Book Title: Bhagvati Sutra Part 07
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 581
________________ ३७३२ भगवती सूत्र--- ३५ अवान्तर शतक १ उ. १ तेओगा, सेत्तं तेओगदावरजुम्मे ८ जे णं गसी चउपकरणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिरस अवहारसमया तेओगा, सेत्तं तेओगकलिओगे ९ जे णं रासी चउपकरणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिरस अव. हारसमया दावरजुम्मा, सेत्तं दापरजुम्मकडजुम्मे १० जे णं. रासी चउपकरणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपजवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा सेत्तं दावरजुम्मतेओए ११ जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए. जे गं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा, सेत्तं दावरजुम्मदावरजुम्मे १२ जे णं रासी चउपकरणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अघहारसमया दावरजुम्मा, सेत्तं दावरजुम्मकलिओगे १३ जे णं रासी चउपकरणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपन्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलिओगा सेतं कलिओगकड. जुम्मे १४ जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहौरमाणे तिपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलिओगा सेत्तं कलि ओगतेओए १५ जे णं रासी चउवकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपजवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलिओगा, सेतं कलिओगदावरजुम्मे १६ जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपजवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलिओगा, Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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