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आ तेर कृतिओ अने सत्रोत्सव पहेलांनी नव कृतिओ मळी कुल २२ प्रतिओ मुद्रण मागी रही 8 छ। तेमाथी अर्थी कृतिओनुं संशोधन पूर्ण थवानी अणी उपर छे। आ ग्रन्थोनु प्रकाशन वडोदरानी 0 यशोभारती प्रकाशन समिति तरफथी थनार छ ।
-ते उपरांत प्रशस्तमहिम उपाध्यायजी महाराजना तमाम ग्रन्थोना आदि अने अन्तना भागो तैयार * थई गया छ।
-सुभाषितोनो संग्रह, सन्मतितर्क अंगेनी नोंधो अने तारवण, तथा अन्य पृथक्करण वगेरे तैयार थनार छ।
-तेओश्रीनुं व्यवस्थित प्रमाणभूत 'जीवन-कवन' चरित्र पण तैयार करवानुं छे।
-भावि योजनाना संदर्भमां गुर्जरसाहित्यसंग्रह भाग १-२ जे तेओश्रीनी मूलभाषामां छपायेल नहीं होवाथी तेनी तेओश्रीनी भाषामा ज पुनरावृत्ति कराववी।
-तेमज शास्त्रवार्तासमुच्चय टीका आदिनी पुनरावृत्तिओ अने साथे साये अत्युपयोगी ग्रन्थोना अनुवादो पण प्रगट कराववा।
आटलुं कार्य पार पडशे त्यारे उपाध्यायजी भगवानना श्रीसंघ उपरना अमाप अने अनिर्वचनीय ऋणनो पूर्वार्ध पूरो कर्यो गणाशे। उपाध्यायजीनुं जीवन-कवन लखाई रह्यं छे
अहीं एक आनन्दप्रद समाचार जणावं के घणा वखतथी हैमसमीक्षानी जेम यशःसमीक्षा लखवानी पारी भावना हती अने ए भावना आजे पण ऊभी ज छ। दरमियान जाणीता विद्वान प्रो० श्रीयुत् 8 हीरालाल २० कापडीयाने मळवा- थयु। तेमनी पोतानी पासे उपाध्यायजी अंगेनी केटलीक नोंधो छ । ॐ एवं तेमणे जणाव्युं। मने थयु के उपाध्यायजी अंगे लखवानी सामग्री एटली विशाळ अने विपुल छे
के एमने अंगे एक नहीं पण अनेक समीक्षाओ लखाय तो पण कंई ज खोटुं नथी; अने उपाध्यायजी 2 अंगे जेमणे जे वांच्यु-विचार्यु होय तेमनी शक्ति, चितन अने कलमनो लाभ लई लेवो, एटले आ • कार्यनी वरमाळा श्री० कापडीयाना गळामां पहेरावी छ। तेओ कुशल संग्रहकार अने विशिष्ट दृष्टि
वरावता समीक्षक पण छे एटले आपणने एक सारी भेट अर्पण करशे एवी आशा राखीए । सौथी वधु स्वहस्तप्रतिओ
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आज सुधीमां कोई कोई विशिष्ट व्यक्तिना हस्ताक्षरवाली प्रतिओ मलवा पामी छे। ज्यारे एक भव्य भारतीय विभूतिना हस्ताक्षरो आपणने मळे त्यारे आपणने खरेखर, आनन्द ने गौरवनो अनुभव - थया वगर न रहे। तेओश्रीनी स्व--हस्ताक्षरी प्रतिओ आपणने उपराउपरी मलवा पामी छे, तेनुं प्रमाण है
जोतां आटली बधी स्वहस्ताक्षरी प्रतिओ जैन संघना आवा अन्य कोई पण महर्षिनी हशे के केम? 3 ते सवाल थाय छ। आथी जैन श्रीसंघ तो खरेखर बड़वागी ज छ। आजे तेओश्रीनी स्वहस्ताक्षरी 8 त्रीस प्रतो मली छे। ए आ जैन संघ माटे ज नहि पण गुजरात अने राष्ट्र माटेनी एक गौरवपूर्ण है