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( जैन-धर्म-मीमांसा
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समागम होता है ।
केल्टिक जातिमें तो माँ और बहिन को भी पत्नी बना लिया जाता है । यही बात फेलिक्स अरेबिया के लोगों में है ।
चीन में फूके राज्यकाल तक यह प्रथा थी कि समस्त पुरुषोंका समस्त स्त्रियोंपर समान अधिकार था ।
आस्ट्रेलिया में कुमारी अवस्था में व्यभिचार करना बुरा नहीं समझा जाता । वहाँ पहिले विवाह की प्रथा थी ही नहीं | जब वहाँ कुछ सुधारकोंने विवाह की प्रथाको चलाना चाहा तो स्थितिपा
कोंने यह कहकर बहुत विरोध किया कि इससे हमारी स्वतन्त्रताका अपहरण होता है । परन्तु सुधारक, जो कि विजयी बनने के लिये ही पैदा होते हैं, जब बलवान् हो गये तो स्थितिपालकों को उनके साथ समझौता करना पड़ा और इस शर्तपर उनने विवाहप्रथाको अपनाया कि विवाह के पहिले प्रत्येक कन्याको वेश्या का काम करना चाहिये |
अर्मीनियन जातिकी कुमारी लड़कियाँ या जीवन वितान के लिये अनेटिस देवी मन्दिरमें रख दी जाती था । इसके बाद वे किसी एक पुरुष से विवाह करतीथी ।
प्राचीन रोममें, जो स्त्रां विवाह के पहिले वेश्यावृति मे अगर कुछ धन पैदा न करले तो वह घृणा की दृष्टि से देखी जाती थी । रेड इंडियन जातियों में भी यह कार्य उचित समझा जाता है ! वहाँ कुटुम्बियोकी अनुमति से स्त्रियाँ परपुरुषांसे प्रेम- मिक्षा माँगती हैं । faage जाति के लोगों के यहाँ जब कोई मेहमान आता है