Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
श. १२ : उ. ४ : सू. ७७,७८ त्रि-प्रदेशी स्कंध होते हैं अथवा एक ओर तीन स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर दो द्वि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर त्रि-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल दूसरी ओर चार द्वि-प्रदेशी स्कंध होते हैं। सात भागों में विभक्त होने पर एक ओर छह स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर चतुष्प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर पांच स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर एक द्वि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर एक त्रि-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर चार स्वतंत्र परमाणुपुद्गल, दूसरी ओर तीन द्वि-प्रदेशी स्कंध होते हैं।
आठ भागों में विभक्त होने पर एक ओर सात स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर त्रि-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर छह स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर दो द्वि-प्रदेशी स्कंध होते हैं। नौ भागों में विभक्त होने पर एक ओर आठ स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध होता है।
दस भागों में विभक्त होने पर दस स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल हो जाते हैं। ७८. भंते ! संख्येय परमाणु पुद्गल एकत्र संहत होते हैं, उस संहति से क्या निष्पन्न होता है?
गौतम ! संख्येय-प्रदेशी स्कंध निष्पन्न होता है। वह टूटने पर दो अथवा यावत् दस अथवा संख्येय भागों में विभक्त होता है। दो भागों में विभक्त होने पर एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर त्रि-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है। इसी प्रकार यावत् अथवा एक ओर दस-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा दो संख्येय-प्रदेशी स्कंध होते हैं। तीन भागों में विभक्त होने पर-एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणुपुद्गल, दूसरी ओर त्रि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है। इसी प्रकार यावत् अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर दस-प्रदेशी स्कंध, तीसरी
ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर दो संख्येय-प्रदेशी स्कंध होते हैं अथवा एक ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर दो संख्येय-प्रदेशी स्कंध होते हैं। इसी प्रकार यावत् अथवा एक ओर दस-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर दो संख्येय-प्रदेशी स्कंध होते हैं अथवा तीन संख्येय-प्रदेशी स्कंध होते हैं। चार भागों में विभक्त होने पर एक ओर तीन स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर संख्येयप्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर त्रि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर संख्येय-प्रदेशी स्कंध होता है। इसी प्रकार यावत्
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