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(६८२) उद्धार करके स्वयं मोक्षको गये. श्रेष्ठीके जीव देवताने भी अच्युतदेवलोकसे च्यवन कर महाराजा होकर पुनः पर्वकी महिमा सुननेसे जातिस्मरण ज्ञान पाया. और वह भी दीक्षा लेकर मोक्षको गया इत्यादि. (११)
इति श्रीरत्नशेखरसूरिविरचितश्राद्धविधिकौमुदीकी हिन्दीभाषाका पर्वकृत्यप्रकाश नामक
तृतीयः प्रकाशः सम्पूर्णः