Book Title: Karmagrantha Part 5
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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गापा २६
कषायों की उत्कृष्ट स्थिति वर्णचतुष्क की उत्कृष्ट स्थिति
गापा ३०
( ३४ )
दस और पन्द्रह कोड़ा कोड़ी सागरोपम की उत्कृष्ट स्थिति वाली प्रकृतियों के नाम
प्रकृतियों के नाम
उत्कृष्ट स्थितिबन्ध में अबाधाकाल का प्रमाण
गाया ३३
१२४ - १२५
१२५
१२५
१२६-१२७
गाया ३१, ३२
बौरा कोड़ा सोधी सागरोद की उत्कृष्ट स्पिति वाली
१२६
१२७-१३२
आयुकर्म के अबाधाकाल सम्बन्धी विचार
१२८
१२६
१३२-१३६
आहारकद्विक और तीर्थकर नाम की उत्कृष्ट व जघन्य
स्थिति और अवाधाकाल
तोर्थंकर नामकर्म का स्थिति सम्बन्धी शंका-समाधान मनुष्य और तिर्यन्च आयु की उत्कृष्ट स्थिति
गामा ३४
एकेन्द्रिय, विकलेन्द्रिय और असंज्ञी जीव के आयुकर्म के उत्कृष्ट स्थितिबन्ध का प्रमाण
१३७-१४२
१३७
१३६
१४३-१४४
१४३
१४४-१४६
१४३
गामा ३५
पन्द्रह घाति और तीन अघाति प्रकृतियों की जघन्यस्थिति गाया ३६
१३२
१३३
१३६
संज्वलनत्रिक व पुरुषवेद को जघन्य स्थिति शेष उत्तर प्रकृतियों की जघन्य स्थिति निकालने के लिये सामान्य नियम
१४६
१४६ - १५४
गाथा ३७, ३८
एकेन्द्रिय जीव के उत्तर प्रकृतियों के उत्कृष्ट और जघन्य