Book Title: Bhagvati Sutra Part 07
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 675
________________ (१२) 'विषय शतक उद्देशक भाग पृष्ठ ८ ३२ ३ १४२८-- ३१ ४ १६१४-- ८९ ५ ८ . ५ गुरु आदि के प्रत्यनीक का वर्णन ८ गांगेय अनगार के प्रश्न भययुक्त ९ गर्भ में उत्पन्न होते हुए ही जीब के वर्णादि (श.२० उ. ३ भाग ६ पृ.२८४१-४३ में भी है) १२ गोलंगूलादि प्राणियों का नरक गमन १२ गौशालक का विस्तृत वर्णन १५ गंगदत्त कृत वंदनादि व उनके पूर्व भव १६ गुड़ आदि द्रव्यों में निश्चय व व्यवहार से वर्णादि निरूपण १८ गौतमस्वामी द्वारा अन्यतीथियों से वाद और - विजय, प्रभु द्वारा प्रशंसा १८ गम्मा शतक (चौबीसा) चौबीस दण्डक के ____उत्पादादि का वर्णन .२४ गणिपिटक (द्वादशांग) अनुयोगविधि २५. ४ २०५३-- ५९ ४ २०८२-- ८५ ५ . २३६८-२५०२ ५ २५४३-- ५२ ६ ६ २७०८-- १० ८ ६ २७३७- ४५ .. १-२४ ६ २९७८--३१९३ ३ । ७ ३२५७-५८ . १ । २१- ८३ . चलमाणे चलिए आदि ९ बोल, चौबीस दण्डक के जीवों की स्थिति, श्वासोश्वास आहार परिणमन चयोपचय उदीरणा वेदना और निर्जरादि ४५ द्वारों का वर्णन . चलमाणे अचलिए आदि अन्यतीथियों की मान्यता का उत्तर १ चमरेंद्र की राजसभा व चमरचंचा राजधानी २ चमरेंद्र का पूर्वभव सोधर्मस्वर्ग में उत्पात, वीर शरण ३ चमरेंद्र, शक्र, चक्र आदि की गति आदि ३ चमरेंद्र द्वारा वीरवंदन नृत्यादि प्रदर्शन ३ चौदहपूर्वी की शक्ति १ को १००० दिखा सकता है ५ चंद्रमा का वर्णन ५ ८ १० १ ३६२-६८ १ ५०३-५११ २ २ ६१७- ३७ २ २ ६३७- ४५ २ २ ६४५ - ५० ४ २ ८३०- ३२ ९. २ ९२९ - ३० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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