________________
• एक भयंकर जंगल था। उस जंगल में अनेक जंगली जानवर रहते थे। एक दिन एक गर्भवती सिंहनी जंगल को पार कर किसी नगर के उपखण्ड में जा पहुँची। सिंहनी को प्रसूति की वेदना होने लगी और उसने अत्यन्त वेदना के साथ एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के साथ ही सिंहनी ने अपने प्राण छोड़ दिए। सिंहनी का छोटा सा बच्चा अपनी माँ के इर्दगिर्द बैठा था, तभी पास से एक गड़रिया निकला, उसने मरी हुई सिंहनी और पास में खड़े उस बच्चे को देखा। उसने सोचा-"माँ के बिना सिंह का यह बच्चा मर जाएगा" ऐसा सोच उसने उस बच्चे को कंधों पर उठा लिया और उसे अपने घर ले आया।
उस गड़रिये ने बड़े ही प्रेम से उसे दूध पिलाया। सिंह का बच्चा प्रसन्न था। गड़रिया अपनी भेड़ों के साथ उसे भी जंगल में चराने ले जाता। इस प्रकार आस-पास भेड़ ही भेड़ होने से वह सिंह का बच्चा भी अपने आपको भेड़ समझने लगा और उनके साथ घास-चारा आदि खाने लगा।
___ एक वर्ष व्यतीत हुआ। एक दिन गड़रिया अपनी भेड़ों को नदो पर पानी पिला रहा था, तभी पर्वत की चोटी पर खड़े एक सिंह ने भयंकर गर्जना की। सिंह की इस गर्जना को सुनते ही सभी भेड़ें भागने लगी और सिंह का बच्चा भी उन भेड़ों के साथ भागने लगा।
सिंह ने अपनी आँखों से यह दृश्य देखा। 'भेड़ों की तरह यह सिंह क्यों भाग रहा है ?' इस प्रश्न ने उसे बेचैन कर दिया। सिंह तेजी से पर्वत के नीचे आया और उसने उस सिंह
शान्त सुधारस विवेचन-१२१