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कोश न करना, २८ पूजाके अवसर पर शरीर तथा वस्त्र मलीन रखना, २९ पूजा के समय मनकी एकाग्रता न करना, ३० सचित्त द्रव्यका बाहर त्याग न करना, ३१ हार, मुद्रिका आदि अचित्त वस्तुका त्याग करना, ३२ एकसाडी उत्तरासंग न करना, ३३ जिनप्रतिमाका दर्शन होनेपर अंजलि न करना, ३४ जिनपूजाका दर्शन होनेपर पूजा न करना, ३५ खराब फूल आदि वस्तुसे पूजा करना, ३६ पूजादिकमें आदर पूर्वक प्रवृत्ति न रखना, ३७ जिनप्रतिमाके शत्रुका निवारण न करना, ३८ चैत्यद्रव्यका नाशादिकी उपेक्षा करना, ३९ शरीरमें शक्ति होते गाडी आदि वाहन में बैठ कर जिनमंदिर को आना, ४० प्रथम ही चैत्यवन्दनादिक बोलना, इस प्रकार मध्यम से ४० आशातनाएं हैं।
१ मंदिर में खेल ( खंखार ) श्लेष्म (नाकका मल आदि ) डालना, २ जूआ आदि खेलना, ३ कलह करना, ४ धनुर्वेदादि कला प्रकट करना, ५ कुल्ली करना, ६ पान सुपारी खाना, ७ पान के ऊंचे आदि डालना, ८ अपशब्द बोलना, ९ लघुनीति तथा बडीनीति आदि करना, १० शरीर धोना, ११ केस समारना, १२ नख समारना, १३ रुधिर आदि डालना, १४ सेके हुए धान्य, मिठाई आदि खाना १५ फोडे फुंसी आदिकी च मडी डालना, १६ औपधादिकसे पित्तका वमन करना, १७ औषधादिकसे अन्नादिकका वमन करना, १८ औषधादिकसे