Book Title: Bhagvati Sutra Part 07
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 689
________________ (२६) विषय शतक उद्देशक भाग पृष्ठ शस्त्रातीत, शस्त्र परिणत, एषित वेषित आदि आहार वर्णन (आहार के ४२ दोष) ७ १ ३ ११०१- ९ श्रावक व्रत के ४९ व ७३५ भांगों का वर्णन ८ ५ ३ १३७८-- ८६ श्रुत शील की चोभंगी ८ १० ३ १५३७- ४१ शरीर वर्णन पर प्रज्ञापना का निर्देश ४ १७९० शकेंद्र की सुधर्मा सभा आदि का वर्णन १० ६ . ४ १८३६-- ४१ शिव राजर्षि चरित्र ११ ९ ४ १८७४- ९६ शंख-पुष्कली वर्णन ४ १९७१-- ८५ शीघ्र गति का उदाहरण सहित वर्णन .५ २२७८- ८० शाल वृक्षादि की एकावतारता १४ ८ ५२३४५- ४७ शक शक्ति मस्तक छेदन संबंधी वर्णन ५२३४९- ५० श्रमण-निग्रंथों की दैविक सुखों से तुलना १४ ९ ५ २३५९- ६२ शकेंद्र की सावद्य निरवद्य भाषा व भव्यत्व आदि १६ २ ५ २५२१- २४ श्रमण-निग्रंथों को उपवासादि से हुए कर्मक्षय का वर्णन १६ ४. ५.२५३१- ३७ शकेंद्र द्वारा संभ्रान्त होकर पूछे आठ प्रश्न व शीघ्र गमन १६ ५ ५ २५३७- ४३ श्रेणी वर्णन ७ ३२४४-- ५३ श्रेणियाँ ७ तथा जीव पुद्गल अनुश्रेणी से गति करते हैं २५ ३ ७ ३२५३- ५६ शरीर वर्णन पर प्रज्ञापना का निर्देश । २५ ४ ७ ३२८० २५ स्वकृत दुःख-सुख व आयु वेदन १ सम शरीर आहार उच्छ्वास आदि . संसार संस्थान (संचिट्ठन) काल । १ सूर्य उदय-अस्त होते समय की समान दूरी १ समान वयादि के दो पुरुषों की हार-जीत का कारण १ स्कंध वर्णन और प्रश्नोत्तर : समदघात के भेदादि पर प्रज्ञापना का निर्देश २ समय-क्षेत्र वर्णन पर जीवाभिगम का निर्देश २ २ १ ११०- १४ २ १ ११४- ३६ २ १ १४५ - ५१ ६ १ २५८- ६१ ८ . १ ३२५ - २६ १ ३९०-४५० २ १ ४५०- ५३ ९ १ ५११- १२ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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