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गाथा.११.
५५ पचक्खा तस जीवा होति ।
अर्थ-- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और वनस्पतिकोयरूप नाना एकेन्द्रिय जीव स्थावर जीव है और शख, पिपीलिका आदि द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय और पञ्चेन्द्रिय जीव त्रस जीव है।
प्रश्न १-पृथ्वीकाय किसे कहते है ?
उत्तर- जिनका पृथ्वी ही शरीर हो उन्हे 'पृथ्वीकाय कहते है । जो जीव मरकर पृथ्वीशरीर धारण करनेके लिये मोडे वाली विग्रहगति जा रहा हो, वह उस विग्रहगति वाला जीव भी पृथ्वीकाय है । इसका शुद्ध नाम पृथ्वी जीव है । • प्रश्न २-पृथ्वीकायकी कितनी जातियाँ है ?
उत्तर-- पृथ्वीकायकी ३६ जातिया है-(१) मृत्तिका, (२) बालुका, (३) शर्करा, (४) उपल, (५) शिला, (६) लवरण, (७) लोह, (८) ताम्र, (6) रागा, (१०) शीशा, (११) सुवर्ण, (१२) चाँदी, (१३) वज्र, (१४) हडताल, (१५) हिंगुल, (१६) मेनसिल, (१७) तूतिया, (१८) अजन, (१६) प्रवाल, (२०) भुडभुड, (२१) अभ्रक, (२२) गोमेद, (२३) रुचक, (२४) अङ्क, (२५) स्फटिक, (२६) लोहित प्रभ, (२७) वैडूर्य, (२८) चन्द्रकान्त, (२६) जलकान्त, (३०) सूर्यकान्त, (३१) गैरिक, (३२) चन्दनमरिण, (३३) पन्ना (३४) पुखराज, (३५) नीलम, (३६) मसारगल्लन ।।
प्रश्न - पृश्वीकाय जीवके देहकी कितनी अवगाहना है ? उत्तर-घनागुलके असख्यातवे भाग 'प्रमाण पृथ्वीकाय जीवके देहकी अवगाहना है । प्रश्न ४-जलकाय किन्हे वाहते है ?
उत्तर-जिनका जल हो शरीर हो उन्हे जलकाय कहते है । जो जीव जलकायमे उत्पन्न होनेके लिये मोडे वाली विग्रहगतिसे जा रहा है उसे भी जलकाय कहते है। इसका शुद्ध नाम जलजीव है।
प्रश्न ५-- जलकायको कितनी जातिया है ? '
उत्तर- अलकायकी अनेक जातियाँ है, जैसे- प्रोस, तुषार, कुहर, विन्दु, शीकर, शुद्धजल, चन्द्रकान्त जल, धनोदक, प्रोला आदि ।
प्रश्न ६-जलकाय जीवके देहकी कितनी अवगाहना है ? उत्तर-घनागुलके असंख्यातवे भाग प्रमाण जलकाय जीवकी अवगाहना होती है । प्रश्न ७-अग्निकाय किन्हे कहते है ?
उत्तर-- जिनका अग्नि ही शरीर हो उन्हे अग्निकाय कहते हैं । जो जीव अग्निकायमे उत्पन्न होनेके लिये मोड़े वाली विग्रहगतिसे जा रहा है उसे भी अग्निकाय कहते है। इसका