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अभिषंग-अभुक्त कर दिया गया हो (निर्णय, विधि, आदि)।
स्थान पर जानेवाली स्त्री। अभिषंग, अभिषंजन-पु० [सं०] पूर्ण संबंध या मिलन | अभिसारी(रिन)-पु० [सं०] अभिसार करनेवाला%B आलिंगन; संभोग; हार खाना; शपथ; कोसना; प्रतादिका धावा करनेवाला; सहायक, साथी, हमराही।। आवेश।
अभिसूचना-पु० [सं०] ( इंस्ट्रक्शन) कोई काम करनेके अभिषंगी-पु० [सं०] (एकॉमप्लिस) दे० 'सहापराधी'। | लिए विशेष रूपसे दी गयी हिदायत या आदेश । अभिषद-स्त्री० [सं०] ]सिंडिकेट) किसी व्यापारिक वस्तुके अभिसेख*-पु० दे० 'अभिषेक' । उत्पादन या पति आदिका एकाधिकार प्राप्त करने या किसी अभिस्ताव-पु०सं०] (रेकामेंडेशन) किसीके पक्षमें अनुकूल अन्य सामान्य उद्देश्यकी सिद्धिके लिए स्थापित व्यापारिक प्रभाव डालनेके लिए या किसीकी प्रशंसामें कुछ कहना संस्थाओंकी समिति; लेख, कहानिया आदि प्राप्त कर या लिखना; कोई सुझाव या सलाह देते हुए उसके पक्षमें निर्धारित पुरस्कारकी शर्तपर उन्हें एक साथ कई समा- अपना भाव प्रकट करना, सिफारिश। चार-पत्रों, मासिकों आदिमें प्रकाशित करानेवाली संस्था | अभिस्थगित-पु० [सं०] (डेफर्ड) (वेतन, सुनाफा आदि) 'सिनेट'की प्रबंध समिति ।
जिसका दिया या चुकाया जाना निर्धारित अवधि तक अभिषिक्त-वि० [सं०] जिसका अभिषेक हो चुका हो, अथवा कोई खास शर्त पूरी होनेतक स्थगित रखा जाय । जिसपर बाधा दूर करनेके लिए अभिमंत्रित जल छिड़का अभिस्रावण-पु० [सं०] (डिस्टिलेशन) पातालयंत्र (भभके) की गया हो; अधिकार प्राप्तः पदारूढ़ ।
सहायतासे मद्य या अर्क चुलाने, जल शुद्ध करनेकी क्रिया । अभिषेक-पु० [सं० [ जल छिड़कना; राजाका सिंहासना- अभिस्रावणी-स्त्री० [सं०] (डिस्टिलरी) शराब या अर्क रोहण, गद्दीनशीनी; यशादिके अंतमें शांतिके लिए किया| चुलाने का यंत्र, भद्री या घर । जानेवाला स्नान; अभिषेकमें काम आनेवाला पवित्र जल । अभिहत-वि० [सं०] पीटा गया, आह्त; आक्रांत; पराभूत । अभिषेक्ता(क्त)-पु० [सं०] अभिषेक करनेवाला । अभिहरण-पु० [सं०] निकट लाना; लूटमा; (डिस्ट्रेस) अभिषेचन-पु० [सं०] अभिषेक करना ।
ऋण, किराये आदिकी वसूलीके लिए न्याया- लयके अभिषेचनीय, अभिषेच्य-वि० [सं०] अभिषेकके योग्य आदेशसे किसीकी जायदाद, जमीन आदि जब्त कर राज्यारोहणका अधिकारी; अभिषेक संबंधी ।
लेना या नीलाम कर देना। -अधिपत्र-पु० अभिअभिष्यं (स्य)द-पु० [सं० ] आँखका एक रोग; आँख हरणके लिए जारी किया गया अधिपत्र (वाट)। आना; चूना, रसना, स्राव ।
अभिहर्ता(र्तृ)-पु० [सं०] लेकर चल देनेवाला; अपहरण अभिसंधि-स्त्री० [सं०] धोखेबाजी, प्रतारणा; कुचक्र, करनेवाला, डाकू। षड्यंत्र ।
अभिहस्तांकन-पु० [सं०] (असाइनमेंट) किसी भूमि, अभिसमय-पु० [सं०] (कॉनवेंशन)(१) परस्पर संबंध रखने
__ अधिकार आदिका लिखकर वैध रूपसे हस्तांतरण करना; वाले (डाक, तार आदि) कतिपय विषयोंके संबंध किया किसीके लिए कोई हिस्सा, कार्य आदि निर्धारित करना। गया विभिन्न राज्योंका समझौता; (२) युद्धलिप्त देशोंके
| अभिहारी(रिन)-वि० [सं०] हरण करनेवाला, चुरानेसैनिक अधिकारियोंका युद्धस्थगन आदि-संबंधी वह सम- वाला-'राधासी न और अभिहारिणी लखाई है'-राना। झौता जो दोनों ओरके प्रतिनिधियोंकी बातचीत द्वारा अभिहास-पु० [सं०] दिलगी, मसखरी, मजाक; विनोद । किया जाय और जिसका पालन दोनों के लिए पक्की संधि- अभिहित-वि० [सं०] कहा हुआ, उक्तः अभिधा वृत्ति के सदृश ही आवश्यक हो; (३) इस तरहका समझौता द्वारा बोधित । -परिव्यय-पु० (नॉमिनल कॉस्ट) कहने करनेके लिए होनेवाला उक्त राज्योंके प्रतिनिधियोंका भरके लिए, नाममात्रका परिव्यय (लागत)। -पूंजीसम्मेलन; (४) कोई प्रथा या परिपाटी जो परंपरासे चल |
स्त्री० [हिं०] (नॉमिनल कैपिटल ) कहने भरके लिए, नाम पड़ी हो और जो अलिखित होते हुए भी सबके लिए। मात्रकी पूँजी । -संधि-स्त्री० बिना लिखा-पढ़ीकी मान्य हो।
संधि (को०)। अभिसरण, अभिसारण-पु० [सं०] मिलनेके लिए जाना अभी-अ० इसी वक्त, इसी क्षण; तत्काल; अबतक । नायक या नायिकाका मिलनेके लिए संकेतस्थलपर जाना। अभीत-वि० [सं०] निडर, निर्भीक । अभिसरन*--पु० आश्रय, सहारा; अभिसरण ।
अभीति-स्त्री [सं०] निभीकता; हमला, धावा; नकट्य । अभिसरना,अभिसारना*-अनि जाना; संकेत स्थलपर अभीप्सित-वि० [सं०] वांछित, चाहा हुआ, अभिलषित । प्रियसे मिलनेके लिए जाना ।
अभीर-पु० [सं०] अहीर; एक छंद । अभिसर्ग-पु० [सं०] रचना, सृष्टि ।
अभीरी-स्त्री० [सं०] अहीरोंकी बोली। अभिसर्जन-पु० [सं०] दान, देन; वध ।
अभीष्ट-वि० [सं०] चाहा हुआ, अभिलषित; अभिप्रेत; अभिसामयिक-वि० [सं०] (कनवेंशनल) जो पहलेसे चली प्रियः ऐच्छिक, वैकल्पिक। पु० अभिलषित वस्तु; मनो:आती हुई परंपरा या परिपार्टीके अनुरूप हो।
रथ; प्रिय व्यक्ति । -लाभ-पु० अभीष्ट वस्तुकी प्राप्ति । अभिसार-पु० [सं०] अभिसरण; प्रियसे मिलनेके लिए -सिद्धि-स्त्री० अभीष्ट कार्यकी सिद्धि। जाना; संकेतस्थल; साथी; अनुचर युद्ध; शक्ति; यंत्र । | अभुआना*-अ० क्रि० प्रेतावेशमें हाथ-पाँव पटकना, बकअभिसारना*-अ० क्रि० दे० 'अभिमरना'
झक करना आदि। अभिसारिका-स्त्री० [सं०] प्रियसे मिलनेके लिए निर्दिष्ट | अभुक्त-वि० [सं०] न खाया हुआ; न भोगा हुआ
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