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गाथा ५८
२८५ उत्तर--अवगाहनहेतुत्व केवल आकाशद्रव्यमे पाया जाता है। शेष ५ द्रव्योमे अवगाहनहेतुत्व नहीं है । क्योकि सर्वद्रव्योको अवकाश देनेमे समर्थ आकाशद्रव्य ही है ।
प्रश्न १२–परिणमनहेतुत्व किन द्रव्योमे पाया जाता है ?
उत्तर- परिणमनहेतुत्व केवल कालद्रव्यमे ही पाया जाता है । क्योकि सर्वद्रव्योके परिणमनका साधारण निमित्तपना कालद्रव्यमे ही है ।
प्रश्न १३-अनन्तप्रदेशवत्व किन-किन द्रव्योमे पाया जाता है ?
उत्तर- अनन्तप्रदेश केवल आकाशद्रव्यमे ही होते है, अतः अनन्त प्रदेशवत्व आकाशद्रव्यमे ही पाया जाता है।
प्रश्न १४- स्कन्ध भी तो अनेक अनन्तप्रदेशी होते है, उन्हे अनन्तप्रदेशी क्यो नही बताते ? , उत्तर-वे स्कन्ध अनन्त पुद्गलद्रव्योका एक पिण्ड है, वस्तुत · उस स्कन्धमे जितने द्रव्य है वे सब एक-एक प्रदेशी है।
प्रश्न १५ -- एक प्रदेशित्व धर्म किन द्रव्योमे पाया जाता है ?
उत्तर-एक प्रदेशीपना पुद्गलद्रव्य (परमाणु) और कालद्रव्य - इन दो द्रव्योमे पाय जाता है।
प्रश्न १६-परिणामित्व किन द्रव्योमे पाया जाता है ? ' Now उत्तर-सूक्ष्मतासे तो परिणामित्व छहो द्रव्योमे पाया जाता है, किन्तु यहाँ उ परिणामित्वकी विवक्षा है जिसमे आकार भी बदल जाता है । ऐसे विभावव्यञ्जन पर्यायकी विवक्षासे परिणामित्व केवल जीव और पुद्गलोमे ही पाया जाता है)
प्रश्न १७-पुद्गल द्रव्य तो एकप्रदेशी है, फिर उसमे परिणामित्व कैसे हो सकता SINउत्तर- पुद्गलद्रव्य रूप, रस, गध व स्पर्शकी अपेक्षा व्यक्तपरिणामी है और अनेक पुद्गलद्रव्योका विलक्षण पिण्ड होनेसे एकरूपताका उपचार 'करके उसमे विभावव्यञ्जन पर्याय भी घटित होती है, अत. पुद्गलद्रव्यमे परिणामित्व घटित हो जाता है। .
प्रश्न १८- क्रियावत्व धर्म किन द्रव्योमे है ?
उत्तर- कियावत्व धर्म केवल जीव और पुद्गलद्रव्योमे ही है। शेषके द्रव्य अपने अवरुद्ध आकाशक्षेत्रको छोडकर एक प्रदेशमे भी कही नही जा सकते है।
प्रश्न १६- विभावशक्तित्व धर्म किन द्रव्योमे है ?
उत्तर-विभावशक्तित्व धर्म जीव और पुद्गल- इन दो द्रव्योमे ही है । जीव और पुद्गलमे दो द्रव्य ही.अपने गुणोमे विभावरूपसे परिणम सकते है अर्थात् नाना विषम विकासो से परिणम सकते है । शेषके ४ द्रव्योका स्वभावपरिणमन ही होता है।