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भगवती सूत्र - श ३० उ. २ अनन्तरोपपत्रक क्रियावादी०
इसी प्रकार यावत् वैमानिक पर्यन्त। इस प्रकार सभी स्थानों में अनन्तरोपपन्नक नैरयिक किसी भी आयु का बन्ध नहीं करते यावत् अनाकारोपयुक्त पर्यन्त और इसी प्रकार वैमानिक पर्यन्त, जिसके जो संभव हो, वही जानना चाहिये ।
५ प्रश्न - किरियावाई णं भंते! अनंतरोववण्णगा णेरड्या किं भवसिद्धिया, अभवसिद्धिया ?
५ उत्तर - गोयमा ! भवसिद्धिया णो अभवसिद्धिया ।
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भावार्थ - ५ प्रश्न - हे भगवन् ! क्रियावादी अनन्तरोपपत्रक नैरयिक भवसिद्धिक हैं ० ?
५ उत्तर - हे गौतम! अभवसिद्धिक नहीं, भवसिद्धिक हैं ।
६ प्रश्न - अकिरियावाई णं - पुच्छा ।
६ उत्तर - गोयमा ! भवसिद्धिया वि, अभवसिद्धिया वि । एवं अण्णाणियवाई वि वेणइयवाई वि ।
भावार्थ - ६ प्रश्न हे भगवन् ! अक्रियावादी अनन्तरोपपत्रक नैरथिक, भवसिद्धिक हैं ० ?
६ उत्तर - हे गौतम ! वे भवसिद्धिक भी हैं और अभवसिद्धिक भी । इसी प्रकार अज्ञानवादी और विनयवादी भी ।
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७ प्रश्न - सलेस्सा णं भंते ! किरियावाई अनंतरोववण्णगा रइया किं भवसिद्धिया, अभवसिद्धिया १
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