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अवान्तर शतक ९ १ प्रश्न-कण्हलेस्सभवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मसण्णिपंचिंदिया णं भंते ! को उववज्जति ?
१ उत्तर-एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहियकण्हलेस्ससयं । ॥ चत्तालीसइमे सए णवमं सण्णिमहाजुम्मसयं समत्तं ॥
भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! कृष्णलेशी भवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म राशि संज्ञो पञ्चेन्द्रिय जीव कहां से आते हैं ?
१ उत्तर-हे गौतम ! कृष्णलेश्या वाले औधिक शतक के अनुसार ।
॥ चालीसवें शतक का नौवां अवान्तर शतक सम्पूर्ण ॥
अवान्तर शतक १०
-एवं णीललेस्सभवसिद्धिए वि सयं । 'सेवं भंते !० ॥ चत्तालीसहमे सए दसमं सण्णिमहाजुम्मसयं समत्तं ॥ भावार्थ-नोललेश्या वाले भवसिद्धिक शतक भी इसी प्रकार है । ॥ चालीसवें शतक का दसवाँ अवान्तर शतक सम्पूर्ण ॥
अवांतर शतक ११-१४ -एवं जहा ओहियाणि सण्णिपंचिंदियाणं सत्त सयाणि
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