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द्रव्यसग्रह-प्रश्नोत्तरी टीका प्रश्न १४-- मरणमे अतिरिक्त भी कोई हिंसा है ?
उत्तर- निज हिंसा तो वास्तवमे कषायोका होना है, इससे अपने चैतन्य प्राणका घात होता है । पर हिंसा चित्त दुखाना, सक्लेश कराना आदि भी है।
प्रश्न १५-हिसाके कितने भेद है ?
उत्तर- हिसाके ४ भेद है- (१) सकल्पी हिंसा, () उद्यमी हिंसा, (३) प्रारम्भी हिंसा, (४) विरोधी हिंसा।
प्रश्न १६-सकल्पी हिसा किसे कहते है ? उत्तर- इरादतन किसी जीवके घात करनेको संकल्पी हिंसा कहते है। . (प्रश्न १७- उद्यमी हिंसा किसे कहते है ?
उत्तर- सावधानी सहित व्यापार करते हुये भी जो हिंसा होती है वह उद्यमी हिंसा है।
प्रश्न १५- प्रारम्भी हिंसा किसे कहते है ?
उत्तर- रसोई आदि गृहके आरम्भोको सावधानीसे यत्नाचारपूर्वक करते हुये भी जो हिंसा हो जाती है उसे प्रारम्भी हिसा कहते है ।
प्रिश्न १६-- विरोधी हिंसा किसे कहते है ?
उत्तर- किसी प्राक्रामक मनुष्य या तिर्यञ्चके द्वारा धन, जन, शील आदिके नाशका प्रसङ्ग मानेपर रक्षाके लिये उसके साथ प्रत्याक्रमण करनेपर जो हिसा हो जाती है उसे विरोधी हिंसा कहते है।
प्रश्न २०- सुना है कि गृहस्थके केवल सकल्पी हिसाकी हिसा लगती है, शेष तीन हिंसायें नही लगती ?
उत्तर- हिंसा तो जो करेगा उसे सभी लगती है, किन्तु गृहस्थ अभी सकल्पी हिंसाका ही त्याग कर पाया है, शेष हिंसावोका त्याग नही कर सका है ।
प्रश्न २१- झूठ किसे कहते है ? उत्तर-कषायवश असत्यसभाषण करनेको झूठ कहते है। प्रश्न २२- चोरी किसे कहते है ?
उत्तर- कषायवश दूसरोकी चीज छुपकर अथवा ज्यादती करके हर लेनेको चोरी कहते है।
प्रश्न २३-कुशील किसे कहते है ? . उत्तर-ब्रह्मचर्यके घात करनेको कुशील कहते हैं । प्रश्न २४-निज स्त्रीके सिवाय शेष अन्य परस्त्री, वेश्यारमणके त्याग करनेको तो