Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयबोधिनी टीका प्र. पद १ सू७ जीयादीनां वर्णादिना परस्परसंवेघः ८७ अपि२, व्यससंस्थानपरिणता अपि ३, चतुरस्त्ररसंस्थानपरिणता अपि४, आयतसंस्थानपरिणता अपि ५।२०॥ __ ये रसतो मधुररसपरिणता स्ते वर्णतः कालवर्णपरिणता अपि१, नीलवर्णपरिगता अपि २, लोहितवर्ण परिणता अपि३. हारिद्रवर्णपरिणता अपि४, शुक्ल____ (संठाणओ) संस्थान से (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिमंडल संस्थान परिणमनवाले भी हैं (वट्ट संठाणपरिणया वि) वृत्त संस्थान परिणमनवाले भी हैं (नंस संठाणपरिणया वि) त्रिकोण संस्थान परिणमनवाले भी हैं (चउरंस संठाणपरिणया वि) चतुष्कोण संस्थान परिणमन वाले भी हैं (आययसंठाणपरिणया वि) आयत संस्थान परिणमन वाले भी हैं। __(जे) जो (रसओ) रस से (महुररसपरिणआ) मधुर रस परिणमनवाले हैं (ते) वे (वण्णओ) वर्ण से (कालयण्णपरिणया वि) काले वर्ण परिणमनवाले हैं (नीलवण्णपरिणया वि) नीले वर्ण परिणमन वाले भी हैं (लोहियवण्णपरिणया वि) लाल वर्ण परिणमन वाले भी हैं (हालिदवण्णपरिणया वि) पीले वर्ण परिणमनवाले भी हैं (सुकिल्लवण्णपरिणया वि) शुक्ल वर्ण परिणमन वाले भी हैं।
(गंधओ) गंध से (सुन्भिगंध परिणया वि) सुगंध परिणमनयाले भी हैं (दुन्भिगंधपरिणया वि) दुर्गध परिणमन वाले भी हैं।
(संठाणओ) संस्थानथी (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिम संस्थान परिणाम mi ५ छ (वट्टसंठाणपरिणया वि) वृत्त संस्थान परिणाम पाणi ५५ छ (तंससंठाणपरिणया घि) त्रिी संस्थान परिणाम पाणां पण छ (चउरस संठाणपरिणया वि) यतु संस्थान परिणाम पाणां ५५ छ (आयय संठाणपरिणया वि) आयत सथान परिणाम पाणi पy छ.
(जे) या (रसयो) २सथी (महुररसपरिणया) मधु२ २२ परिणाम पi छ (ते) तेमा (यण्णओ) १ थी (कालवण्णपरिणया वि) ।। २परिणाम पाणां ५५ छ (नीलवण्णपरिणया वि) नीद पाणु परिणाम पाणां ५५ छ (लोहिय वण्णपरिणया वि) सास गना परिणाम पाजi ५४ छ (हालिवण्णपरिणया वि) पात व परिणामी ५४ छ (सुक्किल्लवण्णपरिणया वि) स३६ २ना परिणाम पाणi ५४ छे.
(गंधओ) मधथी (सुब्भिगधपरिणया वि) सुगंध परिणाम पाणां ५५ छ (दुन्भिगंधपरिणया वि) हु" परिणाम पण ५५ छ
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧