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द्रव्यसग्रह-प्रश्नोत्तरी टीका प्रश्न. ११- विषयवारकी अपेक्षाम अक्षरात्मक श्रुतज्ञानके कितने भेद है ?
उत्तर- विषयवारकी अपेक्षा से श्रुतज्ञानके मूल भेद २ है-(१) अङ्गवाह, (२) अङ्गप्रविष्ट ।
प्रश्न ६२-- अङ्गवाह्यके कितने भेद है ?
उत्तर- अङ्ग वाह्य के १४ भेद है-(१) सामायिक, (२) चतुर्विशतिस्तव, (३) वन्दना, (४) प्रतिक्रमण, (५) वैनयिक, (६) कृतिकर्म, (७) दशवकालिक, (८) उत्तराध्ययन, (९) कल्पव्यवहार, (१०) कल्प्याकल्प्य, (११) महाकल्प्य, (१२) पुण्डरीक, (१३) महापुण्डरीक, (१४) निपिद्धिका ।
प्रश्न ६३-सामायिक नामक अङ्गवाह्य श्रुतज्ञानमे किसका वर्णन अथवा ज्ञान है ?
उतर-सामायिक श्रुताङ्गमे नाम, स्थापना, द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव-इन छह पद्धतियो द्वारा समताभावके विधानका वर्णन है ।
प्रश्न ६४-चतुर्विंशतिस्तव श्रुताङ्गमे किसका वर्णन है ?
उत्तर- चतुर्विशति तीर्थइरोके नाम, अवगाहना, कल्याणक, अतिशय व उनकी वन्दना विधि व वन्दनाफलका वर्णन इस श्रुताङ्गमे है ।
प्रश्न ६५-- वन्दना नामक श्रुताङ्गमे किसका वर्णन है ?
उत्तर--एक जिनेन्द्रदेवकी व एक जिनेन्द्रदेवके अवलम्बनसे जिनालयकी वन्दनाकी . विधिका वर्णन वन्दना नामक अङ्गबाह्य श्रुतज्ञानमे है।
प्रश्न ६६-प्रतिक्रमण नामक श्रुताङ्गमे किस विषयका वर्णन है ?
उत्तर-देवसिक, राधिक, पाक्षिक, चातुर्मासिक, सावत्सरिक, ऐपिथिक व पौत्तमार्थिक, इन सात प्रकारके प्रतिक्रमणोका काल व शक्तिके अनुसार करनेकी विधिका वर्णन है।
प्रश्न ६७-वैनयिक नामक अङ्गबाह्य श्रु तज्ञानमे किसका वर्णन है ?
उत्तर- इस श्रुतागमे, ज्ञानविनय, दर्शनविनय, चारित्रविनय व उपचारविनय, इन चार प्रकारके विनयोका वर्णन है ।
प्रश्न ६८- कृतिकर्म नामक श्रुतागमे किसका वर्णन है ?
उत्तर- अरहत, सिद्ध, प्राचार्य, उपाध्याय व साधु, इन पांचो परमेष्ठियोकी पूजाविधि का वर्णन कृतिकर्म नामक अगबाह्य श्रु तज्ञानमे है।
प्रश्न ६६-दशवकालिक श्रुतागमे किसका वर्णन है ?
उत्तर- दस विशिष्ट कालोमे होने वाली विशेषता व मुनिजनोको आचरणविधिका वर्णन दशवकालिक श्रुतमे है।
प्रश्न १०.---उत्तराध्ययन श्रुतागमे किसका वर्णन है ?