनायक-श्रीसुमतिसाधुसूरिभिः । (३८) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५४४ वर्षे वैशाख शुदि १५ रवौ प० उ० उकेशज्ञाति सा० वीरा भा० गोरी पुत्र सा० गणपतिकेन भा० मेघू कउतिगदे भ्रा० भोला कान्हा भा० भावलदे कमलादे आसाभा० अहिवदेव्यादिकु० युते स्वभ्रातृ आसा श्रेयो) श्रीपार्श्वनाथबिंबं का० प्र० तपा श्रीलक्ष्मीसागरसूरिपट्टे श्रीसुमतिसाधुसूरिभिः श्रीरस्तु। . ॐ (८३६) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थी ॥सं० १५४५ वर्षे जे० व० ११ दिने वीरवाडावासी प्राग ज्ञाति सा० रला भा० माधू पुत्र सा० भीमाकेन भाः हेमी कुटुम्वयुतेन स्व श्रेयसे श्रीपार्श्वनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीश्रीश्रीसूरिभिः श्रिये । (४०) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५४५ व० ज्येष्ठ सुदि १२ गुरौ श्रीमालज्ञा० चोपडागोत्रे पं० हरिगण भा० गई पुत्र करणा भा० खेतू पु० पाल्हा कील्हाभ्यां धर्मनाथबिं० प्र. रुद्रपल(पल्लीय)गछे श्रीहेमप्रभसूरिभिः । (८४१) संभवनाथ पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५४६ वर्षे आषाढ वदि २ उसवालज्ञातौ श्रेष्टिगोत्रे वैद्यशाखायां । सा० सिणा भा० सिंगारदे पु० वीजा भा० छाजू ताभ्यां पुत्र-पौत्रयुताभ्यां श्रीचन्द्रप्रभबिंबं सा० सिंघापुण्यार्थं कारापितं । प्र० श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ॥ (४२) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५४६ वर्ष माघ वदि ८ सोमे ओस० थामलेचागोत्रे श्रे० केलहन सुत घोगट भा० मानु पुत्र तोल्हा भा० तोल्हणदे पुत्र चान्दा सहजा स्वमातृपुण्यार्थ श्रीवासुपूज्यबिंब का० प्र० श्रीनाणकीयगच्छे भ० श्री............। ८३७ जयपुर पंचायती मन्दिर ८३८ सांभर पार्श्वनाथ मन्दिर ८३६ नागोर शान्तिनाथ मन्दिर ८४० कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ८४१ नागोर बड़ा मन्दिर ८४२ भिनाय महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१४२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले०८४३-८४७ (८४३) संभवनाथ-चतुर्विशतिपट्टः ॥ सं० १५४७ वर्षे वैशाख शु० ३ सोमे हुंबडज्ञा० श्रे० तिला भा० हषू पु० श्रे० लाला भीमा नाथादयस्तेषु लालाकेन भा० रुक्मिणी पु० सिंघा बाघादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीसंभवनाथबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीमूलसंघे भ० श्रीज्ञानभूषण मूडहिटीग्राम वास्तव्यः । श्रीः ॥ पूज्य भ० श्रीधर्मसुन्दर सिद्धसूरिगुरुप्रसादात् श्रीकक्कसूरिभिः ।। (४४) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः संवत् १५४७ वर्षे मा० वदि ८ दिने प्राग्वाटज्ञातीय व्य० रूपा भा० देपू पुत्र मेरा भा० हीरू श्रेयोर्थ श्रीवासुपूज्यबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः । (८४५) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५४७ वर्षे माघ शुदि ३ गुरौ श्रीब्रह्माणगण्छे श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० जोगा भा० सोनाई सुत जिणदास-गुणपालाभ्यां स्वपित्रोः श्रेयोर्थ श्रीधर्मनाथबिंब का० प्रतिष्ठितं श्रीविमलसूरिपट्टे श्रीबुद्धिसागरसूरिभिः शीवापुरवास्तव्यः ॥ (८४६) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५४७ वर्षे माह सुदि ५ शुक्र श्रीसंडेरगच्छे उ०........... सा० खीमा भा० सांपू पु० सुरतान भा० पहपू पु० करण चोखा आत्मश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं का०प्र० श्रीयशोभद्रसूरिसन्ताने श्रीसुमतिसूरिभिः। (८४७) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५४७ वर्षे माव सु० १३ शनी श्रीमंडपे श्रीमालज्ञातीय सं० ऊदा भा० हर्षु पु० सं० खीमा भा० पूजी पु० जगसी भा० साऊ पु० सं० गोदा भा० पु० सं० सामा पु० सं० मेघा पुत्री शाणी लघं 'ट सं० राजा भा० सांगी पु० सं० जावड भा० धनाई जीवादे सुहागदे सक्तादे विनादे पु० सं० हीरा भा० रमाई सं० लालादिकुटुम्बयुतेन १०४ बिंवं कारापितं निजश्रेयसे श्रीपतसर्वत्र (पार्श्वनाथ) बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरि-श्रीलक्ष्मीसागरसूरिपट्टे श्रीसुमतिसाधुसूरिभिः॥ ८४३ जयपुर पुगलियों का मन्दिर. स्टेशन ८४४ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ८४५ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ८४६ भिनाय महावीर मन्दिर ८४७ मेड़तासिटी उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४८-८५३ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१४३) ___ (८४८) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५४७ वर्षे माघ सुदि १३ रवौ श्रीश्रीमालज्ञा० शिवा भार्या हेली सुत दो० धाइंयाकेन भा० सलखु सु० दो० दासां राणा कर्ण सा गांगा पौत्र कमलसीह भा० पोता डाहिया प्र० कुटुम्बयुतेन प्र० श्रीमधुकरीयखरतर श्रीमुनिप्रभसूरिभिः ।। श्रीशीतलबिंब कारितं । (८४६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५४७ वर्षे फागुण सुदि ३ उस० ज्ञा० सा० महीपा भा० तेजू पु० लोला भा० लोलादे सहितेन पित्रोः श्रेयसे श्रीशीतलनाथबिंबं का० प्र० वृमाणया (ब्रह्माणीय) श्रीउदयप्रभसूरिभिः ॥ (८५०) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५४८ वर्षे वैशाख सुदि ४ सं० डूगरपल्या श्रीदलहदेव श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं। (८५१) पार्श्वनाथ-एकतीर्थाः ॥संवत् १५४८ वर्षे वैशाख सु०५श्रीमूलसंधे सरस्वतीगच्छे श्रीसोमसेणसला खंडेलवालान्वये भवसारि पु० साधु० सला भा० नेमु मय पुत्र नमिदास............। (८५२) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५४८ वर्षे कार्तिक सुदि १२ दिने श्रीऊकेशवंशे रांकागोत्रे मांजउत्रशाखायां सा० सिंघा पुत्र सालिग भा० सामू पुत्र सा० करणाकेन भा० कुडिमदे कमलादेव्यादियुतेन श्रीनमिनाथबिंबंकारितं प्रति श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसागरसूरिपट्टे श्रीजिनसुन्दरसूरयस्तत्प? श्रीजिनहर्षसूरिभिः। (८५३) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५४८ वर्षे वैशाख शुदि ५ रवौ उपकेशज्ञा० चोवलदगगोत्रे सा० साजा भा० तेजसरू पु० कूप काना सहिसा सीधर कुटुम्बयुतेन स्वपुण्यार्थं श्रीनमिनाथबिं० का० प्र० श्रीमलयचन्द्रसूरिपट्टे श्रीमणिचन्द्रसूरिभिः ॥ ८४८ मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर ८४६ मेड़तासिटी उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर ८५० अजमेर चन्द्रप्रभ देरासर. वेदमुहतों का ८५१ किसनगढ़ शान्तिनाथ मन्दिर ८५२ रतलाम सुमतिनाथ मन्दिर ८५३ जयपुर पंचायती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१४४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ८५४-८५६ (५४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ सं० १५४६ वर्षे ज्येष्ठ वदि १० शुक्र हुंबडज्ञा० श्रे० धर्मा भा० धर्मादे पुत्र खेतसी धना खेतसी भा० २ गुरी माणिकदे पु० वस्ता ताभ्यां धनाकेन भा० लाडिकि पु० हर्षादिकुटुम्बयुतेन स्वमातृश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंब का० प्र० श्रीउपकेशगच्छे श्रीसिद्धाचार्यसन्ताने भ० श्रीधर्मसुन्दरसिद्धसूरिपट्टे भ० श्रीककसूरिभिः ॥ ईटाढी ।।। (८५५) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५४६ वर्षे ज्येष्ठ वदि १ शुक्र उपके० ज्ञातीय गोची पाल्हा भा० पोइणि पु० जाल्हा भा० अमरा मेहा सा० नाकी सकुटुम्बयुतेन पितृश्रेयोथै श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं श्रीजीराउलागच्छे भ० श्रीउदयचन्द्रसूरिपट्टे श्रीदेवरत्नसूरिभिः । प्रतिष्ठितं ॥ " (८५६) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः सं० १५४६ वर्षे माह सुदि य० बोरदियागोत्रे सा० सारंग सा. लालण भा० विमलादे पु० खेता भा० सोनी सहितेन आत्मश्रेयसे श्रीचन्द्रप्रभबिंबं कारा० श्रीकोरंटगच्छे...' 'भ० श्रीनन्नसूरिभिः प्रतिष्ठितं । (८५७) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५४६ फा० सु० ११ भौ० श्रीमू० त्रिभुवनकीर्तिदेवाः तत्पट्टान्व० सा० पची भा० वरम्हा पु० सा० जनु । भा० चांदगदे पु० बडुआ नपा त्रि० पु० सा० भेदा भा० धानसिरि पु० अजित भा० नैनाकके (?) विजसी....। (८५८) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५४. . . . . . . . . . . 'उएसज्ञा० गांधीगोत्रे साह ऊदा भार्या मेघी पुत्र ३ सा० श्रीरंग चूहड तोल चूहड भार्या सोहागदे पुत्र समरण चोखा श्रीपाल रत्नपालादियुतेन श्रीअजितनाथबिंबं स्वपुण्यार्थ कारितं प्रतिष्ठितं श्रीअंचलगच्छे श्रीसिद्धान्तसागरसूरीणामुपदेशेन। (५६) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ___ सं० १५५० वर्षे माह सुदि ५ गुरु उ० ज्ञातीय धनाणेचागोत्रे सा० वीसल भा० नायवदे पु० सा० वणा भा० वाल्हादे पु० रायमल आत्म० श्रीसंभवनाथबिंवं का० प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीजयमङ्गलसूरिसन्ताने भ० श्रीपुण्यप्रभसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ ८५४ बीबड़ोद ऋषभदेव मन्दिर ८५५ सांगानेर महावीर मन्दिर ८५६ जड़ाउ पार्श्वनाथ देरासर ८५७ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ८५८ जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर ८५६ रामपुरा शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६०-८६५) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (८६०) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५५१ वर्षे वैशाख सुदि ११ सोमे उपकेशज्ञातीय मादडेचागो० सा० मेलात्मज । सा० झांझा भा० पदी पु० भूदावर स्वनिम(मि)त्तं बिंबं मुनिसुव्रत । प्र० बृह० भ० श्रीधनप्रभसूरि।। (८६१) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥स्वस्ति सं० १५५१ वर्षे वैशाख सुदि १३ गुरु श्रीपत्तनवास्तव्य श्रीमोढज्ञातीय ठा० धना भार्या रूड़ी पुत्र ठा० गोना भार्या कांउ सुत ठाकर थावरेन भार्या गोरी सुत ठा० कु० राजसिंग जइ 'प्र० कुटुम्बयुतेन श्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंब का०प्र० श्रीवृद्धतपापक्षे भट्टा० श्रीउदयसागरसूरिभिः ।। (८६२) विमलनाथः सं० १५५१ आषाढ वदि ८ श्रीश्रीमालज्ञाती० सा० पूणा भा० खिमसिरि पुत्र देवधरेण श्रीविमलनाथबिंब का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः श्रीमुनिसुन्दरसूरिभिः। विमल का० देवधरेण । (८६३) नमिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥ ॐ ॥ सं० १५५१ वर्षे पोष सुदि १० उ० पीपाडागोत्रे सा० केला भा० कपुरदे सुत सा० करमाकेन भा० कसमीरदे पु० रणधीर ऊदा वणवीरप्रमुखपौत्रपरिवारयुतेन श्रीनमिनाथबिंबं का० प्र० पल्लीगच्छे श्रीउज्जोअणसूरिभिः॥ (८६४) वासुपूज्य-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १५५१ वर्षे माह वदि २ सोमे श्रीभावड.......... 'भा० धारलदे पु० सा० अमरा भा० इंद्रवदे पु० भारमल्ल रतनाकेन आत्मश्रेयसे श्रीवासुपूज्यबिंब का० प्रतिष्ठितञ्च उ० ककसूरिभिः ॥ (८६५) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५५१ व० मा० ब०२ सोमे उ० ज्ञा० सोनीगोत्रे सा० चांपा भा० चांपलदे पु० हया रामा हृदा पितृनि० प्रा० श्रे० श्रीशीतलना०बि० कारि० प्रति० नागुरी तपाग० भ० सोमरत्नसूरिभिः ॥ ८६० कोटा सेठजी का घर देरासर ८६१ कोटा सेठजी का घर देरासर ८६२ चोथ का बरवाड़ा महावीर मन्दिर ८६३ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ८६४ वरखेड़ा आदिनाथ मन्दिर ८६५ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १४६ ) प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (८६६) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः संवत् १५५२ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनौ ओसवालज्ञातीय सं० सहीजा भा० केल्ही सु० ठाकुरसीकेन भार्या गिरजू सहितेन आत्मश्रेयोर्थं श्रीआदिनाथबिंबं कारितं श्रीबृहत्तपापक्षे भ० श्रीजिनसुन्दरसूरिभिः प्रतिष्ठितं सविधिना ॥ श्री (८६७) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः सं० १५५२ वर्षे आषा० शु० २२० प्रा० ज्ञातीय व्य० जेसा भा० मारु पुत्र थारकेन भार्या पूरी प्रमुखकुटुम्बयुतेन निजश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं का० प्र० तपागच्छेश भट्टारक श्रीमविमलसूरिभिः । (६) कुन्थुनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १५५२ मागसिर सुदि ५ रवौ श्रीकोरंटगच्छे सवंशे संखवालेचागोत्रे सा० आंबा भा० सोनलदे ५० महणाकेन भा० सीतादे पु० वणवीरयुतेन श्री कुन्थुनाथबिंबं का० प्र० श्रीनन्नसूरिभिः । [ ले० ८६६-८७१ (८६६) आदिनाथ - पञ्चतीर्थीः संवत् १५५२ वर्षे माघ सु० ५ प्रा० ज्ञा० सा० पेमा भार्या रमकू पुत्र सा० सोनाकेन भा० गोरी पुत्र सा० हर्षादिकुटुम्बयुतेन श्री आदिनाथबिंबं कारितं प्र० तपागच्छे श्री सोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीहेमविमलसूरिभिः श्री इन्द्रनन्दिसूरि - श्रीकमलकलशसूरिभिः युतेन ॥ ( ८७०) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः । संवत् १५५२ वर्षे फागुण वदि ८ सोमे सोनगोत्रे सा० नाथू पु० सा० सधारण पु० सा० देदा भा० देवलदे नाम्न्या स्वपुण्यार्थं कुटुम्ब - श्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहद्गच्छे श्रीज्ञानचन्द्रसूरिभि: श्रीछल्ली वास्तव्यम् ॥ (८७१) संभवनाथ : सं० १५५३ माह वदि ५ श्रीदेवसेनसंघे प्राग्वाट पाम अब दीप पु० मांगाकेन कारितं श्रीसंघसहितेन श्रीसंभवजिनबिंबंमिदम् ॥ ८६६ नागोर बड़ा मन्दिर ८६७ रतलाम सुमतिनाथ मन्दिर ८६८ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ८६६ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ८७० जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर ८७१ नागोर आदिनाथ मन्दिर हीरावाड़ी For Personal & Private Use Only Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८७२-८७७] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१४७ (८७२) संभवनाथः सं० १५५३ माह वदि ५ श्रीदेवसेनसंघे प्राग्वाट संघवी मोगाकेन कारितं श्रीसंघसहित श्रीसंभवजिनबिंबंमिदम् ।। (८७३) आदिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १५५३ वर्षे फा० व० ३ श्रीभरदवगोत्रे । व्य० साह समरासन्ताने सा० साजण पुत्र सा० हरिराजेन भार्या हीरादे पुत्र देवकरण सरवण माला सहितेन स्वपुण्यार्थ श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीरुद्रपल्लीयगच्छे भ० श्रीगुणसुन्दरसूरिभिः॥ (८७४) शीतलनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥सं० १५५३ वर्षे फागुण वदि ३ रविदिने उहसगोत्रे सा० सूवा भार्या संसारदे पु० जीवराज सहितेन जीवा भा० जीवादे पु० राजा नेमा जयवंत राजा भा० राजलदे पु० महिरा पहिरा सहितेन श्रीशीतलनाथबिंब चतुर्विंशतिपट्टकः प्र० श्रीनाणकीयगच्छे श्रीधनेसरसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ ___ (८७५) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५५४ वैशाख वदि ५शनौ हुंबडवंशे सतिशलिगच्छे(?)पितृ गंगा भार्या रतनश्री पु..... 'सिंहेन श्रीआदिनाथबिंब कारापितं प्र० श्रीपासडसूरिभिः ।। (८७६) चतुर्मुख-पार्श्वनाथः सं० १५५४ वर्षे आषाढ वदि १० दिने श्रीपार्श्वनाथप्रासादे श्रीसंघेन समवसरण का० प्रति० श्रीउदयसागसूरिभिः वृद्धतपापक्षे......। (७७) आदिनाथः ॥ सं० १५५४ वर्षे माघ वदि २ बुधवासरे। सीहावास्तव्य प्राग्वाटज्ञातीय व्य० । वीरा भार्या मीतु पुत्र व्य० गांगा चूडाकेन भार्या देऊ पुत्र हरखा जयत पाटलप्रमुखकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीसुमतिसाधुसूरिपट्ट.. विजयसूरि...' 'आदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छनायक-लक्ष्मीसागरसूरितत्प? श्रीहेमविमलसूरिभिः ।। श्रीरस्तु । ८७२ नागोर आदिनाथ मन्दिर हीरावाड़ी ८७३ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ८७४ जयपुर पंचायती मन्दिर ८७५ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ८७६ रतलाम सुमतिनाथ मन्दिर ८७७ भिनाय केसरियानाथ मन्दिर, मूलनायक. For Personal & Private Use Only Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१४८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले०८७८-८८२ (८७८) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५५४ वर्षे फागुण सुदि ३ शुक्र श्रीश्रीमालज्ञातीय सं० भोजा भार्या कीवी सुत हीरा धीरा सूरा हीरा भा० मानू तयात्मश्रेयोर्थ श्रीआदिनाथ-पञ्चतीर्थी कारितं पिप्पलगच्छे तलाजीया श्रीगुणसागरसूरि प्र० श्रीशान्तिसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ (८७६) जतनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५५५ वर्षे चैत्र सुदि ११ सोमे उपकेशवंशे मेडतवालगोत्रे सा० पगारसिंहसन्ताने सा० सहसा शु० सा० श्रवण भ्रातृ सालिगयुतेन श्रीअजितनाथबिंब कारितं प्र० हर्षपुरीयगच्छे भट्टा० श्रीगुणसुन्दरसूरिपट्टे श्रीगुणनिधानसूरिभिः ॥ (८८०) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५५५ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनौ ऊकेशवंशे भ० माला भार्या जेठू पुत्र भ० नपाकेन भार्या सोनाई पुत्र सूरचन्द सोमदत्त इत्यादिपरिवारयुतेन पुत्रिका श्री० लाडिकि पुण्यार्थ श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसागरसूरिपट्टे श्रीजिनहर्षसूरिभिः ।। (८८१) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः संवत् १५५५ वर्षे वैशाख मासे शुदि ७ बुधवासरे उसवालज्ञातीय लाभूगोत्रे सा० हांसा भार्या हांसलदे पु० सा० कुशल भा० पूरिगदे पुत्र सा० ठाकुरसी श्रावकेण परिवारपरिवृतेन श्रीअभिनन्दनबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसमुद्रसूरिभिः ॥ श्रेयोस्तु । (८८२) सुविधिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १५५५ वर्षे कार्तिकमासे श्रीमालज्ञाती० बहकडागोत्रे चैः ठकरा पुत्र चोपरीतेका भार्या सेपलदे पुत्र चै० जोगा राजा चैः अमरी जीवा श्रीमघादिभिः स्वमातुःश्रेयोर्थ श्रीसुविधिनाथबिंब कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसमुद्रसूरिभिः ॥ श्रीः ॥ ८७८ मेड़तासिटी महावीर मन्दिर ८७६ नागोर बड़ा मन्दिर ८८० कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ८८१ सांगानेर महावीर मन्दिर ८८२ जयपुर विजयगच्छीय दर - For Personal & Private Use Only Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८३-८८७ ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः (३) धर्मनाथ पञ्चतीर्थोः सं० १५५५ वर्षे माघ सुदि सोमे श्रीनागेन्द्रगच्छे उपकेशज्ञा० सा० वाछा भार्या वील्हादे पु० डाहा भा० दाडिमदे पुत्र रणवीर पु० वीरमयुतेन पि० नि० आत्मश्रेयोर्थं श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीमहंससूरिभिः । आहोर वा० ॥ छ ॥ (४) संभवनाथ पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५५५ वर्षे फागुण सुदि २ बुधे सींधुडगोत्रे छधरी महीपाल भा० गोगवदे सुत वस्तुपाल भ्राता पोमदत्त वस्तुपाल भा० वल्हादे पौत्र त्रैलोक्यचंद श्रेयोर्थ श्रीसंभवनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं खरतरगच्छे भ० श्रीजिनसमुद्रसूरिभिः ।। ( १४६ ) (५) शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५५६ वैशाख सुदि ३ शनौ श्रीसंडेरगच्छे उ० वढालागोत्रे सा० लूगा लाला गु० पु० लाला लाछा लोला भा० तारू हरा भा० जइतु पु० सु० ० श्रीशान्तिनाथबिं० का० प्र० श्री शान्तिसूरिभिः श्रीः । (६) चन्द्रप्रभ-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १५५६ वर्षे वैशाख सुदि ७ सोमे । प्राग्वाटज्ञातीय सा० चान्दा भार्या सलखणदे पु० लोला बाई मापाता सा० खीमा भा० खेतलदे सकुटुम्बयुतेन आत्मपु० श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिंबं का० श्रीअंचलगच्छे श्रीसावंत (शान्ति ) सागरसूरि विद्यमाने वा० भाववर्द्ध नगणिनामुपदेशेन प्रतिष्ठितं श्रीसंघेन मुन्नडावास्तव्य ॥ (७) मुनिसुव्रत चतुर्विंशतिपट्टः A संवत् १५५६ वर्षे वैशाख शुदि १३ रवौ श्रीवायडज्ञातीय मं० तेजा भा० गांगी पु० मं० नारदकेन भा० २ रङ्गी सु० वर्द्धमान वज्रांग आनन्द द्वि० भा० नागलदे सु० देवराज हेमराजादिसकल कुटुम्बयुतेन स्ववृध (द्ध)पत्नीश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रत चतुर्विंशतिपट्टः श्री आगमगच्छे श्रीसोमरत्नसूरिगुरु उपदेशेन कारितं प्र० ।। देवांडा वास्तव्यः ॥ ८८३ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ४ जयपुर श्रीमालों का मन्दिर ५ नागोर बड़ा मन्दिर ६ मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर दाहोद पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५०) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ८८८-८६३ (८८८) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५५६ वर्षे माघ वदि ७ दिने दोसीगोत्रे सा० मांडण भार्या निपुनी पुत्र सा० लखमण रादा वेलाकेन कारितं श्रीआदिनाथबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः श्रीजिनसागरसूरिभिः ।। (८८९) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५५६ वर्षे० फा० ब० १० दिने प्रा० ज्ञातीय व्य० दुला भार्या सोहिणी पुत्र व्य० हुंतलेन भा० हमीरदे पु० व्य० रतनादिकुटुम्बयुतेन बा० भोजार्थे श्रीअजितबिंवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ॥ (८६०) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः सं० १५५७ वर्षे वैशाख सुदि ५ गुरौ उसवाल गदहीयागोत्रे सा० आंबा भा० रूपी पुत्र कचरा भा० रामा । पूर्वज लखमा निम (मि)त्तं वास(सु)पूज्यबिं० का० प्रति० ऊकेशगच्छे श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ।। (८६१) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५५७ वै० सु० ११ गुरौ उस० लघु० श्रे० सहिसा भा० देमति पुत्र देवदास हरखा हरदास तेजायुतेन पित्रोः श्रेयसे श्रीआदिनाथबिं० का० प्र० मडाहडगच्छे रत्नपुरीय श्रीपूर्णचन्द्रसूरिभिः । उ० श्रीआणंदमेरु उपदेशेन ।। शुभंभवतु । जाखडिया। (६२) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५५७ वर्षे वैशाख सुदि ३ सोमे श्रीजीराउलागच्छे वा० आणंद मेरु कारापितं श्रीपार्श्वनाथबिंबं प्र० श्रीउदयचन्द्रसूरिभिः ।। (६३) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५५७ वर्षे वैशाख सुदि ३ दिने मंगलवासरे उ० ज्ञातीय छिछोडीगोत्रे सा० खीमा सु० नाल्हा भा० नारिंगदे अमसभणदे पु० पल्ह स्वश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं का० प्र० श्रीसंडेरगच्छे श्रीशान्तिसूरिभिः तत् इसरसूरिभिः॥ ८८८ सांगानेर महावीर मन्दिर ८८९ जयपुर ऋषभदेव मन्दिर. मोहनवाड़ी ८६० जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ८६१ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ८६२ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ८६३ अजमेर संभवनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६४-८८८] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१५१) (८६४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५५७ वर्षे वैशाख शु०४ गुरौ पहाणेचागोत्रे सा० वडुआभा० वडुादे पु० सा० सामंत भार्या सुहागदे पु० लाखा भा० बहुरी लाखा पु० देवा नगा प्रमु० परिवारयुतेन श्रीआदिनाथबिंब कारि० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसुन्दरसूरिप? श्रीजिनहर्षसूरिभिः प्रतिष्ठितं । (६५) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५५७ वर्षे ज्येष्ठ शुदि १० गुरौ श्रीपत्तन श्रे० गडाकवंशे प्राग० ज्ञातीय व्य० राजड सुत व्य० खीमसी साहि सा० खीमसीह सुत देवा भा० वानकाई नाम्न्या पु० सोना रूपा पुत्री हीराई कीकी सोना भा० टबकू सुत नियतसिंहादिकुटुम्बिन्या श्रीनमिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छनायक-श्रीनिगमादिभविकपरमगुरु-श्रीइन्द्रनन्दिसूरिभिः।।श्रीः।। (८६६) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५५७ पोष सु० १५ प्रा० ज्ञा० सा० वरसिंग भा० । वामादे पुत्र सा० समधरेण भा० उमादे पुत्र खीमा सीधर गांगा भागा सोनादिकुटुम्बयुतेन निजश्रेयसे ।। श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे सुमतिसाधुसूरिपट्टे श्रीहेमविमलसूरिभिः ।। श्रीः।। (८६७) चारित्रभूषणपादुका . । सं० १५५७ वर्षे फागुण सुदि द्वितीया शुक्रवारे रेवतीनक्षत्रे .... श्रीचारित्रभूषणवराः स्वर्ग जग्मुः ॥ तत्पादपद्मयुगलमिदम् ।। चिरं नंदतात् तावञ्चरन्तु ॥ व ॥ (SEE) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५५८ वर्षे माह शुदि १३ गुरौ प्राग्वाटज्ञातीय पंचुली वोडा भार्या रांभू पुत्र पंचुली पाल्हा भार्या झाली भ्रातृ पं० कर्मा पुत्र डूगर डाहि आदिकुटुम्बयुतेन सं० पाल्हाकेन स्वश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीश्रीश्रीश्रीहेमविमलसूरिभिः ॥ ८६४ मुंडावा पार्श्वनाथ मन्दिर ८६५ खोह चन्द्रप्रभ मन्दिर ८६६ जयपुर पंचायती मन्दिर ८६७ नागोर बड़ा मन्दिर ८९८ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ८६६-६०४ (E&E) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५५८ वर्षे माह शुदि १२ गुरौ गोलवासि प्राग्वाटज्ञातीय पंचुली बोडाभार्या रांभू पुत्र पंचुली पाल्हा भार्या झाली भ्रातृ पंचुली कर्मा पुत्र डूगर डाहि आदिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीश्रेयांसनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीसुमतिसाधुसूरिपट्टे श्रीहेमविमलसूरिभिः॥ ___ (९००) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५५६ वर्षे वैशाख सुदि १३ सोमे श्रीब्रह्माणगच्छे श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रेष्ठि धाईआ भार्या माणिक सुत सामल भार्या सारू सु० धर्मण धाराकेन स्वपितृपूर्वज श्रेयोथै श्रीधर्मनाथबिंबं कारापितं प्र० श्रीविमलसूरिपट्टे श्रीबुद्धिसागरसूरिभिः वणद्रवास्तव्यः ।। (६०१) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५५६ वर्षे आषाढ सुदि १० बुधे ओसवालज्ञातीय छाजहड गोत्रे सं० बहुरा भा० सूहवदे पु० श्रीवंत भार्या सुहागदे कुटुम्बपुत्रपौत्रादियुतेन आत्मपुण्यार्थ श्रीअजितनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीपल्लिकीयगच्छे भ० उज्जोअणसूरिभिः॥ ___(६०२) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५५६ आषाढ सुदि १० बुधे । श्रीपल्हुवडगोत्रे । सा० तोलासन्ताने कुंवर पालहण साधुकेन भा० देवल पु० पासु रूपचन्द युतेनात्मश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्र० बृहद्गच्छे भ० श्रीमेरुप्रभसूरिपट्टे श्रीमुनिदेवसूरिभिः ॥ श्री। (६०३) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५५६ वर्षे आषाढ सु० १० आइच्चणागगोत्रे तिजाणीशाखायां सा० सूरजन भा० सूहवदे पु० सहस्समल्लेन भा० सीतादे पु० संडा ठाकुर भाटा पदा पौ० कर्मसी पीथा श्रीवंतयुतेन स्वपुण्यार्थं श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्र० श्रीउपकेशगच्छे भ० श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ।। श्री। (६०४) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५५६ वर्षे आषाढ सु० १० सुराणागोत्रे सं० शिवराज भा० सीतादे पुत्र सं० हेमराज भार्या हेमसिरि पु० पूजा काजा नरदेव श्रीपार्श्वनाथबिंबंकारितंप्र० श्रीधर्मघोषगच्छे श्रीपद्मानंदसूरिपट्टे नंदीवर्द्ध नसूरिभिः। EEE कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ६०० जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ६०१ सांगानेर महावीर मन्दिर १०२ नागोर बड़ा मन्दिर १०३ अजमेर संभवनाथ मन्दिर १०४ अजमेर संभवनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६०५-६०६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( १५३) (९८५) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ सं० १५५६ वर्षे आषाढ सुदि १० बुधे ओसवालज्ञातौ तातहड़गोत्रे । सा० आढू भा० गौपाही पु० सुललित । भा० संगारदे स्वकुटुम्बयुतेन श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं ककुदाचार्यसन्ताने उपकेशगच्छे भ० श्रीदेवगुप्तसूरिभिः। __ (६०६) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५५६ वर्षे मार्गश० शु० १५ सोमे श्रीश्रीमाल भ० वरसिंग भा० हेमी सु० हेमा सु० हरराज सु० जयता पोमा सु० पांचाकेन आत्मश्रेयसे श्रीसंभवनाथबिंब कारितं श्रीपूर्णिमापक्षे श्रीमनसिंहसूरिभिः प्रतिष्ठितं मोरबीग्रा०। (१०७) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५५६ माह सुदि १० दिने शनिवारे उपकेशवंशे शंखवालगोत्रे । सा० गुणदत्त भार्या गङ्गादे पुत्र सा० धणदत्त भार्या धनश्री पुत्र सा० हीरादिपरिवारयुतेन शीतलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसमुद्रसूरिपट्टे श्रीजिनहंससूरिभिः कल्याणमस्तु । श्रीः ।। __ (६०८) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६० वर्षे वै० शु० ३ दिने सोजतिवास्तव्य उकेशज्ञातीय सा० भाणा भा० भावलदे पुत्र आसाकेन भा० हांसू सुत चांपा वीदा कुटुम्बयुतेन श्रेयोर्थे श्रीवासुपूज्यबिंब का० प्रतिष्ठितं तपागच्छनायक-श्रीहेमविमलसूरिभिः । .. (E०६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५६० वर्षे वै० शु० ३ दिने उस० गहिलडागोत्रे सा० खिमराज भा० खिमादे पु० रुदाकेन भा० हरसनदे पु० रत्नपाल भा० रत्नादे कुटुम्बयु० श्रीशान्तिनाथबिंबं का० प्र० तपागच्छे । ६०५ जयपुर सुमतिताथ मन्दिर ६०६ जयपुर नया मन्दिर ६०७ नागोर बड़ा मन्दिर १०८ नागोर बड़ा मन्दिर ६०६ किशनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ६१०-४१४ (६१०) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५६० वर्षे वै० शु० ३ बुधे उकेसज्ञा० सं० मेला भा० माल्हणदे पुत्र सं० वनाकेन भा० वइजलदे पुत्रयुतेन पितृव्य सं० खेप्टा अर्जुन वृद्धभ्रातृ सं० डूगर प्र० परिवृतेन भ्रातृ धर्मसिंघ श्रीसंभवनाथवि कारित प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिशिष्य-विजयमान गच्छमायक श्रीकमलकलशसूरिभिः। (६११) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५६० वर्षे ज्ये० व०८ रवौ स्तंभतीर्थे ऊकेशज्ञा० सा० महीपाल भा० मल्हाई नाम्न्या गु० रत्नपाल युतया श्रेयो) श्रीपार्श्वनाथबिंब कारित प्रतिष्ठितं श्रीहेमविमलसूरिभिः ।। तपागच्छे ।। (६१२) कुन्थुनाथ-पश्चतीर्थीः ॐ संवत् १५६० वर्षे श्रीश्रीमालवंशे आववाडीयामोत्रे मं० भरु पु० भोला भार्या मानू पु० सहजाकेन स्वपितृश्रेयोथे श्रीकुन्थुमाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनहंससूरिभिः । (६१३) मुनिसुव्रत-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६१ वर्षे पौष वदि १३ शुक्र श्रीमालज्ञातीय मं० तिहुण भा० हर्षा पु० ऊदा भा० काऊ पु० चांपाकेन स्वपितृ-मातृश्रेयो) श्रीमुनिसुव्रतबिंबं कारापितं श्रीचित्रावालगच्छे श्रीधारण(थारा ?)पद्रेय भ० श्रीसोमदेवसूरिभिः प्रतिष्ठितं काकरीवास्तव्यः ।। (११४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५६१ वर्षे फागुण सु०८ श्रीनाणकीयगच्छे उप० अपहाज्ञा (१) भा० रोहिणि 'पु० भांडा सांडा भांडा पु० चाहड राजा सांडा भा० सहजदे पु० डीडायुतेन पूर्वजपुण्यार्थ स्वश्रेयसे श्रीआदिनाथविंबं का०प्र० श्रीशान्तिसूरिभिः ।। नडुलाइ । ६१० कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ६११ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ६१२ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ११३ नागोर महात्माजेठमल जी का उपाश्रय ६१४ रतलाम सुमतिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१५-६१६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१५५) (६१५)आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५६२ ॥ वर्ष वैशाख सुदि २ उपकेशज्ञातीय श्रीसुराणागोत्रे सं० चांपा पुत्र सधुरु भार्या जोजी पु० सं० सांडा भार्या धणपालही पु० सहस्समल्ल-आढाभ्यां युतेन आत्मश्रेयसे श्रीआदिनाथविं कास्तिं । प्रत्तिष्ठितं श्रीधर्मघोषगच्छे । भ० । श्रीपमाणंदसूरिपट्टे । भट्टारक श्रीश्रीनन्दीवर्द्ध नसूरिभिः ॥ शुभंभवतु ।। श्रीवेरोजपुर वास्तव्य ।। प्रतिष्ठितं ॥ (६१६) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५६२ व० माघ० सु० १५ गु० उ० वोकगोत्रे सा० जेसा भा० जिसमादे पुत्र राणा भा० रूफा पु० अउपाल तेजा प्रा० श्रे० श्रेयांसबि० कारि० बोकडी० श्रीमलयचन्द्रपट्ट मुरिणचन्द्रसूरिभिः । (६१७) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५६३ वर्षे माह सुदि १५ उ० उच्छित्तवालगोत्रे सा० देवा भा० देवलदे पु० सा० वील्हा भा० वील्हणदे पु० तेजा वस्ता धन्नाआत्मपुण्यार्थ श्रीसुमतिनाथबिंबं का० प्र० श्रीधर्मघोषगच्छे भ० श्रीश्रुतसागरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। (११८) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः सं० १५६३ माह सु० १५ गुरौ श्रीसंडेरगच्छे उसवाल पूगलियागोत्रे सा० काजा भा०रानू पु० नरवद भा० राणी पु० तिहुण करमा कुशला सहसा प्र० आत्मपु० श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं कारापितं प्रति० श्री ४ शान्तिसूरिभिः ॥ श्रीः ॥ (६१६) कुन्थुनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ सं० १५६३ वर्षे फागुण सुदि २ रवौ ऊकेशवंशे बूघडागोत्रे कोठारी तोला भार्या माणिकदे पुत्र सा० मेघा भा० मेलादे पुत्र को० साल्हाकेन भा० सिरियादे सरुपदे युतेन स्वश्रेयोथे श्रीश्रीश्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे भ० श्रीजिनहंससूरिभिः ॥ शुभंभवतु ॥ श्रीः ॥ ६१५ हिण्डोन श्रेयांसनाथ मन्दिर ६१६ जयपुर पंचायती मन्दिर ६१७ नागोर बड़ा मन्दिर ६१८ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ६१६ खजवाना धर्मनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ६२०-६२५ (१२०) वासुपूज्य-पश्चतीर्थीः ॥ सं० १५६४ वर्षे ज्येष्ठ वदि ८ शनौ ऊकेशवंशे दोसी वोहडगोत्रे सा० सादूल पुत्र सा० सदयवच्छ भा० वजू पुण्यार्थे पुत्र सा० ऊमा सा० टालाभ्यां ऊमा पुत्र शिवराज प्रमुखसपरिवाराभ्यां श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसागरसूरिपट्टे श्रीजिनसुन्दरसूरिपट्टे श्रीजिनहर्षसूरिभिः ॥ शुभंभवतु ॥ (२१) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५६४ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १२ शुक्र श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० सहिसा भार्या रंगादे सुत व्य० श्रीवत्स व्य० साऊ व्य० सीपाकैः व्य० राणा प्रमुखकुटुम्बयुतैः स्वश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं वृद्धतपापक्षे श्रीउदयसागरसूरि तत्पट्टे पूज्यश्रीलब्धिसागरसूरिभिः॥स्तंभतीर्थ वास्तव्य। भार्या सिंगारदे सीरियादे............। (६२२) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६५ वर्षे फागुण वदि ११ दिने उसवालज्ञातीय सोनीगोत्रे सा० फमण भार्या फमणादे पु० ३ श्रीवंत । राजपाल । गढमल्ल श्रीफमणादे पुण्यार्थं श्रीविमलनाथबिंब कारितं श्रीककुदाचार्यसन्ताने प्र० श्रीसिद्धसूरिभिः। (६२३) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६५ वर्षे फा० व० ११ गुरौ बापणागोत्रे सा० सीहड पुत्र सहजा भा० कपूरी पुण्यार्थे तभ्राता सा० सुहडाकेन श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं कुकदाचार्यसन्ताने प्रतिष्ठितं श्रीदेवगुप्तसूरिभिः । (२४) शान्तिनाथः यात्र । सराज । श्रीशान्तिनाथ संवत् १५६५ वर्षे । __(१२५) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५६६ ज्येष्ठ वदि १ शुक्र श्रीउकेशगच्छे श्रीसिद्धाचार्यसन्ताने श्रे० पाल्हण भा० गांगश्री'... 'श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीदेवगुप्तसूरिभिः॥ ६२० कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ६२१ मन्दसौर नयापुरा ऋषभदेव मन्दिर ६२२ सांगानेर महावीर मन्दिर ६२३ चंदलाई शान्तिनाथ मन्दिर १२४ नागोर शान्तिनाथ मन्दिर, मूलनायक. ६२५ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६२६-६३१] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१५७) __ (६२६) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५६६ वर्षे ज्येष्ठ शुक्ल पंचम्यां । श्रीमालान्वये महतागोत्रे सा० हाल्हा-तस्य भार्या हीरा तयोः पुत्र । सकतन साध्वेति । तस्य भार्या । तेनेदं धर्मनाथबिंब कारापितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनराजसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं । (६२७) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः । संवत् १५६६ वर्षे आषाढ सुदि ३ श्रीश्रीमालवंशे चन्डालियागोत्रो सा। जेल्हा भार्या गोरी पुत्र सा० खेमा सुश्रावकेण भार्या भाऊ पुत्र सा० हेमा सा० तिलोगचन्द सधारण अमीपाल कुलचन्द प्रमुखपरिवार सश्रीकेण श्रीमुनिसुव्रतबिंब कारितं प्रतिष्ठितं खरतरगच्छेश श्रीजिनहंससूरिभिः। (६२८) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५६६ वर्षे आषाढ सुदि ३ श्रीश्रीमालवंशे चन्डालियागोत्रे सा० जोल्हा भार्या गोरी पुत्र सा० देगू सुश्रावकेण भार्या नाथी पुत्र सा० भूपति भार्या खेमाई पुत्र गोरा भयरव प्रमुखपरिवार सश्रीकेण श्रीसंभवनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छेश श्रीजिनहंससूरिभिः । (६२६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६६ वर्षे माह वदि ८ शुक्र प्राग्वाटज्ञातीय व्य० उजल भा० मर्मट पु० व्य० झांझण भा० अच्यूत पु० व्य० साल्हा रिहाकेन पु०.............'हाम डाडी कुटुम्बयु० वृषभ०........... 'तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीजयकल्याणसूरिभिः ॥ (६३०) विमलनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६६ वर्षे फागुण सुदि ३ सोमे श्रीनाणाडवालगच्छे उसभगोत्रो को० चूहथ भा० चाहिणदे पुत्र वीदा वणा । वाघा टोहा वणा। पुण्यार्थ श्रीविमलनाथविं० का० प्र० श्रीशान्तिसूरिभिः मेडतानगरे । (६३१) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संव० १५६६ वर्षे फागुण सुदि ३ सोमे उप० बु० श्रीपा भार्या सूरमदे पुत्र हमीर भार्या वानू भ्रातृपुत्रआत्मश्रेयो) श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्र० श्रीनागेन्द्रगच्छे श्रीहेमहंससूरिवरैः॥ ६२६ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर ६२७ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ६२८ पापड़दा शान्तिनाथ मन्दिर १२६ किसनगढ़ चिन्तामणि पाश्वनाथ मन्दिर ६३० नागोर शान्तिनाथ मन्दिर , ६३१ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५८ ) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ले०६३२-६३७ __ (६३२) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६६ वर्षे फागुण सुदि ३ सोमे श्रीनाणावालगच्छे उसभगोत्रे को० चुहथ भार्या सुगुणादे पुत्र सधरेण रणधीर भा० रिवणादे पु० धर्मा नेता खीमा भा० सुगुणादे पुण्यार्थं श्रीसुविधिनाथबिंबं का० प्र० श्रीशान्ति-सूरिभिः॥ (६३३) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५६६ वर्षे कागुण सुदि ३ सोमवारे उपकेशवंशे रांकागोत्रे सा० श्रीरंग भा० वेऊ पु० करमा भा० रूपादे स्वश्रेयसे आत्मपुण्यार्थ नमिनाथबिंब कारितं प्र० उपकेशगच्छे भ० श्रीसिद्धसूरिभिः ॥ श्री (६३४) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५६७ वर्षे । वैशाख सु० ४ श्रीनाणाबालगच्छे उ० परिघलगोत्रे श्रे० भादा भा० नामलदे पु० जेसाकेन भा० यसमादे पु: खीमा धर्मा तेजा तोल्हा युतेन स्वश्रेयसे पितृ-मातृपुण्यार्थ ।। श्रीसुमतिनाथबिंबं का० प्र० श्रीशान्तिसूरिभि [:] ॥ डायलाणा (६३५) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५६७ वर्षे आषाढ सुदि ५ बुधे गोठी मातृ सा० ... 'तत्पुत्र रायमल्ल भा० स० वीरा धी............ 'पु० सिरोहत इत्यादिपरिवारयुतेन श्रीसुविधिनाथबिंब का० प्र० खरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। (६३६) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः | । संवत् १५६८ वर्षे आषाढ सुदि ४ चन्द्रवासरे। हुंबगोत्रे। उसवालज्ञातीय साह सोमा भा० सुहागदे पु० गांगा चोथा गांगा भा० कपूरदे पितृनिमित्तं श्रीनमिनाथविवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीकोरंटगच्छे श्रीनन्नसूरिभिः। (६३७) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५६८ वर्ष माघ शुदि ५ शुक्र हूँब० मंत्रीश्वरगोत्रे । दोसी चांपा भा० चांपलदे सु० दिनकर वना निव्रतगच्छे । श्रीमुनिसुव्रतबिंब प्रतिष्टितं श्रीसंघदत्तसूरिभिः ।। ६३२ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ६३३ नागोर बड़ा मन्दिर ६३४ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर ६३५ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ६३६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ६३७ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६३८-६४२] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१५६) -- (६३८) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६८ वर्षे माघ सुदि ५ दिने श्रीमालवंशे भांडियागोत्रे सा० साल्हा पुत्र सा० भरहा सुत सा० नरपाल भार्या नामलदे स्वपुण्यार्थ श्रीश्रीश्रेयांसबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं ।। श्रीजिनहससूरिभिः खरतरगच्छे ।। (६३६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६८ वर्षे माह सु० ५ दिने उकेशवंशे साहुसाखगोत्रे सा० समउरा भार्या ललतादे पुत्र सा० सोना भार्या सोनलदे भ्रातृ सोना युत पुत्र मांडण भार्या सोमलदे पुत्र हरखादिपरिवारसहितेन श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रति० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसमुद्रसूरिपट्टे श्रीजिनहंससूरिभिः ।। श्रीः ॥ (६४०) शीतलनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५६८ वर्षे माह सुदि ५ गुरौ उपकेशज्ञातीय सा० भावड भार्या जांजणदे पु० सा० पदा भा० पदमदे परिवारयुतेन शीतलनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनहंससूरिभिः ।। (६४१) अरनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५६८ वर्षे मा० शु० ५ दिने प्राग्वाटज्ञातीय सा० परवत भा० बाऊ पुत्र सा० केल्हाकेन भा० सीऊ पुत्र रामसीयुतेन श्रीअरनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः । (९४२) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५६६ वर्षे वैशाख सुदि ६ दिने सुराणागोत्रे सं० चापासन्ताने सं० सधारु पु० सं० गांडा भा० धणपालही पु० सं० सहसमल्ल भ्रातृ आढा पु० सोमदत्तयुतेन पितृपुण्यार्थ श्रीशान्तिनाथबिंवं का० श्रीधर्मघोषगच्छे प्र० भ० श्रीनन्दीवर्द्ध नसूरिभिः ।। ६३८ मेड़ता सिटी धर्मनाथ मन्दिर ६३६ मेड़ता रोड शान्तिनाथ मन्दिर ६४० नागोर बड़ा मन्दिर ६४१ मेड़ता सिटी उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर ६४२ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१६०) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ६४३-६४७ (६४३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५७० वर्षे । माघ सुदि ३ रवौ उपकेशज्ञातीय ॥ ठाकुरगोत्रे सा० दल्ला भा० दूलहदेवि पु० सा० श्रीवंतेन निजपितृमातृपुण्यार्थ श्रीआदिनाथबिंबं कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीनाणावालगच्छे. श्रीमहेन्द्रसूरिपट्टे भ० श्रीशान्तिसूरिभिः ॥ श्रीः॥ (९४४) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५७० वर्षे माह मासे शुक्लपक्षे । सप्तम्यां । रविवारे । ऊकेशवंशे । पारिखगोत्रे सा० सीहा भार्या श्रा० सिंहादे पुत्र सा० राजा सा० तेजा पूजा। रतना पासु प्रमुखैर्वपितुः श्रेयोर्थं श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनहंससूरिभिः ।। (६४५) सुमतिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥ संवत् १५६६ वर्षे माघ सुदि १३ दिने बुधवारे स्तंभतीर्थवासि ऊकेशज्ञातीय सा० पानल भा० पानलदे पुत्र सा० जइता भार्या फदू पुत्र सा० सींहा सहिजा भा० गुरी पुत्र सा० मंडलीक भा० कमला पुत्र सा० जीराकेन भा० पूनी पितृव्य सा० सोमा हापा विजा कुटुम्बयुतेन पितृव्यवचनात् स्वसन्तानश्रेयोथै श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्रति० तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरिसन्ताने श्रीसुमतिसाधुसू० पट्टे श्रीहेमविमलसूरिभिः महोपाध्याय श्रीअनन्तहंसगणि प्र० परिवृतैः॥ (६४६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५७० वर्षे माघ सुदि १३ बुधे श्रीप्राग्वाट सा० राजा भा० सहजलदे पुत्र हरखा रूपाहरखा भा० लाडकि मातृ-पितृ-भ्रातृ प्रभृ० श्री(स्व)श्रेयोथै श्रीश्रीश्रीआदिनाथबिंब कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीनागेन्द्रगच्छे भट्टा० श्रीहेमसिंघसूरिभिः । (९४७) अजितनाथ-पश्चतीर्थीः ॥सं० १५७१ वर्षे माह वदि पंचमी दिने शुक्र सुराणागोत्रे सा० शेखर पुत्र सं० सीपा भार्या भोजी पुत्र विजा सारंग सहसायुतेन सा० सीपाख्येन आत्मश्रेयसे श्रीअजितनाथबिंबं कारितं श्रीधर्मघोषगच्छे भ० श्रीपद्माणंदसूरि तत्प? श्रीनन्दीवर्द्ध नसूरिभिः प्रतिष्ठितं ।। शुभंभूयात् ॥श्री॥छ। ६४३ किसनगढ़ खरतरगच्छ उपाश्रय ६४४ भिनाय महावीर मन्दिर ६४५ मेड़ता सिटी युगादीश्वर मन्दिर ६४६ जयपुर गुलाबचन्दजी ढढा का देरासर ६४७ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर - For Personal & Private Use Only Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१८-६५३ ] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (९४८) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५७१ वर्षे वैशाख सुदि ३ सोमे श्रीमालज्ञातौ स्वारगोने उ.. सरवण भार्यया विधिश्राविकया ठ० कुरपात उ० सोनपाल सहितया चुवीसीबिंबमध्ये अजितनाथविवं का० प्र० श्रीखरतरमा भोजिनसमुद्रसूरिपट्टे श्रीजिनहंससूरिभिः ।। ६५६) नमिनाथ-पञ्चातीशी: सं० १५७१ वर्षे माह सुदि १० सोमे श्रीसंडेरगच्छे अकेशज्ञास साह कालू भार्या बाल्ही पुत्र कान्हा आर्या सारू पितृ-मार श्रेशोष श्रीनामनाथबिंबं कारापितं प्रति श्रीशान्तिनाथसूरिभिः । श्री !! (६५०) आदिनाथ-मा : । संवत् १५७२ वैशाख सुदि २ सोमवारे खबर ला सार पुण्यार्थ सा० कबरा श्रेयसे श्रीअादिनाथबिंबं कारा मलधारीगच्छे भ० श्रीगुणकीर्तिसूरिभिः ।। भट्टा० लक्ष्मीसागरसूरि । प्रतिष्ठितं ।। _ (६५१) वासुपूज्य-माती: || संवत् १५७२ वर्ष वैशाख सुदि ५ सोमे श्रीवंश में सिंवा भा० रही पु० मं० करणा भा० रमादे पु० मं० अजा सुश्रावकेण भा० अहिवदे गु० राणा तथा पितृव्य पु० मं० गोगद प्रमुखसहितेन मातृ-साधुपुण्यार्थ नागेन्द्रगच्छे सुगुरूणां उपदेशेन श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसंघन । वीठलापुरे ।। (६५२ नेमिनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १५७२ वर्षे वैशा० सु० ६ सोमे श्रीइलाचलवास्तव्य दो० वाढा भा० डाही नाम्न्या सुत मीकारेण युतया श्रीवड नेमविवं कारापितं प्रतिष्ठितं वृद्धतपापक्षे 'सौभाग्यसागरसूरिभिः ।। (६५३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५७२ वर्षे कागुण सुदि : श्रीउपकेशगच्छे श्रेष्ठिगोत्रे सा० सांगा भा० सिंगारदे पु० हरपाल माता-पिता-पितृ-भ्रा० श्रे० आत्मश्रे० श्रीआदिनाथबिंब कारा० प्र० कुक० श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ॥ श्री ६४८ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ६४६ जयपुर पंचायती मन्दिर ६५० मेड़ता सिटी धर्मनाथ मन्दिर ६५१ नागोर बडा मन्दिर ६५२ चाडसू शान्तिनाथ मन्दिर ६५३ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१६२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ६५४--६५६ (६५४) अजितनाथः सं० १५७३ वर्षे वै० सु० ८ बुधे नेकीआ श्रीरूपेण पु० वाधा श्रीअजितनाथबिंबं का० प्र० श्रीहेमविमलसूरिभिः । (६५५) अनन्तनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। संतत्त( वत् ) १५७३ वर्षे वैशाख शुदि १० शुक्र श्रीश्रीमालज्ञातीय दो० माणिक भार्या गोमति पुत्र दो० हरपति भार्या नाकू नाम्न्या स्वयोथ श्रीअनन्तनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः ।। (६५६) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ ॐ ।। सं० १५७५ व० आषाढ वदि ७ रवौ अोशवंशे पीपाडा सं० करमा पु० सं० रणधीर भार्या रयणादे पु० केसव रंगा लखमसी सहितेन रयणादे स्वपुण्यार्थ श्रीकुन्थुनाथबिंबं का० प्र० पल्लिगच्छे भ० श्रीमहेश्वरसूरिभिः ॥ (६५७) पार्श्वनाथ-एकतीर्थीः सं० १५७५ श्रीमूलसंघे भ० श्रीविजयकीर्ति सा..... 'धीरा भा० इन्द्राणी नित्यं प्रणमति ॥ (६५८) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ॐ ॥ सं० १५७६ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ८ र० सुराणागोत्रे सं० हेमराज भार्या सं० हेमश्री पुत्र सं० नरदेव भार्या जबीर पुत्र सं० देवदत्तेन स्वपितृपुण्यार्थेन कारितं श्रीआदिनाथ प्रतिष्ठितं श्रीधर्मघोषगच्छे भट्टारक श्रीपद्मानन्दसूरिपट्टे श्रीनंदिवर्द्ध नसूरिभिः ॥ श्रीः (६५६) वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः ॥ ॐ ॥ सं० १५७६ व० ज्येष्ठ सुदि ८ रवौ सुराणागोत्रे सं० हेमराज भार्या हेमसिरी पुत्र सं० नरदेव भार्या जबीर सं० देवदत्तेन रूपा पितृपुण्यार्थ श्रीवासुपूज्यविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीधर्मघोषगच्छे भ० श्रीपद्माणंदसूरिपट्टे भ० श्रीनंदिवर्द्धनसूरिभिः ।। ६५४ अजमेर म्युजियम ६५५ वहियल पार्श्वनाथ मन्दिर ६५६ मेड़तासिटी महावीर मन्दिर ६५७ किसनगढ़ यति स्वरूपचन्द जी का उपाश्रय ६५८ नागोर बड़ा मन्दिर ६५६ नागोर यति गोपजी का उपाश्रय For Personal & Private Use Only Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६०-६६४ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ____ (१६३) (६६०) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५७६ वर्षे माघ वदि ११ तिथौ श्रीमालान्वये ढोरगोत्रे सा० तोल्हा तद्भार्या सा० माणी तत्पुत्र सा० महराज । श्रीशान्तिनाथबिंब कारापितं । प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे भ० श्रीजिनप्रभसूरिभिः पट्टानुक्रमे भट्टारक श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ शुभंभवतु ॥ (६६१) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५७६ वर्षे माघ सुदि ५ रवौ प्रा० ज्ञा० ढोरगोत्रे सं० सदा भा० सक्तादे पु० थिरपाल भा० खेमलदे पु० सहस्समल हापा जगा सहितेन पितृनि० श्रीमुनिसुव्रतबिंब का०प्र० श्रीसंडेरगच्छे श्रीशान्तिसूरिभिः।। (९६२) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः ॥ॐ॥संवत् १५७६ वर्षे चैत्र वदि ५ शनौ श्रीश्रीमालज्ञातीय मं० राजा भा० रामादे पुत्र खीमाकेन भा० हीरादे पु० धन्नादिसमस्तकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयोर्थ श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं कारितं श्रीपूर्णिमापक्षे भीमपल्लीय भ० श्रीचारित्रचन्द्रसूरिपट्टे श्रीमुनिचन्द्रसूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठितं नपिहाणा ग्रामवास्तव्य । __ (६६३) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५७७ वर्षे वैशाख वदि २ दिने गुरुवारे ओसवालज्ञातीय चिंचिटगोत्रे देशलहरशाखायां सालमोहन भार्या मालहणदे पु० संसार श्रीवंत प्रीता कुशला केला सहसवीर श्रात्मश्रेयसे स्वनि० श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारापितं प्र० तपागच्छे ....... । ___ (६६४) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ___संवत् १५७७ वर्षे वैशाख सुदि ६ सोमवारे पुष्यनक्षत्रे नाहरगोत्रे सं० पटा तत्पुत्र सं० पासा भार्या पासलदे तत्पुत्र सं० लाखणाख्येन तद्भायी लाखणदे तत्पुत्र सं० नानिग सं० खीमसी सहितेनात्मश्रेयसे बिंबं कारितं श्रीशान्तिनाथस्य श्रीधर्मघोषगच्छे भट्टारक श्रीनन्दीवर्द्धनसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ भद्रं भवतात् ।। ६६० जयपुर नया मन्दिर ६६१ नागोर बड़ा मन्दिर १६२ नागोर बड़ा मन्दिर ६६३ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ६६४ नागोर चोसठियाजी का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले०६६५-६६८ (६६५) कुन्थुनाथ-चतुर्विशतिपट्टः ॥ ॐ ।। संवत् १५७७ वर्षे कार्तिक सुदि १२ दिने उकेशवंशे साहुसाखगोत्रे सा० तोल्हा पुत्र सा० सांगा भार्या सुहागदे पु० सा० सूदागोइंद शिवकर सच्चा तत्पुत्र सगरा रत्नराजयुता सा० शिवकर भा० सक्तादे पु० सा० श्रीधरेण धर्मादिसपरिवारयुतेन स्वपुण्यार्थ श्रीकुन्थुनाथबिंवं कारितं बृहत्खरतरगच्छे श्रीजिनहर्षसूरिपट्टे संप्रति श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। प्रतिष्ठितं ।। (६६६) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५७६ वर्षे वैशाख सुदि ७ बुधे श्रीउसवंशे वृद्धशाखीय सा० हेमा रंगादे पु० मांका । श्रीसुमतिनाथबिंवं कारापितं श्रीसाधुसूरिभिः प्रतिष्ठितं । अहमदावादवास्तव्य । (६६७) शत्रुजयतीर्थपट्टः [१] ॥ ॐ ॥ स्वतिश्री संवत् १५८० वर्षे चैत्र सुदि १२ गुरौ श्रीस्तम्भतीर्थवास्तव्य उसवालज्ञातीय सा० देवा भा० देवलदे [२] पुत्र सा० राजा भा० रमाई पुत्र सा० हेमा खीमा लाखाकेन भा० लाखणदे भ्रातृपुत्र सा० जगमाल जिणपाल महीपाल [३] अट्ट विद्याधर रतनसी जगसी पदमसी ....... Ty].......................... ...(शत्र ञ्जयतीर्थपद: ५५ श्रीसंघेन वन्धमाननिरंनंदतात् । (६६८) शत्रुञ्जयतीर्थपट्टः ॥ ॐ ।। स्वस्तिश्री संवत् १५८१ वर्षे आसो सुदि १० दिने श्रीस्तंभतीर्थनगरवासि श्रीऊकेशज्ञातीय सा० देवा भा० देवलदे पुत्र सा० राजा भा० रमाई पुन सा० हेमा खीमा लाखा भा० गोई पुत्र जयंतपाल भ्रातृ पुत्र जगमाल जिणपाल महीपाल उदयकिरण विद्याधर रत्नसी जगसी पद्मसी पुत्री लाभी भगिनी सरघाई प्रमुखकुटुम्बयुतेन तपागच्छाधिराज-श्रीहेमविमलसूरीणामुपदेशेन पं० लब्धिश्रुतगणिवारके सा० लाखाकेन कारिताः १०८ पित्तलमयाः चिरं तिष्ठतु ।।। ६६५ मेड़ता सिटी उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर ६६६ नागोर बड़ा मन्दिर ६६७ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर १६८ बून्दी पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६६-६७४ ] प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (६६६) संभवनाथ - पञ्चतीर्थीः ।। संवत् १५८१ वर्षे पोह सुदि ५ गुरौ ऊ० साउल गोत्रे सा० जिणदास भा० गांगी पु० सा० डूंगर खरहथ योमुचाथादिकुटुम्बेन सा० पोमा भार्या वरजू सा० पोमाकेन श्रीसंभवनाथबिंबं कारापितं श्रीसंडेरगच्छे प्र० श्रीई सरसूरिभिः । (६७०) श्रेयांसनाथ पञ्चतीर्थोः || संवत् १५८१ वर्षे श्रीविक्रमनगरे उकेशवंशे बोहिथिरागोत्रे सा म त सा० नींबा सुश्रावकेरण भार्या नींबडदे पुत्र जोवा काजा ताल्हरण पञ्चायरण भारमल्ल भादा नरसिंह सहितेन श्री श्रेयांसनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीजिनहंससूरिभिः श्रीखरतरगच्छे ॥ ( १६५ ) (६७१) सुमतिनाथ - पश्र्चतीर्थीः ॥ ॐ ॥ संवत् १५८३ वर्षे ज्येष्ठ बुद्धि ६ शुक्रवारे साहुलागोत्रे सा० गूंगा भा० दूलह पु० सा० चोखा थेजा भार्या घरमादे पु० बोहिथ बूचा ० पुण्थार्थं श्रीसंडेरगच्छे भट्टारक श्री सालिसृरिभि ( : ) प्रतिष्ठितं श्रीसुमतिनाथबिंबं इति नामं सुभं भवतु ॥ श्री ॥ (६७२) श्रेयांसनाथ: || सं० १५८३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ६ शुक्रे मडाहडीगच्छे श्रीगुणकीर्तिसूरि भ० श्रीयासूरिपट्टे श्रीभावसुन्दर सूरिशिष्य - मनकसूरि करापितं स्वयार्थ श्री श्रेयांसनाथबिंबं । (६७३) पार्श्वनाथ पञ्चतीर्थीः संवत् १५८३ वर्षे फागुण यदि १ शुक्रे छाजहडगोत्रे सा० परवत भा० पदमलदे ५० वीदाकेन पार्श्वनाथबिंबं कारापितं श्रीपल्लीवालगच्छे भ० श्रीमहेश्वरसूरिभिः । (६७४) शान्तिनाथ पनतीर्थी: सं० १५८४ वैशाख वदि ५ ओशवंशे वरह डियागोत्रे सा० लाखा पुत्र सा० हर्पा भाया हीरादे पुत्र सा० टोडर श्रावके स्वश्रेयसे श्रीशान्तिनाथ - बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च अंचलगच्छे श्रावकेन ॥ श्रेयोस्तु || ६६६ सैलाना मुनिसुव्रत सन्दिर ६७० मेड़ता सिटी धर्मनाथ मन्दिर ६७१ भैंसरोड़गढ़ ऋषभदेव मन्दिर ६७२ नागोर हीराबाड़ी आदिनाथ मन्दिर ६७३ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर १७४ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१६६) प्रतिष्ठा-लेख-सग्रहः ले ० ६७५-६८० (६७५) संभवनाथः ॥ सं० १५८५ वर्षे माह सुदि १० शनौ उपकेशज्ञतीय साहिउवा भा० गरी पु० दूल्हाकेन भा० वीरी सहितेन श्रीसंभवनाथबिंबं पुण्यनिमित्तार्थ कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीवीरचन्द्रसूरिभिः ।। (९७६) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५८४ वर्षे फागुण सुदि १० गुरौ सिंघीगोत्रे खारवट भार्या खेतादे तत्पुत्र यशाकेन पुत्रसहितेन पित्रोः श्रेयसे श्रीधर्मनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमलधारिगच्छे श्रीश्रीगुणसुन्दरसूरिभिः ।। (१७७) संभवनाथ-चतुर्विशतिपट्टः ॥ संवत् १५८७ वर्षे पोष सुदि ६ रवौ वृद्धशाखायां प्राग्वाटज्ञातीय मं० अर्जुन भा० टबकू सुत आसा मं० हीरा मं० वीरपाल मं० नेईआ भ्रातृ वीरपाल भार्या अछवादे पुत्र मं० वर्द्धमान भा० रंगादे पुत्र राजपाल सहजपाल प्र० कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्रीसंभवनाथबिंबं कारापितं प्र० तपागच्छे श्रीश्रीश्रीसोमसुन्दरसूरिपट्टे श्रीजयकल्याणसूरिभिः । (९७८) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५८७ वर्षे माघ सुदि १३ सोमे उकेशज्ञा० मूधागोत्रे मं० तोला भा० जेसलदे पु० मं० नरमदा परवत भा० पूनादे पु०...'दशरथ भा० कल्याणदे स्वश्रेयो० श्रेयांसनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीककसूरिभिः।। ___ (६७६) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥सं० १५८७ वर्षे माघ सुदि १३ सोमे उकेशज्ञा० मूधा गोत्रे मं० तोला भा० जेसलदे पु० मं० नरमदा परवत भा० पूनादे पु० दशरथ भा० कल्याणदे स्वश्रेयो० श्रेयांसनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीकक्कमूरिभिः ।। (६८०) आदिनाथः सं० १५८७ वर्षे फागुण सुदि बुधे.. . . . . . . . ...... श्रीजिनसमुद्रसूरिपट्टे श्रीजिनहंससूरिभिः ।। ६७५ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. पाषाण ६७६ साथां पार्श्वनाथ मन्दिर ६७७ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ६७८ मेड़तासिटी उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर ६७६ मेड़तासिटी आदीश्वर मन्दिर ६८० अजमेर संभवनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८१-६८६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहे (१६७) ___८१) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५८७ वर्षे वरलवगोत्रे मं० कर्मसीह पुत्र मं० ज्ञालपेन मातृपितृश्रेयसे श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीपुण्यप्रभसूरिभिः । ___ (E८२) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः । संवत १५८७ वर्षे. . . . . . . . . . . . . . . . . 'श्रीमालज्ञातीय टांकगोत्रे........... . . . . . . . 'श्रात्मपुण्यार्थं श्रेयांसबिंबं कारितं खरतर० प्र० श्रीजिनसमुद्रसूरिपट्टे भ० श्रीजिनमाणिक्यसूरिभिः । (९८३) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १५८८ वर्षे वैशाख वदि १३ सोमे श्रीसंडेरगच्छे उ० भंडागोत्रे भ० इसर पु० वीसल भा० कोल्हूपाल निमित्तं श्रीनमिनाथबिं० का० प्रतिष्ठितं श्रीशान्तिसूरिभिः ॥ (९८४) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५६० वर्षे वैशाख सुदि ११ मुहतियाण-मुडतोडगोत्रे सा० शेखराज भार्या वीरु श्राविकया श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनहर्षसूरिभिः ॥ ___ (९८५) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५६० वर्षे कार्तिक वदि पंचमी गुरौ ओसवालन्यातिय तेलहरागोत्रे मं० हीरा भार्या धनी स(सु)त मं० अमरा भार्या उमादे भ्रातृ समरा भा० सीरीआदे सुत धना वका सतत । श्रीपार्श्वनाथर्षिबं कारितं प्रतिष्ठितं नानावाल गुरू.......॥ (९८६) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५६१ वर्षे वैशाख वदि ६शुक्र मासे (?) श्रीमालज्ञातीय खारडगोत्रे कुंरपाल भार्या खेमी सुत चू० महीपाल सुश्रावकेण पुत्र चू० विजयराजादियुतेन श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनहंससूरिभिः ॥ श्रीः ॥ ६८१ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर ६८२ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर १८३ नागोर बड़ा मन्दिर ६८४ जोमनेर चन्द्रप्रभ मन्दिर १८५ करमदी आदिनाथ मन्दिर ६८६ जयपुर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१६८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ६८७-६६१ (६८७) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः ।। संवत् १५६१ वर्षे पौष पदि ११ शुरौ॥ अहिमनगरवास्तव्य श्रीश्रीमालज्ञातीय फडीआ समधर सार्या हीरू सु० फ० जला भा० पूतलि सुत फ० राणा सा० रंगादे सुत फ० जगमाल जयतमाल चांपाकेन श्रीमुनिसुव्रतबिंब कारापितं श्रीबृहत्तपापक्षे श्रीधनरत्नसूरिभिः प्रतिष्ठितं शुभंभवतु।। (८) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः संवत् १५६२ वर्ष आषाढ सुदि ६ दिने आदित्यनागगोत्रे तेजाणीशाखायां सा० सुहडा पु० हांसा पुत्र सधारणदास नरपाल सधारण भार्या सूहबदे पुत्र ४ श्रीकरण रंगा समरथ अमीपाल। सधारण स्वपुण्यार्थ कारितं श्रीउपकेशगच्छे स० श्रीसिद्ध परिभिः श्रीअभिनन्दनबिंबं प्रतिष्ठितं स्वपुत्रपौत्राय श्रेयसे अस्तु ।। (E८९) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५६२ वर्षे माघ वदि ३ दिने . . . . . . . ... . . . . . . . . . . 'श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्र० बृहत्तपागच्छे श्रीललितप्रभसूरिपट्टे श्रीपासचन्द्र सूरिभिः। श्री ॥ . . . . . () वासुपूज्य-पञ्चतीर्थीः सं० १५६५ व० वै० शु०६ शु० प्राञ्जल्लीवास्तव्य श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० नारुण भार्या लीला स० श्रे० आसा० भा० रूपा भा० रंगादे समस्तकुटुम्बश्रेयसे श्रीवासुपूज्यबिंबं का० प्र० तपा० सूरी० ॥ (६६१) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः __ संवत् १५६५ वर्षे मा० व० [ ] दलुलिवास्तव्य हुंबडज्ञाति मुहडासीया श्रे वीरपाल भा० मानू पुत्र श्रे० नीसल भा० जीविणी पुत्र श्रे लहूआकेन भा० ललतादे वृद्धभ्रातृ दो० अासा चांपा पोपट लखमादिकुटुम्बयुतेन श्रेयोर्थ श्रीश्रेयांसनाथबिंब कारितं प्र० तपा श्रीहेमविमलसू० तत्पट्टे श्रीसौभाग्यहर्षसूरिभिः ॥ श्रीः ।। मातरगोत्रे लहूश्रा ६८७ मेड़ता सिटी महावीर मन्दिर १८८ नागोर बड़ा मन्दिर १८६ मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर १६० आंतरसूबा वासुपूज्य मन्दिर ६६१ कोटा माणकसागरजी का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६२-६६५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१६९) (E६२) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः । संवत् १५६६ वर्षे ज्ये० शु० २ दिने प्रा० ज्ञातीय सा० कचरा भा० कोडिमदे पुत्र सुश्रावक साह खीमा भा० विमलादे भ्रातृ सा० भीमा भा० भावलदे सा० सोना भा० सुगनादे पु० सल्हू कान्हा कर्मसी प्र० कुटुम्बयुतेन साह खीमाकेन निजपुण्यार्थ श्रीपार्श्वनाथबिंब का० प्र० तपागच्छे श्रीआणंदविमलसूरिपट्टे श्रीविजयदानसूरिभिः ।। श्रीः॥ (६६३) चन्द्रप्रभ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १५६६ वर्षे ज्येष्ठ सुदि २ द्वितीया शनौ उ० लिंबोदियागोत्रे मं० जावड भा० पादू पु० जगा जयवंत अचला मं० जगा भा० लाछलदे पु० वाघा मं० जयवंत भा० जवणादे पु० जाला जावा लघु वृद्धि समस्त राजधर लीला हीरा प्रमुखकुटुम्बयुतेन श्रीचन्द्रप्रसस्वामिबिवं कारापितं श्रीखरतरगच्छे प्रतिष्ठितं श्रीजिनशीलसूरिभिः ।। श्रीः ।। ....... • • • • • .... (६६४) शिलापट्ट-प्रशस्तिः ॥ ॐ ॥ स्वस्तिश्रीसंवत् १५६६ वर्षे फाल्गुन मासे शुक्ल पचे नवमी तिथौ सोमवारे नागपुरकोटे श्रीमालवंशे संकियाप्य (?) गोत्रे सं० नोल्हा पु० सं० चूहड सं० लक्ष्मीदास सं० भवानी सं० लक्ष्मीदास भार्या सं० सरूपदे नाम्नी हे...............''श्रीराजरत्नसूरिपट्टे सं० श्रीरत्नकीतिसूरि प्रतिष्ठता।........... (E६५) आदिनाथः ॥ ॐ ।। सं० १५६६ वर्षे फाल्गुन सुदि नवम्यां तिथौ ....... गोत्रे.............. 'सं० नोल्हा पु० सं० तेजा पु० सं० चूहड भा० सं० रमाई पुत्र सं० लक्ष्मीदास सं० भवानी सं० लक्ष्मीदास भा०........... कल्याणमल्ल तत्र लक्ष्मीदास भार्या सं० सरूपदेव्यौ कर्मनिर्जरार्थं श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं. ... .. .. ... .. ... ... .. भ० श्रीसोमरत्नसरिपट्टे भट्टारिक श्रीश्रीराजरत्नसूरयस्तत्प? श्रीरत्नकीर्तिसूरि"........." .................श्रीसंघस्य ।। छः ।। ।। छः ।।।। श्रीः ॥ ......... ६६२ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ६६३ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ६६४ नागोर हीरावाडी आदिनाथ मन्दिर ६६५ नागोर हीरावाडी आदिनाथ मन्दिर. मूलनायक For Personal & Private Use Only Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१७०) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रह. [ले० ६६६-१००० (६६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १५६७ वर्षे वैशाख सुदि ३ सोमे श्रीकाष्ठा० वैरी वि० साल भ० श्रीसोमकीर्ति प्रा० श्रीविमलसेन नरसिंहजातीय वोठेचागोत्रे सा० खेइषाभा० खेई पुत्र सा० भीमा भा० मही श्रीअजितनाथ कारापितं नित्यं प्रणमति श्रीआदिनाथ प्रा० श्रीविमलसेन प्रतिष्ठितं ।। (६६७) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत १५६७ वर्षे पौष । वदि ५ शुक्र सहूबालावास्तव्य प्राग्वाट वृद्धशाखायां दो० वीरा भा० चांगी सुत दो० भाणा भा० भरमादे तेन स्वश्रेयसे श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीजिनसाधुसूरिभिः ।। (EEE) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १५६८ वर्षे वैशाख सुदि ५ गुरुवारे। उकेशवंशे। पुष्पपवित्रे । श्रीलोढागोत्रे श्रा० डाहा भार्या श्रा० नानू । तत्पुत्र रत्न । सा० भवानीदास । लघुबन्धव सा० श्रे० रायदास । तत्पुत्र सं० साहयादा । सं० श्रीभवानीदास भार्यया। भरमादे श्राविकया ।। श्रीआदिनाथबिंबं कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीविजयदानसूरिभिः ।। श्रीतपागच्छे ।। श्रीरस्तु । सू० पहिराज । सू० हरराज । कृतः श्रीः ।। (EEE) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः । ॥सं० १५६८ वर्षे वैसाख सुदि ५ गुरू श्रीपत्तने श्रीवीरवज्ञातीय भीमाउ पु० हर्षा भार्या लखपत सुत पु० देवा भार्या धनदासश्रेयसे श्रीश्रादिनाथबिंब कारापितं श्रीसिद्धांतीगच्छे भ० श्रीभावसुन्दरसूरिपट्ट श्रीपद्मा. नन्दसूरि प्रतिष्ठितं ॥ (१०००) अभिनन्दन-पञ्चतीर्थीः संवत् १५ वर्षे सोढवालगोत्रे श्रीमालज्ञा० सं० खीमधर भा० सामली पुत्र हरराज भा० जोगी भ्रा० मणसी धर्मादि कु० युतेन सा० हरराज स्वश्रे० श्रीअभिनन्दनबिंब का० प्र० श्रीसूरिभिः । ६६६ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ६६७ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर १६८ मेड़तासिटी उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर EEL पीपलिया शान्तिनाथ मन्दिर १००० पनवाड़ महावीर मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १००१-१००६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१७१) (१००१) आदिनाथः ॥ संवत् १६०१ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनौ रोहिणीनक्षत्रे आगरा वास्तव्योसवालज्ञातीय लोढागोत्रे गावसे सं० कुरपाल सं० सोनपालैः स्वभृत्य हरदासकस्य पुण्यार्थं श्रीअंचलगच्छे पूज्यश्री ५ श्रीकल्याणसागरसूरीणामुपदेशात् श्रीआदिनाथबिंबं प्रतिष्ठापितं । (१००२) धर्मनाथ-एकतीर्थीः श्रीधर्मनाथ श्रीविजयदानसूरि सा० आदिकरण बेटी बा० रंभा श्रीश्रीमालीज्ञाती सं० १० १६०१ । (१००३) . . . . . . . 'पञ्चतीर्थीः संवत् १६०२ वर्षे फागुण शुदि ४ गुरौ श्रीमूलसंघे भ० लाभचन्द्रोपदेशात् सं० पं० विरा भा० लाली सु० धीरा भा० वहलादे सु० लखमा ।। (१००४) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १६०३ वर्षे वैशाख सुदि ३ शुक्र दिने उपकेशज्ञातीय । देवायंदाशाखायां शा० वरसंघ । भा० वरजू पु० हांसा तेजा तोल्हा बीदा बीसा हांसाभा० हांसलदे पूर्वजनिमित्तं श्रीशान्तिनाथबिंबंका०प्र० श्रीअंचलगच्छे श्रीधर्मसूरिभिः । (१००५) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १६०४ वर्षे वैशाख वदि ७ वार सोमदिने सुन्दरसीनगरवास्तव्य प्राग्वाटज्ञातीय साह सोमा भार्या चंदू सुत सा० जीवाकेन भार्या लाली पुत्र वच्छराजादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रीश्रेयसे श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीविजयदानसूरिभिः । (१००६) कुन्थुनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १६०४ वर्षे वैशाख सुदि ६ सोमे श्रीश्रीमालज्ञातीय बधशाखायां श्रे० नागसी भा० चमकु सु० दूदा भा० भीथी सुत करणा भा० पुहती सु० झांझण भा०.अछवादे सु० सिंघा भा० सिंगारदे । श्रीपूर्णिमापक्षे श्रीगुणमेर(रु)सूरि प्र० श्रीकुन्थुनाथबिंब प्रतिष्ठ(ष्ठि)तं ॥ १००१ जयपुर नया मन्दिर १००२ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर १००३ किसनगढ़ यति स्वरूप चन्द जी का उपासरा १००४ गागरडू आदीश्वर मन्दिर १००५ मेड़तासिटी महावीर मन्दिर १००६ मन्दसौर नयापुरा ऋषभदेव मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१७२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० १००७-१०११ (१००७) शीतलनाथ-पश्चतीर्थीः ॥ संवत् १६०५ माहा वद ११ ऊकेशज्ञातीय वृद्धशाखायां मोहणेचागोत्रे साह झमशी । भार्या लाछलदे । सुत साह जूढा भार्या गूजरदे । पुत्र साह नेतसी। डूगरसी श्रेयसे श्रीशीतलनाथबिंबं कारितं । प्रतिष्ठितं । श्रीतपागच्छे सुविहितसाधुसामाचारीशृङ्गारश्रीविजयदानसूरिभिः ॥ाछदेव्या प्रसादात् चिरं नंदतात् ।। श्रीः ।। (१००८) . . . . . . . ' 'चतुर्विंशतिपट्टः ॥ सं० १६०६ वर्षे पोष सुदि १५ शुक्र उसवालज्ञातीय सा० खीमान्वये सा० गिरमल तत्पुत्र सा० राणा तत्पुत्र सा० करणा तत्पुत्र श्रीपाश्वेचन्द्रप्रतिबोधित संघपति मन्नाकेन भार्या मन्नादे माणिकदे पुत्र कमलसीह प्रमुखपरिवारसहितेन श्रीचतुर्विंशतिपट्टः कारितः प्र० श्रीसंघेन श्रेयो भूयात्॥ (१००६) पार्श्वनाथः ॥ ॐ ।। संवत् १६११ वर्षे बृहत्खरतरगच्छे । श्रीजिनमाणिक्यसूरिविजयिराज्ये । श्रीमालज्ञातीय ।। पापडगोत्रे ठाकुर रावण सुत ठा० गढमल तद्भार्या नयणी। तत्पुत्र जीवराजेन श्रीपार्श्वनाथपरिगृहकारापितं । वा० धर्मसुन्दरगणिना प्रतिष्ठितं ।। शुभंभवतु ॥ छ ।। (२०१०) अनन्तनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १६१२ वर्षे फागुण सुदि २ तिथौ श्रीओसवालवंशे सा० आढत सा० रणमल्लेन सा० चउहथेन कारापितं श्रीछहितरागच्छे भ० श्रीभावसागरसूरि त० श्रीधर्ममूर्तिसूरिभिः प्रतिष्ठितं श्रीअनन्तनाथ । (१०११) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १६१२ वर्षे फागुण सुदि २ तिथौ श्रीउसवालवंशे गांधीगोत्रे सा० आढू पुत्र भीखणमल पु० सा०। चौहथ अजितबिंबं कारापितं । सुविहितपक्षगच्छे भावसागरसूरि तत्प? धर्ममूर्तिसूरि प्रतिष्ठितं सुविधिनाथ । १००७ कोटा सेठजी का गृहदेरासर १००८ गागरडू आदीश्वर मन्दिर १००६ मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर १०१० जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर १०११ कोटा माणिकसागरजी का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१२-१०१५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१७३) (१०१२) मुनिसुव्रत-पञ्चतीर्थीः । संवत् १६१३ शा० १४७८ प्रव० वैशाख सुदि ६बुधे । श्रीउसवालज्ञातीय श्रीवृद्धशाखायां लंडिकागोत्रे । सा गणीया सु० सा० ऋष पदास सा० अमरदत्त भा० आहवदे इत्यादिसमस्तकुटुम्बेन श्रीमुनिसुव्रतस्वामिपंचतीर्थीपट्टः कारितः प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीविजयदानसूरिभिः । श्रेयोथ। (१०१३) आदिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥ संवत् १६१५ वर्षे । वैशाख वदि ६ दिने श्रीओसवंशज्ञातीय ब्रधसाजन्य (वृद्धशाखायां) संखवालगोत्रीय सा० राजा भार्या बाई चोली सुत सा० पंचायण भा० लाछी सुत सा० पदमसी भ्रा० तेजसी पुण्यार्थ श्रीआदिनाथबिंब कारितं श्रीखरतरभाणसालीअगच्छे श्रीय(जि)नचन्द्रसूरि प्रतिष्ठितं जेसलमेरवास्तव्य । (१०१४) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः ॥ सं० १६१५ वर्षे वैशाख वदि ११ भौमे जवालवास्तव्य हुंबडज्ञातीय मंत्रीश्वरगोत्रे दोसी श्रीपाल भार्या सिरियादे सुत दोसी रुडाकेन भा० राणीयुतैः श्रीपद्मप्रभबिंब तपा श्रीतेजरत्नसूरिभिः प्रा। (१०१५) शान्तिनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः संवत् १६१६ वर्षे माघ वदि १ सोमे श्रीमूलसंघे सरस्वतीगच्छे बलात्कारगणे श्रीकुन्दकुन्दाचार्यान्वये भ० श्रीसकलकीर्तिदेवास्त० भ० श्रीश्रीभुवनकीर्तिदेवास्त० भ० श्रीज्ञानभूषणदेवास्त० भ० श्रीविजयकीर्तिदेवास्त० भ० श्रीशुभचन्द्रदेवास्तत्प? भ० श्रीसुमतिकीर्तिगुरूपदेशात् उबखलवास्तव्य हुंबडज्ञातीय बुधगोत्रे सा० पोपट भा० चपकु सुत सं० हरपति भा० हीरादे सु० सं० वीठा भा० रत्नादे भ्रा० वेणा भा० रंगादे भ्रा० ककुमा भा० कनकादे एते श्रीशान्तिनाथबिंबं नित्यं प्रणमंति । इसनापुरवास्तव्य सा कमा भा० लाली सु० सा० वलीया भा० हरखादे एते श्रीशान्तिनाथ नित्यं प्रणमति॥ श्रीरस्तु । १०१२ जयपुर स्टेशन मन्दिर. पुगलियों का १०१३ बून्दी ऋषभदेव मन्दिर १०१४ नागौर का बड़ा मन्दिर १०१५ दाहोद पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७४) प्रतिष्ठा - लेख संग्रहः ले० १०१६-२०२१ (१०१६) मुनिसुव्रत - पञ्चतीर्थीः संवत् १६१६ वर्षे माह वद (दि) ६ वार द (दि) ने प्राग्वाट सा० कुंश भार्या मना पुत्र ३ जीवराज लखराज अखराज श्रीमुनिसो (सु) व्रतबं (बिं) बं कारापितं भट्टारक श्रीसूरिभिः प्रतिष्ठितं । (१०१७) पार्श्वनाथ पञ्चतीर्थी: सं० १६१६ श्रीमूलसंघे भ० श्रीशुभचन्द्रस्त० भ० श्रीसुमतिकीर्तिगुरूपदेशात् गउरवर भा० हरमदे पु० हरसा भा० हरषमदे पु० कचरा पुत्र ऋषभदास प्रणमति । (१०१८) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः ।। संवत् १६२० वर्षे फागुण सुदि १२ बुधे सिरोही वास्तव्य प्रा० ज्ञातीय सा० जयता सा० जइतलदे ५० सा० सोमा भा० सिणगारदे पु० रतनसी भा० सोभागदे पु० करमसी समस्त कुटुम्बयुतेन श्री आदिनाथबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीविजयदानसूरिभिः ॥ श्र० श्रीहीरविजयसृरिसपरिकरैः प्रतिष्ठितं सा सोनाकेन पुण्यार्थं शुभं भवतु ॥ (१०११) नवपद यन्त्रम् सं० १६२० चैत्र वदि ७ सोमे श्रीमूलसंघ भ० श्रीशुभचन्द्र भ० श्रीसुमति कीर्त्यपदेशात् सं० हरपा भा० हरषमदे सु० अजुआ भा० सोनादे भ्रा० जीवा भा० जीवाड़े सु० जशवंत पौत्र वीरपाल वस्तुपाल देवचन्द एतैः नित्यं प्रणमति ॥ १०२०) पार्श्वनाथ - एकतीर्थी: संवत् १६२२ वर्षे माह वदि २ बुधे सु० यति सा० भीमजी नरसंग श्रीहीरविजयसूरि प्रतिष्ठितं । (१०२१) संवत १६२२ वर्षे फागुण वदि १३ रवौ काशद्रहगच्छे वा० श्रीविनयचन्द तत् शिष्य वा श्रीवरजांगेन प्रतिमा कारापिता प्रतिष्ठितं श्रीउजोअनसूरिभि: श्री १०१६ जयपुर स्टेशन मन्दिर पुगलियों का १०१७ भैंसरोड़गढ़ ऋषभदेव मन्दिर १०१= किसनगढ़ चिन्तामरिण पार्श्वनाथ मन्दिर २०१६ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर १०२० जयपुर प्रतापमल जी दक्ष गृहदेरासर १०२१ कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२२-१०२७ । प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः । १७५) (१०२२) पद्मप्रभ-पञ्चतीर्थीः संवत १६२४ वर्षे वै० शु० १० शुक्रवासरे तपगच्छनायक भ० प्रभु श्रीहीरविजयसूरिमानराज्ये श्रीपद्मप्रभविवं प्रतिष्ठितं प्रतिष्ठापितं नागपुर गहिलडागोत्रे सा० अमीपाल भा० अमूलकदे पु० कुअरपाल भा० कुरादे प्रतिष्ठितं शुभं भवति ।। (१०२३) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत १६२४ वर्षे । माह सुदि ६ सोमे ओसवालज्ञातीय दोसी भामा संत दोसी पूजा भार्या नाई मेलाई सुत चावण श्रीधर्मनाथबिंब कारापितं ।। तपागच्छे श्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्रीहीरविजयसृरिप्रति वैराटनगरे। (१०२४) मुनिसुव्रतः संवत् १६२५ वर्षे माह वदि ७ रवौ श्रीमूलसंघे भ० श्रीसुमतिकीर्तिरुपदेशात् ।' . . . 'रण श्रीपरिभूषणात सिंघाप ... 'चन'......'श्रीमुनिसुव्रतबिंबं कारितं.. . . . . . . . ..| (१०२५) धर्मनाथ-पञ्चतीर्थीः । संवत् १६२८ वर्ष फाल्गुन सुदि ७ बुधे कुमरगिरीवासि । प्राग्वाटज्ञातीय वृद्धशाखायो अंबाईगोत्रे व्यवहा० खीमा भा० कनकादे पुत्र व्य० ठाकरसी भा० सोभागदे पुत्र देवकर्ण परिवारयुतेन स्वश्रेयोर्थ श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं । प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्तपागच्छे श्रीपूज्यैराद्य श्रीविजयदानसूरिपट्टे श्रीपूज्य श्रीश्रीश्रीहीरविजयसूरिभिः ।। आचन्दाकै नंद्यात् श्रीः (१०२६) पार्श्वनाथ-एकतीर्थीः सं० १६२८ वर्षे श्रीमूलसंघे भ० श्रीसुमतिकीर्तिगुरूपदेशात् नागरज्ञातीय ठा० पना भा० पनश्री सा० सहप भा० भामादे एते पाव नित्यं प्रणमति ॥ छ । (१०२७) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ___ सं० १६३० वर्षे माह सुद १३ दने सा० नोता माडन तेजमल श्रीसंतनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छाधिराज श्रीहीरविजयसूरिभिश्चिरं नंदतात हमीरपुर वास्तव्य ॥ १०२२ जयपुर श्रीमालों का मन्दिर १०२३ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर १०२४ अजमेर म्युजियम १०२५ जयपुर नया मन्दिर १०२६ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर १०२७ रतलाम सेठ जी का मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१७६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले. १०२८-१०३२ (१८२८) श्रेयांसनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ।। सं० १६३२ वर्षे फागुण वदि २ शुक्र मूलसंधे हुंबडज्ञातीय । कांकडेश्वरगोत्रे । श्रे० रामा भा० पासरभू सुत नरपाल भा० साल्हणदे भ्रातृ वस्ता भा०......"श्रीश्रेयांसबिंबं कारितं प्रतिष्ठापितं श्री."नंदिभिः॥ . . . . . . . (१०२६) कुशलसूरिपादुका ॥ नागपुर संघस्य ।। संवत् १६३३ वर्षे माह बदि ५ दिने"..." खरतरगच्छे श्रीजिनकुशलसूरि । (१०३०) शान्तिनाथः संवत् १६३३ श्रीशान्तिनाथविवं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीहीरविजयसूरिभिः ।। (१०३१) ।। संवन १६३५ वर्षे वैशाख बदि ११ बुधे कोटनगरे वृद्धहुँबडन्यातीय । गां० माका भा० नारिंगदे सुत गा० सांगा मा० सोभागदे सुः गा० सिंघराज देवराज वीरदाल गंगदास नित्यं प्रणम० श्रीदेवसुन्दरसूरिभिः ।। (१०३२) ।। संवत् १६३७ वर्ष फागुण सुदि ५ बुधे बागडदेशे राउलश्री सहसमल श्रीविजयराज्ये । श्रीगिरपुरवास्तव्य हुंबडज्ञातीय वृद्धशाखीय मढासाा जीवा भार्या जीवादे सुत गुढसीआ भार्या भाखणदे मू"..."भार्या जूढिा समस्तकुटुम्बयुतेन श्रीकोटनगरमध्ये श्रीसंभवनाथचैत्यालये देवकुलिकाकारी(रि)ता मध्ये श्रीसुविधिनाथबिंबं स्वस्य श्रेयसे: श्रीवृद्धतपागच्छे भट्टारिक श्रीधनरत्नसूरिभिस्तत्प? भट्टारिक श्रीतेजरत्नसूरिभिस्तत्प? भट्टारिक श्री ५ श्रीदेवसुन्दरसूरिभिः प्रतिष्ठितं शुभंभवतु ॥ पं० विनयचारित्र पं० विमल रत्न पं० जयसिंह पं० ज्ञानरत्न पं० वीररत्न शि० श्राणंदरत्ने नलिखितं ।। १०२८ हरसूली पार्श्वनाथ मन्दिर १०२६ नागौर दादाबाडी १०३० नागोर बड़ा मन्दिर १०३१ रतलाम चन्द्रप्रभ देरासर, महात्मा कन्हैयालालजी १०३२ गलियाकोट संभवनाथ मन्दिर के एक चैत्यालय की प्रशस्ति For Personal & Private Use Only Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३३-१०३६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१७७) (१०३३) शिलापट्टप्रशस्तिः ॥ ॐ ।। संवत् १६३७ वर्षे माह सुदि ५ वागडदेशे राउल श्रीसहसमलजी विजयराज्ये श्रीकोटनगरवास्तव्य हुंबडज्ञातीय वृद्धशाखायां गांधी' ... ... ... श्रीपाल भ्रातृ गां० धीहर जयपाल भार्या सरूपदे सुत गांधी गांगा भार्या मेलादे ह . . . . . 'भार्या खीमदे सुत गांधी सांगा गांधी जेवंतया भार्या स०. . . . . . ' मदि सुत गांधी बल गांधी जेवंत भार्या भगादे सुत गांधी भारिमल्ल भायो मिलापदे समस्तकुदम्बयतेन श्रेयसे श्रीसंभवनाथचैत्यालये देवकुलिका कारापिता श्रीवृद्धतपापक्षे भट्टारिक श्रीधनरत्नसूरिभिस्तत्पी भ० श्रीतेजरत्नसूरिभिस्तत्पट्टे भ० श्रीदेवरत्नसृरिभिः प्रतिष्ठितं शुभंभवतु ॥ (१०३४) शिलापट्टप्रशस्तिः । ।। ॐ।। संवत् १६३७ वर्षे माह सुदि ५ सोमे वागडंदेशे राउल श्रीसहसमलजी विजयराज्ये श्रीकोटनगरवास्तव्य हुंवडज्ञातीर्य वृद्धशोखायां । गां० श्रीउदयसिंह सुत गां० नामा सु० मा दाखा सुत गां॰ आणंद भार्या दाडिमदे सुत गां० घीसकर सार्या जनकादे अनरी सुपराणदे रूपादे । सुपरागदे सुत गां० धीरू माऊ. बोला मा कनकादे सुत गां० बीसकरा भार्या कल्याण रूपा भार्या केसरदे गांव घोलकर वि ! हेनीबाई रजाबाई चगा ! समस्त अटुम्बश्रेयसे श्रीसंभवनाथचैत्यालये देवकुलिका कारिता। श्रीचन्द्रप्रभाववं स्थापित श्रीवृद्धतपागच्छ भहारिक श्रीधनरलसूरिभिस्तत्प भट्टारिक श्रीतेजरत्नसूरिभिस्तत्पष्ट भट्टारिक श्रीदेव सुन्दरसूरिभिः प्रतिष्ठितं । श्रेयसे । शुभंभवतु ।। यात्रा शुभंभवतु । श्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्री पं० विनयचारित्र पं० विमलरत्न पं० जयसिंह पं० वीसल चेला पाणंदरत्न लिखितम ।। - .. (१९३५), शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १६३८ वर्षे माघ सुदि १३ सोमे । श्रीस्तंभतीर्थवास्तव्य श्रीश्रीमालज्ञातीय.साद वस्ता भार्या विमलादे सुत सा० थावरवच्छी आ० श्रीशान्तिनाथबिंब कारापितं । श्रीमत्तपागच्छ भट्टारक श्रीहीरविजयसूरिभिः प्रतिष्ठित शुममवत्त ।:: : : .... (१०३६) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ..." संवत् १६३८ वर्षे माह सुदि १३ सोमे श्रीमालज्ञातीय पुरदासा भा० रमा सुत भावसिंह भा० अमा सहितेन आत्मश्रेयोथै श्रीआदिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीश्रीतपग श्रीहीरविजयसूरिभिः । वास्तव्य सारंगपुरि उजेण॥ १०३३ गलियाकोट संभवनाथ मन्दिर के एक चैत्यालय की प्रशस्तिः १०३४ १०३५ जयपुर नया मन्दिर १०३६ रामपुरा शान्तिनाथ मन्दिर ... For Personal & Private Use Only Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१७८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० १०३७-१०४२ (१०३७) अजितनाथः संवत् १६३६ माह सुदि ५ तिथौ गुरुवारे............."उसवालज्ञातीय लोढागोत्रे सं० मेघराज पुत्र सं० हरषा पुत्र पं० समावरा आदियुतेन श्रीअजितनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनदेवसूरिपट्टे श्रीजिनसिंहसूरिपट्टालंकार श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ शुभंभवतु ॥श्रीः।। (१०३८) आदिनाथः संवत् १६४० वर्षे माघ वदि ३ सोमे श्रीमूलसंघे भ० श्रीशुभचन्द्रदेवाः तत्पट्ट श्रीसुमतिकीर्तिदेवाः तत्पट्ट भ० श्रीगुरूपदेशात्... "दि जातीय नन्दकेरतरगोत्रे सा० हरषा भा० हर्षमदे पु० सरुदमा भा० हमीरदे सा० भा० देहा मनले सा० मेघा हेमा नेमराज सा० कहा श्रीविमलचन्द भा० वीमलादे सो० वीली वृषभासर नित्यं प्रणमति । (१०३६) एकतीर्थीः वा० इंदा श्रीदारु पूजाल प्र० श्रीहीरविजयसूरिभिः ।। सं० १६४० माह सुदि ७॥ (१०४०) सुपार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥संवत् १६४० वर्षे माघ सुदि ७ दिने गुरौ बाफणागोत्रे ओसवालज्ञातीय । सा० चउथकेन श्रीपार्श्वबिंब कारितं प्रतिष्ठितं । च तपागच्छाधिप श्रीहीरविजयसूरिभिः ॥ श्रीरस्तु ।। (१०४१) कुन्थुनाथ-एकतीर्थीः सं० १६४२ काति ११ श्रीकुन्थुबिंब कारितं प्र० श्रीहीरविजयसूरिभिः।। दूगडगोत्रे । (१०४२) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ।। सं० १६४३ वर्षे फाल्गुन सित ११ अहम्मदावादवास्तव्य प्राग्वाट० सेठि मूला । भा० राजलदे । पुत्री बाई कोडकी संज्ञया कारितं श्रीश्रादिनाथबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीविजयसेनसूरिभिः । श्रीतपागच्छे ।। १०३७ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर १०३८ अजमेर म्युजियम १०३६ नागोर बड़ा मन्दिर १०४० सांगानेर चन्द्रप्रभ मन्दिर १०४१ नागोर बड़ा मन्दिर १०४२ नागोर बड़ा मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४३-१०४६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१७६) (१०४३) अनन्तनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १६४४ वर्षे फागुन सुदि २ दिने उसवालज्ञातीय पाल्हाउतगोत्रीय साह पांचा भार्या नगराजी सुत साह मांगा भार्या सोहागदे सुत कुबेर भा० सामी श्रीअनन्तनाथबिंब तपागच्छाधिराज श्रीहीरविजयसूरिभिः प्रतिष्ठितं । (१०४४) अनन्तनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १६४४ वर्षे फागुण सुदि २ महिमवास्तव्य उसवालज्ञातीय छाजहड़गोत्रे विसलदास सा० अमीपाल भा० अमृतदे सुत सामीदास सुत वीरदास हरदास । कारापितं श्रीअनन्तनाथबिंबं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीहीरविजयसूरिभिः॥ (१०४५) सुमतिनाथ-एकतीर्थीः ॥ संवत् १६४४ वर्षे श्रा० रंगादे कारितं श्रीसुमतिनाथबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीहीरविजयसूरिपट्टालङ्कार-श्रीविजयसेनसूरिसिंहैः स्तंभतीर्थ नगरे। (१०४६) मुनिसुव्रत-एकतीर्थीः संवत् १६४७ वैशाख सुदि ७ सा० नानजी का० मुनिसुव्रतबिं० प्र. श्रीहीरविजयसूरिभिः ॥ (१०४७) पद्मप्रभः सं० १६५० वर्षे माघ कृष्ण ४ बु० वसा० निटेके सा मघाप्रति साया भं० जोडमदे सुत श्रीकर्णस्य शृङ्गारदे कमद प्रमुखकुटुम्बयुतेन श्रीपद्मप्रभबिंबं का० प्र० श्रीतपागच्छे श्रीनन्दिवर्द्ध नसूरिभिः । (१०४८) विमलनाथः ॥ सं० १६५१ वर्षे पोष सु० १० शनौ श्रीविमलनाथबिंबं को० केसव पु० भोजा कजा राउल कुलधर का० प्र० तपागच्छे श्रीहीरविजयसूरिभिः ।। (१०४६) शान्तिनाथ-एकतीर्थीः सं० १६५१ माह सु० १० श्रीमूलसंघे भ० श्रीचन्द्रकीर्ति तदाम्नाये सावड़गोत्रे सा० दमोदेव प्रणमति । १०४३ जयपुर श्रीमालों की दादावाडी पार्श्वनाथ मन्दिर १०४४ सांगानेर महावीर मन्दिर १०४५ जयपुर प्रतापमलजी ढढ्ढा का गृहदेरासर १०४६ नागोर बड़ा मन्दिर १०४७ अजमेर म्युजियम २०४८ बेंतेड विमलनाथ मन्दिर. मूलनायक १०४६ चन्दलाई शान्तिनाथ मन्दिर "हा For Personal & Private Use Only Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१८० ) प्रतिष्ठा - लेख - संग्रह: [ ले० १०५०-- १०५५ (२०५०) शान्तिनाथ : सं० १६५३ वर्षे चै० सु० ४ बुधे श्रीशान्तिनाथबिंबं गादही आगोत्रे सं० सुरता भार्या हर्षमदे पु० सं० दासा भा० लाडमदे पु० सं० पद्म ेन कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीहीरविजयसूरिपट्टे श्रीविजय सेनसूरिभिः || पं० विनयसुन्दरगरि प्रणमति । श्रीरस्तु || (१०५१) धर्मनाथ: सं० १६५३ वै० शु० ४ बु० श्रीधर्मनाथबिंबं सा० सुरतारा जीया का० प्र० श्रीविजयसेनसूरिभिः पं० विनयसुन्दर गरिण प्रणमति । (२०५२) कुन्थुनाथः संवत् १६५३ वै० शु० ४ बुधे श्रीकुन्थुनाथ सं० सूति कुमारदे का० प्र० श्रीविजयसेनसूरिभिः || पं० विनयसुन्दरगणिः प्रणमति । (१०५३) शीतलनाथ: सं० १६५३ व० बै० शु० ४ बु० शीतलनाथ सा० रायसिंघ भा० सोभागदे पु० ० ४ का० प्र० श्रीतपा० श्रीविजयसेनसूरिभिः पं० विनयसुन्दरगणिः प्रणमति ॥ (२०५४) हीरविजयसूरिमूर्तिः सं० १६५३ वर्ष बै० शु० ४ बुधे श्रीहीरविजयसूरिमूर्तिः मं० मेरु चपराधेन (?) कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीविजयसेनसूरिभिः ॥ पं० बिनयसुन्दर गरिणः प्रणमति श्रीगुरुपादुका (मूर्ति) । (१०५५) कुन्थुनाथः संवत् १६५३ वर्षे बै० शु०४ बुधे श्रीकुन्थुनाथबिंबं गाद गोत्रे श्री सं० सुरतारण भा० हर्षमदे पु० सं० सादूलेन प्र० श्रीतपागच्छे श्रीविजयसेनसूरिभिः । पं० विनयसुन्दरगणिः प्रणमति ।। १०५० मेड़तासिटी महावीर मन्दिर १०५१ मेड़तासीटी उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर १०५२ मेड़तासीटी उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर १०५३ मेड़तासीटी महावीर मन्दिर १०५४ मेड़तासिटी कुंथुनाथ मन्दिर तपाउपाश्रय २०५५ मेड़तासीटी कुंथुनाथ मन्दिर तपा उपाश्रय० मूलनायक For Personal & Private Use Only Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५६-१०६१] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१८१) . (१०५६) शीतलनाथः सं० १६५३ वै०. शु०४ बुघे श्रीशीतलनाथवि० सा भेऊ हासा सा० पद्मा......................."प्र० तपागच्छे श्रीविजयसेनसूरिभिः पं० विनयसुन्दरगणिः प्रणमति ॥ (१०५७) अरनाथः . . . . सं० १६५३ वै० शु० ४ बुधे श्रीअरनाथबिंब कारापितं............. ............ 'प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीविजयसेनसूरिभिः पं० विनयसुन्दरगणिः प्रणमति ।। (१०५८) महावीरः । सं० १६५३ वर्षे वै० शु० ४ बु० श्रीमहावीरबिं० सा० खेतसी सा० देदाभ्यां का० प्र० श्रीतपागच्छे श्रीहीरविजयसूरिपट्टे श्रीविजयसेनसूरिभिः॥ पं० विनयसुन्दरगणिः प्रणमति ।। (१०५६) महावीरः सं० १६५३ व० चै० शुदि ५...... श्रीमहावीरबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीविजयहीरसूरिपट्टे श्रीविजयसेनसूरिभिः ।। श्रीरस्तु पं० विनयसुन्दरगणिः प्रणमति ।। छः ।। (१०६०) सिंहासने संवत् १६६४ वर्षे वैशाख सि०७ श्रीश्रीमालज्ञातीय सं० भोजराज भा० भोजल सुत शाखेतसींग चतुरंगदे सादा-चतुरंगभ्यां चास्य परिकरः कारितः प्रतिष्ठितं...... 'विनयचन्द्रसूरिजि० पं० मेरुविजय प्रणमतितरां॥ (१०६१) जिनदेवसूरिपादुका ॥संवत् १६६५ वर्षे मार्गशीर्ष वदि ३ दिने सोमवारे श्रीखरतरगच्छीय भट्टारक श्रीजिनदेवसूरयः कृतानशनाः सुरालयमलंचक्रुः तेषां पादपद्मस्थापनेयं ।। श्रीसंघस्यशेयसे ।। १०५६ मेड़तारोड़ पार्श्वनाथ मन्दिर १०५७ मेड़तारोड़ पार्श्वनाथ मन्दिर १०५८ मेड़तारोड पार्श्वनाथ मन्दिर १०५६ मेडतासीटी महावीर मन्दिर. मूलनायक १०६० मेडतासीटी महावीर मन्दिर. मूलनायक १०६१ मेडतासीटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१८२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० १०६२-१०६६ (१०६२) शीतलनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः । सं० १६५३ वर्षे अलाई ४२ माह सुदि ७ दिने ऊकेशवंशे संखवालगोत्रे सा० रायपाल भार्या रूपादे पुत्र सा० पूना भार्या पूनादे पुत्र सं० पाना देदा पुत्र सं० जयदास चांपा मूला मोदा स... 'सोमलदास प्रमुखपरिवारेण श्रीशीतलनाथप्रमुखचतुर्विंशतिजिनपट्टः कारितः प्रतिष्ठितश्च श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनमाणिक्यसूरिपट्टालङ्कार युगप्रधान श्रीश्रीश्रीश्रीश्रीजिनचन्द्रसूरिभिः पातिसाहअकबरप्रतिबोधकैः ॥ (१०६३) शान्तिनाथ-पश्चतीर्थीः ___ संवत् १६५३ वर्षे अलाई ४२ संवत् ।। माघ सुदि १० दिने भोमवारे ऊकेशवंशे संखवाल गोत्रीय सा० रायपाल भार्या रूपादे पुत्र सा० पूना भार्या पूनादे पुत्र मं० पाना सं० देदाभ्यां पुत्र जिणदास सं० चांपा मूलादे पु० सामल सपरिकराभ्यां श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीबृहत्खरतरगच्छाधीश्वर-श्रीअकबरसाहिप्रतिबोधक श्रीजिनमाणिक्यसूरिपट्टालकार-युगप्रधान-श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। (१०६४) पद्मप्रभ-पञ्चती ः संवत् १६५४ वै० शु०५ सोम ऊपकेशवंशे बोहित्थिरागोत्रे बच्छावत मं० अमृत सुत भगवानदासेन पुत्र मं० लालचंदादिपरिवारपरिवृतेन श्रीपद्मप्रभबिंबं कारितं प्र० बृहत्खरतरगच्छे श्रीजिनसिंहसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। श्री अहमदावादे ।। (१०६५) सुविधिनाथ-पश्चतीर्थीः ॥संवत् १६५४ अलाई ४३ वर्षे माध वदि : रवी श्रीउसवंशज्ञातीय लोढागोत्रे सा० जेठा भा० जेठश्री सुत राजू भा० राजश्री सुत श्रावक सा० रेखा भा० रेखश्री सुत सोनपाल भा० सोनश्री तेन श्रीअञ्चलगच्छे श्रीधर्ममूर्तिसूरीणामुपदेशेन श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसंघेन भव्यजनैर्वन्द्यमानं चिरं॥ (१०६६) मल्लिनाथः संवत् १६५४.वर्षे माघ वद १२ बुधे सागवाटके सा० मेघा प्रतिष्ठिता प्राग्वाटज्ञातीय सा० लखमण भा० अपूरवदे सुत... 'नावदे श्रीमल्लिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छनायक-श्रीविजयसेनसूरि-सूरिशिष्य रामविजयगणिभिः । १०६२ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर १०६३ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर १०६४ कुचेरा चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर १०६५ जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर १०६६ अजमेर म्युजियम For Personal & Private Use Only Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६७-१०७१ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१८३) (१०६७) सुमतिनाथः संवत् १६५४ वर्षे माघ वदि १२ बुधे सागवाटके सा० मेघा प्रति... अदवज सभा (?) सुत सा० डूगरनाथ श्रीसुमतिनाथबिंबं का०प्र० श्रीतपागच्छे श्रीजगद्गुरु-श्रीहीरविजयसूरिपट्टालङ्कार-श्रीविजयसेनसूरिभिः॥ (१०६८) मुनिसुव्रतः सं० १६५४ वर्षे माघ १० १२ बु० म० लेखा प्रतिष्ठाया मङ्गसा भार्या यमुनादे सुत मं० केसव भा० कसमे सुत उदयसिंघेन श्रीमुनिसुव्रतबिं० कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छनायक श्री ६ विजयसेनसूरिभिः । (१०६६) अजितनाथ-चतुर्विंशतिपट्टः ॥संवत् १६५६ वर्षे वैशाख मासे सित ३ दिने रविवारे उकेशवंशे लोढागोत्रे संघवी डाहा भार्या तेजलदे पुत्र सं० रायमल्ल भार्या रङ्गादे पुत्र सं० जयवंत भीमराज तयोर्भगिनी सुश्राविका वीरी नाम्न्या स्वश्रेयसे श्रीअजितनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीचतुर्विंशतिजिननामधेयं ... श्रीबृहत्खरतरगच्छे श्रीजिनदेवसूरितत्पट्टे श्रीजिनसिंहसूरि-पट्टालङ्कार-विजयमानश्रीश्रीजिनचन्द्रसूरिभिः सकलसंघेन पूज्यमानं आचन्द्राकं नन्दतात् शुभंभवतु ॥ (१०७०) जिनकुशलसूरिपादुका ॥सं १६५६ वर्षे ज्येष्ठ सुदि द्वादशी दिने शनिवारे श्रीसंग्रामपुरे श्रीमानसिंहविजयराज्ये खरतरगच्छे युगप्रधान-श्रीजिनचन्द्रसूरिविजयराज्ये महामंत्रिणा करमचन्द्रेण श्रीसंघेनापि श्रीजिनकुशलसूरिपादुका कारिता प्रतिष्ठितं वाचनाचार्य श्रीयशःकुशलैश्च सर्वसंघस्य कल्याणाय भवतु शुभम् । (१०७१) ॥ सं० १६५७ वर्षे पो० शु० ४ बुधे श्री........ कारितंप्र० तपागच्छे जहांगीरमहातपाविरुदधारिभ० श्रीविजयदेवसूरिभिः।। १०६७ अजमेर म्युजियम १०६८ अजमेर म्युजियम १०६६ मेडतासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर १०७० सांगानेर दादावाड़ी १०७१ मेडतासिटी धर्मनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: [ ले० १०७२ - १०७७ (१०७२) पार्श्वनाथ - एकतीर्थीः सं० १६५८ व० मीती आ० ० ५ सि० श्रीमूलसंघे सीडाल प्रति उप । ( १८४ ) (२०७३) पार्श्वनाथ - एकतीर्थीः सं० १६५८ वर्षे आपाढ व० १० रवौ श्रीमूलसंघे भ० चन्द्रकीर्त्ति खंडेलवाल बाकल बाला सा० राम पु० ४ ईगा बला मेहा राणा पुत्र श्रीवंत नित्यं । (२०७४) अजितनाथ पञ्चतीर्थीः संवत् १६५८ वर्षे माह सुदि ५ सोमे श्रीसुधर्मगच्छे भ० श्रीषिनयकीतिसूर (रि), नामादिसेन श्रीमाल० नायरण वीरपाल श्री अजितनाथबिंबं । ( १०७५) कुन्थुनाथ- पञ्चतीर्थी: संवत् १६६० वर्षे वै० शु० १३ दि० सो० मांडण तत्पुत्री वीनू सुराईना कुन्थुनाथबिंबे का० प० "नयविजय प्रतिष्ठित च भ० श्रीविजयसेनसूरि तपा० । (१०७६) जिनकुशल सूरि पादुका संवत् १६६० वर्षे माह सुदि १३ दिने प्र० । बृहत्खरतरगच्छे युगप्रधान श्री जिनचन्द्रसूरिविजयराज्य श्रीजिनकुशलसूरिपादु के प्रतिष्ठितं कनकसोमेन गाधीमरधान कारिते पादुके ।" (१०७७) शान्तिमाथ: - संवत् १६६१ वर्षे वैशाख वदि ८ सोमे ओसवालज्ञातीय लोढा"गोत्रे सं० खींवराज पुत्र पेमराज त० चांपसी मदनसी गोसा प्रमुखपुत्रतेन श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनदेवसूरिपट्टे श्रीजिनसिंहसूरि-पट्टालङ्कार - श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ श्रीमेडतानगरे | २०७२ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर २०७३ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर १०७४ भैंसरोडगढ़ ऋषभदेव मन्दिर १०७५ किसनगढ़ शान्तिनाथ मन्दिर । १०७६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर १०७७ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०७८-१०८० प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१८५) (१०७८) मूलनायक-पद्मासने । संवत् १६६१ वर्षे . ० ० . . . . . श्रीमेडतानगरे श्रीबृहत्खरतरगच्छे भ० श्रीश्रीजिनमाणिक्यसूरिपट्टप्रभाकरैः। श्रीअकब्बरसाहिप्रदत्तयुगप्रधानपदप्रवरैः । प्रतिवर्षाषाढाद्याष्टाह्निकादिषाण्मासिकामारिप्रवर्तकैः। श्रीस्तंभतीर्थीय' . . . . . . . . 'मीनादिजीवरक्षकैः । श्रीशत्रुञ्जयादितीर्थकरमोचकैः। सर्वत्रगोरक्षाकारकैः । पञ्चनदीपीरसाधकैः । युगप्रधान-श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः । आचार्य श्रीजिनसिंहसूरिसूरिः। श्रीसमयराजोपाध्यायः ।। वा० हंसप्रमोद वा० समयसुन्दर वा० पुण्यप्रधानादिसाधुयुतैः ।। सिंहासनोपरि ॥ ॐ ॥ श्रीसंघेन । प्रतिष्ठितं श्रीश्रीबृहद्खरतरगच्छैः ॥ श्रीजिनमाणिक्यसूरिपट्टपूर्वाचलसहस्रकरावतार-श्रीअकब्बरपातिसाहिप्रतिबोधक । श्रीशत्रुञ्जयादितार्थकरमोचक । सर्वमण्डल । षण्मासजीवदयाप्रतिपालक' ....... - 'निमन्त्रनिराकरण-युगप्रधानविरुदधारक । भट्टारकप्रधान श्रीश्रीश्रीश्रीश्रीजिनचन्द्रसूरिभिः सश्रीजिनसिंहसूरिभिः ।। श्रीचतुर्विध श्रीसंघयुतैः ।। शा० ... 'णी कुञ्जरवादि हर्षनन्दनगणिना ।। (१०७६) परिकरे ॥ॐ ॥ संवत् १६६६ वर्षे शाके १५३४ ॥ मार्गशीर्ष मासे ॥ श्रीपातिसाही नूरदीन अहल्लं जहांगीर विजयिराज्ये । श्रीमेडतामहाकोटः ।। महाराजाधिराज महाराज श्रीसूर्यसिंहजी महाराजकुमर श्रीगजसिंहजी । राजश्री गोविन्ददासजी वचनात् ।। श्री ।।............ . . . . . . . . . . 'गोलवेच्छागोत्रीय । सा० देवसी तत्पुत्र सा० रायमल्ल तत्पुत्र सा० कल्ला सा० अमरसी तत्पुत्र सा० खेता पौत्र सा० राजसी सा० नरसिंघ । रायसिंघ उदयसिंघ वल्लभराजा नारायणादिसत्परिवारयुतेन । श्रीवासुपूज्यनाथ निजन्यायोपार्जितदेवद्रव्येन । परिकरेण प्रतिष्ठापिता॥ (१०८०) नमिनाथः ॥ संवत् १६६१ वर्षे । श्रीबृहत्खरतरगच्छे । प्रतिवर्षषाण्मासिकाभयदानदायकैः सकलगौरक्षाकारकैः श्रीशत्रुञ्जयमहातीर्थकरनिवारकैः पश्चनदीपतिपीरसाधकैः । युगप्रधान-श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः । आ० श्रीजिनसिंहसरि श्रीसमयराजोपाध्याय-प्रमुखपाठक-वाचक-साधुयुतैः । प्रतिष्ठितं का० नमिजिनबिंबं.................. . . . . 'मं० सूदौदेव्या श्रेयः ॥ वा० पुण्यप्रधानगणिभिलिखितम् ।। १०७८ मेड़तासिटी वासुपूज्य मन्दिर . . . . १०७६ १०८० " " नाथ मन्दिर , , कुन्युनाव न For Personal & Private Use Only Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१८६) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रह. [ले० १०८१-१०८५ (१०८१) मूलनायकः ॥ संवत् १६६२ वर्षे चैत्र वदि सप्तमी ................ भार्या सिङ्गारदे श्राविकया पुत्र कुमर । जगड। चोला । अम्मू प्रमुख....... .......... · सुमतिबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं ।। महाराजाधिराज महाराज श्रीरायसिंहजी विजयराज्ये । श्रीसाहिदत्तयुगप्रधानविरुदैः आषाढामारिपाण्मासिकजीवाभयदायकैः श्रीजिनमाणिक्यसूरिपट्ट युगप्रधान-श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ वा० पुण्यप्रधानो नौति ।। (१०८२) संभवनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १६६३ वर्षे वैशाख सुदि ११ सोमे श्रीश्रीमालज्ञातीय सा० खीमा सुत सा० वजराज भार्या चुथा सुत रूपा सहितेन समस्त-कुटुम्बसहितेन श्री ५ श्रीजीवरत्नसूरि तत्प? श्री ६ श्रीतेजरत्नसूरिणा उपदेशेन श्रीसंभवनाथबिंब कारितं आत्मश्रेयोथें ।। आञ्चलगच्छे । (१०८३) नमिनाथः ॥सं० १६६४ वर्षे भा० वदि १ दिने उसवालज्ञातीय प्रामेचागोत्रे सं० जेता तद्भार्या नवरंगदे पुत्र सं० हर्षा तद्भार्या मीरादे तत्पुत्र सं० जयवंत भार्या सोहागदे नाम्न्या श्रीनमिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे जहांगीरमहातपाविरुदधारि भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (१०८४) अनन्तयन्त्रम् संवत् १६६५ वर्षे चैत्र वदि गुरौ श्रीकाष्ठासंघे भ० श्रीविश्वसेन भ० श्रीविद्याभूषण तत्पट्टे भ० श्रीभूषण प्रतिष्ठितं परवेसईगोत्रे हुंबडज्ञातीय को० लखमा भार्या मानादे सुत हेमा भा० हमीरदे सुत राजपाल नित्यं प्रणमति । सागवाड । ग्रामे । अनन्तयन्त्र प्रणमति । १ (१०८५) अजितनाथ-पञ्चतीर्थीः ॥ संवत् १६६५ वर्षे माह वदि , गुरुवारे ओसवाज्ञातीय बहुरागोत्रे धाडीवालशाखायां सा० वीदा भा० विमलादे पुत्र सा० राजसी नाम्ना भा० रङ्गादे पुत्र होला हांसा वच्छा धन्ना पौत्र सपरिकरेण श्रीअजितनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्खरतरगच्छे आद्यपक्षी श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः शुभम्भवतु। १०८१ जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर १०८२ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर १०८३ मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर १०८४ गागरडू आदीश्वर मन्दिर १०८५ जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८६-१०६१] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१८७) (१०८६) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १६६७ माघ कृ० ६ कठियारागोत्रे सा० राथडी पुत्र सा० विवेक.......... ... ... ......... पार्श्वनाथबिं० का० प्र० तपा० भ० श्रीविजयसेनसूरिभिः ।। (१०८७) श्रेयांसनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १६६७ माघ कृ०६ कठियालगोत्रे सा० राथडी पुत्र सा० विवेक..........................." श्रेयांसनाथबिं० का० प्र० तपा० भ० श्रीविजय. सेनसूरिभिः॥ (१०८८) मूलनायकः ॥सं० १६६७ व० माघ सि० ६ उ० ज्ञा० ल० गो० सं० होला पुत्र सं० सूरण पुत्र सं० धणपाल भार्या वाल्हादेव्या श्रीविमलनाथबिंब तपागच्छे भ० श्रीविजयहीरसूरिपट्टधर-श्रीविजयसेनसूरिभिः ।। श्रीआगरानगरवास्तव्य-कारिता। (१०८६) मूलनायकः ॥ संवत् १६६७ वर्षे फा० ० ६ गुरौ... 'ओसवालज्ञातीय देहापली'... ' 'उजना भा० सिंगारु पु० सा० गोवल भा० गोवलदेव्या श्रीमल्लिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीविजयगच्छे श्रीगुणसागरसूरिभिः ॥ (१०६०) मूलनायकः संवत् १६६७ वर्षे फा० कृ०६ गुरौ आगरानगरवास्तव्य श्रीमालज्ञातीय'. . . . . . 'सा० सामीदास पुत्र सा० मानसिंघ भार्या मनरङ्गदेव्या श्रीसुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीविजयगच्छे भट्टारक-श्रीगुणसागरसूरिभिः॥ (१०६१) शान्तिनाथः संवत् १६६७ वर्षे फागुन कृष्णा ६ गुरौ श्रीआगरानगरवास्तव्य श्रीमालज्ञातीय पारेसाणीगोत्रे सा० सामीदास भार्या बून्दी पुत्र सा० मानसिंहेन भार्या मनरङ्गदे पुत्र साह नन्दीदास द्वितीय सोमदासादिप्रभृतिकुटुम्बयुतेन श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीविजयगच्छे श्रीभट्टारक श्रीसुभद्रसागरसूरीश्वरैः। १०८६ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर १०८७ , , , , १०८८ सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर १०८६ वजीरपुर मल्लिनाथ मन्दिर १०६० बामणवास सुमतिनाथ मन्दिर १०६१ हिन्डोन श्रेयांसनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१८८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० १०६२-१०६५ (१०६२) मूलनायकः ॥ संवत् १६६७ फागुन कृष्णा ६ गुरौ ....... 'उसवालज्ञातीय दूगडगोत्रे सा० सालिग पुत्र साह राजपाल पुत्र सा० खीमाकेन भार्या कुशलदे पुत्र गिरिधर सा० मानसिंघयुतेन श्रीश्रेयांसनाथबिंब कारितं प्र० नागौरी तपागच्छे श्रीचन्द्रकीर्तिसूरिपटटे श्रीसोमकीर्तिसूरिपट्टे श्रीदेवकीर्तिसूरि श्रीअमर............॥ प्रतिष्ठितं नागौरी तपागच्छे श्रीआगरानगरे मानसिंहेन लिपीकृतं ॥ (१०६३) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १६६७ व० फा०व० गहिलडागो० सा० टोडर जसाकोरुकेन श्रीपार्श्वनाथबिब कारितं प्र० तपा० श्रीविजयसेनसूरिभिः । (१०६४) पद्मप्रभः । सं० १६६६ वर्षे आषाढ मासे . . . . . 'गुरुवारे.......... श्रीओसवालज्ञातीय लोढागोत्रे सं० डाहा भार्या तेजलदे पुत्र रायमल्ल भार्या रङ्गादे पुत्र............. भीमराज धारावत भार्या जशवंतदे' ........ ........"पु० सं० आसराज पुत्रयुतेन श्रीपद्मप्रभबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनदेवसूरिपट्टे श्रीजिनसिंहसूरिपट्टालङ्कार-श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः . . . . . . । (१०६५) शान्तिनाथः ॥संवत् १६६६ वर्षे माह सुदि ५ दिने शुक्रवारे महाराजाधिराज महाराज श्रीसूर्यसिंहजी विजयिराज्ये उसवालज्ञातीय लोढागोत्रे संघवी डाहा तत्पुत्र सं० रायमल्ल भार्या रङ्गादे तत्पुत्र सं० लाखाकेन भार्या लाडिमदे पुत्र वस्तुपाल सहितेन श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्खरतरगच्छे श्रीआद्यपक्षीय श्रीजिनसमुद्रसूरिपट्टे श्रीजिनदेवसूरिपट्टे श्रीजिनसिंहसूरिपट्टालङ्कार-श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। शुभंभवतु ।। छः ॥ श्रीः ॥ १०६२ हिन्डोन श्रेयांसनाथ मन्दिर १०६३ नागोर मुकनसुन्दरजी का उपाश्रय १०६४ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर १०६५ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६६- ११०० ] प्रतिष्ठा - लेख - संग्रह: (१६) (१०६६) मूलनायकः ॥ संवत् १६६६ वर्षे माह सुदि ७ शुक्रवारे महाराजाधिराज श्रीसूर्यसिंहजी विजयराज्ये श्रीउपकेशज्ञातीय लोढागोत्रे सा० डाहा तत्पुत्र सं० रायमल्ल भार्या रङ्गादेतत्पुत्र सं० भीमाकेन भार्या लाडिमदे || पुत्र वस्तुपाल युतेन श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमद्बृहत्खरतरगच्छे श्रीश्राद्यपक्षीय श्रीजिनसमुद्रसूरिपट्टालङ्कार श्रीजिनदेवसूरितत्पट्टालङ्कार श्रीजिनसिंहसूरितत्पट्टोदयाद्रिशृङ्गभानु-श्रीजिनचंद्रसूरिभिः ॥ शुभं भवतु । (२०६७) सुमतिनाथ - पञ्चतीर्थीः परिकरे संवत् १६७० वर्षे वैशाख सित पंचमी तिथौ सोमवासरे स्तम्भतीर्थवास्तव्य ऊकेशज्ञातीय वृद्धशाखीय देसलहरागोत्रीय सा० श्रीमल्ल नाम्ना भ्रातृव्य सा० सोमा तत्सुत सूरजी रामजी प्रमुखकुटुम्बयुतेन श्रीसुमतिनाथ परिकरः कारितः प्रतिष्ठिश्च तपागच्छे श्री कब्बरसुरत्राणषाण्मासिकजंतुजाता भयदान - श्रीशत्रुञ्जयादितीर्थकर मोचनस्फुर मान्प्रदानप्रभृति- बहुमान भ० श्रीहीरविजयसूरिपट्टालङ्कार श्री कब्बरपरि पल्लब्धजयवाद भ० श्रीविजयसेनसूरिभिः । (१०८) संभवनाथ - एकतीर्थीः सं० १६७० वर्षे सावण व० श्रीसंभवबिं० का० प्र० तपागच्छे श्रीविजय सेनसूरि । (२०६६) यु० जिनचन्द्रसूरिपादुका ॥ संवत् १६७० वर्षे मार्गशीर्ष सुदि १० दिने । श्रीजैसलमेरु संघेन कारिते । पा० सवाईयुगप्रधान - श्रीजिनचंद्रसूरिणा प्र० श्रीजिनसिंहसूरिभिः ॥ (११००) सुपार्श्वनाथ: ।। संवत् १६७१ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनौ रोहिणी नक्षत्रे आगरावास्तव्योशवालज्ञातीय लोढागोत्रे गावंसे सा० पेमल भार्या सक्तादे पुत्र सा० खेतसी-नेतसीकाभ्यां स्वपितृयु० श्रीमदंचलगच्छे पूज्यश्रीकल्याणसागरसूरीणामुपदेशेन श्रीसुपासजिनबिंबं प्रतिष्ठापितं । २०६६ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर १०६७ जयपुर प्रतापमलजी ढढ्ढा गृहदेरासर २०६८ अजमेर संभवनाथ मन्दिर १०६६ मेड़तासिटी शान्तिनाथ मन्दिर ११०० जयपुर सुपार्श्वनाथ मन्दिर. मूलानायक For Personal & Private Use Only Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१६०) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ११०१-११०६ (११०१). . . . . . . . 'पञ्चतीर्थीः ॥ श्रीमत्संवत् १६७१ वर्षे वैशाख शुदि ३ शनौ रोहिणीनक्षत्रे श्रीआगरा वास्तव्योपकेशज्ञातीय लोढागोत्रे से० सं०. . . . . . 'रेष भा० रिषश्री तत्पुत्र सं० कुरपाल-सोनपालैः सु० कुरपाल सुत सं० दुर्गादास भा० सीला नका रथा तिणी श्रा० कपूरा पूजार्थं श्रीअंचलगच्छे पूज्यश्री ५ श्रीकल्याणसागरसूरीश्वरपट्टालङ्कार श्रीमुनि .....। (११०२) . . . . . . . . 'पञ्चतीर्थीः सं० १६७१ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनी कांकरीयागोत्रे सा० रणधीर भार्या यादोकया श्रीअञ्चलगच्छे भ० श्री ५ श्रीकल्याणसागरसरीणामुपदेशेन सम० प्रति०। (११०३) सुमतिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १६७२ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ५ शुक्र मालपुरवास्तव्य श्रीमालज्ञा. तीय वृद्धशाखायां सिंघडगोत्रीय सा० गौडीदास भार्या कस्तूरी सुतेन सा० साहिमल्ल नाम्ना स्वश्रेयसे श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीपत्तने सुविहित तपा० भ० श्रीविजयसेनसूरिपट्टे श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११०४) ॥ संवत् १६७२ वर्षे फाल्गुन सित २ तिथौ शुक्रवारे मुहुतागोत्रे सं० चन्देन कनक सुनंदेन पुत्र देदा युतेन श्रीबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीचन्दकाले श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसिंहसरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ।। सं० श्रीरङ्ग पुत्र्या शा० कुसुम्भाबाई॥ (११०५) चन्द्रप्रभः ॥ संवत् १६७२ वर्षे फाल्गुन सित २ तिथौ गुरुवासरे श्रीमेडतानगरे लोढागोत्रे रायमल्ल पुत्र आयल तत्पुत्र सं० कुंअर भार्या कनकादेव्या चन्द्रप्रभुबिंबं । (११०६) महावीरः ॥ सं० १७७२ वर्षे फागुण सुदि ........ ...........श्रीमहावीरबिंवं कारितं प्रतिष्ठितं.... श्रीवृहत्खरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ ११०१ अजमेर गौडीपार्श्वनाथ मन्दिर ११०२ जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर ११०३ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर ११०४ मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ११०५ जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर घाट, ११०६ मेड़तासिटी उप. ग. शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११०७-११११ ] प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: (११०७) शिलापट्टप्रशस्तिः [१] ॥ ॐ॥ संवत् १६७२ वर्षे तपागच्छाधिराज भट्टारक श्री ५ विजयसेनसूरीश्वराणां आचार्यश्री ५ विजयदेवसूरिप्रभृति [२] साधुप्रसेवितचरणारविन्दानां विजयमानराज्ये पातिसाह श्रीकबरप्रदापितोपाध्याय पदधारक श्रीशत्र ञ्जयकरमो [३] चनाद्यनेकसुत्तमकारक महोपाध्याय श्री भानुचन्द्रगणिमुपदेशात् ६ अष्टोत्तरशतावधान साधनप्रमुदितपातिसाह्श्रीअकबर [४] प्रदत्त शेषकरमखी (?) पं० । सिद्धिचन्द्राणां चैत्यभूमिग्रहणादिमहोत्सवेन सा० का ० मालपुरा श्रीसंघेन श्रीचन्द्रप्रभप्रसाद कारिता लि लब्धिचन्द्रगणिना । सूत्रधार । परसा । (११०) महावीर : ।। संवत् १६७४ वर्षे मा० ० १ गु० पु० चो० वर्द्धमान ह० चंद भावदे सं० पूनेन श्रीमहावीर जिनबिंबं कारितं प्र० तपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः || ( १९०६) पार्श्वनाथ: || संवत् १६७४ वर्षे मा० वदि १ दिने गुरु पु० ओसवालज्ञाती० चोरडिआगोत्रे सं० सिंघा भार्या नवलादे तत्पुत्र सं० प्रतापसी भार्या पूनम दे तत्पुत्र आसकरण जयकरण प्र० परिकरेण श्रीपार्श्वनाथ जनबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे महाहमीर ( जहांगीर महा) तपाविरुधारक भट्टारकपुरंदर भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ (१९१०) सुमतिनाथ: सं० १६७४ व० मा० १ मं० अरदास भार्या राजलदे तत्पुत्र मं० राजा भा० रङ्गादे नाम्न्या श्रीसुमतिनाथबिंबं का० प्रतिष्ठितं जहांगीर महा श्रीविजयदेवसूरिभिः || ( १११ ) (११११) वासुपूज्यः ।। सं० १६७४ वर्षे माघ वदि १ दिने गुरुवासरे सा० खेताकेन श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं जहांगीरमहातपागच्छे भट्टारिक श्री १०५ श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। ११०७ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ११०८ नागोर बड़ा मन्दिर "" १२०६ " १११० मेड़तासिटी कुंथुनाथ मन्दिर ११११ मेड़तासिटी वासुपूज्य मन्दिर " For Personal & Private Use Only Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१६२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० १०१२-१०१७ (१११२) सं० १६७४ माह वद १ दिने उसवालज्ञातीय प्रामेचागोत्रे सं० नेता भार्या नवरंगदे तत्पुत्र संघवी हर्षा भार्या हीरादे पुत्र सं० जीवा भार्या रङ्गादे नाम्न्या सं० जिणदास पु० प्रईसर युक्तया का० प्रतिष्ठितं जहांगीरमहातपा भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ (१११३) शान्तिनाथः संवत् १६७४ व० मा० व० १ सं० सुरताण भार्या सोभागदे..... मुक्तया श्रीशान्तिनाथबिंबं का० प्र० तपा० श्रीविजयदेवसूरिभिः । (१११४) आदिनाथः ॥ संवत् १६७४ वर्षे मा० सु० ६ दि० गुरु पुष्ययोगे उपकेशज्ञातीय सुराणागोत्रे सा० रायसिंघ पु० रायचन्देन स्वश्रेयोथै श्रीआदिनाथबिंबं कारतं प्र० तपागच्छे गुरुजहांगीरतपाविरुदधारक-भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः । (१११५) सुविधिनाथः संवत् १६७४ मा० व० १ दि० उप.......'लाडाला० स्वश्रेयसे श्रीसुविधिबिंबं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (१११६) मूलनायकः ॥संवत् १६७४ वर्षे माघ वदि १ दिने गुरु पुष्ययोगे श्रीश्रीजहांगीरपातिसाहसलेमसाहिविजयवंतराज्ये उसवालज्ञातीय उच्छित्तवालगोत्रे सं० सहसवीर तत्पुत्र सं० समरा भार्या संगतादे तत्पुत्र सं० नींबा भार्या नवलादे तत्पुत्र सं० रायरत्न भा० के लाडिमदे सं० मूला भार्या महिमादे मं० रायमल्ल पुत्र वच्छराज महाबल सं० मूला पुत्र वर्द्धमान रामजी सपरिकरेण श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं श्रेयोथे प्रतिष्ठितं श्रीजगद्गुरु ...... विरुदधारी हीरविजयसूरितत्पट्टालङ्कार श्रीविजयसेनसूरि० ज...... (१११७) मूलनायकः संवत् १६७४ वर्ष माघ वदि ६ दिने गुरु पुष्ययोगे ओसवालज्ञातीय चोरडियागोत्रे सा० सिंघा भार्या नवलादे तत्पुत्र नगदास भार्या भरमादे नाम्ना श्रीनमिनाथविंबं का० प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः। १११२ मेड़तासिटी महावीर मन्दिर , उप० ग० शान्तिनाथ मन्दिर १११४ नागोर चौसठिया जी का मन्दिर. मूलनायक १११५ ,, ,, ,, , , १११६. खजवाना धर्मनाथ मन्दिर. मूलनायक १११७ जयपुर पार्श्वचन्द्रगच्छीय उपाश्रय. मूलनायक १११३ ,, . ". For Personal & Private Use Only Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १११८-११२३] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१६३) __(१११८) सुविधिनाथः ॥ संवत् १६७४ वर्षे मा० व० १ दिने गुरु पुष्ययोगे सं० देवदत्त........'गोत्रे सं० देवसी .................श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः॥ (१११६) मुनिसुव्रतः ॥संवत् १६७४ वर्षे माह वदि १ दिने गुरु पुष्ययोगे ओसवालज्ञातीय चोरडिआगोत्रे सं० पोहू पुत्र देवदत्त तत्पुत्र सं० सोमल भार्या सोभागदे नाम्नी श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे जहांगीरमहातपाविरुदधारक भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११२०) शान्तिनाथः ॥संवत् १६७४ वर्षे माह वदि १ दिने गुरु पुष्ययोगे ओसवालज्ञातीय चोरडिअागोत्रे सा० देवदत्त भार्या नीबारदे तत्पुत्र भोजा भार्या भोजलदे नाम्नी श्रीशान्तिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ (११२१) सुमतिनाथः । संवत् १६७४ वर्षे माह वदि १ दिने ललवाणीगोत्रे सा० नानिगकेन कारितं श्रीसुमतिनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११२२) सुपार्श्वनाथः । ॥सं० १६७४ वर्षे मा० ५० १ गुरु पुष्ययोगे उ० चोरडिआगो. सं० पोहू भा० देवलदे पुत्र सं० वीरदास भाः वीरादे श्रीसुपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११२३) नमिनाथः ॥ संवत् १६७४ वर्षे माह वदि १ दिने गुरु पुष्ययोगे ओसवालज्ञातीय चोरडिआगोत्रे..................... 'दे नाम्नी श्रीनमिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। १११८ नागोर बड़ा मन्दिर १११६ , " " ११२० ., " " ११२१ ,, ११२२ , , ११२३ ,, " : For Personal & Private Use Only Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १६४ ) प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: सूरिभिः । (११२४) सं० १६७४ वैशाख वदि १ दिने || तपागच्छ भट्टारक श्रीविजयदेव (११२५) मूलनायक. राजाधिराज श्रीरायसिंहजी राज्ये ॥ श्रीजिनमाणिक्यसूरिपट्टे युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः शिष्य आचार्य श्रीजिनसिंहरि - श्रीसमयराजोपाध्याय वा० पुण्यप्रधान प्र० स० युतैः । (११२६) यु० जिनसिंहसूरिपादुका ।। संवत् १६७५ वर्षे माघ बदि १३ रवौ बृहद् खरतरगच्छाधीश्वर - युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रसूरि शिष्य श्रीजिनसिंह सूरिपादुके श्रीसंघेन कारिते । प्रतिष्ठिते । श्री जिनसागरसूरिभिः ॥ [ ले ११२४-११२८ C (११२७) मूलनायकः ॥ संवत् १६७७ वर्षे | वैशाखमासे शुक्लपक्षे तृतीयातिथौ शनि रोहिणीयोगे श्रीमेडतानगरवास्तव्य श्रीमालज्ञातीय पाताणीगोत्रीय सं भोजा भार्या भोजलदे पुत्रेण संघपति खेतसीकेन स्वभा० चतुरङ्गदे पुत्र गरसी प्रमुखकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे स्वकारितं रङ्गदुत्तंगशिखरबद्ध श्रीऋप्रभदेवविहारमण्डनं सपरिकरं श्री आदिनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठापितं च तपागच्छे श्रीमदकब्बर साहिप्रतिबोधक श्रीशत्रु ञ्जयादिकरमोचक भट्टारक श्रीहीरविजयसूरिराजपट्टोदयपर्वत सहस्रकिरणायमान युगप्रधान भट्टारक श्रीविजयसेनसूरिपद्मप्रभावक श्री जहांगीर साहिप्रदत्त श्री जहांगीरमहातपाविरुदधारक श्रीमहावीर तीर्थकर प्रतिष्ठित श्री सुधर्मस्वामिपट्टधरसकल सुविहितसू रिसभाशृङ्गारभट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ (१९२८) महावीरः || सं० १६७७ वर्ष वैशाखमासे शुक्लपक्षे तृतीयायां तिथौ शनि रोहिणियोगे साहिश्री जहांगीरविजयमानराज्ये श्री मेडतानगरवास्तव्य श्रीमालज्ञातीय पाताखीगोत्रीय संघपति खेतसी भार्या चतुरङ्गदे नाम्न्या श्रीमहावीरबिंवं कारितं प्रतिष्ठापितं च स्वप्रतिष्ठायां प्रतिष्ठितं च श्रीतपागच्छे श्रीमदकच्चरसुरत्राणप्रदत्तजगद्गुरुविरुदधारक षण्मासाभयदान ११२४ नागोर हीरावाड़ी आदिनाथ मन्दिर, ११२५ सांगानेर चन्द्रप्रभ मन्दिर मूलनायक ११२६ मेड़तासिटी शान्तिनाथ मन्दिर ११२७ मेड़तासिटी आदिनाथ मन्दिर ११२८ " For Personal & Private Use Only i Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११२६-११३० ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: ( १६५ ) प्रवर्तक श्रीशत्रुञ्जय जगाति - जीजी आदिकरमोचक भट्टारकप्रभुश्री ५ श्रीहीरविजयसूरि राजपट्टो इयपर्वतसहस्रकिरणायमान साहिश्री कन्वरसुरत्रारणसभालब्धविजयलक्ष्मी सन्मान युगप्रधानसमान सकलसूरि सामन्तचक्रसार्थभोमोपमान भट्टारक श्री श्री श्री श्री श्री श्री विजय सेन सूरीश्वरपट्टप्रभावक श्रीम ण्डपाचले श्रीदीपालिकापर्वणि श्रीमद्जहांगीर साहिप्रदत्त श्रीजहांगीरमहातपाविरुदधारक श्रीमन्महावीरतीर्थंकर प्रतिष्ठितं श्रीसुधर्मस्वामिपट्टपरंपरानुक्रम-परिपाटी प्रौढ सकल सुविहितसूरि सभा शृङ्गारभट्टारक श्री ५ श्रीविजयदेवसूरीश्वरैः !! (११२६) अजितनाथ: प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारक श्री ५ श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ संवत् १६७७ वर्षे वैशाख सुदि ३ दिने । शनौ । श्रीबृहत्खरतरगच्छे श्रीमेडतानगरे | श्रीमालज्ञातीय चंडालियागोत्रे । टङ्कशालीय नखसातृ श्रीमल्ल पुत्र पास । पद्दू । पासु पुत्र सुखु पद्दू पुत्र कल्ला सुखू पुत्र वीरदासेन कल्ला पुत्र रायसिंह वीरदास पुत्र सुजा पञ्चायण जिरणदास प्रमुखपुत्रपौत्रादिपरिवारसहितेन श्रीअजितनाथविंवं कारितं श्रीखरतरगच्छाधीश श्रीजिनमाणिक्यसूरितत्पट्टपूर्वाचल सहस्रकरावतार युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रसूरिपट्टप्रभाकर श्रीजिनसिंहरिपद्मप्रभाकर वर्तमानभट्टारक श्रीजिनराजसूरिविजयराज्ये ० श्री जिनसागरसूरि यौवराज्ये || श्रीरस्तु || आचंद्रार्क चिरं नन्दतु ॥ श्रीः || (१९३०) महावीर: ।। संवत् १६७७ वर्षे वैशाखमासे शुक्लपक्षे तृतीयायां तिथौ शनि रोहिणीयोगे साहिश्री जहांगीरविजयमानराज्ये श्रीमेडतानगरवास्तव्य श्रीमालज्ञातीय मुसल गोत्रीय सा० छाजू भा० कुसुमा पुत्र सा० सींह मल्लकेन भार्या सुखमल्लदे पुत्र सामीदास नेमीदास सुन्दरदास प्रमुखपरिवारवृत्तेन स्वश्रेयसे श्रीमहावीरविंवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीमदकच्चरसुरत्रारणप्रदत्तजगद्गुरुविरुधारक श्रीशत्र जयाष्टमोद्धारक भट्टारकश्री ५ श्रीहीर विजयसूरिराजपटोदय पर्वतसहस्रकिरणायमान युगप्रधान भट्टारक श्री ४ श्रीविजय सेन सूरीश्वरपट्टप्रभावक महातपाविरुद्धारि सकलज्ञातिसुविहितसूरिसभाशृङ्गार भट्टारक श्री ५ श्रीविजयदेवसूरिराज्यैः || ११२६ मेड़तासिटी आदिनाथ मन्दिर ११३० 97 99 ५१ For Personal & Private Use Only Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ११३१-११३४ (११३१) धर्मनाथः ॥ संवत् १६७७ वर्षे वैशाखमासे शुक्लपक्षे तृतीयायां तिथौ शनि रोहिणीयोगे साहिश्रीजहांगीर विजयमानराज्ये मेडतानगरवास्तव्य उसवालज्ञातीय बुहरागोत्रीय सा० जयवन्त भा० जयवन्तदे पुत्र सा० दासराज मा० वदरङ्गदे पुत्र सा० पुना सा० चांपसीकेन स्वभार्या चांपलदे पुत्र लच्छी प्रमुखपरिवारपरिवृत्तेन श्रीधर्मनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीमदकब्बरसुरत्राणप्रदत्तजगद्गुरु भट्टारक श्रीशत्रुञ्जया " ... .. ... ...... 'श्री ५श्रीहीरविजयसूरि............... - श्रीविजयसेनसूरिपट्टप्रभावक...... ... ... जहांगीरप्रदत्तमहातपाविरुधारक ..... . . . . . . .... श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११३२) सुमतिनाथः प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। स्वस्तिश्रीः ।। संवत् १६७७ वर्ष वैशाख सित ३ तिथौ सार्वभौमजहांगीरपातिसाहिविजयिराज्ये उसवालज्ञातीय चोरबेडियागोत्रे सा० खिबुधा सा० जाल्हा पु० दत्ता पु० डूङ्गरसी भा० डूङ्गरदे पुत्र नेतसी भार्या नवरङ्गदे द्वि० नवलादे भ्रा० जीवराज भूपति भाण नैतसी पुत्र जयवन्त प्रमुखपरिवारयुतेन श्रीसु. मतिनाथपिंत्र कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्खरतरगच्छे अाद्यपक्षीय भट्टारक श्रीजिनचन्द्रसूरिपट्टे....... (११३३) धर्मनाथः संवत् १६७७ वर्ष वैशाख मासे शुक्लपक्षे अक्षत ३ दिने श्रीमेडतानगरवास्तव्य उसधालज्ञातीय सं० जीवा भार्या यशोदानाम्न्या श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छाधिराजभट्टारक श्रीश्रीश्रीश्रीश्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११३४) सुमतिनाथ: ॥ खरतरगच्छे श्रीजिनकुशलसूरिः ॥ संवत् १६७७ वर्ष वैशाखमासे अक्षयतृतीया दिने शनि रोहिणीयोगे मेडतानगरवास्तव्य श्रीमालज्ञातीय पाताणीगोत्रीय सा० हेमा भार्या धूरी तत्पुत्ररत्न बोहित्थेन सुत रागदास सपरिवारयुतेन श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छाधिराज भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। ११३१ मेड़तासिटी आदिनाथ मन्दिर ११३२ ११३४ , ' For Personal & Private Use Only Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११३५-११३६] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (१६७) (११३५) वर्द्धमानः ॥ संवत् १६७७ वर्षे वैशाखमासे शुक्लपक्षे तृतीयायां तिथौ शनि रोहिणीयोगे श्रीमालज्ञातीय बहकटागोत्रीय सा० राजपाल भा० राजलदे पुत्र नेमिदास भा० चंपू नाम्नी श्रीमहावीरबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे भट्टारकप्रभुश्री ५ श्रीविजयसेनसूरीश्वरपट्टप्रभाकर श्रीमद्जहांगीरसाहिप्रदत्तश्रीजहांगीरमहातपाविरुदधारक सकलसुविहितसूरिसभाशृङ्गारसंरक्षक श्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्रीविजयदेवसूरिराजैः ।। श्रीः ।। (११३६) मुनिसुव्रतः ॥ संवत् १६७७ वर्षे वैशाखमासे अक्षयतृतीया दिवसे श्रीमेडतावास्तव्य उ० ज्ञा समदडीआगोत्रीय सा० मना भा० महिमादे पुत्र सा० रामाकेन भ्रातृ रायमलछान भा० केसरदे पुत्र जयदत्त सा० लखमीदास प्रमुखकुटुम्बयुतेन श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का० प्र० तपागच्छे भट्टारकश्री ५ श्रीविजयसेनसूरिपट्टालङ्कार भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११३७) मुनिसुव्रतः । संवत १६७७ वर्ष अक्षततृतीयादिने शनि रोहिणियोगे मेडतानगरवास्तव्य सा० लाखा भा० सरुपदे नाम्न्या श्रीमुनिसुव्रतबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं भट्टारक श्रीविजयसेनसूरीश्वरपट्टप्रभाकर जहांगरमहातपाविरुदविख्यात युगप्रधानसमान सकलसुविहितसूरिसभाशृङ्गारभट्टारक श्रीविजयदेवसूरिराजेन्द्रैः॥ (११३८) ॥सं० १६७७ वर्षे वैशाखमासे शुक्लपक्षे तृतीयायां तिथौ दिने शनि रोहिणीयोगे मेडतानगर वास्तव्य उसवालज्ञातीय सा० पालहड गोत्रे सा० खेमा भा० खेतलदे पुत्र सा० चाचाकेन बिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छाधिराज भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः॥ (११३६) वासुपूज्यः सं० १६७७ वर्षे अक्षत ३ दिने मेडतावा० उ० ज्ञा० गु० गो० सा० जदू भार्या जइतलदे नाम्न्या श्रीवासुपूज्यबिंब का० प्र० तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ ११३५ जयपुर पञ्चायती मन्दिर ११३६ मेड़तासिटी महावीर मन्दिर ११३७ , पाव नाथ मन्दिर. बगीची ११३८ , आदिनाथ मन्दिर ११३६ , कुन्थुनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१६८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ११४०-११४३ (११४०) शान्तिनाथः सं० १६७७ व० अक्षय ३ दि० मेडतावास्तव्य भांडाउत अमरा भा० अमोलकदे पु० नोजाकेन शान्तिनाथबिं० का० प्र. तपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिसार्वभोमैः। (११४१) अष्टदलकमल ___ सं० १६७७ व० अक्षत ३ दि० योधपुरवास्तव्य उ० ज्ञा० सा० पदा पु० भीमसीकेन पुत्र भाग्यचद युतेन सुविधिनाथवि० का० प्र० तपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११४२) मुनिसुव्रतः ।। सं० १६७७ वर्षे अक्षत ३ दिने मेडतानगर वा० उ० ज्ञा० ना० गो० बाई कनकनाम्न्या सा० बाई कमरदे मुनिसुव्रतबिंबं का० प्र० तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११४३) मूलनायकः ____ प्रतिष्ठितं भट्टारकप्रभुश्रीजिनराजसूरिसूरिपुरन्दरैः । श्रीमेडतानगरमध्ये । संवत् १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरुवारे पातसाहिश्रीजहांगीरविजयिराज्ये साहियादा साहिजहांराज्ये अोसवालज्ञातीय गणधरचोपडागोत्रीय सं० नग्गा भार्या नयणादे पुत्र संग्राम भा० तोली पु० माला भा० माल्हणदे पु० देका भा० देवलदे पु० कचरा भा० क उडिमदे चतुरङ्गदे पु० अमरसी भा० अमरादे पुत्ररत्न संप्राप्तश्रीअर्बुदाचलविमलाचलसङ्घपतितिलककारित युगप्रधान श्रीजिनसिंहसूरिपट्टप्रभाकर भट्टारक श्रीजिनराजसूरिपदनन्दीमहोत्सवविविधधर्मकर्त्तव्यविधायक सं० आसकरणेन पितृव्य चांपसी भ्रातृ अमीपाल कपूरचन्द स्वभार्या अजाइबदे पु० ऋषभदास सूरदास भ्रातृव्य गरीबदासादिसारपरिवारेण श्रेयोर्थ स्वयंकारितमम्माणीमयविहारशृङ्गारकश्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमहावीरदेवाविछिन्नपरम्परायात श्रीबृहत्खरतरगच्छाधिप श्रीजिनभद्रसूरिसन्तानीय प्रतिबोधितसाहिश्रीमदकब्बर प्रदत्तयुगप्रधानपदवीधर श्रीजिनचन्द्रसूरिसुविहितकठिन काश्मीरविहारवारसिन्दूरगन्जणा च विविध देशामारिप्रवर्तक जहांगीरप्रदत्तयुगप्रधानपदधारक श्रीजिनसिंह सरिपट्टोत्तंस लब्धश्रीअम्बिकावर प्रतिष्ठितश्रीशत्रुञ्जयाष्टमोद्धार प्रदशितभाणवडमध्यप्रतिष्ठितश्रीपार्श्वप्रतिमा ११४० जयपुर पञ्चायती मन्दिर ११४१ मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर ११४२ " " ११४३ , शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११४४-११४५] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ( १६६) पीयूषवर्षणप्रभाव बोहित्थवंशमण्डन धर्मसी-धारलदेनन्दन भट्टारकचक्रचक्रवर्तिश्रीजिनराजसूरिसूरिदिनकरैः आचार्य श्रीजिनसागरसूरिप्रभृतियतिराजैः ।। सूत्रधार सृजा। (११४४) मूलनायकः ॥ सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ उसवालज्ञातीय गणधरचोपडागोत्रीय सं० नग्गा भार्या नयणादे पु० संग्राम भार्या तोली पु० माला भार्या माल्हणदे पु० देका भा० देवलदे पु० कचरा भार्या कउडिमदे चतुरङ्गदे पुत्र अमरसी भाया अमरादे पुत्ररत्नेन श्रीअर्बुदाचलविमलाचलादिप्रधानतीर्थयात्रादिसद्धर्मकर्मकरणसंप्राप्तसंघपतितिलकेन आसकणेन पितृव्य चांपसी भ्रातृ अमीपाल कपूरचन्द स्वपुत्र ऋषभदास सूरदास भ्रातृव्य गरीबदास प्रमुखसश्रीकपरिवारेण संघरूपजी कारितं शत्रुञ्जयाष्टमोद्धारमध्यस्वयंकारित-प्रवरविहारशृङ्गारहारश्रीआदीश्वरबिंबं कारापितं पितामहवचनेन प्रपितामहे मेघा कोजा तोला प्रमुखपूर्वजनाम्ना प्रतिष्ठितं श्रीबृह खरतरगच्छाधीश्वर साधूपद्रववारक प्रतिबोधितसाहिश्रीमदकब्बरप्रदत्तयुगप्रधानपदधारक श्रीजिन चन्द्रसूरि जहांगीरसाहिप्रदत्तयुगप्रधानपदधारक श्रीजिनसिंहसूरिपट्टपूर्वाचलसहस्रकरावतार प्रतिष्ठितं श्रीशत्रुञ्जयाष्टमोद्धार श्रीभाणवटनगरश्रीशान्तिनाथादिबिंबं प्रतिष्ठिता निर्जरसमयसुधारस श्रीपार्श्वप्रतिष्ठान् सकलभट्टारकचक्रचक्रवर्ति श्रीजिनराजसूरिशिरशृङ्गारापान मुकुटोपमानप्रधानैः ।। (११४५) पार्श्वनाथः सं० १६७७ वर्षे ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ श्रीओसवालज्ञातीय गणधरचोपडागोत्रीय सं० कचरा भार्या कउडिमदे चतुरंगदे पु० सं० अमरसी भा० अमरादे पुत्ररत्न सं० आसकरणेन पितृव्य चांपसी भ्रातृ अमीपाल कपूरचन्द स्वपुत्र ऋषभदास सूरदास भ्रातृव्य गरीबदासादिपरिवारेण पितामही चतुरंगदे पुण्यार्थं श्रीपार्श्वनाथबिंवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्खरतरगच्छाधिराजयुगप्रधान श्रीजिनसिंहसूरिपट्टालङ्कारक सकलभट्टारक शिरस्तिलकायमान श्रीशत्रु ञ्जयाष्टमोद्धारप्रतिष्ठायक श्रीजिनराजसूरिसूरिविनायकैः।। ११४४ मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर ११४५ मेड़तासिटी शान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२००) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० ११४६-११५८ (१९४६) मूलनायकः प्र० भट्टारकप्रभु श्रीजिनराजसृरिभिः ।। संवत् १६७७ ज्येष्ठ बदि ५ गुरौ श्रीओसवालज्ञातीय गणधरचोपडागोत्रीय सं० कचरा भार्या कउडिमदे चतुरंगदे पुत्र सं० अमरसी भा० अमरादे पुत्ररत्न सं० अमीपालेनपितृव्य चांपसी वृद्धभ्रातृ सं० आसकरण लघुभ्रातृ कपूरचन्द स्वभार्यापि अपूरबदे पु० गरीबदासादिपरिवारेण श्रीअजितनाथविंबं का० प्र० बृ० खरतरगच्छाधीश्वर श्रीजिनराजसूरिचक्रचक्रवतिभिः ।। (११४७) धर्मनाथः प्र० श्रीजिनराजसूरिसूरिचक्रवर्तिभिः । सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ श्रीओसवालज्ञातीय गणधरचोपडागोत्रीय सं० अमरसी भार्या अमरादे पुत्र सं० आसकरणेन भा० अजाइबदे पु० ऋषभदास भा० रत्नावती श्रेयोर्थ श्रीधर्मनाथविंबं का० प्र० श्रीबृहत्खरतरगच्छाधिराज युग० श्रीजिनसिंहसूरिपट्टोत्तंस-श्रीजिनराजसूरिसूरिः। (११४८) सुमतिनाथ: प्र० श्रीजिनराजसरिसरिसार्वभौमैः । सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौं श्रीओसवालज्ञातीय गणधरचोपडागोत्रीय सं० अमरसी भा० अमरादे पुत्ररत्न सं० आसकरण भा० अजाइबदे पु० ऋषभदास कपूरदास प्रवरया श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्खरतरगच्छाधिप युगप्रधान श्रीजिनसिंहसूरिपटालङ्कारक भट्टारकपुण्डरीक श्रीजिनराजसूरिसूरिदिनकरैः ।। (११४६) चन्द्रप्रभः सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ श्रीओसवालज्ञातीय गणधरचोपडागोत्रीय सं० अमरसी भार्या अमरादे पुत्ररत्न सं० कपूरचन्द्रेण भार्या महिमादे श्रेयो) श्रीचन्द्रप्रभबिं० का. प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्खरतरगच्छनायक श्रीशत्रु अयाष्टमोद्धार प्रतिष्ठापक प्रतिष्ठितभाणवडनगरप्रवरसुधाभरवर्षकश्रीपार्श्वदेव भट्टारकशिरोरत्न श्रीजिनराजसरिभिः ।। (११५०) मूलनायकः ॥ सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ सं० अमरसी भा० अमरादे पु० सं० आसकरण अमीपाल कपूरचन्द्रेण श्रीसंभवनाथबिंब कारितं स्वपरिवारश्रेयो) प्र० बृहत्खरतरगच्छे भट्टारक श्रीजिनराजसूरिभिः।। ११४६ मेड़तासिटी अजितनाथ मन्दिर ११४७ , शान्तिनाथ मन्दिर ११४८ ११४६ ११५० अजमेर संभवनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११५१-११५७] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (२०१) (११५१) श्रेयांसनाथः सं० १६७७ ज्येष्ठ पदिगुरौ। सं० श्रासकरणेन भार्या अजायबदे पुत्र सूरदासश्रेयोथै श्रीश्रेयांसबिंब का० प्र० श्रीजिनराजसूरिभिः खरतरगच्छैः ।। (११५२) शान्तिनाथः ॥ सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ ओसवालज्ञातीय मणधरचोपडागोत्रीय सं० लाखा भार्या लाडिमदे पु० वीरपाल भार्या वील्हादे......... . . . . . . . . . . . . 'श्रीशान्तिनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहखरतरगच्छाधिप श्रीजिनराजसूरिसूरिसुजयैः ।। (११५३) जिनदत्तसूरिमूर्तिः सं० १६७७ वर्षे ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ सं० आसकरणेन पितृव्य चांपसी भ्रातृ अमीपाल कपूरदास' . . . . . . . . . . . . . . . . . . श्रीजिनदत्तसूरिमूर्तिः कारिता प्र० भ० श्रीजिनसागरसूरिभिः । (११५४) जिनकुशलसूरिमूर्तिः सं० १६७७ वर्षे ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ सं० आसकरणेन भ्रातृ अमीपाल कपूर-प्रभृतिभिः . . . . . . . . . . . . . 'श्रीजिनकुशलसूरिमूर्तिः कारिता प्र० श्रीजिनसागरसूरिभिः ।। (११५५) मूलनायकः ।। सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ सं० आसराज भार्या अपूरवदे पुत्र गरीबदासादिश्रेयोथै श्रीआदिनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीजिनराजसूरिभिः सूरितिलकैः। (११५६) चन्द्रप्रभ-पश्चतीर्थीः सं० १६७७ व० जे० शु०१३ मेडतापुर वा० उ० ज्ञा० मांगा पुत्र सा० वैरा भा० विमलादे सा० मेहाकेन श्रीचन्द्रबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीतपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः स्वपदस्थापिताचार्य श्रीविजयसिंहसृरिभिः ।। (११५७) कुन्थुनाथः सं० १६७७ व०. . . . . . . 'वदि ३ दिने पीपराज वी० सा० तीलोकसी भा० मन्नादे नाम्ना श्रीकुन्थुनाथबिंबं का० प्र० श्रीतपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। ११५१ जयपुर पञ्चायती मन्दिर ११५२ मेड़तासिटी शीतलनाथ मन्दिर ११५३ , शान्तिनाथ मन्दिर ११५४ , ११५५ जयपुर स्टेशन मन्दिर ११५६ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ११५७ मेड़तासिटी उप० गशान्तिनाथ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२०२) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ ले० ११५८-११६१ (११५८) ॥ संवत् १६७८ वर्षे मिगसर सुदि १४ प्राग्वाट श्री. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 'तपापक्षीय पातसाहिश्रीअकब्बरप्रतिबोधक तदत्तषाएमासिजीवाभयदानदायक भट्टारकपुरंदर श्रीश्रीश्रीश्रीश्रीहीरविजयसरि भ. श्रीविजयसेनसूरि भ० श्रीविजयदेवसूरिराद्यः॥ ११५६) पार्श्वनाथ-पञ्चती परिकरे ॥ ॐ ।। स्वस्तिश्रीमन्नृपविक्रमार्कसमयातीत संवत् १६७८ वर्षे माघ मासे शुक्लपक्षे पञ्चमीतिथौ श्रीस्तम्भतीर्थ बेलाकुलवास्तव्य वृद्धशाखीय प्राग्वाटज्ञातीय दोसी वस्ता भा० वल्हादे पुत्ररत्न दोसी वाच्छा नाम्ना स्वपितृश्रेयोर्थ भार्या बाई वीरादे पवित्रपुत्र दो० अमरसी दो० देवसी दो० चांपसी दो० मोहनसी प्रमुखपुत्रपौत्रादिसकलपरिवारयुतेन श्रीमत् ।। श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीतपागच्छे भट्टारकपुरन्दर भ० श्रीहीरविजयसूरिपट्टोदयाचलसहस्रकिरण भट्टारक श्रीश्रीश्रीविजयसेनसूरीश्वरपट्टालङ्कार भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ महोपाध्याय श्रीधर्मसागरगणिशिष्यमुख्यपंडितोत्तम श्रीश्रुतसागरगणयः प्रणमन्ति ॥ नित्यं श्रीः स्तात् । (११६०) शान्तिनाथः संवत् १६७६ वर्ष वै० शुदि २ शनौ अहिनगरवास्तव्य श्रीश्रीमालज्ञातीय वृद्धशाखीय सं० जेठा भार्या दातविहा (?) राणा भा० रंगादे सं० जयतमाल भा० जसमादे सं० जोधा सं० गाम... 'केन श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं तपागच्छनायक भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः प्रतिष्ठितं च शुभंभवतु । (११६१) पार्श्वनाथः ......... 'सार्वभौमराजेश्वर राजाधिराज महाराज श्रीराजसिंहविजयराज्ये ....... 'वर्षे वैशाखमासे सितपक्षे... 'भाषहणसन्तानीय ऊकेशवंशे भांडागारिकगोत्रे भंडारी नगराज पुत्र भं० अमरा तत्पुत्र माना. 'रत्नचन्द नारायण नरसिंह सोमचन्द संगार अचलदास कपूरदासादिपरिवार.......के श्रीपार्श्वनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्राद्यपक्षीय श्री. बृहत्खरतरगच्छे भ० श्रीजिनसमुद्रसूरिपट्टे श्रीजिनदेवसरिपट्टे श्रीजिनसिंहसूरिभिः श्रीमज ११५८ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर ११५६ जयपुर प्रतापमलजी ढढा गृहदेरासर ११६० मसूदा पार्श्वनाथ मन्दिर ११६१ जयपुर पञ्चायती मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११६२-११६८] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (२०३) (११६२) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १६७६ वर्षे आषाढ सुदि १३ गुरौ मेडतानगरवास्तव्य..... ... भं० । उ० । सदे पुत्र को० दीपलुनेकेन श्रीपार्श्ववि० का० प्र० तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः स्वपदस्थापित-श्रीविजयसिंहसरिपरिवृतैः । (११६३) संभवनाथः संवत् १६८३ ज्येष्ठ वदि ३ सोमे। कडुआमतिगच्छे । श्रीश्रीमाली राईधन पुरा बा० कीकीकेन संभवबिंबं । कारिता तेजपालेन प्रतिष्ठितं । (११६४) संभवनाथः ।। सं० १६८३ जेठ सुदि ३ सोमे कडुआमतगच्छे ।। श्रीश्रीमाल. राइधन भार्या । बा० कीकीके० संभवबिंब कारिता तेजपालेन प्रतिष्ठितं । (११६५) वासुपूज्य-पश्चतीर्थीः सं० १६८३ वर्षे आषाढ वदि ४ गुरौ भिन्नमालवास्तव्य देवसी भा० दाडिमदे पुत्र मानसिंघ भ्रा० खेतसीयुतेन स्वश्रेयसे श्रीवासुपूज्यबिं० का० प्र० त० गच्छे भ० श्री ५ श्रीविजयदेवसूरिभिः।। (११६६) मुनिसुव्रत-पश्चतीर्थीः संवत् ८२ वर्षे फागण वदि ८ सोमे उकेशज्ञातीय चो। नरसिंघ भार्या नवलादे पुत्र । चो। अगरसी । धर्मसी प्रमुखकुटुम्बयुतेन श्रीमुनिसुव्रतबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे । श्रीविजयसेनसूरिभिः संवत् १६८२ वर्षे (११६७' सुमतिनाथः सं० १६८३ वर्षे मं० जयराज भा० मनोहरदे नाम्ना सुमतिबिं० का० प्र० तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ (११६८) ऋषि-पादुका संवत् १६८४ वर्षे वैशाख वदि ७ गुरौ श्रीविजयगच्छे भ० श्रीउदयसागरसूरितपट्टे भ० श्रीज्ञानसागरसूरि । ऋषि श्रीपदार्थजीपादुके प्रतिष्ठितं माघ सुद सं०५। ११६२ अजमेर गौड़ी पार्श्वनाथ मन्दिर ११६३ जयपुर पञ्चायती मन्दिर ११६४ जयपुर पश्चायती मन्दिर ११६५ अजमेर आदीश्वर मन्दिर ११६६ चाडसू आदीश्वर मन्दिर ११६७ मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर ११६८ मालपुरा ऋषभदेव मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२०४) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः [ले० १९६६-११७४ (११६६) कुन्थुनाथः ॥ सं० १६८४ वर्षे माघ वदि १० सोमे सं० हरषा भा० रंगादे पु. सं० जीपराज भा० राजदे पु० सं० जिणदासकेन श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्री ६ भट्टारिक श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११७०) धर्मनाथः ॥सं० १६८४ वर्षे माघ वदि १० सोमे प्रामेचागोत्रे उकेशज्ञातीय सं० हर्षा भा० रंगादे पुत्र सं० जीवराज भा० राजदे तत्पुत्र जिणदासकेन श्रीधर्मनाथविंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारिक श्रीविजयदेवसूरिभिः । (१२७१) कमलबन्ध __ संवत् १६८४ वर्षे मा० सुदि ८ सोमे श्रीमेडतावास्तव्य उकेशज्ञातीय भं० भयरव भार्या सुहागदे पुत्र भं० प्रवर नवीरदास भा० हर्षमदे पुत्र ऋषभदास अखयराज भ्रा० श्रे० भा० वीरादे पुत्र अमरसी पुनो 'प्रमुखपरिवारयुतेन स्व श्रेयसे चतुर्विंशतिजिनप्रतिमा कारितं कमलबंध ...... प्रतिष्ठितं तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः। आ० श्रीविजयसिंहसूरियुतैः। (११७२) कुन्थुनाथः ॥ सं० १६८४ वर्षे माघ सुदि १० सोमे सं० जशवंत भा० जशवंतदे नाम्न्या श्रीकुन्थुनाथबिंब कारितं प्र० तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः । (११७३) वासुपूज्यः ॥ संवत् १६८४ वर्षे माघ सुदि १० सोमे मे 'वरचाभृग'...... गोत्रे सं० हरपा भा० वीरादे पुत्र सं० जीवराज भार्या सूरजदे पु० जिणदास भार्या जीवनदे पुत्र सं० इसरदास नाम्ना श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११७४) शीतलनाथः ॥ सं० १६८४ वर्ष माह सुदि १० सोमे प्रामेचागोत्रे ऊकेशज्ञातीय सं० जीवराज भार्या राजा नाम्न्या श्रीशीतलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारक श्री ५ श्रीश्रीविजयदेवसूरिभिः ।। ११६६ मेड़तासिटी वासुपूज्य मन्दिर ११७० ,, ,, ,, ११७१ अजमेर संभवनाथ मन्दिर ११७२ मेड़तासिटी अजितनाथ मन्दिर ११७३ , महावीर मन्दिर ११७४ For Personal & Private Use Only Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११७५-११८० ] ॥ संवत् १६८४ माघ सुदि १० सोमे 'श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भ० श्रीविजयदेव प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: सूरिभिः || (११७६) आदिनाथ: श्रीदीश्वर || संवत् १६८४ वर्षे माघ सुदि १० सोमे सं० हरषा भा० मीरादे तत्पुत्र सिंघवी जशवंत भा० जशवंतदे तत्पुत्र सं० अचलदास अविचलः सं० आसकर्ण कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारिक श्रीविजयदेवसूरिभिः | (११७५) मूलनायकः ( १९७७) शान्तिनाथः ॥ संवत् १६८४ वर्षे माघ सुदि १० सोमे संवहारया सा० मन तत्पुत्र सं० नेमीदास भा० मनदे श्रीशान्तिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे भट्टारक श्री ६ श्रीविजयदेवसूरिभिः || (१९७८) अभिनन्दनः ॥ ॐ ॥ संवत् १६८६ वै० शुदि ५ नागोरवास्तव्य ऊकेश......... हादो पु० साजाकेन भा० पुरादे पुत्र तपात्रयली (?) श्रीअभिनन्दनबिं० प्र० भ० श्री -- 11 (१९७६) कुन्थुनाथः || सं० १६८६ वैशा० सु० = पालीवास्तव्य उके ० बांठियागोत्रे सा० सारंग भा० सोहीलालदे पु० सा० जयमल आत्मश्रेयसे कुन्थुनाथबिंबं का० प्र० तपा० भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ 31 (१९८०) सुमतिनाथ: || सं० १६८६ वैशा० सु०८ महाराज श्रीगजसिंहविजयमानराज्ये श्रीमेडतानगरवाख्य ओसवालज्ञातीय सुराणागोत्रे बाई पूरी नाम्न्या पु० सं० कर्मणादिसपरिवाराय श्री सुमतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छाधिराज भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः स्वपदप्रतिष्ठाचार्य श्रीश्रीश्रीश्रीविजयसिंहसूरप्रमुखपरिकर - परिकरिभिः ॥ ११७५ मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर ११७६ "" ( २०५ ) "> " ११७७ १९७८ नागोर चोसठियाजी का मन्दिर १९७६ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर ११८० मेड़तासिटी वासुपूज्य मन्दिर ܕܝ For Personal & Private Use Only Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिष्ठा - लेख संग्रह: [ ले० १९८१ ११८६ (११=१) आदिनाथ: ॥ ॐ ॥ संवत् १६८६ वर्षे वैशा० सु० ८ श्रीमेडतानगरवास्थ्य ओसवालज्ञातीय सुराणागोत्रे सा० तेजा भा० तेजलदे पुत्र वस्ता नाम्ना भा० विमलादे पुत्र विमलचन्द्रेणादिसपरिवारेण श्री आदिनाथबिंबं स्वश्रेयोर्थ कारितं प्रतिष्ठितं पालीनगरे तपागच्छाधिराज भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः स्वपदप्रतिष्ठिताचार्य श्रीविजयसिंह सूरिप्रमुखपरिकर परिकरितैः ।। (१९८२) चिन्तामणि पार्श्वनाथः ( २०६ ) संवत् १६८७ वर्षे ज्येष्ठ सु० ४ गुरौ सं० हर्षा भार्या मनरंगदे पुत्र सं० नेमीदास सं० सामीदास सं० विमलदासप्रमुखैः श्रीचिन्तामणि पार्श्व - नाथबिंबं का० प्र० च श्रीतपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः । आचार्य श्री विजयसिंह सूरियुतैः ॥ (११८३) जगवल्लभ-पार्श्वनाथः ॥ संवत् १६८७ वर्षे ज्येष्ठ शुदि १३ गुरौ मेडता वा० सं० हर्षा भा० मीरादे पुत्ररत्न सं० जयवंत भार्या सोहागदे नाम्ना स्वश्रेयसे श्रीजगवल्लभपार्श्वनाथबिंबं का प्रतिष्ठापितं स्वप्रतिष्ठितायां प्र० तपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः ॥ (१९८४) मनमोहन -पार्श्वनाथ: संवत् १६८७ वर्षे ज्येष्ठ सुदि त्रयोदशी गुरौ सं० हर्षा भा० मीरादे पुत्र सं० जशवन्तकेन श्रीमनमोहनपार्श्वनाथबिंबं का० प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे भ० श्रीविजयदेवसूरिभिः । स्वपदस्थापिताचार्य श्रीविजयसिंहसूरिपरिवृतैः ॥ (१९८५) मूलनायकः ।। सं० १६८७ व० ज्येष्ठ सु० १३ गुरौ सं० जसवंत भा० जशवन्तदे पु० अचलदासकेन श्रीविजयचिन्तामणिपार्श्वनाथबिंबं का० प्र० तपा० श्रीविजयदेवसूरिभिः || श्रीविजयसिंहसूरिपरिवृतैः ॥ (१९८६) हीर विजयसूरिमूर्तिः ॥ संवत् १६६० वर्षे जेठ वदि ११ दिने गुरुवारे || श्रीहीरविजयसूरिबिंबं कारितं श्रीसंघेन । पातस्याहि श्री जहांगीरप्रदत्तमहातपाविरुधारक भट्टारक श्री १६ श्रीविजयदेवसरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ ११८१ मेड़तासिटी वासुपूज्य मन्दिर " "" ११८२ १९८३ मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर ११८४ अजितनाथ मन्दिर पार्श्वनाथ मन्दिर ܕܖ " 29 ११८५ १९८६ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११८७-११६३] प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः (२०७) (११८७) मुनिसुव्रतः संवत् १६६१ वर्षे वैशाख शुदि १० गुरुवारे प्रतिष्ठितं भ० बीजापतिगच्छे पूज्य श्रीगुणसागरसूरिजी श्रीधर्मपोषगच्छे श्रीकल्याणचंदसूरि । आचार्य श्रीकल्याणसागरगुरु उपदेशात् मालपुरवास्तव्य श्रीमालज्ञातीय • वृद्धशाखायां मुसलगोत्रे साह सींहा भायो प्रतापदे सुत साह । नयण भार्या नवरंगदे भ्रातृव्य सा० हरिकरण भा० हर्षमदे सुत सा । पीथा भा० जसमादे सुत सा। दमादर..." सु । गोपाल सा० नेमिदास स्वश्रेयसे श्रीजिनभवनसह श्रीमुनिसुव्रतबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीविजयदेवसूरि ....... पंडित लब्धिचन्द्रगणि प्रणमति साह मुसलेन सूत्रधार डाहा (११८८) आदिनाथ-एकतीर्थीः सं० १६६३ व० ऋष० ना० बिं । का। श्रा० खाख । नाम्नी तपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिभिः ___ (११८८) धर्मनाथ-एकतीर्थीः सं० १६६३ व० धर्मबिंब का । वेलाकेन श्रीतपागच्छे १२ श्रीराघव श्रीविजयदेवसूरिभिः (११६०) पार्श्वनाथः सं० १६६४ वर्षे माघ सित ६ गुरौ श्रीपार्श्वनाथवि० श्रा० गांगवार का० प्र० श्रीविजयदेवसूरिभिः । (११६१) षट्चरणपादुका ॥ ॐ ॥ संवत् १६६५ वर्षे भाद्र वदि १० दिने रविवारे पुष्यनक्षत्रे सोनीगोत्रे संघवी रायसिंघ भार्या सूरमदे तत्पुत्र सं० माहण संघवी वर्धमान अमरसिंघ श्रीआदिनाथ पादुका कारितं प्रतिष्ठितं पं० तेजहंसगणिभिः । श्रमणसंघाय कल्याणमस्तु । श्रीचन्द्रप्रभपादुका श्रीरस्तु श्री। श्रीशांतिनाथ पादुके सातन (?) कल्याणमस्तु । श्रीनेमनाथ पादुकेभ्यो नमः । श्रीपार्श्वनाथपादुकेभ्यो नमः । श्रीमहावीरपादुका कल्याणं । ११८७ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर. मूलनायक ११८८ जयपुर प्रतापचन्दजी ढढ्ढा गृहदेरासर ११८६ ,, ,, , , " ११६८" , " " " ११६१ मालपुरा मुनिसुव्रत मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २०८) प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः ले० ११६४-१२०० (११६२) कुन्थुनाथ पञ्चतीर्थीः । संवत् १६६६ वर्षे मृगशिर सुदि १० रवौ उपकेशज्ञातीय लघुशाखायां बुरागोत्रे फुमाणगोत्रे बाई जेलमदे पुत्र ठाकुर सी राइसिंघ श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारापितं श्रीतपागच्छे गुरु श्रीविजयदेवसूरितत्पट्ट विजयशिवसूरि प्रति०। (११६३) संभवनाथ-एकतीर्थीः सं० १६६७ वर्ष माघ सित ६ गुरौ। संभवनाथबिंबं । श्रा० धर्माई का० प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। (११६४) पार्श्वनाथ-एकतीर्थीः सं० १६६७ फा० सु. ५ वृद्ध० श्रीमाली श्रीचेतन । दि० नव श्रीपावबिंद का० प्र० भ० श्रीविजयदेवसूरि ___ (११६५) मूलनायकसिंहासने ॥ सं० १६६८ वर्षे भा० शु० पूर्णमासी तिथौ कृष्णगढ वा० मोहनोत रायचंद त्रैलोक्यप्रसादपरिकरयुतेन श्रीपार्श्वनाथमूर्तिः सपरिकरः कारितः श्रीतपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरिपट्टालङ्कारहार भट्टा० आचार्य श्रीविजयसिंहसूरीणमुपदेशेन नित्यमंगलं ।। शु०॥ (११६६) शान्तिनाथ-पञ्चती ः सं० १६६६ व० वै० सु० ६ दि० सर........... श्रीशान्तिनाथबिं० का० प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसिंहसूरिभिः ।। (११६७) सुविधिनाथ-पञ्चतीर्थीः । सं० १६६६ व० माघ व० १ गुरौ द नगर (?) वीचुहसगो० श्रीय सा० तेजाकेन... - ‘णेन श्रीसुविधिनाथबिंबं कारितं प्र० भ० श्रीतपागच्छे श्रीविजयदेवसूरि आचार्य श्रीविजयसिंहसूरियुतैः। ११६२ नागोर बड़ा मन्दिर ११६३ जयपुर प्रतापमलजी ढढा गृहदेरासर, ११६४ मसूदा पार्श्वनाथ मन्दिर ११६५ किसनगढ़ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर. मूलनायक ११६६ नागोर बड़ा मन्दिर ११६७ जयपुर पार्श्वचन्द्रगच्छ उपाश्रय For Personal & Private Use Only Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १९६८ - १२०० ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः (१९६८) शीतलनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १६६६ व० फा० ० २ तिथौ सा० पुरुषाकेन शीतलनाथविंब प्रतिष्ठितं गच्छे आचार्य श्रीविजयशान्तिरिभिः ॥ (१९६६) मुनिसुव्रत- पञ्चतीर्थी: 5 ॥ सं० १७०० व० द्वि० चै० सित गुरौ गुलकु डावा० सा० मेवा भाव मोहणादि सुत सा० नानजी नाम्ना श्रीमुनिसुव्रतबिंबं का प्रतिष्ठितं तपागगाधिपति परमगुरु भट्टारक श्रीविजय सेनरिपट्टालंकार श्रीपातिसाहिश्रीजहांगीरप्रदत्तमहातपाविरुदधारि श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। श्रीतिलंगदेशे ।। ( २०६ ) (१२००) कु थुनाथः संवत् १७०० वर्षे माघ सित द्वादशी बुधे योधपुरवास्तव्य बृदुकेशज्ञातीय मुहणोत सा० डूंगरसी भार्या कोडिमदे पुत्र साः सकर्मकेन जिणदास अखयराज सुतयुतेन श्री कुन्थुनाथवित्रं कारितं । प्रतिष्ठितं तपागच्छे भट्टारक श्रीविजयदेवसूरि आचार्य श्री विजयसिंह सूरिनिर्देशात । उपाध्याय श्रीधर्मचन्द्र १९६८ नागोर बड़ा मन्दिर १९६६ मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर १२०० लछमणगढ़ ऋषभदेव मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For Personal & Private Use Only Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट १ सम्बन्धित लेखों के आधुनिक प्राप्ति स्थान -~-actr... अजबगढ़ मन्दिर २३८, ५६५। अजमेर संभवनाथ मन्दिर ५५, ११८ २३०, २५६, २७२, २७८, २६१, ३२६,४१४, ५५२,५६०,५६५, ५७२. ५७४, ५६३, ६४६, ७४०,८४४, ८६३,६०३,६०४, ६३५.६८०, १०६८, ११५०, ११७२ । अजमेर गौडीपार्श्वनाथ मन्दिर ६५२, ११०१, ११६२ । अजमेर चन्द्रप्रभ देरासर ६६७, ८५० । (वेद मुहतों का) अजमेर श्रादीश्वर मन्दिर ११६५ । (भड़गतियों का) अजमेर विमलनाथ मन्दिर २३२, २६३ । (केसरगंज) अजमेर म्युजियम (मेग्जिन) १, ६, ८, १८, ३४. ३८, ३६, ४५. ६५४. १०२४, १८३८, १०४७. १०६६, १०६७, १०६८। अलाय शान्तिनाथ मन्दिर २१८, २२० । आन्तरसूबा (गुजरात) वासु. २१५, २६२, ६७३, ६६० | पूज्यमन्दिर आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर १४८, १६३, २४६ २६६, ३३६, ३४८,३४६, ३५०,३५४,३५८, ३६३, ४१३ ४१६.४५?, ४७८, ५४८,५६६, ६२४, ६२८, ६६४,७००, ७२७, ८३२,६४८, १००२ । करमदी आदिनाथ मन्दिर २३५, ३६०,३८३, ४६७, ४७३, ५३१, ५८३, ___७१२, १८५। किसनगढ़ चिन्तामरिण पार्श्व- ६६. १६७, १७७, २३६, २६६, ३७२, ३७३, नाथमन्दिर ४५५, ४८२.५२७, ५५४,५६६, ५६२, ६३६, For Personal & Private Use Only Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२१२) परिशिष्ट १ ६७६, ७०६, ७३५, ७६५,७९८,८३४, ६०६, ६२६, ६३१, ६६३, ६६३, १०१८, १०६२, - १०८६, १०८७, ११५६, ११७६, ११६५ । किसनगढ़ आदिनाथ मन्दिर ३१८, ३६६ । किसनगढ़ शान्तिनाथ मन्दिर ८५१, १०७५ । किसनगढ़ खरतरगच्छ उपाश्रय १३६, १६०, २५४, २६४, ४१८, ४४८, ७२२, ६४३। किसनगढ़ यति स्वरूपचंद जी ११, १४४, ७६३, ६५७, १००३ । का उपाश्रय कुचेरा (जोधपुर) चिन्तामणि १०६४ । पार्श्वनाथ मन्दिर केकड़ी (मेरवाड़ा) चन्द्रप्रभ ५७, २१७, ४२७, ५१२. ७८८ । मन्दिर कोटा खरतरगच्छ आदिनाथ ६८, ६१, १००, १०१ १५७, २४०, २४४, मन्दिर ३३४, ३७८, ३८७, ३६८, ४०६, ४३१, ४४६, ४८१, ५०६, ५५७, ५७६, ६४३, ६६५, ६६६, ७६८, ८००, ८२१, ८४०, ८८०, ८६६, ६२७, ६३४, ६५३, २०२१ । कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ६७, १३७, १४६, ३४५, ३५६, ४११, ५२२, ५४०,५८४,५६०,६२१, ६३५,७६२,८०५, ८६२। कोटा माणिकसागर जी का १२६, २१२, २३४, २३७, २४८, २६५, मन्दिर २८६, ३७१, ३८४, ४००, ४४४, ४७१, ४८७, ५०२, ५०३, ५४७, ६०४, ६३८, ६६२, ६६६, ७३०, ७३६ ७५५, ८६८, ६१०, ६२०, ६२६, ६६१, १०११ । कोटा सेठजी का गृहदेरासर ३००, ८६०, ८६१, १००७ । खजवाना (जोधपुर) धर्मनाथ ४३०, ६१६, १११६ । मन्दिर खोह (जयपुर) चन्द्रप्रभ मंदिर ६७४, ८६५ । For Personal & Private Use Only Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट १ _____ (२१३) गलियाकोट संभवनाथ मंदिर १०३२, १०३३, १०३४ । गागरडू (जयपुर) श्रादिनाथ १२६, २७०. ३३३, ३५५, ७२६, ७४७, मन्दिर १००४, १००८, १०८४ । गोगुलाव (जोधपुर) कुन्थुनाथ ६६३ । मन्दिर गोविन्दगढ़ (जोधपुर) पार्श्व- ६६१ । नाथ मन्दिर चाडसू (जयपुर) आदिनाथ २१, ४०२, ५१०, ५३४, ६१२, ८१२, मन्दिर ११६६ । चाडसू (जयपुर ) शान्तिनाथ २८८, ६४७, ६५२ । मन्दिर चोथ का बरवाड़ा (जयपुर ) १५६, ३२५, ५६७, ८६२ । महावीर मन्दिर चन्दलाई ( जयपुर ) शान्ति- ४५२, ५३२, ६६०, ६२३, १०४६ । नाथ मन्दिर जड़ाऊ (जोधपुर ) पार्श्वनाथ २७७, ५१६, ७७०, ८५६ ! देरासर जयपुर पञ्चायती मन्दिर ४७, ७७, ८५, ८६, ६२, ६३. १२५, १३२, १३३, १४१, १५४, १६५, १८७, १६७, २००, २४१, २४७, ३०४, ३१४, ३१७, ३२७, ३४६, ३६५, ३७६, ३७६, ३८२, ३६६, ४०७, ४१०, ४३४, ४४१, ४४७, ५३३, ५५१, ५५३, ५७१, ५७५, ५६६, ६१५, ६१६, ६२३, ६२७, ६३२, ६३६, ६५६, ६८२, ६८६, ६६६, ७०१, ७१४, ७१६, ७३४, ७५६, ७५७, ७५८, ७८३, ७८७, ७६७, ८०६, ८१४, ८१५, ८१६, ८३७, ८५३, ८७४, ८६६, ६१६, ६४६, १८६. ११००, ११३५, १०४०, १०५१, ११६१, ११६३, १०६४ । जयपुर सुमतिनाथ मन्दिर ८४, १४०, १५८, २२१, २७६, २८३, २६४, ३०६, ३३५, ३७५, ४०८, ४१२, ४७२, For Personal & Private Use Only Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२१४) परिशिष्ट १ ५२८, ५२६, ५४६, ५६२, ५७८, ६७२, ६८५, ७४३, ७७६, ७६६, ८१७, ८३०, ८५७, ८८३, ८६०, ८६१, ६००, ६०५, ६११, ६१८, ६४२, ६६७, ६७४, १७७, ६६७, १०१०, १०२३, १०२६, १०६३, १०७२, २०७३, १०८१ । जयपुर पार्श्वनाथ मन्दिर १८६, ४८०, ६११, ७२३,, ८८४, १०२२ । (श्रीमालों का) जयपुर आदिनाथ मन्दिर २६०, ३३२, ६४४, ७६४, ८२८, ६०६, (नया मन्दिर ) ६६०, १००१. १०२५, १०३५ । जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर २५, २६७, ४६२, ६३३, ८५८, ८७०, ८८२, १०६५, १०८५, ११०२ । जयपुर पार्श्व चन्द्र गच्छीय १४, ७६. २७६, ३८१, ४२८, ४३३, ४५०, (उपाश्रय ) ४५८, ४६२, ७४१, १११७ ११६७ । जयपुर यतिश्यामलालजी का ७०६ । उपाश्रय जयपुर लीलाधरजीका उपाश्रय ५८० । जयपुर गुलाबचन्दजी ढढा ६४६ । गृहदेरासर जयपुर प्रतापमलजी ढढा गृह- ६४६. २०२०, १०४५, १८६७, १२५६ देरासर ११८८, ११८६, ११६०, ११६३ । जयपुर नथमलजी का कटला ७१३ । जयपुर पंगलियों का मन्दिर ४०, ६३०, ८४३, १०१२. १०१६, ११५५ । (स्टेशन पर) जयपुर पद्मप्रभ मन्दिर (घाट) ३४३. ३६२, ४२०, ५२५, ५५६, ६२५ ६४५. ६८७, ८३१, ११०५। जयपुर पाश्व नाथ मन्दिर (श्री. ६६, १७, १२४, २५२, १०४३ । मालों की दादावाड़ी) जयपुर मोहनवाड़ी ८१ । जूनिया मिरवाड़ा) २८५, ३६७, ५४४, ६००, ६०५, ६८० ! जोमनेर (जयपुर) चन्द्रप्रभ १६६, २६६, ८२६, ६८४। For Personal & Private Use Only Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ५ (२१५) झूटा ( जोधपुर ) पार्श्वनाथ ४७५ । मन्दिर टोडारायसिंह (जयपुर) नेमि- ६५, ८२, ८३, २३१, ४३६, ५८१, ६८४ । नाथ मन्दिर . डग (मध्यभारत) ऋषभदेव ६२०, ७०७, ७०८ । मन्दिर डा ( मध्यभारत ) पद्मप्रभ ३३८ । मन्दिर दांतरी ( जयपुर ) आदिनाथ ४६३ । मन्दिर दाहोद (गुजरात) पार्श्वनाथ ३६१, ४७४. ५५८, ६६०, ७६७, ८८७, मन्दिर १०१५ । धामनोद (मध्यभारत) ऋष- २५० । भदेव मन्दिर नागोर बड़ा मन्दिर (ऋषभ- २, ७५, १०३, १००, १८२, १८३, १८४, देव जी का) २०८, २१३, २१६, २२३, २८०, २६३, २६८, ३०१, ३१३, ३१५, ३२६, ३३०, ३४०, ३८५, ४१७, ४२२, ४३७, ४४३, ४४५, ४५६, ४७६, ४८६, ४८८, ४६४, ४६७, ५०५, ५१४, ५१८, ५४३, ५६३, ५७०, ५८५, ५८६, ६०१, ६०३, ६०७, ६०८, ६१८, ६४१, ६५०, ६५६, ६६१, ६६५, ७०३, ७१७, ७१८, ७२८, ७३१, ७४४, ७४८, ७५३, ७७१, ७७२, ७७३, ७७५, ७८०, ७८१, ७८५, ८१६, ८१८, ८४१, ८६६, २५, ८६७, ६०२, ६०७, ६०८, ६१७, ६३३, ६४०, ६५१, ६५८, ६६१, ६६२, ६६६, ६८३, ६८८, १०१४, १०३०, २०३६, १०४१, १०४२, १०४६, ११०८, ११०६, १११८, १११६, ११२०, ११२१, ११२२, ११२३, ११६२, ११६६, ११३८ । नागोर आदिनाथ मन्दिर ही- २२२, ६१४, ७५१, ७६१, ७६२, ८७१, रावाड़ी) ८७२, ६७२, ६६४, ६६५, ११२४ । For Personal & Private Use Only Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२१६) परिशिष्ट १ नागोर चौसठियाजी का मंदिर १३, १५१, १५५, १७३, १६४, २१४, ३८०, ५२८, ५३०, ६८८, ६६४, ६६४, १११४, १११५, ११७८ । नागोर शान्तिनाथ मन्दिर ७०, २८२, ३७४, ७०२, ८३६, ६२४, ६३० । नागोर सुमतिनाथ मन्दिर ७४५, ७८४ । (बगीची) नागोर चन्द्रप्रभ मन्दिर (सम- ६०६ । दड़ियों का) नागोर दादावाड़ी १०२६ । नागोर यति मुकनसुन्दरजी का १६, १३८, १०६३। उपाश्रय नागोर यति गोपजी का उपाश्रय ६५६ | नागोर महात्मा जेठमलजी का ८०६, ६१३ । उपाश्रय नागोला (मेरवाड़ा) कुन्थुनाथ ३४१ । मन्दिर पचेवर(जयपुर) धर्मनाथ मंदिर ५२४ । पनवाड़ (जयपुर) महावीरमंदिर ३५१, ६५५, ७२५ । पापड़दा (जयपुर) शान्तिनाथ ३, ४१, ५६, ८१, १२१, ५२६, ५७६, ६२८, मन्दिर १०००। पीपलिया ( जोधपुर) शान्ति- ६६६ । नाथ मन्दिर बहेलार (गुजरात) अजित- १७१, ७१६ । नाथ मन्दिर बामणवास (जयपुर) सुमति- १४५, १०६०। नाथ मन्दिर बिलाव (जोधपुर) शान्तिनाथ ४६३, ४६५ । मन्दिर बीबड़ोद (मध्यभारत) ऋष- ४४२, ४८५, ८५४ । भदेव मन्दिर बृन्दी पाश्वनाथ मन्दिर ८०, १४७ १८१, २१०. २७१, ३२८, ४३८, ४६८, ५११, ५१३, ७०५, ७३८, ७५६, ७६४, ७७४,६६८। For Personal & Private Use Only Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट १ (२१७) बून्दी ऋषभदेव मन्दिर ३६६, १०१३ । बेंतेड (जयपुर) विमलनाथ ३७ ४२१, ६६८, ७४२, १०४८ । मन्दिर भानपुरा (मध्यभारत) पार्श्व- ६६ । नाथ मन्दिर भिनाय (मेरवाड़ा) केसरिया- ३०३, ३६२, ५०६, ५३६, ६१०, ६२६, नाथ मन्दिर ७१०,७८२,८७७ । भिनाय ( मेरवाड़ा ) महावीर ४६, ११३, २६६, ३११, ३६३, ४०६, ४२४, मन्दिर ५०४. ५७७, ६१६, ८४२, ८४६, ६४४ । भैंसरोडगढ़ (मेवाड़) ऋषभ- ३३, २०१, ३२३, ३३१, ४०१, ४३२, ४५७, देव मन्दिर ४६०, ६५०, ६७१, ६७१, १०१७, १०७४ । महुवा (जयपुर) नेमिनाथ मंदिर ११६, १७ : मसूदा (मेरवाड़ा) पार्श्वनाथ ६१३, ६६८. ११६०, ११६४ । मन्दिर माउन्ट आबू द्वारिकानाथ ६७६ । मन्दिर मालपुरा (जयपुर) ऋषभदेव ६२, ७६, ८८, १०५, १३१, १६२, १८५, मन्दिर १६१, २११, २८६, २६०, ४०४, ४५६, ५६८. ७२४, ८६५, १४७,६८१, ११०३, मालपुरा (जयपुर) मुनिमत्रा ५२.२६,०६. ४६, ६३, ६४, ८६, २. ... . २५१, २७५, . . २७३, २८४, २६५, ३०. २, ३८०. ३१२, ३२२, ३३७, ३८८, ६५, ४१५, ४२३, ४६६, ४८६, ५०८, ५५८, ५८८, ६३७, ६७०, ६८६, ७३७, ७६६, ७६६, ८२५, ८७५, ६२५, ६३२, ६३६, ६७५, १०७६, ११०७, ११५८, ११८६, ११८५, ११६१ । For Personal & Private Use Only Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२१८) परिशिष्ट १ मुन्डावा ( जयपुर ) पार्श्वनाथ ३४२, ५४५, ६७८, ८६४ । मन्दिर मेड़तारोड़ शान्तिनाथ मन्दिर ६३६ । मेड़तारोड पार्श्वनाथ मन्दिर २६, ३०, ३०७,५३८, ७३३, ८२७, १०५६, १०५७, १०५८ । मेड़तासिटी युगादीश्वर मन्दिर ४२५, ४२६, ६८३, ७०४, ७५४, ६४५, १००६, १०८२. १९४४, १९६७, ११८३, ११६६ । मेड़तासिटी आदिनाथ मन्दिर ७८६, ६७६, ११२७, ११२८, ११२६, ११३०, (तपागच्छीय) ११३१, ११३२, ११३३, १४३४, ११३८ । मेड़तासिटी महावीर मन्दिर ५३६, ७८, ६५६, ६८७, १००५, १०५०, १०५३, २०५६, १०६०, १११२ ११३६, ११७३, ११७४ । मेड़तासिटी वासुपूज्य मन्दिर ७४६, १०७८, १०७६, ११११, ११६६, ११७०, ११८०, १९८१. ११८२ । मेड़तासिटी कुन्थुनाथ मन्दिर १११०, ११३६ । मेड़तासिटी अजितनाथ मंदिर १९४६ ११७२, ११८४ । मेड़तासिटी शान्तिनाथ मंदिर १०६६, १९२६. १४४३, ११४५, ११४७, ( खरतरगच्छ ) ११४८, ११४६, ११५३, ११५४। मेड़तासिटी शान्तिनाथ मंदिर ३५,६७, १७४ २०४, ३१०, ३५७, ८११. ( उपकेशगच्छीय ) ८४७ ८४६, ६४१, ६६५, ६७८, ६६८, १०५१, २०५२, ११०६, १११३, ११५७ । मेड़तासिटी चिन्तामणि पार्श्व- २०५, ४६१, ७१५, ७५०, ८६६, ६६६, नाथ मन्दिर १०१६, २०३७, १०६१, १०६६. १०७७. १०६४, २०६५, १०६६, ११०४ । मेड़तासिटी धर्मनाथ मन्दिर १४३, १६, २२७, ४७७, ४८३, ५७३ ८४८,८६,६३८, ६५०, ६७०, ६८६, १०७१, ११४१, ११४२, ११७५, ११७६, १९७७ । मेड़तासिटी शीतलनाथ मंदिर ११५२. मेड़तासिटी कुन्थुनाथ मन्दिर १०५४, २०५५, १०८० । ( तपागच्छीय उपाश्रय ) For Personal & Private Use Only Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट १ (२१६) मेड़तासिटी पार्श्वनाथ मन्दिर ७११, ११३७, ११८५ । (बगीची ) मंडावर ( जयपुर ) चन्द्रप्रभ ३६४ । मन्दिर मन्दसौर (मध्यभारत) आदि- ३४४. ५६१, ६१७. ६२१, १००६ । नाथ मन्दिर (नयापुरा) मौजपुर शान्तिनाथ मन्दिर ६६६ । मन्दसौर (मध्यभारत ) पोर- ३६८, ४४० । वालों का मन्दिर रतलाम (मध्यभारत) शान्ति- ५८, ६१, ६५, १०४, १०६, ११५, ११७, नाथ मंदिर (यति अगरजी का) १२२, १६४, १७५, १७६, २०७, २४२, २६२, ३१६, ३२१, ३३६, ३४७, ३५३, ३७०, ३६७, ४४६, ४६४, ५६८, ६५४, ६८१, ७६५, ७६३. ७६६, ८१०, ८६८, ६१२, ६३७ । रतलाम (मध्यभारत) मोतीसा ४८, ७३, १२३, १३०, १५२, १५६, २७४, का मन्दिर २८७.५४६ । रतलाम (मध्यभारत) सुमति- १६६. ४५३, ८५२, ८६७, ८७६, ६१४ । नाथ मन्दिर रतलाम ऋषभदेव मन्दिर ४०५, ६४०। (यति लालचंदजी का) रतलाम ( मध्यभारत ) पार्श्व- ६५८ । नाथ मन्दिर रतलाम (मध्यभारत) सेठजी ७३६, ८०३, ८०४, १८२७ । का मन्दिर (बगीचे में) रतलाम (मध्यभारत) चन्द्र- ११६, १८३१ । प्रभ देरासर ( महात्मा कन्है यालालजी का) रामपुरा (मध्यभारत) शान्ति- ३६०, ६४८, ६५७, ८५६, १०३६ । नाथ मन्दिर रायपुर ( जोधपुर ) चन्द्रग्रभ ५८६. ६६२ । __ मन्दिर For Personal & Private Use Only Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२२०) परिशिष्ट १ लछमणगढ़ ऋषभदेव मंदिर १२०० । वजीरपुर (जयपुर) मल्लिनाथ १०८६ । मन्दिर वरखेड़ा (जयपुर) श्रादिनाथ :५. ६५३, ८६४ । बहियल (गुजरात) पाका १० । सरधना मध्यभारत : नाथ देवा सवाई माधोपुर (जयपुर) वि-७४, १६, १३६, १६१, १८६, २१६, २२८ मलनाथ मन्दिर २५३, ६, २६६, ३१६, ३५२ ३६४. ३६६, ३८६, ४२६, ४३६, ४६६, ४६६, ५००, ५१७, ५६४, ६०२, ६३१, ६७५ ७४६, ७५२, ७६१, ८०२, ८३६, ८४५.. ८६३, ८७३, ६७३, ६८२, ६६२, १०८२. १०८८। सागोदिया (मध्यभारत) ऋष- १८०, ७३२ । भदेव मन्दिर साथां ( जयपुर ) पार्श्वनाथ २.४५. ३२०, ३८६. ६६३, ७८६, ६७६ । मन्दिर सांगानेर (जयपुर) चन्द्रप्रभ ३५६, ३६१, ५६७, १०४०, ११२५ । मन्दिर सांगानेर ( जयपुर ) महावीर ५, २७, ३१, ४३, ५१, ५२, ७२, ८७, १८, मन्दिर १०२, ११०, १११, १२७, १३४, १३५, १७८, १६३, १९६, २२६, २३३, २४३, २४६, २५५, २६१, २७५, २८१, ४०३, ४३५, ४५४, ४६०, ४६५, ४६६, ४८४, ४६८, ५१५, ५१६, ५३७, ५४१, ५४२, ५५५, ५५६, ५६४, ५६६, ६२२, ६२६, ६७७, ७७७, ७७६, ८०१, ८१३, २०, २२६, ८५५, ८१, ८८, ६०१, ६२२, १०४४। For Personal & Private Use Only Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट १ सांगानेर (जयपुर) दादावाड़ी १०७० | सांभर ( जयपुर ) पार्श्वनाथ ७२० ७२६, २०७, ८२४, ८३८ । मन्दिर सिरोही आदिनाथ मन्दिर ४,१५, ३६, ४२, ५३, ५४, ५६, १०६ २०६, । सिरोही अजितनाथ मन्दिर ७, ६, १२, १७, १६, २०, २८. ३२, ४४, ६०, ६०, ११२, ३०२, ३२४, ४७०, ४६१, ५२१, ५२३, ६०६, ६४६ । मिरोही भैरुपोल जैन मन्दिर ७८, ६६, ६५१, सेमलिया (मध्यभारत) शान्ति- १६८, १७६, ३७७, ५६१, ७६० । नाथ मन्दिर सैलाना (मध्यभारत) ऋषभ- ४१६, ८३५ । देव मन्दिर सैलाना (मध्यभारत) मुनिसु- २४, २०३, ५०४, ५०७, ६३४, ८२२, ६६६ । व्रत मन्दिर सोजतरोड (जोधपुर) पार्श्व - ५८२ | नाथ मन्दिर हरमली ( जयपुर ) पार्श्वनाथ ६४, १७०, ७७८. ७६२, १०२८ । मन्दिर ( २२१ ) हिन्डोन ( जयपुर ) श्रेयांसनाथ ७१ २२६, ६६७, ०८, २३३, ६१५, मन्दिर २०६९, १०६२ । ---X:0:x- For Personal & Private Use Only Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट २ -लेखों में आये हुए गच्छों के नाम अञ्चलगच्छ १६०, १७१, १७४, १६४, २८३, २८०. २८१, २८७, २६६, ४५०, ४६०, ५१०, ५४७, ५६१, ५६६, ५६७, ६१७, ६३६, ६३८, ६४१, ६८८, ६६२, ७००, ७३१, ७४७, ७६२, ८१४, ८५८, ८८६, ६७४, १००१, १००४, १०६५, १०८२. ११००, ११०१, ११०२। श्रागमगच्छ उपकेशगच्छ २१५, ४२०, ५३१. ५७२, ६३६, ७४५, ८८७। ६४, १२६, १३१, १३७, २०४, २०५, २२०, २२६, २५४, २७२. २६४, २६६, ३१६, ३२०, ३२७, ३४३, ३४४, ३६२, ३७१, ३६३, ४१०, ४१७, ४२४, ४२२, ४३५. ४३७, ४३६, ४७६, ४८१, ४८७, ४८८, ४६२, ४६७, ४६६, ५१५, ५३६, ५७१, ५८२, ५६३, ६०४, ६०७. ६४७, ६५०, ६७१. ६६३, ६६४, ७३०, ७५६ ८२२, ८२६, ८५४, ८६०, ६०३, ६०५, ६२५, ६३३, ६५३, ६८८ । ११६३, ११६४। २११, ३५१, ६४८, ७८२ । २४१ ४१६, ६५६, ७२२, ७८८ । ७७० कडुआमतिगच्छ कृष्णषिगच्छ कृष्णर्षितपापक्ष कोमलगच्छ खडायथगच्छ For Personal & Private Use Only Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट (२२२) खरतरगच्छ ६४, १५५, १५७, १७८, १६२, १६७, २००, २०१. २०८, २५०, २५८, २७५, २७६, २७७, २८५, २८६, २६८, ३००, ३१२, ३१३, ३३५, ३५०, ३६४, ३७४, ३७५, ३७६, ३७७, ३८०, ३६०, ३६६, ५०४, ४०५, ४०६. ४०७, ४१२, ४१३, ४१५, ४२५, ४२७, ४४५, ४५६, ४६२, ४६५, ४८३, ४६६, ५०८, ५१२, ५१३, ५१७, ५३२, ५३३, ५३४, ५३८, ५३६, ५४०, ५४३, ५७, ५७५, ५८५, ५८६, ५६६, ५६७, ६१२. ६१३, ६२८, ६५१, ६५४, ३७६, ७०६, ७३४, ७३६, ७५७, ७७१, ७७२, ७७५, ७७६, ७७७, ७७८, ७६.६, २०, ८०४, ८०६, ८०६, ८१७, ८५२, ८८०, ८१, ८२, ८८४, ८, ८६४, ६०७, ६१२, ६१६. ६९०, ६२६, ६२७,६२८, ६३५, ६३८,६३६,६४०,६४४, ६४८,९६०,६६५, ६७०,६८२,६८४, ६८६, ६६३, १००६. १०१३, १०२६, १०३७, १०६१, १०६२, १०६३, १०६४, १०६६, १०७०, १०७६, १०७७, १०७८, १०८०, १०८१, १०८५, १०६४, १०६५, १०६६, १०६६, ११०४, ११०६, ११२५, ११२६ ११२६, ११३२, ११४३, ११४४, ११४५, ११४६, ११४७, ११४८, ११४६, ११५०, ११५१, ११५२, ११५३, ११५४, ११५५, ११६१,११६६। खरतरमधुकरगच्छ कोरंटगच्छ १३४, १५६. २२८, २८६, ३०८, ३१४, ३५६. ४०८, ४२३, ४७६, ६४५, ७८, ८०१, ८५६, ८६८, ६३६ । ८६ ३४६, ३७०, ३६७, ४३४, ५०५ चित्रापल्लीयगच्छ चित्रावालगच्छ For Personal & Private Use Only Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२२४) परिशिष्ट २ चित्रावाल थारापद्रीय चैत्रगच्छ ६१३ । ६२, १७५, २४६, ३२१, ३३८, ३५४, ४०३. ४८२, ४६८, ५५५, ६४२, ६६१, ७५६, ७८७,८०५। १०१०। ७७३। छहितरागच्छ जाखडियागच्छ जालोहरीयगच्छ जीराउलागच्छ जीरापल्लीगच्छे तपागच्छ ८५५, ८६। १५२, १८४, १६१, २०२, २०६, २१०. २१४, २३५, २३८, २४०, २५२, २५६, २६८, २७०, २७३, २८२, २८३, २८४, ६२, ३०२ ३०७, ३१०, ३१६, ३२२. ३२३, ३२६, ३५८, ३६०, ३६५, ३००, ३८५, ३८६, ३८८, ३६१, ४११, ४४२, ४५१, ४६१, ४६८, ४६६, ४७२, ४८६, ४६३, ४६४, ४६५, ५०१, ५०३, ५०६, ५१८, ५२२, ५२६, ५३५, ५४१, ५४२. ५५०, ५५४, ५५७, ५५८, ५६२, ५६३, ५६४, ५६५, ५६८, ५६६, ५७३, ५७६. ५८४, ५८६, ५६२, ५६८, ६०५, ६०६, ६०६, ६१०, ६१४, ६१५, ६१८, ६२०, ६२१, ६२४, ६३२, ६३३, ६३४, ६३५, ६४३, ६४४, ६४६, ६७०, ६७३, ६७८, ६७६, ६८६, ६६०, ७०४, ७११, ७१८, ७२७, ७२८, ७५०, ७५५, ७६४, ७६६, ७६८, ७८४, ७६०, ७६५, ८०२, ८०८, ८११, २२७. ८३५, ८३७, ८३८, ८४७, ८६२, ८६७, ८६६, ८७७, ८६५, ८६६, ८६८, ८६६, ६०८, ६०६, ६१० ६११, ६२६, ६४५, ६६३, ६६८, ६७७, ६६.१, ६६२,६६८, १००५,१००७,१०१२,१०१४, १०१८, १०२२ । For Personal & Private Use Only Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट २ (२२५) तपागच्छ १०२३ १०२५, १८२७, १०३०, १८३५. १०३६, १०४०, १०४२, १०४३, १०४४, १०४७, १०४८, १०५०, १०५१, १०५३, १०५४, १०५५, १०५६, १०५७, १८५८, १०६६, १०६७, १०६८, १०७१, १०७५, १०८३, १०८६, १०८७, १०८८, १०६३, ५०६७, १०६८, ११०३, ११०७ ११०८, ११०६. १११०, ११११, १११२, १११३, १११४, १११५, १११७, १११८, १११६, ११२०, ११२१, ११२२, ११२३, ११२४, ११२७, ११२८, ११२६, ११३०, ११३१. ११३३, ११३४, ११३५, ११३६, ११३७, ११३८ ११३६, ११४०, ११४१, ११४२, ११५६, ११५७, ११५८, ११५६, ११६०, ११६२, ११६५, ११६६, ११६७, ११६६, ११७०, ११७१, ११७२, ११७३, २१७४, ६१७५, ११७६, ११७७, ११७६, ११८०, ११८१, ११८२, ११८३, ११८४, ११८५, ११८६, ११८८, ११८६, ११६२, ११६३, १९६५, ११६७, ११६६, १२०० । १४६। १७३, ३७२, ६५२, । डेकात्रीय द्विवन्दनीकरच्छ धारागच्छ, धमे शोपगच्छ ११६, १६१, १८६, २१३, २१६, २३०, २३३, २३४, २४३, २४४, २६०, २६६, १६१, ३२६, ३४८, ३५२. ३५३. ३८४, ४०६, ४२२, ४४६, ४७४, ४८४, ५७७, ५८१, ५६०, ६२२, ६२६, ६६० ६८१, ६८६, ६६८, ७०२, ७१५, ७२६, ७३५, ७३७, ७५८, ७६३, ८१८, १०४, १५, २१७. ६४२, ६४७, ६५८, ६.५६, ६.६४, ११८७। ५७ । For Personal & Private Use Only Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२२६) परिशिष्ट २ नागेन्द्रकुल ( गच्छ ) नागोरी तपागच्छ नाणकीयगच्छ (ज्ञानकीय) २२, ५८, १५१, १६७, ३६६, ६६६, ८८३, ६३१, ६४६, ६५१। ८६५, १०६२। ६८, ८६. १३६, ३०१। ३४६, ३८१, ४६७, ५१६, ६७५, ६६७. ७७६, ८३२, ८४२, ८७४, ६१४ । ७१३,७८३, ८१६, ६३०, ६३२.६३४, ६४३, ७१२, ६३७,। १६२, १७७, १८३,२६१,२६२, २६७, ४३०, ७५६,८६३.६०१,६५६, । ४७०, ७२०, ७२३.८२३, ६.३॥ नाणावालगच्छ निवृतिगच्छ पल्लीगच्छ, पल्लीवालगच्छ पार्श्वद्रहगच्छ पिप्पलगच्छ पिप्पलगच्छे तलाजीय पिप्पलगच्छे त्रिभवीया पूर्णिमापक्षीय पूर्णिमापक्षे कच्छोलीवाल पुणिमापने भीमपल्लीय पूर्णिमापक्षे वटपद्रीय ब्रह्माणगच्छ ५५३, ७२३, ८१३। ७७८। २१७, ६४०, ६७७। १२५, १५६, १८५, २२३, ३०६, ३६७, ३६८, ४२८, ४४८, ४६०, ५०२, ५११, ५५२, ६०२, ६२७, ६५६, ६६७, ६८०, ६८३, ७१७, ७४०, ७४३, ७६६, ७६६. ८००, ८२४,६८६ १००६। ५२३, ६५७. ६८४, ६८५ । ५२१, ६६२। ६२६। ३२, ११२, १३०. १३८, १६४, १६५, ४८०, ५२५, ५४४, ५४६, ५६५, ६०१, ६३७, ६६६, ७०७, ७०८, ८४५, ८४६, ६०० । ७०,८०,१३६,२१२,२५७, २५६,२६६, ३२५, ३२८, ३३२, ३३३, ३४५, ४१६, ४५२, ४५३,४६६, ४७१,५४६, ६११, ६१६, ६५५, ६६५, ६६६, ७०१, ७०३, ७३८, ७४२, ७७४, ७६२, ७६७, ८१२ ८२०, ८२८, ८५६, ८६०, ८७०, ६०२। For Personal & Private Use Only वृहद्गच्छ Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बृहद्गच्छे जीनेरावटंके बृहद्गच्छे जीरापल्लीगच्छ बृहतपा वृद्धतपा बोकडीयागच्छ बोकडीया बृहद्गच्छ भावडार गच्छे भावदेवाचार्यगच्छ भीनमालगच्छ मडाहडगच्छ मडाडरत्नपुरीयगच्छ मलधार गच्छ राजगच्छ रामसेनीय रुद्रपल्लीयगच्छ वायटगच्छ विजयगच्छ विद्याधर गच्छ वीरागच्छ वृत्राणा गच्छ वृद्धथारापद्रीय गच्छ सतिशलि गच्छ (?) साधुपुर्णिमा परिशिष्ट २ ५१४, । ५.६४, । ३७८, ५५६, ७१६, ७२६, ७४४, ७४६, ८६१, ८६६, ८७६, ६२१, ६५२, ६८७ ६८६, १०३२, १०३३, १०३४, । ३१५, ७१४, ७१६, ६१६, । ७२५, । १६६, ३४२, ३६२, ३६३, ४०२, ४६३, ५२७, ५४५, ५७८ ५८३, ७३६, ७५१, ८१५ । २४ । ५०६ । ( २२७ ) २१०, ६०३, ६७२, ७८ ७६८३१, ६७२ । २५३, ३३६, ८६१ । १८१, २३६, २४८, २६७, ३३०, ३३४, ३५७, ३८४, ४४६, ४४७, ४७३, ४८५, ५००, ५०४, ५१६, ५४८, ५५६, १८०, ६२३, ६३०, ६६४, ६६५, ७१०, ७४८, ७५३, ७६७, ८३६, ६५०, ६७६ । ३७६, ४४९, ४५८ । १८२ । ४०१, ४३८. ४५४, ४५५, ४५६. ५२०, ५७०, ६६६, ७४१, ८३०, ८४०, ८७३ । ७, १२ । २०८६, १०६०, १०६१, ११६८ । ६-८। ४८ । ४२६ । १६६, ६८७ । ८७५ । १५८, ३५६, ३६१, ७०६; ७६५ । For Personal & Private Use Only Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट २ सिद्धान्तीय मीतरगच्छ सुविहितपक्ष नधिसगनल संदरगड हहह १८६। १०११। १०७४। ४६, ७६ ६७, ८, १४०, १६६, १८, २२७, २६३. २६५, ३०३, ३०४, ३११, ३१८, ३४७, ३५०, ३६५, ४४०, ४६४, ४६१, १२४, ५२८, ६००, ६७४, ७६३, ७८६, ७६४, ८२१, ८४६, ८८५, ८६३, ६१८, ६४६, ६६१, ६६६, ६७१, ६८३ ८७६ । हुपुरीयगच्छ हारीजगच्छ -लेखस्थ दिगम्बर संघों के नाम काष्ठासंघ देवसेनसंच नन्दितटगण नन्दिसंघ बलात्कारमण बागडगच्छ माथुरसंघ मूलमंघ ७३, १३३, १४१, २७६, ३८३, ८३३, ५५१, ६२५, ६६६, १०८४। ८७१,८७२। २७६, ५५१ । २०७, २७८ । २०७, २७८, १०१५। ३८३, ५५१ । ३४. ३८८३३ । ३७, ४५, ७४, ११७, १२०, १८७, २०७, २२६, २७८, ३३१, ६६२, ७३२, ७६१. ८५१ ६.५.9, १००३, १०१५, १११७,१०१६, १०२४. १०२, १८२८, १०३८, १०४६, १०७२, १०७३ ! लाडवागडसंघ सरस्वतीगच्छ २०७, २२६. २७८, ८.१, १०१५। For Personal & Private Use Only Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ३ लेखस्थ आचार्य व मुनियों के नाम १२। ६४५ ४०। ६७, ६२, २६३, ३३६, ८१३ ॥ अकलङ्कसूरि अजितदेवसूरि अनन्तहंसगणि अभयदेवसूरि अभयभद्र अमरचन्द्रसूरि अमरदेवसूरि अमरप्रभसूरि अमररत्नसूरि अमरसिंहमूरि आणंदमेरु आणंदरत्न आणंदविमलसूरि आनन्दप्रभसूरि आमदेवसूरि इन्द्रनन्दिसूरि ईश्वरसूरि उदयचन्द्रसूरि उदयप्रभसूरि उदयसागरसूरि उदयाकरसूरि उद्योतनसूरि उज्जोअणसूरि ककसूरि ३८७, ४६६। ६३६, ७४५ । २१५ । ८६१,८६२। १०३२, १०३४। १६२। १६२। ८६६, ८६५। ५२४, ५२८, ६००, ७८६, ८६३, ६६६ । ५६४, ८५५, ८६२। ४२६:५२५, ५४४, ६६६, ८४६ । ८६१,८७६, ६२१, ११६८। ४६८। ७५६, ८२३, ८६३, ६०१, १०२१ । १२६, १३४, १३५, १५६, २०४, २२८, ३४३, ३४४, ३६२, ३७१, ३६३, ४१०, ४१७, ४२३, ४२४, ४३२, ४३५, ४३७, ४३६,४४३,४७६,४८१,४८७,४८८,४६२, ४६७, ४६६, ५१५, ५३६ ५७१, ५८२: ५६३, ६०४, ६०७, ६४५, ६४७, ६५०, ६७१,८२६,८४३,८५४, ८६४, ६७८, ६७६ । For Personal & Private Use Only Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२३०) परिशिष्ट ३ ककुदाचार्य कमलकलशसूरि कमलचन्द्रसूरि कमलप्रभसूरि कमलाकरसूरि कल्याणचन्द्रसूरि कल्याणसागरसूरि कालिकाचार्य क्षमासुन्दर क्षेमरत्नसूरि क्षेमहंससूरि गुणकीर्तिसूरि गुणचन्द्रसूरि गुणदेवसूरि गुणधीरसूरि गुणनिधानसूरि गुणप्रभसूरि गुणभद्रसूरि गुणमेरुसूरि गुणशेखरसूरि गुणसमुद्रसूरि गुणसागरसरि २२०,२७२, २६६, ३४३, ३४४,४२४, ४३५, ४४३, ४८१, ४८७, ४८८, ४६७, ५१५, ५३६, ५७१, ६०४, ६०७, ६४७, ६५०, ७३०, ७४६, ७८५, ६०५, ६२२, ६२३६५३ । ८६६, ६१० २१२, ६५६, ७७३। ५०२, ५१४, ६५५। १२७ । ११८७ । १००१, ११००, १००१, ११०२, ११८७ । ४६३,७३६। ३७३ । ६६६, ७५८ ४६८। ३५७, ६५०। ८३। १७५, २३१, ७२३ । ७६६ । ७४८, ७५३ ७६७, ८३६, ८७६ । ११६, २०। २७४। १००६। ११४, २६१ । ३६६, ७६६ । ३६६, ५२३, ८३६, ८७८, १०८६, १०६०, ११८७। ३३०, ३३४, ३८४, ४४६,४४७,४७३, ४८५, ५००, ५०४, ५१६, ५४८, ५५६, ५८०, ६२३, ६२६, ६३०, ६६४, ६६६, ६६५, ७१०, ७४१, ७५३, ८७३, ८७६, ६७६ । १६७, ३४६, ५०५, ५५५, ६४२, ८०५ । ११५. ५४६, ७६२, ७६७, ८७० । १०३२। गुणसुन्दरसूरि गुणाकरसूरि ज्ञानचन्द्रसूरि ज्ञानरत्न For Personal & Private Use Only Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ३ (२३१) ज्ञानसागरसूरि चन्द्रकीर्तिसूरि चन्द्रप्रभसूरि चारित्रचन्द्रसूरि चारित्रभूषण चैत्रसूरि जयकल्याणसूरि जयकान्तिसूरि जयकीर्तिसूरि जयकेसरीमूरि ७१६, ७४४, ११६८। १०६२। २५६, ७२३, ७७० । ६६२। ८६७। ६०२। १२६, ६७७। २८१। २८७, २६६, ७६२ । २८०, ४५०, ४७५,५१०, ५४७, ५६१,५६६, ५६७, ६१७ ६३६, ६३८, ६४१, ६८८, ६६२, ७००, ७३१, ७४७, ७६२, ८१४ । ३६०, ३६५, ३८८, ३६१, ४४२, ५२१, ५२६ । १७२। ३०६, ७२४,७६६। ३०६, ३६७, ४४८, ५११. ६६७, ६८२, ७६६। जयचन्द्रसूरि जयतिलकसूरि जयप्रभसूरि जयभद्रसूरि जयमंगलसूरि जयशेखरसूरि जयसिंह जयसिंहसूरि जयानन्दसृरि जाजिगसूरि जिनकुशलसूरि जिनचन्द्रसूरि २२१, २३०, ४१६, ७६५। १०३२, १०३४। २४१, ४१६ । ३२१ । ११२। १०२६, १०७०, १०७६, ११३४ । १४. २५, २५८, २८५, २८६, ३१३, ३३५, ३६४, ४०७, ५३२, ५३३, ५३४, ५३८, ५३६, ५४०, ५७४, ५८५, ५८६, ६१२, ६५१, ६५४, ७०६, ७५७, ७७१. ७७२, ७७५, ७७६, ७७७. ८०३, ८०४, ८०६, ८०६, ८१७, ६२६, ६३५, ६६०, ६६५, १०१३, १०३७, १०६२, १०६३, For Personal & Private Use Only Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२३२) परिशिष्ट ३ जिनतिलकसूरि जिनदेवसूरि जिनधर्मसूरि जिनप्रभसूरि जिनभद्रसूरि १०६४, १०६६, १०७०, १०७६, १०७७, १०७८, १०८०, १०८१, १०८५, १०६४, १०६५, १०६६, १०६६, ११०४, ११०६, ११२५, ११२६, ११२६, ११३२, ११४३. ११४४। ४५४,४६५,५७५। २४६, ४८२, ५४५, ५८३, ७३६, ७५१, १०३७, १०६१, १०६६, १०७७, १०६४, १०६५, १०६६, ११६१ । ४५६। ४६५, ५७५, ६६०। २५०, २५१, २७६, २७७, २६८, ३००, ३३७, ३७४, ३७५, ३७६, ३७७, ३००, ३६०, ३६६, ४०४, ४०५, ४०६, ४१२, ४१३, ४१५, ४२५, ४६२, ४८३, ४६६, ५०८, ५१२, ५१३, ५१७, ५३२, ५३३, ५३४, ५३८, ५७४, ५८६, ६१२, ६५४, ७०६, ७५७, ७७१, ७७५, ७७६, ७७७, ८०३, ८०४,८१७, ८८८, ११४३। ६८२, १००६, १०६२, १०६३, १०८१, ११२५, ११२६ । ७४६ । १७८, २७५, ३००, ३८०, ४०१, १२६, ११२६, ११४३, ११४५, ११४६, ११४७, ११४८, ११४६, ११५०, ११५१, ११५२, ११५५ । १६२, १६७, २००, २०१, २०८, २५८, ३१३। ६४३। ४५६ । ७७८, ८०६, ८८१, ८८२, ८८४, ६०७, ६३६, ६४८, ६८०,६८२, १०६५, १०६६, ११६१ । जिनमाणिक्यसूरि जिनरत्नसूरि जिनराजसूरि जिनवर्द्ध नसूरि जिनशीलसूरि जिनशेखरसूरि जिनसमुद्रसूरि For Personal & Private Use Only Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ३ ( २३३) जिनसागरसूरि जिनसाधुसूरि जिनसिंहसूरि २८६, ३०६, ३१२, ३१३, ३३५, ३४०, ३६६, ४१३, ४२५, ४२७, ५४३, ८५२, ८८०,८८, ६२०, ११२६, ११२६, ११४३, ११५३, ११५४ । ६६७ १०३७, १०६४. १०६६, १०७७, १०७८, १०८०, १०६४, १०६५, १०६६, १०६६, ११०४, ११२५, ११२६, ११२६, ११४३, ११४४, ११४५, ११४७, ११४८, ११६१, ११६६। २८५, ५६६, ५६७, ८५२, ८६६, ८६४, ६२० । ५६६, ५६७, ६१३, ६२८, ७३४, ७३६, ७६६, ८५२, ८८०, ८६४, ६२०, ६६५, १८४। ४०१, ६०७, ६१२, ६१६, ६२७, ६२८, ६३८, १३६, ६४०, १४४, ६४८, ६७०, ६८०. १८६। ८४! जिनसुन्दरसूरि जिनहर्षसूरि जिनहससूरि ७२। जिनेन्द्रसूरि जिनेन्द्रप्रभसूरि जिनेश्वरसूरि जिनोदयसूरि जीवदेवसूरि जीवरत्नसरि तेजपाल तेजरत्नसूरि तेजहंसगणि दयासूरि देवकीर्ति देवगुप्तसूरि १५७। ६३१। १०८२। ११६३, ११६४। १०१४, १०३२, १०३३. १०३४, १०८२ । ११६१। ६७२। १०६२। १३१, १३७, १६०, २०५, २१८, २७१, ६६३, ६६४, ७३०, ७४६, ७८५, ८२५, २६ ८४१. ८६०, ६०३, ६०५, ६२३, ६२५, ६५३ । For Personal & Private Use Only Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२३४) परिशिष्ट ३ देवचन्द्रसूरि देवरत्नसूरि देवसुन्दरसूरि ४७, १४८। ५७२, ८५५, १०३३। १७६, १८४, १६१, २३७, ५२०, ५७०, ७४१, ७८७, १०३१, १०३२, १०३४। ५०६ । १२। ६१। देवसूरि देवभद्रसूरि देवपालसूरि देवप्रभसूरि देवेन्द्रसूरि धनदेवसूरि धनप्रभसरि धनरत्नसूरि धनेश्वरसरि धर्मचन्द्रसूरि धर्मतिलकसूरि धर्मघोषसूरि धर्मदेवसूरि धर्मप्रभसूरि धर्ममूर्तिसूरि धर्मशेखरसूरि धर्मसागर उ० धर्मसागरसूरि धर्मसिंहसूरि धर्मसुन्दरसूरि धर्मसुन्दरगाण धर्मसुन्दरसिद्धसूरि धर्मसूरि धुरसूरि नन्नसूरि ६७, १४४। १८२। ७०१॥ १८७, १०३२, १०३३, १०३४ । ६८, ५८८, ६७५, ६६७, ७१३, ७७६, ७८३, ८१६, ८३२, ८७४। २५३, ३३६ । १५८, ३१५, ४१८ । ६६, ८८। १४२, १८२। २१७ । ८४, १०१०, १०११, १०६५ । ३६८, ३७३। ११५६ । ५६८, ६४०, ६७७। २६६ । ६२२, ८१८, १००६ । १००६ । ८२२, ८४३, ८५४ । १०७, ११५, २७४, १००४ । ६८६ । २२८, ४०८, ४७०, ६६८, ७२०, ७२१, ७६८,८५६, ६३६। For Personal & Private Use Only Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ३ (२३५) नन्दीवर्द्ध नसूरि नयचन्द्रसूरि नयविजय नरचन्द्रसूरि नेमिचन्द्रसूरि पद्मचन्द्रसूरि पद्मदेवसूरि पद्मप्रभसूरि पद्मशेखरसूरि ६०४, ६१५, ६४२, ६४७, ६५८, ६५६. ६६४, १०४७। ३५१, ६०३, ७८२, ७८८,८३१ । १०७५। ८६। १४७। १५१ १३८ । ६६, ४६। २१३, २१६, २३३, २३४, २४३, २६६, २६१, ३२६, ३५३, ५८१, ७१५, ७३५ । ३२८, ३७६, ४२२, ४४१, ५२६, ५८१, ६२६, ६६६, ६६८, ७०२, ७१५, ७३५, ७६१, ६०४, ६१५, ६४७, ६५८, ६५६, पद्माणंदसूरि ६६६। ८०। ५२१,६८६ | ८७५। ७५८ । ७०६ । परमानन्दसूरि पार्श्वचन्द्रसूरि पासडसूरि पासभद्रसूरि पासरत्नसूरि पुण्यचन्द्रसूरि पुण्यदेवसूरि पुण्यप्रधान पुण्यप्रभसूरि पुण्यवर्द्ध नसूरि पुण्यरत्नसूरि पुण्यहंससूरि पूर्णचन्द्रसूरि २४६। १०७८, १०८०, १०८१, ११२५ । २११, २४१, ८५६, ८१ । ७२१, ७३३ । ६३३, ७३३ ,७४३,७८० । ७८०। ६६, २१४, २८२, ३२२, ३८२, ५१८, ५२२, ५४१, ५४२, ७०६, ८६१ । प्रद्यु नाचार्य प्रज्ञातिलकसूरि प्रभानन्दसूरि प्रसन्नचन्द्रसूरि ६५॥ ८२। ७८२। For Personal & Private Use Only Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२३६) परिशिष्ट ३ प्रेमप्रभसूरि बुद्धिसागरसूरि भद्रेश्वरसूरि भानुचन्द्रगणि भावदेवसूरि भाववर्द्ध नगणि भावसागरसूरि भावसुन्दरसूरि मणिचन्द्रसूरि मणिसागरसूरि मतिसागरसूरि मतिसुन्दरसूरि मनकसरि मनसिंहपूरि मलयचन्द्रसूरि १३०,१६५, ६०१,७०७,७०८,८४५, ६००। ८६। ११०७। ७६, ३६३, ५७६, ५८३, ७३६, ७५१, ८००, ८०१.८१५ । ८६ । ४६०, २०१०, १०११ । ६७२, हो। ८५३। १६३। १८१। ६७२। १८३, १८६, २१३, २१६, २४३,७१४, ७१६, ७२५, २६, ८५३, ६१६ । २२॥ मल्लवादी महीतिलकसूरि महेन्द्रसूरि महेश्वरसूरि माणिक्यसूरि मानसागरसूरि मुनिचन्द्रसूरि मुनितिलकसूरि मुनिदेवसूरि मुनिप्रभसूरि मुनि रत्नसार मुनिसुन्दरसूरि २०३, २४४, २६०, ३४८, ३५२, ३८६, ५३०, ५७७, ५६०। ५२, ८६, १०५, ११८, ४६७, ४७१, ६४३ । ६५६, ६७३। १५०। ७२६। ६५. ६६, ४८०, ५४६, ६१६, ६६२ । ३२१, ३५४, ३७०, ३६७, ४०३, ५०५, ३४५, ६०२। २१०,८४८। २६४। ४३६. ४६१, ४६६, ५२६, ५३५, ५५४, ५६२, ५७६, ८६२ । २५७, २५६, ३२५ । १७१, १६४। मुनीश्वरसूरि मेरुतुङ्गसूरि For Personal & Private Use Only Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ३ (२३७) मेरुप्रभसूरि मेरुविजय यशोकुशल यशोदेवसूरि यशोभद्रसूरि रत्नकीर्तिसूरि रत्नचन्द्रसूरि रत्नदेवसूरि रत्नप्रभसूरि रत्नसिंहसूरि रत्नशेखरसूरि ७०३, ७४२, ७७४, ८२८, ६०२ । १०६०। १०७०। २५५, २६१, २६२, ४३०, ७२०,७२१ ॥ ६७, १११, १६८, ३०३, ५२४, ५२८, ६७४, ८४६। ६६४, ६६५। ४६६। ४८२, ७५६ । ६६, १६३, १७३, २५७, २६५, ३२५, ३३२, ३३३,३६६, ७५१ । ५४,३७८, ५५६ । २३८, २६२, ३५८, ३६६३८५, ४११, ४२१, ४२६, ४४२, ४५७, ४६१,४७२, ४७८,४८६, २६४, ४६५, ५०१,५०३,५०६, ५२६, ७३५, ५५४, ५५७, ४५८, ५६२, ५६३. ५६४, ५६५, ५६८,५७६ ५८६ ५६१,५६२, ६०५,६१०, ६१४, ६१५, ६३५, ६७०,६७८,७५०,७६८, ७६०,८०८। १११३। १५१, ४७१ । ७८६ । ८१६ । ६६६। ७४२, ७७४, ८२६, ६६४, ६६५ । १३६। १०६६। ५८१। ३३८ । ३५७,५७६, ५८४, ५८६, ५६१,५६२,५६८, ६०५, ६०६, ६०६, ६१०, ६१४, ६१५, ६१८, ६२०, ६२१, ६२२, ६२४, ६३२, ६३३, ६३४, ६३५, ६४३, ६४४, ६४६,६४८, रत्नसूरि रत्नाकरसूरि रविचन्द्रसुरि रविप्रभसूरि राजकीर्ति राजरत्नसूरि रामचन्द्रसूरि रामविजयगणि रूपचन्द्रसूरि लक्ष्मीप्रभसूरि लक्ष्मीसागरसूरि For Personal & Private Use Only Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२३८) परिशिष्ट ३: लब्धिचन्द्रगणि लब्धिश्रुतगणि लब्धिसागरसूरि वयरसेनसूरि वर्धमानसुरि विजयचन्द्रसूरि विजयदानसूरि विजयदेवसूरि ६५८, ६७०, ६७३, ६७८, ६७६, ६८६, ६६०, ७०४, ७११, ७१८, ७२७, ७२८, ७३७, ७५०, ७५२, ७५४, ७५५, ७६६, ७६८, ७८१, ७८४, ७६० ७६३, ७६५ ८०२, ८०८, ८११, ८१८. ८२७ ८३४ ८३८, ८४७, ८७७, ६१७, ६५० । ११०७, ११८७ । १६८। ६.२१ । १३१, १५० । ६३ । ३२६, ३५३,४०६,५८१, ६७२, ६८६,७०६ । ६६२, ६६८,१००२, १००५, १००७,१०१२, १०१८, १०२५। १७५, ५५३, ५७८, १०७१, १०८३, ११०३, ११०७, ११०८, ११०६, १११०, ११११, १११२, १११३, १११४, १११५, १११७, १११८, १११६, ११२०, ११२१, ११२२, ११२३, ११२४, ११२७, ११२८, ११३०, ११३१, ११३३, ११३४, ११३५, ११३६, ११३७, ११३८, ११३६, ११४०, ११४१, ११४२, ११५६, ११५७, ११५८, ११५६, ११६०, ११६२, ११६५, ११६७, ११६६, ११७०, ११७१, ११७२, ११७३, ११७४, ११७५, ११७६, ११७७, ११७६, ११८०, ११८१, ११८२, ११८३, ११८४, ११८५, ११८६, ११८७, ११८८, ११८६, ११६०, ११६२, ११६३, ११६४, ११६५, ११६७, ११६६, १२०० । ३१, ३४८, ३५२, ६०८, ६५७, ६८४, ६८५, ६६६। ११३८ । ११६२। विजयप्रभसूरि विजयशान्तिसूरि विजयशिवसूरि For Personal & Private Use Only Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट २ (२३६) विजयसिंहसूरि विजयसेनसूरि विद्याकरसूरि विद्यासागरसूरि विनयकीर्तिसूरि विनयचन्द्रसूरि विनयचारित्र विनयप्रभसूरि विनयसुन्दरगणि ३४२, ११५६, ११६२, ११७१, ११८०, ११८१, ११८२, ११८४, ११८५, ११६५, ११६७ १२००। ५८, १०४२, १०४५ १०५०, १०५१,१०५२, १०५३, १०५४, १०५५, १०५६, १०५७, १०५८, १०५६, १०६६, १०६७, १०६८, १०७५, १०८६, १०८७, १०८८, १०६३, १०६७ ,१०६८, ११०३, ११०७, १११६, ११२७, ११२८, ११३०, ११३१, ११३५, ११३६, ११३७, ११५८. ११५६, ११६६, ११६६ । १५६ । २३६, २४७, २४८, २६७, ३८४, ४४७, ४७३, ६६५। १०७४। १०२१, १०६०। १०३२, १०३४। १०४, ६६६ । १०५०, १०५१, १०५२, १०५३, १०५४. १०५५, १०५६, १०५७, १०५८, १०५६ । १०३२, १०३४। ५६५, ६०१, ७०७, ७०८,८४५, ६०० ७०१,६७५। १६१,७८८। ७८७। १०३२। ३४२, ३६२, ४६३, ५२७, ६३७ । ७८७। १०३४। ६४६ । पं० विमलरत्न विमलसूरि वीरचन्द्रसूरि वीरभद्रसूरि वीरप्रभसूरि वीररत्न वीरसूरि वीराणंदसूरि वीसल शान्तिनाथसूरि शान्तिसुन्दरसूरि शान्तिसूरि ४५३ । ४६, १७७, १८३, २२७, २५५, २६३, ३०१, ३०३, ३०४, ३११, ३१८, ३४७, ३४६, For Personal & Private Use Only Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २४० ) शान्तिसूरि शालिभद्रसूरि शालि सूरि शीलचन्द्रसूरि शीलप्रभसूरि शीलभद्रसूरि श्रीचन्द्रसूरि श्रीभद्रसूरि श्री सागर सरि श्रुतसागरगणि श्रुतसागरसूरि संघदत्तसूरि समय राजोपाध्याय समय सुन्दरोपाध्याय सर्वदेवसूरि सर्वानन्द सूरि सवतसूरि सागरचन्द्र सूरि साधुरत्नसूर साधुसुन्दरसूरि साधुसूरि सावदेवसूरि सिद्धसूरि सिद्धसेन सूरि सिद्धान्तसागरसूरि परिशिष्ट ३ ३५०, ३६५, ४४०, ४६४, ४६७, ४६१, ५१६, ६००, ६७४, ७६३, ८७८,८८५ ८६३, ६१४, ६१८, ६३०, ६३२, ६३४, ६४३, ६६१, ६८३ । ४८, ५५३, ६६५, ६८१, ७३८, । ७६, १४०, ७८६, ७६४, ८२१, ६७१ । ३३८ । ८८ । १६६, १७०. २४५ । ७५, १२६ । ६३ । ४१६ । ११५६ । ६१७ । ६३७ । १०७८, १०८०, ११२५ । १०७८ । ५१ । २२३, ५२३ । १८६ । १८६ । ४०६, ४४६, ४६०, ४७४, ४८४, ५५२, ६२६, ६५६, ६६०, ६८०, ६८३, ७२६ । ६२६. ६२७, ६५६, ६८०, ६८३, ७१७, ७४० । ६६ । २८६, ३०८, ३१४, ३५६, ४०८, ४७६, ६४५, ७६८ । ३३८ । ६४, २१६, २२०, २२६, २५४, २७२. २६४, २६६, ३१६, ३२०, ३२७, ४१७, ४३६, ६६३, ६६४ ८२२, ८५४, ६२२, ६२५, ६३३, ६८८ । ५१६ । ८५८ । For Personal & Private Use Only Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ३ (२४१) सिद्धिचन्द्रगणि सिंहदत्तसूरि सिंहदेवसूरि सुधानन्दनसूरि सुभद्रसागरसूरि सुमतिसाधुसूरि सुमतिसूरि सूरप्रभसूरि सेनसूरि सोमकीर्तिसूरि सोमचन्द्र सोमतिलकसूरि सोमदेवसूरि सोमरत्नसरि सोमसुन्दरसूरि ११०७ । २२१, ४२० । ७१२। ६७३, ६६०। १०६१। १६६, ८३०. ८३८, ८४७, ८६६, ६४५। १७, १६८, १६६, ३४६,८४६ । २८८। ३७२। ६६१, ८०५, १०६२। १०७। १८५। ४२८,६१३। ८६५, ८८७,६६५। १५३, २०२, २०६, २०६, २२५, २३२, २३५, २३७, १४२, २६८, २७०, २७३, २८३, २८४, ३०२, ३०५, ३०७, ३१०, ३१६, ३१७, ३२३, ३२४, ३२६, ३६५, ३८५, ३८६, ३८८, ४११, ४२१, ४२६, ४३१, १३६, ४३८, ४४२, ४६१, ४६६, ४७८, ४८६, ५०१, ५०३, ५२०, ५२६, ५३५, ५५७, ५५८, ५६८, ५७०, ५७६, ५६८, ६१५, ६२०, ६३२, ६४४, ६४६, ६७०, ६७३, ६७८, ७०४, ७११, ७२८, ७५२, ७५५, ८०८, ७६६, ८१२, ८२७, ८३०, ८३७, ८४७, ८६२, ८६६, ६१०, ६२६, ६४५, ६७७। ६५२। ६६१ । १०७८। १०७८। ८००, ८२४ । सौभाग्यसागरसूरि सौभाग्यहर्षसूरि हंसप्रमोद वा० हर्पनन्दनगणि हर्षसुन्दरसूरि For Personal & Private Use Only Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२४२) परिशिष्ट ३ हरिकलशसूरि हरिभद्रसूरि हीरविजयसूरि हीराणंदसूरि हेमचन्द्रसूरि हेमतिलकसूरि हेमप्रभसूरि हेमरत्नसूरि हेमविमलसूरि हेमशेखरसूरि हेमसमुद्रसूरि हेमसिंहसूरि हेमहंससूरि ८३०। ५८, ६०,७०,८३, २६७, ४५५, ४५६, १०१८, १०२०, १६२२, १०२३, १०२५, १०२७, १०३०, १०३५, १६३६, १०३६, १०४०, १०४१, १०४३, १०४४, १०४५. १०४६, १०४८, ११५०, १०५८, ११५६. १०६७, १०८८, १०६७, १११६, ११२७ ११२८, ११३०, ११३१, ११५८, ११५६. ११८६। ३५६, ३६१। १७२, ५१४, ५४६, ६१६। १६४ । ६०८, ६६९, ८४०। ५३१, ७६४। ५५०, ८६७, ८६६, ८७७, ८६६, ८६८, ८६६, ६०८, ६११, ६४५, ६५४, ६६८, १४१। ६६५। ५६६, ५७३, ७६४। ६४६। २१४, २२२, २३६, २४०, २५२, २५६, २८२, २६३, ३२२, २८२, २६२, ३२२, ३८२, ४५१, ४६३, ५१८, ५२२, ५४१, ५४२, ५६६, ५७३. ८८३, ६३१ । लेखस्थ दिगम्बर आचार्यों के नाम १८। ४५। ८३३ । १८ । ७३२, ७६१,८१०, ८४३, १०१५ । १०४६, १०७३। ३८। ८५७। आचार्यनन्दि उमहचन्द्र कमलकीर्ति गुणचन्द्र ज्ञानभूषण चन्द्रकीर्ति चारुकीर्ति त्रिभुवनकीर्ति For Personal & Private Use Only Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दाननन्दि देवरत्न देवेन्द्रकी र्ति धर्मसेन पद्माकर पद्मनन्दि ब्रह्मकीर्ति भवनकीर्ति भीमसेन भुवनकीर्ति मलकीर्ति मंडलाचार्य कुमुदकीर्ति माघनन्दि यशकीति लाभचन्द्र वर्णकीर्ति विजयकीर्ति विद्यानन्दि विद्याभूषण विमलसेन विश्वसेन श्रीश्री भूपरण शुभचन्द्र सकलकीर्ति सुमति कीर्ति सोमकीर्ति सोमसेन हेमकीर्ति हंससेन परिशिष्ट ३ ४५ । २२६ । ५८७ । ३८३, ५५१ । ५८७ । ११७, १८७, २०७, २७८, ३३१ । ६६ । ३३१ । ३८३ । ३७, ६६२, ७३२, ७६१, ८१०, १०१५ । ६५३, । ६३ । १२० । ३६ । १००३ । २५ । ६५७, १०१५ । ५८७ । १०८४ । ६६६ । १०८४ । १०८४ । ८३३, १०१५, २०१७, २०१६, १०३८ । २७८, ३३१, ८१०१०१५ । १०१५, १०१७, २०१६, १०२४, १०२६, १०३८ । ६२५, ६६६ । ८५१ । ३८३ । ८३३ । ( २४३ ) 10:1:1 For Personal & Private Use Only Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट४ -लेखस्थ ग्रामानुक्रमणिका १०२५ १९६० अइमा ५७६ । काश्मीर ११४३ अजयमेरु कीडेत ८११ अर्बुदाचल ६७६, ११४३, ११४४ | कुमरगिरी अवन्ती केदार ६८० अहमदाबाद ६२०, ६७६,६६६, कोटनगर १०३१, १०३२,१०३३, १०४२, १०६४ १०३४ अहिनगर कृष्णागढ ११६५ अहिमनगर ६८७ खिरहाला ८१५ आगरा १००१, १०८, १०६०, खीससर ६३०, ६६५ १०६१ १०६२, ११००, गद्दीकोलीमा ७०८ ११०१ गिरपुर १०३२ आम्ला हि ५०३ गिरिपुर ३६२, ५५६ आवराणी ६८३ गुलकुण्डा (तिलंगदेश) ११६६ आहोर ८८३ गोदूया ५५२ आञ्जली ६६0 गोरिज इलाचल १५२ गोल ८६६ इलादुर्ग इन्द्रीय ६६१ । डायलाणा ६३४ इसनापुर १०१५ | डांगरूया १२२ ईटाढी ८५४ चित्रकूट २६ उडथल ६३२ छल्ली ८७० उबखल १०१५ ।। जयतलकोट उहरनाला जवाल १०१४ उहारुद्र जाखडिया ८६१ करणपुर जेसलमेर १०१३, १०६६ कहुर तिलवडी ५६५ काकरी ६१३ दीसा कांवली ४८६ / देकावाडा ७४५ ७६६ ५०१ टीबा WI ६४१ ७१७ ३८८ For Personal & Private Use Only Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दलुलि देवकुलपाटक देवर देवाडा धार धीथिला नडुलाइ पिहाणा नरवर नागपुर नालग्राम नांदिया नीतोडक पत्तन पाचल पालडी पालणपुर पाली पपलिया पूनाना फलवर्द्धिका बलहरा बेलाकुल बोरासिद्धि भरिजा भाणवड भिन्नमाल मलारणा महिम मालपुर परिशिष्ट ४ ६६१ । मालवसिंग मांडली ३६६ ४७० | मुढागपुर ८८७ मुण्डाडा ७२७ मुन्नडा ५६८ मूडहिटी १४ | मेडता ६६२ ३० ६२३, ६५०, ७५१, ६६४, १९७८ ६६ ७५५ ७५२ ४४४, ८६१, ८६५६६६, मेवानगर ११०३ ८३३ मेहुणा ६८६ मोरबी ७८१ योधपुर ११७६, १९८१ राजल ४६९ रेवडी ५५४ रोयठारणा २६, ३० ७४० १९५६ १२० लूद्राडा ६५८ | लोलाडा वडली ११४३, ११४४, १९४६ १९६५ मडी २६० मण्डपदुर्ग ६१४, ६३५, ६४३, ६५१ मडाहडज ११०३, ११०७, ११८७ लहीगापडी (?) लाट लाटहृद वणद्र वनुरि व्रधमान विक्रमनगर ६७६ २०४४ विमलाचल वीठलापुर For Personal & Private Use Only ( २४५ ) ७८७ ६५६ २४६ ७०४ ८८६ ८४३ ६३०, १०७७, १०७६, ११०५, ११२७, ११९२८, ११२६, ११३०, ११३१, ११३३, ११३४, ११३६, ११३७, ११३८, ११३६, ११४०, ११४२, ११४३, ११६२, ११७१, ११८०, ११८१, ११८२ ६७७ ४८० ६०६ ११४१, १२०० ७२३ ६२६ २१६ ५४६ ७६८ ७६ ७१८ ७४७ २८३, ७२५ ६०० ६३७ ६०८ ६७० ११४३, ११४४ ६५१ Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२४६) परिशिष्ट ४ ५५० ८७७ वीरवाडा ८३६ | सारंगपुर ७६५, १०३६ वीसनगर सींदरसीय वीसलनगर ७८४, ८२२ संग्रामपुर (सांगानेर) १०७० वेरोजपुर ६१५ सिद्धपुर ४७८ वैराट १०२३ सिरोही ६४६, २०१८ वोटीला ६४० सीणोर ५६३ शत्रुञ्जय १०७८, १०८०, १०६७, | सीहा ११०७, ११२७, ११२८, सुन्दरसीनगर १००५ ११३०, ११३१, ११३२, सूद्रीयाणा ६०१ ११४३, ११४४, ११४६. | स्तम्भतीर्थ ६११, १२१,६४५, शांबलीया ५८४ ६६७,६६८, १०३५, शीबापुर ८४५ १०४५, १०७८,१०६७, श्रीमण्डपे ५८६,८४७ ११५६. सहुवाला ६६७ सोजति १०८ साकर ७४३ हमीरपुर १०२७ सागवाटक १०६७ | हर्षपुरी ५८० सामेर ८२७ । हारीज ५२,७५६ परिशिष्ट ५ -लेखस्थ राजाओं के नाम अकबर १०६२, १०६३, १०७८, | बाहऊंग १०६७, ११०७, ११२७, महामन्त्री कर्मचन्द्र १०७० ११२८,११३०,१२३१, मानसिंह राउल ८३३ ११४३, ११४४, ११५८. मानसिंह १०७० गजसिंह १०७६, ११८० गोविन्ददास १०७६ राउलसहसमल १०३२, १०३३, १०३४ नूरदीन जहांगीर १०७६, १११६, ११२७, ११२८, ११३०, राजसिंह ११६१ ११३१, १२३२, ११३५, | रायसिंह १०८१ ११४३, ११४४. | सूर्यसिंह १०७६, १०६५, १०६६ For Personal & Private Use Only Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ६ लेखस्थ ज्ञातियों के नाम १६०, १६२, उपकेशवंश उक्केश, ऊकेश, ७५, १३७, १४०, केश, वंश, ओसवा - १६६, १७२, १७४, १७६, १७८ १८२, लज्ञा० १८३, १८६, २६६, १६८, २००, २०१, २०४, २०५, २०८, २१२, २१६, २२०, २२४, २२५, २२७, २३१, २३३, २३५, २४१, २४३, २५३, २५४, २५५, २६१, २६२, २६३, २६६, २७२, २७५, २७६, २७७, २८०, २८१, २८४, २८५, २८६, २८७, २८६, २६१, २६२, २६३, २६४, २६६, २६६, ३००, ३०१, ३०३, ३०४, ३०८, ३१०, ३११, ३१२, ३१३, ३१४, ३१५, ३१७, ३१८, ३१६, ३२०, ३२१, ३२३, ३२५. २२७, ३३२, ३३३, ३३६, ३४०, ३४२, ३४४, ३४५, ३४६, ३४७, ३४६, ३५०, ३५१, ३५४, ३५५, ३६२, ३६३, ३६७, ३६८, ३७०, ३७१, ३७६, ३७७, ३७८, ३७६, ३८०, ३८१, ३८७, ३६०, ३६१, ३६३, ३६५, ३६६, ३६७, ३६८, ३६६, ४०२, ४०३, ४०५, ४०६, ४०६, ४१२, ४१४, ४१५, ४१६, ४१६, ४२३, ४२४, ४२५, ४२६, ४३२, ४३२, ४३४, ४३७, ४३८, ४३६, ४४०, ४४१, ४४३, ४४६, ४४७, ४४८, ४५०, ४५६, ४६२, ४६३, ४६४, ४६७, ४६८, ४६६, ४७०, ४७४, ४७६, ४७७, ४७६ ४८१, ४५२, ४८३, ४८५, ४८७४८८४६०, ४६१, ४६७, ४६८, ४६६, ५०९, ५०५, ५१०, For Personal & Private Use Only Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२४८) परिशिष्ट ६ ५११, ५१३, ५१४, ५१५, ५१७, ५१८, ५१६, ५२०, ५२१, ५२४. ५२५, ५२७. ५२८, ५२६, ५३४, ५३६, ५३८, ५४०, ५४१, ५४२, ५४३, ५४४, ५४८, ५४६, ५५६, ५६६, ५७०, ५७१, ५७४, ५८०, ५८२, ५८४, ४८५, ५८८, ५६०, ५६३, ५६४, ५६६, ६००, ६०३, ६०४, ६०७, ६११, ६१३, ६१६, ६१६, ६२१, ६२२, ६३०, ६३१, ६३३, ६३८, ६४२, ६४४, ६४६, ६४७, ६४८, ६४६, ६५०, ६५४, ६५५, ६५६, ६६०, ६६१, ६६४, ६६६, ६६७, ६६८, ६७१, ६७४, ६८१, ६८२, ७८८, ७८६, ८ह १, ६६५, ६६६, ६६७, ६६८, ६६६, ७०१, ७०२, ७०३, ७०५, ७०६, ७१०, ७१३, ७१४, ७१५, ७१८, ७२२. ८२५, ७२६, ७३०, ७३३, ७३४, ७३५, ७३६, ७३७, ७४१, ७४६, ७४८, ७५३, ७५६, ७६२, ७६३, ७७०, ७७१, ७७२, ७७३, ७७५, ६७६, ७७७, ७७८, ७७६, ७८०, ७८२, ७८३, ७८५, ७८७, ७६३, ७६४, ७६६, ८०१, ८०३, ५०४, ८०५, ८०६, ८१४, ८१५, ८१७, १८, ८१६, ८२२, ८२५, ८२६, ८२, ८२६, ८३१, ८३२,८३६, ८३८, ८४१, ८४२, ८४६, ८४६, ८५२, ८५३, ८५५, ८५८, ८५६, ८६०, ८६३, ८६५, ८६६, ८६८, ८७६, ८५०८८१, ८८३, ८८५,८६०, ८१, ८६३, ६०१ ६०५, ६०७, ६०८, ६०६, ६१०, ६११, ६१४, १५, ११६, ६१७, ६१८, ६१६, ६२०, ह२२, ६२५, ३१, ६३३, ६३६, ६३६, ६४०, ६४३, ६४४, ६४५, ६४६, ६५३, ६५६, ६६३, ६६५, ६६६, ६६७, ६६८, ६६६, ६७० ६७४, ६७५, ६७८, ६७६, ६८३ ६८५, ६६३, ६६८, १००४, For Personal & Private. Use Only Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कच्छक क्षत्रपकुल गडाकवंश गुर्जर डीसावाल नाग नागर पल्लीवाल प्राग्वाट परिशिष्ट ६ ( २४६ ) १००७, २००८, १०१०, २०११, २०१२, १०१३, १०२२, १०३७, १०४०, १०४३, १०४४, १०६२, २०६३, २०६४, १०६५, १०६६, १०६६, १०७७, १०८३ १०८५, १०८८ २०८६, १०६२, १०६४, २०६५, १०६६, १०६७, ११००, ११०९, ११०६, १११२, १११४, १११६, १११७, १११६, ११२०, ११२२, ११२३, ११३१, ११३२, ११३३, ११३६, ११३८, ११३६, ११४१, ११४२, ११४३, ११४४, ११४५, ११४६, ११४७, ११४८, ११४६, ११५२, ११५६, ११६१, ११६२, ११६६, ११७०, ११७१, ११७४, ११७८, ११७६, ११८०, ११८१, १९६२, १२०० । २८० । ६७६ । ८६५। ६२, ४२०, ८२० । १४७ । ७२६ । १०२६ । १७०, ७३८ । २६, ६५, ६६, ११८, १४३, १४६, १५२, १६३, १७६, १८४, १८५, १८८, १६०, १६५, २०२, २०६, २०६, २१०, २१८, २२३, २२८, २३२, २३७, २४२, २४६, २५०, २६८, २७३, २६५, ३०२, ३०५, ३०७, ३२४, ३४१, ३५८, ३५६, ३६०, ३६१, ३६५, ३७२, ३८८, ४००, ४१७, ४२६, ४४२, ४५७, ४६१, ४७२, ४७५, ४६६, ४८६ ४६५, ५०३, ५२३, ५३५, ५३७, ५३६, ५५०, ५५४, ५५७, ५५८, ५६२, ५६३, ५६५, ५७२, ५७६, ५७६, ५=६, ५६१, ५६२, ५६८, ६०५, ६०६, ६०६, ६१०, ६१४, ६१५, ६१८, For Personal & Private Use Only Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२५०) परिशिष्ट ६ श्रीमालज्ञातीय ६२०, ६३५, ६४१, ६४३, ६५२, ६५७, ३५८, ६७०, ६७३, ६७८, ६८४, ६८५, ६८६, ६६०, ६६३, ६६४, ७०४, ७०६, ७१६, ७२७, ७२८, ७४३, ७४६, ७५०, ७५१, ७५२, ७५५, ७५६, ७६५, ७६६, ७६७, ७६८, ७८१, ७८४, ७८८, ७८६, ७६२, ७६५, ७६८, ८००, ८०२, ८०८, ८११, ८२४, ८२७, ८३४, ८३५, ८३७, ८३६, ८४४, ८६७, ८६६, ८७१, ८७२, २७७, ८६, ८८६, ८६६, ८८८, ८६६, ६२६, ६४१, ६४६, ६६१, ६७७, ६६२, ६६७, १००५, १०१६, १०१८, १०२५, १०४२, १०६६, ११५८, ११५६ । १०३, ११३, १२२, १३०, १५६, १६७, १७७, १६२, २०३, २३८, २५८, २६५, २६०, ३०६, ३१६, ३३५, ३६४, ३७५, ३८२, ४०७, ४३३, ४४५, ४५२, ४५३, ४५४, ४५५, ४५६, ४६५, ५०६, ५०८, ५३३, ५६४, ५७५, ५८६, ६१२, ६५१, ६६५, ६६६, ६७६, ६८३, ७०७, ७११, ७१७, ७२०, ७२४, ७३१, ७५७, ७५८, ७६१, ८०६, ८१३, ८४०, ८४७, ८८२, ६१३, ६२६, ६३८, ६४८, ६६०, ९८२, ६८६, ६६४, १०००, १००६, १०३६, १०६०, १०६१. ११०३, ११२८, ११२६, ११३०, ११३४, ११३५, ११८७, ११६४ । श्रीश्रीमालज्ञातीय ११२, १५१, १६४, १६५, १६६, १७१, २१५, २१७, २४६, २७०, २८३, ३६६, ४४४, ४६०, ४८०, ४६४, ५०२, ५०७, ५०६, ५३१, ५३२, ४, ५४६, ५५२, ५५३, ५६७, ५७८, ५६५, ६०१, ६१७, ६३६ ६३७, ६३६, ६४०, ६५६, ६७७, ६८०, ६८७, ७००, ७०८, ७१६, ७२३, For Personal & Private Use Only Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ६ (२५१) फूबड़ भट्टेउरा भावसार मन्त्रिदलीय मोढ वायड वृद्धहुम्बड श्रीवीरवज्ञातीय श्रीश्रीवंश सिभउ हुंबड ७४०, ७४४, ७६६, ८४५, ८४८, ८६२, ८७८, ६००, ६०६, ६१२, ६२१, ६२७ ६२८, ६५५, ६६२, १८७, ६६०, १००६, १०३५, १०६०, १०८२, ११६०, ११६३ । २२१ । ८२१ । ४७८ । ५६६, ५६७ । ६०८,८६१। ६४५, ७४५, ८८७। १०३१ । खहोडान्वय छोहरियान्वय श्रावकान्वय सोखुलान्वय अग्रोतकान्वय खंडेलबाल गोमाराडान्वय नरसिंह ५४७,५६१, ६६२,७४७, ६५१ । ११। १८०, ३६२, ५५६, ७१२, ८४३, ८५४, ८७५, ६३७, ६६१, १०१४, १०२८, १०३३, १०३४। १०१। १००। २२२। १०७। -दिगम्बर ज्ञातियाँ ८३३। ८५१ । १८७। २७६, ६६६ ६६२। ४५। १०२६। ८३३ । १२०॥ ११७, १३३, २०७, ३३१, ३८३, ७३२, ८१०, १०१५, १०२८, १०८४ । --:: नागद्रह नागभट्टजातीय नागर भदान्वय सिंहपर हुंबड For Personal & Private Use Only Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ७ -लेखस्थ गोत्रों की सूची १०२५ ४४६ अजमेरा अटकर अम्बाई अाईरी आचाहह्माण आकधिया आदित्यनाग ४४७ | करणाट ३२७ ८२१ करमदीया काकलवाड्या ४३७, ४८७,७८५ काठड ५२७ कारणा ४५२, ५६६, ५६७ ५०८ २६४,४८१, ४८८, काला ७६२ ४६७, ४६६, ५३६, कूकड़ा ३४३ ५८२, ६०४, ६५०. कूकड़ा चौपड़ा ५१३, ८०३, ८०४ ६०३, ६८८ कोचर कोठारी कांकरिया ३०८, ३२६, ४१२, TY आम आववाडिया आसोलिया इटोटिया उच्छितवाल dar ६.१२ उच्छवाल उत्तरसुर उपरणमि उसभ उहवडेचा उहस कच्छग कटारिया कठवलिया कठियारा कनउज ३३८ ५७७, ७३७, ७६३, खटवड ३५७, ४२२, ५६०, ६३०, ६५० ६१७, १११६ २४४ खांटड़ ८१५ खाटडा २६६ ६७५ खारड ५३२, ५३३, ६४८,६८६ ६३०,६३२ खावही (खबिहि) ४१६, ६५६, ८२४ ७३३ ८७४ खाहड ११६ २८० खाहरडा ७७१, ७७३, ८१७ / गणधरचोपड़ा ११४३, ११४४, ६२२ ११४५, ११४६ १०८६, १०८७ ११४७, ११४८, २७७ । ११४६, ११५२. ३०६ For Personal & Private Use Only Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ७ (२५३) ३४५ गुहउचा टॉक डाँगी डीडावत गदहिया ८६०, १०५० छीछोडी ८६३ गहिलडा ३३०, ४४६, ६६५, छोहरथा अडिया ३५१ ६०६, १०२२, १०६३ जाइलवाल • २६०, २०७२ गान्धी ४६०, ५८०, ८५८, जाएडलवाज १०११, १०३३. १०३४, जावड ६१६ जालोरा बहुरा गूगलिया २२७, २६३, जावडा गोदुड जूलीवाल ५५५४५ गोलवेच्छा १०७४ जोहाणेचा ६६७ गुहिलवाल १६८, ३४७ गुदोचा ५०५ ६८२ घाघ ६५१,१४३ ठाकुर ३३४, ४७३, ५००, ५१६ डागीय २४१ चडचह्या ४५३ डागा ३००, ३१७ चण्डालिया १८१, १६३, २३६, २११, ७२२ २४७, २४८, ३८४. १७७, ४३३, ७२० ४८५,५०४,७४८, डीवउडा ३७० ६२७, ६२८, ११२६ डूंगरिया ३८२ चणगीया ७४१ डेडाणा ५४४ २०४ | डोमेल चिणालिया ३३५ | ढोर ४०७, ६६०, ६६१ ७५१ तातरहीला चींचट २२०, २७२, ४२४, ६६३, तातहड ५७१, ६०५ चूँ पड ८२६ तेलहर ३८१, ४६७, ६८५ चोपड़ा ७७८,८४०, थामलेचा ७१३, ८१६, ८४२ चोरबेडिया ५६३, ११०८, ११०६, थिरूत ३४८ (चोरडिया) १११७, ११२०, ११२२, थूल्ल ४८३, ४६६, ५८५ ११२३, ११३२, ११६६. दरडा ३७६ चोवलदग ८५३ दूगड़ २५७, ३६४, ४६६, ५७०, लाजहड ४५६, ७७२, ८०६, ७०३, १०४१, १०६२, ६०१, ६७३, १०४४ दुसाझ ર૬૭ छाड ४३० | देसलहर For Personal & Private Use Only चाण ५५ चीपू Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२५४) परिशिष्ट ७ ६१८ १२० ३३२ ६६६ ३१२ ४७४ ६६४ ३८६ देल्हाशाखा १२६ | पीपाड़ा ४६८, ४७०, ८६३, ६५६ दोसी ४४२, ८८८, | पूगलिया दोसीबोहड़ | पोसालिया २८६, ८०१ धनाणेचा ८५६ फोफलिया ७२६, ७६१,७७६ धरकट | बगुलिया नउवीया ५६४ बडाहडा २१४ नगडियाना ३०३ बलहि ५१५ नवल ४६५ बरहडिया ३२५, ३३३, ७४२,६७४ नवलखा बम्भ २६२,७६७, ८३६ नहुनेचा ८०० बलाहडिया २६२, ४५५ नाग ७७६ बहकडा ८८२ नागूणा सोमलशाखा २५६ बहुरा ३६७, ४१५, ४२५, ४६८, नावियाडा ८०५ ५४१,५४२, ५७४,६६१,६८२, नाहर २३३, २७५, ३५२ ४०५, ६८२, १०८५, ११३१,११६२ ४०६, ४१८,५८१,८१८, बातरुणरु नाँदेचा बापणा २०५, २५४, ६७१,७७७, परिघल ६२३, १०४० प्राह्मचा ३४२, ३६३, ३६६, | बावल ५८३, ७३६, १०८३, | बावेल ४३८,७१०,७५३ १११२, ११७०,११७४ | बाहिया पल्हवड ७७४,६०२ | बांठिया ११७६ पहाणेचा ८६४ | बूघड़ा ६१६ पंचुली ८६८,८६६ बोहित्थिरा ७७५, ६७०, १०६४ पंचाणेचा बोकडिया १८२ साउद बोरोदिया ६८१,८५६ राताणी ११२७, ११२८, ११३४, भरटाणा २३१ पापड़ १००६ भरदव पारिख ५१२, ६४४ ६१२ पारेसागी बहकटा १०६१ पालडेचा भण्डारी __३११, ४६१, ७८६, पालहड ११३८ ६८३, ११६१, ११६२ पाहात ५५६, ६२१, १०४३ भणसाली २६४, ३७७, ४२३, पहिल ५०६ ५३८,६१३,६५४,७६६ For Personal & Private Use Only ६३४ ६६४ ४६३ ४०३ ८७३ ८३१ Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ७ (२५५) लिगा ६६३ भण्डारी ६८३ | लाभू ८८१ भाएडाउत ११४० लालण २८७ भाँडिया ६३८ २५६, ४६३ भूरा लिंबोदिया भेलडिया ७८३ लूणिया ६४ महता ६२६,११०४ | लूसड २६१ महरोल ६७६ लेतिया २५५ मंडलेचा ५१४ लोढा २३६, २४०, २८६, ३२२, मंडोवरा २३४ ३२८, ३८६, ३६७, ४१३, मंडोरेचाबहुरा ७२५ ४३१,५१८,५२०,५६६, मन्त्रीश्वर ७१२, ६३७, १०१४ ६११, ६६८,१००१,१०३७, मादडेचा ८६० १०६५, १०६६, १०७७, माल्हू ३७४,४६२ १०६४, १०६५, १०६६, माण्डलेचा बूहरा ६५५ ११००, ११०१,११०५, मांडुत्र ३५६ | लोलस ३४६ मूठिया ४४५ | वच्छश मुथा ६२६ वडालम्बिया ३६५ मुसल ७५८, ११३०, ११८७ वणवट ३५३.७१५ मुहतियाण मुण्डतोड ६८४ वढाला ८८५ ६७८, ६७६ वलटउण ७१४ मुण्डलेह वरलव १८१ वहकटा ११३५ मेडतवाल ८७६ विणेलिया मोहणेचा ७८२ १००७ ११६५, १२०० विगिच्छरु मोहणोत ४२८ रेखाणी ६६०, ८३० विनायकीया ६८६ घीचूहस ११६७ रोहरीया वीरेचा ४३४ रोहिणेय श्रेष्ठि ६७१, ४४३,५६०, ६०७, ७५६ ८४१, ६५३. राव्ही समदडिया ११३६ रांका २८५, २६६, ३१६,४६२, | संखवाल ७०६, ६०७. ५३४, ६४७,७६३, ८५२, सखवालेचा २२२,८६८ संघवी ६२६ लंडिका १०१२ १०१३, १०६२, १०६३ ललवाणी ११२१ । स्वयम्भ ६६६ मॅधा २३० रोटागण ७८० For Personal & Private Use Only Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ७ ८२३ सेथाल स्वर्णगिरिया साउल साउलेचा सामकठ साली साहिउवा साहूला साहूसाख सांड सांपुडा साम्भरपा सीखनो सिंघड़ सिहाड़िया सिंघी सींधुड़ सीतोरेचा सुचिन्ती सोन ३६४ | सुराणा १४, २१३, २४३, ३७६, ६६६ ४४१, ५२६, ६६८,७०२, ७०५, ७३५,६०४,६१५, ४०४ ६४२, ६४७, ६५८, ६५६, ७६८ १११४, ११८०, ११८१. ६७५ सूरुआ ७३० ३१८, ६७१ ६७६ ६३६, ६६५ सोखुलान्वय १०७ ५११, ६६७, ७६६ सोढवाल ८७० १८६ | सोनी १७६, ३७८, ४०१, ५७३, ८६५, ६२२, ११६१ ४४० सीसोदिया ८२८ ४६४, ७६४ श्रेष्टि २१६ हरियाणा ४५४ ८३२ हंगड़ ४७१ ३२०, ३४४,३६३, हींगड ४०८,४७६, ४८४, ६३६ ६४८,८२५, ८२६. | हूम्बड़ ७६२ २७४ सोपरा ११०३ ९७६ ८८४ -दिगम्बर गोत्रों कीसूची बुध उत्तरसुर कमलेश्वर कासिन कांकडेश्वर गंगात्रा गिरिलब दानीपत ८१० | नन्दकेरतर २७८ | परवेसह ३८३ बोठेचा २०७ | वासिल संपडिया ६२५ | सावड़ १०३८ १०५४ ३६२, २०१५ ६६६ ८३३ २७६ १०४६ १०२८ ५५१ For Personal & Private Use Only Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ८ लेखस्थ श्रावक-श्राविकाओं के नामों की तालिका गरुतिमलू अंजन अंधकूराणी अंपायू श्रंभू श्र उपाल अकिक अक्खा खयराज अगरसी अच्युत अचलदास अचला अचू अछवादे श्रजा अजाइब दे अजाण अजित अजी अजीमा -❀÷8÷❀ ८३३ | अजु ४७७ | अजुआ ५५१ अजेसि ४३१ | अट्टू १०८१ अणपू १६ भू २२ अणुपमदे श्रणयशदे अदा अदापाल अदौता अनंतराम ७८६ २४२. ७७८, १०१६, ११७१, १२०० १९६६ २६ अन्ना ११७६, ११८५ | अपाहमा ६६३ | अपू ३६२, ८१५ अपूरब ६७७, १००६ ५६६, ५६७, ११६१. २७, ६८६, ६८६, ६५१ अभयपाल अमकू ११४३, ११४७, अमनदे ११४८, ११५१ अमर ५४३ ३५१ २७३, २६३ १५१ ३३४, ५५६ ६०५ ६३८ ६०८ ७३७ ६७४ ३६१, ५२६, ७५६, ७६१, १०६६, ११४६, ११५५ २४२ ५८५ | अमरदत्त ८५७ अमरसिंघ ७४३ अमरसी २८० ४१५ १०१६ ६८६ ६६७ For Personal & Private Use Only २३८ ११७७ ६५३, ७१३, ७७७ १०१२ ११६१ १०७६, ११४३ - ५०, ११५६, ११७१ Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ४३३ ३६६, ४८२, ६५४, ६६१, | असू ७७०, ८५५, ८६४, ६८५ ऋहविदे ४७६ ११४०, ११६१ अहिवदे २४२, ६८, ३८ ६६१ अमरादे ११४३, ११५० आका ६४१ अमरी २६६, ५६१, ६१६, ६२५, ३१० ६४७, ६६३, ६६४, ७८७, ५७२ ७८६, ८०१, २, १०३४ ( १५८ ) अमरा श्रमसभणदे अमा श्रमी अमीदे अमीपाल मृत मृतदे धमूलकदे अमोलक दे अरवू अरथू अरदास अरपू अरसी (सिंह, सींह) अविचल २०, १०३६ आढू ६६१, ७६०, ८३४ आणंद १७८ आदि ७४५, ८२२, ६२७, आता ६८, १०२२, १०४४, श्रातू ११४३-११४६, ११५०, ११५३, ११५४ आना १०६४ आपू श्राढत ८६३ श्राढा आजा आजी ५२५ ७२८ | १९९० अरि अर्चू ४२१ अर्जुन (अर्जन) २६५, ३२५, ३३३, ३४१, ३७१,४५३, ४६६, ४७१, ५४६, ६१४, ६२४, ३३, १०,६७७ २०४४ आभू १०२२ ११४० १५. २०११ ८८७, १०३४ ६०५ ६१४ ८०२ १००२ ६०३ १७७, ८३४ ५३ ५६, ६३६. ४४ २४२ ८७१ बा १७८, २१७, ३६२, ५१३, ५३६, ६६०, ६६८, ८६८,८६० आदिकरण बड़ आंबल ३४६ ५६, १५८, आमकुमार ४११, ४१२, ७७६ | श्रमरमुणया २०२, ३६२ । आमसीह आमा आयल आरक आल्ह बदत्त बीवी १०१० ६१५, ६४२ १९७६ आल्हणसींह For Personal & Private Use Only בס आल्हण ५४, २६५ आल्हणदे १७२, २३५, ३६५, ४५०, ५२५ ११२ ४०८ १५८, १७२ ७१४ ११०५ ५२५ १७७ Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ८ (१५६ ) पाल्ही आल्हा १६२, १८०, २२६, ३४६, । उग्रसेन ५६६, ५६७ ५४५, ७६.३ उजल १२६ उजोत्राण आसकरण १३६, ११४३-११५१, उदर्यावरण ११५३. ११५४, ११७६, उदयमति यासड २४२ उदयराज ३६४ यासढ ७८७ उदयसिंह ७२, ३०६, ४६२, आसधर ६०, ७४६ १०३४, १०६८, १०७६, आसपाल २७८, ५६६ उदसु प्रासरान २०६४, ११५५ उदिर आसल उधर ४५,३१५, ४७२,७६४ यासलदे उसक आसा ४५,१०६ १६२,२०२.४७६, ' उमादेवी उमादे १८४,२३४, ४६७, ६१७, ६२४ ६६१, ४२४.५६६,५८३, ६७६, ६७८, ७१६, ७४६, ८१०, ८३८, ६०८, ६७७, ६५७, ७७८८२२. ६६.६६? ८३५, ८६६, ६८५ यासु ५०६, ८२४ पासूरा ऊंजी ७७६ बाहर ऊदपाल ३४२ पाहबदे १०१२ उदलदे ८२८ इन्द्रबदे ८६४ जना १४४, २३५, २६१. ३७१, इन्द्राणी ६५७ ४११, ५२४, ५३५, ५३७, ५८१,५८७, ७४३, ८०२, इसर ३३६, ५६३, ६३०, ७४२, | ८२८,८;७, ८५८,८६३, ६८३. १११२ ६१३ इहवदे ७४२ वा ४१८, ५८४, ६११, ७६२ ईगा १०७३ ऋषमदास १०१२, १०१७ ११४३ईल्हश्री ११४८, ११७१ ईल्हा २.१ ऋषभवीर ७३६ ईसर २१३, २३६ ५१२, करतिगटे ३६६, ४४८, ४६६, ६११, ६४६ ७७६, ८३८ ईसरदास ११७३ कडमड़े ११४३-११४६ उगम ५६५,७७२ करसिंह ७४५ इरिया For Personal & Private Use Only Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १६०) परिशिष्ट ८ -११४६ । कर्मचंद कजा कउरा ६६० ८५२, ६५१, १००६, कउरी ६६६ १००८ ककुमा १०१५ | कर्णादेवी ८३६ ककुया १०२ कर्णसी ८४८ कचरा ८६०, ८६२, २०१७, कर्ण ११४३-११४६ ६६६, २०७० १०४८ कर्मण ६७, ८६, १०५, २११, कडुआ ७८, १४७,१८५, १८६, | ४७५, ४७७, ११८० १८८, ३०२, ३६६, ७२६ कर्मदास ७३२ कनक ५१६, ११०४, ११४२ कर्मपाल १४५ कनकादे १०१५, १०२५, १०३४, कर्मा ६७, २६३, ३५४, ४०१, ११०५ ४०४,४६१,४६४,४६६, कम्नुई ४७६ ६३१, ७१२,७७३, ७७८, कपूरचंद ११४३, ११४६, ११४६, ७७६, ८०२,८६३, ८६८, ११५०,११५४ ६१८, ६३३, ६५६ कपूरदास ११४८, ११५३, ११५४, । कर्मदे ११४२ ११६१ . कर्मसीह (कर्मसी) २३७, ३२८, कपूर दे ८६, ३८६,४६७, ४७०, ४७०, ५२४,७१७, ६६०, ८६३ ६३६ ८६४,६०३, ६८१, कपरा ६६८, २०१८ कपूरी १५१, ६५६, ६२३ कर्मादे २५३, २६३, ३४६, ४०४, कमलराज २२४ ४३०, ४६४, ६३७,७३३, कमलश्री ४२२, ४८५ कर्मी (करमी) ४३१, ४६१, ६११, कमलसीह ८४८, १००८ ७४०, ७५८, ८०८, कमला ४३२,४७०, ६४५ ८१०, ८२१, कमलादे ३८७, ६३१, ७८३, | करण ८४६ ८३८, ८५२ करणदेवि कमा १०१५ करणीसी कमानस ३६ करपू ३८३ कमी ४८६ करमलदे २३८ कर्णा (करणा) २३८, २५०, ४६७, करमाही ५४१ ५४३, ६०१, ६२६, २४८, ३४६, ६५० ६४६, ६६६, ८४०, कल्याणदे १७८, ६७६, १९३४ N २३४ कवरा For Personal & Private Use Only Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ( १६१ ) कीका काका कल्याणमल्ल ५५, ६६५ कालणदे १४७ कल्हण ८२, ६५, ७७४ | काला ३५१, ३८८, ४८५, कला ४७०, ६७८ ४६४,५६५, ७६०. कल्ला १०७६, ११२६ | कालाही ५७१ कलुआ १७० काली ३६२,८१३ कश्मीरदे ४७०, ८६३ | कालू १८४, २११, ३५०, ३७५, कस्तूरी ११०३ ३६०, ४६७, ६३६, ६४४, कसमे १०६८ ८२७, ६४६ कसू ६४६ । किसनादे ८०३ कहा १०३८ ४८०, ५०६, ५६१ काउ (काऊ) २०३, २०७, ३३१ । कीकी ४७८, ५५८, ५६४, ८११, __ ७११ ७४३,८६१,६१३ ८६५. ११६३, ११६४ कांकट ६४६ कीता ३८७,५ ४, ७१८ ७११ कील्हणदे ४७०, ६७१, ७७३, ८२२ काच्छा ३७४ कील्हा ४०६, ८४०, ८७८ काजा ५२५, ५३६, ६३७, ८१७, कुअर ११०५, १०४, ६१८, ६७० कुअरपाल (कुरपाल) २०८ २३७ काडा २७३ ३००, ४४२, कादा ३७४, ७२० ४६८, ६८६, कानलदे २०६ ६४८, ६८६. कान्हड ११४, ३०४ १००१, १०२८, कान्हा (कान, काना, कान्ह) ३६ ११०१, २०६, २५१, २६४, २६५, कुरि ४६४ २६१, ३२६, ३४८, ३४६, ३५०, ३८३, ४४८ ४८६. कुटुकणि १०५ ५६०, ६०८, ६६५, ६६१, कुडिमदे ६०५, ८५२ ८३८, ८५३, ८६२, ६६४. कुन्ति ४५६, ६६४ कान्हू ३०४, ४५२ कुन्तिगदेवि ( कुतिगदे, कुतगदे ) काबू ६०८ ४६५, ५१५, ७०४, ७१८, काममणि २१० | कुवेर १०४३ काम दे २६८, २८३, २६०, ५३६ | कुम्भल ५६२ ७७६ | कुम्भा ७८, ५२४, ६०१, ७८६ काम २०५ कुमर १०८१ कुडि कामा For Personal & Private Use Only Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १६२) परिशिष्ट ८ ३२६ १०७ कोचर १०४२ ८३० कुमरदेवि ६० केशदेव ५६ कुमरसींह ह केशराज कुमरी केसरदे १०३४, १०३६ कुमारदे १०५२ केसब ५६७, ५८६, ८१८, ६५६, कुरसी ४४३, ४७६ १०४८, १०६८ कुघरसिंह कोकट कुरा ३०८ ३२० कुरांदे ५२४, १०२२ कोजा ११४४ कुलचद . १२७ कोडकी कुलधर १०६, ११५, १०४८ कोडम ८३३ कुलचंद कोडा कुंश १०१६ कोडिमदे ६१२ १२०० कुशल १६७, ८८१ | कोयबाद ३२१ कुशलदे १०१२ कोल्हा ४५०, ७८० कुशला ४२२, ५५५, ५७७, ५८५, कोहटा ६१८, ६६३ खररुद १८६ कुसुमा ११३० खरहथ ५०६, ७७२, ७६६, ६६६ क्रू चा १९८८ क्रूडा खाखट कूपा (कू पा) ३६२, ५१३, ५३६, ! बाहर ६५० ५८७, ६६१, ८५३ खिमादे ६७६ कूमा खिबुधा ११३२ ३५६, ७३४ खिमसिरी (खीमसीरी) १३४, १३:७, १६२, ३३८, ८६२ खीमदे केल्हण ६६. १४२. १८८, ८४२ केल्हा (के) १७, २०८, २०६, खीमपाल ३१६, ३२१, ३८६, ४४७, खीमराज (खिमराज, १८६, २६७, ५३६, ६७१, ६८४,७८२, खींवराड, खोउराज) ३२८, ३६४, ८२४, ८६३, ६४१, ६६३, ४४६,५४१.५५६, केल्ही ४००,८६६ ५७३, ५७५, ६०६, १०७७ १६६ खीमसी (खीमसिंह) १३७, १५६, ३६० २११,३-८ ६४७. ६७६ केदा ० mo ० ० केल्हू For Personal & Private Use Only Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पारशिष्ट ८ ( १६३ ) खेमू खेहा ६६४, ८६५ ६६७, ६७०, ६८०, ६८६, खीदा १३१, ३५३, ३७४, ६६६, ७२४, ७३०, ७५३, ५६०, ६६०, ८१७. ७८१,७६४,८१२, ८५६, खीमा १३३, १६२, २०७, २७१, १०७६, ११११ २६४, ३४७, ३५१, ३६५, खेतादे ५८७,६७६ ४०१,४७२, ४८६, ५१३, । खेतू १२६, ५६२, ६६६, ८४० ५५०, ५६८, ६१८, ६३६, खेमलदे ६६१ ६८१, ७२५, ८०८, ८१२, खेमी ४६६, ६२७, ११३८ ८४६, ८४७, ८८६,६३, खेमाई ६२८ ८६६, ६३२, ६३४, ६६२, खेमी १८६ ६६७, ६१८, ६६२, १०२५, ४४० १०८२, १०६२ १६३ खीमाई ७४१ गंगदास १०३१ खींवपाल ४४५ कंगा १०४, ३६४, ८२२,८७५ खींवर ४२१ गंगादे ३८६, ३६०,४६२, खेइखा ६६६ ६३५, ७६३,६०७ ६६६ गई ८४० खेटा ६७६, ६१० गउडर २५३, २६४, ३५३, गउर १२८ ४६२, ७२६ गउरदे (गउरादे, ५८५, ६७१, ४२१ गवरदे) ६८६, ७६३, ७८२ खेतलदे ४२५, ४८४, ५४३, ६६१, गउरवर १०१७ ६८६, ७२५, ७६४, ८१७, गउरा. ८८६, ११३८ गरी ७२०, ८००, ६७५ खेतश्री ६५३ | गजर ४६१ खेतसी (खेतसिंह) ४६१, ८५४, गजणी १०५८ १०६०, ११२७, गजरदेवी गजसीरी खेता २०१, २२६, २३६-२३८, | गजा ६५, ३१७ २४७, २५०, २७६, ३५४, गढमल्ल ६२२, १००६ ३६७, ३६०, ४०८, ४२५, गणदेव २४ ४८४, ४६२,४६३, ४६६, गणपति ४६५, ७६३,८३८ ५११, ५१६, ५६१, ६६१, ' गणीया १०१२ REEEEEEEEEEEEEE खेई खेढा खेढी १६१ ३३२ For Personal & Private Use Only Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १६४ ) परिशिष्ट ८ ५८१ गुणादे गुरदे ८०६ गुरादे ६६६ गदा १३८ गुणराज २३४, २५८, ५८१, गदु ६३१, ६४४,८२४ गंभ गुणसिरी ८६, २६१, २४८, ४१३ गमतादे ८२६ गुणा ३६३, ४१३ ७८० गयधर गुणिया ६२०.६६२ गरीबदास ११४३-११४६, ११५५ गहिल ४५३ गांगश्री १२५ ६५६, ८५४, ६४५ गांगवार ११६० गांगा गूंगा ६७१ २७७, ३८८, ४६२, ६१५, गूदा २८८ ८४८,८७७, ८६६,६३६, गूजर ५८५ गूजरदे १००७ गांगी १६५, २७६, ४३५, ५३७, गूजरि ५७६, ५८१ ५४०, ६१६, ६४२, ६६६, गेंदा ४५६ ७४६, ८८७, ६६६ गेला ३८७, ५४३, ६४० गांडा १४२ गेली गांऊदसिंह ३७७ गेहला ८३३ गातरण ४३२ गेहा ३६०, ४०३ गिना ५७७ | गोइन्द २१२, ३८७, ५४६, ५६७, गिरजू ८६६ ६७१, ७४७, ८२१ गिरधर १०६२ | गोई ६६८ गिरमल १००८ गोगबदे ८८४ गिरराज ३८६, ४३७ | गोगद ६५१ गीणा गोगन ५६३ गीणाई ५१० गोगा ६७, ३८६, ५६६ गुजर ५७, ८६१ गुढसीआ १०३२ गोदा ३४७, ६४८ गुणदत्त १०७ ४८६ गुणदेवि गोपा ५०४, ५५६, ६३८, गुणधर ४६,८६, ७८२. ६७४.८४७ गुणपति ८१५ गोपाल २६८, ३८३, ७४८, ११८७ गुणपाल ८४५ गोमति ७६०, ७६६, ६५५ गुणपालही ५७० | गोयंक ६२७ ३२४ ५६० गोणा गोधा ४० For Personal & Private Use Only Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ८ ( १६५ ) ५५५ ४६४ गोरा ४८२ | चउला ७८५ गोरल २०१ चउहथ ५६८, १०१०, १०११, गोरा ४१५, ५६६, ६२८ १०४० गोरी ८३८, ६१, ८६६, चतुरंगदे १०६०, ११२७, ११२८, १२७, ६२८ ११४३, ११४३, ११४६ गोवल २६६, ५६२, १०८६ | चत्र गोवलदेवी १०८६ चन्द्र ७५, ३६४, ११०४ गोविन्द १६, २७६ चन्ददेवी गोलण चन्दन ८ गोला (गोल्ह, गोल्हा) १६४, २६१, | चन्दा ५८७ ६६६, ७०६, | चन्दू ४,१००५ ७४०,८२७, ८३३ | चपकू १०१५ गोसल ८३२ चपलदे १०७, २४८, ३०३, ३३३, ३६१, ४५३, ७८२ चम्पू ११३५ गोसा १०७७ चमकू ५५७, ६१५, ६१६, १००६ गोहा चरड़ा गौइन्द ४५१ चहुबदेव गौड़ीदास २४०, ७११,७६१ ११०३ चाऊ चांगी ६६७ गौपाही गौरदे ३६०। चाया ३७६, ५१३, ५५५, ६७३, ७२५, ७१६, ७८६, ११३८ गौरी ३६४,४६६ चाचिग ७७६ घंटू ६६० घडसी १६८, ३२७,४४०,६८१ ६८६ घरपति चांदगदे ८५७ घाघा चांदलदे ६१६ घीसकरा घूघल ५२२ चांदा ३६६, ५१६, ५७६, ६१४, ६१५, ६६६,७१६, ७६२, ७७४ ८४२,८८६ ७०३ चांदि ५६४,८४२ ३६२ घउथा ५६७ | चांदू ३७०,७६८ चउरा ७७६ / चांपड़ ६३६ चाथा चांद ५६७ २० १०३४ ५५४ घेल्ह घेली घोघर २६० चांदी ३४६ For Personal & Private Use Only Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १६६ ) परिशिष्ट ६४२ ४६२ ___ ७६ ७६७ चांपलदे ५८४, ६६७, ६७२, | चोथा ८६५, ६३७, ११३१ | चोला १०८१ चांपसी (चांपसिंह) १२८, १०७६, चोली १०१३ ११३१,११४३-११५६ चोथ . ७६४ चांपा ३५६,३६२, ४५२,४५७. छपाई ८२१ ५१३,५३८,५६५, ५८४, छाछा ६०५ ६०१, ६२०, ६६७, ६८६, छाजलदे ४६७ ७२५, ७७१,७८६.७९३. छाजू १०४, ४६८, ४६७,६२३, ८६५, ६०८, ६१३, ६१५, ८२८,८४१. ११३० छाडा ३३६, ४६५, ६६२ ६३७, ६४२, ६८७, ६६१, छाहड ও8 १०६२. १०६३ छाहणी चांपू १६१,३१५, ६०६, ६०६, छीछर ६२०, ६६१ छीता चाप छोहल चारु ३०२ छू हदेव चावन ३४६, १०२३ जंगी चाहड ७३, ८०,३६४, ४६३, जइतलदे ४४३, ६६६, १०१८, ५५४, ६११, ६७२, ७२२, ११३६ ७५६, ८१८, ६१४ जाता ३५४, ३६०, ३६०, ४३०, चाहिणदै ५६२,७२५, ७५६, ५५३, ७५७, ७८८, ६४५ ६३० जइती ६०१, ६२० चाहिणि १७४ जइतु ८८५ चाहिमदे २५१ जइतू चिराइत्र ७६४ जगड ८०, १०८१ चुया ३६६, १०८२ जगडा ४५६ ५६५, ६१२ ८७७ जगत ६२३ चूणा ६२७ जगपाल ७२, १४५, ६०६, ६२५ चूहड ८५८, ६६४,६६५ : जगमाल ५६६,४४८,४६५.४७१, चूहथ ५१४, ६३०, ६३२ ६१२, ६६७,६६८,६८७ चूहा जगसीह - १४६ जगसी ४०४, ५०६, ८४७, ८४६, ८५८, ८७१ ६६७, ६६८ ६५७ . जगा ६३, ७७६.६६९, ६६३ चूडा चेतन ११६४ चोखा चोजा For Personal & Private Use Only Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . परिशिष्ट ८ ( १६७ ) २३३ जदू . जनु २४. ६६८ १०६ जता ५६३ । जसद जसधन जनकू ३००,४७५ जसधर जसपाल जसभ जबीर ६५८, ६५६ जसमादे १८२, २३३, ३५३, जय ४४८, ४६४, ५१५, जयकरण ११०६ ७७७ ८१०,८२२, जयंतपाल ११६०, ११८७ जयतमाल ६८७, ११६० जसमार्या - २६० जयतलदे जसवीर ८०५ जसहरड जयता १२६, १४४. १५०, २३७, जसा २४४, ३०६, ५६८, ३०३, ३५४, ३७२, ४५२, . ७८६,९८७ ६५१, ८०६, ६०६, १०१८ जनाको जयतु २२२, ५४६, २७७ जसाविति जयदत्त ११३६ जसु १८८ जयदास १०६२ जसू ८३५ जयपाल १६१, १०३३ जहजलदे ४७२ जयसल ११७६ ५८४ जयराज ११६७ जयवंत ८७४, ६६३, १०६६, जांजणदे ६४० १०८३, ११३१, ११३२, जाजा जाजी जयवंतदे ११३१ आटा ३३५. ६२१, ६२६, ६६८ जयसिंह ३५३, १०३२ जाणा १५६, ५१५, ६६६, ७५६ जरासीह जागी २३७ जाथाराम ४६४ जवणसी ८३२ जादवदे ५१२ ज्वणादे ६६३ जानू ४७६ जशवंत १०१६, ११७२, ११७६, जाल्हण ११८४, ११८५ | जाल्हणदे (वि)६३,३०५, ५८३, ७५१ शवंत दे ११७२, ११७६, ११८५ | जाला १६, ४६७,६८६, ८१०, जसकुमार जाॐ जागू ४६४ ७८५ ११८३ जपू ६५ ६६३ For Personal & Private Use Only Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १६८ ) जाल्ली ६७ जाल्हा ४९६, ५५८, ८५५, ११३२ जालू ८३७ जावड जावद जावलदे जावा जासू जिदा जिनचन्द्र जिणदत्त (जिनदत्त) जिनदास जिणपाल जिणश्री जिल्हा जिसमादे जीऊ जीदा जीवण जीवनदे जीवराज जीवराम जीवा ५५६, ५६६, ६१०, ७५५, ७५७, ८४७, ६६३ ५३६ जीवाई जीवादे परिशिष्ट प ४३० ६६३ ७४, २४६, २८०, ४६१, ५६१, ६८३ ४७ ४० १५, ४२१ ४६२, ५५५, ८२८ ३०७, ५०२, ८२२,जेमलदे ८४५, ६६६, १०६३, जेला १११२, ११२६, १९६६ जेल्हा ११७०, ११७३, १२०० जेवंत ६६७, ६५८ जेवंतदा ३४६, ४०१ ३७४, ३६७, ५०८ ३१३ ११७३ जीविणी जीवी जीवू १६१, ८७४, १००६, १०१६, ११३२, ११६६, ११७०, ११७३, ११७४ ६७६ जुगराज जूढ़ा जूढिय जेना जेठ श्री जेठा जेठू ५३६ | जेसल २५६ | जेसल दे १६ जेसा ६६७, ७४६, ८१०, ८२२, ८७४, ८८२, ६४५, १००५, १०१६, १०३२, १११२, जेतलदे जेता ८७४, १०१६, १०३२ ४२६, ६१४, ७००, ७४०, ७४५, ७७२, ६६१ जैसी जोई जोगड जोगा जोगी जोजी जोडमदे जोधा ११३३ ६३६ जोला (ल्हा ) ४६३, ७०५, ८४७, | जोवा जेसी जेसामाइया ८०६, ८३३ ४६५, ४६७ ६६८ १००७ २०४, ३१४, ६२७ ५०८, १०३३ १०३३ १४३, १८२, ५१५, ६७६ ६७८,६७६ १६२, २८०, ४६६, ५३५, ६२४, ६४६, ६६२, ७७५, ७८६, ८००, ८६७, ६१६. ६३४ ३४७ ७०१ १०३२ २६० १०६५ १०६५, ११६० ८८० For Personal & Private Use Only ८१० ८१७, १०८३ ११६२ २६६ ८३५ ४६१ ६८ ३७७, ७४७, ८४५, ८८२ ६४५, १००० ६१५ १०४७ ८०५, ११६० ३४, ६२८ ६७० Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ८ (१६६ ) ५७२ झामू झकमलदे ५४६ । ४३७, ५८०, ६११, झगडा ५३६ ७८६, ८६१, ८८२, ६७३ झबकू. ४४४ ठाकुरसी (ठाकरसी, १६०, ३७७, झबू ६५८ ठाकुरसिंह) ४४४, ५६२, ६२६,६८३, झमशी १००७. ७२७, ७२८, ८०८,८२७, झाइंआ ८३३,८६६, ८८१,१०२५, झांझण ८०,८५, १२२, १७६, ११६२ ४२६,५५१, ६५१, ८२०, डउठा ६२६,१००६ डामर २४४,५५५ झांझा ३६०, ८६० डालू १०१, १०७, २३१, झाझा ११६ ४६३, ६६५ ६३२ डाहा ४१७, ५३६, ५६५, ६८३, झांबश्री ४८१ ८८३, ६६८, १०६६, भांबा ४८१ १०६४, १०६५, १८६६ झाली ८६८,८६६ | डाहिया ८४८ भांवहही ३६३ डाही ४१४, ५५६, ७००,७२६, भीथी ७४५,७६५ ८८८, ८EE, झीवर ८२२ भूठा ६८७ डीडा २५७, ३५८, ५६६, टबकू ६१४, ६७६,७०६, ७०२,६१४ ८६५, ६७७ डीडी ७४८ ८३७ डुगरदे ११३२ डूगर ३१, १६०, १६५, १६७, टाला २५०,६२० २०५, २१४, २१७, २७०, टाहा २६३ २८७, ३०१, ३३१, ३७१, ७६७ ४१७, ५०८, ५४', ५४२, टीबू ५३१ ५६१, ६३२, ७६५, ८५०, दीलण ८६८, ८६६, ६१०,६६६. ५२६ डूंगरनाथ १०६७ टोडर ६७४, १०६३ डूंगरसी ४६१, १००७, ११२७, १८२ ११३२, १२०० टोहा ढबी ठाकुर (ठाकर) २३६, ३०६, ३७५, | ढाला १००६ ६५२ टबी टबू ८३२ टिला २११ टील्हा टेहा For Personal & Private Use Only Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७० ) परिशिष्ट गाबू ३६५ तारू तिलक २४१ ढाली ५८६ | ६८६, ६६१, ७१७, ८०१, ढाहा ७६८ ८१५, ८२०. ८२७, ८३७, ७५८ ८६१,६१६,६३४,६४४, णामा ६६५, १०४३, ११८१, ११६७ तंबाम ४३३ तेजी ६२१ ताउ ४७४ तेजू १२६, ३८७, ६००, ७४२ ६२५, ६२७, ६७८, तारादे ३३८, ३३६, ४८६, ४६५ ७६, ८६, १३२६ ५५७, ६७३, ६६६, तेलनी ८०६, ८८५ तेली ताल्हा ५६८, ६५५ तोडा २६६ ताल्ही १८८ तोल्हा २४४,६७० तोल्हनदे ८४२ तिलोकसी तोल्हा (तोला) ११५, १८०, २४१, तिलोगचंद ६३७ २४, ३२७, ३३८, ३३६. तिहुणाश्री ३६०.४८७.१४६. ४६५, तिहुणसी ८३६,८४२,८१८,६१६, तिहुणा ८६,२६६, ४५६, ६१४, ६३४,६६०, ६६५ १७, ७४१, ७८०,६१३, ६१८ ६.७६, ६६२, १००४, ११४४ तोली ३६१. ५६८, ६३८, ६६५. तीडा १२६ ११४३, ११४४ थरघू ८२१ तुलही थावर ८६१,८६७ तेजपाल ११६३, ११६४ शावरवच्छी १०३५ तेजमल ६३, ६६७, ६८२ तेजराजि थाहा तेजलदे १४६, ५२३, ६८६ ५८१ ७१८, १०६६, १०६४, चिरपाल १४६, १५१, ५६७, ६६१ थिरा ८०२ तेजसरू ६५३ ६७१ तेजसी १०१३ ७६६ तेजा १०७, १५१, १६७, १६६, २०५, ३३८, ३४५, ३८०, ४५ ५२३, ५२८, ५६०, ६३६, दत्ता तीजू तील्ही १०२७ थाहरू थाहू ११८१ थेजा थेरा ११३२ For Personal & Private Use Only Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ८ ( १७१ ) दफर्या दलहदे ३४८ देऊआ ६४३ देऊती ६६४ १६० ११४३, ११४४ दलू ८०२ देकार दसरथ दाखा दाडिमदे देशू १६, ६७८, ६७४ १०३४ ६६५. ८८३. १०३४, ११६४ ४१६ १५, २०५, २७२ ५०६, ७२० १२८ देदा ७८, ६६, १०५, १३४, १४३ २१०, २६५, ३८५, ४१६ ४५६, ४६६, ७५३, ८७० १०५८, १०६२ १०६३, दादह दामा दामोदर दामोदेव दासराज देवर ७५६ देपा २५७, ५४७, ५६६, ६०१ ६०३ ७७३ देपाल २६०, ३०७, ४१८, ४७८ ५३१, ५६६ देपू ७०, २०१, ३१५, ८४४ देभति १५, ८६१ देल्ह ३६७ ४६, १२ देल्हगादे २५६, ३७०, ५६६, दाइड दिनकर १.५ ६३५ १०१ ३७६, ६२२ ७४.६, १००६ दूतहदे (बी) ६४३, ६७४ दूल्हा (दूला) ३६८, ५५ १६६ ६७५ दृल्हादे ३१३ दूली . ६१८ देउ. ७७, २५०, ५.१, ५५७, ५६५ ४८४, ७६८,८२७. ८७७ देल्हा ६७, २१३, २५४, ३३४, ३४७, ४००, ४०४. ४३६, ४७०, ५०६,५५६, ६१६, ६३४, ७७५ ५२८ दल्डू (देलू) ६११, ६६७, ७८६, २३२ देवकरण ८७३, १०२५ देवचंद ६, १०, १०१६ देवरण २६२ देवत्री २६२ देवदत्त २६७, ५८३, ६६२ ७५१, ७६, ८, ६५६. १११८, १११६, ११२० For Personal & Private Use Only Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७२ ) परिशिष्ट ८ देवदास देवधर ५२६ गपाल देवसा ८८२, ८६१ | देहड ३६४ ४६१, ८६२ देहा १०३८ देवपाल २०८, ५६७ | दोसा ७७५ देवयाक . १५५ दौला १६७, २३५, ३६१, धणदत्त ३०२, ३०७, ३१६, ४४६, धणदे ३२, ६७६ ४८२, ६२८,७८२, ८०६, धणदेव ८० ८८७, १०३१ धणदेवी ५७८ देवराजही . ५३६, धणपति देवलदे २१०, २५३, ३१०, ३७२, | १०८, १४२, ५७८. ३६६,४३६,४७०,४७२, ६३६,७८८ ५१६,५६६, ६०३,७४३, । ६१५, ६४२ ७५८,७६४,८७०,६०२, | धणलाल ६१७,६६८, ११२२, ११४३, | धणसिंह १६१, ४१६ ११४४ , धन्न। ४४ धनदास ६६E देवश्री १०६, २६१, ७४२ धनपाल ७०३ देवसी (ह-सिंह) १०१, २५३, ३७२, धनराज ३०२, ३६४, ४७१ ५१६, ५५६, ६०६, धनश्री १०७ ७६३, ७६२, ८१०, २८२, ३७८ ४१३, १०७६, १११८, ११५६, ११६५ ४१४,४१८, ४२२, ५०३, देवसेन ७४५ ७१७,५७३, ६१७, ६६६, ११७, १३३, २७२, ३४७, ६६६, ७००,७२६, ७४३, ३५५, ४३०,४३७,४७२, | ७८९,८१३, ८३०, ८५४, ४७८,४८८,४६१,५०३, ८६४, ६१७. ६६२, ९८५, १०८५ ५०५, ५४८, ५५६, ५६६, । ५६७, ५८३, ६३२, ६६२, धन्नाई ५६३, ८४७ ७०६, ७३३,७४२,७४३, . धनागसी १०० ७७०, ८०८, ८६५, ६१७, धनी ६८५ ६६७, ६६८, EEE , धरणा ८२, ६०, १६६, २५०, देवायन ७६४ ४८६, ५६८, ७२६ देवी ३६२ धरणी १४५, २७६ देवितारौ धरणदेव देसल ४२४ | धरमाई ११६३ देवा ८३३ For Personal & Private Use Only Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पारशिष्ट - ५०५ धूरी धृति ५५६ ३४५ ३८७ धरमादे ६७१ | धीरलदे धर्म २, ७६६ धीरा ३२६, ३६५, ४३५, ४७५, धर्मण ६०० ४८६, ४८७, ५०५, ६४६, धर्मपाल २०७ ६६०, ८७८, ६५७, १००३ धर्मसिरी ३०४ धीरू १०३४ धर्मसी (सिंह) ४७०, ५४०. ५४८, धीहा १०३३ ७३८, ७४२, ७६७, धुम्बा ८०६,६१० ११४३, १५६६ धर्मा (रमा) १७७, २१२, २५१, २६२, ३०४, ३६२,४७७, ११३४ ५५६, ६६६,७३३, ७७६, ७६६,८२४, ६३२, ६३४, धोघ ५४६ १००० नइणसिरी धर्मादे ३०५, ८५४ नउला धर्मिणी ४०५, ५६६,५६७, ६३६, नगदास १११७ ६४६.७०१, ७११ धाईया ५२२ नगरणवाल ८४८, ६०० नगराज २८५, ४१६, ५१०, धाऊ ५५०,५७०, ६७६, धांधलदे १५६, ५२८,५२६, ७७८,११६१ ७२६, ७४७ धांधा ५०६.५८८, ६१६ नगराजी १०४३ धानसिरी नगा ५७४, ८६४, ११४३, ११४४ धाना ३३८, ३४७, ३४६, ३६१ नणा १४३ नथूही धानी ५३६ धामा धारल दे ३२६ ५३६, ५४०, ८६४ नन्दा ६८६ धारा ३०५ नन्दी १६०, १६५, ६४१, ७५६,१०० नन्दीदास १०६१ धारावत १०६४ नन्नोदेवी ७३६ धारी ७५५ नपा ५५५, ८८० धारू ७६४ नमीदास धावी नयण ११८७ धिणा १४४ नयणा ३४३, ५००, ६०३, ६६१, धीमा १७७, ५४८ ६८६ २७७ २४७, ६४४ नन्दन ८५१ ६८२ नया For Personal & Private Use Only Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७४) परिशिष्ट नयणादे नयमी नया ८५५ नयन श्री नयासी नरमा नर दे नरहेज १०६, २६२, ११४३, नबीरदास ११७१ ११:४४, नाई ६०६, ६६३, ६६१, १०२३, १००६ नाऊ (ॐ) ४८०, ६६३, ७४३ २३०, ६६६ नाकी १०१,८१४ नाकू ६५५ नाखा नागदेव ८१,८८७ ५२२, ६.६०४. ६६ नागसीह ४८६ नागलीदे १७५ ६५६ नागा नाक्षी नरपति ११४, ३४६, ५४०, ६३६. । नाजल ७८२ नाजिम गुलाबचंद ३३७ नरपाल ३८२, १३, १५. १०२८, नाटा नरमदा ६७८, ६७६, नाडी नरराज २५५ नाथ ८३१ नरबद २६८, ७४०, ८११, ६१८, नाथनदे नरसा २८. नाथा ८,६०२, ६२२, ७२७, नरमी (सिंह , ६०, १२, १३५, ७६०, ८१४, २०६, २२०, २७, ५६,६११, ६ २८०, ४६. १, नाथू २५४, ३८५, ३२७,५०६, ६१७,६६६, ६६५, ८०, ३६६, १२, १८१, ४६४, ५३४, ५, नानकराज ६१६, ६८०, ६५, नानकदे ६६०, ७६१, ७७१. . १०, ११६४ ७८१ ८०८, ८१४, नाना ३७०, ४१७, ८१० ६७०,१०२०, "०७६ नानिग ६२, ३७०, ३२३. ७.३, ११६१. १९६६, नाहरण ३८६ नानी ७०७.७० नानू २८, २६ नवरंग ३४६. नापा ३०४, ५४६, ६८२ नवरंगदे १०८३, १११२, ११३२, नाभा ३६० ११८७ नमनदे ७१७, ७८१. ८३१, ६३.४, सवलाहे ११०६, १११७, (१३२, १५२ For Personal & Private Use Only Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ হিমা = ( १७५ ) ३३६ नीगर नायक नायदे १२७, ३३६, ५५५, ५७४,नौरान ६६९ २०५, ६६६ १०७१ नापा नारी ID 6 wib ६७७ नेतमी ३:५. १८०७, ११००, १०७६, ११६१, ६३२. १११२ नारमा नारिनदे नेता नेनसिंहैक नेता नम नराज २६३, ३२८, ४४६ ६६० Evo १०३८ ७४८,८७४ साल्हा ~ OF 40 vya गारही नेमाचन्द्र १७४ ११८२, १९८७ ८५१ ५०१, ६६७नेव नाना ६६७ नोता नोल्हा नाहाकद नियतसिंह निपुनी निमिणी wowow is is wis ९६४, ६६५ नोडल नौनक ६८३ नीरा ६११ मार सिंह निबारदे पचा पची ७५६ पछाड़ा नीबड़दे ६७० ११५ नींना ४६६, ५६०, ६१०, ६१८, पजेतमाह ५४६ ६८८ पंचायण ३५४, ७४५, ७६२,८३७, ७७५, ९८०, १९१६ ६७०, १०१३, ११२६ नीरा २८७ | पंचूली ८६८,८६६ नींबा For Personal & Private Use Only Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७६ ) पटक पता पदम (पद्म) पदमदे पद्मलदेवी पदमल दे पदमश्री पदमसी (पदमसिंह ) ३८५, ७६३, ८३३, ६६७, ६६८, २०१३ पद्मा (पदमा), २६६, २५८, २६८, २६४, ३०५, ४७०, ५२१, ५४८, ५७१, ६५२, ६७६, ७२४. १०५६ पदमादे पर्दा परिशिष्ट ११ = | प्रतापदे ८३५ १२१, ४८६, २०५० -६४० प्रभा १६६ | पल्ह ६७३ पल्ही ३२५ पहती पहंड ५५५,५८८ १४१, ६३६, ४०३, ६४०, ६६४ ३६५, ८६० पढ़ी पद्द पनश्री पन्ना परमा परवत (पर्वत) २२५, २२८, २८६, ३४४, ४०६, ४१७, ४२०, ४४३, ४५५, ४८७, ५१६, ५६१, ६०६, ६२३, ८३२, ६४१, ६७३, ६७८, ६७६ परवतदे परसा प्रथम सिरी प्रथमा प्रद्योत परताप ११२६ १०२६ ३२४, ४८४, १०२६ ८२६ ११०७ पांचू पाटल पांड पांडु ५७ पाणीरुद्र पातल पाता पातू पादा २२५ प्रतापमल्ल प्रतापसी ४७८, ६०६ पहकू पहिरा पहिराज पहुदेव पाउधा पाचा पाँचा पादू पानल पानलदे पाना पानारां पांपछ. ६७४ २०२ | पापा ११८७ १६६ For Personal & Private Use Only ११०६ ६७४ ८६३ ६७६ ६५२ १४१ ८४६ ८७४ २७६, ५६७, ६२३, ७४८, ७६० २४ २३४ ६७६, ८०४ ३८८, ४२६, ६२०, ७६४, ८०३, ६०६, १०४३ ४३१, ७८८ ८७७ ७८२ ३६८ २७० ३६६, ८०२ ६४२, ७४३ ७३० १२० ८६३ ६४५ ६४५ १८३, १०६२, १०६३ ६२५ २४६ २१५ Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पामदे पामा पारस पारवती पालक पालदे ३६२ ४६६ ३४५, ४४३, ५७६, ७६७, ८२८ ६१७ पीथा १३५ १७०, ६३४ १४२, ६२५, ६७२ पाल्हण पाहू दे १६७, ३६०, ४४३, ६०६, पाल्हण सिंह पाल्हासी पीपराज पीपा प्रीता श्रीमल दे ७२७, ७४८, ७५१, ७७१, ७६७ | पीलादे १६६ |पीवा ५४० | पुनसिरी पुञ्जल पुरसा पुरुसा पुहती पाल्ही पाल्हू पास पासड पासदत्त पासरभ पासलदे पासवीर परिशिष्ट पाल्हा ११८, २२३, २८४, ३५२, पासा पासिक पाहल्ल पाहुल पिमुखि ३५८, ३६६, ३८१, ३८४, ४४६, ४५६, ५०५, ५५२, ५६४, ६१८, ७१६, ७२७, ८०६, ८४०, ८५५, ६, पियंवर प्रिमलदेव ७७ ६६३ ४२० २४५ ८३० १६६ २७१, ३३६ ६२६ १९६८ १००६ १३१ पूजल ह | पूं (पू) जा २६८, ३०२, ४१२, ४१३, ४२८, ४८३, ५१७, ५३६, ७५६, ६०४, ६४४, १०२३ ४४३, ७२४, ७७२ पू' (पू) जी २७७, २६४, ४०३, ७५१ ६४७ १७०, ३११ २०५८ पू ( पूँ) जो ६६४ |पूतणी १६६ पूतली ६६६ ६८७ ५६४ २२१ १०१ १२६, १५६ ४५६, ८३३ ३४५, ३६६ ६८६ पासू (सु) ७, २२४, ७०३, ६४४, प्रिमी पीचन ४८३, ४८८, ६६४ |पूता ३२१ पुतू पूनड ६७२, ११२६ | पूनपाल ७६५ पूनम २५ पूनसिंह (सी, पुनसी ) २६ ( १७७ ) For Personal & Private Use Only ७३८ २४६ ७०० ४०० ६०३, ११८७ १९५६ १३८ ६७, १२७, १६०, २५५, ५०७, ६३१ Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७८ ) पाराशष्ट ८ ६८५ पूनी फडीआ ६८७ ७५१ फदकू 'फदू पूरी ६२२ 0 पूना ६१, १०२, २०६. २४६, | पोमदत्त ३४६, ३६२, ४०६, ४५६, पोमलदे ५५६, ५६१, ५६५, ७३४, पोमा २६३, २८०, ३१६, ३२१, ८०२, ८°५, ८६२, १०६२, ५०५, ५३१, ६०६, ६६६ १०६३, ११०८, ११३१ | पोमादे ६८५ पूनादे (वी) ७०, ७३४, ६७८, पोमी ५५६ ६७६, १०६२, १०६३ पोहट पूनि | पोहू १११६, ११२२ पूनिंदे ११०६ | पौराऊ ७८० ३६४ पूया ६७६ फत्त ५४५, ६४६ पूरण ३१३ पूरादे ११७८ फदा ५०१ पूरिगदे ८८१ ५६१, ६४५ १८६, २१६, २६६, २८७, फमा ६.२२ ३०७, ३१७, ५४६,५५५, फमणदे ५७५, ५६१, ६०३,८०२, फारु ८१०,८६७, ६४५, ११८० पूवा फाणि ५४८ पेथा २१६, २८१, २८६, २६३, ३५६ ३१७, ३६७, ४२६, ५३८, फीदा ८२३ फअड ७६६ पेमा १८६, ४६६, ५३४, ८६७ फूसामल्ल २१ प्रेमराज १०७७ फेटा प्रेमलदे ४६०, ७६२ पेवा बंगा पेसा बंगा पोइणी बड़चू पोखी १३० बठूरा ६६१, १०१५ बन्यो ६६० पोवा १००, ४७१ / बडा | फलू ३२७ 0 १६६ पृथ्वीपाल फाल्हू पेमल 4६४ ६६६ ६३७ १५३ ८५५ ५३१ ५३२ पोपट ३६ For Personal & Private Use Only Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ८ ( १७६ ) ८६६ १५ ११६ ७८२ बदुआ ३१०,८५७ | बेहड १६६ बना ३८४ बोडा वहमा बोदू ३४६ बाल १०३३ बोहिथ २६२, ४६६, ६७१, बलहा ११३४, ११४३ बला १०७३ भांडु बहुचंद भगवानदास १०६४ बहुरा १०१,५६० भड़ा बहुरी ८६४ भदू २२६, ५३४ बाई ७४३, १०१३ भयरव ६२८, ११७१ बाऊ ६२८, ६४१ भमरादे बाघा ५०१, ६३६, ८४३ भरमा ५५४, ६८७ बानू ७८८ भरमादे ५६६, ७१५, ७६६, ६६७, बाल्हा (बाला) २६३, ४५५, ४६४ ६६८, १९१७ बाल्ही ६४६ भरमी ३७४ बालू २७५ भरह ५२० बास ११३ भरहा ६३८ बाहड १३३,२६१,२६८, ३५१ भरू ११२ बाहडदेव भला ५६५ वाइडसोम ३६ भवानी ६६४,६६५ बाहा भवानीदास ६८ बाहीथ भाऊ ४४६, ६४३, ६२७, ५५४ भाखर २२१, ३०५, ३७४, ७१५, ७६४, ८१६ १००४ भागा ८६६ बीसा १००१ भांगा १०४३ बुद्धिसेन ५६६ भाग्यचंद १२४१ बूचा ६७१ भाडा ४१८, ६७५, ७८८, ६१४ १४३ भाणा ६८८, ६७८, ६६७, ११३२ बूटी भाटा १०६१ भादा २०५, २५१, २६४, ३६५, बूहड ७६१ ५१५, ७६६, ८३४, ६७० बेला ७१७ भाषा ३७४ १०६ बिलहु बीजुत बीदा ४५ बूटा ६०३ बूदी For Personal & Private Use Only Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट = १०२६ १३६ भुणा ० ० २८६ भानव १६ । भीमण २८७ . भानू ५५६, ६८८ भीमराज १०६६, १०६४ भामर भीमसिंह २३८, ११४१ भामसी ३४६ | भीमा १७, १५७, १८०, १६१, भामा १०८३ २०६ २६५, ३१८, ३२६, ४७२, ५३८,५४६, ७१५, भामाद ७६०, ८३६,८४३, ६६२, भामिनि ३५८ ६६६ भायणी भीमाउ ६६६ भारती भीमिणी ६४३ भारमल्ल ५२६, ६७० भीष्णताप ५१० भारमल ८६४ ५३६ भारिमल्ल १०३३ भुता भारल भूचर ३६२,५२० भारवणदे भूरणा ३०६, ३१६ भाला भूदावर ८६० भाउड ७४१ भूपति ६२८, ११३२ भावड ७७७, ६४० भूपर ३०६ भावदेव ६७१ भूभा भावल २४६ भूभुज भावलदे १४२, २०६, २७०, २४७ ३०६, ३२६, ३६५, ५२६, भेऊ ६८५, ७१३, ८१६, ८३८, ८५७ ६०८, ६६२ भेदारि १२१ भावसिंह ६३२ भाचा ७३४ भोज भाषण भीखणमल १.६० १०११ भोजल १०६० ३६३, ६०४ भोजलदे ६४८, ११२०, ११२७ भोजा १८०,२३६,४३३,४८१, ३७४,७१४ ४८४,५५६, ५६२,५६६, भीनी ४५६ ६४८, ६७०, ६८३,७००, भीमंत ७०२,७४३, ७८४, ८७८, भीमजी १०२० । ८८६, १०४८,११२०, ११२७ ५०१ भूरा भेदा १०३६ भेला ११६१ भोजराज भीखा भीता भीदा १२६ For Personal & Private Use Only Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट = (२८१ ) ७८४ मनि २६५ मम्मी ३६४ ९४० भोजी ६४७ | मना (मन्ना) ८६:२६२, २८३, भोटा ३४६, ३५२, ३८६, भाला २४३, ५८१, ७६६, ७८२, ४५७, ५४८, ६००, ८३८,६१२ ६८०,७३७, १००८, १०१६, २१३६ भोली २८६, ५८६, ६३७, ६६०, मन्नादे ६६४ १००८ मंजू ६२४ मंडण (न) १६१, २६६, ५६१ मनोहरदे ११६७ मंडलि(ली)क १६४, ३१३, ३७८, ४४२, ६७६, ६४५ मयणलदे ५२३ मंदोयरी ४५५ मरगदी ५८६ मंगसा १०६८ मरमट सगन मलयसीह १७३ माया मगाद १०३३ मलवसीह मरगा ३१८ मल्हाई ६७६, ६११ मग्नादे १९५७ मला ५१३ मघा ७६३,८८२ महण १८३, २६३ मचकू महणश्री ४०६, ८१४ मची महणसीह ४३, १३७, २२८, ५७८ मचू | महणा ११०, १७७, ३००,४०१, ५६४ ६८४,६८६, ७८२,८०५, मडा ८२७ ८६८ मणी ६६३ महणादे मदन १११, १२३, ७४६ महता ५७८ महराज ४७३, ६६० मदनमानिक महराजी ४०७ मदनसी १०७७ महा ४४३ मदनी महाकाल ८२७ मदा ३६८ महाधर मदिरा ५७७ महानन्द मरगसी महाबल मन १९७७ महासिरी ४७३ मनकू महिगलदे मनरंगदे १०६०, १०६१, १९८२ महिपा २२६, २७६, ४२६,४६०, मनले १०३८ ६८४,७०६, ७५५,८४६ मडगू ११४ ६५ १११६ For Personal & Private Use Only Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८२) परिशिष्ट ८ ३८८ WU माधी ६७६ महिमादे १११६, ११३६, ११४६ | माण(णिक ३६, ७६, २५४, महिरा ५६६, ७०६. ८७४ २८३, ४०८, ४४४, महिराज ३२०, ४०६, ४१५, ६०२, ७०५, ७०६, ५४४, ६६६, ८१४ ७२२, ६००, ६५५ महिरी ७४८ | माणिकचंद महिलण ५६ माणिकद २४३, ४०३, ५११, मही ४८६६६६ ५१६, ५८७, ६३६, ६४०, महीया ६६७, ६६०.७२८, ७३६, महीधर ८५ ७७६, ८१०,८५६, ६१६, महीपति ४२५, १३४ १००८ महीपाल ३६. ४३, ८७, १५६, माणिभद्र १५७, ३००, ३८०, ४१२, माणी ४१६, ८८४, ६११, ६६७, मातर ६६८,६८६ माता ६८२ महुणसी माधव ५८३, ६३१ महोर्वच २६५. ३८१,६०८ माधू ८३६ माईआ ६४०, ६४६, ८३० मानसिंघ १०६०, १०६१, माऊ ५०१, ६५५, ७५२, १०६२, ११६५ ८६७, १०३४ ११६१ माका ७३४, ६६६ १०३१ | मानादे १०८४ ४७७, ६७५ | मानू ४७८, ६६२,७१०,७६५, मांगा ८७१, ११५६ | ८०७,८४२,८७८,६१२,६६१ मांजा २२८ | गपू मांजी मामट ५०७ मायेअरि २५५ मांडण २४", ३४६, ३६१, ३६५, माल्ह ६४२ ४०८, ५११, ५१६. ६५१, मालहण १०३,३६५ ६६७, ७२८, ७३२, ७४३, माल्हणदेवी ११७. २६६, ३२४, ७५७, ७७६, ८१०, ८३७, ४१५, ४५७, ४६०, , ६३६, १०९७, १०७५ ७०६, ७८३, ८०५, मांडा ८२१ ६१०, ६६३, १०४३, भाडा ४६८ माई माना माकू ६६२ मांजू २३७ | माय For Personal & Private Use Only Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ८ (२८३ ) - १०६३ ३५४, ५६८ २१८ मूल्ही मूलू १४२ माल्हा (ला) १६६, २०६, ३४८, | मूलादे २५३, २५६, ३६०, मूली ५१६, ५३७,५४४, ५६१, ५६४, ६४०, ६६६, ६६०, ७१०, मेचू ७७२, ८७३, ८८०, मेघपाल ११४३, ११४४ मेवराज माल्ही २५४, २६८, मेघा माहण ६७ ५७८, ११६१ माहव ७४५ माहा ५१४ मित्रदत्त मिलापदे मेघादे मिहरश्री मेघी १७६ ३०६, ३१४,३८८, ४६६, ६००, ६३०, ६३८, ७७७, ८१७, ८२५, ८४७, ६१६, १०३८, १०६६, १०६७, ११४४, ११६६ १७६, ३५६, ३६१, ७१३, ८१६ ५८७ ८५८ ८३८ मीका मीकार ६५२ मेघू मीता मीतु १६०, १६७ २७६, ४७३, मीदा मीया मेघू मेरा सीरादे २७८ ५६१, ६७५, ८४४ १०५४ १०६६ १०६३, ११७६, ११८३, ११८४ ३४४, ६:१, ६८४ २४४ मेरू मेल्ह मेला (ल्हा) मुक्तादे मुजाल मुनिचंद्र २६६, ३१८, ४१६, ५४७, ७८१, ८०६. ८१०.८६० मुनी ३२८ मेलाई मूंगा मुहगासी ७०७, ७२८ मेलादे २६२, ५७ मेलू मूजा १६३, ७५६ मेवा मूलपाल मूला ४२६, ४६६, ५७०, ६४०, मेहा ७११, ७४४,७८५, १०४२, १०६२, १०६३, १११६ । मेहण ५४७.६१६, १०३३ २४६ २५५ ३२६ १५६, १५६, ३२६, ५०३, ६७५, ६७८, ६८२, ७१६, ८५५ १०७४.११५६ For Personal & Private Use Only Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८४ ) मेहिणी मोकल मोक्षसी मोका मोखलदे मोगा मोडा मोडी मो मोथा मोदा मोल्हा मोहण मोहरण दे मोहनसी मोहनी मोहिणी यगद् यमुनादे यशवंत दे यशा यशोदा यशोराज यसमादे यादव यादो यामणी यावित्री योधा F परिशिष्ट प ६५५ रंगसा रंगा २३२, ४६०, ८१४ २८६ ८२१ १६५ ८७२ योमुचाथ २३७ २१० २२२ रंगाबाई रंगी रंगू १८१, ५१२, ६६१, ६६८ |रजादे ६१८ १०६२ रंगाई रंगादे २०६, ३०१, ३१८, | रटू ३४२, ४११, ७१३, =१६, ६६३, ११६६, ३०१, ७२१ रणमल्ल रणवीर १९५६ | रणसिंह ४५७ हद ६७६ ६२१, ६६६, ६७१, ६८७, ६६०, २०१५, १०४५, २०६६, १०८५ २०८६. १०६४, २०६५, ११००, १११२, ११६०, ११६६, ३१८ रतन १५८, १=१ रतनचंद १०९ रत्नपाल ७०२ ४८२ २८८ रणधीर =६३, ६३२, ६५६, ११०२ ५१४, ७७६, १०१० १०६८ १०६४ | रत्नराज ६७६ | रवनी (सिरी) ११३३ | रत्नसी ? ६२६, ८००, ८३४, | रतना (रत्ना) ५५३ ११०२ ३६ २६२ ४६३ ६५६. ६६६ For Personal & Private Use Only ११७० १०३४ בב6 ७७३, ७६४, ८८३ २३३, ६७६, ७१७ १०८, २६७, ५८१ १९६१ ७०६, ७४८,८८, ६०६, ६११ ६६५ २६७, ८७५ ५०४ ६२८, ६६७, ६६८, १०१८ ६७, १३२, २८३, ३५८, ४०४, ५०१, ५१३, ५२६, ५६७, ६१३, ६६२, ६७६, • ७३३, ७३६, ७५५, ७७०, ७६०, ८०८, ८३६८६४, ६, १०. ६४४ Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ • परिशिष्ट ८ ( २८५) १३२ रत्नी বাপ্পী रंभू रमकू रतनादे (रत्नादे) २१२, २८३, ३८५, राजधर ६६३ ४१०,५१४, ५६१, ६७७, । राजपाल ५५०, ६२२, ६७७, ७६, ७३६, ७७६, ८१२, १०८४, १०६२. ११३५ ६०६, १०१५ राजमती ३६ रत्नावती ११४७ राजल ६११ राजलदे १७५, ४०५, ५७६. रती ७६० ७१७, ७३१, ८३४, रत्त (रत्तु) ६३६, ६६२, १०४२,१११०,११३५, ७०२,८२४ १०६५ रतनू ( नू) ४४४, ४५७, ४७४, राजसिंग ८६१ ५०१, ६०५ राजसी १०७६, १०८५ रंभा राजा १७४, १७५, ३०३, ३४३, रंभापुरी ३६५ ३६२, ४८५, ५०६,५३७, ४७६ ५५७, ५७६, ६३६, ६३७, ७२६,८६६ ६४८, ६६२, ६८३,७१७, रमा १०३६ ७२४, ७३१, ७३८, ७६८, रमाई ५५७, ६१५, ८७२, ८१५, ८३०, ८४७, ८६२, ६६७,६६८, ६६५ ८७४, ६१४, ६४४, ६४६, रसादे ६६७, ६६८,६८२, १०१३, रयणादे २३७, ३१६, ३४३, ११०० ३४८, ७०६, ८१५ २७, ५७६, ६-१ ६५१ राजुल १५३ राइधन राजुलदेवी १३३ राऊ ६६२ । राजू २८३, ५१२. ५६२, ६३६, राउल ३३३, ३३८. ५४७, ६५३, ६५६, ७०१, ७१६, ७०६,८११, १०४८ ८३१, १०६५ रांका राणा ८६, १७, २३७, २७०, राखलणदे २७६, २८५, ३६२, ४२०, राखी ३१४ ४८७,५४५, ५६१, ६००, रागी ३५० ६५७, ६७८, ६६२, ७२०, राघव २१, ४५५, ४८७, ७३४, ७४३, ७४८, ६१६, ६६३, १९८६ ६५१,६८७, १८०८, १०७३, राजड ६२, १०६, ८६५ ११६० जदे ११६६, ११७८ । राण दे राजी ११६३, ११६४ । For Personal & Private Use Only Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८६ ) राणी राण राता राथी रादा रानड रानीग रानू संभलने रांभा शंभू राम रामकुंवरबाई रामजी रामरण रामति रामादे रायचंद रायण ४१, २७६, ३३१ ३५४, ५१३, ६१०, ६३४, ६१८, रायदास यदेवि रायपाल रायमल्ल परिशिष्ट रायरत्न १०१४ ३४६ रायसिंघ ६३ १०८६, १०८७ राल्डा ७२८८८८ रावण रासल राहड रिउणा दे रिषश्री ६३६ ६६ ३८३. ७६५, ६१८ ५४५, ७५५ ५५५ | रिणमा रिहि रीहा ५०२, ३६७, ८१३, ६, ८६ १८७३ रुअड ३२७ रुक्मिणि १०६७, १९१६ रामराज रामसी (सिंह) २२१, २४२, ६४१ रामा २१५, ३०८, ३४६, ३४६, ३६७, ४०२, ५०३ ५५२, ५५६ ५८१ ६१४, ६५५, ८०७, ८६५ ८६०, १०२८, १०३६ ६६२ ६६२, १११४, ११६५ ३२ ६८८, ११३४ १३३ ७५८, १०६२, २०६३ ७७६, ८५६, ६३५, १०६६ १०७६, ४०६४, रुडा रुडी ३११ ५७६, ६२८ | रुदपाल ४६८ रुदा रुदी रूपणि रुल्हा रूडा रुडी दा रूदी रूपचंद रूपलदे रूपसिंह रूपा १०६५, १०६६, ११०५, १११६, ११३६ १११६ १०५३, १०७६.१११४, ११२६, ११६१, ११६२ ५१३ ७६२, १००६ ७१४ ४० ६३२ ११०१ ३६५ ६०६ हरह For Personal & Private Use Only ६३० =४३ १०६४ १६१, २०६ ५६३ ६७६ ४६६ ८२१ ८२१ ३६२, ६१७ २१७, ३०८, ७६६, ८६१ ६५५, ८०५ १०२, ५०३ ६०२ ४८४ १ ३२२, ५३६, ५३६,५८६, ७३७, ७७०, ८४४ ८६५, १६, ६४६, ६५६, ६६०, १०३४. १२०८२. Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट = रूपादे ४८३, ७३७, ८०४, ६३३ | लखीई १०३४, १०६२, २०६३, लगसिरि रूपी रूपिणी रूल्हा रेखा रेखश्री रेडा रेडू रेणादे रोयत रोहिणी लखणश्री लखणसी ६७६ ५६६. ६८६ ११३१ ८१७ ५३ २०६५ ललता १६८ ३२६, ५२८, ५३६, ८२८ ललतादे १६३. १६८,६४१, ६३६, ३२६ ६६१ ८११ ६५६ | ललतू ४७ लली २४२ ५१०, ६१४ लष्मा १३१ ३७६, ४४१ ५८७ हह ३००, ५६०, ६८७, ८६० लघु २६५, ५४७ ५६७ लच्छी ३१६ | लछमां १०६५ ललत्त लखणा लखन लखम लखमण ७६, १३५, २४३, ३८० ३८५, ४३६-४४१. ५१२, ५३७, ६०६, ६३३, ६८१ ७७३,७८२, ८८८ १०६६ ६३, ५४२ ६५६ २७६ लखमश्री (सिरि) लखमसी लखमसेन लखा लखी लखमीदास लखराज लहरू १६६ | लहुआ ३७६ लक्ष्मट लक्ष्मी लखमा १६८, ३२१, ४४६ ५२८, ६५८, ७२८, ८६०, ६६१, १००३, १०८४ लखमाई ६३५, ७४४ लखमादे ४८, ५११, ६४४, ६६७, ७७३, ७७६, ७८६, ८०४, ८०५ ११३६ १०१६ ६७२ २६३, ६२३, ७७५ हहह ३६ लक्ष्मीदास लक्ष्मीसेन लाई लाकू लाखण लाखदे लाखा लाखी लाखू लाघु २८७ ) For Personal & Private Use Only ३० १२३ ६६४, ६६५ ५६६, ५६७ ३२० ६८२ ३५६, ८०३, ८०४, ६६४ १६८, ३५८, ४१७, ७६७, ६६४, ६६७ १२२, २३२, ३०३, ३३२, ३४०, ३५८, ४१७, ४४२, ४४७, ५६६, ६४४, ७०६, ७६४, ७६७, ८६४, ६६७, ६६८, ६७४, १०६५, ११३७, ११५२ ४५५ १८०, ४०२, ५४४, ५६५. ७१६ ४३२ Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२८८ ) लाछलदे लाडण लाड दे लाडि लछा ७६६, ८६५ लाळू लाछी १३३, ६४५, ७३०, १०१३ लीलू १०६, ५५३, ६६० लुटा ६१४ लूणगदेव लाटा लाडकि ७:०, ६४६ | लूणसिंह ३६, ५८६ ६६४, १०५० ७२२ लाडकि लाडिमदे लाही लाढम लादा लाधू लापा लाभा लाभी लाभू लांबा लालचंद लालस लाला परिशिष्ट ५१६, ६००, ६०७ | लीलाई ६६३, १००७ लाहड लिक्त लीता लींबा लीला ४४२, ५६६, ५६७ ८५४,८८० लूगा दे १०६५, १०६६, ११५२ लूणी ३१८, ३७२, ७४३ लूलगय ८३३ | लूहोला १३० | लोला ५५८ ६६७, १०३४ लाली ६६०, ७४७, १००३, १००५, २२४ लीलादे १५६, ४२६, ५०६, ७५७, ७६८ १०६४ ८५६ ३६, ३०६, ३५२, ६६६, ८४३, ८४७, ८८५ लोलादे लोहट ६६८ ७११ | लोहड ३४७ वंसल ब्रजांग वइज कु जलदे ३०६ ७६८ RS १५१ लूण ६१, ३८१.४३७, ४८७, ५१८, ५२८ ५८०, ५८, ६५६, वइजा वइज् वइतलदे १०१५ वइता ४५५ वइरा ५३५ वलदे ५४५ वा २२१ २०६, २६६, ३५१, ८००, ६६०, ६६३ ५३ ४६६ २८६, ४१७, ४२६, ४३६, ५१६, ६००, ६१४, ८४६, ८८५८६ ८४६ ४३६, ७२२, ७६७ ६६ वच्छा वच्छराज ७३०, ८३४, ८८५ १७६, ३८१, ६५६ ६५७, ७७६ For Personal & Private Use Only ८७० ५१३ २२८ ४४२, ७२६, ६१० ७२६, בב ३६२ ३६२ २०३ ३७७ ६८५ ७० ५३४, ७६४, ८२६, १००५, १११६ Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ थच्छा वजराज वांग वजसा वडा वडुश्रा वडादे वणवीर वणा बणु वदरंगदे वदा बना वया वयजल वयजलदे वयजा वयर सिंह वरजा वरजू वरता वरदेव वरमा वरनाग चरम्हा वरषा परिशिष्ट म ४८८, ६०३, १०८५ १०८९ ८८० ३६६ ३६२ ७५२, ७६५, ८६४ वल्लभराजा बल्हादे वला ८६४ वलिराज ४१६, ८६३, =६८ | वलीआ =२३, ८५६, ६३० स्वता ४६२ ११३१ ६३६ ७६५, ८२०, ६३७ ६०६ ४५, ७२४ १५२, ३११, ४५६ वयरा ५३३ वहलादे बयासी ३११ वाकल वर्जी ४१४ वाघा बर्जु ७६०, ६२० वाचाऊ बर्द्धमान ४६४, ६१७, ८८७, ६७७, वाछा ११०८, १११६, ११६१ ३१ वसा ४६५, ५३६ | वहद वस्ताही वस्तु वस्तुपाल ८१७ वाळू ६०६, ६६६, १००४ वाजू ७०२ | वाझणदे ७६, २२२ वाडा ३६ | वाढा बरसा वरसिंह (संघ, सिंग) २०७, ३००, ७८७ वाण ८५७ वादी ६६१ बाहू २८५. वानकाई बाजीर ( २८६ ) ३०६, ३७६, ३६०, ३६१, ४६३, ५१३, ६०५, ८६६, ६०६, १००४ १०७६ ४, ११५६ ५८७ ३३२ १०१५ १३६, ३४७, ३८०, ६१४, ६३६, ८१०, ८५४, ६१७, १०२८, १०३५, ११५६, ११८१ १९८१ १३८ ४,१०१६, १०६५, १०६६ ७१४ ३३ १००३ १०७३ ६१२, ६३०, ६५४, ६६३ ४४ २०१, ३४०, ३५५, ५६१, ६८७, ८१०, ८८३, ११५६ ३७८, ६५८, ७५६ ३३० २३७ ३०६, ५३२ ६५२ For Personal & Private Use Only ५३७ ७४१ ४२८ ८६५ ७८४ Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वारु घिरा २७८ ७२६ १०८८ १०६ ( २६०) परिशिष्ट - वाना १५०, ५०६ विमल २५, ३३६ वानी ७०७, ७०८ विमलचंद्र १०३८, ११८१ वानू (नु) २३०, ३८८, ६१७, विमलदास १९८२ ७२६, ७८७, ६३१ विमलादे ३४४,८५६. ६६२, वामादे ८६६ १०३५, १०८५, वारी २८६,७८६ ११५६, ११८१ ४१२,४३१,७१२, ७६६ १००३ वाल्हा २६५, ३४०, ४४७, विरु ५६४, विरुग पाल्हादे ६६४,७६६, ८५६, विरूपा ३८३ विल्हरणदे १८६ वाल्ही ३५०, ५०६ विल्ही बालहदे ३१७ विवेक ५४८, ५७६, ६२६, १०८६, १०८७ वाला ७१६, ७७२ विसलदास १०४४ वाहिणदे ५१४ वीकम १६०, ३७७ विउलश्री ४८१ वीका ७२३ विका ५२३ | वीकू ६३६ २६६ वीजल २३० विज्जू वीजलदे ५०१, ६४१, ८१८ विजपाल १५३, ६७६ वीजा १५२, २६१, २७८, ४०६, विजमलनाक ३४६ ८१८,८४१ विजयपाल ५६१ विजयराज ६८६ वीझल १३२, ६७७ बिजयश्री | वीमलदे ७३६ विजयसी ४३१ | वीठा विजसी ८५७ वीडा विजयसीह ३५ विजा ७२४,८३२, ६४५, ६४७ वीढा ६७६ वीणा १०१५ विद्याधर ६६७, ६६८ वीतरादे ५२२ विनादे ८४७ बीदा ३४३, ६८, ७३३, ६०८, विपरादे ६८२ ६३०, ३७३, १०८५ विक्की ३४६ २८४ वीजू १०१५ ३६३ वीडू ३८५ विणहा For Personal & Private Use Only Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ८ ( २६१ ) वीनू वीप्रा वीपा ७६८ 8३३ ३ वीधी ६४८ । वील्हा १६८, २५७, २८१, ३४०, वीना ४६५ ३८०, ४६४, ५३३, ७८६, १०७५ ६१७ वील्हादे ८३ ११५२, १२६ वील्ही ५३७ वीमलादे १०३८ पीला १०३४, वीर वीली १०३८ वीरड ४५६ वीसल ४६, ७६, ३०४, ३८८,४१६, वीरण ४४२. ५२७, ५६४, ६०६, वीरणाग १२ ६६४, ७२६, ७७८, ८५१, वीरणि ३२६ १८३ वीरदास १०३१, १०४४, ११२२, वीसा ११२६ वेऊ वीरदे ५७० वेगड़ ५५६ वीरदेव १४ वेगी वीरपाल २५६, ६४६, ७१२, ६७७, वेजपाल २१६ ६६१,१०१८, १०५२ २०७४, ५८५ वीरम १२,४६१,५०६, ६६४,८८३ वेला, (वेल्हा) १८८, ३२६, ४६३, वीररत्न १०३२ ५३७, ५४५, ५६२, वीरसेन ५६७ ७००, ७५३, ८८१, वोरा २२७, २४०, २४५,३०७,४६१, ११८६ ४८१,५४५, ५६१, ६२६, ६६२, वेलाउला ६७७ ६८३,७३०,७५२,८३८,८७७, वैजराज ६२२ ६३५, ६६७, वैरा ११५६ वीरादे ११२२, ११५१, १२७१, वोडा ८६८ ११७३ शदराज वीरि वीरिणि ७८१ शाणी २७८, ३५२, ५६३, ५७४, वीरी १७७, ४७१, ८१०, ६५, ८४७ १०६६ शिखर २१४, २८२, ७०३, वीर ४२०, ६५५, ६४८, शिखरा वील्हण १७५ शिवंकर १६५ वील्हणदे १६८, ७६२, ६१७ । शिवदत्त ५२८,६५० ७४. वेदा शदु For Personal & Private Use Only Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २६२ ) शिबराज ३६४, ७७४, ६०४ ६२० शिवराम शिवा शीलू शुभकर शुभंकर शुभबस्ता शेखर शेखराज शेषा श्रवण शृङ्गार दे श्रियादेवी (द) परिशिष्ट म श्रीनाथ श्रीपा ३७६ ३४४, ५२६, ५५६, ६५२. ७१६, ७२७, ८४८ ६६४, १०७३ ४५ २२० ६७४ ७७० सकतन २६ ६१७ सकतादे (कादे) ६२१, ७६३, ७७७, ८४७, ६६१, ६६५, ११०० ३७६, ४४१, १२०० ८०१ ८०२ ८२६ ६६५ ६६५ १८३ ७० १३२ | सकर्म्मण खखता ६८४ | सगकू ५३८ सगर ८७६ सगरा सच्चा सजना सञ्जालदेव ७०२, ६४७ १०४७ ४४, १८३, ४६३, ७२३ श्रीकरण (f) श्रीचंद ६८८, ११४७ | सरगखी ४२४, ४३५ सत्त श्रीधर १५५, २२४, ४२३. ६४५ । सदराज श्रीसढ श्रीसमर श्रोहा ६६५ सदा श्रीपाल ३३६, ७६४, ८२६, ८५०, १०१४, १०३३ ४५ | सदारंग ६३१ सदाही सधारण श्रीपालनदे ३६६ ४३३ सधुरु श्रीफल श्रीमल्ल ४६३, ५४१, ८२८, ११२६. | संड श्रीमोहरण १०१ | संडा संडो श्रीरंग श्रीरूप श्रीषच्छ श्रीवत्स श्रीवन्त २७२, ६०४, ६५०, ७४१, ४०५, ६३३ सधारणदास ६५४ सन्तड २३ | सन्तोक ६२१ | संधारु पराई ६०१, १०३, ६२२, १४३, स्फारक For Personal & Private Use Only १४७ ४७१ ६५२ ६४४ ६५८, ६६१ ३३३, ४१० ६५० २२६, ४०५, ४४७, ८७०, ६२७, ६३२ ६८८ ६१५ ६७२ ६७३ २२० २ ५४३ ६४२ ५५८ Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट = ( २६३ ) सम्पई सम्पतलटि सम्पूरी सन्द्र सम्बर समउर समदा ७६७ / सरसू ४२६ ७८५ सरामानी ४०७ ७२७, ७३५ सरु ५६३ सरुदमा १०३८ सरूपद ४८५, ७५१, ६१६, ६३६ ६६४, ६६५, १०३३, ५७१, ७३७ ११३७ २३४, २६२, २७८. सलखण १७, ६६, ७६४ २८३, ४६१, ५६२, सलखणदे ४६, ११२, ५३८, ८८६ ६३८, ६४०, ६६३, सलखम ६७४, ७२३, ७३२, सलखा २२०, ४६६ ७४३, ७८२, ८३२, सलखु ८४८ -३७, ८६६, ६८७ सलदेव समधर सलरा सल्हू समर समरण समरथ समरसी समरा २७० ६५५ समरु समसीरी समावरा समीरदे समुधर सदयवच्छ त्यागी सरघाई ८५८ ६०७,६८८ सला ४६५ सवतीर ११५, ७११, ७६२, सविराज ८७६ ८७३, ६८५, १६१६ ससधर ७०७, ७०८ सहगई ३४६ । सहजलदे ६६, १६५, ३६८, ५०५, १०३७ ५६७,५६२, ६२४, ६६६, १८८, ५६८ ___ ८१२, ६१४, ६४६ ३८२ सहजपाल २७,६७७ सहजा २६६, ३८७ ४६६, ८३२, ३३५, ६१२ ८४२, ६१२, ६२३ १६८ सहडा १३८ सहदेव ४६६, ४८५, ६५६, ७३० ३०७, ४०५, ५१३, सहर ६७३, ६४८ सहसमल्ल ४६२, ६१५, ६४२, ६६१, ६.२० सरतू सरवण ६७३ सरस सरसती ६२३ : सहसराज ४३८ सहसवीर २२४ ७०२. ६६३, १११६ For Personal & Private Use Only Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २६४) परिशिष्ट - २३४ सहसा (हिसा) १५२, २२३, ३१२, | सांडा २८३, ४१८, ६१४, ६१५ ४६१, ४८६,५६७, ५८०, ६०५, | साढा २२३, २४३ ६४०,६४३,७६६ ८३७, ८५३, साणी ५५६ ८७६, ६१, ६१८, ६२१, ६७७ साता ६४२, ७२१, ७७८ सहली ६५२ सांति सहारण ८१६ साथू सहिआ ७४३, ७६६, ८६६, ६४५ | सादा ३००, ४२३, ४३६, ४४४, सहिणी ४३ ४७६ ४८८,७१३, ७६५, साईआ . ७४३ ८२६, १०६० साऊ ७६, १७३, २०७, ४७७, साद्राण १३ ५६५, ८४७, ६२१ सादी २३ साऊ ४६६ सादूल ४-३, ५०२, ६५७, ८१६, सांकण १०७ ६२०, १०५५ साखेड साधा सांगण ३८१, ६०७ साधारण २८२, ५२६ सांगा २३७, ३५६, ३६१, ३६८, | साधी ६०५ ३६६, ४४८, ४७८, ४८१, साधू (धु) २८३, ५०८, ५६२, ५१५, ५५२, ५८७, ७११, ५६३, ६०४ ८१२, ६५३, ६६५, १०३१, सानार १०३३ । सांपइ ४१६ सागी २५६ सापू २८५,८०१ सांगू ३५४ सांपू सांचा ४६३, ६१२ सामंत १६४, १६०, २५८, ४७५, ५६२, ६७६, ७४३, ८६४ साजण ६१, ६७, १४५, २१०, सामल १६५, १७६, ४०५, ७४३, २६५, ६६१, ७४१ ७६८. १००, १०१३ ८११, ८२२, ८७३ सामलदे ४०५ साजणसी ६२० सामली १०० साजा ८६, ८५३, ११७८ सामा ५२८ ५६१,७८६, ८४७ सांटा ६३५ सामी सामीदास १०४४, १०६०, १०६१, साडण ७३६ ११३०, १९८२ ८५२ ६११ साचू ३८८ साठा सांड ०१७ साम For Personal & Private Use Only Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सायर सारण सांरी सारू (रु) ३५७, ५३८, ६७६, ७८६, साल्ह साल्हणदे सायी १०४३ सारंग १७१, १७३, २२६, २८०, ३८८, ३६४, ४५४, ४६०, ६६५, ६८१, ६६६, ७६३, ७६७, ७६१, ८५६, ६४७, ११४६ ४६४ ५२२ ३२२, ३५०, ५६४, ५६८, ६१३, ७०७, सिरिपाल ७०८, ६००, ६४६ | सिरियादे ६३६ | सिरोहत १०२८ सिरिकुंआर सिवदेव सिवराज सिवा सिंहदेव सिंहरथ सिंहराज सिंहादे साल्ही साल्हु सालिग साल्हा १३०, १७१, ३८४, ४१४, परिशिष्ट ( २६५ ) १७१, २००, ३४४ । सिंगारदे ३५८ ५३८ ६५७८४१. सालिगही सावड सावित्री साहड साहयादा साहा साहिबा साहारन साहिमल ४२२, ५१८, ५५८, ५७६, ६५४, ६६६, ६=१, ८२१, ६१६, ६२६, ६३८ २८२ ३४८ ६५३, १००६, १०८१ १०८६ ३४२, १०३१ ७६१ २८३, ४३४, ४४४, ४५१, ५३७, ८१३, ८४३. ८५२, ६५१, १००६, ११०६, १११७ १०१८ ८४१ ३०७ सिंगारु सिंघराज सिंचही सिंघा ८०, २८३, ५०२, ५८४, ७४२, ७४६, ८३७, ८५२, | सीऊ ७६, १०६२ | सीताद ४७१ १८१ ३२७ |सीदा ६६१ सीधर १२६ ६६८ सीपा ७८७ सीरंग ६७४ | सीरीआदे ६१ |सील १९३० सीला सिणगारदे सिणा सिरि १२ १६. २०१४ ६३५ १११ २८ ४७१, ५००, ७५८ २७६, ३४७, ७७६, ८३२ ६८ ११४ ७४५ ६४४ ६४२ २२३, ३६७, ६५७, ८६८, ६०३, ६०४ ३६५ For Personal & Private Use Only ५६१, ६५०, ६८०, ८५३, ८८६, ८६६ ७४७, ६२१, ६४७ ५८ ६८५ ११७ ११०१ Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २६६ ) परिशिष्ट ८ सहड सुककि सुहागश्री सुखु دی وی دی ) सुण ४२ सीसा १७८ | सुधरासा २२० १२३ सात सीहमल्ल ११३० सुहडसिरि ४८५ सीहा (सीहा) १५१, २२७, २४८, सुहडा २४६, ४८५, ४५८, ३६३. ३६७, ४६६, ५७०, ६२३, १८८ ४७३, ५४०, ५६५, सुहडादे ६६२, ७०४ ६४४, सुहडाहर ४२८ ६४५, ११८७ सुहव १०,४१६ सुहा २४६ सुखमति मुहागदे ३२४, ५६३, ७७५, सुखमल्लदे ११३० ८४७, ८६४, ६३६, सुखमादे ३२० ६६५, ६७१, ११७१, १९८३ सुखमिणी ४८१ ११२६ ६८२, १५२६ सगुणादे (गनादे) ४३७, ६३२, ६६२ सूजू ५८२ सुचा ७४७ सूदागोइंद १६५ सूदी सुतारण १०५० सूदौदेवी १०८० सुन्दरदास ४१०, ११३० २४ सुंदर ६७५, ७६८ सुनखत ४२४ सूरज सुनन्द ११०४ ११७३ सुपरणादे सूरजदे १०३४ सूरजन ६०३ सुभवीर ५८२ सुयश १०६७ सुरजा ४६६ १०८ सुरताण (प्राण) ३०४, ८४६, १०५१, १०५, १११३ सूरतनी सुरमदे ८३८ सूरदास ११४३-११४५, ११५१ ३६८, ५११, ७३३, सुललित ६०५ ____६३१, ११६१ सुल्वी २३२ सूर्यसेन ५६६,५६७ सुलेसरी ६२० | सूरा २०३, ३८८, ५२१, सुवंदे ५८१,८३२, ७६ For Personal & Private Use Only . सूरचंद k ४३५ सूर्जनदे सूरजी | सूरमदे Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट - ( २६७ ) ६५२ सेऊ सेगा ६६५ सेदू सेना सोजी सोढा सूली ३८५ । सोभा १७२, २८७, ४५७, ६८४ सूवा ८७४ ३१६ सूहयदे ४८३, ४६०, ५२१, सोभागदे १०१८, ६०२५, १०३१, ५८१,७८६, ६०१, १०५३, १११३, १११६ १०३, ६८८ सोभागिणी ४३४ सोमचंद ११६१ ६६५ सोमदत्त ८८०,६४२ सेढा सोमदास १०६१ ३३५ सोमदेव ५४६ सोमल ५२१, १११६ सेपलदे ८८२ सोमलदे ६३६, १०६२ सेरू ६३५ । सोमा १५१,१६५. १६१, २१८, सोजा २७१ २४१, ३७१, ४३८,५०१, ६३६, ६६२ ५३७, ५५६, ५६३, ६५२, सोढल ७१२, ७३५, ७७७, ७८४, ३६८, ४६६, ५७०, ८२१, ६३६, ६४५, १००५, ५७४, ६२२, ६४२ १०१८, १०६७ सोनपाल ३२४, ४६८, ५६६, सोमिल ८१२ ६०४,७०३, ७०५, सोहग ६४८, १००१, १०६५, सोहगदेवि २४६ सोहगा । सोनल ३८,७६४ सोहड २०५ २७७, ३८७, ८१२, सोहा ८२३ ८६८,६३६ सोहागदे ८५८, १००६, १३४३ सोनश्री १०६५ सोहिणदे २४५ सोना २७७, ३१३, ३४५, ३६६, | सोहिणी ६७५, ६ ३८१, ३६३, ४२२, ४३७, सोहिय ४४५, ४८८, ६०७, ६१३, सोहिल ३६४,७४८ ७५८, ८६५, ८६६, ६३६, सोही ७६० ६६२ | सोहीलालदे ११७६ सोनाई ४६०,८४५, ८८० | संकर सोनादे ४७०, ५१७, १०१६ संगतादे १११६ सोनी ५१७, ६११, ६६६ संगार ११६१ २५ ८. For Personal & Private Use Only Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २६८ ) संगारदे संग्राम संग्रामसी संघराजा संसार हंसा हउदा हचिन हचू हठा हपू हमीर हमीर दे हरदास हरपति (त) संसारचंद ३७९, ६०७, ६५०, ७१५ संसारदेवी (दे) ११८, २१६, ४६१, ५०२, ६१०, ६५४, ७४६, ७७४, 50% ४५५, ४८८, ६२३, ७३५, ४५० ३८१ ६२४ ४५६ ४६५ ६३१ ५७०, ६७०, ६७६, ८१५,६६०६ हरपाल हरमदे हरराज हरखादे इर्षराज परिशिष्ट ६०५ | हर्षा (रखा, र्सा) ५१३, ५३६, ६०३. ११४३, ११४४ २८२ ५३७ ६६३ १०३८, ९८४ ७४५. ८६१, २००६, १०४४ १७६, ८१५, ६२५. १०१५ हरा हरि हरिण हरिकरण हरिगण हरिचंद हरिपाल हरिवर हरिराज हर्षाई ६३६ हर्षू (र्षु, रखु, रखू) ३०२, ३१६, ४१८, ५२०, ५७२, २७४, ५४८, ६५३ १०१७ ६६३, ६६४, ७३३. ८२१, ६०६, १००० हाता १०१५ हाजी ५६ ६८४, ७१३, ७१६, १६,८५४, ८६६, हारराज ८७७ ८६१, ६१३, ६१६, ६४६, ६७४, ६६६, २०१७, २०१६, १०३७, १०३८, १०८३, १११२, ११६६, ११७०. ११७३, ११७६, ११८२ ११८३, ११८४ For Personal & Private Use Only ६०१, ७६७, ८०८, १८८४३, ८४७ ७३६, ८८५ ६३४, ७४४ ११८७ हलू ७४५ हर्षमदे (रसमदे, देवी) ३३३, ४८५, ६६४, २०१७, ६४० ३०३, ३४६ 85, १२३ ७५ ८७३ १०१६, १०३८, १०५०, १०.५, ११७१, ११८७ ४०८ ७६२ ५६६ Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ P हापा १७०, १७७, १६६, ५३१, ४५४, ५६४, ६४५, ६६१ ४२६ १६१, ४७४ हांपा हाला हाल्हा हासल हसिल हांसी हांसू (सु) ६२३ हसा ३६१, ६११, १०५६ हांसलदे ५६६, ६७३, ७१४, ७३६, ८१७,८८१, २००४ हांसा हाथी हिडसरो हिता परिशिष्ट = हीराई होरादे २६ हँति १०५ हुतल हृदा हेतु ३४५. ३७५, ४५२, ५६१, ५६६, ८०६, ८१७, ८८१, ६८८, १००४, १०८५ हीरी हीरू १६६, २६५, ५६४, ६५६, ७३२, ६०८ ४६ नीबाई ! हेमराज ७१० ४५ हिमपाल ५७३ हिमराज ५७३ हिमादे ५७७ डिल्ला ७३५ हीरराज ( प्रसिद्धनाम बगुला ) ३३२ मी हीरा १७५, २१८, २६६, ३१०, हेमो ३४१, ३५६, ४२५, ६३५.. ६६३, ७१०, ७१४, ७५२, ७६८, ७६६, ७८२, ७६५, हेली हेला ८४७, ८७८, १०६, १२६. ६७७, ६८५, ६६३ ८६५ २५५, ३५६, ४२५, ४६३, ५३६, ५४४, ७८२, ८७३, ६६२. ६७४, १०१५, १९१२ हेमसीह हेमसेन हेमा माई हेमादे ६०४, ६५८, ६५६ हेमल १४६ २६५, ६३५ | हेमश्री (सिरि) २६६, ३४६, ६०४, ६५८, ६५६ २६६ ११ ( २६६ ) होग होला त्रिपुरादे त्रीकम त्रैलोक्यचंद ज्ञालप ३३५ ३६३, ४६५, ५०७, ५६३, ५६४, ६६२, For Personal & Private Use Only ८२७, ८४४, ६८७ ४०८ 55& ८६५ २७३ १०३४ २१३, २३५, २६६, ३०७, ६६६, ८७, ६६, १३८, २५५, २७६, २६५, ३५२, ५०४, ५३७, ५=१, ६१६, ६१८, ६४७, ७६५, ७७०, ८२६, ६०६, ६२७, ६६६ ६६७, ६६८, १०३८, १०८४, १९३४ ६३८ २१३, २३५ ८३६, ६०६ ४८५ ४३० ८४८ ६४ ४६३, १०८५, १०८८ ०४४ १७५ ८८४ ६८१ Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For Personal & Private Use Only Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 6.10