Book Title: Bhagvati Sutra Part 07
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 691
________________ विषय (ह) • हरिणेगमेषी देव द्वारा गर्भ-संहरण वर्णन हेतु अहेतु पंचक ज्ञान-अज्ञान व ज्ञानादि लब्धि वर्णन Jain Education International (२८) शतक उद्देशक भाग ५ ८ * ७ २ For Personal & Private Use Only २ ८०२ २ ८९० ३ पृष्ठ ॥ भगवती सूत्र की हुंडी सम्पूर्ण .. प्रथम के ३२ शतकों में व ४१ वे शतक में अवान्तर शतक नहीं है । शतक ३३ से ३९ तक के ७ शतकों में १२-१२ अवान्तर शतक हैं । शतक ४० में २१ अवान्तर शतक हैं। इस प्रकार भगवती सूत्र के १३८ शतक होते हैं । ( ३३+१२४७ ८४ + २१=१३८) संग्रहणी गाथा के यंत्रानुसार उद्देशक १९२३ हैं, परंतु अधिकतर १९२५ माने जाते हैं । कारण यह है कि १२ वें शतक के १२ उद्देशक गिने जाते हैं । परन्तु प्रस्तुत वाचना ( आगमोदय समिति ) में पृथ्वी, अप, वायु का सम्मिलित छट्टा उद्देशक होने से १० हैं, इस प्रकार १९२३ उद्देशक होते हैं । ५ ९२ १२९८ - १३४४ || www.jainelibrary.org

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