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गया', इस प्रकार के अन्दन करता है। इस देह की शोभा के लिए अनेक प्रकार के सौन्दर्य-प्रसाधक हिंसक साधनों का उपयोग करता है।
- किन्तु जरा सोच ! क्या यह देह अन्त में तेरा साथ देने वाला है ? क्या यह देह परलोक में साथ जाएगा? क्या यह देह दुगति में जाने से रोक देगा?
कदापि नहीं। यह देह तो अन्त में धोखा ही देने वाला है।
यह देह चौबीस घंटे तुम्हारी सेवा लेता है और तुम्हारे लिए (प्रात्मा के लिए) कुछ भी करने के लिए तैयार नहीं है ।
अतः इस देह की ममता को छोड़ दो। जिस धन की प्राप्ति और उसके संरक्षण के लिए इतनी मेहनत कर रहे हो, किन्तु ध्यान रखो, तुम्हारी यह सब मेहनत व्यर्थ जाने वाली है। तुमने धन के लिए खून का पसीना किया, किन्तु वह धन तुम्हारे पीछे प्रासू की दो बूदें भी गिराने वाला नहीं है। इस धन का विश्वास छोड़ दो।
पुत्र की भी इतनी ममता क्यों करते हो? इस धरती पर जिस पुत्र को चौबीस घंटे साथ में लेकर घूमते हो अथवा वह तुम्हारे साथ रहता है, किन्तु परलोक की महायात्रा के प्रयाण के समय वह तुम्हारे साथ आने वाला नहीं है, वहाँ तो तुम्हें अकेला ही जाना पड़ेगा। अतः पुत्रादि सन्तान की मूर्छा का त्याग कर दो, वे तुम्हें दुर्गति में जाने से रोकने में समर्थ नहीं हैं।
शान्त सुधारस विवेचन-१६२