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बीज में से बाली... जन्म में १४९ [११] चारित्र का प्रभाव अरे! यह तो दुरुपयोग हुआ १५० चारित्र की नींव,... आधार १७३ बाप ने अनुसरण किया बेटे का १५१ शीलवान को... होगा ही १७६ तय किया तभी से ऊर्वीकरण १५३ कैसे लक्षण शीलवान के ! १७९ यहीं पर 'बिवेयर' के... बोर्ड १५४ शील हो तो साँप नहीं डसता १८१ विचार ही बंद, व्रत के पश्चात् १५६ एकांत शैय्यासन
१८३ अभिप्राय तो ब्रह्मचर्य का ही १५८ विषय से मुक्ति,... गुणस्थानक १८५ [१०] आलोचना से ही
जोखिम टले व्रतभंग के व्रत भंग से मिथ्यात्व की जीत १५९ अहंकार करके भी... जाओ १६८
खंड - २
आत्मजागृति से ब्रह्मचर्य का मार्ग [१] विषयी-स्पंदन, मात्र जोखिम दादाजी के अलावा... कोई भी २०८ विषयों से वीतराग भी डरे थे १८८ जागृति में देखें, गर्भ से... तक २१० आत्मा सदैव ब्रह्मचारी १८९ [३] विषय सुख में दावे अनंत भीतर नाच तो बाहर... हाज़िर १९१ अपवाद से ब्रह्मचारी... २१३ विषय का जाल तो देखो १९२ छोड़ो सिर्फ विषय को २१५ सबसे बड़ी अटकन विषय की १९४ विषय से बनें क़रार २१५ देखतभूली यदि टले तो १९५ ‘मिश्रचेतन' तो दावा करेगा ही २१७ विज्ञान से विषय पर विजय १९६ दो मन, कभी नहीं... एक २१९ जोखिमों का भी... की जड़ १९८ दो तरफा सुख, करें दावा २२० खेद द्वारा छूट सकते हैं... से २०० भोगे राग से, चुकाए द्वेष से २२१ सत्संग से उतरे जंग २०१ 'काम' निकाल लो २२२ [२] विषय भूख की भयानकता विषय से बढ़े बैर २२३ असंतोष की भूख... छूटेगी ? २०३ विषय बीज सिकता है ऐसे २२५ दर्शन मोह से खड़ा है संसार २०५ बैर का कारखाना
२२६ स्त्री-पुरुष के दृष्टिरोग... क्या? २०७ नहीं मिलती, अधीनता... ऐसी २२७
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