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( ३२ ) नाम पुत्र हुवा. ऐसे सर्व सम्बन्ध सुणकरि कमलाकों जाति स्मरण हवा, तव उज्जयिनी नगरीविषै, बसन्ततिलकाके घर गई. तहां वरुण पालणे मूल था, ताकू कहती भई. कि हे वालक ! तेरे साथ मेरे छै नाते हैं सो सुणि
१। मेरा भरतार जो धनदेव ताके संयोगते तु हुवा सो मेरा भी तु ( सोतेला ) पुत्र है।
२। बहुरि धनदेव मेरा सगा भाई है, ताका तु पुत्र, ताते मेरा भतीजा भी है.
३ । तेरी माता वसन्ततिलका, सो ही मेरी माता है यातें मेरा भाई भी है.
४ । तू मेरे भरतार धनदेवका छोटा भाई है, तातै मेरा देवर भी है. .५। धनदेव, मेरी माता सन्ततिलकाका भरतार है, ताते धनदेव मेरा पिता भया. ताका तू छोटा भाई है, ताः काका (चाचा) भी है.
६ । मैं बसन्ततिलकाकी सौकि (सौतिन ) ताते धनदेव मेरा पुत्र (से.तीला पुत्र] ताकातू पुत्र तातै मेरा पोता भी है,
या प्रकार वरुणके साथ छह नाता कहती हुनी सो बस. न्ततिलका तहां पाई और कमलाकू बोली कि तू कौन है जो मेरे त्रसूं या प्रकार ६ नातः सुना है ? तब कमला बोली तेरे साथ भी मेरे छै नाते हैं से सुणि- .
१। प्रथम तो तू मेरी माता है क्योंकि मैं धनदेवके साथ तेरे ही उदरसे युगल उपजी हूं.