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द्रव्यसंग्रह-प्रश्नोत्तरी टीका अनेक भेद है।
प्रश्न ३- परिणाम आदि शब्दसे क्या क्या ग्रहण करना चाहिये ?
उत्तर-परिणाम, क्रिया, परत्व अपरत्वका ग्रहण करना चाहिये । व्यवहारकाल इन लक्षणोसे जाना जाता है।
प्रश्न ४- परिणाम किसे कहते है ?
उत्तर-द्रव्योके परिणमनोको परिणाम कहते है। द्रव्य एक अवस्थासे दूसरी अवस्था धारण करता है । इन परिणमनोसे व्यवहारकालका निश्चय होता है।
प्रश्न ५-क्रिया किसे कहते है ?
उत्तर- एक क्षेत्रसे दूसरे क्षेत्रपर पहुचने तथा दूधका खलवलाना आदि हलन चलनको क्रिया कहते है । इन दो स्वरूपोके कारण क्रिया दो प्रकारकी हो जाती है- (१) देशान्तर चलनरूप, (२) परिस्पदरूप | रूपार अरोत्रान्तराल?
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पु attart प्रश्न ६-परत्व किसे कहते है ?
उत्तर-जेठेपन या प्राचीनताको परत्व कहते है। जैसे अमुक बालक २ वर्ष जेठा है आदि।
प्रश्न ७-अपरत्व किसे कहते है ?
उत्तर- लहरेपन या अर्वाचीनता याने नवीनताको अपरत्व कहते । जैसे अमुक बालक २ वर्ष लहुरा है याने छोटा है आदि ।
प्रश्न ८-वर्तना किसे कहते है ? उत्तर-पदार्थके परिणमनमे सहकारी कारण होनेको वर्तना कहते हैं ।
प्रश्न 8-- निश्चयकाल किसे कहते है ? ८... उत्तर-समय, मिनट आदि जिसकी पर्यायें होती है उस द्रव्यको निश्चयकाल कहते॥ है। यह काल द्रव्य समस्त पदार्थोके परिणमनका सहकारी निमित्तकारण है, यही वर्तना/ काल द्रव्यका लक्षण है।
प्रश्न १०-क्या वर्तना व्यवहारकालका लक्षण नही है ?
उत्तर-वर्तना व्यवहारकालका भी लक्षण है, उस वर्तनाका अर्थ है एक समय मात्र का परिणमना । इससे समय नामका अनुपरित व्यवहारकाल जाना जाता है।
प्रश्न ११-समयका कितना परिमाण है ? Some - उत्तर- एक परमाणु मद गनिसे एक प्रदेशसे दूसरे प्रदेशपर पहुचे उसमे जो काल व्यतीत होता है वह समय है । (अथवा नेत्रकी पलक गिरनेमे जितना काल लगता है वह असख्यात प्रावली प्रमाण है और एक आवलीमे असख्यात समय होते हैं सो पावलीके प्रस