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प्रश्न - श्रावकको एक अहोरात्रमें कितनी बार सामायिक करनी चाहिए ? उत्तर - अनेक बार । यदि परिस्थिति अनुकूल न हो, तो कम-से-कम एक बार सामायिक करनी चाहिए ।
प्रश्न- प्रतिदिन सामायिक करनेसे जीवनपर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर - प्रतिदिन सामायिक करनेसे जीवन शान्त और पवित्र बनता है । प्रश्न –— सामायिक में कितने दोषोंका परित्याग करना चाहिये ?
उत्तर—बत्तीस ।
प्रश्न- उनमें मनके कितने ? वचनके कितने ? और कायके कितने ? उत्तर - मनके दस, वचनके दस और कायके बारह |
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प्रश्न – मनके दस दोषों को दूर करनेके लिये क्या करना चाहिये ?
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उत्तर - (१) आत्महित के अतिरिक्त अन्य विचार न करे ।
(२) लोक प्रशंसा करे, साधुवाद दे, ऐसी अभिलाषा न रखे । (३) सामायिकद्वारा धनलाभकी इच्छा न रखे ।
(४) दूसरोंसे अच्छी सामायिक करता हूँ, इसलिये मैं उच्च हूँ ऐसा अभिमान न रखे ।
(५) भयका सेवन न करे |
(६) सामायिकके फलका बन्धन न करे |
(७) सामायिकके फलमें संशय न रखे ।
(८) रोष रखकर सामायिक न करे । ( ९ ) अविनयसे सामायिक न करे । (१०) अबहुमान से सामायिक न करे ।
प्रश्न- - वचनके दस दोषों को दूर करनेके लिये क्या करना चाहिये ? उत्तर- (१) कटु, अप्रिय अथवा असत्य वचन न बोले ।
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