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गिरे हुए दांत डालना १९ पगआदिकी चंपी करवाना, २० हाथी, घोडे आदि पशुओंको साधना, २१ दांतका, २२ आंखका, २३ नखका, २४ गालका, २५ नासिकाका, २६ मस्तकका, २७ कानका अथवा, २८ चमडीका मल जिनमंदिरमें डालना, २९ जारण, मारण, उच्चाटन के मंत्र अथवा राजकार्य आदिकी सलाह करना, ३० अपने घर के विवाह आदि कृत्य में एकत्रित होनेका निश्चय करनेके लिये वृद्धपुरुषोंको मंदिर में एकत्र करके बिठाना, ३१ हिसाबआदि लिखना, ३२ धनआदिके हिस्से करना, ३३ अपना द्रव्य भंडार वहां स्थापित करना ३४ पग पर पग चढाकर अथवा अविनय हो ऐसी किसी भी रीति से बैठना, ३५ कंडे, ३६ वस्त्र, ३७ दाल, ३८ पापड, ३९ बडी तथा चीवडे (डोचरे, ककडी ) आदि वस्तु जिनमंदिर में सुखाने के लिये धूप आदि में रखना, ४० राजादिकके ऋण आदिके भय से गभारे इत्यादि में छिप रहना, ४१ स्त्री, पुत्र आदिके वियोगसे रुदन आनंद करना, ४२ स्त्री भोजनादिक अन्न, राजा और देश इन चारके सम्बन्धमें विकथा करना, ४३ बाण, धनुष्य, खड्ग आदि शस्त्र बनाना, ४४ गाय, बैल आदि जानवरोंको वहां रखना, ४५ शीतका उपद्रव दूर करनेके लिय अग्निसे तापना, ४६ अन्नादिक पकाना, ४७ नाणा (सिक्के) आदि परखना, ४८ यथाविधि निसिही न करना, ४९ छत्र, ५० जूते, ५१ शस्त्र तथा ५२ चामर इन चार वस्तुओंको मंदिरके बाहर न