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गाथा १६ सूक्ष्म है।
प्रश्न ४०- स्थूल किसे कहते है ?
उत्तर- बड़े परिमाण वालेको स्थूल कहते है। यह भी २ प्रकारका है- (१) उत्कृष्ट स्थूल और (२) अपेक्षाकृत स्थूल।
प्रश्न ४१- उत्कृष्ट स्थूल कौन है ?
उत्तर--समस्त लोकरूप महास्कन्ध सर्वोत्कृष्ट स्थूल है। प्रश्न ४२-अपेक्षाकृत स्थूल किसे कहते है ?
उत्तर-जो स्थूलता किसीकी अपेक्षा रखकर प्रतीत हो । जैसे प्रावलेसे आम स्थूल है । प्रश्न ४३-- सूक्ष्म और स्थूल पुद्गल द्रव्य विभाव व्यञ्जनपर्याय क्यों माने गये ?
उत्तर-सूक्ष्म और स्थूल पुद्गल द्रव्यके किसी गुणके परिणमन नहीं है, किन्तु अनेक प्रदेशों (परमाणुवो) के सम्बन्धसे व उनके वियोगसे सूक्ष्मता स्थूलता होती है, अतएव ये विभावव्यंजन पर्याय है।
प्रश्न ४४- सस्थान किसे कहते हे ? आकार
उत्तर--मूर्त पदार्थके आकारको सस्थान कहते है । समचतुरस्रसंस्थान, न्यग्रोधसस्थान, स्वातिसंस्थान, कुब्जकसस्थान, वामनसस्थान, हुडकसस्थान- ये भी पुद्गलद्रव्यकी विभाव व्यजनपर्याय है और शरीरके अतिरिक्त गोल त्रिकोण प्रादि अन्य स्कन्धोके सस्थान भी पुद्गल द्रव्यके विभावव्यजनपर्याय है तथा अन्य अव्यक्त सस्थान भी पुद्गलके विभावव्यजनपर्याय है।
प्रश्न ४५---समचतुरस्रादि सस्थान तो जीवके है उन्हे पुद्गलका कसे कहते ?
उत्तर-ये संस्थान शरीरके प्राकार है शरीर पोद्गलिक है चैतन्यभावसे भिन्न है इसलिये वे भी वास्तवमे पुद्गलके विभावव्यञ्जन पर्याय है ।
प्रश्न ४६-भेद किसे कहते है ? उत्तर-संयुक्त पदार्थक खण्ड होनेको भेद कहते है। प्रश्न ४७- भेद कितने प्रकारका होता है ?
उत्तर- घनखण्ड, द्रवखण्ड आदि अनेक प्रकारका भेद होता है। जैसे गेहूका चूर्ण, घी का हिस्सा आदि।
प्रश्न ४८-तम किसे कहते है ? उत्तर-देखनेमे बाधा डालने वाले अन्धकारको तम कहते है। प्रश्न ४६-तम तो प्रकाशके अभावको कहते है,वह पुद्गलपर्याय कसे है ?
उत्तर-प्रकाशको अन्धकारका अभाव बताकर प्रकाशका भी तो लोप किया जा सकता । दृष्टिका साधक और रोधक होनेसे एकको सद्भावरूप और एकको अभावरूप कहना