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द्रव्यसग्रह-प्रश्नोत्तरी टीm प्रश्न (२६- परिकर्ममे कितने पद है और किसका वर्णन है ?
उत्तर-इसमे १ करोड ८१ लाख ५ हजार पद है। इसमे भूवलय आदिके सम्वध मे गणितके करणसूत्रोका वर्णन है। इसके चन्द्रप्रज्ञप्ति प्रादि जो ५ भेद है उनके वर्णनमे इसके पदो और विषयोका विवरण होगा।
प्रश्न १२७-- चन्द्रप्रज्ञप्तिमें कितने पद है और किसका वर्णन है ?
उत्तर-चन्द्रप्रज्ञप्तिमे ३६ लाख ५ हजार पद है और इसमे चन्द्र इन्द्रके विमान, परिवार, आयु, गमन आदिका वर्णन है एव चन्द्रविमानका पूर्णग्रहण अर्द्धग्रहण कैसे होता है इत्यादि तद्विषयक सभी वर्णन है।
प्रश्न १२८- सूर्यप्रज्ञप्तिमे कितने पद है और किसका वर्णन है ?
उत्तर- इस परिकर्ममें ५ लाख ३ हजार पद है और इसमे सूर्य प्रतीन्द्रके विमान, परिवार, आयु, गमन, ग्रहण आदि सभी बातोका वर्णन है।
प्रश्न १२६- जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिमे कितने पद है और किसका वर्णन है ?
उत्तर- इस परिकर्ममे ३ लाख २५ हजार पद है और इसमे जम्बूद्वीपके क्षेत्र, कुलाचल, ह्रद, मेरु, वेदिका, वन, अकृत्रिम चैत्यालय, व्यन्तरोके आवास, महानदियो आदिका वर्णन है।
प्रश्न १३०-द्वीपसागरप्रज्ञप्तिमे कितने पद है और किसका वर्णन है ?
उत्तर-~-इसमे ५२ लाख ३६ हजार पद हैं। इसमे असख्याते द्वीपसमुद्रोंके विस्तार, रचना, प्रकृत्रिम चैत्यालय आदिका वर्णन है।
प्रश्न १३१-- व्याख्याप्रज्ञप्तिमे कितने पद है और इसमे किसका वर्णन है ?
उत्तर- इसमे रूपी अरूपी द्रव्य, जीव अजीव द्रव्य, अनन्तरसिद्ध परम्परासिद्ध एव अनेक पदार्थोका व्याख्यान है । इसमे ४ लाख ३६ हजार पद हैं।
प्रश्न १३२- सूत्र नामक दृष्टिवादाङ्गमे कितने पद है और किसका वर्णन है ?
उत्तर- इसमे १८ लाख पद है । इसमे ३६३ मिथ्यामतोका विशेष विवरण है और उन समस्त पूर्वपक्षोका निराकरण है । न्यायशास्त्रोका उद्गम इस सूत्र नामक दृष्टिवाद असे हुमा है।
प्रश्न १३३--चूलिकामे कितने पद है और किसका वर्णन है ?
उत्तर-इसके जलगता आदि ५ भेदोके प्रत्येकके २०६८६२०० पद है । इन पाँचो के पदोका जोड़ १०४६४६००० होता है । इतने चूलिकामे समस्त पद है। इन भेदोके विषय विवरणमे चूलिकाके विषयका वर्णन हो जावेगा।
प्रश्न १३४-जलगता चूलिकामे किसका वर्णन है ?