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मुक्ति का उपाय भी बतला रहे हैं। इस रोग और रोग के इलाज को बतलाकर पूज्य उपाध्यायजी महाराज ने महान् उपकार किया है। इस शान्त सुधारस का जो अमीपान करेगा, इसे आत्मसात् करने का प्रयास करेगा वह अवश्य ही अल्प भवों में शिव-सुख का भोक्ता बन जाएगा।
अमृत वही है, जो व्यक्ति को अमृत (अमर) बनाता है। शान्त सुधारस एक ऐसा ही अमृत है, जिसके पान से प्रात्मा अमरत्व को प्राप्त कर सकती है।
आप भी यह अमृतपान करें और अमरत्व को प्राप्त हों।
A stable mind
He who is unattached to everything and meeting with good and evil, neither rejoices nor recoils, his mind is stable.
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शान्त-६
शान्त सुधारस विवेचन-८१