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१८] भारतीय विद्या
अनुपूर्ति [ तृतीय
पहुंचाने का प्रबन्ध कर रहे थे । इस विषय में, समय समय पर उनके जो पत्र मेरे पास आये थे उनमें से एक-दोका कुछ अंश यहां दिया जाता है जिससे उनकी कार्यप्रवणताका और रसवृत्तिका खयाल आ सकेगा । ता. १०. ८. ३१ के पत्र में वे लिखते हैं
।
... प्रणाम । आपका पत्र ता. ४. ८. ३१ का मिला। बरतन टंकी वगैरह जो कुछ बाकी था आज रवाने कर दिया गया है । तख्तपोश १२ और बन गये हैं। जल बरस रहा हैं इसलिये रंग होने में देर हो रही है। तीन चार रोजमें रवाने हो जायेंगे डेस्क तो डजुन भी उसीके साथ आ जायगा । सामानके लिये सेल्फ बनाने दे दिये हैं । बाकी फरनीचर ( टेबिल, खुरशी आदि ) तैयार ही खरीद लेंगे । रसोई घर के लिये दरवाजे और जंगले तैयार हो कर रंग हो चुका है । जो रसोई घर अभी अपनेको मिला है वह अगर छोड़ना
पडे और उसीमें अपना गुजारा हो जाय तो इन दरवाजे जंगलोंसे कोई दूसरा मकान छात्रों के लिये या और किसी काम के लिये बन सकता है । अगर रसोई घर बनाना पडे तो उसके लिये तो ये बनवाये ही गये हैं। दाल, आटा वगैरह कल-परसों तक रवाना किया जायगा | चावल दो बोरी और सरसोंका तैल- दस सेरका एक टीन - अजीमगंजसे भेजने को लिख दिया है । ये दो चीजें हमारे यहां भी वहीं से आती हैं। रेलका किराया भी वहां से आने में कम लगेगा ।
बोर्डिंग हाऊसका नाम "सिंघी जैन छात्रालय " आपने सोचा सो ठीक ही दिखता है । बरतनोंमें हमने J. B. ( जैन बोर्डिंग ) खुदवाया है उसमें कुछ हर्जा नहीं होगा । ठाकुर (रसोया ) जो पहले सोच रखा था उसका दूसरा पत्र आया है । वह अजमेर में नौकरी लगा हुआ है सो छोड़ कर आना नहीं चाहता है । दूसरा एक आदमी यहां मिला है । उमर तो ज्यादा नहीं हैं २५-३० के बीच में होगा। मगर आदमी जाना हुआ है - अच्छा है । मीठाई वगैरह खानेकी चीजें सब बनाना जानता है । लेकिन उसकी जनानाको साथ लिये बगैर वह नहीं जायगा । अपनेको एक आदमीके खानेका खर्च बढ़ेगा मगर एवज में वह कुछ काम भी दे सकेगी । कमसे कम अगर कभी ठाकुर बीमार हो गया तो वह काम चला लेगी । इतना सुभीता भी है। हमने तो उसको रखना पसंद किया है। आपके या शान्तिनिकेतन Othorities को कोई आपत्ति न हो तो, आपका जवाब मिलने पर उन लोगों को भेज देंगे। सीधा सामानकी फेहरीस्त में आपने 3 टीन तिलका तैल मंगवाया है वह हम नहीं भेजते हैं । मुर्शिदाबाद और कलकत्तेके लडके लोग तरकारी भाजी या और किसी चीज में तिलका तैल खानेके आदी नहीं हैं, और खा भी नहीं सकेंगे । हमारी राय में तरकारी दो या तीन हों, उसमेंसे एक सरसों के तैलकी हो और बाकी घीकी हों। हम लोगोंके यहां ऐसा ही होता है। इसलिये सरसोंका तैल दस सेरका एक टीन और घी दो टीन भिजवाया है ।
आपका दूसरा पत्र ता. ८ का अभी मिला । ' केसरकुमारी जैन पुस्तकसंग्रह' के लिये पुस्तक वगैरह खरीद हुआ जिसकी किमतका चेक शंभुलाल और मगनलालको कल भेजेंगे और आपको सूचित करेंगे ।
इस पुस्तक संग्रह पुस्तकोंमें लगानेके लिये आपने लेबलका लिखा मगर हमने तो फक्त एक रबर स्टेम्पके लिये ही सोचा था जिसमें देवनागरी लिपि या देवनागरी व अंगरेजी
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