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( ६९ ) परिणाम जानहु. भावार्थ-द्रव्य हैं. ते परिणामी हैं. लोक है सो द्रव्यनिका समुदाय है यानै द्रव्यनिकै परिणाम है सो लोककै भी परिणाम प्राया. कोई पूछे परिणाम कहा ? ताका उत्तर-परिणाम नाम पर्यायका है. जो एक अवस्था रूप द्रव्य या सो पलटि दूजी अवस्थारूप होना. जैसे माटी पिंडअवस्थारूप थी सो पलटि करि घट बण्या. ऐसे परिणामका स्वरूप जानना. सो लोकका आकार तौ नित्य है. भर द्रव्यनिकी पर्याय पलटै है या अपेक्षा परिणाम कहिये है।
आगें या लोकका आकार तौ नित्य है. ऐसा धारि व्यासादि कहै हैंसत्तेक्कु पंच इक्का मूले मज्झे तहेव बंभंते । लोयते रज्जुओ पुत्वावरदो य वित्थारो ॥ ११८॥ ___ भाषार्य-लोकका पूर्व पश्चिम दिशाविषै मूल कहिये नीचें तौ सात राजू विस्तार है. बहुरि मध्य कहिये बीचि एक राजूका विस्तार है. बहुरि ऊपरि ब्रह्म स्वर्गके अंत पांच राजूका विस्तार है. बहुरि लोकका अन्तविष एक राजूका विस्तार है. भावार्य-लोक नीचले भागविष पूर्व पश्चिमदिशाविषै सात राजू चौडा है. तहांतें अनुक्रमतें घटता घटता मध्य लोक एक राजू रह्या. पीछे ऊपरि अनुक्रमतें बधता २ ब्रह्मस्वर्गताई पांच राजू चौडा भया. पी. घटतै घटते अंतमें एक राजू रह्या ऐसे होते डयोढ मृदंग ऊमी धरिये वैसा आकार भया।