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द्रव्यसग्रह प्रश्नोत्तरी टीका
प्रश्न १२८ - जान्वध. परामर्श अन्तराय किसे कहते है ?
उत्तर- सिद्ध भक्तिके अनन्तर ग्रपनी जानु (घुटने) के नीचे भागका हाथ से स्पर्श हो जानेको जान्वध.पात ग्रन्तराय कहते है ।
प्रश्न १२६- - जानूपरिव्यतिक्रम ग्रन्तराय कब होता है ?
उत्तर- घुटने तक ऊचे या इससे ग्रधिक ऊचे पर लगे हुए अर्गल, पापारण आदिको लांघकर जानेमे जानूपरिव्यतिक्रम अन्तराय होता है ।
प्रश्न १३० - नाभ्यधोनिर्गम ग्रन्तराय किसे कहते है ?
उत्तर- यदि अपने शरीरको नाभिसे नीचे करके किसी द्वार श्रादिसे निकलना पडे तो उसे नाभ्यधोनिर्गम अन्तराय कहते है ।
प्रश्न १३१ - प्रत्याख्यातसेवन नामक अन्तराय किसे कहते हैं ?
उत्तर- त्याग किया हुआ पदार्थ यदि खानेमे ग्रा जाय तो उसे प्रत्याख्यातसेवन नामक श्रन्तराय कहते है ?
प्रश्न १३२ - जन्तुवधनामक अन्तराय क्या है
?
उत्तर - यदि प्रपने ही (साधुके) सन्मुख कोई चूहे, बिल्ली, कुत्ते श्रादि जीवोका घात करे तो उसे जन्तुबध नामक अन्तराय कहते है ?
प्रश्न १३३ - काकादिपिण्डहररण अन्तराय किसे कहते है ?
उत्तर - काक, चील आदि जानवरके द्वारा हाथपरसे ग्रासके ले जानेको या छूने को काकादिपिण्डहरण अन्तराय कहते है ।
प्रश्न १३४ - पाणिपिण्डपतन अन्तराय किसे कहते है ?
उत्तर- भोजन करते हुए साधुके हाथसे ग्रासके गिर जानेको पाणिपिण्डपतन अन्तराय कहते है ।
प्रश्न १३५ - पाणिजन्तुवध अन्तराय विसे कहते है ?
उत्तर - भोजन करते हुए साधुके हाथपर कोई जीव स्वय ग्राकर मर जावे तो उसे पाणिजन्तुबध प्रन्तराय कहते है ।
प्रश्न १३६ - मासदर्शनादि अन्तराय कब होता है ?
उत्तर - भोजन करते हुये साधुको मास, मद्य आदि दिख जायें तो मासदर्शनादि नामक अन्तराय होता है ।
प्रश्न १३७ - उपसर्ग नामक अन्तराय क्या होता है ?
उत्तर - भोजन करते समय यदि देव, मनुष्य या तिर्यञ्च किसीके द्वारा उत्पात हो तो वह उपसर्ग नामक अन्तराय होता है ।