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भगवती सूत्र-श. २५ उ. ३ श्रेणी निरूपण
भावार्थ-५४ प्रश्न-हे भगवन् ! लोकाकाश की श्रेणियां प्रदेशार्थ से कृतयुग्म हैं ?
५४ उत्तर-हे गौतम ! कदाचित् कृतयुग्म है, व्योज नहीं है, कदाचित् द्वापरयुग्म है, परन्तु कल्योज नहीं है। इस प्रकार पूर्व-पश्चिम लम्बी तथा • दक्षिण-उत्तर लम्बी श्रेणियां भी हैं।
___५५ प्रश्न-उड्ढमहाययाओ f०-पुच्छा ?
५५ उत्तर-गोयमा ! कडजुम्माओ, णो तेओयाओ, णो दावरजुम्माओ, णो कलिओगाओ।
भावार्थ-५५ प्रश्न-हे भगवन् ! ऊर्ध्व-अधो लम्बी लोकाकाश की श्रेणियां प्रदेशार्थ से कृतयुग्म हैं ? . ५५ उत्तर-हे गौतम ! वे कृतयुग्म हैं, किन्तु योज, द्वापरयुग्म और कल्योज नहीं हैं।
५६ प्रश्न-अलोगागाससेढीओ णं भंते ! पएसट्टयाए-पुच्छा ? : ५६ उत्तर-गोयमा ! सिय कडजुम्माओ. जाव सिय कलि. ओगाओ। एवं पाईणपडीणाययाओ वि, एवं दाहिणुत्तराययाओ वि, उड्ढमहाययाओ वि एवं चेव । णवरं णो कलिओगाओ, सेसं तं चेव ।
भावार्थ-५६ प्रश्न-हे भगवन् ! प्रदेशार्थ से अलोकाकाश की श्रेणियां कृतयुग्म हैं ? - ५६ उत्तर-हे गौतम ! कदाचित् कृतयुग्म यावत् कदाचित् कल्योज है । इसी प्रकार पूर्व-पश्चिम लम्बी तथा दक्षिण-उत्तर लम्बी तथा ऊर्ध्व-अधो लम्बी श्रेणियां भी हैं, परन्तु वे कल्योज नहीं हैं, शेष पूर्ववत् ।
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