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________________ ले० ३४५ - ३४६ ] प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: (३४५) सुविधिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० २५०१ वर्षे माह सुदि १० सोमे उपकेश० छोहरागोत्रे साह नेतसी पुत्र सोना भार्या नइासिरी पुत्र तेजा भार्या पाल्हू पुत्र हांसाकेन पारस श्रेयसे आत्मश्रेयसे श्रीसुविधिनाथबिंबं का बृहद्गच्छे प्रतिष्ठितं श्रीमुनि देवसूरिभिः ॥ (३४६) चन्द्रप्रभ - चतुर्विंशतिपट्टः सं० १५०१ माह । सुदि १० सोमे उप० ज्ञा० काठडगोत्रे मना भा० विज्जू पु० हरिचंद भा० राणू पुत्र चापड़ चावन चांपड भा० भामसी नरसी सा० समसीरी भाउ हेमसिरि पु० नवरंग नरपति विजमलनाक पु० पूना रामा पूबा बोदू नरपति भा० वा श्रीचन्द्रप्रभबिंबं कारापितं चित्रावात गच्छे श्री सुमतिसूरिभिः गुणाकर सूरिभिः ॥ ( ५५ ) (३४७) नमिनाथ- पश्र्चतीर्थीः ।। सं० २५०१ वर्षे मात्र सु १० चं० उ० ज्ञा० सांवरशाखायां टपगो० दुलालडके (?) सा० क्षीमा भा० जेसी पु० देवा सिवा देल्हा धाना गोदा लांवा वस्ताद बाँधवेन कुटुम्ब पितृ-मातृपुण्यार्थ श्रीनमिनाथबिं० का० प्रति० श्रीसंडेरगच्छे नायक - श्रीशान्तिसूरिभिः ।। (३४८) पद्मप्रभ - पञ्चतीर्थी: सं० १५०२ माह सुदि १० सोमे थिरुतगोत्रे सा० माल्हा भार्या साल्हु पुत्र कान्हाकेन भा० ढूंदी पु० दफरचा श्रीपद्मप्रभः का० प्र० श्रीधर्मघोषच्छे श्रीमहीतिलकसूरिभिः आ० विजयप्रभसूरि सहितैः ॥ (३४९) आदिनाथ- पञ्चतीर्थीः सं० १५०१ माह सुदि १० सोमे श्रीज्ञानकीयगच्छे उपकेश० लोलसगोत्रे साह कान्हा भा० कर्मसिरि पुत्र आल्हा भार्या जीऊ पुत्र धाना रामा काना भार्या र आत्मश्रेयसे श्रीश्रदिनाथबिंबं कारा० प्रति० श्रीशान्तिसूरिभिः । ३४५ कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ३४६ जयपुर पञ्चायती मन्दिर ३४७ रतलाम शान्तिनाथ मन्दिर ३४८ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर ३४६ आमेर चन्द्रप्रभ मन्दिर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003983
Book TitlePratishtha Lekh Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherVinaysagar
Publication Year
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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