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भेली करै तिनिको बांछा पहली होय तौ भोजनही को बांछा कहिये. बहुरि भोजन की बांळा विना केवल सामग्रीहीकी बांछा करै तौ सामग्री मिल भी प्रयास मात्र ही भया. किछू फल तौ न भया. ऐसैं जानना. पुराखनिमें पुरायका अधिकार है सो भी मोक्षहीके अर्थ है संसारका ठौ तहां भी निषेध ही है ॥ ४१२ ॥
आगे दश लक्षण धर्म है सो दया प्रधान है अर दया है सोई सम्यक्त्वका मुख्य चिह्न है जातें सम्यक्त्व है सो जीव अजीव भाव बंध संवर निर्जरा मोक्ष इनि तत्वार्थनिके ज्ञानपूर्वक श्रद्धान स्वरूप है. सो यह होय तब सर्व जीवनिक आप समान जाये ही, तिनिकै दुःख होय तक आपकी क्यों जाणै तब विनिकी करुणा होय ही. अर - पना शुद्ध स्वरूप जाणै कषायनिकौं अपराध दुःखरूप जाणे इति अपना घात जाणे तब आपकी दया कषायभाव के अ भावat मानें ऐसें अहिंसाको धर्म जाणै हिंसाको अधर्म जानै ऐसा श्रद्धान सो ही सम्यक्त्व है. ताके निःशंकितकूं आदि देकरि घाठ अंग हैं. तिनिकौं जीव दया ही परि लगाय कहे हैं. तहां प्रथम निःशंकितक कहे हैं,किं जीवदया धम्मो जण्णे हिंसा वि होदि किं धम्मो इश्चैवमादिसंका तदकरणं जाणि णिस्संका ॥ ४१३ ॥
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भाषार्थ - यह विचार जो कहा जीव दया धर्म है कि यविषै पशुनिका वधरूप हिंसा होय है सो धर्म है ? इत्या