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यहां पर कुतोनाम स्थापने के स्थान में कुतो नाम द्रव्य-स्थापने 'पाठ होना चाहिये । इस स्थल का पूर्वापर संदर्भ इसी रीति से उपपन्न हो सकता है लिपिकार के प्रमाद से अथवा किसी अन्य कारण से द्रव्य-पद यहां पर छुटा हुआ प्रतीत होता है।
उपाध्यायजी ने कहीं कहीं पर जैन आगमों की कथा आदि का सूचन किया है उन अर्थों को जानने में मुनिवरों ने मेरी सहायता की है।
३०४/बी, बांगडवाडी ची. पी. रोड बम्बई-४ _ वि.सं. २०२९ . आश्विन शुक्ला दशमी रविवार
विचारक जन सेवकईश्वरचन्द्र शर्मा ।