Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रज्ञापनासने
प्रभायाम् २, वालुकाप्रभायाम् ३, पङ्कप्रभायाम् ४, धूमप्रभायाम् ५, तमःप्रभायाम् ६, तमस्तमःप्रभायाम् ७, ईषत्प्रारभारायाम् ८ । अधोलोके-पातालेषु भवनेषु भवनप्रस्तरेषु निरयेषु निरयावलिकासु निरयप्रस्तटेषु । ऊर्ध्वलोके-कल्पेषु विमानेषु विमानावलिकासु विमानप्रस्तटेषु । तिर्यग्लोके-टङ्केषु कुटेषु शैलेषु शिखरिषु प्राग्भारेषु विजयेषु वक्षस्कारेषु वर्षेषु वर्षधरपर्वतेषु वेलासु वेदिकासु द्वारेषु पण्णत्ता ?) हे भगवन् ! बादर पृथिवीकायिक पर्याप्तक जीवों के स्थान कहां कहे हैं ? (गोयमा ! सट्टाणेणं अट्ठसु पुढवीसु) हे गौतम ! स्वस्थान की अपेक्षा से आठ पृथिवियों में (तं जहा) वह इस प्रकार (रयणप्पभाए) रत्नप्रभा पृथ्वी में (सक्कराप्पभाए) शर्करप्रभा में (बालुयप्पभाए) वालुकाप्रभा में (पंकप्पभाए) पंकप्रभा में (धूमप्पभाए) धूमप्रभा में (तमप्पभाए) तमःप्रभा में (तमतमप्पभाए) तमस्तमःप्रभा में (इसीपन्भाराए) ईषत्प्रारभार पृथ्वी में (अहोलोए) अधोलोक के अन्दर (पायालेसु) पातालों में (भवणेसु) भवनों में (भवणपत्थडेसु) भवनों के पाथडों में (निरएसु) नरकों में (निरयावलियासु) नरकावलियों में (निरयपत्थडेसु) नरक के पाथडों में । (उड्ढलोए) ऊर्ध्वलोक के अन्दर (कप्पेसु) कल्पों में (विमाणेसु) विमानों में (विमाणावलियासु) विमानों की आवलिकाओं में (विमाणपत्थडेसु) विमानों के पाथडों में (तिरियलोए) तिर्छ लोक के अन्दर (टंकेसु) टंकों में (कूडेसु) कूटों में (सेलेस्तु) शैलों में (सिहरीसु) शिखर वाले पर्वतों में (पन्भारेसु) कुछ झुके हुए पर्वतों में (विजएस) विजयों में (वक्खारेसु) वक्षस्कार पर्वतों में (वासेस) હે ભગવન બાદર પૃથિવીકાયિક પર્યાપ્તક જીના સ્થાન કયાં કહેલા છે? (गोयमा सट्टाणेणं असु पुढवीसु) हे गौतम ! स्वस्थाननी अपेक्षा मा पृथिवीमामा (तं जहा) ते ॥ ४॥२ (रयणप्पभाए) २लप्रमा पृथ्वीमा (सक्कर प्पभाए) २४२मामा (वालुयप्पभाए) पासुमनामा (पंकप्पभाए) ५४प्रभामा (धूमप्पभाए) धूमप्रनामा (तमप्पभाए) तम:प्रभामा (तमतमप्पभाए) तमस्तमप्रभामा (ईसी पन्भाराए) यत् प्रामा२ पृथ्वीमा (अहोलोए) अधोसोनी मा ४२ (पायालेसु) ताणामा (भवणेसु) सपनामा (भवणपत्थडेसु) अपने। न पायरामा (निरएसु) न२मा (निरयावलियासु) न२४पासोमा (निरयपत्थडेसु) न२४॥ पायरामा (उडूढलोए) नी २५४२ (कप्पेसु) ४६पामा (विमाणेसु) विभानामा (विमाणावलियासु) विमानानी पतियोमा (विमाणपत्थडेस) विभा नाना पत्तशमा (तिरयलोए) तियानी २६२ (टंकेसु) मा (फूडेसु) टोमा (सेलेसु) शोमा (सिहरिसु) शि५२ ॥ तामi (पब्भारेसु) is
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧