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विषय
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• हरिणेगमेषी देव द्वारा गर्भ-संहरण वर्णन हेतु अहेतु पंचक
ज्ञान-अज्ञान व ज्ञानादि लब्धि वर्णन
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(२८)
शतक उद्देशक भाग
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॥ भगवती सूत्र की हुंडी सम्पूर्ण
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प्रथम के ३२ शतकों में व ४१ वे शतक में अवान्तर शतक नहीं है । शतक ३३ से ३९ तक के ७ शतकों में १२-१२ अवान्तर शतक हैं । शतक ४० में २१ अवान्तर शतक हैं। इस प्रकार भगवती सूत्र के १३८ शतक होते हैं । ( ३३+१२४७ ८४ + २१=१३८) संग्रहणी गाथा के यंत्रानुसार उद्देशक १९२३ हैं, परंतु अधिकतर १९२५ माने जाते हैं । कारण यह है कि १२ वें शतक के १२ उद्देशक गिने जाते हैं । परन्तु प्रस्तुत वाचना ( आगमोदय समिति ) में पृथ्वी, अप, वायु का सम्मिलित छट्टा उद्देशक होने से १० हैं, इस प्रकार १९२३ उद्देशक होते हैं ।
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