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गाथा ३१
१४३ प्रश्न १३७- समचतुरस्र सस्थाननामकर्म किसे कहते है ?
उत्तर-जिस कर्मके उदयसे शरीर बिल्कुल सुडोल बने उसे समचतुरन सस्थाननामकर्म कहते है।
प्रश्न १३८- न्यग्रोधपरिमडल संस्थाननामकर्म किसे कहते है ?
उत्तर-जिस कर्मके उदयसे बडके पेडके आकारकी तरह शरीरका नोचेका भाग छोटा और ऊपरका भाग बडा हो उसे न्यग्रोधपरिमडल सस्थाननामकर्म कहते है ।
प्रश्न १३६- स्वाति सस्थाननामकर्म किसे कहते है ? उहाउत्तर-जिस कर्मके उदयसे शरीरका स्वाति (वामी) का आकार बने याने नीचेका भाग छोडा और ऊपरका लम्बो बने उसे स्वातिसस्थाननामकर्म कहते है ।
प्रश्न १४०-वामन सस्थाननामकर्म किसे कहते है ?
उत्तर-जिस कर्मके उदयसे शरीरका आकार बोना हो उसे वामन सस्थाननामकर्म कहते है।
प्रश्न १४१--कुब्जक सस्थाननामकर्म किसे कहते है ?
उत्तर- जिस कर्मके उदयसे शरीरका आकार कुबडा हो उसे कुब्जक सस्थाननामकर्म कहते है।
प्रश्न १४२-हुडक सस्थाननामकर्म किसे कहते है ?
उत्तर- जिस कर्मके उदयसे शरीरका आकार कई प्रकारका या विचित्र अथवा अटपटा हो उसे हुडक सस्थाननामकर्म कहते है।
प्रश्न १४३- सहनननामकर्म किसे कहते है ? ' उत्तर- जिस कर्मके उदयसे शरीरमे हड्डियो और हड्डियोके सन्धियो याने बधन विशेष की रचना होती है उसे सहनननामकर्म कहते है ।
प्रश्न १४४- वज्रऋपभनाराच सहनननामकर्म किसे कहते है ?
उत्तर-जिस कर्मके उदयसे वज्रके हाड, वज्रके वेठन और वज्रको कीलियाँ हो उसे वचऋषभनाराच सहनननामकर्म कहते है।
प्रश्न १४५- वज्रनाराच सहनननामकर्म किसे कहते है ?
उत्तर-जिस कर्मके उदयसे वज्रके हाड और वज्रकी कीलियाँ हो, किन्तु वेठन वज्र के न हो उसे वज्रनाराच सहनननामकर्म कहते है।
प्रश्न १४६- नाराचसहनननामकर्म किसे कहते है ?
उत्तर-जिस कर्मके उदयसे हड्डियों कीलियोते कीलित हो उसे नाराचसहननामकर्म कहते है।