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[जैन-धर्म-मीमांसा
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के साथ न होना चाहिये ।
शंका- जब उसने विवाह ही नहीं कराया तब उसको स्वपुरुष कहां से मिलेगा ? पर-पुरुष शब्द से आपका क्या मतलब है ?
समाधान -- जो पुरुष विवाहित है उसके लिये अपनी पत्नी को छोड़कर बाकी सब स्त्रियां पर-स्त्री हैं, भले ही वह वेश्या हो, विधवा हो या कुमारी । इसी प्रकार जो स्त्री विवाहित है उसके लिये अपने पति को छोड़कर बाकी सभी पुरुष पर-पुरुष हैं, भले ही वे कुमार हों या विधुर । परन्तु अविवाहित श्री पुरुषों के लिये पर-पुरुष और पर-स्त्री की व्याख्या इस प्रकार नहीं हो सकती क्योंकि 'पर' यह सापेक्ष शब्द है । अविवाहितों को 'स्व' कहने के लिये ही जब कोई नहीं है तब उनके लिये 'पर' कौन हो सकता है, यह विचारणीय है । इसलिये ऐसे पुरुषों के लिये वही पर- स्त्री है जो किसी पुरुष के साथ विवाह सम्बन्ध से बँधी है और ऐसी अविवाहित आदि) स्त्री के लिये वही पर - पुरुष है जो किसी स्त्री के साथ विवाह सम्बन्ध में बँधा है । जो अविवाहित स्त्री गर्भाधान करना चाहे वह ऐसे पुरुष से गर्भाधान करे जो अपत्नीक हो । अन्यथा उसे पर-पुरुष सेवन का दोष लगेगा । वह संकल्प व्यभिचार होगा ।
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प्रश्न- यदि अविवाहितों को इस प्रकार की छुट्टी दी. जायगी तो विवाहित होना कोई पसंद क्यों करेगा ! अविवाहित रहकर वेश्या सेवन आदि से वह स्वतन्त्रता का उपभोग क्यों म करेगा ?